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Statistical Normal Distribution

1.सांख्यिकीय प्रसामान्य बंटन (Statistical Normal Distribution),प्रसामान्य बंटन (Normal Distribution):

सांख्यिकीय प्रसामान्य बंटन (Statistical Normal Distribution) के इस आर्टिकल में कोटि अक्ष विधि और क्षेत्रफल विधि द्वारा एक प्रसामान्य वक्र का आसंजन करेंगे और दोनों विधियों से प्रत्याशित आवृत्तियाँ ज्ञात करेंगे।
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2.सांख्यिकीय प्रसामान्य बंटन के साधित उदाहरण (Statistical Normal Distribution Solved Illustrations):

Illustration:34.निम्नलिखित प्रेक्षित आवृत्ति बंटन पर कोटि-अक्ष विधि तथा क्षेत्रफल विधि द्वारा एक प्रसामान्य वक्र आसंजन कीजिए और दोनों रीतियों से प्रत्याशित आवृत्तियाँ ज्ञात कीजिए:
(Fit a normal curve to the following observed frequency distribution by Ordinate method and Area method and obtain expected frequencies by both the method):

\begin{array}{|cc|} \hline \text{Class} & \text{freq.} \\ \hline 0-10 & 1 \\ 10-20 & 10 \\ 20-30 & 21 \\ 30-40 & 50 \\ 40-50 & 80 \\ 58-60 & 140 \\ 60-70 & 188 \\ 70-80 & 214 \\ 80-90 & 125 \\ 90-100 & 100 \\ 100-110 & 42 \\ 110-120 & 20 \\ 120-130 & 6 \\ 130-100 & 2 \\ 140-150 & 1 \\ \hline \end{array}
Solution:प्रसामान्य बंटन के लिए के मान जानने आवश्यक है,अतएव सबसे पहले और का परिकलन किया जाएगा:

\begin{array}{|cccccc|} \hline \text{Class}& & \text{freq.} & \text{Devi.}& & \\ & x & f & dx & fdx & fd^2x \\ \hline 0-10 & 5 & 1 & -7 & -7 & 49 \\ 10-20 & 15 & 10 & -6 & -60 & 360 \\ 20-30 & 25 & 21 & -5 & -105 & 525 \\ 30-40 & 35 & 50 & -4 & -200 & 800 \\ 40-50 & 45 & 80 & -3 & -240 & 720 \\ 50-60 & 55 & 140 & -2 & -280 & 560 \\ 60-70 & 65 & 188 & -1 & -188 & 188 \\ 70-80 & 75 & 214 & 0 & 0 & 0 \\ 80-90 & 85 & 125 & 1 & 125 & 125 \\ 90-100 & 95 & 100 & 2 & -200 & 400 \\ 100-110 & 105 & 42 & 3 & 120 & 378 \\ 110-120 & 115 & 20 & 4 & 80 & 320 \\ 120-130 & 125 & 6 & 5 & 30 & 150 \\ 130-140 & 135 & 2 & 6 & 12 & 72 \\ 140-150 & 145 & 1 & 7 & 7 & 49 \\ \hline \text{Total} & & 1000 & &-500 & 4696 \\ \hline \end{array}
समान्तर माध्य (\overline{X})=A+\frac{\Sigma f dx}{\Sigma f} \times h \\ =75+\left(\frac{-500}{1000}\right) \times 10 \\ =75-5 \\ \Rightarrow \overline{X}=70
मानक विचलन (\sigma)=\sqrt{\frac{\Sigma f d^2 x}{N}-\left(\frac{\Sigma f d x}{N}\right)^2} \\ =i \sqrt{\frac{4696}{1600}-\left(\frac{-500}{1000}\right)^2} \\ =\sqrt{4.696-0.25 \times 10} \\ =\sqrt{4.446 \times 10} \\ \Rightarrow \sigma \approx 2.10855 \times 10 \\ \Rightarrow \sigma \approx 21.09
माध्य कोटि का माप y_0=0.3989 \times\left(\frac{N_{i}}{\sigma}\right) \\ =0.3989 \times \frac{1000 \times 10}{21.09} \\ y_0 \approx 189.14
वर्ग माध्य-मानों पर स्थित कोटि अक्षों की ऊँचाई
\begin{array}{|cccccc|} \hline \text{वर्गान्तर} & \text{मध्यमान} & \text{माध्य से } & \text{प्रमाप  } & \text{कोटि अक्षों की } & \text{कोटि अक्ष } \\ & & \text{विचलन} & \text{प्रसामान्य} & \text{ ऊँचाई का माध्य } & \text{की ऊँचाई } \\ & & & \text{चर} & \text{कोटि से अनुपात} & \text{(प्रत्याशित आवृत्ति)} \\ 1 & 2 & 3 & 4 & 5 & 6\\ \hline 0-10 & 5 & -65 & -3.08 & 0.00871 & 1.65\\ 10-20 & 15 & -55 &-2.61 & 0.03317 & 6.27 \\ 20-30 & 25 & -45 &-2.13 & 0.10347 & 19.57 \\ 30-40 & 35 & -35 &-1.66 & 0.25213 & 47.69 \\ 40-50 & 45 & -25 & -1.19 & 0.49260 & 93.17 \\ 50-60 & 55 & -15 &-0.71 & 0.77721 & 147.00\\ 60-70 & 65 & -5 &-0.24 & 0.97161 & 183.77 \\ 70-80 & 75 & 5 &+0.24 & 0.97161 & 183.77 \\ 80-90 & 85 & 15 & 0.71 & 0.77721 & 147.00 \\ 90-100 & 95 & 25 & 1.19 & 0.49260 & 93.17 \\ 100-110 & 105 & 35 & 1.66 & 0.25213 & 47.69 \\ 110-120 & 115 & 45 & 2.13 & 0.10347 & 19.57 \\ 120-130 & 125 & 55 & 2.61 & 0.03317 & 6.27\\ 130-140 & 135 & 65 & 3.08 & 0.00871 & 1.65 \\ 140-150 & 145 & 75 & 3.56 & 0.00177 & 0.33 \\ \hline \end{array}
प्रक्रिया:(1.)सर्वप्रथम और ज्ञात किये जाते हैं।
(2.)वर्गान्तरों के मध्य-बिन्दु निकाल लिए जाते हैं।(Col.2)
(3.)मध्य-बिन्दु से समान्तर माध्य के विचलन (Col.3) का प्रमाप विचलन से भाग देकर z=\frac{x}{\sigma} के मान प्राप्त किए जाते हैं।(Col.4)
(4.)प्रत्येक अन्तर पर स्थित कोटि की ऊँचाई के अनुपात में (Height of the ordinate as a proportion of the height of the mean ordinate) तत्सम्बन्धी सारणी से पढ़ लिए जाते हैं या सूत्र से ज्ञात कर सकते हैं।(Col.5)
[माध्य कोटि का माप=0.3989 \times\left(\frac{N_{i}}{\sigma}\right)]
(5.)माध्य कोटि के माप को प्रत्येक कोटि के सारणी-मूल्य (Col.5) से गुणा करके प्रत्याशित आवृत्ति ज्ञात कर ली जाती है।(Col.6)
क्षेत्रफल विधि: N=1000, \overline{X}=70, \sigma=21.09
 \begin{array}{|ccccccc|} \hline \text{वर्गान्तर} & \text{अधर } & \text{माध्य } & \text{विचलन } & \text{केन्द्र कोटि } & \text{प्रत्येक वर्ग} & \text{प्रत्याशित} \\ & \text{सीमाएँ} & \text{ से }  & \text{ प्रमाप} & \text{ (0)  से z-} & \text{के अधीनस्थ} & \text{आवृत्ति} \\ & & \text{विचलन } & \text{वि. इकाइयों में} & \text{कोटि तक} & \text{क्षेत्रफल} & \\ & & & & \text{का क्षेत्रफल} \\ 1 & 2 & 3 & 4 & 5 & 6 & 7 \\ \hline 0-10 & 0 & -70 & -3.32 &0.4996 & 0.0019 & 1.9 \\ 10-20 & 10 & -60 & -2.84 & 0.4977 & 0.0066 & 6.6 \\ 20-30 & 20 & -50 & -2.37 & 0.4911 & 0.0198 & 19.8 \\ 30-40 & 30 & -40 & -1.90 & 0.4713 & 0.0491 & 49.1 \\ 40-10 & 40 & -30 & -1.42 & 0.4222 & 0.0933 & 93.3\\ 50-60 & 50 & -20 & -0.95 & 0.3289 & 0.1481 & 148.1\\ 80-70 & 60 & -10 & -0.47 & 0.1808 & 0.1808 & 180.8 \\ 70-80 & 70 & 0 & 0 & 0 & 0 & 0\\ 80-90 & 80 & 10 & 0.47 & 0.1808 & 0.1808 & 180.8 \\ 90-100 & 90 & 20 & 0.95 & 0.3289 & 0.1481 & 148.1 \\ 100-110 & 100 & 30 & 1.42 & 0.4222 & 0.0933 & 93.3 \\ 110-120 & 110 & 40 & 1.90 & 0.4713 & 0.0491 & 49.1 \\ 120-130 & 120 & 50 & 2.37 & 0.4911 & 0.0198 & 19.8 \\ 130-140 & 130 & 60 & 2.84 & 0.4977 & 0.0066 & 6.6 \\ 140-150 & 140 & 70 & 3.32 & 0.4996 & 0.0019 & 1.9 \\ \hline \end{array}
प्रक्रिया:(1.)प्रथम,वर्गान्तरों की निचली सीमाएँ (lower limits) प्राप्त कर ली जाती हैं।(Col.2)
(2.)प्रत्येक अधर सीमा में से माध्य घटाकर विचलन (Col.3) प्रमाप विचलन की इकाइयों Z=\frac{(X-\overline{X})}{\sigma} उपलब्ध कर लिए जाते हैं।(Col.4)
(3.)z के विभिन्न मूल्यों के लिए प्रसामान्य वक्र के अधीन क्षेत्रफल सम्बद्ध सारणी से देख लिए जाते हैं।(Col.5)
(4.)निकटवर्ती क्षेत्रफलों के अन्तर (Col.6) निकाल लिए जाते हैं।ये अन्तर ही वर्गान्तरों के अधीन आने वाले क्षेत्रफल हैं।
(5.)अन्त में,वर्गान्तरों के अधीन क्षेत्रफल को कुल संख्या (N) से गुणा करके प्रत्याशित आवृत्तियाँ (Col.7) परिकलित कर ली जाती हैं।

