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What is Importance of Motivation?

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1.प्रेरणा का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Motivation?),प्रेरणा का महत्त्व (Importance of Motivation):

  • प्रेरणा का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Motivation?) इस शीर्षक में प्रेरणा का अर्थ है किसी को किसी कार्य में लगाना,किसी को किसी कार्य में प्रवृत्त करना आदि।प्रेरणा से हमारे अंदर उत्साह का संचार होता है और हम अध्ययन कार्य या किसी भी कार्य को करने में जुट जाते हैं।
  • किसी भी कार्य को करने के लिए प्रेरणा पुस्तकों का अध्ययन करने,महापुरुषों का जीवन चरित्र पढ़ने,अपने कार्य से संबंधित लोगों से सत्संग करने से प्राप्त हो सकती है।यानी प्रेरणा दूसरों से भी प्राप्त हो सकती है और स्वयं से भी प्रेरित हो सकते हैं।दूसरों से प्रेरित होने की बात तो समझ में आ जाती है परंतु आधुनिक युग में ऐसा बहुत कम होता है जिसमें दूसरे हमें प्रेरित करते हों अतः स्वयं को खुद ही प्रेरित करना होता है।
  • जब हम किसी कार्य को करते हैं,उसमें आगे बढ़ते हैं तो प्रेरित होते हैं।सुखद भविष्य की,अच्छे परिणाम की कल्पना करके भी प्रेरित हो सकते हैं।
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2.किसी भी कार्य को प्रारंभ करने में प्रेरणा का योगदान (Contribution of motivation in doing any work):

  • प्रेरणा किसी भी कर्म (अध्ययन) की मूल एवं परिणाम होती है।इसके बिना हम किसी कार्य की शुरुआत ही नहीं कर सकते।अतः यह कार्य का मूल कारण है और कार्य की अंतिम परिणति इसके बिना संभव ही नहीं है।प्रेरणा के बिना किसी कर्म को करने की कल्पना तक नहीं की जा सकती है।कई श्रेष्ठ योजनाएं एवं महान कार्य इसलिए अधूरे पड़ जाते हैं,क्योंकि इनके प्रारंभ में प्रेरक तत्व मजबूत रहता है परंतु समय के साथ जब यह कमजोर हो जाता है तो कार्य अधूरा एवं अनमना छोड़ दिया जाता है।किसी कार्य को शुरू से अंत तक एक लय के साथ करना एक चुनौती है,जो किसी विशिष्ट उद्देश्य से प्रेरित हुए बिना असंभव है।प्रेरणा एक ऐसी ऊर्जा है,जो कार्य को करने के लिए प्रेरित करती रहती है।
  • हर व्यक्ति एक खास चीज के लिए प्रेरित होता है।धनोपार्जन,खेल,अध्ययन या अन्य किसी मनपसंद कार्य में जो सम्मान एवं रुचि होती है उसे पूरा करने के लिए व्यक्ति अपनी सारी क्षमता झोंक देता है।इस कार्य में उसकी सफलता या असफलता उतना अर्थ नहीं रखती,जितना की कार्य को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश होती है।कार्य के पीछे प्रबल प्रेरणा से ही तो असंभव जैसे कठिन कार्य समय के साथ पूरे कर लिए जाते हैं।कोई भी चीज यों ही अनमने ढंग से पाई एवं पूरी नहीं की जा सकती है।ऐसी स्थिति में कुछ फासले तय करने के बाद ही मन उचटने लगता है और कार्य के प्रति शुरुआत में जो आशा उत्साह होता है,समय के साथ धुंधला पड़ने लगता है।
  • कायरता और शूरवीरता का परिचय इसी आधार पर किया जाता है।कायरता के पीछे लगन और निष्ठा का घोर अभाव होता है।कायर किसी उच्च स्तरीय उद्देश्य हेतु प्रेरित नहीं होता,परंतु सूरमा और साहसी में अपना लक्ष्य सदा आंखों के सामने होता है।वे किसी भी रूप में उसे भुलाते नहीं और उसे न भुला पाने व सतत याद रखने के पीछे सत्प्रेरणा ही होती है।जहां भी हमारी प्रेरणा कमजोर होती है,हमारे कार्य का अंजाम लड़खड़ा जाता है।यह ऐसे ही है,जैसे मनकों को एक धागे में पिरोकर रखना।धागा टूटता है तो मनके बिखरते हैं। प्रेरणा दुर्बल होती है तो लगन एवं निष्ठा डगमगा जाती है।

