Radial and Transverse velocities and Accelerations
1.अरीय एवं अनुप्रस्थ वेग व त्वरण का परिचय (Introduction to Radial and Transverse velocities and Accelerations)-
अरीय एवं अनुप्रस्थ वेग व त्वरण (Radial and Transverse velocities and Accelerations) ज्ञात करने से पूर्व अरीय एवं अनुप्रस्थ वेग व त्वरण (Radial and Transverse velocities and Accelerations) को समझना आवश्यक है।
(1.)अरीय वेग (Radial Velocity)-
किसी वक्र के किसी बिन्दु पर ध्रुवान्तर रेखा के अनुदिश कण के वेग को अरीय वेग कहते हैं।
(2.)अनुप्रस्थ वेग (Transverse velocity)-
किसी वक्र के किसी बिन्दु पर ध्रुवान्तर रेखा के लम्बवत दिशा में कण पर लगने वाले बल को अनुप्रस्थ वेग कहते हैं।
(3.)अरीय तथा अनुप्रस्थ त्वरण (Radial and Transverse Accelerations)-
किसी वक्र के किसी बिन्दु पर ध्रुवान्तर रेखा की दिशा में कण पर उत्पन्न त्वरण को अरीय त्वरण तथा लम्बवत दिशा में उत्पन्न त्वरण को अनुप्रस्थ त्वरण कहते हैं।
किसी गतिशील कण पर लगने वाले वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं।
यदि कण का वेग समान न हो तो वह चर वेग कहलाता है।यदि कण का वेग समान हो तो उसे अचर वेग कहते हैं। परन्तु अचर वेग के लिए दिशा भी समान होनी चाहिए।
यदि कण के वेग में लगातार वृद्धि हो रही हो तो इकाई समय में वेग में जो वृद्धि होती है उसे त्वरण कहते हैं।
यदि कण के वेग में कमी हो रही हो तो इकाई समय में वेग में जो कमी होती है उसे मंदन (retardation) कहते हैं।त्वरण तथा मंदन एक दूसरे के विपरीत होते हैं।
यदि कोई कण एक ही दिशा में समान दर से चले तो उसे अचर वेग (constant velocity) कहते हैं।
इस आर्टिकल में अरीय एवं अनुप्रस्थ वेग व त्वरण (Radial and Transverse velocities and Accelerations) के बारे में अध्ययन करेंगे।
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2.अरीय एवं अनुप्रस्थ वेग व त्वरण (Radial and Transverse velocities and Accelerations)-
(1.)अरीय एवं अनुप्रस्थ वेग (Radial and Transverse velocities)-
मान लो किसी गतिशील कण के समतल में स्थिर बिन्दु जिसे मूलबिन्दु या ध्रुव (pole) भी कहते हैं तथा रेखा OX ,प्रारम्भिक रेखा है जिसे x-अक्ष भी कहते हैं।मान लो t समय पर कण की स्थिति P है जिसके निर्देशांक है तथा समय पर कण की स्थिति Q है जिसके निर्देशांक\left( r,\theta \right) है।तथा t+\delta tसमय पर कण कि स्थिति Q है जिसके निर्देशांक \left( r+\delta r,\theta +\delta \theta \right) है | अतः \delta tअंतराल में कण का विस्थापन जीवा है। बिन्दु Q से OP (या OP बढ़ी हुई पर) QM लम्ब खींचो।
PM तथा QM क्रमशः OP के अनुदिश तथा इसके लम्बवत विस्थापन PQ के घटक(component) है। यहां OP तथा PN (जहां PN रेखा OP के लम्बवत है) क्रमशः अरीय तथा अनुप्रस्थ दिशाएं कहलाती है।मानलो u तथा v ,OP के अनुदिश तथा इसके लम्बवत दिशा में,बिन्दु P पर वेग के घटक है,तब
u= \begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \delta t\quad समय\quad अन्तराल\quad में\quad OP\quad के\quad अनुदिश\quad विस्थापन }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { PM }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { OM-OP }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { OQ\quad COS\delta \theta -OP }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \left( r+\delta r \right) \quad COS\delta \theta -r }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \left( r+\delta r \right) \left[ 1-\frac { { \left( \delta \theta \right) }^{ 2 } }{ 2! } +\frac { { \left( \delta \theta \right) }^{ 4 } }{ 4! } -......... \right] -r }{ \delta t }
[ \delta \theta बहुत छोटा होने से इसकी उच्चतम घातों को छोड़ने पर]
=\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \left( r+\delta r \right) -r }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \delta r }{ \delta t } =\frac { dr }{ dt } =\dot { r }
अरीय वेग u=\frac { dr }{ dt } =\dot { r }
