Method of Finding Singular Solution
1.अवकल समीकरण में विचित्र हल निकालने की विधि (Method of Finding Singular Solution in DE),अवकल समीकरण में विचित्र हल (Singular Solution in DE):
अवकल समीकरण में विचित्र हल निकालने की विधि (Method of Finding Singular Solution in DE) द्वारा एक अवकल समीकरण,जिसके विचित्र हल का अस्तित्व होता है,उसको पूर्ण रूप से हल किया हुआ तब तक नहीं मानते जब तक उसका विचित्र हल ज्ञात नहीं कर लिया जाए।
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2.अवकल समीकरण में विचित्र हल निकालने की विधि के साधित उदाहरण (Method of Finding Singular Solution in DE Solved Examples):
निम्नलिखित अवकल समीकरणों के व्यापक हल,विचित्र हल तथा बाह्य बिन्दुपथ ज्ञात कीजिए:
(Find the general solution,singular solution and extraneous loci of the following differential equations):
Example:14. p^2+2 p x-y=0
Solution: p^2+2 p x-y=0 \cdots(1) \\ y=p^2+2 p x
अब इसका x के सापेक्ष अवकलन करने पर:
\frac{d y}{d x}=2 p \frac{d p}{d x}+2 p+2 x \frac{d p}{d x} \\ \Rightarrow p=(2 p+2 x) \frac{d p}{d x}+2 p \\ \Rightarrow 0=(2 p+2 x) \frac{d p}{d x}+p \\ \Rightarrow \frac{d x}{d p}(p)+2 p+2 x=0 \\ \Rightarrow \frac{d x}{d p}+\frac{2 x}{p}=-2 \cdots(2)
यह एक रैखिक अवकल समीकरण है तथा इसमें x आश्रित चर है तथा p स्वतन्त्र चर है।
समाकलन गुणक (I.F.)=e^{\int \frac{2}{p} d p} \\=e^{2 \log p}=e^{\log p^2} \\ \text {I.F.}=p^2
अतः (2) का अभीष्ट हल होगा:
x \cdot p^2 =\int p^2 \cdot(-2) d p+k \\ \Rightarrow x p^2 =-\frac{2}{3} p^3+k \\ \Rightarrow 3 x p^2 =-2 p^3+3 k \\ \Rightarrow 3 xp^2=-2 p^3+c \quad[\because 3 k=c] \cdots(3)
पुनः समीकरण (1) से:
p^2+2 p x-y=0 \\ p=\frac{-2 x \pm \sqrt{(2 x)^2-4 \times 1 \times -y}}{2 \times 1} \\ =\frac{-2 x \pm \sqrt{4 x^2+4 y}}{2} \\ =\frac{-2 x \pm 2 \sqrt{x^2+y}}{2} \\ \Rightarrow p =-x \pm \sqrt{x^2+y} \cdots(4)
समीकरण (3) व (4) से p का विलोपन करने पर:
3 x\left(-x \pm \sqrt{x^2+y}\right)^2=-2\left(-x \pm \sqrt{x^2+y}\right)^3+c \\ \Rightarrow 3 x\left(-x \pm \sqrt{x^2+y}\right)^2+2\left(-x \pm \sqrt{x^2+y}\right)^3=c \\ \Rightarrow \left(-x \pm \sqrt{x^2+y}\right)^2\left(3 x-2 x \pm 2 \sqrt{x^2+y}\right)=c \\ \Rightarrow \left(x^2+x^2+y+2 x \sqrt{x^2+y}\right)\left(x \pm 2 \sqrt{x^2+y}\right)=c \\ \Rightarrow\left(2 x^2+y \mp 2 x \sqrt{x^2+ y}\right)\left(x \pm 2 \sqrt{x^2+y}\right)=c \\ \Rightarrow 2 x^3 \pm 4 x^2 \sqrt{x^2+y}+x y \pm 2 y \sqrt{x^2+y} \mp 2 x^2 \sqrt{x^2+y}-4 x\left(x^2+y\right)=c \\ \Rightarrow 2 x^3 \pm 2 x^2 \sqrt{x^2+y}+x y \pm 2 y \sqrt{x^2+y}-4 x^3 -4 x y=c \\ \Rightarrow -2 x^3-3 x y \pm 2 \sqrt{x^2+ y}\left(x^2+y\right)=c \\ \Rightarrow 2 x^3+3 x y+c= \pm 2\left(x^2+y\right)^{\frac{3}{2}}
