What are the ways to simplify mathematics?
1.गणित को सरल करने के तरीके क्या है?(What are the ways to simplify mathematics?):
- गणित को सरल करने के तरीके क्या है?(What are the ways to simplify mathematics?):गणित (simplify mathematics) एक महत्वपूर्ण विषय है,महत्वपूर्ण केवल इसलिए ही नहीं है कि यह विषय परीक्षा होने तक सीमित है।परीक्षा में पास होने तथा स्कोरिंग सब्जेक्ट होने के साथ-साथ यह हमारे दैनिक जीवन में भी बहुत सी जगह काम आता है। बहुत से विद्यार्थी गणित विषय को कठिन मानते हैं और इससे डरते हैं,इस नकारात्मक मानसिकता के कारण उनके परीक्षा में तो कम अंक आते ही हैं,साथ ही दैनिक जीवन में भी इसका ठीक से उपयोग नहीं कर पाते हैं।दूसरी तरफ कुछ विद्यार्थियों के लिए गणित विषय एक स्कोरिंग विषय है,ऐसे विद्यार्थियों की सकारात्मक मानसिकता के कारण अधिक अंक प्राप्त करते हैं।इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि क्यों विद्यार्थी कम अंक प्राप्त करते हैं और क्यों किन्हीं विद्यार्थियों के अधिक अंक आते हैं?साथ ही गणित को सरल करने के टिप्स बताएंगे जिससे वे अधिक अंक अर्जित कर सकेंगे।अब सीबीएसई तथा राज्यों के बोर्ड की परीक्षाएं या तो आरंभ हो चुकी है या आरंभ होने वाली है।इससे पूर्व हम परीक्षा से संबंधित और गणित विषय के लिए टिप्स के आर्टिकल पोस्ट कर चुके हैं।आपको उन आर्टिकल को भी पढ़ना चाहिए।
- नीचे आर्टिकल में गणित को सरल करने के तरीके क्या है?(What are the ways to simplify mathematics?) के बारे में बताया गया है.
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(1.)गणित का निरंतर अभ्यास करें(Practice mathematics constantly):
- गणित अन्य विषयों से अलग विषय है जिसे केवल परीक्षा में पढ़कर अच्छे अंक अर्जित नहीं किए जा सकते हैं।गणित में अच्छे अंक अर्जित करने के लिए आपको सत्रारंभ से ही लगातार व नियमित रूप से गणित का अभ्यास करना चाहिए।अभ्यास करने के लिए सरल से कठिन विधि को अपनाएं।धीरे-धीरे अभ्यास करने से गणित विषय आपके लिए सरल होता जाएगा कहावत भी है कि ‘करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान’ अर्थात अभ्यास करने से मंदबुद्धि व्यक्ति भी तेजस्वी व प्रखर हो जाता है। महामूर्ख कालिदास, महाकवि कालिदास तथा मन्थबुद्धि बोपदेव संस्कृत के अच्छे विद्वान बन गए।
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(2.)पिछली कक्षाओं की कमजोरी दूर करें(Overcome the weaknesses of previous classes):
- पिछली कक्षाओं की बहुत सी बातें आगे की कक्षाओं में प्रयोग की जाती है।इसलिए अपनी पिछली कक्षाओं की कमजोरी को छुट्टियों में या पूर्ण सत्र में प्रारंभ से ही थोड़ा-थोड़ा समय देकर दूर करें।यदि आपको गणित में पारंगत होना है तो बेसिक कॉन्सेप्ट को क्लियर करें।जैसे साधारण जोड़,गुणा,भाग,बाकी आपको ठीक तरह से नहीं आते हैं तो आप गुणनखंड नहीं कर सकते हैं।इसी तरह की अनेक बातें हैं जिनको क्लियर किए बिना आप गणित में आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
