Subrings in Abstract Algebra
1.अमूर्त बीजगणित में उपवलय (Subrings in Abstract Algebra),गणित में उपवलय (Subrings in Mathematics):
अमूर्त बीजगणित में उपवलय Subrings in Abstract Algebra,वलय का उपसमुच्चय होता है।
उपवलय की परिभाषा (Definition of Subrings):यदि S,वलय R का एक अरिक्त उपसमुच्चय है तो S को R का उपवलय कहते हैं यदि S,R की द्विचर संक्रियाओं के लिए संवृत्त हो अर्थात्
a \in S, b \in S \Rightarrow a+b \in S
तथा a \in S, b \in S \Rightarrow a b \in S
तथा स्वयं S भी इन प्रेरित संक्रियाओं (Induced Compositions) के सापेक्ष वलय हो।
चूँकि प्रत्येक समुच्चय स्वयं का उपसमुच्चय है इसलिए R के कम से कम दो उपवलय होते हैं:
(i)R स्वयं (ii){0}
इन्हें विषम उपवलय (Trival or Improper Subrings) कहते हैं।इन दोनों के अतिरिक्त जो भी वलय R की उपवलय होती है वह उचित उपवलय (Proper Subring) कहलाती है।
प्रमेय (Theorem):1.मान लीजिए कि <R,+,\bullet > एक वलय है और R का S एक अरिक्त उपसमुच्चय है।सिद्ध कीजिए कि S एक उपवलय होगी यदि और केवल यदि
(Let <R,+,\bullet > be a ring and S be a nonempty subset of R.Prove that S is a subring iff
(i)a \in S, b \in S \Rightarrow a-b \in S
(ii) a \in S, b \in S \Rightarrow a b \in S
उपपत्ति (Proof):प्रतिबन्धों की पर्याप्तता (Sufficient Conditions):
माना कि S वलय R का उपवलय है।
अब यदि a तथा b,S के कोई भी दो अवयव हैं तो
a \in S, b \in S \Rightarrow a \in S ;-b \in S [ \because S वलय है इसलिए यौगिक ग्रुप है]
\Rightarrow a+(-b) \in S \\ \Rightarrow a-b \in S [चूँकि S योग के संवृत्त है]
साथ ही a \in S, b \in S \Rightarrow a.b \in S [चूँकि S गुणन संक्रिया के लिए संवृत्त है]
अतः दिए हुए प्रतिबन्ध S के लिए आवश्यक है।
प्रतिबन्धो की पर्याप्तता (Necessary Conditions):
माना कि S अरिक्त है तथा S \subseteq R
तथा a \in S, b \in S \Rightarrow a-b \in S \\ a \in S, b \in S \Rightarrow a.b \in S
इन गुणों को प्रयोग करने पर:
a \in S, b \in S \Rightarrow a-a \in S \Rightarrow 0 \in S
तथा 0 \in S, a \in S \Rightarrow 0-a \in S \Rightarrow -a \in S
परिणामतः
a \in S, b \in S \Rightarrow a \in S,-b \in S \\ \Rightarrow a-(-b) \in S \Rightarrow a+b \in S
साथ जैसा दिया हुआ है:
a \in S, b \in S \Rightarrow a \cdot b \in S
चूँकि S \subseteq R इसलिए योग संक्रिया के लिए क्रमविनिमेयता तथा साहचर्यता तथा योग के सापेक्ष बंटनता का गुणधर्म भी S में सत्य है।
फलतः S गुणन तथा योग के लिए संवृत्त है।S में योग संक्रिया के लिए तत्समक अवयव है तथा S के प्रत्येक अवयव का यौगिक प्रतिलोम S में है।इसलिए S एक उपवलय है।
अतः दिए हुए प्रतिबन्ध S को R के उपवलय के लिए पर्याप्त है।
प्रमेय (Theorem):2.सिद्ध करो कि दो उपवलयों का सर्वनिष्ठ भी एक उपवलय होता है।
(Prove that the intersection of two subrings is also a subring)
उपपत्ति (Proof):माना कि S तथा T किसी वलय <R,+,\bullet > के दो उपवलय हैं।