3.सफलता प्रेरणा पर आधारित (Based on Success Motivation):

  • असफलता के कारणों का यदि सूक्ष्म विश्लेषण किया जाए तो पता चलेगा कि इनमें अधिकतर का कारण प्रेरणा का अभाव ही है।प्रेरणा नहीं होगी तो कार्य करना संभव नहीं होता है।यदि किसी को धन कमाने की लालसा नहीं है तो वह कितना ही प्रयास करेगा,उसका उस कार्य में मन नहीं लग सकता और यदि किसी का साधना में मन नहीं लगता तो कितना भी अनुष्ठान क्यों ना करें,उसका सुफल नहीं आ सकता है।
  • दरअसल हम किसी कार्य को करने के लिए प्रेरित होते हैं।यह बल जितना अधिक होगा,हम उतनी ही लगन से उसे अंजाम देंगे।सफल व्यक्तियों या महापुरुषों की जीवनगाथा को देखें तो पता चलेगा कि वे अपने लक्ष्य के प्रति प्रेरित थे।उन्होंने अपनी धुन में मगन होकर लक्ष्य के प्रति अपना सर्वस्व उत्सर्ग कर दिया था और इससे कम में वे उस मुकाम तक नहीं पहुंच सकते थे,जहां वे पहुंच सके थे या पहुंचे हुए हैं।कॉरपोरेट सेक्टर का उच्च वेतनमान एवं सुविधाएं उन्हें अपने कर्त्तव्य को निभाने के लिए प्रेरित करती हैं।परिवार को देने वाला समय भी वे अपनी संस्था को इसलिए दे पाते हैं,क्योंकि इसके बदले उन्हें सुविधाएँ लुभाती हैं और वे अतिकठिन जान पड़ने वाली चुनौतियों का सहर्ष सामना कर लेते हैं,परंतु जिस संस्था में ऐसी बातें नहीं होती,वहां के कर्मचारियों की गुणवत्ता एवं लगन में संदेह होता है।जितना परिणाम होना चाहिए,उतना होता नहीं,क्योंकि उन्हें कार्य करने के लिए प्रेरित करने वाली बातों का अभाव होता है।
  • प्रेरणा कैसे मिले? कौन हमें प्रेरित करें? और इसे कैसे लगातार बनाए रखें? समाज में जिसकी प्रतिष्ठा होती है,जिसे अच्छा माना जाता है,हम उसी ओर आकर्षित होते हैं।समाज के मूल्य एवं मानदंड हमें उस ओर जाने की अनायास प्रेरणा देते हैं।हम उसे पाने के लिए बरबस चल पड़ते हैं।मूल्यों की उत्कृष्ट एवं निकृष्टता समाज के ऊपर निर्भर करती है,परंतु समाज में जो भी मूल्य प्रभावी होंगे,वही हमें प्रेरित एवं प्रभावित करते हैं।किसी समय समाज में उच्च मानवीय मूल्य जैसे सदाचार,सेवा,सहिष्णुता,दया,प्रेम,करुणा आदि का प्रभाव बड़ा-चढ़ा रहा है।उन दिनों सामान्य व्यक्ति भी इन मूल्यों से गहराई से प्रेरित होता था और श्रेष्ठ इंसान बनने की चाहत में अपना सर्वस्व उत्सर्ग कर देता था।इसी कारण सामान्य व्यक्तियों के जीवन में उच्चादर्श एवं श्रेष्ठ विचार,संवेदनशीलता आदि रग-रग में समाए हुए थे।
  • समाज एवं वातावरण हमारे प्रेरणा का प्रमुख केंद्र है।स्वतंत्रता आंदोलन में वीर बलिदानियों की लंबी श्रृंखला है।ये शहीद भारतमाता के चरणों में अपने जीवन को खुशी-खुशी इसी कारण उत्सर्ग कर सके,क्योंकि राष्ट्र के प्रति अपार प्रेम ही उन्हें इस ओर प्रेरित करता रहा।उनकी प्रेरणा कभी कमजोर नहीं पड़ी और वे कभी दुर्बल नहीं हुए।उनकी रगों में बहता उष्ण लहू इसी प्रेरणा से उछलता-उबलता रहा,परंतु आज ऐसी बात नहीं है,उनके समान आज भी युवा हैं,पर इन युवाओं में वह जज्बा,साहस और शौर्य नहीं उफनता,जिसके बल पर वे अपने कर्त्तव्य-पथ पर स्वयं को निछावर कर सके।

