Mathematics Phobia
1.मैथेमेटिक्स फोबिया (Mathematics Phobia),मैथेमेटिक्स फोबिया के कारण और निवारण (Causes and Prevention of Mathematics Phobia):
- मैथेमेटिक्स फोबिया (Mathematics Phobia) को जानने से पूर्व फोबिया क्या है व उसके कारण क्या-क्या होते हैं,को जानना जरूरी है।
- फोबिया (Phobia): फोबिया को हिंदी में दुर्भीति, असंगत भय या प्रबल भय कहा जाता है।जब किसी वस्तु या परिस्थिति से बिना वास्तविक खतरे के व्यक्ति में भय उत्पन्न हो जाता है और यह भय स्थाई हो जाता है तो उसे असंगत भय (Phobia) कहते हैं।वह असंगत भय की स्थिति या स्थान पर पहुंचता है तो उसमें अत्यधिक चिंता एवं डर की भावना उत्पन्न हो जाती है।
परिभाषा (Definition):कोलमैन के अनुसार किसी वस्तु या स्थिति के प्रति भय जो कि रोगी के सामने किसी भी प्रकार का वास्तविक खतरा उत्पन्न नहीं करता है या खतरा वास्तविक विषमता से बिल्कुल पृथक होता है, को असंगत भय या फोबिया कहते हैं। - केविले के अनुसार असंगत भय (Phobia) किसी विषय,व्यक्ति, कार्य या स्थिति से उत्पन्न होने वाला अतार्किक भय है।
असंगत भय अन्य सामान्य लक्षणों की अपेक्षा अधिकांश व्यक्तियों में पाया जाता है।ऊँचे स्थान से भय,पानी से भय,जानवरों से भय,बंद स्थान से भय,खुले स्थान से भय आदि अनेक ऐसे भय हैं जो किसी न किसी रूप में अपना प्रभाव व्यक्ति पर बनाए रखते हैं।परंतु सभी व्यक्ति न तो असामान्य होने के लक्षण प्रकट करते हैं और न ही चिकित्सक की सलाह लेते हैं क्योंकि अपने भय को रखते हुए वे कार्य करना एवं रहना सीख लेते हैं। - व्यक्ति असंगत भय उत्पन्न करने वाली स्थिति से दूर हो जाता है या ऐसी स्थिति उत्पन्न होने ही नहीं देता है जिससे उसे अत्यधिक चिंता एवं भय उत्पन्न हो। इस प्रकार वह चिंता मुक्त होकर अपनी जीवनचर्या करता रहता है।उस समय चिकित्सीय सहायता लेना अनिवार्य हो जाता है जब वह ऐसा असंगत भय उत्पन्न कर लेता है जिससे सामान्य व्यवहार तथा सामाजिक एवं व्यक्तिगत कार्यों में बाधा पड़ती है।
(1.)सामान्य भय तथा असंगत भय में अंतर (Difference between normal fear and Phobia):
- सामान्य भय उस समय उत्पन्न होता है जब कोई भयानक स्थिति सामने आ जाती है।इसका कोई न कोई कारण अवश्य होता है।व्यक्ति उसका कारण ढूँढ़ लेता है।इस प्रकार का भय स्थिति से संबंधित होता है और स्थिति बदलने पर भय समाप्त हो जाता है। इससे उसके कार्य में बाधा नहीं उत्पन्न होती है। उदाहरण के लिए पेड़ पर चढ़ने से भय लगता है क्योंकि उससे गिरने का खतरा है।यह सामान्य भय है।परंतु जब व्यक्ति बिना किसी वास्तविक कारण अथवा खतरा उत्पन्न होने से भी भय उत्पन्न कर लेता है उसे असंगत भय कहते है।वह इनका कारण नहीं ढूँढ़ पाता है ,परंतु भय को समाप्त भी नहीं कर पाता है।उसके व्यवहार में असामान्यता आ जाती है तथा दैनिक क्रियाकलापों में बाधा पहुंचती है।उसको सोचने से भी भय लगने लगता है।वास्तविक स्थिति जिससे उसको भय है उत्पन्न होने से तीव्र भय उत्पन्न होता है तथा चिंता की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाती है।उदाहरण के लिए जिसको बंद स्थान से भय होता है,वह बंद कमरे में रहने की कल्पना करके ही कांप जाता है और यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है जिससे उसे बंद कमरे में रहना पड़ जाता है तो वह अत्यंत भयभीत,मानसिक अस्थिर तथा संवेगी हो जाता है।कभी-कभी शारीरिक व्याधि के लक्षण भी उत्पन्न हो जाते हैं।
- आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके ।यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए ।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
Also Read This Article:What are the ways to simplify mathematics?
