What Will Be Future of India in 2047?
1.2047 में भारत का भविष्य कैसा होगा? (What Will Be Future of India in 2047?),2047 में भारत का भविष्य (Future of India in 2047):
- 2047 में भारत का भविष्य कैसा होगा? (What Will Be Future of India in 2047?) ऐसा प्रश्न हर जागरूक और चिन्तनशील भारत के व्यक्ति के दिमाग में कौंधता होगा।यों तो भविष्य का आकलन अतीत और वर्तमान के आधार पर लगाया जा सकता है,लेकिन शत-प्रतिशत अनुमान लगाना तो बहुत मुश्किल है।
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2.भारत प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर के क्षेत्र में (India in Technology and Computer):
- यदि हमारे पास ‘टाइम मशीन’ होती,तो कोई भी व्यक्ति उस पर सवार होकर सन् 2047 में चला जाता और फिर वर्तमान में आकर हमें बता देता की 2047 का भारत कैसा होगा।तब किसी को भविष्य का काल्पनिक चित्र खींचने की आवश्यकता नहीं पड़ती और हमें 2047 का सटीक विवरण पढ़ने को मिल जाता।लेकिन जब तक इस यंत्र का आविष्कार नहीं हो जाता,तब तक तो भविष्य का रेखा-चित्र खींचने के लिए हमें कुछ कल्पना और कुछ तथ्यों की मदद लेनी ही पड़ेगी।
- जैसा कि हम जानते हैं कि किसी भी घटना के घटित होने का कोई ना कोई हेतु होता है।कार्य-कारण सिद्धांत की सत्यता को हम जीवन में हर पल देखते और अनुभव करते हैं।इसी सिद्धांत के आधार पर हम 2047 के भारत का रेखाचित्र खींच सकते हैं।जैसी स्थिति आज हम देख रहे हैं,उसी के आधार पर हम भविष्य की कल्पना कर सकते हैं।आखिर वर्तमान की नींव पर ही तो भविष्य की इमारत खड़ी होती है।
- 2047 में भारत को स्वतंत्र हुए 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे।विगत 75 वर्षों में हमने कम तरक्की नहीं की है,लेकिन हमारे सामने चुनौतियां भी कम नहीं है।वर्ष 2047 का भारत कैसा होगा,यह बहुत कुछ इस पर निर्भर करता है कि हम चुनौतियों को किस प्रकार लेते हैं?
- पिछले 75 वर्षों में हमने आर्थिक क्षेत्र में काफी तरक्की की है।20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में भारत परतंत्र था।ब्रिटिश शासन के औपनिवेशिक चरित्र के कारण हमारी अर्थव्यवस्था क्रमशः कमजोर होती गई और जब भारत स्वतंत्र हुआ,तब उसकी गिनती दुनिया के सर्वाधिक निर्धन देशों में होती थी।आजादी के बाद हमने लंबी छलांग लगायी और आज भारत दुनिया के उन छः देशों में एक है जहां औद्योगिकरण सबसे ज्यादा हुआ।तमाम बाधाओं और प्रतिकूलताओं के बावजूद हमने तरक्की की है।परमाणु शक्ति एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भी हमने सफलताएं अर्जित की हैं।इस देश में बैलगाड़ी भी चलती रही और हम उपग्रह भी छोड़ते रहे।हम प्राचीन और अर्वाचीन का एक अद्भुत संगम बने रहे।वर्तमान स्थिति को देखते हुए हम कह सकते हैं कि 2047 में भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया के शीर्षस्थ देश की कोटि में होगा।