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर:
\Rightarrow \left(2 x^3+3 x y+c\right)^2=4\left(x^2+y\right)^3 \cdots(5)
जो कि दिए हुए समीकरण का व्यापक हल है।
c-विवेचक:समीकरण (5) को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है:
\Rightarrow c^2+2 c\left(2 x^3+3 x y\right)+\left(2 x^3+3 x y\right)^2-4\left(x^2+ y\right)^3=0
उपर्युक्त समीकरण से दिए हुए समीकरण का c-विवेचक का सम्बन्ध होगा:
B^2-4 A C=0 \\ \Rightarrow 4\left(2 x^3+3 x y\right)^2-4\left[\left(2 x^3+3 x y\right)^2-4\left(x^2 +y\right)^3\right]=0 \\ \Rightarrow 4\left[\left(2 x^3+3 x y\right)^2-\left(2 x^3+3 x y\right)^2+ 4\left(x^2+y\right)^3\right]=0 \\ \Rightarrow 4\left(x^2+y\right)^3=0 \\ \Rightarrow \left(x^2 +y \right)^3=0
p-विवेचक:समीकरण (1) से:
p^2+2px-y=0 \\ B^2-4AC=0 \\ \Rightarrow(2 x)^2-4 \times 1 \times -y=0 \\ \Rightarrow 4 x^2+4 y=0 \\ \Rightarrow x^2+y=0
निष्कर्ष:यहाँ दोनों विविक्तिकरों में कोई भी एक बार नहीं आया है अतः दिए हुए समीकरण के हल में विचित्र हल विद्यमान नहीं है।परन्तु x^2+y=0,c-विवेचक तीन बार तथा p-विवेचक में एक बार आया है अतः यह उभयाग्र पथ है।
व्यापक हल: \left(2 x^3+3 x y+c\right)^2=4\left(x^2+y\right)^3
उभयाग्र पथ: x^2+y=0
Example:18. \left(p x^2+y^2\right)(p x+y)=(p+1)^2
Solution: \left(p x^2+y^2\right)(p x+y)=(p+1)^2
दिए हुए समीकरण को क्लैरो के समीकरण में बदला जा सकता है,यदि हम निम्न प्रतिस्थापन करें:
इसका x के सापेक्ष अवकलन करने पर:
y+x \frac{d y}{d x}=\frac{d v}{d x}, 1+\frac{d y}{d x}=\frac{d u}{d x} \\ \Rightarrow y+xp=\frac{dv}{d x}, 1+p=\frac{du}{dx} \\ \frac{d v}{d u}=\frac{y+x p}{1+p}
माना \frac{d v}{du}=p \\ P=\frac{y+x p}{1+p}
दी हुई समीकरण को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है:
[(p x+y)(x+y)-x y(p+1)](p x+y)=(p+1)^2 =(p+1)^2
दोनों पक्षों को (p+1)^2 से भाग देने पर:
\Rightarrow\left[\frac{P x+y}{P+1}(x+y)-x y\right]\left(\frac{P x+y}{P+1}\right)=1 \\ \Rightarrow[P u-v] P=1 \\ \Rightarrow v=P u-\frac{1}{P}
जो कि क्लैरो के रूप का समीकरण है अतः इसका व्यापक हल होगा:
v=c u-\frac{1}{c} \\ \Rightarrow c v=c^2 u-1 \\ \Rightarrow cxy=c^2(x+y)-1 \\ \Rightarrow c^2(x+y)-cxy-1=0 \cdots(2)
जो कि दिए हुए समीकरण का व्यापक हल है।
c-विवेचक:यहाँ समीकरण (2) से दिए हुए समीकरण का c-विवेचक सम्बन्ध होगा:
B^2-4 A C=0 \\ \Rightarrow (-x y)^2-4(x+y) \times-1=0 \\ \Rightarrow x^2 y^2+4(x+y)=0
p-विवेचक: दिए हुए समीकरण से:
P^2\left(x^3-1\right)+P\left(x y^2+x^2 y-2\right)+y^3-1=0 \\ \Rightarrow B^2-4 A C=0 \\ \left(x y^2+x^2 y-2\right)^2-4\left(x^3-1\right)\left(y^3-1\right)=0 \\ \Rightarrow 4(x-y)^2 \cdot\left[x^2 y^2+4(x+y)\right]=0 \\ \Rightarrow (x-y)^2\left[x^2 y^2+4(x+y)\right]=0
निष्कर्ष:यहाँ x^2 y^2+4(x+y)=0 केवल एक बार दोनों विविक्तिकरों में आया है,अतः यह दिए हुए समीकरण का विचित्र हल है।x-y, p-विवेचक में दो बार आया है,अतः यह स्पर्श बिन्दुपथ है।
व्यापक हल: c^2(x+y)-c x y-1=0
विचित्र हल: x^2 y^2+4(x+y)=0
स्पर्श बिन्दुपथ:x-y=0
Example:19. p^2 y^2 \cos ^2 \alpha-2 p x y \sin ^2 \alpha+y^2-x^2 \sin ^2 \alpha=0
Solution: p^2 y^2 \cos ^2 \alpha-2 p x y \sin ^2 \alpha+y^2-x^2 \sin ^2 \alpha=0
यह py के रूप में द्विघात समीकरण है:
py=\frac{2 x \sin ^2 \alpha \pm \sqrt{\left(-2 x \sin ^2 \alpha\right)^2-4 \times \cos ^2 \alpha\left( y^2 -x^2 \sin ^2 \alpha\right)}}{2 \times \cos ^2 \alpha} \\=\frac{2 x \sin ^2 \alpha \pm \sqrt{4 x^2 \sin ^4 \alpha-4 y^2 \cos ^2 \alpha+4 x^2 \sin ^2 \alpha \cos ^2 \alpha}}{2 \cos ^2 \alpha} \\=\frac{2 x \sin ^2 \alpha \pm 2 \sqrt{x^2 \sin ^4 \alpha-y^2 \cos ^2 \alpha+x^2 \sin ^2 \alpha \cos ^2 \alpha}}{\cos ^2 \alpha} \\ =x \tan ^2 \alpha \pm \sqrt{\frac{x^2 \sin ^4 \alpha}{\cos ^4 \alpha}-\frac{y^2 \cos ^2 \alpha}{\cos ^4 \alpha}+\frac{x^2 \sin ^2 \alpha}{\cos ^2 \alpha}} \\ =x \tan ^2 \alpha \pm \sqrt{x^2 \tan ^4 \alpha-y^2 \sec ^2 \alpha+x^2 \tan ^2 \alpha} \\ =x \tan ^2 \alpha \pm \sqrt{x^2 \tan ^2 \alpha\left(1+ \tan ^2 \alpha\right)-y^2 \sec ^2 \alpha} \\ =x \tan ^2 \alpha \pm \sqrt{x^2 \tan ^2 \alpha \sec ^2 \alpha -y^2 \sec ^2 \alpha} \\ \Rightarrow p y=x \tan ^2 \alpha \pm \sec \alpha \sqrt{x^2 \tan ^2 \alpha-y^2} \\ \Rightarrow \frac{d y}{d x} y=x \tan ^2 \alpha \pm \sec \alpha \sqrt{x^2 \tan^2 \alpha-y^2} \\ \Rightarrow \pm \frac{y d y-x \tan ^2 \alpha d x}{\sqrt{x^2 \tan ^2 \alpha-y^2}}=\sec \alpha dx
दोनों पक्षों का समाकलन करने पर:
\pm \int \frac{y d y-x \tan ^2 \alpha d x}{\sqrt{x^2 \tan ^2 \alpha-y^2}}=\int \sec \alpha d x \\ \text{put} \quad x^2 \tan ^2 \alpha-y^2=t \\ \Rightarrow 2 x \tan ^2 \alpha d x-2 y d y=d t \\ \Rightarrow -\left(y d y-x \tan ^2 \alpha d x\right)=\frac{d t}{2} \\ \Rightarrow \pm \frac{1}{2} \int \frac{d t}{\sqrt{t}}=-x \sec \alpha+c \\ \Rightarrow \pm \frac{1}{2} \times 2 \sqrt{t}=c-x \sec \alpha \\ \Rightarrow \pm\left(\sqrt{x^2 \tan ^2 \alpha-y^2}\right)=c-x \sec \alpha \\ \Rightarrow x^2 \tan ^2 \alpha-y^2=c^2-2 c x \sec \alpha+ x^2 \sec ^2 \alpha \\ \Rightarrow c^2-2 c x \sec \alpha+x^2 \sec ^2 \alpha-x^2 \tan ^2 \alpha+y^2=0 \\ \Rightarrow c^2-2 \operatorname{cosec} \alpha+x^2\left(\sec ^2 \alpha-\tan ^2 \alpha\right)+y^2=0 \\ \Rightarrow c^2-2 c x \sec \alpha+x^2+y^2=0 \\ c^2-2 c x \sec \alpha +x^2+y^2=0
