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What Are Reasons for Crime by Women?

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1.महिलाओं द्वारा अपराध करने के क्या कारण हैं? (What Are Reasons for Crime by Women?),छात्राएँ अपराध जगत की ओर क्यों मुड़ जाती हैं? (Why Do Female Students Turn to World of Crime?):

  • महिलाओं द्वारा अपराध करने के क्या कारण हैं? (What Are Reasons for Crime by Women?) क्यों वे अपराध जगत की ओर अग्रसर हो जाती हैं।इसके लिए दो तीन मिशाल पर पहले गौर करेंगे और फिर अपराध के कारण जानने का प्रयास करेंगे।
  • प्रकाशो देवी आजीवन कारावास की सजा भुगत रही है।जब उसकी आयु 30 वर्ष थी वह अपने 6 माह के पुत्र के साथ एक कुएं में कूद गई।उसके पीछे-पीछे उसके दो अन्य बच्चों ने भी कुएं में छलांग लगा दी थी इन बच्चों की आयु 3 वर्ष और 6 वर्ष थी।तीनों बच्चों की मौत हो गई थी।लेकिन प्रकाशो देवी बच गई।इस घटना के पीछे कारण प्रकाशो के पति का अपने भाई की पत्नी से कथित अवैध संबंध।इसके अलावा उसके मायके की स्थिति ससुराल से अच्छी थी।स्पष्ट है कि वह जिन सुविधाओं की आदी थी वे ससुराल में नसीब नहीं थी।
  • कमला को उम्र कैद हुई।उसका पति शादी के 2 वर्ष बाद ही मर गया था।लेकिन उसकी कोई औलाद नहीं थी।पति की मृत्यु के बाद वह अपने देवर के साथ अवैध रूप से रहने लगी।उनके अवैध संबंधों से एक शिशु ने जन्म लिया।सामाजिक भय से उसने नवजात शिशु की हत्या कर उसे खेत में फेंक दिया था।तब उसकी आयु 32 वर्ष थी।
  • रानी भी आजीवन कारावास भुगत रही है।वह अपने परिवार की इकलौती बेटी थी।उसकी शादी हुई और एक पुत्र भी हुआ।उसके एक ढोंगी साधु से अवैध सम्बन्ध थे।ढोंगी साधु उसका कथित गुरु था।रानी ने दही में विष मिलाकर अपने पति को मार डाला।फिर उसकी लाश घर में छिपाकर वह तीर्थयात्रा पर चित्रकूट रवाना हो गई थी।पति की हत्या के समय उसकी आयु 30 वर्ष थी।
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2.महिलाओं की मानसिकता में बदलाव (Change in the Mindset of Women):

