Vector Subspace in Maths
1.गणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Maths),बीजगणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Algebra):
गणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Maths) के इस आर्टिकल में दो सदिश उपसमष्टि का रैखिक योग,उपसमष्टियों का अनुलोम योगफल तथा पूरक समष्टि तथा असंयुक्त उपसमष्टि के बारे में अध्ययन करेंगे।
प्रमेय (Theorem):7.यदि U(F) तथा W(F) सदिश समष्टि V(F) के दो उपसमष्टि हैं तो (U+W) (F) भी उपसमष्टि होगा
(If U(F) and W(F) are two Subspace of the vector space V(F) then (U+W) (F) is also a subspace.)
उपपत्ति (Proof):रैखिक योग U+W=\phi क्योंकि O \in U, O \in W \\ O+O=O \in U+W
अब यदि x, y \in U+W तब x=u_1+w_1, y=u_2+w_2
जहाँ u_1, u_2 \in U ; w_{1}, w_2 \in W
अदिश \alpha, \beta \in F के लिए
\alpha x+\beta y =\alpha\left(u_1+w_1\right)+\beta\left(u_2+w_2\right) \\ =\left(\alpha u_1+\beta u_2\right)+\left(\alpha w_1+\beta w_2\right)
क्योंकि U(F) तथा W(F);V(F) उपसमष्टि हैं इसलिए
\alpha, \beta \in F ; u_1 , u_2 \in U \Rightarrow \alpha u_1+\beta U_2 \in U \cdots(1) \\ \alpha, \beta \in F ; w_1, w_2 \in W \Rightarrow \alpha w_1+\beta w_2 \in W \cdots(2)
(1) व (2) से:
\left(\alpha u_1+\beta u_2\right)+\left(\alpha w_1+\alpha w_2\right) \in U+W \\ \Rightarrow \alpha x+\beta y \in U+W
अतः (U+W) (F) ;V(F) की उपसमष्टि है।
प्रमेय (Theorem):2.माना कि U(F) एवं W(F) सदिश समष्टि V(F) के दो उपसमष्टि हैं निम्न प्रतिबन्ध परस्पर तुल्य हैं:
(i)U \cap W={0}
(ii) प्रत्येक सदिश को x \in U \cap W
अद्वितीय रूप u+w में व्यक्त किया जा सकता है,
जहाँ u \in U, w \in W
अब मान लो x को रूप में अर्थात् u_1 +w_1 तथा u_2+w_2 जहाँ u_{1},u_{2} \in U , w_1, w_2 \in W के रूप में व्यक्त किया जा सकता है तो
x=u_1+w_1=u_2+w_2 \Rightarrow u_1-u_2=w_2-w_1 परन्तु u_1-u_2 \in U(F)
तथा w_2-w_1 \in W(F) क्योंकि U(F) तथा W(F) उपसमष्टि है।
\Rightarrow u_1-u_2=0, w_2-w_1 \in U \cap W=\{0\}
अतः x अद्वितीय रूप u+w में व्यक्त किया जा सकता है।
(ii) विलोमतः अब माना कि x \in U \cap W को अद्वितीय रूप x=u+w में व्यक्त किया जा सकता है।जहाँ u \in W, w \in W
मान लो कि y \in U \cap W \Rightarrow y \in U, y \in W
परन्तु y=y+0 ; y \in U, 0 \in W तथा y=0+y ; 0 \in U, y \in W के रूप में व्यक्त कर सकते हैं।अद्वितीयता के प्रतिबन्ध से y+0=0+y,y=0
अर्थात् U \cap W=\{0\}
प्रमेय (Theorem):3.सिद्ध कीजिए कि किसी सदिश समष्टि V की दो उपसमष्टियों तथा का संघ एक उपसमष्टि होता है यदि और केवल यदि W_1 \subset W_2 या W_2 \subset W_1
(Prove that the union of two subspaces and of a vector space V is subspace iff either W_1 \subset W_2 or W_2 \subset W_1.)