4.आधुनिक युग में धनार्जन हमारा प्रेरक (Earning money is our motivator in the modern era):

  • आज समाज में धन की सर्वोपरि प्रतिष्ठा है,अतः यह प्रतिष्ठा हमारी प्रेरणा बन गई है।धन उपार्जित करना बुरी बात नहीं है।धन का उपार्जन करना चाहिए परंतु इसके लिए नैतिक मूल्यों को ताक में रखकर नहीं।आज का युवावर्ग एवं अन्य वर्ग सभी केवल किसी भी प्रकार से रातों-रात धनवान हो जाने की कार्य-योजना को क्रियान्वित करने में जुटे हैं।यहां पर जो चीज उन्हें प्रेरित कर रही है,वह धन पाने की लालसा।मूल्यहीनता एवं अनैतिकता से प्रेरित कार्य कभी अच्छा नहीं माना जा सकता।आज हमारे सामने यही सबसे बड़ी चुनौती है कि श्रेष्ठतर मूल्यपरक प्रेरणा से हम प्रेरित हों।
  • आज चार पुरुषार्थों धर्म,अर्थ,काम,मोक्ष में केवल अर्थ (धन) और काम (इच्छाओं,कामनाओं की पूर्ति) को महत्त्व दिया जाता है।फलस्वरूप मानव अशांत,दुखी है।आधुनिक युग के अनुसार तथा वैसे भी सांसारिक व पारिवारिक कर्त्तव्यों का निर्वाह करने के लिए धन कमाना कोई बुरी बात नहीं हैं,लेकिन उसे कमाने के तरीके अवश्य साफ-सुथरे और नैतिक होने चाहिए।भारतीय धर्म ग्रंथो का सार यही है कि यदि हम अपने जीवन में अत्यधिक ऐशो-इशरत की कामना करते हैं,तो यह सही नहीं है।लेकिन इसका यह अर्थ भी नहीं है कि हम साधुओं की तरह गेरुआ पहनकर निष्क्रियता की स्थिति में चले जाएं।जीवन में भौतिक सुविधाओं,धन कमाने,धनार्जन करने और आध्यात्मिकता के बीच एक निश्चित संतुलन होना चाहिए।
  • हमारे जीवन में आध्यात्मिकता,सांस्कृतिक संस्कार,धार्मिक वृत्ति ना हो तो हमारे पास कितनी धन-दौलत,सुख-सम्पत्ति और ऐश्वर्य हो,हम शांति और आनंद का अनुभव नहीं कर सकते।धन,सुख-सम्पत्ति और भौतिक ऐश्वर्य हमें थोड़ी देर का सुख दे सकती है,थोड़ी सुविधाएँ दे सकती हैं पर सच्ची शांति,निश्चिन्तता और संतुष्टि नहीं दे सकती।भौतिक सजावट में पार्थिव सौंदर्य तो होता है पर चेतना नहीं होती और जैसे आत्मिक चेतना यानी जीवात्मा ना हो तो शरीर कितना ही सुंदर हो,बेजान शव होता है,वैसे ही आध्यात्मिक भाव ना हो तो सारा भौतिक रूप बेजान शव के समान होता है।हमारे जीवन में अध्यात्म का प्रभाव होना ही चाहिए ताकि हमारा जीवन निष्प्राण सुंदर शरीर जैसा ना होकर प्राणवान,जीवन्त और तेजस्वी शरीर जैसा रहे तभी हम मानव योनि में जन्म लेने का लाभ उठा सकेंगे।
  • पर हो यह रहा है कि हम आध्यात्मिक,धार्मिक नहीं है,हमारी प्रेरणा केवल धनार्जन है।धन बहुत बढ़ जाता है तब उसके नशे में मति भ्रष्ट हो जाती है।ऐसे लोगों का कुछ धन तो चोर बदमाश और रिश्ते नाते वाले उड़ा ले जाते हैं; कुछ सरकार टैक्स के रूप में ले लेती है,कुछ यार दोस्त हड़प जाते हैं,कुछ बीमारी और अन्य झंझटों में खर्च हो जाता है और जो बचता है वह बाद वालों के काम आता है।धन के इस तरह नष्ट होता देख ऐसे व्यक्ति को जैसा दारुण दुःख होता है इसका अनुभव भुक्तभोगी ही जानता है।
  • अतः हमारी प्रेरणा धनार्जन के साथ-साथ आध्यात्मिकता भी होनी चाहिए ताकि जीवन में संतुलन बना रहे।हमें मानव होने का गौरव अनुभव हो सके,मानव होने की सार्थकता सिद्ध कर सकें।किसी भी तरफ अति होने पर वह हमारे अनेक दुखों, विपत्तियों,संकटों और समस्याओं का कारण बन जाती है और आज अधिकांश लोग इसीलिए दुखी,त्रस्त,अशांत हैं और जीवन में नई-नई मुसीबतों,संकटों से घिरे रहते हैं,उन्हें उनके समाधान का कोई रास्ता नजर नहीं आता है।आधुनिक युग के प्रभाव से प्रभावित होकर हमें अपने भले-बुरे पर विचार करके जो कल्याणकारी हो,हितकारी हो,उपयोगी हो,लाभप्रद हो वही रास्ता अपनाना चाहिए,दुनियादारी को देखकर भेड़चाल चलने के परिणाम हमें ही भुगतने पड़ेंगे।