  • आमतौर पर माना जाता है कि महिलाएं अपराध करने से हिचकती हैं।खासकर भारत जैसे देश में।जहां वे इस वातावरण में पलकर बड़ी होती हैं कि नम्रता उसकी धरोहर है।वे स्वयं अपनी सुरक्षा की चिंता में ही पतली होती रहती है।बहरहाल,शहरीकरण का बढ़ता कुप्रभाव,नए सामाजिक-आर्थिक दबाव और धीरे-धीरे टूटती हुए वर्षों पुरानी संयुक्त परिवार की परंपरा के माहौल में स्वयं को नए रूप में ‘एडजस्ट’ करने की,अपने मूल्यों को परिभाषित करने की उसे फिक्र हो रही है।वर्जनाएं टूट रही हैं।
  • इसके अलावा वह अब उन नए-नए क्षेत्रों में भी प्रवेश कर रही है,जो कभी केवल पुरुषों की वर्चस्व वाले माने जाते थे।अब उन्हें केवल बंधे-बंधाये परंपरागत विद्यालय शिक्षिका के रूप में ही नहीं देखा जा सकता।अब केवल नर्स के पेशे तक ही वे सीमित नहीं है।अब वे बिजनेस एग्जीक्यूटिव भी हैं,सेल्स रिप्रजेंटेटिव भी हैं।पुलिस अफसर भी हैं,आईएएस भी हैं,पायलट भी हैं और वैज्ञानिक भी।
  • सेना और कुश्ती के क्षेत्र में महिलाओं के लिए ‘वर्जित फल’ समझा जाता था।परन्तु थल सेना में राखी,रोली और रुचि D/o मंजूसिंह चौहान तीनों ने थल सेना में नौकरी करके यह साबित कर दिया है कि महिलाओं के लिए अब कोई भी वर्जित क्षेत्र नहीं है।ट्रक ड्राइवर के पेशे से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों की मालिक,प्रबन्धक और प्रबन्ध निदेशक तक महिलाएँ आगे आ रही हैं।ये तमाम बातें साबित करती हैं कि महिलाओं के परंपरागत व्यवहार और मानसिकता में तेजी से बदलाव आया है।
  • साथ ही शायद इस बदलाव के कारण ही पिछले चार दशकों में महिलाओं की अपराध प्रवृति में भी तेजी से वृद्धि हुई है।’ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट’ ने एक अध्ययन किया था।’भारतीय महिलाओं में अपराध’ शीर्षक से किए गए इस अध्ययन में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे।यह अध्ययन उन महिलाओं पर आधारित था जो विभिन्न अपराधों के तहत आरोपित होने के बाद जेलों में बंद थीं।अध्ययन से पता चला कि महिलाओं द्वारा किए गए अपराधों में काफी तेजी से वृद्धि हुई है।
  • अधिकांश मामलों में पता चला कि महिलाएं योजनाबद्ध तरीके से अपराध नहीं करती।वे न तो रणनीति तैयार करती है,ना सोच-समझकर योजना बनाती हैं,न वे गिरोहों को संचालित करती हैं।अधिकांश मामलों में वे केवल सहयोगी की भूमिका निभाती है।वह अपने प्रेमी के साथ वचनबद्धता निभाते हुए अपराध में उसका साथ देती हैं या फिर अपने परिवार की भलाई के लिए ऐसे आक्रामक कदम उठा लेती है।उसका निशाना आमतौर पर उनके परिवार के ही सदस्य या ऐसे लोग होते हैं जिनके साथ उनके भावनात्मक रिश्ते रहे हों या हों।अध्ययन में पाया गया कि एकल हत्या या सामूहिक हत्या के मामले में अक्सर निशाना पति,बच्चे,पति के संबंधी,प्रेमी या कोई अन्य महिला होती है।कभी-कभी ही कोई अजनबी होता है।
  • एक भी ऐसा मामला प्रकाश में नहीं आया जिसमें किसी महिला ने किसी विशेष कारण से कई हत्याएं एक साथ की हो।सुप्रसिद्ध मनोचिकित्सक के अध्ययन के अनुसार,मार्च 1991 से मार्च 1993 की अवधि में हत्या के लिए 228 महिलाओं को आरोपित किया गया।इनमें से 168 विवाहित थीं।20 शिक्षित थीं।अधिकांश हत्याएँ 30 वर्ष की उम्र में चल रही महिलाओं द्वारा किए गए।228 में से केवल 6 महिलाओं को सामूहिक हत्या के मामले में आरोपित पाया गया।शेष 222 महिलाओं ने अपने जीवन में केवल एक हत्या की।

3.अपराध करने का कारण (Reason for Committing Crime):

  • सामूहिक हत्या या जन-हत्या का कारण अचानक आयी उत्तेजना हो सकता है।दो परिवारों के बीच भिड़ंत इसके कारणों में शामिल है।इसके अलावा संपत्ति या भूमि से जुड़े विवाद भी इसमें शामिल हैं।एक महिला डकैत सरगना पर अध्ययन किया गया।उसने 20 ठाकुरों,कई पिछड़े दलितों की भी हत्या की थी और 12 फरवरी 1983 को राज्य पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था।
  • इस आक्रामकता का कारण “घृणा,बदले की भावना,ईर्ष्या,बंधक बनाकर रखना,अभाव या वंचित करना या फिर बेमेल और बलात यौन संबंध?” फिर सवाल यह है कि उसने समर्पण क्यों किया? इस सवाल का जवाब देना मुश्किल है।बहरहाल,प्रयास यह किया जाये कि उसकी कारुणिक अपराध प्रवृत्ति को समझा जा सके।
  • अध्ययन में यह उजागर हुआ कि यह महिला किस संस्कृति और पृष्ठभूमि में पैदा हुई और पली-बड़ी है।इस मामले में न केवल जाति भावना को समझना होगा जो उस क्षेत्र में अपनी भूमिका रखती है,बल्कि अव्यवस्था और अन्याय के खिलाफ बगावत की परंपरा को भी ध्यान में रखना होगा जो डाकू गिरोह में शामिल होने के लिए पारम्परिक रूप से उकसाती रही है।
  • इस दैहिक शोषण की शिकार महिला के व्यक्तित्व को महिला मनोविज्ञान के रूप में जानना भी जरूरी है।इस महिला की भावनाएं बहुत कम आयु में ही आहत हो गई थी।जब वह एक बूड्ढे पति के साथ बांध दी गई थी।फिर इसके बाद परिवार ने उसे त्याग भी दिया था।यह साबित होता है कि इस महिला द्वारा किया गया सामूहिक नरसंहार एक आवेग और आवेश था जो हिंसा में बदल गया।ऐसा बार-बार भावनाओं को आघात लगने के कारण हुआ।ये भावनाएं कभी परिवार वालों के कारण,कभी मित्रों और साथियों के कारण क्रमवार ढंग से चोटिल की जाती रही।आमतौर पर भावनात्मक रूप से परिपक्व व्यक्ति अपराध नहीं करता।अगर कोई पुरुष या महिला अपराध करता है तो हमें यह समझना होगा कि उसका मनोविज्ञान और सामाजिक स्थिति किस प्रकार की है।मानव जाति विज्ञान के सिद्धांतों पर ही किसी अपराधी का व्यवहार देखना पड़ेगा और प्राचीन संसार के खाके में बिठाकर उसकी पड़ताल की जा सकती है।

