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Reasons for Not Becoming a Topper 2024

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1.टाॅपर न बनने के कारण 2024 (Reasons for Not Becoming a Topper 2024),कुछ प्रतिभाशाली छात्र के टाॅपर न बनने के कारण (Reasons for some Talented Students Not Becoming Topper):

  • टाॅपर न बनने के कारण 2024 (Reasons for Not Becoming a Topper 2024) जानकर आप समझ सकेंगे की कुछ प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं ऐसी कौन-सी गलतियां,ऐसी कौन-सी चूक कर देते हैं जिनके कारण वे टॉपर नहीं बन पाते हैं।कुछ छात्र-छात्राएं शैक्षिक कक्षाओं में तो अच्छी परफॉर्मेंस दिखाते हैं परंतु जाॅब के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं,प्रवेश परीक्षाओं अथवा सार्वजनिक सेवाओं की प्रतियोगिता परीक्षा में वे फिसड्डी साबित होते हैं।
  • इसके पूर्व लेख में टॉपर बनने के गुर बताए गए थे।इस लेख में ऐसे ही कारणों पर चर्चा की जाएगी जिनकी वजह से वे टॉपर बनने से वंचित रह जाते हैं।हर प्रतिभाशाली छात्र की मंशा होती है कि वह टॉपर बने,आइए देखते हैं की टॉपर बनने में कहां क्या बाधा आती है,कैसे किसी व्यक्ति को बार-बार असफलता हासिल होती है?
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2.असफल प्रतिभावानों के दृश्य जो बाद में सफल बनें (Scenes of failed geniuses who later become successful):

  • दृश्य एक:नार्वे से अमेरिका आए नट हमसन ने जितने भी कार्य किये सभी में असफल रहा।अंत में निराश होकर उसने अपने जीवन संघर्ष पर एक पुस्तक लिख डाली।इसका नाम उसने भूख (Hunger) रखा।आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उसे इस पुस्तक पर विश्व का सर्वश्रेष्ठ नोबेल (साहित्य) पुरस्कार मिला।वह एक धनवान और प्रसिद्ध व्यक्ति बन गया।
  • दृश्य दो:एस. ट्रूमेन ने बिसाती की दुकान खोली,लेकिन उसमें नाकामयाब रहा।यदि इसके बाद से उसने अपने को असफल व्यक्ति मान लिया होता,तो वह राजनीति में प्रवेश कर अमेरिका का राष्ट्रपति कभी नहीं बनता।
  • दृश्य तीन:तीसरा प्रेरणापूर्ण उदाहरण उस मामूली से व्यक्ति का है जो स्टोरकीपर बना,पर असफल रहा।इंजीनियरिंग की,पर असफल हो गया।शेरिफ ने उसके सर्वे करने के उपकरण बेचकर उससे कर्ज वसूल किया।वह सेना में कप्तान बना कर निकाल दिया गया।उसने जिस युवती से प्रेम विवाह किया,वह शादी से पहले मर गई और वह शोक में डूब गया।वह कानून का अध्ययन कर वकील बना,कुछ केस जीते।उसने राजनीति में प्रवेश किया,चुनाव लड़ा और हार गया।आप जानना चाहेंगे कि एक के बाद दूसरी लगातार असफलताओं को पाने वाला यह व्यक्ति कौन था? यह था अमेरिका का महानतम व्यक्ति अब्राहम लिंकन,जो एक दिन राष्ट्रपति बना।
  • एक ऐसा राष्ट्रपति जिसके आदर्शों पर और जीवन से आज भी असंख्यों लोग प्रेरणा लेते हैं।अगर लिंकन ने इतनी असफलताओं के बाद भी अपना साहस नहीं छोड़ा,तो हम और आप जरा-जरा सी नाकामयाबियों से निराश होकर क्यों हौसला छोड़ें? अपनी असफलताओं से शिक्षा लीजिए,अपना सुधार और विकास करिए।ये असफलताएँ ही अपने अंदर सफलता का रहस्य छिपाये हुए हैं,उस रहस्य को जानिए-समझिए और दूने उत्साह से आगे बढ़े।
  • भारत के अनेक महान् गणितज्ञ,वैज्ञानिक एवं महापुरुष जीवन के प्रारंभ में साधारण स्थिति के या बहुत गरीब थे,लेकिन उन्होंने अपने बुद्धिबल और सतत प्रयत्नों से वह महान् स्थान पा लिया,जो सबके लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया।महान् गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त,आर्यभट,महावीराचार्य,श्रीधराचार्य आदि ऐसे सैकड़ों गणितज्ञ,वैज्ञानिक और महापुरुष हुए हैं जिन्होंने अनेक कठिनाइयों और असफलताओं का साहस से सामना करते हुए अंत में सफलता एवं यश प्राप्त किया।उस जमाने में उनके पास ऐसे कौनसे संसाधन,साधन-सुविधाएँ थी जिनके आधार पर गणित में अनुसंधान और शोध कार्य करते परंतु उन्होंने उन सबकी परवाह न करते हुए अपने बुद्धिबल और अंत:प्रज्ञा के बल पर गणित में अनेक अनुसंधान कार्य किए जिनके कारण भारत का प्राचीन गौरव गणित और विज्ञान तथा अध्यात्म आदि के लिए श्रद्धा के साथ याद किया जाता है।

