Use Duality to Solve LPP
1.रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का द्वैत सिद्धान्त से हल करना (Use Duality to Solve LPP),दी गई समस्या की द्वैती लिखकर उसे सिम्पलेक्स विधि द्वारा हल करें (Write Dual of Given Problem and Solve it by Simplex Method):
रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का द्वैत सिद्धान्त से हल करने (Use Duality to Solve LPP),को समझने के लिए कुछ सवालों को इस विधि से हल करेंगे।
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2.रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का द्वैत सिद्धान्त से हल करना के साधित उदाहरण (Use Duality to Solve LPP Solved Examples):
निम्न रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं को उनकी द्वैत सिद्धान्त के प्रयोग से हल कीजिए।
(Use duality to solve the following L.P.P.’s):
Example:1.अधिकतम करो (Max.) Z=2x_1+x_2
प्रतिबन्ध (s.t.) x_1+2 x_2 \leq 10 \\ x_1+x_2 \leq 6 \\ x_1-x_2 \leq 2 \\ x_1-2 x_2 \leq 1 \\ x_1, x_2 \leq 0
Solution:दी गई आद्य समस्या मानक रूप में है,अतः इसकी द्वैती निम्न प्रकार होगी:
न्यूनतम करो: Z_D=10 w_1+6 w_2+2 w_3+w_4
प्रतिबन्ध w_1+w_2+w_3+w_4 \geq 2 \\ 2 w_1+w_2-w_3-2 w_{4} \geq 1 \\ w_1, w_2, w_3, w_4 \geq 0
प्रतिबन्ध को समीकरणों में परिवर्तन करने हेतु आधिक्यपूरक चरों का समावेश करने पर तथा उद्देश्य फलन को अधिकतम रूप में लिखने पर उपर्युक्त द्वैत समस्या निम्नांकित है:
अधिकतम करोः Z^*=-10 w_1-6 w_2-2 w_3 w_4 +0 w_5+0w_6
प्रतिबन्ध w_1+w_2+w_3+w_4-w_5+0 w_6=2 \\ 2 w_1+w_2-w_3-2 w_4+0 w_5-w_6=1 \\ W_i \geq 0, i=1,2,3,\ldots 6
यहाँ पर आधारी मैट्रिक्स B(e_1,e_2) की प्राप्ति हेतु प्रथम व द्वितीय असमिका में कृत्रिम चर क्रमशः w_7, w_8 जोड़ने तथा उद्देश्य फलन में मूल्य -M रखने पर जहाँ M एक बहुत बड़ी धनात्मक संख्या है।
अधिकतम करो: Z^*=-10 w_1-6 w_2-2 w_3-w_4+0 w_5 +0 w_6-M w_7-M w_8
प्रतिबन्ध w_1+w_2+w_3+w_4-w_5+0 w_6+w_7+0 w_8=2 \\ 2 w_1+w_2-w_3-2 w_4+0 w_5-w_6+0 w_7+w_8=1
तथा w_i \geq 0, i=1,2,3,4, \ldots 8
अतः प्रतिबन्ध निकाय में गुणांक मैट्रिक्स
A=\left[\begin{array}{cccccccc} 1 & 1 & 1 & 1 & -1 & 0 & 1 & 0 \\ 2 & 1 & -1 & -2 & 0 & -1 & 0 & 1 \end{array}\right]=\left(\alpha_1 \alpha_2 \alpha_3 \alpha_4 \alpha_5 \alpha_6 \alpha_7 \alpha_8 \right) (माना)
प्रारम्भिक आधार B=(\alpha_7,\alpha_8)=I_2 लेने पर,प्रारम्भिक सिम्पलेक्स सारणी निम्न प्रकार है:
प्रथम सिम्पलेक्स सारणी
अतः प्रथम सिम्पलेक्स सारणी से स्पष्ट है कि प्रारम्भिक आधार इष्टतम हल नहीं है,क्योंकि Z^{*}_{j}-C_{j} के मान ऋणात्मक हैं i.e. Z^{*}_{1}-C_{1}=-3M+10 जो कि न्यूनतम राशि है तथा यह मान प्रथम स्तम्भ में है,इसलिए \alpha_1 प्रवेशी सदिश है।
पुनः \underset{i}{\text{निम्नतम}}\left\{\frac{x_{B i}}{y_{i 1}}, y_{i 1}>0\right\}=\underset{i}{\text{निम्नतम}}\left\{\frac{2}{1}, \frac{1}{2}\right\} \\ =\frac{1}{2}=\frac{W_{B2}}{y_{21}}