जो कि दिए हुए समीकरण का व्यापक हल है।
c-विवेचक: c^2-2 c x \sec \alpha +x^2+y^2=0 से
B^2-4 A C=0 \\ \Rightarrow(-2 x \sec \alpha)^2-4 \times 1 \times\left(x^2+y^2\right)=0 \\ \Rightarrow 4 x^2 \sec ^2 \alpha-4\left(x^2+y^2\right)=0 \\ \Rightarrow x^2 \sec ^2 \alpha-x^2-y^2=0 \\ \Rightarrow x^2\left(\sec ^2 \alpha-1\right)-y^2=0 \\ \Rightarrow x^2 \tan ^2 \alpha-y^2=0 \\ \Rightarrow y= \pm x \tan \alpha
p-विवेचक:दिए हुए समीकरण
P^2 y^2 \cos ^2 \alpha-2 P x y \sin ^2 \alpha+y^2-x^2 \sin ^2 \alpha=0 सेः
B^2-4 A C=0 \\ \left(-2 x y \sin ^2 \alpha\right)^2-4 y^2 \cos ^2 \alpha\left(y^2-x^2 \sin ^2 \alpha \right)=0 \\ \Rightarrow 4 \left[x^2 y^2 \sin ^4 \alpha-y^4 \cos ^2 \alpha+x^2 y^2 \sin ^2 \alpha \cos ^2 \alpha \right]=0 \\ \Rightarrow x^2 y^2 \sin ^2 \alpha\left(\sin ^2 \alpha+\cos ^2 \alpha\right)-y^4 \cos ^2 \alpha=0 \\ \Rightarrow y^2\left(x^2 \sin ^2 \alpha-y^2 \cos ^2 \alpha\right)=0 \\ \Rightarrow y^2 \cos ^2 \alpha\left(x^2 \tan ^2 \alpha-y^2\right)=0
निष्कर्ष:यहाँ x^2 \tan ^2 \alpha-y^2=0 केवल एक बार दोनों विविक्तिकरों में आया है,अतः यह दिए हुए समीकरण का विचित्र हल है।y=0 p-विवेचक में दो बार आया है अतः यह स्पर्श बिन्दुपथ है।
व्यापक हल: c^2-2 c x \sec \alpha+x^2+y^2=0
विचित्र हल: y= \pm x \tan \alpha
स्पर्श बिन्दुपथ:y=0
Example:20. y^2(y-p x)=x^4 p^2
Solution: y^2(y-p x)=x^4 p^2
दिए हुए समीकरण को क्लैरो के समीकरण में बदला जा सकता है,यदि हम निम्न प्रतिस्थापन करें:
u=\frac{1}{x}, v=\frac{1}{y}
अवकलन करने पर:
d u=-\frac{1}{x^2} d x, d v=-\frac{1}{y^2} d y \\ \frac{d v}{d u}=\frac{x^2}{y^2} \frac{d y}{d x}
माना P=\frac{d v}{d u} \\ P =\frac{x^2}{y^2} p \\ \Rightarrow p=\frac{v^2}{u^2} P \\ \Rightarrow p=\frac{u^2}{v^2} P
p का मान दिए हुए समीकरण में रखने पर:
y^2\left(y-\frac{u^2}{v^2} P \cdot x\right)=x^4 \cdot \frac{u^4}{v^4} P^2 \\ \Rightarrow \frac{1}{v^2} \left(\frac{1}{v}-\frac{u^2}{v^2} P \cdot \frac{1}{u}\right)=\frac{1}{u^4} \cdot \frac{u^4}{v^4} P^2 \\ \Rightarrow \frac{1}{v^4}(v-u P)=\frac{1}{v^4} p^2 \\ \Rightarrow v-u P=P^2 \\ \Rightarrow v=u P+P^2
जो कि क्लैरो के रूप का समीकरण है अतः इसका व्यापक हल होगा:
v=c u+c^2 \\ \Rightarrow \frac{1}{y} =\frac{c}{x}+c^2 \\ \Rightarrow x=c y+c^2 x y
जो कि दिए हुए समीकरण का व्यापक हल है।
c-विवेचक: c^2 x y+c y-x=0 \\ B^2-4 A C=0 \\ \Rightarrow y^2-4 \times x y \times -x=0 \\ \Rightarrow y^2+4 x^2 y=0 \\ \Rightarrow y\left(y+4 x^2\right)=0
p-विवेचक:दिए हुए समीकरण से:
x^4 p^2+p x y^2-y^3=0 \\ B^2-4 A C=0 \\ \Rightarrow \left(x y^2\right)^2-4 \times x^4\left(-y^3\right)=0 \\ \Rightarrow x^2 y^4+4 x^4 y^3=0 \\ \Rightarrow x^2 y^3\left(y+4 x^2\right)=0
निष्कर्ष:यहाँ y+4 x^2=0 केवल एक बार दोनों विविक्तिकरों में आया है अतः यह दिए हुए समीकरण का विचित्र हल है।x=0,p-विवेचक में दो बार आया है,अतः यह स्पर्श बिन्दुपथ है।
व्यापक हल: x=c y+c^2 x y
विचित्र हल: y+4 x^2=0
स्पर्श बिन्दुपथ:x=0
अध्याय 2 विविध प्रश्नावली (Miscellaneous Examples):
Example:21.हल कीजिए और इसका विचित्र हल ज्ञात कीजिए (प्रतिस्थापन y=u तथा xy=v द्वारा)।
(Solve the equation x^2 p^2+y p(2 x+y)+y^2=0 using the substitution y=u,xy=v and find the singular solution.)
Solution: x^2 p^2+y p(2 x+y)+y^2=0
दिए हुए समीकरण को क्लैरो के समीकरण में बदला जा सकता है,यदि हम निम्न प्रतिस्थापन करें:
y=u, xy=v
x के सापेक्ष अवकलन करने पर:
\frac{d y}{d x} =\frac{d u}{d x}, y+x \frac{d y}{d x}=\frac{d v}{d x} \\ \Rightarrow p=\frac{d u}{d x}, y+p x=\frac{d v}{d x} \\ \frac{d v}{d u}=\frac{y+px}{p}
माना \frac{d v}{d u}=P \\ \Rightarrow P=\frac{y+p x}{p} \\ \Rightarrow P p=y+p x \\ \Rightarrow P p-p x=y \\ \Rightarrow p=\frac{y}{P-x}
p का मान दिए हुए समीकरण में रखने पर:
x^2-\frac{y^2}{(P-x)^2}+y \cdot \frac{y}{P-x}(2 x+y)+y^2=0 \\ \Rightarrow y^2\left[x^2+(2 x+y)(P-x)+(P-x)^2\right]= \\ \Rightarrow x^2+2 x P-2 x^2+y P-x y+P^2-2 Px+x^2=0 \\ \Rightarrow xy=y p+p^2 \\ \Rightarrow v=u P+P^2
जो कि क्लैरो के रूप का समीकरण है अतः इसका व्यापक हल होगा:
v=c u+c^2 \\ \Rightarrow x y=c y+c^2
जो कि दिए हुए समीकरण का व्यापक हल है।
c-विवेचक: c^2+c y-x y=0 \\ B^2-4 A C=0 \\ y^2-4 \times 1 \times -4 y=0 \\ y(y+4 x)=0
p-विवेचक: x^2 p^2+yp(2 x+y)+y^2=0 \\ B^2-4 A C=0 \\ \Rightarrow y^2(2 x+y)^2-4 \times x^2 \times y^2=0 \\ \Rightarrow y^2\left[(2 x+y)^2-4 x^2\right]=0 \\ \Rightarrow y^2\left[4 x^2+4 x y+y^2-4 x^2\right]=0 \\ \Rightarrow y^3(4 x+y)=0
निष्कर्ष:यहाँ y(4x+y)=0 केवल एक बार दोनों विविक्तिकरों में आया है अतः यह दिए समीकरण का विचित्र हल है।
व्यापक हल: x y=c y+c^2
विचित्र हल: y(4 x+y)=0
Example:22.निम्न समीकरण का विचित्र हल ज्ञात कीजिए:
(Find the singular solution of the following equation):
\sin \left(x \frac{d y}{d x}\right) \cdot \cos y=\cos \left(x \frac{d y}{d x}\right) \sin y+\frac{d y}{d x} या (or)
\sin (x p) \cos y-\cos (x p) \sin y=p
Solution: \sin (xp) \cos y-\cos (xp) \sin y=p \\ \Rightarrow y \sin (x p-y)=p \\ \Rightarrow xp-y=\sin ^{-1} p \\ \Rightarrow y=xp-\sin ^{-1} p
जो कि क्लैरो के रूप का समीकरण है अतः इसका व्यापक हल होगा:
y=cx-\sin ^{-1} c \cdots(1)
जो कि दिए हुए समीकरण का व्यापक हल है।
