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Reduction of Equation of 2nd Degree

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1 1.त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree),त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के व्यापक समीकरण का समानयन (Reduction of General Equation of Second Degree in 3D):
1.2 3.त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन पर आधारित सवाल (Questions Based on Reduction of Equation of 2nd Degree):

1.त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree),त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के व्यापक समीकरण का समानयन (Reduction of General Equation of Second Degree in 3D):

त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree) से पूर्व निर्देशाक्षों का घूर्णन का अध्ययन करेंगे।
निर्देशाक्षों का घूर्णन (Rotation of Coordinate Axes):
अब हम निर्देशाक्षों को मुख्य दिशाओं की दिशा में घुमाकर शांकवज का विहित समघात (Canonical Form) ज्ञात करेंगे।
स्थिति:I.जबकि D \neq 0
इस स्थिति में मूलबिन्दु को केन्द्र पर स्थानान्तरित करने पर समीकरण F(x,y,z)=0 को निम्न प्रकार से लिख सकते हैं:

f(x, y, z)+\frac{S}{D}=0 \cdots(1)
हम जानते हैं कि प्रत्येक शांकवज के लिए कम से कम तीन परस्पर लम्ब मुख्य दिशाओं का एक समुच्चय अवश्य विद्यमान होता है।
यदि विविक्तिकर त्रिघाती

\lambda^{3}-\lambda^{2}(a+b+c)+\lambda(A+B+C)-D=0
के मूल \lambda_{1}, \lambda_{2}, \lambda_{3} की संगत मुख्य दिशाओं की दिक्कोज्याएँ क्रमशः l_{1},m_{1},n_{1} ;l_{2},m_{2},n_{2} तथा l_{3},m_{3},n_{3} हों तो निर्देशाक्षों को इनके अनुदिश घुमाने पर समीकरण (1) में x,y,z की जगह क्रमशः
l_{1} x+l_{2} y+l_{3} z, m_{1} x+m_{2} y+m_{3} z, n_{1} x+n_{2} y+n_{3} z रखना होगा।
इसलिए समीकरण का परिवर्तित रूप होगा:

a\left(l_{1} x+l_{2} y+l_{3} z\right)^{2}+b\left(m_{1} x+m_{2} y+m_{3}z\right)^{2} +c\left(n_{1} x+n_{2} y+n_{3} z\right)^{2}+2 f\left(m_{1} x+m_{2} y+m_{3} z\right)\left(n_{1} x +n_{2} y+n_{3} z\right)+2g \left(n_{1} x+n_{2} y+n_{3} z\right)\left(l_{1} x+l_{2} y+ l_{3} z\right) +2 h\left(l_{1} x+l_{2} y+l_{3} z\right) \left(m_{1} x+m_{2} y+m_{3} z\right) +\frac{S}{D}=0 \ldots(2)

यहाँ x^{2} का गुणांक

=a l_{1}^{2}+b m_{1}^{2}+c n_{1}^{2}+2 f m_{1} n_{1}+2 g n_{1} l_{1} +2h l_{1} m_{1} \\ = l_{1}\left(a l_{1}+h m_{1}+g n_{1}\right)+m_{1}\left(h l_{1}+b m_{1}+f n_{1}\right) +n_{1}\left(g l_{1}+f m_{1}+c n_{1}\right)\\ = \lambda_{1}\left(\lambda_{1} l_{1}\right)+m_{1}\left(\lambda_{1} m_{1}\right)+n_{1} \left(\lambda_{1} n_{1}\right) \\ = \lambda_{1}\left(l_{1}^{2}+m_{1}^{2}+n_{1}^{2}\right)=\lambda_{1}
इसी प्रकार y^{2} तथा z^{2} के गुणांक क्रमशः \lambda_{2} और \lambda_{3} होंगे।
यहाँ 2yz का गुणांक
=a l_{2} l_{3}+b m_{2} m_{3}+c n_{2} n_{3}+f\left(m_{2} n_{3}+m_{3} n_{2}\right)+g\left(n_{2} l_{3}+n_{3} l_{2}\right)+h\left(l_{2} m_{3}+l_{3} m_{2}\right) \\ = l_{3}\left(a l_{2}+h m_{2}+g n_{2}\right) +m_{3} \left(h l_{2}+b m_{2}+f n_{2}\right) +n_{3}\left(g l_{2}+f m_{2}+c n_{2}\right) \\ = l_{3}\left( \lambda_{3} l_{2}\right)+m_{3}\left(\lambda_{2} m_{2}\right)+m_{3}\left(\lambda_{2} n_{2}\right) \\ = \lambda_{2}\left(l_{2} l_{3}+m_{2} m_{3}+n_{2} n_{3}\right)\\=0 चूँकि मुख्य दिशाएँ परस्पर लम्ब हैं।
इसी प्रकार 2zx और 2xy के गुणांक भी शून्य होंगे।
अतः समीकरण (2) का स्वरूप होगा