- अभी भारत सूचना प्रौद्योगिकी में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है।बहुत कम समय में ही इसने अपनी पहचान बना ली है।इस समय देश से प्रतिवर्ष 30000 करोड़ रुपए से अधिक का सॉफ्टवेयर निर्यात किया जाता है।यह व्यापार और अधिक बढ़ेगा।सॉफ्टवेयर के विकास एवं निर्माण में तो भारत ने अपनी विशिष्ट पहचान बना ली है,लेकिन कंप्यूटर-टेक्नोलॉजी के प्रति जैसी रुचि लोगों में देखने को मिल रही है,उस आधार पर यही कहा जा सकता है कि भारत इस क्षेत्र में अभी बहुत अधिक उन्नति करेगा।भारत औद्योगिक-क्रांति में भाग नहीं ले सका था,लेकिन कंप्यूटर-क्रांति में यह बढ़-चढ़कर भाग ले रहा है।निश्चय ही 2047 तक भारत इस क्षेत्र में काफी आगे बढ़ चुका होगा।
3.भारत की अन्य क्षेत्रों में बढ़ती रफ्तार (Increasing India in other areas):
- पिछले 75 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत ने बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है।जब सारी दुनिया शीत-युद्ध से त्रस्त थी,भारत ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के रूप में एक नया विकल्प प्रस्तुत किया दुनिया के अधिकांश देशों ने भारत के नेतृत्व को स्वीकारा।आज परिस्थितियाँ जिस तरह हमारे अनुकूल होती जा रही हैं,उससे संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में भारत को स्थान मिलने की संभावना प्रबल होती जा रही है।विश्वास करना चाहिए की सन् 2047 में भारत संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होगा।तब भारत अंतरराष्ट्रीय शांति कायम रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा।
- कल किसने देखा से लेकर भूत केवल कल्पना तक हर भारतीय चिंतन केवल आज को ही गरिमामंडित करता है।परंतु वहीं बीते हुए नहीं,आने वाले कल की तरफ देखो,यह चेतना भारत के उज्जवल भविष्य हेतु हमारा आह्वान भी करती है।
- 2047 के भारत के पूर्वावलोकन में हम पाते हैं कि विश्व पटल पर वह निःसंदेह एक राजनीतिक,आर्थिक तथा सामरिक महाशक्ति होगा।यूरोपीय संघ (E.U.) से भारत को मिला सम्मान,अमेरिका का बदलता रुख,20 से अधिक देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियाँ तथा कई अन्य देशों से सकारात्मक संबंध एक महाशक्ति का प्रारूप दर्शाते हैं।
- वर्तमान में भारत क्रय-शक्ति के आधार पर विश्व की चौथी तथा जीडीपी के आधार पर छठवीं वृहत्तम अर्थव्यवस्था वाला देश बन चुका है।1999 की एशियाई मंदी का इस पर पड़ा नगण्य प्रभाव इसकी मजबूती को दर्शाता है।45 वर्ष पूर्व का भूखा भारत जल्द ही कृषि की महाशक्ति बनने वाला है।दूध व फलों के उत्पादन में अमेरिका को पीछे छोड़ देना और क्या बताते हैं?
- टाटा द्वारा टेटली का अधिग्रहण,सत्यम-विप्रों का नैस्डेक पर भी जारी चमत्कारिक प्रदर्शन,6.5% की औद्योगिक तथा 12% की निर्यात विकास दर,2047 के पूर्णतः औद्योगिकृत भारत की ओर इशारा करते हैं।सॉफ्टवेयर तथा संचार उद्योग में यदि 35% की भी विकास दर बनी रही,तो 2047 तक हम इंटरनेट को “भारत के नाम पेटेंट” करवाने की स्थिति में होंगे।मनोरंजन उद्योग मात्र 2023-24 तक ही 120000 करोड रुपए का हो जाएगा।स्पष्टतः 2047 तक सारे विश्व में बॉलीवुड छा जाएगा।आश्चर्य नहीं कि जर्मनी-सरीखे देश विश्व के भारतीयकरण की चिंता में मग्न दिख रहे हैं।धार तथा कोल्हापुर के किसानों के बीच उनके उत्पादों के विपणन हेतु वी-सैट की बढ़ती लोकप्रियता इंगित करती है,कि भारतीय बाजार के स्वरूप में क्रांति आने ही वाली है।टाटा सेल्युलर की रिपोर्ट बताती है कि ग्रामीण सेल्युलर उपभोक्ताओं में प्रतिवर्ष 3-4% की वृद्धि हो रही है।स्पष्टतः 2047 का भारतीय ग्रामीण बाजार भी काफी विस्तृत और प्रतिस्पर्धी हो जाएगा।साथ ही भारतीय सैन्य शक्ति भी काफी बढ़ जाएगी।अभी ही,आकाश में पैट्रियाट से बेहतर माना जा रहा है।अर्जुन विश्व के आदर्शतम टैंकों में शुमार है।रक्षा के साथ ये हमारी बढ़ती वैज्ञानिक धाक के प्रमाण हैं।खासकर मिसाइल तथा अंतरिक्ष तकनीक में तो 2047 का भारत एक आदर्श होगा ही।