5.प्रेरणा के महत्त्व का निष्कर्ष (Conclusion to the Importance of Motivation):

  • अच्छा एवं श्रेष्ठ कार्य करने के लिए हमें अपनी रुचि एवं क्षमता को समझ लेना चाहिए।किसी को देखकर या उकसाने में आकर कार्य नहीं करना चाहिए।हमें उच्चतर मूल्यों व उत्कृष्ट कर्मों के प्रति प्रेरित होना चाहिए।यह प्रेरणा कर्म की सफलता तक बनी रहे,इसके लिए हमें स्वाध्याय,सत्संग और सत्साहित्य का अध्ययन करना चाहिए।स्वाध्याय में स्वयं के अंदर झांकने वाले साहित्य का अनुशीलन करना चाहिए।शास्त्र,पुराण,महापुरुषों एवं शहीदों की जीवनगाथा हममें अपने कर्त्तव्य को करने के लिए प्रेरणा भरती रहती है।
  • महापुरुषों का,उनके विचारों का संपर्क-सान्निध्य तो प्रेरणापुंज के समान है।यह सब हमारे जीवन में श्रेष्ठतर मूल्यों के प्रति बढ़ने के लिए प्रेरक तत्त्व के रूप में कार्य करता है।इनके सहारे हम अपने कर्त्तव्य को,सेवा-सहयोग के पथ को हर प्रतिकूलताओं को पार करके पूर्णता प्रदान कर सकते हैं।
  • विद्यार्थी हैं तो उसे कोर्स की पुस्तकें पढ़ने के साथ-साथ महान् गणितज्ञों,महान् वैज्ञानिकों,महापुरुषों की प्रेरक घटनाओं का अध्ययन करते रहना चाहिए जिससे उसे अध्ययन करने की तकनीक की जानकारी होने के साथ-साथ अध्ययन के लिए प्रेरणा प्राप्त होती रहे।
  • परंतु आजकल के विद्यार्थी को जब सत्साहित्य,सत्संग और स्वाध्याय करने के लिए कहा जाता है तो उनका जवाब होता है कि कोर्स की पुस्तकें पढ़ने के लिए ही समय नहीं है।जबकि उनके दैनिक जीवन का अवलोकन किया जाए तो बहुत-सा समय वह फालतू के कार्यों में लीकेज करते रहते हैं।महामानव भी शुरू में आप और हमारी तरह थे परंतु उन्होंने एक-एक क्षण का महत्त्व समझा और उसे काम लिया तभी वे महामानव के स्तर तक पहुंच सके।यदि वे आप और हमारी तरह समय नष्ट करते रहते तो इतने उच्च स्तर तक नहीं पहुंच पाते।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में प्रेरणा का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Motivation?),प्रेरणा का महत्त्व (Importance of Motivation) के बारे में बताया गया है।