अतः y_{21} अर्थात् 2 मुख्य अवयव (key element) तथा \alpha_8 अपगामी सदिश (departing vector) होगा।अतः सामान्य रूपान्तरणों से नवीन सारणी निम्न प्रकार होगी:
द्वितीय पंक्ति (मुख्य अवयव वाली पंक्ति) (working rule):
द्वितीय पंक्ति मुख्य अवयव वाली पंक्ति है।अतः इसे तैयार करने हेतु प्रथम सारणी की द्वितीय पंक्ति के प्रत्येक अवयव में मुख्य अवयव 2 का भाग देने पर द्वितीय सारणी की द्वितीय पंक्ति तैयार होगी:
\frac{1}{2}, \frac{2}{2}=1, \frac{1}{2},-\frac{1}{2},-\frac{2}{2}=-1, \frac{0}{2}=0,-\frac{1}{2}, \frac{0}{2}=0
प्रथम पंक्ति:द्वितीय सारणी की प्रथम पंक्ति को तैयार करने के लिए प्रथम सारणी की प्रथम पंक्ति के प्रत्येक अवयव में से मुख्य अवयव वाली पंक्ति के अवयवों अर्थात् उपर्युक्त अवयवों को मुख्य अवयव के संगत अवयव 1 से गुणा करके घटा देंगे:
2-\frac{1}{2} \times 1=\frac{3}{2}, 1-1 \times 1=0,1-\frac{1}{2} \times 1=\frac{1}{2}, 1-\left(-\frac{1}{2}\right) \times 1 \\ =\frac{3}{2}, 1-(-1) \times 1=2,-1-0 \times 1=-1,0-\left(-\frac{1}{2}\right) \times 1 \\=\frac{1}{2}, 1-0 \times 1=1
द्वितीय सिम्पलेक्स सारणी
अतः द्वितीय सिम्पलेक्स सारणी से स्पष्ट है कि प्रारम्भिक आधार इष्टतम हल नहीं है,क्योंकि Z^{*}_{j}-C_{j} के मान ऋणात्मक है i.e. Z^{*}_{4}-C_{4}=-2M+1 जो कि न्यूनतम राशि है तथा यह मान चतुर्थ स्तम्भ में है,इसलिए \alpha_4 प्रवेशी सदिश है।
पुनः \underset{i}{\text{निम्नतम}}\left\{\frac{x_{B i}}{y_{i 4}}, y_{i 4}>0\right\}=\underset{i}{\text{निम्नतम}} \left\{\frac{\frac{3}{2}}{1} \right\} \\ =\frac{1}{2}=\frac{W_{B1}}{y_{14}}
अतः y_{14} अर्थात् 2 मुख्य अवयव (key element) तथा \alpha_7 अपगामी सदिश (departing vector) होगा। \alpha_7 कृत्रिम चर है अतः इसे नवीन सारणी में शामिल नहीं करेंगे।अब सामान्य रूपान्तरणों से नवीन सारणी निम्न प्रकार होगी:
प्रथम पंक्ति (मुख्य अवयव वाली पंक्ति) (working rule):
द्वितीय सारणी की प्रथम पंक्ति मुख्य अवयव वाली पंक्ति है।अतः तृतीय सारणी की प्रथम पंक्ति तैयार करने हेतु द्वितीय सारणी की प्रथम पंक्ति के प्रत्येक अवयव में मुख्य अवयव 2 का भाग देंगे।
\frac{\frac{3}{2}}{2}=\frac{3}{4}, \frac{0}{2}=0, \frac{\frac{1}{2}}{2}=\frac{1}{4} \frac{\frac{3}{2}}{2}=\frac{3}{4}, \frac{2}{2}=1 \\ -\frac{1}{2}, \frac{\frac{1}{2}}{2}=\frac{1}{4}
द्वितीय पंक्ति:तृतीय सारणी के लिए द्वितीय पंक्ति तैयार करने हेतु द्वितीय सारणी की द्वितीय पंक्ति के अवयवों में से मुख्य अवयव वाली पंक्ति के प्रत्येक अवयव अर्थात् उपर्युक्त अवयवों को मुख्य अवयव के संगत अवयव -1 से गुणा करके घटा देंगे।
\frac{1}{2}-\frac{3}{4} \times-1=\frac{5}{4}, 1-0 \times -1=1, \frac{1}{2}-\frac{1}{4} \times-1=\frac{3}{4}, \\ -\frac{1}{2}-\left(\frac{3}{4}\right) \times-1=\frac{1}{4},-1-1 \times-1=0,0-\left(-\frac{1}{2}\right)-1=-\frac{1}{2},\\-\frac{1}{2}-\frac{1}{4} \times-1=-\frac{1}{4}