c-विवेचक: y=cx-\sin ^{-1} c
c के सापेक्ष आंशिक अवकलन करने पर:
0=x-\frac{1}{\sqrt{1-c^2}} \\ \Rightarrow x =\frac{1}{\sqrt{1-c^2}} \\ \Rightarrow \sqrt{1-c^2} =\frac{1}{x} \\ \Rightarrow 1-c^2=\frac{1}{x^2} \\ \Rightarrow c^2=1-\frac{1}{x^2} \\ \Rightarrow c =\sqrt{\frac{x^2-1}{x^2}} \\ \Rightarrow c=\frac{\sqrt{x^2-1}}{x}
c का मान (1) में रखने पर:
y=\sqrt{x^2-1}-\sin ^{-1}\left(\frac{\sqrt{x^2-1}}{x}\right)
p-विवेचक: y=x p-\sin ^{-1} p
p के सापेक्ष आंशिक अवकलन करने पर:
0=x-\frac{1}{\sqrt{1-p^2}} \\ \Rightarrow p=\frac{\sqrt{x^2-1}}{x}
अतः y=\sqrt{x^2-1}-\sin^{-1} \left(\frac{\sqrt{x^2-1}}{x}\right)
निष्कर्ष: यहाँ y=\sqrt{x^2-1}-\sin^{-1} \left(\frac{\sqrt{x^2-1}}{x}\right) केवल एक बार दोनों विविक्तिकरों में आया है अतः दिए हुए समीकरण का विचित्र हल है।
व्यापक हल: y=cx-\sin ^{-1} c
विचित्र हल: y=\sqrt{x^2-1}-\sin ^{-1}\left(\frac{\sqrt{x^2-1}}{x}\right)
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा अवकल समीकरण में विचित्र हल निकालने की विधि (Method of Finding Singular Solution in DE),अवकल समीकरण में विचित्र हल (Singular Solution in DE) को समझ सकते हैं।
3.अवकल समीकरण में विचित्र हल निकालने की विधि पर आधारित सवाल (Questions Based on Method of Finding Singular Solution in DE):
निम्नलिखित अवकल समीकरणों के व्यापक हल,विचित्र हल तथा बाह्य बिन्दुपथ ज्ञात कीजिए:
(Find the general solution,singular solution and extraneous loci of the following differential equations)
(1.) 4 x p^2=(3 x-a)^2
(2.) (x p-y)^2=p^2-1
उत्तर (Answers):(1.)व्यापक हल (y-c)^2=x(x-a)^2 ,विचित्र हल:x=0,स्पर्श बिन्दुपथ:3x-a=0,नोड बिन्दुपथ:x-a=0
(2.)व्यापक हल: (y-c x)^2=c^2-1 ,विचित्र हल: x^2-y^2=1
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर अवकल समीकरण में विचित्र हल निकालने की विधि (Method of Finding Singular Solution in DE),अवकल समीकरण में विचित्र हल (Singular Solution in DE) को ठीक से समझ सकते हैं।
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4.अवकल समीकरण में विचित्र हल निकालने की विधि (Method of Finding Singular Solution in DE),अवकल समीकरण में विचित्र हल (Singular Solution in DE) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.उभयाग्र बिन्दुपथ से क्या तात्पर्य है? (What is Meant by Cusp-locus?):
उत्तर:उभयाग्र बिन्दुपथ (Cusp Locus):c-विवेचक संबंध उन बिंदुओं के बिंदुपथ को प्रदर्शित करता है,जिनके लिए c के मान समान हों।ये c के समान मान उभयाग्र के हो सकते हैं जो वक्र-कुल के क्रमागत वक्रों के प्रतिच्छेदन बिंदु भी है।इस प्रकार के बिंदुओं के बिंदुपथ (locus) को उभयाग्र बिंदुपथ (cusp-locus) अथवा केवल उभयाग्र-पथ कहते हैं।अब यदि C(x,y)=0 उभयाग्र-पथ का समीकरण हो,तो यह p-विवेचन तथा c-विवेचक दोनों का एक गुणनखंड होगा।सामान्यतया यह दिए हुए अवकल समीकरण को संतुष्ट नहीं करता।किसी विशेष स्थिति (Exceptional case) में यह अवकल समीकरण को संतुष्ट करता है।ऐसी स्थिति में उभयाग्रा-पथ अन्वालोप भी होगा।