\lambda_{1} x^{2}+\lambda_{2} y^{2}+\lambda_{3} z^{2}+\frac{S}{D}=0 \cdots \text { (3) }
इसे हम दिए हुए शांकवज का विहित रूप (Canonical Form) कहते हैं।
टिप्पणी:उपर्युक्त रूपान्तरण हमने यह मान कर किया है कि D \neq 0 तथा \lambda_{1} ; \lambda_{2} तथा \lambda_{3} विविक्तिकर त्रिघाती के सुस्पष्ट मूल हैं। यदि \lambda_{1}=\lambda या \lambda_{1}=\lambda_{2}=\lambda_{3} तो भी हम इस विधि का उपयोग कर सकते हैं।
स्थिति:II.जबकि D=0,Au+Hv+Gw=0, A \neq 0
इस स्थिति में हमें परिमित दूरी पर एक केन्द्र रेखा प्राप्त होगी और विविक्तिकर त्रिघाती का एक मूल (माना) शून्य होगा।
केन्द्र रेखा \frac{\partial F}{\partial x}=0, \frac{\partial F}{\partial y}=0, \frac{\partial F}{\partial z}=0
में से किसी भी दो समीकरणों से प्राप्त की जा सकती है।इस रेखा के किसी बिन्दु (\alpha, \beta, \gamma) को केन्द्र लेने पर मूलबिन्दु को स्थानान्तरित करने से हम समीकरण F(x,y,z)=0 को निम्न रूप में लिख सकते हैं:

f(x, y, z)+u \alpha+v \beta+w \gamma+d=0 \cdots(4)
यहाँ हमें \lambda_{3}=0 के संगत मुख्य दिशाएँ

g l_{3}+f m_{3}+c n_{3}=0 \\ h l_{3}+b m_{3}+f h_{3}=0
से प्राप्त होती हैं।अतः

\frac{l_{3}}{f^{2}-b c}=\frac{m_{3}}{ch-fg}=\frac{n_{3}}{bg-fh} \cdots(5)\\ \Rightarrow \frac{l_{3}}{A}=\frac{m_{3}}{H}=\frac{n_{3}}{G} \cdots(6)
चूँकि D=0 फलतः GH=AF इसलिए समीकरण (6) को:

\frac{l_{3}}{\frac{1}{F}}=\frac{m_{3}}{\frac{1}{G}}=\frac{n_{3}}{\frac{1}{H}} \cdots(7)
में भी लिख सकते हैं।
अतः \lambda_{3} के संगत मुख्य समतल सरल रेखा
Fx=Gy=Hz … (8)
पर लम्ब कोई भी समतल लिया जा सकता है।इस स्थिति में निर्देशाक्षों की दिशा मुख्य दिशाओं की ओर घुमाने पर पृष्ठ का समीकरण विहित रूप (Canonical Form)
\lambda_{1} x^{2}+\lambda_{2} y^{2}+(u \alpha+v \beta+w \gamma+d)=0 में प्राप्त होगा।
स्थिति:III.जबकि D=0, Au+Hv+Gw \neq 0
ऐसी दशा में हमें केन्द्र अनन्त दूरी पर प्राप्त होगा और विविक्तिकर त्रिघाती का एक मूल (माना \lambda_{3} ) शून्य होगा।
अतः हम मूलबिन्दु पर ही निर्देशाक्षों को घुमाते हैं जिससे उसकी दिशाएँ मुख्य दिशा के अनुदिश हों।
इस स्थिति में शांकवज F(x,y,z)=0 में x,y,z को क्रमशः l_{1} x+l_{2} y+l_{3} z इत्यादि प्रतिस्थापित करने पर समीकरण का निम्न स्वरूप प्राप्त होगा:

a\left(l_{1} x+l_{2} y+l_{3} z\right)^{2}+b\left(m_{1} x+m_{2} y+m_{3} z\right)^{2}+c\left(n_{1} x+n_{2} y+n_{3} z\right)^{2}+2 f\left(m_{1} x+m_{2} y +m_{3} z\right) \left(n_{1} x+n_{2} y+n_{3} z\right)+2 g\left(n_{1} x+n_{2} y+n_{3} z\right)\left(l_{1} x+l_{2} y+l_{3} z\right)+2 h\left(l_{1} x+l_{2} y+l_{3} z\right) \left(m_{1} x+m_{2} y+m_{3} z\right)+2 u \left(l_{1} x+l_{2} y+l_{3} z\right)+2 v\left(m_{1} x+m_{2} y+m_{z} z\right) +2 w\left(n_{1} x+n_{2} y+n_{3} z\right)+d=0\cdots(9)
स्थिति-I की तरह यहाँ भी हमें x^{2} का गुणांक \lambda_{1}, y^{2} का गुणांक \lambda_{2} तथा z^{2} का शून्य और xy,yz तथा zx के गुणांक शून्य प्राप्त होंगे।
अतः F(x,y,z)=0 समीकरण का परिवर्तित रूप होगा:

