System of Logarithms
1.लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms):
लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms) में लघुगणक का आधार कोई भी राशि हो सकती है परंतु e तथा 10 आधार वाली दो पद्धतियां सर्वाधिक उपयोग में लाई जाती है।
(i) स्वाभाविक या नैपियर की पद्धति (Natural or Napierian System of Logarithm):
इस पद्धति का नाम गणितज्ञ नैपियर के नाम पर रखा गया है।इसमें आधार ‘e’ लिया जाता है जहां e निम्न अनंत श्रेणी का योग है।
e=1+\frac{1}{1}+\frac{1}{1 \times 2}+\frac{1}{1 \times 2 \times 3}+\ldots=2.71828183(लगभग)
इसका प्रयोग उच्च गणितीय गणनाओं तथा सैद्धान्तिक खोजों के समय किया जाता है परंतु प्रायोगिक तथा व्यावहारिक संख्यात्मक गणनाओं में यह अनुपयोगी है क्योंकि e असम्मेय राशि है।
(ii)साधारण या ब्रिग की लघुगणक पद्धति (Common or Brigg’s System of Logarithm):
इस पद्धति में लघुगणक का आधार 10 लिया जाता है।जब आधार दिया हुआ नहीं होता तब हम 10 को ही आधार मानकर लघुगणक का प्रयोग करते हैं। साधारण लघुगणक का उपयोग समस्त व्यावहारिक संख्यात्मक गणनाओं में अधिक किया जाता है।ब्रिग ने सर्वप्रथम 10 के आधार पर लघुगणक सारणी (Logarithm Table) तैयार की।इसलिए इसको ब्रिग पद्धति भी कहते हैं।
(1.)नैपियर लघुगणक तथा साधारण लघुगणक में संबंध (Relation between Napierian Logarithm and Common Logarithm):
\log_{10} n=\log_{e} n \times \frac{1}{\log_{e} 10}[आधार परिवर्तन नियम से]
परन्तु \log_{e} 10=2.30258509 \\ \frac{1}{\log_{e} 10}=\frac{1}{2.30258509}=0.43429448
अतः \log_{10} n=\log_{e} n \times 0.43429448
(2.)लघुगणकों का पूर्णांश एवं भिन्नांश (Characteristic and Mantissa of the Logarithms):
प्रत्येक संख्या का लघुगणक दो संख्याओं का योगफल होता है जिनमें एक संख्या पूर्णांक तथा दूसरी भिन्नात्मक या दशमलव में होती है जैसे:
\log 532=2+0.7259=2.7259
दशमलव से पूर्व संख्या को पूर्णांश (Characteristic) तथा दशमलव के पश्चात् की संख्या को अपूर्णांश या भिन्नांश (Mantissa) कहते है।अतः यहाँ पूर्णांश 2 तथा भिन्नांश 7259 है।
टिप्पणी:(i)पूर्णांश धनात्मक या ऋणात्मक संख्या हो सकती है जबकि भिन्नांश को सदैव धनात्मक रखा जाना चाहिए।भिन्नांश यदि ऋणात्मक है तो इसको धनात्मक बनाने के लिए पूर्णांश में से एक कम करके इसके भिन्नांश में जोड़ा जाता है।
(ii)यदि पूर्णांश ऋणात्मक है तो इसके ऊपर बार चिन्ह लगाकर दर्शाया जाता है।
Example:1 यदि \log 142=2.1523 तो पूर्णांक भाग 2 को पूर्णांश तथा दशमलव भाग .1523 को भिन्नांश कहेंगे।
Example:2 यदि \log M=-2.1423 है तो इसका पूर्णांश ज्ञात करने के लिए पहले भिन्नांश को धनात्मक बनाया जाना चाहिए।यह निम्न प्रकार से किया जाना चाहिए:
-2.1423=-2-.1423=(-2-1)+(1-.1423)=-3+.8577
अतः यहाँ पूर्णांश -3 तथा भिन्नांश .8577 है।
टिप्पणी:रेखिका चिन्ह (ऋणात्मक पूर्णांश के लिए):उपर्युक्त उदाहरण में पूर्णांश ऋणात्मक है अतः इसे \bar{3}.8577 के रूप में लिखा जाना चाहिए एवं इसे रेखिका (Bar) 3 दशमलव 8577 पढ़ना चाहिए।अतः \log M=-2.1423 के स्थान पर \log M=\bar{3}.8577 लिखा जाना चाहिए।
(3.)किसी संख्या के लघुगणक का पूर्णांश ज्ञात करने की विधि (Method of find the Logarithm of a number):
(i)1 या इससे बड़ी संख्या के लघुगणक का पूर्णांश:
घातांक के नियम से हम जानते हैं कि
10^{0}=1 \Rightarrow \log_{10} 1=0,10^{1}=10 \Rightarrow \log_{10} 10=1,10^{2}=100 \Rightarrow \log_{10} 100=2,10^{3}=1000 \Rightarrow \log_{10} 1000=3
उपर्युक्त परिणामों से स्पष्ट है कि 1 और 10 के मध्य की संख्याओं के लघुगणक 0 और 1 के मध्य होंगें अर्थात् पूर्णांक में एक अंक रखनेवाली संख्या के लघुगणक 0+ एक धनात्मक भिन्न होगी जिसमें पूर्णांश 0 है।10 और 100 के मध्य की संख्याओं के लघुगणक 1 और 2 के मध्य होंगे अर्थात् पूर्णांश 1 होगा।इसी प्रकार 100 और 1000 के मध्य की संख्याओं के लघुगणक 2 और 3 के मध्य होंगे अर्थात् पूर्णांश 2 होगा।
इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि 1 या इससे बड़ी किसी संख्या के लघुगणक का पूर्णांश सदैव धनात्मक होता है एवं संख्या के लघुगणक का पूर्णांक भाग के अंकों की संख्या से एक कम होता है।जैसे लघुगणक के पूर्णांक भाग में n अंक हैं तो इसका पूर्णांश (n-1) होगा।
(ii)0 से बड़ी और 1 से छोटी संख्याओं के लघुगणक का पूर्णांश:
10^{0}=1 \Rightarrow \log_{10} 1=0,10^{-1}=\frac{1}{10}=0.1 \Rightarrow \log_{10} 0.1=-1,10^{-2}=\frac{1}{100}=0.01 \Rightarrow \log_{10} 0.01=-2,10^{-3}=\frac{1}{1000}=0.001 \Rightarrow \log_{10} 0.001=-3
इस प्रकार 1 से कम धनात्मक संख्या के लघुगणक का पूर्णांश सदैव ऋणात्मक एवं दशमलव बिन्दु और प्रथम सार्थक अंक के मध्य आए हुए शून्य की संख्याओं से एक अधिक होता है जैसे दशमलव व प्रथम सार्थक अंक के मध्य n शून्य आयें तो इसके लघुगणक का पूर्णांश -(n+1) या होगा।
टिप्पणी:सार्थक अंक (Significant Digit):दशमलव बिन्दु के पश्चात् शून्येत्तर संख्या के पहले के अथवा अंत के सभी शून्यों को हटा देने पर जो अंक बचते हैं वे सार्थक अंक कहलाते हैं जैसे .000123 अथवा .123000 में सार्थक अंक 123 है।1 प्रथम सार्थक अंक है।
(4.)पूर्णांश ज्ञात करने की क्रियाविधि:
(i)यदि दी गई संख्या दशमलव भिन्न में न हो तो इसमें परिवर्तित करें।
(ii)यदि (i) में प्राप्त संख्या 1 से बड़ी या बराबर हो तो पूर्णांश के लिए सूत्र होगा:
पूर्णांश=(दशमलव बिन्दु के बाईं ओर अंकों की संख्या)-1