उपपत्ति (Proof):प्रतिबन्ध कि आवश्यकता (Necessary Conditions):
माना कि सदिश समष्टि V की W_1 तथा W_2 ऐसी दो उपसमष्टियाँ हैं कि W_1 \subset W_2 या W_2 \subset W_1 तब
W_1 \cup W_2=W_2 या W_1 \cup W_2=W_1 चूँकि W_1 तथा W_2 दोनों V की उपसमष्टियाँ हैं इसलिए W_1 \cup W_2 भी सदिश समष्टि V की उपसमष्टि है।
प्रतिबन्ध की पर्याप्तता (Sufficient Conditions):
माना कि W_1 \cup W_2 सदिश समष्टि V की एक उपसमष्टि है तब हम सिद्ध करेंगे कि W_1 \subset W_2 अथवा W_2 \subset W_1
यदि संभव हो तो माना कि W_1 \not \subset W_2 \\ \therefore W_1 \not \subset W_2 \Rightarrow \exists w_1 \in W_1 एवं w_1 \notin W_2 \cdots(1)
इसी प्रकार W_2 \not \subset W_1 \Rightarrow \exists w_2 \in W_2 एवं w_2 \notin W_1 \cdots (2)
परन्तु w_1 \in W_1 \Rightarrow w_1 \in W_1 \cup W_2
तथा w_2 \in W_2 \Rightarrow w_2 \in W_1 \cup W_2
क्योंकि W_1 \cup W_2 उपसमष्टि है इसलिये
w_1 \in W_1 \cup W_2, w_2 \in W_1 \cup W_2 \Rightarrow w_1+w_2 \in W_1 \cup W_2 \\ w_1+w_2 \in W_1 \cup W_2 \Rightarrow w_1+w_2 \in W_1 या w_1+w_2 \in W_2
अब यदि w_1+w_2 \in W_1 साथ ही W_1,V की उपसमष्टि होने से:
w_1 \in W_1, w_1+w_2 \in W_1 \Rightarrow-w_1 \in W_1, w_1+w_2 \in W_1 \\ \Rightarrow-w_1+ \left(w_1+w_2\right) \in W_1 \Rightarrow\left(-w_1+w_1\right)+w_2 \in W_1 \\ \Rightarrow 0+w_2 \in W_1 \Rightarrow w_2 \in W_1
जो कि (2) का विरोधाभास है।साथ ही w_1+w_2 \in W_2 तथा V को उपसमष्टि W_2 होने से:
w_1+w_2 \in W_2, w_2 \in W_2 \Rightarrow\left(w_1+w_2\right)-w_2 \in W_2 \\ \Rightarrow \left(w_1+w_2\right)-w_2 \in W_2 \\ \Rightarrow w_1+\left(w_2-w_2\right) \in W_2 \\ \Rightarrow w_1+0 \in W_2 \\ \Rightarrow w_1 \in W_2
जो कि (1) का विरोधाभास है।
उपर्युक्त दोनों विरोधाभास होने से सिद्ध होता है कि W_1 \subset W_2 अथवा W_2 \subset W_1
प्रमेय (Theorem):4.एक सदिश समष्टि V(F) का अपनी दो उपसमष्टियों U(F) और W(F) का अनुलोम योगफल होने के आवश्यक तथा पर्याप्त प्रतिबन्ध निम्न हैं:
(The necessary and sufficient conditions for a vector-subspace-in-algebra space V(F) to be the direct sum of two of its subspaces U(F) and W(F) are
(i)V=U+W (ii) U \cap W={0}
उपपत्ति (Proof):(a) प्रतिबन्धों की आवश्यकता (Necessary Conditions):
माना कि सदिश समष्टि V(F) अपनी उपसमष्टियों U और W का अनुलोम योगफल अर्थात् V=U \oplus W तब परिभाषानुसार V के प्रत्येक अवयव v को U के एक अवयव u और W के एक अवयव w के योगफल रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है।
अर्थात् v=u+w
इस प्रकार (i) प्रतिबन्ध सन्तुष्ट होता है।
अब (ii) प्रतिबन्ध की सन्तुष्टि के लिए यदि सम्भव है, माना
U \cap W \neq\{0\},
तब कोई अशून्य सदिश x,U \cap W में विद्यमान है।
इसलिए हम लिख सकते हैं कि
x=x+0 जहाँ x \in U तथा 0 \in W
उपर्युक्त से यह निष्कर्ष निकाला निकलता है कि एक अशून्य सदिश x \in V कम से कम दो प्रकार से U के एक अवयव तथा W के एक अवयव योगफल द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।यह हमारी इस अवधारणा के विपरीत है कि यह प्रदर्शन अद्वितीय होना चाहिए।