4.अपराध करने का उद्देश्य (Motive of Committing Crime):

  • नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं की अपराध वृद्धि में तेजी से इजाफा हो रहा है।इनमें सभी प्रकार के संज्ञेय अपराध शामिल हैं।1990 में 3.1% से बढ़कर यह अपराध दर 1995 में 4.1% हो गयी है।1995 के वर्ष में देशभर में हत्याओं के लिए गिरफ्तार की गई महिलाओं की संख्या 2926 थी।बड़ी संख्या वाले राज्यों महाराष्ट्र में 642,मध्य प्रदेश और आंध्रप्रदेश दोनों में 288-288,गुजरात में 261 और बिहार में 259 महिला हत्यारिनें पकड़ी गयीं।केवल मिजोरम ऐसा राज्य था जहां कोई भी महिला हत्या के अपराध के लिए गिरफ्तार नहीं हुई।दिल्ली में 17 महिलाएं गिरफ्तार हुई जबकि केंद्रशासित प्रदेश अंडमान निकोबार में यह संख्या 5 रही।शहरों के मामले में मुंबई शिखर पर रहा है।वहां 35,जबकि अहमदाबाद और दिल्ली में क्रमशः 30 और 26 महिलाओं को हत्या के अपराध में पकड़ा गया।
  • महिलाओं द्वारा अपराध बढ़ने का एक उदाहरण प्रस्तुत है:
    अमरोहा हत्याकांड अप्रैल 2008 में उत्तर प्रदेश, भारत में शबनम अली और उसके प्रेमी सलीम द्वारा की गई एक पारिवारिक हत्या को संदर्भित करता है, जिसने शबनम अली के परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर उनमें से छह को बेहोश कर दिया और फिर उन्हें मौत के घाट उतार दिया; सातवें शिकार, एक दस महीने के बच्चे की हत्या बिना किसी के की हत्या कर दी गई थी।
  • प्रश्न:क्या शबनम और सलीम को मिली मौत की सजा? (Did Shabnam & Saleem get a death sentence?):
  • उत्तर:अमरोहा सत्र न्यायालय ने 2010 में शबनम और उसके प्रेमी सलीम को मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन केवल 10 दिन बाद ही शीर्ष अदालत ने नाटकीय रूप से डेथ वारंट पर रोक लगा दी। शबनम (दाएं से दूसरे) 2006 में अपने भाई अनीस की शादी में अपने दोस्तों के साथ।
  • प्रश्न:शबनम और सलीम का क्या हुआ? (What happened to Shabnam and Saleem?):
  • उत्तर:यह मामला सुर्खियों में आया – शबनम ने न केवल 10 महीने के बच्चे सहित अपने परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी थी, बल्कि वह उस समय आठ सप्ताह की गर्भवती थी। शबनम और उसके प्रेमी सलीम को हत्याओं का दोषी पाया गया और फांसी की सजा सुनाई गई।
    उसने अपने ही परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी
  • प्रश्न:शबनम और सलीम कौन थी? (Who was Shabnam and Saleem?):
  • उत्तर:एक क्रूर हत्या का मामला जिसने देश भर में सदमे की लहरें भेजीं, उसमें एक लड़की शबनम शामिल थी, जिसे उसके प्रेमी सलीम के साथ उसके परिवार के सभी सदस्यों की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। आरोपी शबनम थी, जो तब 24 साल का थी, जिसने प्रेमी सलीम के साथ जानलेवा योजना को अंजाम दिया था। दोनों फिलहाल मौत की सजा पर हैं।
  • प्रश्न:अमरोहा में शबनम और सलीम के साथ क्या हुआ? (What happened to Shabnam & Saleem?):
  • उत्तर:शबनम और सलीम केस: अमरोहा में हत्या में खत्म हुई प्रेम कहानी।अमरोहा में हत्या में समाप्त हुई प्रेम कहानी। नौ एकड़ में फैले उनके घर में भीषण अपराध सामने आया, जहां दस महीने के बच्चे सहित सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।
  • बहरहाल महिलाओं द्वारा अपराध का यह प्रतिशत कुल मिलाकर पुरुषों के मुकाबले कम ही कहा जाएगा।लेकिन फिर भी है।इसकी वजह चाहे जो हो इसके पीछे कारण भय भी हो सकता है,अपने हितों का डर हो सकता है या ईर्ष्या हो सकती है।ये सारी चीजें मानव मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं।अब महिलाएं धीरे-धीरे अपराध की विभिन्न श्रेणियों में शामिल हो रही हैं।इनमें हत्या,चोरी,व्यभिचार,अपहरण,ब्लैकमेलिंग,तस्करी,अवैध शराब का धंधा,साइबर क्राइम,ऑनलाइन फ्राॅड जैसे अपराध शामिल हैं।कुछ महिलाएं अपने आकर्षण और महिला होने को भी भुना रही हैं।