3.टॉपर बनने से वंचित तथा असफलता के कारण (Deprivation of topper and
Reasons for failure):

  • प्रतिभाएँ दो प्रकार की होती हैं:एक वे जिनमें जन्मजात प्रतिभा होती है और दूसरी वे जिनमें अपनी प्रतिभा को प्रशिक्षण,शिक्षण द्वारा निखारा और उभारा जाता है।हाँलाकि जन्मजात प्रतिभा वाले छात्र-छात्राओं की प्रतिभा को भी प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है,संघर्ष करना पड़ता है और बहुत से खतरों का सामना करना पड़ता है।परंतु जो प्रशिक्षण से प्रतिभा अर्जित करते हैं उनको अधिक संघर्ष,चुनौतियों,कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
  • कई जन्मजात प्रतिभाएं होती है परंतु कठिनाइयों,समस्याओं,संघर्षों और विपत्तियों के सामने उनकी प्रतिभा घुटने टेक देती है।उनकी प्रतिभा को फलने-फूलने का अवसर नहीं मिल पाता है और काल के गर्त में समा जाती हैं।आर्थिक,पारिवारिक समस्याओं के कारण उनकी प्रतिभा सड़-गल जाती है।
  • कई प्रतिभाएं अपनी मौलिक क्षेत्र का चुनाव नहीं कर पाती है और उनके द्वारा साथियों के देखा-देखी या गलत मार्गदर्शन के कारण गलत क्षेत्र का चुनाव कर लिया जाता है और उस क्षेत्र में भरपूर परिश्रम और संघर्ष करने पर भी सफलता नहीं मिलती अथवा टाॅपर से नीचे पायदान पर फिसल जाते हैं।
  • कई प्रतिभा को सहयोग-सहायता नहीं मिल पाती है याकि वे सहयोग-सहायता लेने से बचते हैं।वस्तुतः टाॅप पर वे लोग,अभ्यर्थी तथा छात्र-छात्राएं ही पहुंचते हैं जो परीक्षा की तैयारी करने के लिए किसी से सहायता-सहयोग लेने में कोई संकोच नहीं करते हैं।मसलन उन्हें किस क्षेत्र में तैयारी करनी चाहिए इसके लिए अपने मित्रों,माता-पिता,अभिभावक,शिक्षकों,कोचिंग संस्थान से मार्गदर्शन लेते हैं,उनकी सहायता-सहयोग लेते हैं।उनको कैसी रणनीति अपनानी चाहिए,क्या कुछ अपनी रणनीति में बदलाव करना चाहिए इन सब पर अपने काउंसलर (मित्रों,माता-पिता आदि) से खुलकर बात करते हैं।अपनी दिनचर्या किस तरह व्यतीत करनी चाहिए,मानसिक संतुलन किस तरह बनाएं रखें,उनका सबल पक्ष क्या है,दुर्बल पक्ष क्या है,दुर्बल पक्ष को सशक्त कैसे बनाएं आदि पर वार्ता करके फिर सोच-विचारकर अंतिम निर्णय लेते हैं एकाएक कदम नहीं उठाते हैं।
  • हर छात्र-छात्रा की पृष्ठभूमि,आर्थिक स्थिति,वातावरण और मानसिक स्थिति तथा बौद्धिक क्षमता अलग-अलग होती है इसलिए परीक्षा की तैयारी के लिए भी एक जैसी रणनीति माफिक नहीं होती है।परंतु कुछ छात्र-छात्राएं दूसरों की नकल करके और अपनी रणनीति बना लेते हैं और असफलता हाथ लगती है।
  • कुछ छात्र-छात्राएं रणनीति और योजना भी बना लेते हैं और कुछ फॉलो भी करते हैं परंतु ज्योंही कोई समस्या,कठिनाई आती है तो वे रणनीति को फॉलो करना छोड़ देते हैं।वास्तव में ऐसे अभ्यर्थी योजना बनाते समय जमीनी हकीकत से दूर रहते हैं और अति उत्साहित होकर योजना बना लेते हैं जिसको वे फॉलो नहीं कर सकते हैं या विघ्न,बाधाओं से डटकर संघर्ष करने से घबरा जाते हैं।
  • कुछ प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं ज्ञान का आदान-प्रदान इसलिए नहीं करते हैं कि कहीं दूसरा उससे आगे न निकल जाए और साथ ही यह धारणा भी रहती है कि वो सब कुछ जानते हैं किसी से सहायता-सहयोग लेने की क्या जरूरत है?
  • किसी जॉब को करने,उसकी परीक्षा देने,उसका चुनाव करने से पहले,केवल यह देखते हैं कि इससे फायदा या नुकसान कितना है।अपनी सामर्थ्य,योग्यता,क्षमताओं,रुचियों आदि पर बिल्कुल भी विचार नहीं करते हैं।