माना कि a,b कोई दो अवयव S \cap T के हैं।
अब a \in S \cap T \Rightarrow a \in S तथा a \in T \\ b \in S \cap T \Rightarrow b \in S तथा b \in T
चूँकि S,T दोनों R के उपवलय हैं,इसलिए
a \in S, b \in S \Rightarrow a-b \in S तथा a.b \in S
a \in T, b \in T \Rightarrow a-b \in T तथा a.b \in T
साथ ही a-b \in S, a-b \in T \Rightarrow a-b \in S \cap T
तथा a.b \in S, a \cdot b \in T \Rightarrow a \cdot b \in S \cap T
अतः उपर्युक्त से a \in S \cap T, b \in S \cap T \Rightarrow a-b \in S \cap T, a.b \in S \cap T
\left.\begin{matrix} \text{ S उपवलय है इसलिए } 0 \in S \\ \text{ T उपवलय इसलिए } 0 \in T \end{matrix}\right\} \Rightarrow 0 \in S \cap T \Rightarrow S \cap T \neq \phi
अतः S \cap T,R का उपवलय है
उपक्षेत्र (Subfield):
उपक्षेत्र की परिभाषा (Definition of Subfield):किसी क्षेत्र F के एक अरिक्त उपसमुच्चय K को क्षेत्र F का एक उपक्षेत्र कहते हैं यदि K,F की संक्रियाओं के लिए संवृत्त हो (Stable for the Compositions in F) अर्थात् a \in K, b \in K \Rightarrow a+b \in K
तथा a \in K, b \in K \Rightarrow a b \in K साथ ही K स्वयं भी इन प्रेरित (induced) संक्रियाओं के सापेक्ष एक क्षेत्र है।
स्पष्टतः प्रत्येक क्षेत्र F स्वयं का उपक्षेत्र है।क्षेत्र F के अतिरिक्त क्षेत्र F का उपक्षेत्र, क्षेत्र F का उचित उपक्षेत्र कहलाता है।
अभाज्य क्षेत्र (Prime Field):
अभाज्य क्षेत्र की परिभाषा (Definition of Prime Field):यदि किसी क्षेत्र का कोई भी उचित उपक्षेत्र नहीं है तो ऐसे क्षेत्र को अभाज्य क्षेत्र कहते हैं।
परिभाषा से स्पष्ट है कि अभाज्य क्षेत्र F में अन्तर्विष्ट F स्वयं है।
प्रमेय (Theorem):3.क्षेत्र F के अरिक्त उपसमुच्चय K का उपक्षेत्र होने के लिए आवश्यक तथा पर्याप्त प्रतिबन्ध यह है कि
(i)a \in K, b \in K \Rightarrow a-b \in K
(ii)a \in K, 0 \neq b \in K \Rightarrow a b^{-1} \in K
The necessary and sufficient conditions for a nonempty subset K of a field F to be a subfield are
(i)a \in K, b \in K \Rightarrow a-b \in K
(ii)a \in K, 0 \neq b \in K \Rightarrow a b^{-1} \in K
उपपत्ति (Proof):प्रतिबन्ध की आवश्यकता (Necessary Conditions):
माना K,क्षेत्र F का उपक्षेत्र है तथा F की संक्रियाओं के लिए संवृत्त है तथा स्वयं प्रेरित संक्रियाओं के लिए क्षेत्र है।
अब a \in K, b \in K \Rightarrow a \in K,-b \in K [K योग संक्रिया के लिए ग्रुप है]
\Rightarrow a+(-b) \in K [K,F की संक्रियाओं के लिए संवृत्त है]
\Rightarrow a-b \in K
पुनः यदि b \neq 0, b \in K तब K क्षेत्र है इसलिए b^{-1} का अस्तित्व है तथा K में विद्यमान है।
\therefore a \in K, 0 \neq b \in K \Rightarrow a \in b^{-1} \in k \\ \Rightarrow a b^{-1} \in K [K,F की संक्रियाओं के लिए संवृत्त है]
अतः प्रतिबन्ध की आवश्यकता है।
प्रतिबन्ध की पर्याप्तता (Sufficient Conditions):माना K क्षेत्र F का अरिक्त उपसमुच्चय इस प्रकार है कि