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6.गणित में कमजोरी दूर करने का सूत्र (हास्य-व्यंग्य) (Formula to Overcome Weakness in Mathematics) (Humour-Satire):

  • ज्योति:मोहन क्या तुम गणित में कमजोरी को मिटा सकते हो?
  • मोहन:हां,क्यों नहीं? तुम बोर्ड पर लिख दो,मैं मिटा दूंगा।

7.प्रेरणा का क्या महत्त्व है? (Frequently Asked Questions Related to What is Importance of Motivation?),प्रेरणा का महत्त्व (Importance of Motivation) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.आज धन ही प्रेरणा का स्रोत होने के क्या परिणाम हैं? (What are the consequences of money being a source of inspiration today?):

उत्तर:आजकल चारों ओर लोभ का साम्राज्य है और अधिकांश आदमी चाहे वह साधु हो या मूर्ख या पंडित हो धन का लोभी बन गया है।अब तो मात्र धन ही ऐसी चीज है जिससे सबको खुश किया जा सकता है यहां तक कि लोगों ने भगवान को भी ऐसा ही समझ लिया है कि वह धन का लोभी है।हमारे देश में कई ऐसे मंदिर है जहां भगवान को खुश करने के लिए लाखों की थैलियां चढ़ाते हैं।साधु और पंडित कहलाने वाले लोगों को जब तक दान-दक्षिणा नहीं दी जाय,तब तक उनका आशीर्वाद नहीं मिलता।ऐसे पंडित विरले होंगे जो ज्ञान-विज्ञान,धर्म-संस्कृति की बात करते हों।

प्रश्न:2.मानव जीवन का यथार्थ क्या है? (What is the reality of human life?):

उत्तर:मानव में अनंत शक्तियां सोई हुई हैं।हमारा अंतिम समय आ जाता है परन्तु इन शक्तियों के जागरण का हम कोई प्रयास नहीं करते हैं।यदि कुछ होता भी है तो बहुत थोड़ा।ज्यादातर लोग तो अपनी अनंत शक्तियों एवं असीमित संभावनाओं के बारे में सोचते भी नहीं है,आध्यात्मिक शक्तियों का तो उपयोग होता ही नहीं।जीवन का यथार्थ यही है।

प्रश्न:3.शक्तियों के जागरण के लिए क्या करें? (What to do for the awakening of powers?):

उत्तर:इसके लिए हमारा जीवन सक्रिय एवं सृजनात्मक हों।अपने ही हाथों दीन-हीन बने रहने से बड़ा पाप और कुछ भी नहीं।जमीन को खोदने से जलस्रोत मिलते हैं,ऐसे ही जीवन को खोदने से अनंत-अनंत शक्तिस्रोत उपलब्ध होते हैं।इसलिए जिन्हें अपने आप की पूर्णता अनुभव करनी है,वे सदा-सर्वदा सकारात्मक रूप से सक्रिय रहते हैं; जबकि दूसरे केवल सोच-विचार,तर्क-वितर्क में ही उलझे-फँसे रहते हैं।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा प्रेरणा का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Motivation?),प्रेरणा का महत्त्व (Importance of Motivation) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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