4.असफलता के अन्य कारण (Other Reasons for failure):

  • गलत लक्ष्य के चुनाव करने के कारण सफलता उसके हाथ से फिसल जाती है,जैसे कोई छात्र-छात्रा अच्छा इंजीनियर बन सकता है।परंतु माता-पिता,मित्रों आदि के दाब-दबाव के कारण खेल का क्षेत्र चुन लेता है तो वह एक अच्छा खिलाड़ी नहीं बन सकता है और एक इंजीनियर बनने से भी वंचित हो जाएगा क्योंकि उसने अपनी मौलिक प्रतिभा को नहीं पहचाना।
    कई छात्र-छात्राएं यह तकनीक नहीं जानते हैं कि विघ्न,बाधाओं में अपने आपको कैसे प्रेरित रखा जाए।वैसे भी आजकल गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस युग में दूसरा व्यक्ति (छात्र-छात्रा) प्रेरित करने वाला मुश्किल से ही मिलता है।अतः या तो प्रेरक पुस्तकें पढ़नी चाहिए या स्वप्रेरणा की तकनीक सीखनी चाहिए ताकि स्वयं को प्रेरित रखा जा सके।सत्प्रेरणा के अभाव में कई छात्र-छात्राएं टॉपर बनने से वंचित रह जाते हैं या असफल हो जाते हैं।
  • असफलता का एक यह भी कारण होता है कि छात्र-छात्रा अंतिम समय तक विघ्न-बाधाओं से टक्कर नहीं लेता है यानी संघर्ष करने से घबराता है।संघर्ष में कष्ट,पीड़ाओं,दुःख,तकलीफों को सहना होता है।चुनौतियों का सामना करता है,उनसे जूझता है।जो बिना संघर्ष के टॉपर बनने का सपना देखा है या सफलता चाहता है उससे सफलता छिटक जाती है।संघर्ष से स्वयं की कमजोरियाँ दूर होती हैं,स्वयं को मिटाना-गलाना पड़ता है,अपने आपको तपाना पड़ता है।
  • छात्र-छात्राओं की असफलता का एक कारण यह भी होता है की कथनी और करनी में अंतर होता है।जैसा विचार करता है,जैसा चिंतन करता है वैसा न करके उसके उल्टा करता है।जैसे वह विचार करता है कि उसे पूर्ण एकाग्रता के साथ 5 घंटे पढ़ना चाहिए परंतु वह या तो दो-तीन घंटे पढ़ेगा और बाकी समय मौज-मस्ती,मटरगश्ती,मोबाइल पर अनावश्यक वीडियो देखना,फेसबुक,ट्विटर,सोशल मीडिया पर चैटिंग करना आदि में समय व्यतीत कर देता है और उसे पता भी नहीं चलता है कि कितना समय व्यर्थ ही नष्ट हो गया है।