अतः केवल 0 ही ऐसा एक सदिश है जो U तथा W में उभयनिष्ठ है अर्थात्
U \cap W =\{0\}
(b) प्रतिबन्धों की पर्याप्तता (Sufficient Conditions):
माना कि (i) v=u+w तथा U \cap W = \{0\} सन्तुष्ट होती है तो हमको प्रदर्शित करना है कि V का प्रत्येक अवयव अद्वितीय रूप से U के एक अवयव तथा W के एक अवयव के योगफल से व्यक्त किया जा सकता है।
प्रतिबन्ध v=u+w से अर्थ निकलता है कि V का प्रत्येक अवयव U के एक अवयव तथा W के एक अवयव के योगफल से व्यक्त होता है। अब यह सिद्ध करना है कि यह योगफल अद्वितीय है।
यदि सम्भव है तो माना कि V का कोई अवयव निम्न प्रकार व्यक्त होता है
v=u_{1}+w_{1} जहाँ u_1 \in U तथा w_1 \in W
तथा v=u_{2}+w_{2} जहाँ u_2 \in U तथा w_2 \in W
अतः u_{1}+w_{1}=u_{2}+w_{2}
या u_1-u_2=w_2-w_1 \in U\cap W
[चूँकि u_1-u_2 \in U तथा w_2-w_1 \in Wऔर u_1-u_2=w_2-w_1 ]
अब दिए हु प्रतिबन्ध (ii)U \cap W=\{0\} से यह निष्कर्ष निकलता है कि
u_1-u_2=w_2-w_1=0
अतः u_1=u_2 तथा w_2=w_1
इससे प्रमाणित होता है कि योगफल अद्वितीय है।
अतः V=U \oplus W
अथवा V=U \oplus W \Leftrightarrow V=U+W तथा U \cap W=\{0\}
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2.गणित में सदिश उपसमष्टि पर आधारित उदाहरण (Examples Based on Vector Subspace in Maths):
Example:1.निम्न में से प्रत्येक स्थिति में प्रदर्शित करिए कि कौन से समुच्चय W(R) सदिश समष्टि V_{3}(R) का उपसमष्टि है या नहीं:
(For each of the following cases determine whether the set W(R) is a subspace of the vector Space V_{3}(R) or not.)
Example:1(i) W=\{(a, b, c) \mid a+b+2 c=0 ; a, b, c \in R\}
Solution: W=\{(a, b, c) \mid a+b+2 c=0 ; a, b, c \in R\} \\ V_3=\{(a, b, c \mid a, b, c \in R\}
माना w_1=\left(a_1, b_1, c_{1}\right) \in W
तथा w_2=\left(a_2, b_2, c_2\right) \in W \\ a_1+b_1+2 c_1=0 तथा a_2+b_2+2 c_2=0 \\ \Rightarrow a_1=-b_1-2 c_1 तथा a_2=-b_2-2 c_{2}
अब यदि \alpha, \beta \in R तो
\alpha w_1+\alpha w_2=\alpha\left(a_1, b_1, c_1\right)+\beta\left(a_2, b_2, c_2\right) \\ = \alpha \left(-b_1-2 c_1, b_1, c_1\right)+\beta\left(-b_2-2 c_2, b_2, c_2\right) \\ =(\left(\alpha\left(-b_1-2 c_1\right) +\beta\left(-b_2-2 c_2\right),\alpha b_1+\beta b_2, \alpha c_1+\beta c_2\right) ) \\ = \alpha\left(-b_1-2 c_1\right)+\beta\left(-b_2-2 c_2\right)+\alpha a_1+\beta b_2+2 \alpha c_1+2 \beta c_2 \\ =-\alpha b_1-2 \alpha c_1-b_2 \beta-2 \beta c_2+\alpha b_1+\beta b_2 +2 \alpha c_1+2 \beta c_2 \\ = 0 \\ \Rightarrow \alpha w_1+\alpha w_2=0
अतः \alpha, \beta \in R तथा w_1, w_2 \in W \Rightarrow \alpha w_1+\beta w_2 \in W
W(R), सदिश समष्टि V_{3}(R) की सदिश उपसमष्टि है।
Example:1(ii) W=\{(x, x, x) \mid x \in R\}
Solution: W=\{(x, x, x) \mid x \in R\} \\ V_3=\{(x, x, x) \mid x \in R\}
माना w_1=(x, x, x) \in W
तथा w_2=(y, y, y) \in W
अब यदि \alpha, \beta \in R तो
\alpha w_1+\beta w_2=\alpha(x, x, x)+\beta(y, y, y) \\ \Rightarrow \alpha w_1+\beta w_2=(\alpha x+\beta y, \alpha x+\beta y, \alpha x+\beta y) \in W