\lambda_{1} x^{2}+\lambda_{2} y^{2}+2 x\left(u l_{1}+v m_{1}+w n_{1}\right)+2 y \left(u l_{2}+v m_{2}+w n_{2}\right)+2 z\left(u l_{3}+v m_{3}+w n_{3}\right)+d=0 \cdots(10)
इसको हम \lambda_{1} x^{2}+\lambda_{2} y^{2}+2 x p+2 y q+2zr+d=0 \cdots(11) भी लिख सकते हैं,जहाँ
p=u l_{1}+v m_{1}+w n_{1} \\ q=u l_{2}+v m_{2}+w n_{2} \\ r=u l_{3}+v m_{3}+w n_{3}, r \neq 0 \ldots(12) \\ \left(Au+Hv+G w \neq 0 \Rightarrow u l_{3}+v m_{3}+w n_{3} \neq 0 \Rightarrow r \neq 0\right)

समीकरण (11) को निम्न रूप में लिखा जा सकता है:

\lambda_{1}\left(x+\frac{p}{\lambda_{1}}\right)^{2}+\lambda_{2}\left(y+\frac{q}{\lambda_{2}} \right)^{2}+2 r \left\{z+\frac{1}{2r}\left(d-\frac{p^{2}}{\lambda_{1}}-\frac{q^{2}}{\lambda_{2}}\right) \right\}=0 \cdots(13)
अब मूलबिन्दु को बिन्दु

\left\{-\frac{p}{\lambda_{1}},-\frac{q}{\lambda_{2}}, \frac{1}{2 r}\left(d-\frac{p^{2}}{\lambda_{1}}-\frac{q^{2}}{\sqrt{2}}\right)\right\}
पर स्थानान्तरित करने से समीकरण (13) का विहित रूप (Canonical Form) होगा:

\lambda_{1} X^{2}+\lambda_{2} Y^{2}+2rz=0, r \neq 0 \cdots(14)
उपर्युक्त समीकरण परवलयज प्रदर्शित करता है।यदि \lambda_{1}, \lambda_{2} एक ही चिन्ह के हों तो दीर्घवृत्तीय परवलयज होगा। यदि \lambda_{1}, \lambda_{2} विपरीत  चिन्ह के हों तो अति परवलयज होगा।
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2.त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन पर आधारित उदाहरण (Examples Based on Reduction of Equation of 2nd Degree):

Example:1.समीकरण 11 x^{2}+10 y^{2}+6 z^{2}-8 y z+4 zx-12 x y+72 x-72 y+36z+150=0 का मानक रूप में समानयन कीजिए तथा पृष्ठ का स्वरूप ज्ञात कीजिए।साथ ही इसके अक्ष का समीकरण भी ज्ञात कीजिए।
(Reduce the equation 11 x^{2}+10 y^{2}+6 z^{2}-8 y z+4 zx-12 x y+72 x-72 y+36z+150=0 to the standard form and give the nature of the surface.Also find the equation of its axis.)
Solution: f(x, y, z)=11 x^{2}+10 y^{2}+6 z^{2}-8 y z+4 zx-12 x y+72 x-72 y+36z+150=0 \\ a=11, b=10, c=6, f=-4, g=2, h=-6, u=36, v=-36, w=18, d=150 \\ A=b c-f^{2}=10 \times 6-(-4)^{2}=60-16=44 \\ B=ca-g^{2}=6 \times 11-(2)^{2}=66-4=62 \\ C=a b-h^{2}=11 \times 10-(-6)^{2}=110-36=74 \\ D=a b c+2 f g h-a f^{2}-b g^{2}-c h^{2} \\ =11 \times 10 \times 6+2 \times-4 \times 2 \times-6-11 \times(-4)^{2} -10(2)^{2} \\ -6 \times(-6)^{2}=660+96-176-40-216=324
चूँकि A,B,C तीनों शून्य नहीं है,इसलिए द्विघातीय पद पूर्ण वर्ग नहीं बनाते।
अतः विविक्तिकर त्रिघाती
(i) \lambda^{3}-\lambda^{2}(a+b+c)+\lambda(A+B+C)-D=0 \\ \lambda^{3}-\lambda^{2}(11+10+6)+ \lambda(44+62+14)-324=0 \\ \Rightarrow \lambda^{3}-27 \lambda^{2}+180 \lambda-324=0 \\ \Rightarrow \lambda^{3}-3 \lambda^{2}-24 \lambda^{2}+72 \lambda+108 \lambda-324=0 \\ \Rightarrow \lambda^{2}(\lambda-3)-24 \lambda(\lambda-3)+108(\lambda-3)=0 \\ \Rightarrow (\lambda-3) \left[\lambda^{2}-24 \lambda+108\right]=0 \\ \Rightarrow (\lambda-3)\left[\lambda^{2}-18 \lambda-6 \lambda+108\right]=0 \\ \Rightarrow (\lambda-3)[\lambda(\lambda-18)-6(\lambda-18)]=0 \\ \Rightarrow(\lambda-3)(\lambda-6)(\lambda-18)=0 \\ \Rightarrow \lambda=3,6,18 \\ \lambda_{1}=3, \lambda_{2}=6, \lambda_{3}=18
(ii) केन्द्र के निर्देशांक (\alpha, \beta, \gamma) ज्ञात करने के लिए