  • नकारात्मक चिंतन शैली भी असफलता का एक प्रमुख कारण है।अधिकांश छात्र-छात्राएं यही सोचते हैं कि उनके साथ हमेशा बुरा ही बुरा होता है।किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती है।इससे वह निराशा के गर्त में गिरते जाते हैं।अपनी योग्यताओं का ठीक मूल्यांकन नहीं कर पाते,स्वयं को कमतर समझते रहते हैं।इस तरह स्वयं के प्रति,परिस्थितियों के प्रति गलत सोच,नकारात्मक सोच रखने के कारण व्यक्ति असफल हो जाता है।इसके अतिरिक्त दुश्चिंतन भी व्यक्ति को असफलता के रास्ते पर ले जाता है।जिनके चिंतन में सकारात्मकता रहती है,वे सदा सफलता के पथ पर अग्रसर रहते हैं।
  • जीवन शैली नियमित नहीं होती,दिनचर्या व्यवस्थित नहीं होती है जैसे कभी देर रात तक पढ़ लिया,कभी दिन में पढ़ लिया,कभी सुबह पढ़ लिया,कभी नहीं पढ़ा।इस प्रकार समय के कुप्रबंधन के कारण न केवल उनकी दिनचर्या प्रभावित होती है,बल्कि इससे उसकी शक्तियों का ह्रास भी होता है।अतएव दिनचर्या व जीवनशैली ऐसी होनी चाहिए कि जिससे अधिकतम कार्य किया जा सके।
  • स्वार्थी प्रवृत्ति अर्थात् जो केवल दूसरों से सहयोग लेना चाहता है परंतु दूसरों का सहयोग करना नहीं चाहता।ऐसे विद्यार्थियों को उसके संगी-साथी पहचान लेते हैं।जब कभी उसे अध्ययन में कठिनाई आए या अन्य कोई समस्या उत्पन्न हो तो उसकी सहायता करने के लिए कोई तैयार नहीं होता।सबको साथ लेकर चलने वाले छात्र-छात्राएं दूसरों का सम्मान पाते हैं और जीवन में सफल होते हैं।
  • अहंकार के कारण भी छात्र-छात्राएं न तो दूसरों की सहायता कर पाता है और न स्वयं सहायता प्राप्त कर पाता है।अंतिम कारण यह है की सटीक रणनीति,भरपूर परिश्रम तथा संघर्ष करने के बावजूद भी सफलता नहीं मिलती है क्योंकि नियति (भगवान,प्रकृति) को वह मंजूर नहीं होती है।नियति उनकी प्रतिभा को फलने-फूलने नहीं देती है।इसमें हमारे कर्म का कोई दोष होता है जिसे हम समझ नहीं पाते।

5.असफलता से बचने के उपाय (Ways to avoid failure):