तृतीय सिम्पलेक्स सारणी
\begin{array}{|ccc|c|cccccc|} \hline & & & C_{i} \rightarrow & -10 & -6 & -2 & -1 & 0 & 0 \\ \hline C_{B} & B & X_B & b & y_1 & y_2 & y_3 & y_4 & y_5 & y_6 \\ \hline -1 & \alpha_4 & w_4 & \frac{3}{4} & 0 & \frac{1}{4} & \frac{3}{4} & 1 & -\frac{1}{2} & \frac{1}{4}\\ -10 & \alpha_1 & w_1 & \frac{5}{4} & 1 & \frac{\fbox{3}}{\fbox{4}} & \frac{1}{4} & 0 & -\frac{1}{2} & -\frac{1}{4} \\ \hline & & & Z_{j}^*-C_{j}\rightarrow & 0 & -\frac{7}{4} & -\frac{5}{4} & 0 & \frac{11}{2} & \frac{9}{4} \\ \hline & & & & \downarrow & \uparrow& & & & \end{array}
तृतीय सिम्पलेक्स सारणी से स्पष्ट है कि प्रारम्भिक आधार इष्टतम नहीं है, क्योंकि Z^{*}_{j}-C_{j} के मान ऋणात्मक हैं i.e. Z^{*}_{2}-C_{2}=-\frac{7}{4} जो कि न्यूनतम राशि है तथा यह मान द्वितीय स्तम्भ में है इसलिए \alpha_{2} प्रवेशी सदिश है।
पुनः \underset{i}{\text{निम्नतम}}\left\{\frac{w_{B i}}{y_{i 2}}, y_{i 2}>0\right\}=\underset{i}{\text{निम्नतम}} \left\{\frac{\frac{3}{4}}{\frac{1}{4}},\frac{\frac{5}{4}}{\frac{3}{4}} \right\} \\ =\frac{\frac{5}{4}}{\frac{3}{4}}= \frac{W_{B2}}{y_{22}}
अतः y_{22} अर्थात् \frac{3}{4} मुख्य अवयव (key element) तथा \alpha_1 अपगामी सदिश (departing vector) होगा।अब सामान्य रूपान्तरणों से नवीन सारणी निम्न प्रकार होगी:
द्वितीय पंक्ति (मुख्य अवयव वाली पंक्ति) (working rule):
तृतीय सारणी की द्वितीय पंक्ति मुख्य अवयव वाली पंक्ति है।अतः चतुर्थ सारणी के लिए द्वितीय पंक्ति तैयार करने हेतु तृतीय सारणी की द्वितीय पंक्ति के प्रत्येक अवयव में मुख्य अवयव \frac{3}{4} का भाग देने पर तैयार होगी:
\frac{\frac{5}{4}}{\frac{3}{4}}=\frac{5}{3}, \frac{1}{\frac{3}{4}}=\frac{4}{3}, \frac{\frac{3}{4}}{\frac{3}{4}}=1, \frac{\frac{1}{4}}{\frac{3}{4}}=\frac{1}{3}, \frac{0}{\frac{3}{4}}=0, \\ \frac{-\frac{1}{2}}{\frac{3}{4}}=-\frac{2}{3}, \frac{-\frac{1}{4}}{\frac{3}{4}}=-\frac{1}{3}
प्रथम पंक्ति:चतुर्थ सारणी के लिए प्रथम पंक्ति तैयार करने हेतु तृतीय सारणी की प्रथम पंक्ति के अवयवों में से मुख्य अवयव वाली पंक्ति के अवयवों अर्थात् उपर्युक्त अवयवों को मुख्य अवयव के संगत अवयव \frac{1}{4} से गुणा करके घटा देंगे:
\frac{3}{4}-\frac{5}{3} \times \frac{1}{4}=\frac{1}{3}, 0-\frac{4}{3} \times \frac{1}{4}=-\frac{1}{3}, \frac{1}{4}-1 \times \frac{1}{4}=0, \\ \frac{3}{4}-\frac{1}{3} \times \frac{1}{4}=\frac{2}{3}, 1-0 \times \frac{1}{4}=1,-\frac{1}{2}-\left(-\frac{2}{3}\right) \times \frac{1}{4}=\frac{-1}{3} \\ \frac{1}{4}-\left(-\frac{1}{3}\right) \times \frac{1}{4}=\frac{1}{3}
चतुर्थ सिम्पलेक्स सारणी