5.अपराध में महिलाओं का श्रेणी विभाजन (Category Division of Women in Crime):

  • हत्या के मामलों को पांच श्रेणीयों में विभक्त किया जा सकता है।विवाह के बाद महिला जब नये माहौल में स्वयं को एडजस्ट नहीं कर पाती तो ‘कुंठाग्रस्त हत्या’ (फ्रस्टेटेड मर्डर) होती है।इसमें वह लगातार मानसिक दबाव में रहती है।उसके जीवन में विखंडन शुरू हो जाता है और टकराव पैदा होने लगता है।अन्ततः यह घुटन यहाँ तक आती है की हत्या में बदल जाती है।इसके बाद है ‘भावनात्मक हत्या’ (इमोशनल मर्डर)।इसमें व्यक्ति पर भावनाएँ हावी हो जाती हैं।उसका अपना मूल व्यक्तित्व कहीं गुम हो जाता है।
  • वह जिम्मेदारियां महसूस नहीं करती।स्वयं पर से उसका नियंत्रण खत्म हो जाता है।आवेश हावी हो जाता है और आक्रामक कदम उठा लेता है।’बदले की भावना’ (रिवेंज मर्डर) में की गई हत्या में महिला उस व्यक्ति को निशाना बना डालती है जिससे वह घृणा पैदा करती है।बदले की भावना में हत्या का विचार महिला के अंदर बैठा अपराधी पैदा करता है।
  • ‘आकस्मिक हत्या’ (एक्सीडेंटल मर्डर) में महिला के मन में हत्या का वस्तुतः कोई इरादा नहीं होता।ऐसे मामले में महिला आत्मरक्षार्थ आक्रमण कर बैठती है या शारीरिक आक्रमण से बचाव में किए गए उपायों से व्यक्ति मारा जाता है।प्रत्यक्ष रूप से उसका अपराध ‘बिना सोचे-समझे अपराध’ की श्रेणी में रखा जाएगा।यदि महिला समझदार है और सामान्य है और वह हत्या कर देती है तो यह ‘गुमराह हत्या’ (मिस्लेड मर्डर) कहलाएगी।वह या तो सौतन के कारण उभरी मन की भावनाओं में हत्या करती है या फिर कोई दबाव उसे हत्या करने के लिए उकसाता है।ये हत्याएँ या तो विवेक में की जाती है या अर्द्धविवेक की स्थिति में।इनमें यौन अभाव या बौद्धिक अभाव वजह होती है।ये हत्याएं पूरी तरह उसकी अंतरात्मा द्वारा नियंत्रित होती है।
  • प्रत्यक्ष रूप से ऐसे मामलों में लक्ष्य प्राप्ति के लिए उठाए गए कदमों में कुछ गलत नहीं लगता।इसी श्रेणी में अवैध शिशुओं को मार देने वाली महिलाएं आती हैं।उनके अपराध का तात्कालिक उद्देश्य स्पष्ट है।अपने जीवन को मुश्किल में नहीं डालना चाहती।अपने परिवार या ससुराल वालों का भय,खासकर समाज का भय उसके मस्तिष्क में हताश इच्छा उत्पन्न करता है कि वह अवैध संतान से छुटकारा पा ले।
  • लिंडे स्मिथ ने महिला अपराधियों का वर्गीकरण करके उन्हें तीन श्रेणियां में विभक्त किया है।वे आक्रामक महिलाएं जिनका अपराध प्राथमिक रूप से उनके अंदर का विरोधाभास प्रकट करता है,उन्हें लिंडे ने ‘सिंपटोमेटिक’ अपराधी कहा है।परिस्थितियों के मद्देनजर किए गए अपराधों या वातावरण के कारण पनपी अपराध भावनाओं में किए गए जुर्म को उन्होंने ‘सिचुएशनल’ अपराध माना है।जबकि यौन कारणों से किए गए अपराधों को उन्होंने ‘मोरल टाइप’ अपराध माना है।
  • 1995 में हत्या के अपराध में जो युवा महिलाएं गिरफ्तार की गई थीं उनमें 30 से 35 के बीच आयु वाली 1382 महिलाएं हैं।जबकि 18 से 30 के बीच आयु वाली महिलाओं की संख्या 1186 है।50 वर्ष से अधिक आयुवाली महिलाओं ने हत्या जैसा अपराध किया है उसकी तादाद 302 है।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट बताती है कि अविवाहित महिलाओं की अपेक्षा विवाहित महिलाएं अधिक अपराध करती हैं और अधिकांश अशिक्षित होती हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में महिलाओं द्वारा अपराध करने के क्या कारण हैं? (What Are Reasons for Crime by Women?),छात्राएँ अपराध जगत की ओर क्यों मुड़ जाती हैं? (Why Do Female Students Turn to World of Crime?) के बारे में बताया गया है।