- यदि आप दौड़ना जानते हैं लेकिन उसका अभ्यास नहीं करते हैं तो बिना अभ्यास के आप मैराथन में फर्स्ट नहीं आ सकते हैं।इसी प्रकार अभ्यास तथा बेसिक कॉन्सेप्ट क्लियर किए बिना आप गणित के सवाल न तो हल कर सकते हैं और न ही गणित में पारंगत हो सकते हैं।रोजाना अपनी नोटबुक में अभ्यास करें।
(3.)क्लास में जो टॉपिक पढ़ाया जाना है उसकी पूर्व तैयारी करें(Prepare for the topic to be taught in class)-
- यह तरीका सबसे प्रभावी तथा सफल है। रोजाना गणित में जो भी टॉपिक पढ़ाया जाए तो उसकी पूर्व तैयारी करके क्लास में जाएं।इससे आपको दो फायदे होंगे।पहला फायदा तो होगा कि उस टॉपिक में आपको क्या कठिनाई है,यह मालूम रहेगा और उसे शिक्षक से पढ़ाते समय हल कर सकते हैं।दूसरा फायदा यह होगा कि पूर्व तैयारी करने से गणित शिक्षक जो टाॅपिक पढ़ाएंगे वह टॉपिक आपके ठीक से क्लियर हो जाएगा।क्लास में टॉपिक पढ़ाने के दौरान आपका इंटरेस्ट बना रहेगा।टाॅपिक को पहले से पढ़कर क्लास में जाने से आप आसानी से टीचर से क्रॉस क्वेश्चन कर सकते हैं जिससे शिक्षक का मन भी पढ़ाते समय लगेगा। शिक्षक भी पूर्ण तैयारी करके क्लास में पढ़ाएंगे।
(4.)नियमित रूप से क्लास लें(Take regular classes):
- आप नियमित रूप से क्लास लेंगे तो आपके हर टॉपिक क्लियर हो जाएगा।यदि आप क्लास नहीं लेंगे तो संबंधित टाॅपिक तो क्लियर नहीं होगा और आगे की क्लास व टॉपिक पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।जो विद्यार्थी नियमित रूप से क्लास लेते हैं उनको बात-बात पर दूसरों पर निर्भर रहना नहीं पड़ता है।हर बात शिक्षक तथा साथियों से न तो पूछी जाती है और न वे बता सकते हैं।इसलिए नियमित रूप से क्लास अवश्य लें और अपनी अधिकांश समस्याओं को क्लास लेते समय हल कर लें।शर्म, शंका की वजह से यदि आप किसी समस्या का समाधान नहीं पूछेंगे तो गणित आपके लिए कठिन विषय बन जाएगा।विद्या ग्रहण करने में अनियमितता के साथ-साथ शर्म, शंकाओं का त्याग करना चाहिए।अगर आप कोई क्लास मिस कर देते हैं तो हो सकता है कि टाॅपिक स्पष्ट न हो तथा उसका उपयोग अगले टॉपिक में होने वाला हो।यदि बहुत आवश्यक कार्य की वजह से आप कक्षा में उपस्थित नहीं हो सकते हैं तो अगले दिन जाने से पहले मिस किए गए क्लास के टाॅपिक को स्वयं पढ़े और अपने मित्रों की मदद से हल करके दूसरे दिन क्लास में जाएं।
(5.)अध्यापक के पढ़ाते समय पूर्ण एकाग्रता रखें (Have full concentration while teaching teacher):
- गणित जैसे विषयों को पढ़ने के लिए पूर्ण एकाग्रता तथा मनोयोग की जरूरत होती है।अगर क्लास से आपका ध्यान कहीं ओर चला जाता है तो क्लास में पढ़ाए जा रहे टाॅपिक की थ्योरी आपके समझ में नहीं आएगी और फिर उस टॉपिक से संबंधित सवाल भी आप हल नहीं कर पाएंगे। इसलिए टीचर के पढ़ाते समय अपने मित्रों से न तो फालतू बातचीत करें और न ध्यान को भटकने दे।कोशिश करें कि ज्यों-ज्यों टीचर थ्योरी समझाने के बाद प्रश्न साॅल्व कराएं तो आप भी हल करने का प्रयास करें।यदि आप टॉपिक से संबंधित थ्योरी व प्रश्नों को हल करने में अपना ध्यान लगाएंगे तो आपका ध्यान नहीं भटकेगा।इसके अतिरिक्त नियमित रूप से योगासन-प्राणायाम का अभ्यास करें जिससे आपने एकाग्रता सधने लगेगी।गणित को सरल करने के तरीके क्या है?(What are the ways to simplify mathematics?) की यह 5वीं टिप्स है.