अतः \alpha, \beta \in R तथा w_1; w_2 \in R \Rightarrow \alpha w_1+\alpha w_2 \in W
फलतः W(R), सदिश समष्टि V_3(R) की सदिश उपसमष्टि है।
Example:1(iii) W=\{(x, y, z) \mid x, y, z \in Q\}
Solution: W=\{(x, y, z) \mid x, y, z \in Q\} \\ V_3=\left\{(x, y, z)|x, y,z \in Q \right\}
माना w_1=\left(x_1, y_1, z_1\right) \in W
तथा w_2=\left(x_2, y_2, z_2\right) \in W
अब यदि तो \alpha, \beta \in Q \\ \alpha w_1+\beta w_2=\alpha\left(x_1, y_1, z_1\right)+\beta \left(x_2, y_2, z_2\right) \\ =\left(\alpha x_1, \alpha y_1+\alpha z_1\right)+\left(\beta x_2, \beta y_2, \beta z_2\right) \\ \Rightarrow \alpha w_1+\beta w_2=\left(\alpha x_1+\beta x_2, \alpha y_1+\beta y_2, \alpha z_1+\beta z_2\right) \\ \left[-\alpha x_1+\beta x_2, \alpha y_1+\beta y_2, \alpha z_1+\beta z_2 \notin Q\right] \notin W
अतः \alpha,\beta \in R तथा w_1, w_2 \in R \Rightarrow \alpha w_1+\alpha w_2 \in W
W(R), सदिश समष्टि V_{3}(R) की सदिश उपसमष्टि नहीं है।
Example:2.निम्न प्रतिबन्धों के सम्पूर्ण त्रिकों \left(x_1, x_2, x_3\right) के समुच्चय पर विचार करिए कि समुच्चय सदिश समष्टि V_{3}(R) का उपसमष्टि है या नहीं।
(Consider the set of all triples of real numbers \left(x_1, x_2, x_3\right) subject to the condition stated below. In each case determine whether the set forms a subspace of V_{3}(R).):
Example:2(i)x_1, x_2, x_3 परिमेय संख्याएँ हैं (are rational numbers)
Solution: x_1, x_2, x_3 परिमेय संख्याएँ हैं
W=\left\{\left(x_1, x_2, x_3\right) \mid x_1, x_2, x_3 \in Q\right\}
अब w_1=(4,5,6) \in W तथा \alpha=\sqrt{7} \in R \\ W_1 \alpha=\sqrt{7}(4,5,6)=(4 \sqrt{7}, 5 \sqrt{7}, 6 \sqrt{7})\not \in W \\ 4 \sqrt{7}, 5 \sqrt{7}, 6 \sqrt{7} \notin Q
W अदिश गुणन के लिए संवृत्त नहीं है।
फलतः W, V_{3}(R) की सदिश उपसमष्टि नहीं है।
Example:2(ii)x_1=5 x_2
Solution: W=\left\{\left(x_1, x_2\right) \mid x_1, x_2 \in R\right\} \\ v_3=\left\{\left(x_1, x_2\right) \mid x_1, x_2 \in R\right\}
माना w_1=\left(x_1, x_2\right) \in W \\ w_2=\left(y_1, y_2\right) \in W \\ \Rightarrow x_1=5 x_2 तथा y_1=5 y_2
अब यदि \alpha, \beta \in R तो
\alpha w_1+\beta w_2=\alpha\left(x_1, x_2\right)+\beta\left(y_1, y_2\right)\\ =\left(\alpha x_1, \alpha x_2\right)+\left(\beta y_1, \beta y_2\right)\\ =\left(\alpha x_1+\beta y_1, \alpha x_2+\beta y_2\right)\\ =\left(\alpha\left(5 x_2\right)+\beta\left(5 y_2\right), \alpha x_2+\beta y_2\right)\\ \alpha w_1+\beta w_2=\left(5 \alpha x_2+5 \beta y_2, \alpha x_2+\beta y_2\right) \in W\\ \left[\because 5 \alpha x_2+5 \beta y_2=5 \alpha x_2+5 \beta y_2\right]\\ \Rightarrow \alpha w_1+\beta w_2=0
अतः \alpha, \beta \in R तथा w_1, w_2 \in W \Leftrightarrow \alpha w_1+\beta w_2 \in W
W(R), सदिश समष्टि V_{3}(R) की उपसमष्टि है।
Example:2(iii) x_1=-x_2