(iii)यदि (i) में प्राप्त संख्या 1 से छोटी एवं धनात्मक हो तो पूर्णांश के लिए सूत्र होगा:
पूर्णांश=-[(दशमलव बिन्दु और प्रथम सार्थक अंक के मध्य शून्यों की संख्या)+1]
(5.)किसी संख्या के लघुगणक का भिन्नांश ज्ञात करने की विधि (Method to Find the maintissa of Logarithm of a number):
किसी संख्या के लघुगणक का भिन्नांश ज्ञात करने के लिए लघुगणक सारणी (Logarithm Table) को प्रयोग में लाते हैं।लघुगणक सारणी की विशेषताएँ:
लघुगणक सारणी की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं:
(1.)इनमें किसी संख्या के लघुगणक के भिन्नांश ही होते हैं।
(2.)सारणी के तीन भाग होते हैं:
(i)प्रथम स्तम्भ:इसमें 10 से 99 तक की संख्याएँ होती हैं।
(ii)अगले दस स्तम्भ:इसका प्रतिनिधित्व 0,1,2,…..,9 तक की संख्याएँ करती हैं।
(iii)माध्य अन्तर के स्तम्भ:अन्त के तीन स्तम्भ जो प्रत्येक तीन उपस्तम्भों में विभक्त होते हैं एवं इनका प्रतिनिधित्व 1,2,3;4,5,6 तथा 7,8,9 संख्याएँ करती हैं।
भिन्नांश ज्ञात करने की क्रियाविधि:भिन्नांश ज्ञात करने के लिए निम्नलिखित क्रियाविधि का प्रयोग करते हैं,इसे एक उदाहरण \log 38.56 के माध्यम से स्पष्ट किया गया है।
(i)दी गई संख्या में यदि कोई दशमलव है तो उसे हटा दें अतः नयी संख्या 3856 हो जाएगी।
(ii)चरण (i)से प्राप्त संख्या के प्रथम दो अंकों से बनी संख्या सारणी के बांयी ओर प्रथम स्तम्भ में देखते हैं।यहाँ यह संख्या 38 है अतः प्रथम स्तम्भ में हम 38 पर पहुँचते हैं।
(iii)चरण (i)में प्राप्त संख्या के तीसरे अंक 5 को सारणी के अगले स्तम्भों में देखते हैं।
(iv)संख्या 38 की पंक्ति तथा अंक 5 का स्तम्भ जहाँ मिलते हैं उस मान को लिख लेते हैं यहाँ पर यह मान 5855 है।
(v)चरण (i) में प्राप्त आनुपातिक संख्या के चौथे अंक 6 को सारणी के दांयी ओर दी गई माध्य अन्तरिकी संख्याओं में देखते हैं।
(vi)संख्या 38 की पंक्ति तथा आनुपातिक अंक 6 के स्तम्भ जहाँ परस्पर मिलते हैं वह मान 7 है।
(vii)इस प्रकार चरण (iv) तथा (vi) में प्राप्त संख्याओं का योग 5855+7=5862 है।दशमलव बिन्दु के पश्चात् यह संख्या लिखने पर हमें भिन्नांश प्राप्त होता है।अतः \log 38.56 का भिन्नांश .5862 है।
टिप्पणी:(i)उपर्युक्त परिणाम से स्पष्ट है कि भिन्नांश के लिए प्राप्त संख्या के बाईं ओर दशमलव बिन्दु लगाते हैं।
(ii)यदि जिस संख्या का लघुगणक ज्ञात करना है वह एक अंक की हो तो उसके आगे शून्य लिखकर उसका भिन्नांश ज्ञात करते हैं।
उदाहरणार्थ \log 3 का भिन्नांश ज्ञात करना है तो हम \log 30 या \log 300 का भिन्नांश सारणी से ज्ञात करते हैं।यही \log 3 का भिन्नांश होगा।
(iii)यदि किसी लघुगणक में चार सार्थक अंकों से अधिक अंक हो तो चार अंकों की लघुगणक सारणी का उपयोग करते समय