(2.)दुर्भीति या असंगत भय के प्रकार (Types of Phobia):
- दुर्भीति के कारण अनेक प्रकार के भय उत्पन्न होते हैं उनमें कुछ मुख्य निम्न हैंः
- (i)गणित का भय (Mathematics Phobia)
- (ii)ऊँचे स्थान का भय [अक्रोफोबिया (Acrophobia)]
- (iii)खुले स्थान का भय [अगोराफोबिया (Agoraphobia)]
- (iv)दर्द का भय [एल्गोफोबिया (Algophobia)]
- (v)बादल एवं बिजली कड़कने का भय [एस्ट्रोफोबिया (Astrophobia)]
- (vi)बन्द स्थान का भय [क्लाउस्ट्रोफोबिया (Claustrophobia)]
- (vii)खून का भय [हिमाटोफोबिया (Haematophobia)]
- (viii)छूत का भय [मिसोफोबिया (Mysophobia)]
- (ix)अकेले का डर [ऑटोफोबिया (Autophobia)]
- (x)भीड़ का भय [ओक्लोफोबिया (Ochlophobia)]
- (xi)रोग का भय (Myctophibia)
- (xii)आग का भय [पाइरोफोबिया (Pyrophobia)]
- (xiii)उपदंश का भय (Syphilophobia)
- (xiv)पशुओं का भय [जूफोबिया (Zoophobia)]
- (xv)जहर दिए जाने का भय (Foxophobia)
- (xvi)चलने-फिरने का भय (Locomotionphobia)
- (xvii)भाषण देने का भय (Lolophobia)
- (xviii)पानी का भय [हाइड्रोफोबिया (Hydrophobia)]
- (xix)स्त्रियों का भय (Gynophobia)
- (xx)स्कूल जाने का भय [स्कोलियोफोबिया (Schooliophobia)]
- (xxi)पुस्तकों का भय [बिबलियोफोबिया (Bibliophobia)]
(3.)मैथेमेटिक्स फोबिया के लक्षण (Symptoms of Mathematics Phobia):
- (i)शारीरिक लक्षण:गणित की परीक्षा से बालक द्वारा मानसिक दर्द महसूस करना एवं बालक का पसीना-पसीना होना,धड़कन बढ़ना,बार-बार शौचालय जाना।
- (ii)मानसिक लक्षण:कमजोर एकाग्रताचित्तता विद्यार्थी द्वारा गणित संबंधी समस्याओं के प्रति एकाग्रचित्त न होना।
कमजोर याददाश्त एवं भूलने की प्रवृत्ति:गणितीय तथ्यों, सूत्रों, परिभाषाओं एवं सवाल हल करने की प्रक्रिया को याद न रख पाना। - तनाव:बालक द्वारा कक्षा में गणित संबंधी समस्याओं को हल करते समय या किसी को गणित सम्बन्धी समस्याओं के बारे में बात करते देख तनाव में आना।
- आत्मविश्वास की कमी:बालक का सोचना कि वह गणित के सवालों को हल नहीं कर सकता है तथा गणित परीक्षा में पास नहीं होगा।
- (iii)व्यावहारिक लक्षण:
- उपेक्षा पूर्ण रवैया:बालक गणित कक्षा,गृह कार्य,कक्षा कार्य,गणित शिक्षक,गणित परीक्षा,गणित में होशियार मित्रों आदि से उपेक्षा पूर्ण व्यवहार करता है।
- चिढ़ना या आक्रामक होना:बालक गणित संबंधी समस्याओं का सामना होने पर चिढ़ता है या आक्रामक व्यवहार दर्शाता है।
कमजोर निष्पत्ति:गणित फोबिया से ग्रसित बालक के गणितीय टेस्टों,परीक्षाओं में प्राप्त अंकों में धीरे-धीरे गिरावट आती है।
अंतर्मुखी:बालक गणितीय समस्याओं के प्रति कम बातचीत करता है एवं गणितीय गतिविधियों के प्रति उदासीन रहता है।
सामाजिक विमुखता:गणित में होशियार मित्रों,रिश्तेदारों एवं चार व्यक्ति खड़े होकर गणित संबंधी वार्तालाप करते हैं तब उनसे दूर रहने का प्रयास करता है। - शिक्षक का अतार्किक दृष्टिकोण:सामान्यत: गणित की मूल्यांकन पद्धति में थकाने वाली लंबी कैलकुलेशन एवं अंत में सही उत्तर को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन किया जाता है।जबकि बालक की प्रश्न के प्रति ज्ञान प्रक्रिया (Process of Knowledge) एवं प्रश्न के प्रति उसकी समझ के मूल्यांकन को दरकिनार कर दिया जाता है।जिससे विद्यार्थी को गणित में अन्य विषय से कम अंक प्राप्त होते हैं।यह कम अंक आना भी इस विषय से उसे दूर भगाता है।