\frac{\partial F}{\partial x}=22 x+4 z-12 y+72=0, \Rightarrow 11 x+2 z-6 y+36=0 \cdots(1)\\ \frac{\partial F}{\partial y}=20 y-8 z-12 x-72=0 \Rightarrow-3 x+5 y-2 z-18=0 \cdots(2)\\ \frac{\partial F}{\partial z}=12 z-8 y+4 x+36=0 \Rightarrow x-2 y+3 z+9=0 \cdots(3)
समीकरण (1),(2),(3) को हल करने पर:
x=-2,y=2,z=-1
अतः केन्द्र के निर्देशांक (\alpha, \beta, \gamma)=(-2,2,-1)
(iii) यहाँ u \alpha+v \beta+w \gamma+d=36(-2)-36(2)+18(-1)+150 \\ \Rightarrow u \alpha+v \beta+w \gamma+d=-72-72-18+150=-12
अतः मूलबिन्दु को केन्द्र पर स्थानान्तरित करने तथा निर्देशाक्षों को मुख्य दिशाओं के अनुदिश घुमाने पर पृष्ठ का समीकरण निम्न रूप में प्राप्त होता है:

\lambda_{1} X^{2}+\lambda_{2} Y^{2}+\lambda_{3} Z^{2}+(u \alpha+v \beta+w \gamma+d)=0 \\ \Rightarrow 3 X^{2}+6 Y^{2}+18 Z^{2}-12=0 \\ \Rightarrow X^{2}+2 Y^{2}+6 Z^{2}-4=0
जो कि एक दीर्घवृत्तज (Ellipsoid) है।
(iv) मुख्य दिशाएँ ज्ञात करने के लिए यहाँ
f(l, m, n)=11 l^{2}+10 m^{2}+6 n^{2}-8 m n+4 n l-12 lm तथा

\frac{\partial f}{\frac{\partial l}{2 l}}=\frac{\partial f}{\frac{\partial m}{2 m}}=\frac{\partial f}{\frac{\partial n}{2 n}} =\lambda \\ \Rightarrow \frac{22 l+4 n-12 m}{2 l}=\frac{20 m-8 n-12 l}{2 m}= \frac{12 n-8 m+4 l}{2 n}=3 \\ \Rightarrow 22 l+4 n-12 m=6 l \\ \Rightarrow 8 l-6 m+2 n=0 \cdots(4)\\ \Rightarrow \frac{20 m-8 n-12 l}{2 m}=3 \\ \Rightarrow 20 m-8 n-12 l=6 m \\ \Rightarrow -6l+7 m-4 n=0 \cdots(5)\\ \frac{12 n-8 m+4 l}{2 n}=3 \\ \Rightarrow 12 n-8 m+4 l=6 n \\ \Rightarrow 2 l-4 m+3 n=0 \cdots(6)
(4) व (5) को हल करने पर:

\frac{l}{24-14}=\frac{m}{-12+32}=\frac{n}{56-36} \\ \Rightarrow \frac{l}{10}=\frac{m}{20}=\frac{n}{20} \\ \Rightarrow \frac{l}{1}=\frac{m}{2}=\frac{n}{2}
अब चूँकि मुख्य अक्ष केन्द्र से होकर जाता है इसलिए उसका अभीष्ट समीकरण होगा:

\frac{x+2}{1}=\frac{y-2}{2}=\frac{z+1}{2}

Example:2.सिद्ध कीजिए कि समीकरण 16 x^{2}+4 y^{2}+4 z^{2}+4 y z-8 z x+8 x y+4 x+4 y-16 z-24=0 एक दीर्घवृत्तीय परवलयज निरूपित करता है।इसका अक्ष एवं शीर्ष ज्ञात कीजिए।
(Show that the equation 16 x^{2}+4 y^{2}+4 z^{2}+4 y z-8 z x+8 x y+4 x+4 y-16 z-24=0 represents an elliptic paraboloid.Find its axis and vertex.)
Solution:F(x, y, z) \equiv 16 x^{2}+4 y^{2}+4 z^{2}+4 y z-8 z x+8 x y+4 x+4 y-16 z-24=0 \\ a=16, b=4, c=4, f=2, g=-4, h=4,u=2,v=2, w=-8, d=-24 \\ A=b c-f^{2}=4 \times 4-(2)^{2}=16-4=12 \\ B=c a-g^{2}=4 \times 16-(-4)^{2}=-64-16=\frac{38}{48} \\ C=a b-h^{2}=16 \times 4-4^{2}=64-16=48 \\ D=a b c+2+g h-a f^{2}-b g^{2}-c h^{2} \\ =16 \times 4 \times 4+2 \times 2 \times-4 \times 4-16 \times 2^{2}=4 \times(-4)^{2}-4 \times 4^{2} \\ =256-64-64-64-64=0
चूँकि A,B,C तीनों शून्य नहीं है इसलिए द्विघातीय पद पूर्ण वर्ग नहीं बनाते।
अतः विविक्तिकर त्रिघाती