(क)आगे के अंक 5 से कम होने पर छोड़ देते हैं।
(ख)आगे के अंक 5 या अधिक होने पर पूर्व के अंक में 1 जोड़कर लिख देते हैं।अतः प्राप्त चार अंकों की संख्या से भिन्नांश ज्ञात करते हैं।
(iv)किसी संख्या का लघुगणक ज्ञात करने के लिए:
(क)पूर्णांश ज्ञात करते हैं।
(ख)भिन्नांश ज्ञात करते हैं।
जैसे 38.56 का पूर्णांश 1 तथा भिन्नांश .5862 है अतः
\log 38.56=1.5862
(v)एक जैसी संख्याओं के लघुगणकों के भिन्नांश समान होते हैं।उदाहरणार्थ 2834,28.34 और 0.002834 के पूर्णांश तो क्रमशः 3,1 और -3 है परन्तु सभी का भिन्नांश .4524 ही होगा।
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2.लघुगणक की पद्धतियाँ के उदाहरण (System of Logarithms Examples):
निम्नलिखित संख्याओं के लघुगणक के पूर्णांश ज्ञात कीजिए (प्रश्न 1 से 13)
Example:1 1270
Solution:संख्या 1270 में पूर्णांक 1270 है जिसमें 4 अंक हैं।अतः संख्या 1270 के लघुगणक का पूर्णांश 4-1=3 होगा।
Example:2 20.125
Solution:संख्या 20.125 में पूर्णांक 20 है जिसमें 2 अंक हैं।अतः संख्या 20.125 के लघुगणक का पूर्णांश 2-1=1 होगा।
Example:3 7.985
Solution:संख्या 7.985 में पूर्णांक 7 है जिसमें अंक 1 हैं।अतः संख्या 7.985 के लघुगणक का पूर्णांश 1-1=0 होगा।
Example:4 431.5
Solution:संख्या 431.5 में पूर्णांक 431 है जिसमें 3 अंक हैं।अतः संख्या 431.5 के लघुगणक का पूर्णांश 3-1=2 होगा।
Example:5.0.02
Solution:संख्या 0.02 में दशमलव बिन्दु तथा प्रथम सार्थक अंक 2 के मध्य एक शून्य है अतः इस संख्या के लघुगणक का पूर्णांश -(1+1)=-2 या \bar{2} होगा।
Example:6.0.025
Solution:संख्या 0.02539 में दशमलव बिन्दु तथा प्रथम सार्थक अंक 2 के मध्य एक शून्य है अतः इस संख्या के लघुगणक का पूर्णांश -(1+1)=-2 या \bar{2} होगा।
Example:7.70
Solution:संख्या 70 में पूर्णांक 70 है जिसमें 2 अंक हैं।अतः संख्या 70 के लघुगणक का पूर्णांश 2-1=1 होगा।
Example:8.0.000287
Solution:संख्या 0.000287 में दशमलव बिन्दु तथा प्रथम सार्थक अंक 2 के मध्य 3 शून्य है अतः इस संख्या के लघुगणक का पूर्णांश -(3+1)=-4 या \bar{4} होगा।
Example:9.0.000287
Solution:संख्या 0.000287 में दशमलव बिन्दु तथा प्रथम सार्थक अंक 2 के मध्य 3 शून्य है अतः इस संख्या के लघुगणक का पूर्णांश -(3+1)=-4 या \bar{4} होगा।
Example:10 0.0005
Solution:संख्या 0.0005 में दशमलव बिन्दु तथा प्रथम सार्थक अंक 5 के मध्य 3 शून्य है अतः इस संख्या के लघुगणक का पूर्णांश -(3+1)=-4 या \bar{4} होगा।
Example:11 0.00003208
Solution:संख्या 0.00003208 में दशमलव बिन्दु तथा प्रथम सार्थक अंक 3 के मध्य 4 शून्य है अतः इस संख्या के लघुगणक का पूर्णांश -(4+1)=-5 या \bar{5} होगा।
Example:12 0.000485