4.नारी जागरण में चेतना (Consciousness in Women’s Awakening):
- वर्तमान सामाजिक परिदृश्य का अवलोकन करने के बाद हम कह सकते हैं कि आने वाला समय स्त्रियों की प्रधानता का युग होगा।उनमें अपने अधिकारों एवं महत्ता के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है।अब वे जमाने गए जबकि औरत को रोमन कानून में बेवकूफ और असंतुलित कहा जाता था।आज स्त्रियाँ जीवन के हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।चाहे वह राजनीति का क्षेत्र हो,चाहे खेल का,या फिर पत्रकारिता का ही क्यों ना हो।वर्तमान स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि स्त्रियों में और अधिक जागरूकता का विकास होगा।सृजन की प्रतीक नारी राष्ट्र के भविष्य-निर्माण में ठोस एवं स्थायी भूमिका निभा सकेगी।तब किसी
- मैथिलीशरण गुप्त को यह नहीं कहना पड़ेगा:
“अबला जीवन हाय,तुम्हारी यही कहानी।
आंचल में है दूध और आंखों में पानी।।” - विश्वास करना चाहिए की सन 2047 में स्त्रियां जीवन के हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही होंगी और समाज का सही नेतृत्व कर रही होंगी।
- लारा दत्ता,ऐश्वर्या,सुष्मिता (ब्यूटी कॉन्टेस्ट),बनेका बाली (यू.एस. आर्मी),जागीर कौर (मेयर,ग्रीनिज सिटी) व झुंपा लाहिड़ी (विजेता पुलित्जर पुरस्कार) जैसी भारतीय नारियों ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि 2047 तक नारी शक्ति,सौंदर्य व बुद्धिमता का परचम भारत ही फहरायेगा।साथ ही हमारी 2% की दर से बढ़ती साक्षरता बताती है कि 2050 तक भारत पूर्ण साक्षर होगा।किंतु इसके साथ ही 2047 में भारत को कुछ नकारात्मक परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ेगा।
5.कुछ क्षेत्रों में भारत की नकारात्मक तस्वीर (Negative picture of India in some areas):
- लेकिन सन् 2047 में सब कुछ अच्छा ही नहीं होगा।बहुत कुछ अनपेक्षित भी घटित होने की संभावना है।जिस तरह जनसंख्या बढ़ती जा रही है,अंदेशा है कि कुछ ही वर्षों में हम चीन को भी पीछे छोड़ देंगे।निश्चय ही स्वतंत्रता-प्राप्ति के पश्चात् हमने कृषि एवं उद्योग के क्षेत्र में अत्यधिक सफलताएं अर्जित की हैं,सबका-सब यह विशाल जनसंख्या निगल जाती है।सरकार जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए बहुत प्रयास कर रही है,लेकिन लगता है कि लोग,इसके बुरे परिणाम भुगतने के बाद ही चेतेंगे।यदि जनसंख्या इसी तरह बढ़ती रही,तो सन 2047 का भारत भिखमंगों एवं कंगालों का देश होगा।