पुनः v= \begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \delta t\quad समय\quad अन्तराल\quad में\quad OP\quad के \quadलम्बवत\quad विस्थापन }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { QM }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { QM\quad Sin\delta \theta }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \left( r+\delta r \right) \quad Sin\delta \theta }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \left( r+\delta r \right) \quad Sin\delta \theta }{ \delta \theta } .\frac { \delta \theta }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\left( r+\delta r \right) .\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { Sin\delta \theta }{ \delta \theta } .\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \delta \theta }{ \delta t } \\ \left[ \because \quad { \delta r\rightarrow 0\Rightarrow \delta \theta \rightarrow 0,\delta t\rightarrow 0 } \right] \\ =r.1.\frac { d\theta }{ dt } +0\\ =r\frac { d\theta }{ dt } \\ =r\dot { \theta }
अनुप्रस्थ वेगv= r\frac { d\theta }{ dt } =r\dot { \theta }
अब यदि u तथा v का परिणामी वेग V हो तो
V=\sqrt { { \dot { r } }^{ 2 }+{ \left( r\dot { \theta } \right) }^{ 2 } }
यदि v ,OP के साथ कोण बनाये तो
tan\alpha =\frac { r\dot { \theta } }{ \dot { r } } \\ =r\frac { d\theta }{ dr } \\ =tan\phi
जहां\phi ,OP तथा P पर स्पर्श रेखा के बीच कोण है। अतः स्पष्ट है कि बिन्दु P पर वेग स्पर्श रेखा के अनुदिश होगा।
(2.)अरीय एवं अनुप्रस्थ त्वरण (Radial and Transverse Accelerations)-
मान लो t समय पर ,जब कण बिन्दु P पर है,अरीय तथा अनुप्रस्थ वेग क्रमशः u तथा v है एवंt+\delta t समय पर जब कण बिन्दु Q पर है,अरीय तथा अनुप्रस्थ वेग क्रमशः \left( u+\delta u \right) \quad तथा\quad \left( v+\delta v \right) है।
अतः समय अन्तराल में OP के अनुदिश वेग में परिवर्तन=Q पर OP के अनुदिश वेग – P पर OP के अनुदिश वेग
=\left\{ \left( u+\delta u \right) \quad Cos\delta \theta -\left( v+\delta v \right) \quad Sin\delta \theta \right\} -u\\ =\left\{ \left( u+\delta u \right) .1-\left( v+\delta v \right) .\delta \theta \right\} -u\\ =\delta u-v\delta \theta
[\delta \theta की उच्च घातों को छोड़ने पर]
[\delta v \quadतथा \quad \delta \theta बहुत छोटा होने से छोड़ने पर]
इसी प्रकार समय में OP के लम्बवत वेग में परिवर्तन= Q पर OP के लम्बवत वेग- P पर OP के लम्बवत वेग
=\left\{ \left( u+\delta u \right) \quad Sin\delta \theta -\left( v+\delta v \right) \quad Sin\left( { 90 }^{ \circ }+\delta \theta \right) \right\} -v\\ \left\{ \left( u+\delta u \right) .\delta \theta -\left( v+\delta v \right) \right\} -v\\ =u\delta \theta +\delta v
[\because \delta \theta बहुत छोटा है]
अतः अरीय त्वरण (Radial Acceleration)=\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \delta t\quad समय\quad अन्तराल\quad में\quad OP\quad के\quad अनुदिश\quad वेग\quad में\quad परिवर्तन }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \delta u-v\delta \theta }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \delta u-v\delta \theta }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \delta u }{ \delta t } -\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { v\delta \theta }{ \delta t } \\ =\frac { du }{ dt } -v\frac { d\theta }{ dt } \\ =\frac { d }{ dt } \left( \frac { dr }{ dt } \right) -r\frac { d\theta }{ dt } .\frac { d\theta }{ dt } \\ \left[ \because u=\frac { dr }{ dt } ,\quad v=r\frac { d\theta }{ dt } \right]
अरीय त्वरण=\frac { { d }^{ 2 }r }{ { dt }^{ 2 } } -r{ \left( \frac { d\theta }{ dt } \right) }^{ 2 }=\ddot { r } -r{ \dot { \theta } }^{ 2 }
पुनः अनुप्रस्थ त्वरण (Transverse Acceleration)-