\begin{array}{|ccc|c|cccccc|} \hline & & & C_{i} \rightarrow & -10 & -6 & -2 & -1 & 0 & 0 \\ \hline C_{B} & B & X_B & b & y_1 & y_2 & y_3 & y_4 & y_5 & y_6 \\ \hline -1 & \alpha_4 & w_4 & \frac{1}{3} & -\frac{1}{3} & 0 & \frac{\fbox{2}}{\fbox{3}} & 1 & -\frac{1}{3} & \frac{1}{3} \\ -6 & \alpha_2 & w_2 & \frac{5}{3} & \frac{4}{3} & 1 & \frac{1}{3} & 0 & -\frac{2}{3} & -\frac{1}{3} \\ \hline & & & Z_{j}^*-C_{j} \rightarrow & \frac{7}{3} & 0 & -\frac{2}{3} & 0 & \frac{13}{3} & \frac{5}{3} \\ \hline & & & & & & \uparrow & \downarrow & \end{array}
चतुर्थ सिम्पलेक्स सारणी से स्पष्ट है कि प्रारम्भिक आधार इष्टतम हल नहीं है,क्योंकि Z^{*}_{j}-C_{j} के मान ऋणात्मक है i.e. Z_{3}-C_{3}=-\frac{2}{3} जो कि न्यूनतम राशि है तथा यह मान तृतीय स्तम्भ में है इसलिए \alpha_3 प्रवेशी सदिश है।
पुनः \underset{i}{\text{निम्नतम}}\left\{\frac{w_{B i}}{y_{i 3}}, y_{i 3}>0\right\}=\underset{i}{\text{निम्नतम}} \left\{\frac{\frac{1}{3}}{\frac{2}{3}},\frac{\frac{5}{3}}{\frac{1}{3}} \right\} \\ =\frac{\frac{1}{3}}{\frac{2}{3}} =\frac{W_{B1}}{y_{13}}
अतः y_{13} अर्थात् \frac{2}{3} मुख्य अवयव (key element) तथा \alpha_4 अपगामी सदिश (departing vector) होगा।अब सामान्य रूपान्तरणों से नवीन सारणी निम्न प्रकार होगी:
प्रथम पंक्ति (मुख्य अवयव वाली पंक्ति) (working rule):
पंचम सारणी की प्रथम पंक्ति तैयार करने के लिए चतुर्थ सारणी की प्रथम पंक्ति (मुख्य अवयव वाली पंक्ति) के प्रत्येक अवयव में मुख्य अवयव \frac{2}{3} का भाग देंगे:
\frac{\frac{1}{3}}{\frac{2}{3}}=\frac{1}{2}, \frac{-\frac{1}{3}}{\frac{2}{3}}=-\frac{1}{2}, \frac{0}{2}=0, \frac{\frac{2}{3}}{\frac{2}{3}}=1 \\ \frac{1}{\frac{2}{3}}=\frac{3}{2}, \frac{-\frac{1}{3}}{\frac{2}{3}}=-\frac{1}{2}, \frac{\frac{1}{3}}{\frac{2}{3}}=\frac{1}{2}
द्वितीय पंक्ति:पंचम सारणी की द्वितीय पंक्ति तैयार करने हेतु चतुर्थ सारणी की द्वितीय पंक्ति के अवयवों में से मुख्य अवयवों वाली पंक्ति के प्रत्येक अवयव अर्थात् उपर्युक्त अवयवों को मुख्य अवयव के संगत अवयव \frac{1}{3}से गुणा करके घटा देंगे:
\frac{5}{3}-\frac{1}{2} \times \frac{1}{3}=\frac{3}{2}, \frac{4}{3}-\left(-\frac{1}{2}\right) \times \frac{1}{3}=\frac{3}{2}, 1-0 \times \frac{1}{3}=1, \\ \frac{1}{3}-1 \times \frac{1}{3}=0,0-\frac{3}{2} \times \frac{1}{3}=-\frac{1}{2},-\frac{2}{3}-\left(-\frac{1}{2}\right) \times \frac{1}{3}=-\frac{1}{2},\\-\frac{1}{3}-\frac{1}{2} \times \frac{1}{3}=-\frac{1}{2}
पंचम सिम्पलेक्स सारणी
\begin{array}{|ccc|c|cccccc|} \hline & & & C_{i} \rightarrow & -10 & -6 & -2 & -1 & 0 & 0 \\ \hline C_{B} & B & X_B & b & y_1 & y_2 & y_3 & y_4 & y_5 & y_6 \\ \hline -2 & \alpha_3 & w_3 & \frac{1}{2} & -\frac{1}{2} & 0 & 1 & \frac{3}{2} & -\frac{1}{2} & \frac{1}{2} \\ -6 & \alpha_2 & w_2 & \frac{3}{2} & \frac{3}{2} & 1 & 0 & -\frac{1}{2} & -\frac{1}{2} & -\frac{1}{2} \\ \hline & & & Z_{j}^*-C_{j} \rightarrow & 2 & 0 & 0 & 1 & 4 & 2 \\ \hline \end{array}