Solution:संख्या 0.000485 में दशमलव बिन्दु तथा प्रथम सार्थक अंक 4 के मध्य 3 शून्य है अतः इस संख्या के लघुगणक का पूर्णांश -(3+1)=-4 या \bar{4} होगा।
Example:13 0.007
Solution:संख्या 0.007 में दशमलव बिन्दु तथा प्रथम सार्थक अंक 7 के मध्य 2 शून्य है अतः इस संख्या के लघुगणक का पूर्णांश -(2+1)=-3 या \bar{3} होगा।
लघुगणक सारणी का प्रयोग कर निम्नलिखित संख्याओं के लघुगणक ज्ञात कीजिए:(प्रश्न 14 से 25)
Example:14 2813
Solution:\log (2813) के लिए पूर्णांश=4-1=3
भिन्नांश=.(4487+5)=.4492
\therefore \log (2813)=3.4492
Example:15.400
Solution:\log (400) के लिए पूर्णांश=3-1=2
भिन्नांश=.(6021)=.6021
\therefore \log (400)=2.6021
Example:16 27.28
Solution:\log (27.28) के लिए पूर्णांश=2-1=1
भिन्नांश=.(4346+13)=.4359
\therefore \log (27.28)=1.4359
Example:17 9
Solution:\log 9 के लिए पूर्णांश=1-1=0
भिन्नांश=.(9542)=.9542
\therefore \log 9=0.9542
Example:18 0.678
Solution: \log (0.678) के लिए पूर्णांश=-(0+1)=-1=\bar{1}
भिन्नांश=.(8312)=.8312
\therefore \log (0.678)=\bar{1}.8312
Example:19 0.0035
Solution:\log (0.0035) के लिए पूर्णांश=-(2+1)=-3=\bar{3}
भिन्नांश=.(5441)=.5441
\therefore \log (0.0035)=\bar{3}.5441
Example:20 0.08403
Solution:\log (0.08403) के लिए पूर्णांश=-(1+1)=-2=\bar{2}
भिन्नांश=.(9243+2)=.9245
\therefore \log (0.08403)=\bar{2}.9245
Example:21 0.000287
Solution:\log (0.000287) के लिए पूर्णांश=-(3+1)=-4=\bar{4}
भिन्नांश=.(4579)=.4579
\therefore \log (0.000287)=\bar{4}.4579
Example:22 1.234
Solution:\log (1.234) के लिए पूर्णांश=1-1=0
भिन्नांश=.(0899+14)=.0913
\therefore \log (1.234)=0.0913
Example:23.0.00003258
Solution:\log (0.00003258) के लिए पूर्णांश=-(4+1)=-5=\bar{5}
भिन्नांश=.(5119+11)=.5130
\therefore \log (0.00003258)=\bar{5}.5130
Example:24. 0.000125
Solution:\log (0.000125) के लिए पूर्णांश=-(3+1)=-4=\bar{4}
भिन्नांश=.(0969)=.0969
\therefore \log (0.000125)=\bar{4}.0969
Example:25. 0.00003208
Solution:\log (0.00003208) के लिए पूर्णांश=-(4+1)=-5=\bar{5}
भिन्नांश=.(5051+11)=.5062
\therefore \log (0.00003208)=\bar{5}.5062
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms) को समझ सकते हैं।
3.लघुगणक की पद्धतियाँ के सवाल (System of Logarithms Questions):नीचे दी गई संख्याओं के पूर्णांश ज्ञात कीजिए (प्रश्न 1 से 5)
(1.)5970 (2.)125.35 (3.)2.5795 (4.)0.7598 (5.)0.0074
लघुगणक की सारणी की सहायता से निम्नलिखित संख्याओं का लघुगणक ज्ञात कीजिए (प्रश्न 6 से 9)
(6.)25794 (7.)5.3498 (8.)0.3582 (9.)0.003