(i) a \in K, b \in K \Rightarrow a-b \in K \\ (ii) a \in K, 0 \neq b \in K \Rightarrow a b^{-1} \in k
इन गुणधर्मों से:
a \in K, a \in K \Rightarrow a-a \in K \Rightarrow 0 \in K (योग तत्समक अवयव)
0 \in k, a \in K \Rightarrow 0-a \in K \Rightarrow-a \in K [प्रत्येक अवयव का योगात्मक प्रतिलोम K में है]
a \in K, b \in K \Rightarrow a \in K,-b \in K \Rightarrow a-(-b) \in K \\ \Rightarrow a+b \in K [योग संक्रिया के लिए K संवृत्त है]
तथा a \in K, 0 \neq a \in K \Rightarrow a.a^{-1} \in K \Rightarrow 1 \in K \\ 1 \in k, 0 \neq a \in K \Rightarrow 1.a^{-1} \in K \Rightarrow a^{-1} \in K \\ a \in K, 0 \neq b \in K \Rightarrow a \in , 0 \neq b^{-1} \in K \\ \Rightarrow a\left(b^{-1}\right)^{-1}=a b \in K
उपर्युक्त से स्पष्ट है कि:
(i)K,योग तथा गुणन संक्रिया के लिए संवृत्त है।
(ii)K \subset F, \therefore K के प्रत्येक अवयव का योग के सापेक्ष प्रतिलोम K में है तथा गुणन संक्रिया के सापेक्ष अशून्य अवयव का प्रतिलोम K में है।
(iii)K का प्रत्येक अवयव F का अवयव है इसलिए योग के लिए क्रमविनिमेय, साहचर्य, बंटन गुणधर्म तथा गुणा के लिए साहचर्य नियम भी K में सत्य है।
फलतः K प्रेरित संक्रियाओं के लिए क्षेत्र है।
अतः K,क्षेत्र F का उपक्षेत्र है।
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2.अमूर्त बीजगणित में उपवलय के साधित उदाहरण (Subrings in Abstract Algebra Solved Examples):
Example:1.सिद्ध कीजिए कि S=\left\{a+\sqrt{2} b: a, b \in z\right\} समस्त वास्तविक संख्याओं के वलय R का एक उपवलय है।
(Prove that S=\left\{a+\sqrt{2} b: a, b \in z\right\} is a subring of ring R of all real numbers.)
Solution:माना x=a_{1}+\sqrt{2} b_{1}, y=a_{2}+b_{2} \sqrt{2} तथा x, y \in S
तब x-y =\left(a_{1}+\sqrt{2} b_{1}\right)-\left(a_{2}+\sqrt{2} b_{2}\right) \\ =\left(a_{1}-a_{2}\right)+\sqrt{2}\left(b_{1}-b_{2}\right)
[चूँकि a_{1}, a_{2}, b_{1}, b_{2} \in z \Rightarrow a_{1}-a_{2}, b_{1}-b_{2} \in z]
xy=\left(a_{1}+b_{1} \sqrt{2}\right) \cdot\left(a_{2}+\sqrt{2} b_{2}\right) \\ \Rightarrow x y =\left(a_{1} a_{2}+3 b_{1} b_{2}\right)+\left(b_{1} a_{2}+b_{2} a_{1}\right) \sqrt{2} \in S
[चूँकि a_{1} , a_{2}, b_{1}, b_{2} \in z \Rightarrow a_{1} a_{2}+3 b_{1} b_{2} \in z_{1} b_{1} a_{2}+b_{2}a_{1} \in z ]
अतः x \in S, y \in S \Rightarrow x-y \in S, x.y \in S
फलतः S वलय <R,+,\bullet > का उपवलय है।
Example:2.सिद्ध कीजिए कि निकाय \langle\{0,3,6,9\},+_{12},\bullet_{12} \rangle, पूर्णांकों का वलय माड्यूलो 12 के अन्तर्गत <Z_{12},+_{12},\bullet_{12} > का उपवलय है।
(Prove that the system \langle\{0,3,6,9\},+_{12},\bullet_{12} \rangle is a subring of <Z_{12},+_{12} ,\bullet_{12} > the ring integers modulo 12.)