(i)\lambda^{3}-\lambda^{2}(a+b+c)+\lambda(A+B+C)-D=0 \\ \lambda^{3}-\lambda^{2}(16+4+4)+ \lambda(12+48+48)-0=0 \\ \Rightarrow \lambda^{3}-24 \lambda^{2}+108 \lambda=0 \\ \Rightarrow \lambda\left(\lambda^{2}-24 \lambda+108\right)=0 \\ \Rightarrow \lambda\left[\lambda^{2}-18 \lambda-6 \lambda+108\right]=0 \\ \Rightarrow \lambda[\lambda(\lambda-18)-6(\lambda-18)]=0 \\ \Rightarrow \lambda(\lambda-6)(\lambda-18)=0 \\ \Rightarrow \lambda=0,6,18 \\ \Rightarrow \lambda_{1}=6, \lambda_{2}=18, \lambda_{3}=0
(ii) \lambda_{3}=0 की संगत मुख्य दिशा ज्ञात करने के लिए

f\left(l_{3}, m_{3}, n_{3}\right) \equiv 16 l_{3}^{2}+4 m_{3}^{2}+4 n_{3}^{2}+4 m_{3} n_{3}-8 n_{3} l_{3}+8l_{3}m_{3}
और यह निम्न में से किन्हीं दो समीकरणों से ज्ञात हो सकती है:

\frac{\partial f}{\partial l_{3}}=\frac{\partial f}{\partial m_{3}}=\frac{\partial f}{\partial n_{3}}=0 \\ 32 l_{3}-8 n_{3}+8 m_{3}=0 \Rightarrow 4 l_{3}+m_{3}-n_{3}=0 \cdots(1) \\ 8 m_{3}+4 n_{3}+8 l_{3} \Rightarrow 0 \Rightarrow 2 l_{3}+2 m_{3}+n_{3}=0 \cdots(2) \\ 8 n_{3}+4 m_{3}-8 l_{3}=0 \Rightarrow-2 l_{3}+m_{3}+2 n_{3}=0 \cdots(3)
(1) व (2) को हल करने पर:

\frac{l_{3}}{1+2}=\frac{m_{3}}{-2-4}=\frac{m_{3}}{8-2} \\ \Rightarrow \frac{l_{3}}{3}=\frac{m_{3}}{-6}=\frac{n_{3}}{6} \\ \Rightarrow \frac{l_{3}}{1}=\frac{m_{3}}{-2}=\frac{n_{3}}{2}=\frac{1}{3}
(iii)अब r=u l_{3}+v m_{3}+w n_{3}= 2 \times \frac{1}{3}+2 \times-\frac{2}{3} -8 \times \frac{2}{3}=-6
(iv)r \neq 0 ऐसी दशा में केन्द्र अनन्त दूरी पर होगा।अतः मूलबिन्दु को शीर्ष पर स्थानान्तरित करने तथा निर्देशाक्षों को मुख्य दिशाओं की ओर घुमाने से पृष्ठ का मानक समीकरण प्राप्त होगा:

\lambda_{1} X^{2}+\lambda_{2} Y^{2}+2 rz=0 \\ 6 X^{2}+18 Y^{2}-12 z=0 \\ \Rightarrow X^{2}+3 Y^{2}-2 z=0
जो कि एक दीर्घवृत्तीय परवलयज प्रदर्शित करता है।
(v)शीर्ष के निर्देशांक (\alpha, \beta, \gamma) ज्ञात करने के लिए हम समीकरणों

\frac{1}{2} \frac{\partial f}{\partial x}=l_{3} r-u, \frac{1}{2} \frac{\partial f}{\partial y}=m_{3} r-v ,\frac{1}{2} \frac{\partial f}{\partial z}=n_{3} r-w
में से कोई दो जो भिन्न हों तथा r\left(l_{3} x+m_{3} y+n_{3} z\right)+u x+v y+w z+d=0
को हल करते हैं।जहाँ
यहाँ f(x, y, z) \equiv 16 x^{2}+4 y^{2}+4 z^{2}+4yz-8 z x+8 x y=0 \\ \frac{1}{2}\left(32 x-8 z+8 y\right) =\frac{1}{3} \times-6-2 \\ \Rightarrow 32 x-8 z+8 y=-8 \\ \Rightarrow 4x+y-z+1=0 \cdots(4)\\ \frac{1}{2}(8 y+4 z+8 x)=-\frac{2}{3} \times -6-2 \\ \Rightarrow 8 y+4 z+8 x=4 \\ \Rightarrow 2 x+2 y+z-1=0 \cdots(5) \\ -6\left(\frac{1}{3} x-\frac{2}{3} y+\frac{2}{3} z\right)+2 x+2 y-8 z-24=0 \\ \Rightarrow-2 x+4 y-4 z+2 x+2 y-8 z-24=0 \\ \Rightarrow 6 y-12 z-24=0 \\ \Rightarrow y-2 z-4=0 \cdots(6)
समीकरण (4),(5) व (6) को हल करने पर:

x=-1, y=2, z=-1
इसलिए शीर्ष के निर्देशांक (-1,2,-1) हैं तथा अक्ष का समीकरण होगा:

\frac{x-\alpha}{l_{3}}=\frac{y-\beta}{m_{3}}=\frac{z-\gamma}{n_{3}} \\ \Rightarrow \frac{x+1}{1}=\frac{y-2}{-2}=\frac{z+1}{2}
Example:3.मानक रूप में समानयन कीजिए 3 x^{2}+5 y^{2}+3 z^{2}+2 y z+2 z x+2 x y-4 x-8 z+5=0 तथा इसका केन्द्र और अक्षों के समीकरण ज्ञात कीजिए।
(Reduce to standard form 3 x^{2}+5 y^{2}+3 z^{2}+2 y z+2 z x+2 x y-4 x-8 z+5=0
Find the nature of the conicoid, its centre and eqations of its axes.)
Solution: F(x, y, z) \equiv 3 x^{2}+5 y^{2}+3 z^{2}+2 y z+2 z x+2 x y-4 x-8 z+5=0 \\ a=3, b=5, c=3, f=1, g=1, h=1, u=-2 ,v=0, w=-4, d=5 \\ A =b c-f^{2}=5 \times 3-1^{2}=14 \\ B =c a-g^{2}=3 \times 3-1^{2}=8 \\ C =a b-h^{2}=3 \times 5-1^{2}=14 \\ D =a b c+2 f g h-a f^{2}-b y^{2}-c h^{2} \\ =3 \times 5 \times 3+2 \times 1 \times 1 \times 1-3 \times 1^{2}-5 \times 11^{2}-3 \times 1^{2} \\ \Rightarrow D =45+2-3-5-3=36
चूँकि A,B,C तीनों शून्य नहीं है इसलिए द्विघातीय पद पूर्ण वर्ग नहीं बनाते।
अतः विविक्तिकर त्रिघाती

(i)\lambda^{3}-\lambda^{2}(a+b+c)+\lambda(A+B+C)-1=0 \\ \lambda^{3}-\lambda^{2}(3+5+3) +\lambda(14+8+14)-36=0 \\ \Rightarrow \lambda^{3}-11 \lambda^{2}+36 \lambda-36=0 \\ \Rightarrow \lambda^{3}-2 \lambda^{2}-9 \lambda^{2}+18 \lambda+18 \lambda-36=0 \\ \Rightarrow \lambda^{2}(\lambda-2)-9 \lambda(\lambda-2)+18(\lambda-2)=0 \\ \Rightarrow (\lambda-2)\left[\lambda^{2}-9 \lambda+18\right]=0 \\ \Rightarrow (\lambda-2)\left[\lambda^{2}-6 \lambda-3 \lambda+18\right]=0 \\ \Rightarrow (\lambda-2)[\lambda(\lambda-6)-3(\lambda-6)]=0 \\ \Rightarrow (\lambda-2)(\lambda-3)(\lambda-6)=0 \\ \Rightarrow \lambda=2,3,6 \\ \lambda_{1}=2, \lambda_{2}=3, \lambda_{3}=6
(ii) केन्द्र के निर्देशांक (\alpha, \beta, \gamma) ज्ञात करने के लिए

\frac{\partial F}{\partial x}=6 x+2 z+2 y-4=0 \Rightarrow 3 x+y+z-2=0 \cdots(1) \\ \frac{\partial F}{\partial y}=10 y+2 z+2 x=0 \Rightarrow x+5 y+z=0 \cdots(2) \\ \frac{\partial F}{\partial z}=6 z+2 y+2 x-8=0 \Rightarrow x+y+3 z-4=0 \cdots(3)
समीकरण (1),(2)(3) को हल करने पर:

x=\frac{1}{3}, y=-\frac{1}{3}, z=\frac{4}{3}
अतः केन्द्र के निर्देशांक (\alpha, \beta, \gamma)=(\frac{1}{3}, -\frac{1}{3}, \frac{4}{3})

(iii)u \alpha+v \beta+w \gamma+d=-2 \times \frac{1}{3}+0 \times -\frac{1}{3}-4 \times \frac{4}{3}+5 \\ \Rightarrow u \alpha+v \beta+w \gamma+d=-\frac{2}{3}-\frac{16}{3}+5=-1
अतः मूलबिन्दु को केन्द्र पर स्थानान्तरित करने तथा निर्देशाक्षों को मुख्य दिशाओं के अनुदिश घुमाने पर पृष्ठ का समीकरण निम्न रूप में प्राप्त होता है:

\lambda_{1} X^{2}+\lambda_{2} Y^{2}+\lambda_{3} Z^{2}+(u \alpha+v \beta+w \gamma+d)=0 \\ \Rightarrow 2 X^{2}+3 Y^{2}+6 Z^{2}-1=0
जो कि एक दीर्घवृत्तज है।
(iv) मुख्य दिशाएं ज्ञात करने के लिए
यहाँ f(l, m, n)=3 l^{2}+5 m^{2}+3 n^{2}+2 m n+2 n l+2 lm
तथा \frac{\partial f}{\frac{\partial l}{2 l}}=\frac{\partial f}{\frac{\partial m}{2 m}}=\frac{\partial f}{\frac{\partial n}{2 n}}=\lambda से
जब \lambda=2 \\ \Rightarrow \frac{6 l+2 n+2 m}{2 l}=\frac{10 m+2 n+2 l}{2 m}=\frac{6 n+2 m+2 l}{2 n}=2 \\ \Rightarrow 6 l+2 n+2 m=4 l \Rightarrow l+m+n=0 \cdots(4) \\ 10 m+2 n+2 l=4 m \Rightarrow l+3 m+n=0 \cdots(5) \\ 6 n+2 m+2 l=4 n \Rightarrow l+m+n=0 \cdots(6)
(4) व (5) को हल करने पर:

\frac{l}{1-3} =\frac{m}{1-1}=\frac{n}{3-1} \Rightarrow \frac{l}{-2}=\frac{m}{0}=\frac{n}{2} \\ \Rightarrow \frac{l}{1}=\frac{m}{0}=\frac{n}{-1}
अक्ष का समीकरण हल करने पर:

\frac{x-\frac{1}{3}}{1}=\frac{y+\frac{1}{3}}{0}=\frac{z-\frac{4}{3}}{1}
जब \lambda=3 \\ \frac{6 l+2 n+2 m}{2 l}=\frac{10 m+2 n+2 l}{2 n}=\frac{6 n+2 m+2 l}{2 n}=3\\ 6 l+2 n+2 m=6 l \Rightarrow 0 \cdot l+m+n=0 \cdots(7)\\ 10 m+2 n+2 l=6 m \Rightarrow \quad l+2 m+n=0 \cdots(8)\\ 6 n+2 m+2 l=6 n \Rightarrow \quad l+m+0 \cdot n=0 \cdots(9)
(7) व (8) को हल करने पर:

\frac{l}{1-2}=\frac{m}{1-0}=\frac{n}{0-1} \Rightarrow \frac{l}{1}=\frac{m}{-1}=\frac{n}{1}
अक्ष का समीकरण

\frac{x-\frac{1}{3}}{1}=\frac{y+\frac{1}{3}}{-1}=\frac{z-\frac{4}{3}}{1}
जब \lambda=6 \\ \frac{6 l+2 n+2 m}{2 l}=\frac{10 m+2 n+2 l}{2 m}=\frac{6 n+2 m+2 l}{2 n}=6 \\ \Rightarrow 6 l+2 n+2 m=12 l \Rightarrow-3 l+m+n=0 \cdots(10) \\ 10 m+2 n+2 l=12 m \Rightarrow l-m+n=0 \cdots(11) \\ 6 n+2 m+2 l=12 n \Rightarrow l+m-3 n=0 \cdots(12)
(10) व (11) को हल करने पर:

\frac{l}{1+1}=\frac{m}{1+3}=\frac{n}{3-1} \Rightarrow \frac{l}{1}=\frac{m}{2}=\frac{n}{1}
अक्ष का समीकरण:

\frac{x-\frac{1}{3}}{1}=\frac{y+\frac{1}{3}}{2}=\frac{z-\frac{4}{3}}{1}
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree),त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के व्यापक समीकरण का समानयन (Reduction of General Equation of Second Degree in 3D) को समझ सकते हैं।

3.त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन पर आधारित सवाल (Questions Based on Reduction of Equation of 2nd Degree):

(1.)2 x^{2}-y^{2}-10 z^{2}+20 y z-8 z x-28 x y+16 x+26 y+16 z-34=0 को मानक रूप में समानयन कीजिए।यह क्या प्रदर्शित करता है?
(Reduce 2 x^{2}-y^{2}-10 z^{2}+20 y z-8 z x-28 x y+16 x+26 y+16 z-34=0 standard form.What does it represent?)
(2.)x^{2}+3 y^{2}+3 z^{2}-2 y z-2 x-2 y+6 z+3=0 को मानक रूप में समानयन कीजिए और प्रदर्शित कीजिए कि यह दीर्घवृत्तज को प्रदर्शित करता है।
(Reduce x^{2}+3 y^{2}+3 z^{2}-2 y z-2 x-2 y+6 z+3=0 to the standard form and show that the surface represented by it is an ellipsoid.)
उत्तर (Answers):(1.) 2 x^{2}-y^{2}-2 z^{2}=1 ;Hyperboloid of two sheets

(2)x^{2}+2 y^{2}+4 z^{2}=1
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree 3D),त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के व्यापक समीकरण का समानयन (Reduction of General Equation of Second Degree in 3D) को ठीक से समझ सकते हैं।