चूँकि इस सारणी में Z^{*}_{j}-C_{j} \geq 0 ,j के सभी मानों के लिए,अतः इसका आधारी हल परिवर्तित समस्या का इष्टतम हल होगा:
w_1=0, w_2=\frac{3}{2}, w_3=\frac{1}{2}, w_4=0
अतः द्वैती समस्या का इष्टतम हलः
w_1=0,w_2=\frac{3}{2}, w_3=\frac{1}{2}, w_4=0
तथा न्यूनतम Z_D=10 w_1+6 w_2+2 w_3 +w_4 \\ =10 \times 0+6 \times \frac{3}{2}+2 \times \frac{1}{2}+0 \\ \min Z_D=9+1=10
तथा x_1=Z_5^*-C_5=4, x_2=Z_6^*-C_6=2
अधिकतम Z=10
Example:2.अधिकतम करो (max.) Z=2x_1+3 x_2
प्रतिबन्ध (s.t.) x_1+2 x_2 \leq 5 \\ 3 x_1+x_2 \leq 8 \\ x_1, x_2 \geq 0
Solution:दी गई आद्य समस्या मानक रूप में है,अतः इसकी द्वैती समस्या निम्न प्रकार होगी:
न्यूनतम करो: Z_D=5 w_1+8 w_2
प्रतिबन्ध w_1+3 w_2 \geq 2 \\ 2 w_1+w_2 \geq 3 \\ w_1, w_2 \geq 0
प्रतिबन्ध को समीकरणों में परिवर्तन करने हेतु आधिक्यपूरक चरों का समावेश करने पर तथा उद्देश्य फलन को अधिकतम रूप में लिखने पर उपर्युक्त द्वैत समस्या निम्नांकित है:
अधिकतम करोः Z^*=-5 w_1-8 w_2+0 w_3+0 w_4
प्रतिबन्ध w_1+3 w_2-w_3+0 w_4=2 \\ 2 w_1+w_2+0 w_3-w_4=3 \\ w_1, w_2, w_3, w_4 \geq 0
यहाँ पर आधारी मैट्रिक्स B(e_1,e_2) की प्राप्ति हेतु प्रथम व द्वितीय असमिका में कृत्रिम चर क्रमशः w_5, w_6 जोड़ने तथा उद्देश्य फलन में मूल्य -M रखने पर जहाँ M एक बहुत बड़ी धनात्मक संख्या है।
अधिकतम करो: Z^*=-5 w_1-8 w_2+0 w_3+0 w_4-M w_5-M w_6
प्रतिबन्ध w_1+3 w_2-w_2+0 w_4+w_5+0 w_6=2 \\ 2 w_1+w_2+0 w_3-w_4+0 w_5+w_6=3 \\ w_1, w_2, w_3, w_4,w_5, w_6 \geq 0
अतः प्रतिबन्ध निकाय में गुणांक मैट्रिक्स
A=\left[\begin{array}{cccccc} 1 & 3 & -1 & 0 & 1 & 0 \\ 2 & 1 & 0 & -1 & 0 & 1 \end{array}\right] =\left(\alpha_1 \alpha_2 \alpha_3 \alpha_4 \alpha_5 \alpha_6\right)(माना)
प्रारम्भिक आधार B=\left(\alpha_5,\alpha_6\right)=I_2 लेने पर,प्रारम्भिक सिम्पलेक्स सारणी निम्न प्रकार है:
प्रथम सिम्पलेक्स सारणी
अतः प्रथम सिम्पलेक्स सारणी से स्पष्ट है कि प्रारम्भिक आधार इष्टतम हल नहीं है,क्योंकि Z^{*}_{j}-C_{j} के मान ऋणात्मक है i.e. Z_{2}-C_{2}=-4M+8 जो कि न्यूनतम राशि है तथा यह मान द्वितीय स्तम्भ में है इसलिए \alpha_2 प्रवेशी सदिश है।
पुनः \underset{i}{\text{निम्नतम}}\left\{\frac{w_{B i}}{y_{i 2}}, y_{i 2}>0\right\}=\underset{i}{\text{निम्नतम}} \left\{\frac{2}{3},\frac{3}{1} \right\} \\ =\frac{2}{3} =\frac{W_{B1}}{y_{12}}
अतः y_{12} अर्थात् 3 मुख्य अवयव (key element) तथा \alpha_5 अपगामी सदिश (departing vector) होगा। \alpha_5 कृत्रिम चर है अतः नवीन सारणी में इसे शामिल नहीं करेंगे।अब सामान्य रूपान्तरणों से नवीन सारणी निम्न प्रकार होगी:
द्वितीय सिम्पलेक्स सारणी