Solution: S=\langle\{0,3,6,9\},+_{12},\bullet_{12} \rangle
पूर्णांकों का वलय माड्यूलो 12 के अन्तर्गत <Z_{12},+_{12} ,\bullet_{12} > का उपवलय है।
\begin{array}{c|cccc} +_{12} & 0 & 3 & 6 & 9 \\ \hline 0 & 0 & 3 & 6 & 9 \\ \hline 3 & 3 & 6 & 9 & 0 \\ \hline 6 & 6 & 9 & 0 & 3 \\ \hline 9 & 9 & 0 & 3 & 6 \end{array} \quad \quad \begin{array}{c|cccc} \bullet_{12} & 0 & 3 & 6 & 9 \\ \hline 0 & 0 & 0 & 0 & 0 \\ \hline 3 & 0 & 9 & 6 & 3 \\ \hline 6 & 0 & 6 & 0 & 6 \\ \hline 9 & 0 & 3 & 6 & 9 \end{array}
स्पष्टत: S \in Z तथा S \neq \phi
अब यदि a \in S, b \in S \Rightarrow a-b \in S
[चूँकि संक्रिया सारणी से b का योग सापेक्ष प्रतिलोम -b=b है]
a-b=a b \in S
फलतः S, Z_{12} का उपवलय है।
Example:3.सिद्ध कीजिए कि विषम पूर्णांकों का समुच्चय वलय Z का उपवलय नहीं है।
(Show that the set of odd integers is not a subrings of Z.)
Solution:माना S=\{2 x+1: x \in z\}
a_{1}, b_{1} \in S \Rightarrow a_{1}=2 x+1, b_{1}=2 y+1 तथा x, y \in Z \\ a_{1}-b_{1} =(2 x+1)-(2 y+1) \\=2 x-2 y \\ \Rightarrow a_{1}-b_{1} =2(x-y) \notin S जबकि x-y \in z
अतः पूर्णांकों का समुच्चय वलय Z का उपवलय नहीं है।
Example:4.यदि R परिमेय (पूर्णांक)संख्याओं पर 2×2 कोटि के सभी मैट्रिसेज वलय हो तो सिद्ध कीजिए कि समुच्चय S,R का एक उपवलय है।जहाँ
S=\left\{\left[\begin{array}{ll}a & 0 \\0 & b\end{array}\right] \mid a, b \in Z \right\}
(If R be a ring of all 2×2 matrices over rational (integers) numbers then shows that the set S is a subring of R where
S=\left\{\left[\begin{array}{ll}a & 0 \\0 & b\end{array}\right] \mid a, b \in z\right\}
Solution:माना A=\left[\begin{array}{cc}a_{1} & 0 \\0 & b_{1}\end{array}\right] \quad B=\left[\begin{array}{cc}a_{2} & 0 \\0 &b_{2}\end{array}\right] \\ A, B \in S तथा a_{1}, b_{1}, a_{2}, b_{2} \in Z \\ A-B= \left[\begin{array}{ll}a_{1}-a_{2} & 0 \\0 & b_{1}-b_{2}\end{array}\right] \\ \Rightarrow A-B \in S \\ A B=\left[\begin{array}{ll}a_{1} & 0 \\0 & b_{1}\end{array}\right]\left[\begin{array}{ll}a_{2} & 0 \\0 & b_{2}\end{array}\right] \\ \Rightarrow A B=\left[\begin{array}{ll}a_{1} a_{2} & 0 \\0 & b_{1} b_{2}\end{array}\right] \\ A B \in S
अतः S,R का एक उपवलय है।
Example:5.यदि R परिमेय संख्याओं पर 2×2 कोटि के सभी मैट्रिसेज का वलय हो तो सिद्ध कीजिए कि समुच्चय S,R का उपवलय है जहाँ
S=\left\{\left[\begin{array}{ll}0 & a \\0 & b\end{array}\right] ; a, b \in Q\right\}
(If R be the ring of all 2×2 matrices over rational numbers then show that the set S is a subring of R where
S=\left\{\left[\begin{array}{ll}0 & a \\0 & b\end{array}\right] ; a, b \in Q\right\}
Solution: S=\left\{\left[\begin{array}{ll}0 & a \\0 & b\end{array}\right] ; a, b \in Q\right\}
माना A=\left[\begin{array}{ll}0 & a_{1} \\0 & b_{1}\end{array}\right], B=\left[\begin{array}{ll}0 & a_{2} \\0 & b_{2}\end{array}\right]
तथा A, B \in S व a_{1}, a_{2}, b_{1}, b_{2} \in Q \\ A-B=\left[\begin{array}{ll}0 & a_{1}-a_{2} \\0 & b_{1}-b_{2}\end{array}\right] \in S \\ A B=\left[\begin{array}{cc}0 & a_{1} \\0 & b_{1}\end{array}\right] \left[\begin{array}{ll}0 & a_{2} \\0 & b_{2}\end{array}\right] \\ \Rightarrow A B=\left[\begin{array}{ll}0 & a_{1} b_{2} \\0 & b_{1} b_{2}\end{array}\right] \in S
S,R का उपवलय है।
Example:6.उदाहरण देकर दर्शित कीजिए कि दो उपवलयों का योग एक उपवलय नहीं होता।
(Given an example to show that the sum of two subrings may not be a subring.)