Solution: W=\left\{\left(x_1, x_2\right) \mid x_1, x_2 \in R\right\} \\ V_3=\left\{\left(x_1, x_2\right) \mid x_1, x_2 \in R\right\}
माना w_1=\left(x_1, x_2\right), w_2=\left(y_1, y_2\right) \\ \Rightarrow x_1=-5 x_2 तथा y_1=-5 y_2 \\ \Rightarrow x_1+5 x_2=0, \quad y_1+5 y_2=0
अब यदि \alpha, \beta \in R तो
\alpha w_1+\beta w_2=\alpha\left(x_1, x_2\right)+\beta\left(y_1, y_2\right) \\ =\alpha\left(-5 x_2, x_2\right)+\beta\left(-5 y_2, y_2\right) \\ =\left(-5 \alpha x_2-5 \beta y_2, \alpha x_2+\beta y_2\right) \in W \\ =\left(-5 \alpha x_2-5 \beta y_2+5 \alpha x_2+5 \beta y_2\right) \\ =0 \\ \Rightarrow \alpha w_1+\beta w_1=0
अतः \alpha, \beta \in R तथा w_1, w_2 \in W \Rightarrow \alpha w_1+\beta w_2 \in W
W(R), सदिश समष्टि V_{3}(R) की उपसमष्टि है।
Example:2(iv) x_1, x_2 \geq 0
Solution: W=\left\{\left(x_1, x_2\right) ; x_1, x_2 \geq 0\right\}
माना w_1=(1,2) \in W, \alpha=-\sqrt{5} \in R
अब \alpha w_1=-\sqrt{5}(1,2) \\ \Rightarrow \alpha w_{1}=(-\sqrt{5},-2 \sqrt{5}) \notin W
क्योंकि -\sqrt{5} \ngeq 0,-2 \sqrt{5} \ngeq 0
अतः W, अदिश गुणन के लिए संवृत्त नहीं है।
फलतः W(R), V_{3}(R) सदिश समष्टि की उपसमष्टि नहीं है।
Example:2(v) x_1=1
Solution: W=\left\{x_1 \mid x_1=1\right\}
अब w_1=1 \in W, \alpha=\sqrt{2} \in R \\ w_{1} \alpha=\sqrt{2}(1)=\sqrt{2} \notin W
क्योंकि \sqrt{2} \neq 1
अतः W, अदिश गुणन के लिए संवृत्त नहीं है।
फलतः W(R),V_{3}(R) सदिश समष्टि की उपसमष्टि नहीं है।
Example:2(vi) x_1 \geq 0
Solution: w=\left\{x_1 \mid x_1 \geq 0\right\}
अब w_1=x_1 \in W, \alpha=-\sqrt{3} \\ \alpha w_1=-\sqrt{3} x_1 \notin W
क्योंकि -\sqrt{3} x_{1} \neq 0
अतः W, अदिश गुणन के लिए संवृत्त नहीं है।
फलतः W(R),V_{3}(R) सदिश समष्टि की उपसमष्टि नहीं है।
Example:2(vii) x_2=x_1^2
Solution: W=\left\{\left(x_1, x_2\right) \mid x_2=x_1^2\right\} \\ V=\left\{\left(x_1, x_2\right) \mid x_2=x_1^2\right\}
माना w_1=\left(x_1, x_2\right), w_2=\left(y_1 , y_2\right) \\ \Rightarrow x_2=x_1^2 तथा y_2=y_1^2
अब यदि \alpha, \beta \in R तो
\alpha w_1+\beta w_2 =\alpha\left(x_1, x_2\right)+\beta\left(y_1, y_2\right) \\ =\alpha\left(x_1, x_1^2\right)+\beta\left(y_1, y_1^2\right) \\ =\left(\alpha x_1+\beta y_1, \alpha x_1^2+\beta y_1^2\right) \notin W \\ \left[\because \alpha x_1^2+\beta y_1^2 \neq\left(\alpha x_1+\beta y_1\right)^2\right]
W(R), V_{3}(R) सदिश समष्टि की उपसमष्टि नहीं है।
Example:3.निम्न प्रतिबन्धों के अन्तर्गत परीक्षण करिए कि V_{n}(R) के निम्न सदिशों
V=\left(v_1, v_2, v_3 ; \ldots v_n\right)
के समुच्चयों में से कौन-कौन सी के उपसमष्टि हैं,. n \geq 3
(Examine which of the following set of all vectors
V=\left(v_1, v_2, v_3 ; \ldots v_n\right) \in V_{n}(R)
subject to the following conditions are subspaces of V_{n}(R)
Example:3(i). \forall v, v_1 \geq 0
Solution: W=\left\{v_1 \mid v_1 \geq 0\right\} \\ v_1=\left(v_1, v_2, v_3, \ldots, v_n\right) \in V_n(R) \\ w_1=v_1, w_2=v_2