  • यों तो प्रसंगवश ऊपर असफलताओं के कारण के साथ उनका उपाय बता दिया गया है।इसके अलावा भी सफलता प्राप्ति के अनेक उपाय इस वेबसाइट पर पोस्ट किए जा चुके हैं अतः उनसे मदद ली जा सकती है।परंतु यहाँ सारांश में व्यक्त कर देना उचित रहेगा।ताकि असफलताओं के कारणों को जानने के साथ-साथ कुछ उपाय भी पढ़ने को मिल सके।
  • सर्वप्रथम उपाय यह है कि अपनी मौलिकता,वास्तविक क्षमता व सामर्थ्य को पहचानकर उसी दिशा में कार्य किया जाए,तकनीकों को जानकर जीवन में प्रयुक्त किया जाए,परिणाम में आसक्ति न रखें,जीवनशैली को सही रखा जाए और स्वभाव में विनम्रता एवं निःस्वार्थता को स्थान दिया जाए।व्यक्ति को सदैव अपना चिंतन सकारात्मक-आशावादी रखना चाहिए।यह सोचना चाहिए कि जब सब कुछ नकारात्मक होता है,तब भी कुछ सकारात्मक होता है।यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि हम कुछ नहीं कर सकते।यह सोचना चाहिए कि इन प्रतिकूल परिस्थितियों में कैसे अधिकतम उन्नति कर सकते हैं।
  • व्यक्ति कई बार स्वयं को बहुत नाकारा या बुरा मान देता है।वस्तुतः मनुष्य (छात्र-छात्रा) अच्छाई और बुराई का मिश्रण है।कोई भी पूर्णतया अच्छा या बुरा नहीं है।व्यक्ति को स्वयं पर विश्वास नहीं खोना चाहिए।सदैव यह आत्मविश्वास बनाए रखना चाहिए कि मैं भी भगवान का अंश हूं,मैं अवश्य सफल होऊँगा।सच कहा जाए तो छात्र-छात्रा में इतनी योग्यता और सामर्थ्य भरी है कि वह सारी बाधाओं को पराजित कर सकता है।छात्र-छात्राओं को यह सोचना चाहिए कि सभी परिस्थितियाँ हमारे हित के लिए हैं,हमारे विकास हेतु आई हैं,ताकि हम अधिक मजबूत बन सकें।जो जीवन में जितना अधिक संघर्ष करता है,वह उतना ही महान बन जाता है।व्यक्ति को सदैव भगवान में गहरी आस्था रखनी चाहिए; क्योंकि कोई भी विपदा भगवान से बड़ी नहीं होती।
  • इसके अलावा अंतिम उपाय यह है कि व्यक्ति को थोड़ा आध्यात्मिक ज्ञान भी अर्जित करना चाहिए,आध्यात्मिक भी होना चाहिए।यह उपाय थोड़ा कठिन अवश्य है क्योंकि आज के भौतिकवादी युग में छात्र-छात्राओं को यह पता नहीं है कि आध्यात्मिकता किस चिड़िया का नाम है।जब छात्र-छात्रा यह सोचता है कि सब कुछ समाप्त हो गया है,तब ऐसी स्थिति में आध्यात्मिक जीवनशैली उसे उबार लेती है।इसके अंतर्गत प्रार्थना,पूजा,पाठ,तप,उपासना,नाम स्मरण,ध्यान,योग-साधना आदि कतिपय विशेष तकनीकों का प्रयोग होता है।आध्यात्मिक साधना से उपार्जित ऊर्जा चित्त पर जमे बुरे विचारों,नकारात्मक विचारों,संस्कारों को वैसे ही उतार फेंकती है,जैसे तेज हवा चलने पर बरसों से जमी धूल अपना अस्तित्व खो बैठती है।आध्यात्मिक उपायों से न केवल दुर्भाग्य पर विजय प्राप्त होती है,बल्कि इससे छात्र-छात्रा अधिक मजबूत भी बनता है।कठिनाइयों की आग में तपा हुआ छात्र-छात्रा अधिक सक्षम होता है।
  • इससे सफलता के मार्ग में आने वाली पिछले किए गए खोटे कर्म,संस्कार समाप्त हो जाते हैं और शुद्ध चित्त वाला व्यक्तित्व उसे हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार भी कर देता है।इस तरह छात्र-छात्रा असफलता के कारणों को जानकर व पहचान कर लौकिक व आध्यात्मिक उपायों का सहारा लेकर असफलता से बच सकता है,सफलता के मार्ग पर अग्रसर हो सकता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में टाॅपर न बनने के कारण 2024 (Reasons for Not Becoming a Topper 2024),कुछ प्रतिभाशाली छात्र के टाॅपर न बनने के कारण (Reasons for some Talented Students Not Becoming Topper) के बारे में बताया गया है।