अतः द्वितीय सिम्पलेक्स सारणी से स्पष्ट है कि प्रारम्भिक आधार इष्टतम हल नहीं है,क्योंकि Z^{*}_{j}-C_{j} के मान ऋणात्मक है i.e. Z_{1}^{*}-C_{1}=-\frac{5}{3}M+\frac{7}{3} जो कि न्यूनतम राशि है तथा यह मान प्रथम स्तम्भ में है इसलिए \alpha_1 प्रवेशी सदिश है।
पुनः \underset{i}{\text{निम्नतम}}\left\{\frac{w_{B i}}{y_{i 1}}, y_{i 1}>0\right\}=\underset{i}{\text{निम्नतम}} \left\{\frac{\frac{2}{3}}{\frac{1}{3}},\frac{\frac{7}{3}}{\frac{5}{3}} \right\} \\ =\frac{\frac{7}{3}}{\frac{5}{3}} =\frac{W_{B2}}{y_{21}}
अतः y_{21} अर्थात् \frac{5}{3} मुख्य अवयव (key element) तथा \alpha_6 अपगामी सदिश (departing vector) होगा। \alpha_6 कृत्रिम चर है अतः नवीन सारणी में इसे शामिल नहीं करेंगे।अब सामान्य रूपान्तरणों से नवीन सारणी निम्न प्रकार होगी:
तृतीय सिम्पलेक्स सारणी
चूँकि इस सारणी में Z^{*}_{j}-C_{j} \geq 0 ,j के सभी मानों के लिए,अतः इसका आधारी हल परिवर्तित समस्या का इष्टतम हल होगा:
w_1=\frac{7}{5}, w_2=\frac{1}{5}
अतः द्वैती समस्या का इष्टतम हलः
w_1=\frac{7}{5}, w_2=\frac{1}{5}
तथा न्यूनतम Z_D=5 w_1+8 w_2 \\ \Rightarrow \min Z_D=5 \times \frac{7}{5}+8 \times \frac{1}{5}=\frac{43}{5}
तथा x_1=Z_3^*-C_3=\frac{11}{5}, x_2=Z_4^*-C_4=\frac{7}{5}
अधिकतम Z=\frac{43}{5}
Examples:3.अधिकतम करो (max.) Z=x_1+2 x_2
प्रतिबन्ध (s.t.) 2 x_1-3 x_2 \leq 3 \\ 4 x_1+x_2 \leq-4 \\ x_1, x_2 \geq 0
Solution:दी गई आद्य समस्या मानक रूप में है अतः इसकी द्वैती समस्या निम्न प्रकार होगी:
न्यूनतम करो: Z_D=3 w_1-4 w_2
प्रतिबन्ध 2 w_1+w_2 \geq 1 \\ -3 w_1+w_2 \geq 2 \\ w_1, w_2 \geq 0
प्रतिबन्ध को समीकरणों में परिवर्तन करने हेतु आधिक्यपूरक चरों का समावेश करने पर तथा उद्देश्य फलन को अधिकतम रूप में लिखने पर उपर्युक्त द्वैत समस्या निम्नांकित है:
अधिकतम करोः Z^*=-3 w_1+4 w_2+0 w_3+0 w_4
प्रतिबन्ध 2 w_1+w_2-w_3+0 w_4=1 \\ -3 w_1+w_2+0 w_3-w_4=2 \\ w_1, w_2, w_3, w_4 \geq 0
यहाँ पर आधारी मैट्रिक्स B(e_1,e_2) की प्राप्ति हेतु प्रथम व द्वितीय असमिका में कृत्रिम चर क्रमशः w_5, w_6 जोड़ने तथा उद्देश्य फलन में मूल्य -M रखने पर जहाँ M एक बहुत बड़ी धनात्मक संख्या है।
अधिकतम करो: Z^{*}=-3 w_1+4 w_2+0 w_3+0 w_4-M w_5-M w_6
प्रतिबन्ध 2 w_1+w_2-w_3+0 w_4+w_5+0 w_6=1 \\ -3 w_1+w_2+0 w_3-w_4+0 w_5+w_6=2 \\ w_1, w_2, w_3, w_4, w_5, w_6 \geq 0
अतः प्रतिबन्ध निकाय में गुणांक मैट्रिक्स
A=\left[\begin{array}{cccccc} 2 & 1 & -1 & 0 & 1 & 0 \\ -3 & 1 & 0 & -1 & 0 & 1 \end{array}\right]=\left(\alpha_1 \alpha_2 \alpha_3 \alpha_4 \alpha_5 \alpha_6\right) (माना)
प्रारम्भिक आधार B=\left(\alpha_5,\alpha_6\right)=I_2 लेने पर,प्रारम्भिक सिम्पलेक्स सारणी निम्न प्रकार है:
प्रथम सिम्पलेक्स सारणी
अतः प्रथम सिम्पलेक्स सारणी से स्पष्ट है कि प्रारम्भिक आधार इष्टतम हल नहीं है,क्योंकि Z^{*}_{j}-C_{j} के मान ऋणात्मक है i.e. Z_{2}^{*}-C_{2}=-2M-4 जो कि न्यूनतम राशि है तथा यह मान द्वितीय स्तम्भ में है इसलिए \alpha_2 प्रवेशी सदिश है।
