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Mathematics genius Nischal Narayanam

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1 1.गणित प्रतिभा निश्चल नारायणम (Mathematics genius Nischal Narayanam):

1.गणित प्रतिभा निश्चल नारायणम (Mathematics genius Nischal Narayanam):

  • गणित प्रतिभा निश्चल नारायणम (Mathematics genius Nischal Narayanam) सबसे युवा सीए है कि उसे कंपनी की बैलेंस शीट पर हस्ताक्षर करने के लिए दो और वर्षों तक इंतजार करना होगा क्योंकि ICAI 21 वर्ष से कम के सदस्यों को नामांकित नहीं करता है।
  • वह बच्चा जिसने नौ साल की उम्र में अपने पिता की कंपनी की बैलेंस शीट में गलतियां बताईं, वह सिर्फ 19 साल में देश का सबसे कम उम्र का चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गया है।
  • गणितीय प्रतिभा के रूप में प्रतिष्ठित निश्चल नारायणम (Mathematics genius Nischal Narayanam) ने हाल ही में सीए की परीक्षा उत्तीर्ण की है और कहा जाता है कि यह देश की सबसे युवा परीक्षाओं में से एक है जिसने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया है।
  • हालांकि, उन्हें कंपनी की बैलेंस शीट पर हस्ताक्षर करने के लिए दो और वर्षों तक इंतजार करना होगा क्योंकि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) 21 साल से कम के सदस्यों का नामांकन नहीं करता है।
  • “यात्रा आसान और कठिन नहीं थी।लेकिन मैं इसे हासिल करने के लिए दृढ़ था,”निश्चल ने कहा।उनकी माँ, पद्मावती, जो उस्मानिया विश्वविद्यालय से संस्कृत में पीएचडी रखती हैं, ने अपनी प्रतिभा को पहली बार पहचाना जब वह सिर्फ नौ साल की थीं।”वह संख्या के बारे में भावुक था और मैं उसके कौशल पर आश्चर्यचकित था।”जिज्ञासु माँ ने अपने गणितीय कौशल में सुधार करने के लिए अपने बेटे का मार्गदर्शन करने के लिए दुनिया भर के आकाओं को खोजने के लिए इंटरनेट की जाँच की।
  • “उन्होंने दुनिया भर से आकाओं और गणित और स्मृति में कई देशों के तरीकों में प्रशिक्षित किया है,” उसने कहा। उनके बेटे ने एक बच्चे के रूप में भारी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था और बहुत कम उम्र से कई पुरस्कार जीते थे। उनकी असाधारण स्मृति और क्षमताओं ने उन्हें नेशनल ज्योग्राफिक चैनल और यंग ग्रेजुएट द्वारा मान्यता प्राप्त “विश्व के 7 शानदार दिमाग” में से एक, सबसे कम उम्र के विश्व मेमोरी चैंपियन, सबसे कम उम्र के ‘डबल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक’ बनने में सक्षम बनाया।उस्मानिया विश्वविद्यालय का इतिहास जहाँ से उन्होंने B.Com और M.Com पूरा किया।
  • डेलॉइट इंटरनेशनल ऑडिट फर्म, जहां निश्चल ने सीए के लिए अपना लेखांकन किया था,ने अपनी अद्भुत क्षमताओं को पहचाना और उन्हें शंघाई में अपने वैश्विक सम्मेलन में एक विशेष आमंत्रित और वक्ता के रूप में आमंत्रित किया, जिसमें 190 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
    डेलॉयट में, निश्चल विश्व स्तर पर अपने दो लाख सदस्यों में सबसे छोटा है।
  • निश्चल ने ‘निश्चल स्मार्ट लर्निंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ’भी विकसित की,जिसके माध्यम से उन्होंने राज्य में सैकड़ों स्कूलों द्वारा अपनाई गई एक गणित प्रयोगशाला को डिजाइन और विकसित किया।वह इस कंपनी से प्राप्त रॉयल्टी के माध्यम से गरीब लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों की सहायता करने की योजना बना रहा है।
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2.बच्चों की गणित मजबूत कर रही मेमोरी चैंपियन निश्चल नारायणम की माइक्रोलैब (Microlab of memory champion Nischal Narayanam strengthening mathematics of children)-