अब यदि \alpha, \beta \in R तो
\alpha w_1+\beta w_2=\alpha v_1+\beta v_2 \notin W \\ \alpha v_1+\beta v_2 \ngeq 0
यदि w_1=2, \alpha=-\frac{1}{5} तो \alpha v_1=-\frac{2}{5}\\ w_2=3, \beta=-\frac{1}{7} तो \beta v_2=-\frac{3}{7} \\ \alpha w_1+\beta w_2=-\frac{2}{5}-\frac{3}{7} \ngeq 0
W,V_{n}(R) की उपसमष्टि नहीं है।
Example:3(ii). \forall v, v_1, v_2=0
Solution: v=\left(v_1, v_2, v_3, \ldots, v_n\right) \in V_n(R) \\ w_1=v_1, w_2=v_2
अब यदि \alpha, \beta \in R तो
\alpha w_1+\beta w_2=\alpha v_1+\beta v_2 \notin W
W,V_{n}(R) की उपसमष्टि नहीं है।
Example:3(iii) \forall v, v_1+3 v_2=v_3
Solution: W=\left\{\left(v_1, v_2, v_3\right) \mid v_1, v_2, v_3 \in R\right\} \\ v=\left(v_1, v_2, v_3, \ldots, v_n\right) \in V_n(R) \\ w_1=\left(v_1, v_2, v_3\right), w_2=\left(u_1, u_2 , u_3\right) \\ \Rightarrow v+3 v_2=v_3, u_1+3 u_2=u_3
अब यदि \alpha, \beta \in R तो
\alpha w_1+\beta w_2=\alpha\left(v_1, v_2, v_3\right)+\beta\left(u_1, u_2, u_3\right) \\=\alpha \left(v_1, v_2, v_1+3 v_2\right)+\beta \left(u_1, u_2, u_1+3 u_2\right)\\ =\alpha v_1+\beta u_1, \alpha v_2+3 \beta u_2=\alpha v_1+3 \alpha v_2+\beta u_1+3 \beta u_2\\ =\alpha v_1+3 \alpha v_2+\beta u_1+3 \beta u_2=\alpha v_1+3 \alpha v_2+\beta u_1+3 \beta u_2
अतः \alpha, \beta \in R तथा w_1, w_2 \in W \Rightarrow \alpha w_1+\beta w_2 \not \in W
फलतः W(R), V_{n}(R) सदिश समष्टि की सदिश उपसमष्टि है।
Example:3(iv) \forall v, v_1+v_2+\cdots+v_n=c
Solution: W=\left\{\left(v_1, v_2, v_3 \ldots v_n\right) \mid v_1+v_2+\cdots+v_n=c\right\} \\ v=\left(v_1, v_2, v_3, \cdots, v_n\right) \in V_n(R) \\ w_1=\left(v_1, r_2, v_3, \cdots v_n\right), w_2=\left(u_1, v_2, u_3,\cdots u_n\right) \\ \Rightarrow v_1+v_2+v_3+\cdots+v_n=c, u_1+u_2+ u_3+\cdots+u_n=c
अब यदि \alpha, \beta \in R तो
\alpha w_1+\beta w_2=\alpha\left(v_1, v_2 v_3 \ldots v_n\right)+\beta\left(u_1, v_2, u_3,\ldots u_n\right) \\ =\alpha\left(v_1+v_2+v_3+\ldots+v_n\right)+\beta\left(v_1+v_2+u_3+\ldots+u_n\right) \\ =\alpha C+\beta C \\ \Rightarrow \alpha w_1+\beta w_2=(\alpha+\beta) c \in W
अतः \alpha, \beta \in R तथा w_1, w_2, \in W \Rightarrow \alpha w_1+\beta w_2 \in W
फलतः W(R),V_{n}(R) सदिश समष्टि की सदिश उपसमष्टि है।
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा गणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Maths),बीजगणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Algebra) को समझ सकते हैं।
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3.गणित में सदिश उपसमष्टि के सवाल (Vector Subspace in Maths Questions):
(1.)माना फील्ड F पर V एक सदिश समष्टि है,एक नियत v \in V के लिए माना W_v=\{\alpha v \mid \alpha \in F\} तब सिद्ध करो कि उपसमष्टि है।
(Let V be a vector space over a field F for a fixed v \in V.Let W_v=\{\alpha v \mid \alpha \in F\} then W_{v} is a subspace of V.)