Illustration:35.एक वकील अपने उपनगरीय घर से नगरीय कार्यालय को प्रतिदिन जाता है।एक ओर की यात्रा में औसत रूप से 24 मिनट लगते हैं जबकि प्रमाप विचलन 3.8 मिनट है।यात्रा-समय को प्रसामान्य रूप से बंटित मानते हुए यह ज्ञात कीजिए कि (क)यात्रा में कम से कम आधा घण्टा लगने की क्या प्रायिकता है? (ख)यदि कार्यालय प्रातः 9 बजे खुलता है तो उसे कार्यालय पहुँचने में कितने समय देरी हो जाती है;(ग) यदि वह घर से 8.35 पर चलता है और कार्यालय में काॅफी 8.50 से लेकर 9 बजे तक दी जाती है तो इस बात की क्या सम्भावना है कि उसे काॅफी नहीं मिल सकेगी?
(An advocate commutes daily from his suburban house to city office.One way trip takes on an average 24 minutes with a standard deviation of 3.8 minutes.Assuming trip times to be normally distributed,find (a)the probability of the trip taking at least half an hour, (b)If the office opens at 9 a.m. and he starts from his house at 8.45 a.m. by how much percentage of time is he delayed in reaching the office, (c)If he starts at 8.35 a.m. from his home and coffee is served in the office between 8.50 and 9.00 a.m.,What is the chance of his missing a cup of coffee at office?)
Solution:(क)X=30 मिनट , \overline{X}=24 मिनट , \sigma=3.8 मिनट
30 मिनट से कम मूल्यों का अनुपात
Z=\frac{(X-\overline{X})}{\sigma} \\ \Rightarrow Z=\frac{30-24}{3.8}=\frac{6}{3.8}=+1.5789
केन्द्रीय कोटि 0 से +1.5789 (दाईं ओर) तक का क्षेत्रफल=0.4418
दायीं ओर के अर्द्धभाग का क्षेत्रफल=0.5000
\therefore +1.5789 से दायीं ओर का क्षेत्रफल=0.5000-0.4418
=0.0582
अतः यात्रा में कम से कम आधा घण्टा लगने की प्रायिकता=0.0582
(ख)8.45 से 9 बजे के बीच का समय=15 मिनट
X=15 मिनट , \overline{X}=24 मिनट , \sigma=3.8 मिनट
Z=\frac{(X-\overline{X})}{\sigma} \\ \Rightarrow Z=\frac{15-24}{3.8}=\frac{-9}{3.8} \\ \Rightarrow Z=-2.3684
अतः केन्द्रीय कोटि 0 से -2.368 (बाईं ओर) का क्षेत्रफल=0.4909
बाईं ओर के अर्द्धभाग का क्षेत्रफल=0.5000
अतः 15 मिनट दायीं ओर का क्षेत्रफल=0.5000+0.4909=0.9909
अतः कार्यालय में प्रतिशत समय की देरी=99.09%
(ग)8.35 am से 9.00 am के बीच का समय=25 मिनट
X=25 मिनट , \overline{X}=24 मिनट , \sigma=3.8 मिनट
Z=\frac{(X-\overline{X})}{\sigma} \\ \Rightarrow Z=\frac{25-24}{3.8}=\frac{1}{3.8}=+0.2631
केन्द्रीय कोटि 0 से 0.2631 (दायीं ओर) का क्षेत्रफल=0.1026
दायीं ओर के अर्द्धभाग का क्षेत्रफल=0.5000
+0.2631 के दायीं ओर का क्षेत्रफल=0.5000-0.1026=0.3974
अतः उसे काॅफी न मिलने की संभावना=0.3974
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा सांख्यिकीय प्रसामान्य बंटन (Statistical Normal Distribution),प्रसामान्य बंटन (Normal Distribution) को समझ सकते हैं।