- यंत्रीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति और जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है।इस बढ़ती बेरोजगारी ने अनेक समस्याओं को जन्म दिया है।आज उत्तरी-पूर्वी भारत में जो असंतोष है,उसका मूल कारण युवाओं में व्याप्त बेरोजगारी है।इन बेरोजगार युवकों,क्षुद्र स्वार्थों की राजनीति करने वाले नेता पैसे का लालच देकर मनचाहे कार्य करवा लेते हैं।कदाचित इन्हीं कारणों से महात्मा गांधी ने कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की बात कही थी।निरंतर बेरोजगारी में वृद्धि को देखते हुए लगता है कि यह 2047 के बाद की सबसे विकट समस्या होगी।
- आज जिस तरह चुनाव में हिंसा बढ़ती जा रही है और राजनीति का अपराधीकरण एवं अपराधियों का राजनीतिकरण होता जा रहा है,वह हमारे लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।2000 के आसपास में जिस तेजी से सरकारें बदली हैं,उससे यही निष्कर्ष निकलता है कि वर्तमान नेतृत्व पर जनता का विश्वास नहीं है।यदि यही स्थिति रही तो कल किसी तानाशाह के उभरने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।सन् 2047 में भारतीय राजनीति का स्वरूप कैसा होगा? यह बहुत कुछ राजनेताओं एवं सामान्य जनता की सद्बुद्धि एवं विवेक पर निर्भर करता है।
- पिछले 75 वर्षों में प्राकृतिक संसाधनों का जिस तरह अंधाधुंध दोहन किया गया है।उससे पर्यावरण असंतुलन की समस्या उत्पन्न हो गई है।इसका सबसे बड़ा प्रमाण तो यही है कि देश का जो हिस्सा कभी सूखा से प्रभावित रहता है,वही कभी बाढ़ से भी पीड़ित रहता है।जिस तरह जंगल कट रहे हैं और भूमिगत जल स्रोतों का अंधाधुंध दोहन हो रहा है,डर है कि आज के मैदान कल रेगिस्तान न बन जाएं।यदि लोग जागरूक न हुए,तो सन् 2047 तक भारत का एक बड़ा क्षेत्र अनुर्वर हो जाएगा।
आज पैदा होने वाले हर बच्चे को 0.48 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन की जरूरत होती है।अर्थात् 2047 तक भारत को अपना आकार 23.5 करोड़ हेक्टेयर बढ़ाना पड़ेगा।यह तो असंभव है ही,उल्टे प्रति व्यक्ति खेती योग्य जमीन रह जाएगी मात्र 0.06 हेक्टेयर,जिस पर न तो आधुनिक कृषि संभव होगी,न उच्च तकनीकों का प्रयोग। - खाद्य संकट भी एक गम्भीर खतरा होगा।मात्र वर्तमान में एक अरब 30 करोड़ की अनुमानित जनसंख्या तथा 80 करोड़ पशुओं के लिए 27 करोड़ टन खाद्यान्न का आयात करना पड़ेगा।अर्थात् 2047 का भारत पुनः भूखा होगा।
इतना ही नहीं,2047 तक कोयले का भंडार समाप्त हो जाएगा,जबकि हमें 25-30 करोड़ टन अतिरिक्त ईंधनी लकड़ी की जरूरत होगी।अनुमानतः वर्तमान में 70 करोड़ लोग बिना बिजली के रहने को भी बाध्य हैं।इन सबका प्रभाव हमारे क्षीण वन संसाधनों (वर्तमान 19-20%),वन्यजीवों तथा पर्यावरण पर दृष्टिगोचर होगा।शायद,सफेद बाघ न रहें तथा दिल्ली जैसे महानगरों में ‘ऑक्सीजन क्लब’ टेलीफोन बूथ की तरह लोकप्रिय हो जाएं।
- 2047 तक जल की राष्ट्रीय मांग भी वर्तमान 1000 घन मीटर से बढ़कर करीब 1500 घनमीटर हो जाएगी,जबकि हमारी अधिकतम जल उपलब्धता है:मात्र 1400 घनमीटर अर्थात्।एक चौथाई भारतीय प्यासे होंगे।
काफी सम्भव है,तब हमारी मजबूत होती-दिखती अर्थव्यवस्था चरमरा जाये।वर्तमान वृद्धि की दर से 2047 के भारत $ 170 बिलियन का ऋण होगा,जो हमें दिवालिया बनाने के लिए काफी होगा।इतना ही नहीं,प्रतिवर्ष 85 लाख के हिसाब से इस दौरान 40 करोड़-नए रोजगारों की जरूरत होगी।स्पष्टतः ‘ब्रेन-ड्रेन’ हमारा सिरदर्द बना रहेगा। - बीमार भारत की कल्पना भी कोरी नहीं।कैंसर (1 करोड़ रोगी),एड्स पीड़ित (35 लाख) तथा टी.बी. (10 लाख नए रोगी प्रतिवर्ष) 2047 के स्वस्थ भारत की कल्पना पर तुषारापात करते नजर आते हैं।साथ ही,विश्व व्यापार संगठन की नीतियों के तहत दवाइयां महँगी होती गयीं तो कोई ताज्जुब नहीं कि 2047 का भारत “मौत का सर्कस” बन जाए।