=\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \delta t\quad समय\quad अन्तराल\quad में\quad OP\quad के\quad लम्बवत\quad वेग\quad में\quad परिवर्तन }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { u\delta \theta +\delta v }{ \delta t } \\ =\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { u\delta \theta }{ \delta t } -\begin{matrix} lim \\ \delta t\rightarrow 0 \end{matrix}\frac { \delta v }{ \delta t } \\ =\frac { du }{ dt } -v\frac { d\theta }{ dt } \\ =\frac { dr }{ dt } .\frac { d\theta }{ dt } +\frac { d }{ dt } \left( r\frac { d\theta }{ dt } \right) \\ \left[ \because u=\frac { dr }{ dt } ,\quad v=r\frac { d\theta }{ dt } \right] \\ =\frac { dr }{ dt } .\frac { d\theta }{ dt } +\frac { dr }{ dt } .\frac { d\theta }{ dt } +r\frac { { d }^{ 2 }\theta }{ { dt }^{ 2 } } \\ =r\frac { { d }^{ 2 }\theta }{ { dt }^{ 2 } } +2\frac { dr }{ dt } .\frac { d\theta }{ dt } \\ =r\ddot { \theta } +2\dot { r } \dot { \theta } \\ =\frac { 1 }{ r } \frac { d }{ dt } \left( { r }^{ 2 }\frac { d\theta }{ dt } \right) \\ =\frac { 1 }{ r } \frac { d }{ dt } \left( { r }^{ 2 }\dot { \theta } \right)
अनुप्रस्थ त्वरण=r\ddot { \theta } +2\dot { r } \dot { \theta } =\frac { 1 }{ r } \frac { d }{ dt } \left( { r }^{ 2 }\dot { \theta } \right)
3.अरीय एवं अनुप्रस्थ वेग व त्वरण को निम्नलिखित उदाहरणों के द्वारा समझते हैं(Let us understand the Radial and Transverse velocities and Accelerations by the following examples.
Question-1.कोई कण समानकोणिक सर्पिल r=a{ e }^{ m\theta }में समान चाल से चलता है।इसके अरीय और अनुप्रस्थ वेग तथा त्वरण ज्ञात कीजिए।
(A particle described equiangular spiral r=a{ e }^{ m\theta }with constant speed.Find the radial and transverse components of its Velocity and accelerations.)
Solution-r=a{ e }^{ m\theta }
t के सापेक्ष अवकलन करने पर-
\frac { dr }{ d\theta } =am.{ e }^{ m\theta }\frac { d\theta }{ dt } \\ \frac { dr }{ dt } =mr\frac { d\theta }{ dt } .....(1)
कण समान चाल से चलता है अतः
समीकरण (1) से मान रखने पर
\sqrt { { { m }^{ 2 }r }^{ 2 }{ \left( \frac { d\theta }{ dt } \right) }^{ 2 }+{ r }^{ 2 }{ \dot { \theta } }^{ 2 } } =c\\ r\sqrt { 1+{ m }^{ 2 } } \dot { \theta } =c\\ mr\sqrt { 1+\frac { 1 }{ { m }^{ 2 } } } \dot { \theta } =c\\ mr\lambda \dot { \theta } =c\quad \left[जहां \quad \lambda =\sqrt { 1+\frac { 1 }{ { m }^{ 2 } } } \right]
अनुप्रस्थ वेग =r\dot { \theta } =\frac { c }{ m\lambda } .........(2)
समीकरण (2) का t के सापेक्ष अवकलन करने पर-
अनुप्रस्थ त्वरण=2\dot { r } \dot { \theta } +r\ddot { \theta }
समीकरण (3) से मान रखने पर-
अनुप्रस्थ त्वरण==2\dot { r } \dot { \theta } -\dot { \theta } \dot { r } \\ =\dot { \theta } \dot { r }
समीकरण (1) व (2) से मान रखने पर-
अनुप्रस्थ त्वरण=\frac { c }{ \lambda mr } .\frac { c }{ \lambda } \\ =\frac { { c }^{ 2 } }{ { \lambda }^{ 2 }mr }
समीकरण (3) का पुनः t के सापेक्ष अवकलन करने पर-
\frac { { d }^{ 2 }r }{ { dt }^{ 2 } } =0
अरीय त्वरण==\ddot { r } -r{ \dot { \theta } }^{ 2 }\\ =0-r{ \left( \frac { c }{ \lambda mr } \right) }^{ 2 }\\ =-r.\frac { { c }^{ 2 } }{ { \lambda }^{ 2 }{ m }^{ 2 }{ r }^{ 2 } } \\ =-\frac { { c }^{ 2 } }{ { \lambda }^{ 2 }{ m }^{ 2 } } .\left( \frac { 1 }{ r } \right)
Question-2.एक कण समानकोणिक सर्पिलr=a{ e }^{ \theta } में इस प्रकार गतिमान है कि इसका अरीय त्वरण शून्य हो।सिद्ध करो कि इसका कोणीय वेग अचर होगा तथा उसके वेग व त्वरण में से प्रत्येक का परिणाम r के समानुपाती होगा।
(A particle describe equiangular spiral r=a{ e }^{ \theta }in such a manner that its angular Velocity is constant and that the magnitude of its Velocity and acceleration is each proportional to r.)