Also Read This Article:-Reduction of Equation of Second Degree

4.त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree),त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के व्यापक समीकरण का समानयन (Reduction of General Equation of Second Degree in 3D) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.शांकवज के विहित रूप कौन-कौनसे होते हैं? (Which are prescribed form of Conicoid?):

उत्तर:शांकवज के विहित रूप निम्नलिखित हैं:
(I)\lambda_{1} \xi^{2}+\lambda_{2} \eta^{2}+\lambda_{3} \zeta^{2}=\mu \\ \begin{array}{|c|c|c|c|c|} \hline \lambda_{1} & \lambda_{2} & \lambda_{3} & \mu & \text{ प्रदर्शित पृष्ठ (शांकवज) } \\ \hline+ & + & + & + & \text{ दीर्घवृत्तज (या गोला) }\\ \hline+ & + & - & + & \text{ एक पृष्ठीय अतिपरवलयज } \\ \hline+ & - & - & + & \text{ द्विपृष्ठी अतिपरवलयज } \\ \hline+ & + & - & 0 & \text{ शंकु } \\ \hline+ & + & 0 & + & \text{ दीर्घवृत्तीय बेलन } \\ \hline+ & - & 0 & + & \text{ अतिपरवलयिक बेलन } \\ \hline+ & - & 0 & 0 & \text{ प्रतिच्छेदी समतल युग्म } \\ \hline+ & 0 & 0 & + & \text{ समान्तर समतल युग्म } \\ \hline \end{array}
(II)\lambda_{1} \xi^{2}+\lambda_{2} \eta^{2}=2 \mu \zeta \\ \begin{array}{|c|c|c|c|} \hline \lambda_{1} & \lambda_{2} & \mu & \text{प्रदर्शित पृष्ठ (शांकवज)} \\ \hline+ & + & + & \text{दीर्घवृत्तीय परवलयज}\\ \hline+ & - & + & \text{अतिपरवलयिक परवलयज} \\ \hline+ & 0 & \pm & \text{परवलयिक बेलन} \\ \hline \end{array}

प्रश्न:2.व्यापक समीकरण का समानयन में द्विघात पद की कौन-कौनसी स्थितियां हैं? (What are positions of Second Degree Term in Reduction of General Equation?):

उत्तर:दो स्थितियां हैं:
(1.)द्वितीय घात के पद पूर्ण वर्ग हों (When second degree term are perfect square)
(2.)द्वितीय घात के पद पूर्ण वर्ग नहीं हों (When Second Degree Terms are not Perfect Square)

प्रश्न:3.सिद्ध करो कि विविक्तिकर त्रिघाती के सभी मूल वास्तविक होते हैं। (Prove that Roots of Discriminating are all Real):

उत्तर:विविक्तिकर त्रिघाती होता है:
\lambda^{3}-\lambda^{2}(a+b+c)+\lambda(A+B+C)-D=0 \cdots(1)
माना \lambda इसका कोई मूल है जो वास्तविक या अगर संभव है तो अधिकल्पित है।इसके संगत मुख्य दिक्अनुपात माना l,m,n हैं जो वास्तविक या अधिकल्पित हैं जहाँ l,m,n निम्न समीकरण को सन्तुष्ट करते हैं:
a l+b m+g n=\lambda l \cdots(2) \\ h l+b m+f n=\lambda m \cdots(3) \\ g l+f m+c n=\lambda n \cdots(4)
माना \bar{l},\bar{m},\bar{n} दिक्अनुपात l,m,n के संगत संयुग्मी सम्मिश्र राशियाँ (Conjugate Complex Numbers) हैं।
समीकरणों (2),(3) तथा (4) को क्रमशः \bar{l},\bar{m},\bar{n} से गुणा करके जोड़ने पर:
a l \bar{l}+b m \bar{m}+cn \bar{n}+h (m \bar{l}+l\bar{m})+g(n \bar{l}+l \bar{n})+f(n \bar{m}+m \bar{n})=\lambda(l \bar{l}+m \bar{m}+n \bar{n}) \cdots(5)
परन्तु जैसा कि हम सम्मिश्र राशियों के गुणों से जानते हैं, उपर्युक्त में l \bar{l},m \bar{m},n \bar{n} ,(m \bar{l}+l \bar{m}) इत्यादि सभी वास्तविक राशियां हैं।अतः समीकरण (5) का वाम पक्ष पूर्णतः वास्तविक है तथा l \bar{l},m \bar{m},n \bar{n} एक अशून्य वास्तविक संख्या है। चूँकि \lambda समीकरण (5) से दो वास्तविक संख्या है।
अतः विविक्तिकर त्रिघाती के सभी मूल वास्तविक होते हैं।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation of 2nd Degree),त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के व्यापक समीकरण का समानयन (Reduction of General Equation of Second Degree in 3D) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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Reduction of Equation of 2nd Degree

त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन
(Reduction of Equation of 2nd Degree)

Reduction of Equation of 2nd Degree

त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में द्विघात के समीकरण का समानयन (Reduction of Equation
of 2nd Degree) से पूर्व निर्देशाक्षों का घूर्णन का अध्ययन करेंगे।

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