चित्र में यदि नोड,उभयाग्र में परिणत हो जाते हैं तो AA’ और NN’ सम्पाती होकर उभयाग्र-पथ CC’ तीन पथों AA’,BB’ तथा DD’ के सम्पात से बना हुआ माना जाना चाहिए।अतः c-विवेचन में उभयाग्र-पथ त्रिघातीय (cubic) गुणनखंड के रूप में आना संभावित है।
जैसा की चित्र से स्पष्ट है कि उभयाग्र-पथ के लिए किसी बिंदु पर p का मान उसी बिंदु पर वक्र-कुल के किसी वक्र के लिए p के मान के तुल्य नहीं है।अतः उभयाग्र-पथ का समीकरण दिए गए अवकल समीकरण का हल नहीं हो सकता।
पुनः हम देख चुके हैं कि p-विवेचक में उभयाग्र-पथ का समावेश हो सकता है।यह उभयाग्र-पथ नोड की सीमान्त स्थिति है।अब यदि हम मान लें कि वक्रों के अत्यंत संकुचित नोड हैं अर्थात् प्रत्येक नोड पर p के मानों में अत्यंत सूक्ष्म अंतर है तथा नोड-पथ हैं।
सीमांत स्थिति में जब नोड उभयाग्र बन जाते हैं,तो नोड-पथ NN’ उभयाग्र-पथ CC’ में परिणत हो जाता है। अतः p-विवेचन में उभयाग्र-पथ के एकघातीय (Linear) होने की संभावना है।
प्रश्न:2.c-विवेचक और p-विवेचक का निष्कर्ष लिखो। (Write the Conclusion of c-discriminator and p-discriminator?):
उत्तर:c-विवेचक (1.)अन्वालोप (एक बार),(E)
(2.)नोड पथ (दो बार), \left(N^2\right)
(3.)उभयाग्र पथ (तीन बार), \left(c^3\right)
तथा p-विवेचक में:
(1.)अन्वालोप (एक बार),(E)
(2.)स्पर्श बिन्दुपथ (दो बार), \left(T^2\right)
(3.)उभयाग्र-पथ (एक बार), (C)
के समावेश होने की संभावना है।
इसलिए सदैव यह याद रखना चाहिए कि:
(1.)c-विवेचक \equiv E N^2 C^3
(2.)p-विवेचक=E C T^2
इनमें केवल E अवकल समीकरण का हल होगा अन्य नहीं,इसलिए इनको बाह्य बिन्दुपथ (Extraneous Loci) कहते हैं।
प्रश्न:3.ECTN से क्या तात्पर्य है? (What Does ECTN Stand for?):
उत्तर:E=Envelope अर्थात् अन्वालोप
C=Cusp-locus अर्थात् उभयाग्र बिन्दुपथ
T=Tac-Locus अर्थात् स्पर्श बिन्दुपथ
N=Node Locus अर्थात् नोड बिन्दुपथ
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा अवकल समीकरण में विचित्र हल निकालने की विधि (Method of Finding Singular Solution in DE),अवकल समीकरण में विचित्र हल (Singular Solution in DE) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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(Method of Finding Singular Solution in DE)
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अवकल समीकरण में विचित्र हल निकालने की विधि (Method of Finding Singular Solution in DE)
द्वारा एक अवकल समीकरण,जिसके विचित्र हल का अस्तित्व होता है,उसको पूर्ण रूप से हल किया
हुआ तब तक नहीं मानते जब तक उसका विचित्र हल ज्ञात नहीं कर लिया जाए।