दंड प्रक्रिया:कक्षा में बालक साथियों के साथ सीखता है।लेकिन किसी बालक द्वारा गणित संबंधी समस्या का सही उत्तर नहीं देने पर उसे कक्षा में डांटने-फटकारने या उसको सबके सामने नीचा दिखाने से भी उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है।जिससे वह गणितीय समस्याओं से दूरी बनाने का प्रयास करता है।धीरे-धीरे गणित में कमजोर हो जाता है।इसका प्रभाव उसके गणित परिणाम पर पड़ता है।
(4.)गणित फोबिया के कारण (Causes Mathematics Phobia):
- गणितीय दुश्चिंता एक ऐसी कष्टदायक मानसिक स्थिति है जिसमें विद्यार्थी गणितीय तथ्यों,संक्रियाओं,सूत्रों,प्रमेयों, गणित शिक्षक,गणित विषय वस्तु,कक्षा कार्य,गृह कार्य इत्यादि को भारी समस्याएं समझता हुआ भयग्रस्त एवं आशंका के दु:खद भाव से व्याकुल हो जाता है।बालक गणित विषय की उपस्थिति या उसके अनुमान मात्र से ही डर जाता है।गणित की किसी समस्या को शिक्षक द्वारा पूछने या हल करने को कहने पर अत्यधिक चिंताग्रस्त हो जाना एवं ऐसी स्थितियों से दूर रहने का प्रयास करना आदि बिन्दु विद्यार्थी में मैथ्स फोबिया उत्पन्न करते हैं।जो विद्यार्थी में मैथ्स फोबिया से ग्रसित हैं उन्हें इस विषय का अतार्किक भय सताता है।जबकि यह भय उसे कोई शारीरिक नुकसान नहीं करता है।
Also Read This Article:Math needs for sharp mind of teenagers
(5.)गणित फोबिया को रोकने के उपाय (How to Prevent Mathematics Phobia?):
- उपचार से बेहतर रोग को रोकना (Prevention is better than cure) है।गणित फोबिया को रोकने में निम्नलिखित उपाय हो सकते हैं:
- (i)माता-पिता एवं बालक के मध्य स्वस्थ संबंध हों: बालक भय रहित होकर अपने मन की बातें पेरेंट्स से शेयर करें।बालक यह महसूस करे कि माता-पिता उसके गणित सीखने की प्रक्रिया में आत्मविश्वास भरते हैं।माता-पिता बच्चे से गणित में अंक लाने की उतनी ही आशा रखें जितनी उसकी क्षमता है।पेरेंट्स गणित सीखने के प्रति उसके उत्साह को बढ़ाते रहें।
- (ii)गणित विषय-वस्तु:बालकों में गणित विषय के प्रति फोबिया कम करने में विषयवस्तु (Content) मुख्य है।गणित विषय में अधिकतर पाठ ऐसे रखे जाएं कि बच्चों की सृजनात्मक प्रवृत्ति को बढ़ावा मिले।विषय-वस्तु को बालकों के मनोवैज्ञानिक आधार पर क्रमबद्ध किया जाए।सृजनात्मकता के साथ-साथ करके सीखने की प्रवृत्ति के अवसर हों।पाठ्यक्रम में यह प्रयास हो कि बच्चों में गणित के प्रति रुझान एवं आकर्षण उत्पन्न हो जैसे गणितीय खेल,कहानियां एवं गणितीय गतिविधियों को ज्यादा से ज्यादा महत्त्व दिया जाए।बच्चों में गणित के प्रति एक स्वतंत्र सोच विकसित हो इसके प्रयास किए जाएं।गणित विषय वस्तु को दैनिक जीवन से संबंधित किया जाना चाहिए।
- (iii)गणित शिक्षक:यह सामान्य सोच है कि बच्चे गणित शिक्षक से डरते हैं।जबकि वास्तविकता में बच्चे गणित विषय से डरते हैं।इस डर से बच्चों को रोकने में शिक्षक की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।शिक्षक का बच्चों के साथ स्नेहयुक्त,आत्मीय,मित्रवत एवं सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार रहना चाहिए।बच्चों को दंड प्रक्रिया से मुक्त रखा जाना चाहिए।शिक्षक स्वयं भी सदैव तनाव रहित एवं प्रसन्नचित्त रहें जिसका अनुसरण बच्चे भी करेंगे।गणित शिक्षण आनंददायी शिक्षण होना चाहिए।इससे बच्चों में गणित के प्रति जिज्ञासा एवं उत्साह में वृद्धि होगी।
- (iv)शिक्षण विधि:गणित शिक्षक द्वारा कक्षा में गणित शिक्षण प्रक्रिया शुरू करने से पहले बच्चों में गणित पढ़ने के प्रति उत्साह का संचार आवश्यक है।पाठ का विकास गणितीय रोचक कहानी,चुटकुले,गणितीय खेल,गणित इतिहास आदि से किया जाए।खेल-खेल में आओ गणित सीखें की विधि का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए।बच्चों में गणित के प्रति सदैव सकारात्मक सोच विकसित करें।