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(6.)अपने मित्रों से वार्ता करें (Talk to your friends):
- कक्षा के समाप्त होने के बाद अपने टॉपिक से संबंधित समस्याओं पर मित्रों से डिस्कशन करें।आपस में चर्चा करने से कई उलझने सुलझ जाती हैं।गणित से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं को मन में ही न रखें,उसकी चर्चा अपने मित्रों से करें और उसका समाधान निकालने की कोशिश करें,मार्ग में भी अपने मित्रों से टॉपिक से संबंधित चर्चा कर सकते हैं।सारांश यह है कि आपका फोकस अध्ययन करने तथा अध्ययन करने में आने वाली बाधाओं के समाधान पर होना चाहिए, हो सकता है यह तरीका आपको पुराने जमाने का लगे लेकिन यदि आपको गणित में पारंगत और प्रवीण होना है तो यह याद रखें कि सभी पुरानी बातें खराब नहीं है तथा सभी आधुनिक बातें अच्छी नहीं है। जो पुरानी व आधुनिक अच्छी बातें हैं उनको आप अपने जीवन में अपनानी चाहिए और उनका फायदा उठाना चाहिए।यह हो सकता है कि इन तरीकों का पालन करने में आपको कई नई परेशानियों का सामना करना पड़े,आपके मित्र आपको पढ़ाकू कहें, लेकिन इन सब बातों की परवाह नहीं करते हुए आपको अपने मिशन में लगे रहना चाहिए। गणित जैसे विषय को हल करने और उसमें अच्छे अंक अर्जित करने का कोई शॉर्टकट मेथड नहीं है।
(7.)पढ़ाए गए टाॅपिक का घर पर अभ्यास करें (Practice the taught topic at home):
- क्लास में पढ़ाए गए टॉपिक से संबंधित थ्योरी तथा सवालों को घर पर आकर हल करें।यदि टाॅपिक से संबंधित थ्योरी तथा सवालों को घर पर आकर अभ्यास नहीं करेंगे तो उसमें आने वाली कठिनाइयों का समाधान नहीं होगा और दूसरे दिन फिर नया टाॅपिक पढ़ाया जाएगा,तो वह टॉपिक भी आपको अच्छी तरह समझ में नहीं आएगा।इसलिए सवालों को घर पर हल करने में लापरवाही बिल्कुल भी न करें। लगातार अभ्यास से ही गणित पर आप पकड़ मजबूत कर सकते हैं।
(8.)पुनरावृत्ति करें(Recurrence):
- गणित का अभ्यास करने के साथ-साथ उसकी पुनरावृत्ति भी आवश्यक है।अभ्यास और पुनरावृत्ति इन दोनों से आप गणित पर अच्छी पकड़ बना सकते हैं। पुनरावृत्ति में कठिन सवालों को अवश्य हल करें।यदि आपके पास इतना समय नहीं है तो कठिन सवालों की तो अवश्य पुनरावृत्ति करें। सूत्रों की अलग से नोटबुक तैयार करें और जब भी समय मिले, सूत्रों को याद करते रहे। कठिन सवालों को भी अपनी पुस्तक में चिन्ह लगा लें जिससे पुनरावृत्ति करने में आपको आसानी रहे।गणित को सरल करने के तरीके क्या है?(What are the ways to simplify mathematics?) की यह 8वीं टिप्स है.
- इस आर्टिकल में गणित को सरल करने के तरीके क्या है?(What are the ways to simplify mathematics?) के बारे में बताया गया है.
2.गणित को सरल करने के तरीके क्या है?(What are the ways to simplify mathematics?) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे गए वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.आप उदाहरणों को सरल कैसे बनाते हैं? (How do you simplify examples?):
उत्तर:किसी भी बीजीय व्यंजक को सरल बनाने के लिए, मूल नियम और चरण निम्नलिखित हैं:
गुणनखंडों को गुणा करके समूहीकरण चिह्न जैसे कोष्ठकों और कोष्ठकों को हटा दें।
यदि पदों में घातांक हों तो समूहन को निकालने के लिए घातांक नियम का उपयोग करें।
समान पदों को जोड़ या घटाकर जोड़िए।
स्थिरांक को मिलाएं।
सरलीकरण पर उदाहरण
सरल कीजिए: 78 – [24 – {16 (5 – 4 – 1)}]
हल:78-[24-{16×0}]
78-24=54
सरल कीजिए: 197 – [1/9{42 + (56 – 8 + 9)} +108] हल:197-[1/9{42+57}+108]
=197-[1/9(99)+108]
=197-[11+108]
=197-119
=78
सरल कीजिए: 39 – [23 – {29 – (17 – 9 – 3)}]
हल:39-[23-{29-5}]
=39-[23-22]
=39-1
=38
सरल कीजिए: (i) 15 – (-5) {4 – 7 – 3} ÷ [3{5 + (-3) x (-6)}]
हल:15-(-5){-6}÷[3{5+18}]
=15-30÷69
=15-10/23
=(345-10)/23
=335/23
प्रश्न:2.आप घातों को कैसे सरल करते हैं? (How do you simplify powers?):