- इन सभी संभावित खतरों के पीछे सिर्फ एक खिलाड़ी है:हमारी बेलगाम बढ़ती आबादी।2045 में ही हम चीन को पछाड़ करके दुनिया का सबसे ‘आबाद’ देश बन जाएंगे-हमारी जनसंख्या होगी-एक अरब 60 करोड़।आश्चर्य न हो जब,हमारी योजनाएं व उज्ज्वल संभावनाएँ इसके सामने घुटने टेकते हुए देखी जाए।
- उपर्युक्त आर्टिकल में 2047 में भारत का भविष्य कैसा होगा? (What Will Be Future of India in 2047?),2047 में भारत का भविष्य (Future of India in 2047) के बारे में बताया गया है।
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6.बुद्धिमत्ता का मापदण्ड (हास्य-व्यंग्य) (Criteria of Intelligence) (Humour-Satire):
- ज्योति (शिक्षक से):सर,आपने बोर्ड पर सवाल गलत उतार दिया है।
- ज्योति को समझाते हुए शिक्षक बोले गलती करने वाला ज्यादा बुद्धिमान होता है,जो जितनी गलतियां करता है वह उतना ही बुद्धिमान होता है।
- ज्योति ने शरारत-भरे अंदाज में कहा,ओह!अब समझी प्राचार्य जी हमें पढ़ाते समय इतनी गलतियां क्यों करते हैं।
7.2047 में भारत का भविष्य कैसा होगा? (Frequently Asked Questions Related to What Will Be Future of India in 2047?),2047 में भारत का भविष्य (Future of India in 2047) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.भारत का 2047 में उज्जवल भविष्य कैसे हो? (How should India have a bright future in 2047?):
उत्तर:सन 2047 का भारत कैसा होगा,यह बहुत कुछ इस पर निर्भर करता है कि हम चाहते क्या हैं? हमारे सपने क्या हैं? उन सपनों को साकार करने के लिए कितने क्रियाशील हैं? यदि हम चाहते हैं कि सन् 2047 का भारत सुख,शांति एवं समृद्धि का देश हो,तो हमें स्वयं को उस अनुरूप ढालना होगा एवं आने वाली विपत्तियों से निबटना होगा।हमें कर्मठ,मेहनती,लगनशील एवं धैर्यवान बनना होगा,तभी हम अपने देश को सफलता के उच्च शिखर पर ले जा सकेंगे।
प्रश्न:2.2047 के भारत के बारे में क्या प्रश्न उठते हैं? (What questions arise about the India of 2047?):
उत्तर:2047 का भारत आत्मविश्वास से भरी एक महाशक्ति होगा या विदेशी ऋण व बीमारियों से ग्रस्त-त्रस्त एक देश मात्र? विज्ञान व शिक्षा से परिपूर्ण विश्वगुरु या अंधेरे में खुद को भटकता पाता एक कमजोर राष्ट्र;नारी शक्ति का आदर्श या नारियों के हनन की मिसाल।प्रश्न अनंत हैं।
प्रश्न:3.भारत का स्वरूप 2047 तक मुख्य रूप से किस बात पर निर्भर करेगा? (What will the nature of India depend on till 2047?):
उत्तर:2047 में भारत का स्वरूप,उसकी दशा व दिशा इस बात पर निर्भर करेगी की 2024 से 2047 तक का सफर हम कैसे तय करते हैं?
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा 2047 में भारत का भविष्य कैसा होगा? (What Will Be Future of India in 2047?),2047 में भारत का भविष्य (Future of India in 2047) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Satyam
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