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6.गणित शिक्षक छात्र-छात्राओं को सम्मोहित कैसे करते हैं? (हास्य-व्यंग्य) (How to Math Teacher Hypnotize Students?) (Humour-Satire):

  • चंपा:गणित शिक्षक छात्र-छात्राओं को कैसे सम्मोहित करते हैं,पता है?
  • सरिता:छात्र-छात्राओं को अच्छी तरह सवाल,समस्याओं को समझाकर,प्रवीण करके मनचाहा परिणाम प्राप्त करा लेने को सम्मोहन कहते हैं।
  • चंपा:झूठ:सही यह है है कि गोल-गोल,मीठी-मीठी बातें करके छात्र-छात्राओं को खुश कर देना और पढ़ाना बिल्कुल नहीं।

7.टाॅपर न बनने के कारण 2024 (Frequently Asked Questions Related to Reasons for Not Becoming a Topper 2024),कुछ प्रतिभाशाली छात्र के टाॅपर न बनने के कारण (Reasons for some Talented Students Not Becoming Topper) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.अपनी कमी को ताकत कैसे बनाएं? (How to make your deficiency a strength?):

उत्तर:एक छात्र-छात्रा कठोर दिनचर्या के साथ लंबे और कड़ी मेहनत करने का अभ्यास करता है।सही अभ्यास परीक्षा की तैयारी,अध्ययन की तैयारी के प्रदर्शन को निखारते हैं।इस दौरान अपनी कमजोरी व ताकत को पहचानता है,समझता है।दूसरों से सीखता है और फीडबैक,मूल्यांकन के आधार पर सुधार करता है।उसे आलस्य,लापरवाही और परिस्थितिजन्य कमजोरियों से भी लड़ना पड़ता है।पर वह हार नहीं मानता।कभी भी।

प्रश्न:2.सही प्रेरणा कैसे मिले? (How to find the right motivation?):

उत्तर:उसके शुभचिंतक जहां विद्यार्थी पर सफलता के लिए दबाव बनाते हैं,वहीं उसका मनोबल भी बढ़ाते हैं।इसी प्रकार टॉपर्स के साक्षात्कार और उनके कीर्तिमान भी उसका हौसला बढ़ाते हैं।मुश्किल परिस्थितियों से निकालकर बने टॉपर्स की कहानियां हमेशा छात्र की सफलता के जुनून को बनाए रखती है।

प्रश्न:3.असफल छात्र असफलता का दोषरोपण किस पर करते हैं? (Who do failed students blame for failure?):

उत्तर:असफल छात्र कभी-कभी बहुत विवशता अनुभव करता है।ऐसा तब होता है जब हम प्रयत्न तो बहुत करते हैं,परंतु अपने प्रयत्नों में सफल नहीं हो पाते।हम समझते हैं कि भाग्य या भगवान भेदभाव करता है और अपनी असफलता के लिए दूसरों पर दोषारोपण करने लगते हैं।इस संसार में कोई भी कार्य अकारण नहीं होता और असफलता मिलने के भी कुछ कारण हो सकते हैं।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा टाॅपर न बनने के कारण 2024 (Reasons for Not Becoming a Topper 2024),कुछ प्रतिभाशाली छात्र के टाॅपर न बनने के कारण (Reasons for some Talented Students Not Becoming Topper) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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