Solution:माना S_{1}=\left\{\left[\begin{array}{ll}a & 0 \\0 & 0\end{array}\right] \mid a \in Z\right\}, S_{2}=\left\{\left[\begin{array}{ll} a & b \\0 & 0\end{array}\right] \mid a, b \in Z\right\}
S_{1} तथा S_{2} उपवलय हैं।परन्तु
S_{1}+S_{2}=\left[\begin{array}{cc}2 a & b \\0 & 0\end{array}\right] \notin S
अतः दो उपवलयों का योग उपवलय नहीं होता।
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा अमूर्त बीजगणित में उपवलय (Subrings in Abstract Algebra),गणित में उपवलय (Subrings in Mathematics) को समझ सकते हैं।
3.अमूर्त बीजगणित में उपवलय पर आधारित सवाल (Questions Based on Subrings in Abstract Algebra):
(1.)सिद्ध कीजिए कि समुच्चय S=\{a+i b: a, b \in z\},C पर परिभाषित साधारण योग तथा गुणा के सापेक्ष वलय C का उपवलय है।
(Show that the set S=\{a+i b: a, b \in z\} ,with respect to addition and multiplication defined an C is a subring of the ring C.)
(2.)समुच्चय \left\{a+2^{\frac{1}{3}} b+4^{\frac{1}{3}} c \mid a, b, c \in Q\right\} ,R का एक उपक्षेत्र है।
(The set \left\{a+2^{\frac{1}{3}} b+4^{\frac{1}{3}} c \mid a, b, c \in Q\right\} is a subfield of R.)
उपर्युक्त प्रश्नों को हल करने पर अमूर्त बीजगणित में उपवलय (Subrings in Abstract Algebra),गणित में उपवलय (Subrings in Mathematics) को ठीक से समझ सकते हैं।
Also Read This Article:-Define Ring in Algebra
4.अमूर्त बीजगणित में उपवलय (Subrings in Abstract Algebra),गणित में उपवलय (Subrings in Mathematics) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.उपवलय की परिभाषा दीजिये। (Define the subring):
उत्तर:उपवलय की परिभाषा (Definition of Subrings):यदि S,वलय R का एक अरिक्त उपसमुच्चय है तो S को R का उपवलय कहते हैं यदि S,R की द्विचर संक्रियाओं के लिए संवृत्त हो अर्थात्
a \in S, b \in S \Rightarrow a+b \in S
तथा a \in S, b \in S \Rightarrow a.b \in S
प्रश्न:2.विषम उपवलय कौन-कौनसे हैं? (Which are the odd subring?):
उत्तर:चूँकि प्रत्येक समुच्चय स्वयं का उपसमुच्चय है इसलिए R के कम से कम दो उपवलय होते हैं:
(i)R स्वयं (ii){0}
इन्हें विषम उपवलय (Trival or Improper Subrings) कहते हैं।इन दोनों के अतिरिक्त जो भी वलय R की उपवलय होती है वह उचित उपवलय (Proper Subring) कहलाती है।
प्रश्न:3.क्या दो उपवलयों का संघ एक उपवलय होती है? (Is there a union of two subring?)
जैसे: <R,+,\bullet> एक पूर्णांकों का वलय हैं।ये।
माना R_{1}=2 Z, R_{2}=3Z
तब R_{1} \cup R_{2} ही उपवलय नहीं है।
परन्तु R_{3}=4Z तब
R_{1} \cup R_{3} एक उपवलय है।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा अमूर्त बीजगणित में उपवलय (Subrings in Abstract Algebra),गणित में उपवलय (Subrings in Mathematics) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Definition of Subrings
उपवलय की परिभाषा (Definition of Subrings)
Definition of Subrings
अमूर्त बीजगणित में उपवलय,वलय का उपसमुच्चय होता है।
उपवलय की परिभाषा (Definition of Subrings):यदि S,वलय R का एक अरिक्त उपसमुच्चय है
तो S को R का उपवलय कहते हैं यदि S,R की द्विचर संक्रियाओं के लिए संवृत्त हो अर्थात्