Solution-r=a{ e }^{ \theta }
t के सापेक्ष अवकलन करने पर-
\frac { dr }{ d\theta } =a.{ e }^{ \theta }\frac { d\theta }{ dt } \\ \frac { dr }{ dt } =r\frac { d\theta }{ dt } .....(1)
पुनः t के सापेक्ष अवकलन करने पर-
\frac { { d }^{ 2 }r }{ { dt }^{ 2 } } =\frac { dr }{ dt } .\frac { d\theta }{ dt } +r\frac { { d }^{ 2 }\theta }{ { dt }^{ 2 } } ......(2)
अरीय त्वरण=\ddot { r } -r{ \dot { \theta } }^{ 2 }=0
समीकरण (2) से मान रखने पर-
\frac { dr }{ dt } .\frac { d\theta }{ dt } +r\frac { { d }^{ 2 }\theta }{ { dt }^{ 2 } } -r{ \dot { \theta } }^{ 2 }=0
समीकरण (1) से मान रखने पर-
r\frac { d\theta }{ dt } .\frac { d\theta }{ dt } +r\frac { { d }^{ 2 }\theta }{ { dt }^{ 2 } } -r{ \dot { \theta } }^{ 2 }=0\\ r\frac { { d }^{ 2 }\theta }{ { dt }^{ 2 } } =0\\ \frac { { d }^{ 2 }\theta }{ { dt }^{ 2 } } =0
समाकलन करने पर-
परिणामी वेग V=\sqrt { { \dot { r } }^{ 2 }+{ \left( r\dot { \theta } \right) }^{ 2 } }
समीकरण(1) से मान रखने पर-
v=\sqrt { { \left( r\frac { d\theta }{ dt } \right) }^{ 2 }+{ \left( r\dot { \theta } \right) }^{ 2 } } \\ =\sqrt { 2{ r }^{ 2 }{ \dot { \theta } }^{ 2 } } \\ =\sqrt { 2 } r\dot { \theta } \\ =\sqrt { 2 } r\omega \\ v\propto rपरिणामी त्वरण=\sqrt { { \left( \ddot { r } -r{ \dot { \theta } } \right) }^{ 2 }+{ \left( 2\dot { r } \dot { \theta } +r\ddot { \theta } \right) }^{ 2 } } \\ =\sqrt { 0+{ \left( 2\dot { r } \dot { \theta } +r\ddot { \theta } \right) }^{ 2 } } \\ ={ \left( 2\dot { r } \dot { \theta } +r\ddot { \theta } \right) }\quad \quad \quad \quad \quad \left[ \because \ddot { \theta } =0 \right] \\ =2\dot { r } \dot { \theta } +r\left( 0 \right) \\ =2\dot { r } \dot { \theta }
समीकरण (1) तथा (2) से मान रखने पर-
परिणामी त्वरण==2r\frac { d\theta }{ dt } .\omega \\ =2r{ \omega }^{ 2 }
परिणामी त्वरण\propto r
उपर्युक्त उदाहरणों द्वारा अरीय एवं अनुप्रस्थ वेग व त्वरण (Radial and Transverse velocities and Accelerations) को समझा जा सकता है।
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