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3.सांख्यिकीय प्रसामान्य बंटन (Frequently Asked Questions Related to Statistical Normal Distribution),प्रसामान्य बंटन (Normal Distribution) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.प्रसामान्य बंटन का उपयोग बताइए। (Describe Use of General Distribution):

उत्तर:अनेक क्षेत्रों में समंकों के विचरण का स्वरूप बहुत कुछ,प्रसामान्य बंटन के अनुरूप होता है।विशेष रूप से प्राकृतिक विज्ञानों,प्राणिशास्त्र,मनोविज्ञान,समाजशास्त्र और आंशिक रूप आर्थिक तथा औद्योगिक क्षेत्रों में प्रसामान्य बंटन के अनेकानेक उदाहरण मिलते हैं।एक पेड़ के पत्तों की लम्बाई,वयस्क व्यक्तियों की ऊँचाई,एक नस्ल के प्राणियों का आयु वितरण,जन्म,मृत्यु व विवाह दरें,छात्रों के बौद्धिक-स्तर के मापांक,मापन और अवलोकन की त्रुटियाँ,इस्पात के तारों की तनाव शक्ति आदि घटनाओं पर प्रसामान्य बंटन के नियम लागू होते हैं।अतः इस बंटन का व्यापक उपयोग होता है।

प्रश्न:2.प्रसामान्य बंटन की महत्ता बताइए। (Describe Importance of General Distribution):

उत्तर:सार्वभौमिक व्यवस्था के इस विचित्र स्वरूप,जिसे विभ्रम की आवृत्ति नियम कहते हैं,के अतिरिक्त विचार-शक्ति पर इतना अधिक प्रभाव डालने वाली किसी अन्य प्रवृत्ति का ज्ञान नहीं है।यदि यूनानियों को यह नियम ज्ञात होता तो वे इसे देवता का रूप दे देते।… जितनी अधिक इकाइयों की संख्या होगी और जितनी स्पष्ट उनमें अनियमितता और अव्यवस्था होगी,उतना ही अधिक इस नियम का प्रभुत्व रहेगा।यह अ-तर्क (यादृच्छिक प्रतिचयन) का सर्वोपरि नियम है।जब कभी मिश्रित और अव्यवस्थित तत्त्वों का एक बड़ा प्रतिदर्श चुना जाता है और उनके आकार के अनुसार उनका विन्यास किया जाता है,तो एक निस्संदेह और अति सुन्दर नियमितता की प्रवृत्ति पूर्ण रूप से सिद्ध हो जाती है।

प्रश्न:3.प्रसामान्य बंटन की आधारभूत मान्यताएँ क्या हैं? (What Are the Basic Assumptions of General Distribution?):

उत्तर:स्वतन्त्र कारण,विविध कारण,सममिति सम्बन्धी मान्यता,समरूपता की मान्यता आदि इसकी आधारभूत मान्यताएँ हैं।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा सांख्यिकीय प्रसामान्य बंटन (Statistical Normal Distribution),प्रसामान्य बंटन (Normal Distribution) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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(Statistical Normal Distribution)

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कोटि अक्ष विधिऔर क्षेत्रफल विधि द्वारा एक प्रसामान्य वक्र का आसंजन करेंगे और दोनों
विधियों से प्रत्याशित आवृत्तियाँ ज्ञात करेंगे।