(2.)यदि \alpha, \alpha_2, \alpha_3 किसी क्षेत्र F का स्थिर अवयव हो तो सिद्ध कीजिए कि समुच्चय W=\left\{\left(x_1, x_2, x_3\right) \mid x_1, x_2, x_3 \in F ;\alpha_{1} x_1+\alpha_2 x_2+x_3 x_3=0\right\} सदिश समष्टि का एक उपसमष्टि है।
(If \alpha, \alpha_2, \alpha_3 are fixed elements of a field F, then prove that the set W=\left\{\left(x_1, x_2, x_3\right) \mid x_1, x_2, x_3 \in F ;\alpha_{1} x_1+\alpha_2 x_2+x_3 x_3=0\right\} is a Subspace of the Vector V_{3}(F).)
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर गणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Maths),बीजगणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Algebra) को ठीक से समझ सकते हैं।
4.गणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Maths),बीजगणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Algebra) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.दो सदिश उपसमष्टि के रैखिक योग से क्या तात्पर्य है? (What is the Meant by Linear Sum of two Vector Subspaces?):
उत्तर:यदि U(F) एवं W(F) सदिश समष्टि V(F) के अरिक्त उपसमुच्चय हैं और इनका रैखिक योग निम्न प्रकार परिभाषित करते हैं: v+w=\{u+w \mid u \in U, w \in W\}
प्रश्न:2.उपसमष्टियों का अनुलोम योगफल तथा पूरक समष्टि किसे कहते हैं? (What is Direct Sum of Subspaces and Complementary Subspaces?):
उत्तर:एक सदिश समष्टि V(F) अपनी दो उपसमष्टियों U(F) और W(F) का अनुलोम योगफल (Direct Sum) कहलाता है यदि V(F) का प्रत्येक अवयव अद्वितीय रूप से U के एक अवयव और W के एक अवयव के योगफल के रूप में इसी क्रम से व्यक्त हो सके।इस अनुलोम योगफल को हम V(F)=U \oplus W
द्वारा व्यक्त करते हैं। ऐसी दशा में U तथा W परस्पर पूरक उपसमष्टियाँ (Complementary Subspaces) कहलाती है।
प्रश्न:3.असंयुक्त उपसमष्टि किसे कहते हैं? (What is Disjoint Subspaces?):
उत्तर:यदि U(F) तथा W(F) सदिश समष्टि V(F) के दो उपसमष्टि हों तो U, W असंयुक्त उपसमष्टि कहलाती हैं यदि U \cap W={0}
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Maths),बीजगणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Algebra) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Vector Subspace in Maths
गणित में सदिश उपसमष्टि
(Vector Subspace in Maths)
Vector Subspace in Maths
गणित में सदिश उपसमष्टि (Vector Subspace in Maths) के इस आर्टिकल में दो सदिश
उपसमष्टि का रैखिक योग,उपसमष्टियों का अनुलोम योगफल तथा पूरक समष्टि तथा
असंयुक्त उपसमष्टि के बारे में अध्ययन करेंगे।