  • मेमोरी चैंपियन नारायणम् ने बच्चों की मैथमेटिक्स को मजबूत करने के लिए माइक्रोलैब विकसित की है।
  • सबसे कम उम्र में सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) बनकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
  • निश्चल नारायणम् बच्चों की मैथमेटिक्स को मजबूत करना चाहते हैं।इसके लिए उसने रोबोटिक्स माइक्रोलैब का डिजाइन किया है।
    इस माइक्रोलैब के माध्यम से बच्चे व्यावहारिक तरीके से गणित को आसानी से समझ सकते हैं।
  • इस माइक्रोलेब के माध्यम से मैथमेटिक्स के अलावा भौतिकी, रसायनशास्त्र जैसे तार्किक व कठिन विषयों को भी समझा जा सकता है।
    निश्चल नारायणम् का यह माइक्रोलैब पोर्टेबल है जिसे स्कूल में एक कक्षा से दूसरी कक्षा में आसानी से ले जाया जा सकता है।
  • इस लैब को प्रयोग के तौर पर 14 राज्यों के स्कूलों में शुरू किया गया है।
    आधुनिक युग में तकनीक की अहमियत दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य राज्य है अतः यहां तकनीक प्लेटफॉर्म की नींव लगाना जरूरी है।
  • गणित में छत्तीसगढ़ की स्थिति का एनसीईआरटी और प्रशिक्षण परिषद द्वारा सर्वेक्षण कराया गया जिसके अनुसार स्कूल के 30.62 प्रतिशत बच्चे ही गणित के फाॅर्मूले पर अच्छा काम कर पाते हैं।
  • उड़ीसा में यह प्रतिशत 38.46, महाराष्ट्र में 33.57, झारखंड में 32.56,मध्य प्रदेश में 30.72 और बिहार के 36.55 प्रतिशत बच्चे ही गणित में अच्छा परफॉर्म कर पाते हैं।

(1.) निश्चल नारायणम् की जीवनी (Biography of Nischal Narayanam)-

  • निश्चल नारायण का जन्म हैदराबाद में 10 अगस्त,1995 को हुआ था। मात्र 19 वर्ष की उम्र में ही वे सीए बन गए थे। उन्होंने 9 साल की उम्र में गणित पर कई किताबें लिखी और राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त किया।
  • हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से 19 साल की उम्र में गणित और वाणिज्य में स्नातकोत्तर पूरा किया।
  • उसने 13 वर्ष की उम्र में 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए है।12 वर्ष की उम्र में वह वर्ल्ड मैमोरी चैम्पियन बन गए।
  • वर्ष 2006 में केवल 12.07 मिनट की अवधि में 225 रैंडम चीजों को याद करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया।
  • 2007 में विश्व मेमोरी चैंपियनशिप (किड्स केटेगरी में गोल्ड मेडल) जीता। वह नेशनल जियोग्राफी चैनल के साथ ब्रिलियंट ब्रेन ऑफ द वर्ल्ड की सूची में शामिल है।
  • 2008 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार गोल्ड मेडल ,2009 में एक मिनट में याद किए गए सबसे लंबे अनुक्रमों की श्रेणी में दूसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड समेत कई उपलब्धियां हासिल की।

(2.)निश्चल नारायणम् की सफलता का राज (The secret of the success of Nischal Narayanam)-