पुनः \underset{i}{\text{निम्नतम}}\left\{\frac{w_{B i}}{y_{i 2}}, y_{i 2}>0\right\}=\underset{i}{\text{निम्नतम}} \left\{\frac{1}{1},\frac{2}{1} \right\} \\ =\frac{1}{1}=\frac{W_{B1}}{y_{12}}
अतः y_{12} अर्थात् 1 मुख्य अवयव (key element) तथा \alpha_5 अपगामी सदिश (departing vector) होगा। \alpha_5 कृत्रिम चर है अतः नवीन सारणी में इसे शामिल नहीं करेंगे।अब सामान्य रूपान्तरणों से नवीन सारणी निम्न प्रकार होगी:
द्वितीय सिम्पलेक्स सारणी
अतः द्वितीय सिम्पलेक्स सारणी से स्पष्ट है कि प्रारम्भिक आधार इष्टतम हल नहीं है,क्योंकि Z^{*}_{j}-C_{j} के मान ऋणात्मक है i.e. Z_{3}^{*}-C_{3}=-M-4 जो कि न्यूनतम राशि है तथा यह मान तृतीय स्तम्भ में है इसलिए \alpha_3 प्रवेशी सदिश है।
पुनः \underset{i}{\text{निम्नतम}} \left\{\frac{w_{B i}}{y_{i 3}}, y_{i 3}>0 \right\}=\underset{i}{\text{निम्नतम}} \left\{ \frac{1}{1} \right\} \\ =\frac{1}{1}=\frac{W_{B2}}{y_{23}}
अतः y_{23} अर्थात् 1 मुख्य अवयव (key element) तथा \alpha_6 अपगामी सदिश (departing vector) होगा। \alpha_6 कृत्रिम चर है अतः नवीन सारणी में इसे शामिल नहीं करेंगे।अब सामान्य रूपान्तरणों से नवीन सारणी निम्न प्रकार होगी:
तृतीय सिम्पलेक्स सारणी
इस सारणी में \alpha_1 एक ऐसा सदिश है जो आधार में नहीं है तथा Z_{1}-C_{1}<0 है एवं के सभी अवयव ऋणात्मक हैं,अतः समस्या का हल अपरिबद्ध (unbounded) है।
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का द्वैत सिद्धान्त से हल करना (Use Duality to Solve LPP),दी गई समस्या की द्वैती लिखकर उसे सिम्पलेक्स विधि द्वारा हल करें (Write Dual of Given Problem and Solve it by Simplex Method) को समझ सकते हैं।
3.रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का द्वैत सिद्धान्त से हल करना पर आधारित सवाल (Questions Based on Use Duality to Solve LPP):
निम्न रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं को उनकी द्वैत सिद्धान्त के प्रयोग से हल कीजिए।
(Use duality to solve the following L.P.P.’s):
(1.) Minimize Z=8 x_1+2 x_2-4 x_3
subject to x_1-4 x_2-2 x_3 \geq 2 \\ x_1+x_2-3 x_3 \geq-1 \\ -3 x_1-x_2+x_3 \geq 1
and x_1, x_2, x_3 \geq 0
(2.) minimize Z=7.5 x_1-3 x_2
subject to 3 x_1-x_2-x_3 \geq 3 \\ x_1-x_2+x_3 \geq 2
and x_1, x_2, x_3 \geq 0
उत्तर (Answers):(1.)अपरिबद्ध हल (Unbounded solution)
(2.) Min z=\frac{75}{8},x_1=\frac{5}{4},x_2=0, x_3=\frac{3}{4}
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का द्वैत सिद्धान्त से हल करना (Use Duality to Solve LPP),दी गई समस्या की द्वैती लिखकर उसे सिम्पलेक्स विधि द्वारा हल करें (Write Dual of Given Problem and Solve it by Simplex Method) को ठीक से समझ सकते हैं।
Also Read This Article:- How to Write Dual of LPP?