Also Read This Article:How to Protect Children from Dangers?

6.गणित को समझने का तरीका (हास्य-व्यंग्य) (How to Understand Mathematics) (Humour-Satire):

  • छात्र (गणित शिक्षक से):सर,थोड़े ठण्डे दिमाग से समझाना।
  • गणित शिक्षक:क्यों?
  • छात्र:बात यह है कि गर्म दिमाग से,जोशीले तरीके से पढ़ाने से मुझे हार्ट अटैक का दौरा पड़ सकता है।

7.महिलाओं द्वारा अपराध करने के क्या कारण हैं? (Frequently Asked Questions Related to What Are Reasons for Crime by Women?),छात्राएँ अपराध जगत की ओर क्यों मुड़ जाती हैं? (Why Do Female Students Turn to World of Crime?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.महिलाओं और पुरुषों द्वारा अपराध करने में क्या अन्तर है? (What is the Difference Between Women and Men Committing Crimes?):

उत्तर:आमतौर पर पुरुषों की मुकाबले स्त्रियाँ कहीं अधिक विनम्र,शांतिप्रिय व संकोची स्वभाव वाली मानी जाती है।आपराधिक गतिविधियों में वे पुरुषों के मुकाबले प्रायः कम ही संलग्न होती है।पर इधर महिलाओं द्वारा किए जा रहे अपराधों में तेजी से इजाफा हो रहा है।

प्रश्न:2.क्या महिलाएं योजनाबद्ध तरीके से अपराध करती हैं? (Do Women Commit Crimes in a Planned Manner?):

उत्तर:अधिकांश मामलों में पता चला है कि महिलाएं योजनाबद्ध तरीके से अपराध नहीं करती।वे न तो रणनीति तैयार करती है,ना सोच समझकर योजना बनाती है,न गिरोहों को संचालित करती हैं।अधिकांश मामलों में वे केवल सहयोगी की भूमिका निभाती है।

प्रश्न:3.बाल आतंकवादी का क्या कारण है? (What Causes Child Terrorists?):

उत्तर:एकाकी परिवार,दूरदर्शन का विकृत रूप और आधुनिकीकरण के दुष्परिणाम तथा उपभोक्तावादी संस्कृति इस समस्या की मूल जड़ है।अभी भी समय है,अगर हम समय रहते नहीं चेते,तो एक उग्र अशालीन,असहनशील पीढ़ी तैयार है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा महिलाओं द्वारा अपराध करने के क्या कारण हैं? (What Are Reasons for Crime by Women?),छात्राएँ अपराध जगत की ओर क्यों मुड़ जाती हैं? (Why Do Female Students Turn to World of Crime?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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