- (v)विषय वस्तु:शिक्षण के दौरान उसे छोटे-छोटे भागों में बांटकर शिक्षण कार्य किया जाए तथा प्रत्येक स्टेप के बाद 1-1/2 मिनट का अंतराल बच्चों को समझने के लिए अवश्य किया जाए।कक्षा में सीखने को बढ़ाने में बालकों की सहभागिता अवश्यंभावी होती है।बच्चे कक्षा में तनाव रहित रहे व उनका आत्मबल कमजोर ना होने देंवे।प्रश्न का सही उत्तर देने पर शाबाशी देना आवश्यक है तो गलत उत्तर प्राप्त होने पर दंडित करने या हतोत्साहित करके सही जवाब सरल विधि से समझाना भी उतना ही अनिवार्य है।यदि प्राथमिक एवं मिडिल स्तर पर आधार ज्ञान की कमी को नैदानिक परीक्षणों द्वारा दूर करते हुए शिक्षण कार्य किया जाए तो निश्चित ही बच्चों में मैथ्स का डर धीरे-धीरे दूर होगा।अभ्यास के साथ गणित में प्रायोगिक कार्य कराने से विद्यार्थियों में सीखने की क्षमता विकसित होती है।इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
- (vi)विद्यालय की भौतिक स्थिति एवं व्यवस्था:
बच्चों में गणित फोबिया विकसित न हो इसके लिए विद्यालय की भौतिक स्थिति एवं व्यवस्थाओं की भी अहम भूमिका है।गणित कक्षा-कक्ष हवादार,पर्याप्त रोशनीयुक्त,अच्छा श्यापपट्ट,उच्च क्वालिटी की चाॅक आदि अवस्थाओं से परिपूर्ण होना चाहिए।क्योंकि कक्षा कक्ष में पर्याप्त प्रकाश नहीं होगा तो सबसे पीछे बैठा बालक + को × लिखेगा तथा = को ÷ लिखेगा अर्थात न सही लिख पाएगा और न ही सही देख सकेगा।अधिकतर विद्यालयों में अन्य व्यवस्थाएं ठीक करने की कोशिश की जाती है लेकिन इन बिंदुओं पर कोई ध्यान नहीं देता है। गणित कालांश मध्यांतर से पूर्व होना चाहिए जिसमें बच्चे थके हुए नहीं होते हैं तथा विद्यालयों में गणित प्रयोगशाला भी होनी चाहिए। - उपर्युक्त आर्टिकल में मैथेमेटिक्स फोबिया (Mathematics Phobia),मैथेमेटिक्स फोबिया के कारण और निवारण (Causes and Prevention of Mathematics Phobia) के बारे में बताया गया है।
2.मैथेमेटिक्स फोबिया (Mathematics Phobia),मैथेमेटिक्स फोबिया के कारण और निवारण (Causes and Prevention of Mathematics Phobia) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.गणित का फोबिया क्या है? (What is mathematics phobia?):
प्रश्न:2.गणित फोबिया के कारण क्या हैं? (What are the reason of mathematics phobia?):
प्रश्न:3.क्या आपको गणित का फोबिया हो सकता है? (Can you have a phobia of maths?):
प्रश्न:4.मैं गणित के अपने डर से कैसे छुटकारा पा सकता हूँ? (How do I get rid of my fear of math?):
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा मैथेमेटिक्स फोबिया (Mathematics Phobia),मैथेमेटिक्स फोबिया के कारण और निवारण (Causes and Prevention of Mathematics Phobia) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Mathematics Phobia
मैथेमेटिक्स फोबिया
(Mathematics Phobia)
Mathematics Phobia
मैथेमेटिक्स फोबिया (Mathematics Phobia) को जानने से पूर्व फोबिया क्या है व उसके कारण क्या-क्या होते हैं,को जानना जरूरी है।
फोबिया (Phobia): फोबिया को हिंदी में दुर्भीति, असंगत भय या प्रबल भय कहा जाता है।जब किसी वस्तु
No. | Social Media | Url |
---|---|---|
1. | click here | |
2. | you tube | click here |
3. | click here | |
4. | click here | |
5. | Facebook Page | click here |