4.रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का द्वैत सिद्धान्त से हल करना (Frequently Asked Questions Related to Use Duality to Solve LPP),दी गई समस्या की द्वैती लिखकर उसे सिम्पलेक्स विधि द्वारा हल करें (Write Dual of Given Problem and Solve it by Simplex Method) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.आद्य समस्या को द्वैती समस्या में कैसे परिवर्तन करते हैं? (How Do You Change Primal Problem into a Duality Problem?):
उत्तर:आद्य समस्या Z_p=C_{1} x_1+C_{2} x_2+\ldots+C_{n} x_n
प्रतिबन्ध a_{11} x_1+a_{12} x_2+a_{13} x_3+\cdots+a_{1 n} x_n \leq b_1 \\ a_{21} x_1+a_{22} x_2+a_{23} x_3+\cdots+a_{2 n} x_n \leq b_2 \\ \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \\ \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \\ a_{m 1} x_1+a_{m 2} x_2+a_{m 3} x_3+\cdots+a_{m n} x_n \leq b_m
और x_1, x_2, x_3, \ldots, x_n \geq 0
इसे द्वैती समस्या में निम्न प्रकार परिवर्तित करते हैं:
अधिकतम करो: Z_D=b_1 w_1+b_2 w_2+\cdots+b_m w_m
प्रतिबन्ध a_{11} w_1+a_{21} w_2+\cdots+a_{m 1} w_m \geq C_{1} \\ a_{12} w_1+a_{22} w_2+\cdots+a_{m2} w_{m} \geq C_2 \\ \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \\ \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \ldots \\ a_{1 n} w_1+a_{2 n} w_2+\ldots+a_{m n} w_m \geq C_n
तथा w_1, w_2, w_3, \ldots, w_n \geq 0
प्रश्न:2.आद्य समस्या को द्वैती समस्या में परिवर्तन के लिए महत्त्वपूर्ण बिन्दु लिखो। (Write the Important Point for the Change of Primal Problem into Duality Problem):
उत्तर:(1.)यह आवश्यक नहीं है कि आद्य समस्या सदैव अधिकतमीकरण के रूप में हो।निम्नतमीकरण की समस्या भी आद्य समस्या हो सकती है।
(2.)आद्य समस्या तथा द्वैती समस्या से स्पष्ट है कि द्वैती में चरों की संख्या आद्य समस्या में प्रतिबन्धों की संख्या के बराबर तथा द्वैती में प्रतिबन्धों की संख्या आद्य में चरों की संख्या के बराबर होती है।
(3.)द्वैतता दो रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का सम्बन्ध है।
प्रश्न:3.आद्य व द्वैती समस्या में क्या सम्बन्ध है? (What is the Relation Between Primal and Dual Problem?):
उत्तर:
\begin{array}{|c|c|c|} \hline & \text{आद्य} & \text{द्वैती} \\ \hline (1.) & \text{उद्देश्य फलन अधिकतम } & \text{उद्देश्य फलन न्यूनतम} \\ & Z_{p}=CX & Z_{p}=b^{T}W \\ (2.) & \text{आवश्यकता सदिश} (b) & \text{मूल्य सदिश} (C^{T}) \\ (3.) & \text{गुणांक मैट्रिक्स} (A) & \text{गुणांक मैट्रिक्स का परिवर्त मैट्रिक्स} A^T \\ (4.) & \text{प्रतिबन्ध} '\leq' \text{चिन्ह में} & \text{प्रतिबन्ध} '\geq' \text{चिन्ह में} \\ (5.) & \text{सम्बन्ध:} & \text{चर:} \\ & \text{i वाँ असमिका} & \text{i वाँ चर} w \geq 0 \\ & \text{i वाँ प्रतिबन्ध समीकरण है} & \text{i वाँ चर चिन्ह में अप्रतिबन्धित है।} \\ (6.) & \text{चर:} & \text{सम्बन्ध } \\ & \text{i वाँ चर} x_{i} \geq 0 & i \text{वाँ सम्बन्ध असमिका है।} \\ & \text{i वाँ चिन्ह में अप्रतिबन्धित है।} & \text{i वाँ प्रतिबन्ध समीकरण है।} \\ & i \text{वाँ चर शून्य} & i \text{वाँ आधिक्यपूरक चर धनात्मक} \\ (7.) & \text{परिमित इष्टतम हल} & \text{परिमित इष्टतम हल,}\\ & & \text{उद्देश्य फलन के समान इष्टमान के साथ} \\ (8.) & \text{अपरिबद्ध हल} & \text{कोई हल नहीं अथवा अपरिबद्ध हल} \\ \hline \end{array}
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का द्वैत सिद्धान्त से हल करना (Use Duality to Solve LPP),दी गई समस्या की द्वैती लिखकर उसे सिम्पलेक्स विधि द्वारा हल करें (Write Dual of Given Problem and Solve it by Simplex Method) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Use Duality to Solve LPP
रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का द्वैत
सिद्धान्त से हल करने
(Use Duality to Solve LPP)
Use Duality to Solve LPP
रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का द्वैत सिद्धान्त से हल करने (Use Duality to Solve LPP),
को समझने के लिए कुछ सवालों को इस विधि से हल करेंगे।
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Satyam
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