उत्तर (Answers):(1.)3 (2.)2 (3.)0 (4.)\bar{1} (5.)\bar{3} (6.)4.414 (7.)0.7284 (8.)\bar{1}.5541 (9.)\bar{3}.4771
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms) को ठीक से समझ सकते हैं।
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4.लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.आप लॉग की प्रणाली को कैसे हल करते हैं? (How do you solve system of logs?):
उत्तर:समीकरणों की किसी भी प्रणाली को हल करने के लिए,जिसमें लॉगरिथम समीकरण शामिल हैं,आप समीकरणों को केवल एक अज्ञात चर के साथ एक समीकरण प्राप्त करने के लिए जोड़ सकते हैं।विलोपन विधि (Elimination Method) में,आप चर में से एक से छुटकारा पाने के लिए दो समीकरणों को एक साथ जोड़ते हैं।
प्रश्न:2.3 प्रकार के लघुगणक क्या हैं? (What are the 3 types of logarithms?),कितने प्रकार के लघुगणक हैं? (How Many Types of Logarithms Are There?):
उत्तर:सामान्य लघुगणक:इन्हें बेस 10 लॉगरिथम के रूप में जाना जाता है।इसे लॉग10 के रूप में दर्शाया गया है।
प्राकृतिक लघुगणक:इन्हें आधार e लॉगरिथम के रूप में जाना जाता है।इसे लॉग के रूप में दर्शाया जाता है।
प्रश्न:3.लॉगरिथम्स विधि क्या है? (What is the logarithms method?):
उत्तर:लॉगरिथम,चरघातांकीय (Exponent) या घात जिसके लिए एक आधार को दिए गए नंबर को प्राप्त करने के लिए उठाया जाना चाहिए।गणितीय रूप से व्यक्त किया गया,x आधार b के लिए n का लॉगरिथ्म है यदि b^{x} = n,जिस स्थिति में कोई x=\log_{b} n लिखता है।उदाहरण के लिए 2^{3}= 8 ; इसलिए,3 आधार 2,के लिए 8 का लॉगरिथम है या 3 = \log_{2} 8
प्रश्न:4.लॉगरिथम का उपयोग क्या किया जाता है? (What are logarithms used?):
उत्तर:लॉगरिथम्स चरघातांकीय का प्रतिलोम (Inverse of Exponent) हैं।एक लॉगरिथम (या लॉग) गणितीय अभिव्यक्ति है जो प्रश्न का उत्तर देने के लिए उपयोग की जाती है: किसी अन्य विशेष संख्या को प्राप्त करने के लिए कितनी बार एक “आधार” संख्या को स्वयं से गुणा किया जाना चाहिए? उदाहरण के लिए,10 के आधार को कितनी बार गुणा किया जाना चाहिए ताकि 1,000 प्राप्त हो सके।
प्रश्न:5.लॉगरिथम और एल्गोरिदम में क्या अंतर है? (What is the difference between logarithm and algorithm?):
उत्तर:एक एल्गोरिदम आमतौर पर कदम है कि आप कुछ करने के लिए लेने का एक गुच्छा है-अक्सर एक विशेष जवाब खोजने के लिए ।
एक एल्गोरिदम एक संरचना,वस्तु या एक गणितीय समस्या के समाधान के उत्पादन के लिए एक परिमित प्रक्रिया है एक logarithm एक चरघातांकीय है।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms) में लघुगणक का आधार कोई भी राशि हो
सकती है परंतु e तथा 10 आधार वाली दो पद्धतियां सर्वाधिक उपयोग में लाई जाती है।