उत्तर:किसी घात की घात को सरल बनाने के लिए,आप आधार को समान रखते हुए घातांकों को गुणा करते हैं। उदाहरण के लिए, (23)5 = 215. किसी भी धनात्मक संख्या x और पूर्णांक a और b के लिए: (xa)b= xa· b। सरल करें।
प्रश्न:3.आप कोष्ठक को सरल कैसे बनाते हैं? (How do you simplify brackets?):
उत्तर:कोष्ठक हटाने के लिए,कोष्ठक के बाहर के पद को कोष्ठक के अंदर प्रत्येक पद से गुणा करें।कोष्ठक को हटाने की इस प्रक्रिया को वितरण नियम (distributive law) के रूप में भी जाना जाता है।
प्रश्न:4आप समान पदों को कैसे सरल करते हैं? (How do you simplify like terms?):
उत्तर:समान शर्तें: वे शब्द जिनमें समान चर (identical variable) भाग होते हैं (समान चर और समान घातांक)।जोड़ और घटाव का उपयोग करके सरल करते समय,आप “समान शब्दों” को “समान शब्द” रखते हुए और संख्यात्मक गुणांक जोड़कर या घटाकर जोड़ते हैं।
प्रश्न:5.आप मिश्रित संख्याओं को सरल कैसे बनाते हैं? (How do you simplify mixed numbers?):
उत्तर:मिश्रित संख्याओं को सरल बनाना
भिन्न भाग के अंश और हर का महत्तम समापवर्तक (HCF) ज्ञात कीजिए।अंश और हर दोनों को HCF से भाग दें।पूर्ण संख्या वाला भाग वही रहेगा।उदाहरण 1:मिश्रित संख्या 2915 को सरल कीजिए।
प्रश्न:6.गणित के चार नियम कौन से हैं? (What are the four rules of maths?):
उत्तर:गणित के चार नियम हैं जोड़ना,घटाना,गुणा करना और भाग देना।
प्रश्न:7.बोडमास गलत क्यों है? (Why BODMAS is wrong?):
उत्तर:गलत जवाब
इसके अक्षर कोष्ठक (Brackets),क्रम (Order) (अर्थ घात),भाग,गुणा,जोड़, घटाव के लिए प्रयोग किए हैं।
इसमें कोई कोष्ठक,घात,भाग या गुणन नहीं है,इसलिए हम BODMAS का अनुसरण करेंगे और घटाव के बाद जोड़ करेंगे: यह गलत (erroneous) है।
प्रश्न:8.गणित में बार का क्या अर्थ है? (What does BAR mean math?):
उत्तर:एक बार (जिसे ओवरबार (overbar) भी कहा जाता है) एक गणितीय प्रतीक के ऊपर लिखी गई एक क्षैतिज रेखा (horizontal line) है जो इसे कुछ विशेष अर्थ देती है।यदि बार को एक ही प्रतीक के ऊपर रखा जाता है,जैसा कि (आवाज वाले “-बार”) में है, तो इसे कभी-कभी मैक्रोन (macron) कहा जाता है।
प्रश्न:9.बोडमास का सूत्र क्या है? (What is the formula of BODMAS?):
उत्तर:BODMAS नियम कहता है कि हमें पहले कोष्ठक (2 + 4 = 6) की गणना करनी चाहिए,फिर क्रम (Orders) (52 = 25), फिर कोई भी विभाजन या गुणा (3 x 6 (कोष्ठक का उत्तर) = 18), और अंत में कोई भी जोड़ या घटाना (18 + 25 = 43)।
प्रश्न:10.आप कोष्ठक का योग कैसे निकालते हैं? (How do you work out the sum of brackets?):
उत्तर:कोष्ठक।सूचकांक (Indices)।भाग और गुणा (बाईं ओर से शुरू करें और उन्हें इस क्रम में काम करें कि आप उन्हें ढूंढते हैं) जोड़ और घटाव (जब योग में केवल जोड़ और घटाव छोड़े जाते हैं, तो उन्हें उस क्रम में काम करें,जिस क्रम में आप उन्हें ढूंढते हैं-बाईं ओर से शुरू करते हुए योग और दाईं ओर काम करना)
प्रश्न:11.क्या कोष्ठक न होने पर बोडमास लागू होता है? (Does BODMAS apply when there are no brackets?):
उत्तर:सबसे पहले इसका जवाब दिया गया: क्या कोष्ठक न होने पर बोडमास लागू होता है? हाँ ऐसा होता है।यदि कोई कोष्ठक नहीं है तो अगला चरण घातांक (Indices) है फिर गुणा और/या भाग फिर जोड़ और/या घटाव।
प्रश्न:12.कोष्ठकों को गुणा करने के लिए आप किस विधि का उपयोग करते हैं? (What method do you use to multiply brackets?):
उत्तर:आप कोष्ठक का विस्तार करने के लिए ग्रिड विधि (grid method) का उपयोग कर सकते हैं।इस उदाहरण में आप ग्रिड का उपयोग करके 10(5t + 6) का विस्तार कर सकते हैं।शीर्ष पंक्ति के साथ,प्रत्येक पद को अपने स्वयं के कॉलम में कोष्ठक के अंदर रखें।+ या-किसी भी संख्या के साथ शामिल करें,जैसे कि +6।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित को सरल करने के तरीके क्या है?(What are the ways to simplify mathematics?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Satyam
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