  • निश्चल नारायणम् के अनुसार कोई भी युवा किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहता हो तो इसके लिए दृढ़संकल्प और ईमानदारी आवश्यक है।निश्चल नारायणम् के अनुसार एक सफल व्यक्ति और दूसरों में शक्ति व ज्ञान की कमी का अंतर नहीं बल्कि दृढ़ संकल्प शक्ति के अंतर की कमी का है।
  • जुनून और संकल्पशक्ति के बिना जीवन उसी प्रकार बेकार हो जाता है जैसे बिना पानी के मछली मर जाती है।यदि इच्छाशक्ति दृढ़ होगी तो सफलता अवश्य मिलेगी।
  • निश्चल नारायणम् छत्तीसगढ़ के अधिकारियों से संपर्क करके शिक्षा के द्वारा छात्रों को आगे बढ़ाना की कोशिश कर रहा है।
  • निश्चल नारायणम् ने एक कंपनी बनाई है जिसके माध्यम से वह शिक्षा की अलख जगाना चाहता है।
  • 5 साल सीए की परीक्षा की यात्रा बहुत कठिन होती है परंतु उसने सीए का कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया।निश्चल नारायणम् के अनुसार सीए के लिए 3 वर्ष का समय पर्याप्त होता है।3 वर्ष तक निश्चल नारायणम् ने कठिन परिश्रम किया तथा पढ़ाई नियमित रूप से करता रहा।
  • रोजाना कम से कम 8 घंटे नियमित रूप से अध्ययन के लिए उपयुक्त समय होता है।निश्चित नारायण के अनुसार अपने करियर को शौक व जूनुन बना लेना चाहिए। इच्छाशक्ति तथा धैर्य के साथ अपने पथ पर आगे बढ़ते रहें।

(3.)निश्चल नारायणम् की कार्यप्रणाली (Methodology of Nischal Narayanam)-

  • निश्चल नारायणम् को बचपन से ही पुस्तकें पढ़ना पसंद है। इसलिए परिवार वालों ने भी काफी सहयोग किया।
  • 9 वर्ष की उम्र तक निश्चल नारायणम् गणित (Mathematics genius Nischal Narayanam) की कई पुस्तकें लिख चुके हैं।
    गणित के साथ इतना प्रेम है कि वह गणित के साथ खेलते हैं।यही कारण है कि मात्र 10 वर्ष की उम्र में नेशनल चाइल्ड अवार्ड से राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।

(4.)रायपुर (छत्तीसगढ़) आने का उद्देश्य (Objective of visiting Raipur (Chhattisgarh))-

  • छत्तीसगढ़ में गणित को आगे बढ़ाने तथा अनुसंधान करने के लिए उसने कंपनी शुरू की है।
  • निश्चल नारायणम् के अनुसार स्कूलों में जो गणित पढ़ाई जाती है उसमें थ्योरी ज्यादा है जबकि गणित में प्रैक्टिकल गणित की ज्यादा जरूरत है।

(5.)निश्चल नारायणम् की माइक्रोलैब (MicroLab of Nischal Narayanam)-

  • छात्रों को प्रैक्टिकल गणित सीखने के लिए निश्चल नारायणम् ने माइक्रोलैब बनाई है जो पूरे देश के लिए उपयोग साबित हो सकती है।
  • माइक्रोलैब एक पोर्टेबल लैब है जिसमें मैथ्स,फिजिक्स, केमिस्ट्री सहित विभिन्न विषयों को आसानी से समझाया जाता है।
  • निश्चल नारायणम् की इच्छा है कि इस माइक्रोलैब को छत्तीसगढ़ सरकार सभी स्कूलों में शुरू करें।
  • यह लैब एक प्रायोगिक लैब होगी जिसमें विभिन्न विषयों की बारीकियों को सीखा जा सकता है।
  • निश्चल नारायणम् की कंपनी ने बहुत से काॅलेजों और स्कूलों में इस लैब को शुरू कर दिया है।14 राज्यों ने इस लैब को स्वीकार कर लिया है।
    निश्चल नारायणम् को लैब डिजाइन करने में 10 साल का समय लगा अर्थात् उसने 10 वर्ष तक इसके लिए अनुसंधान किया।
  • निश्चल नारायणम् के अनुसार विद्यार्थियों में प्रतिभा की कमी नहीं होती है।जरुरत है तो उसे तराशने,निखारने की।
  • बच्चों को एक समान प्लेटफार्म नहीं मिल पाता है इसलिए कुछ बच्चे आगे बढ़ जाते हैं और कुछ बच्चे पिछड़ जाते हैं।
  • अगर सभी बच्चों को एक समान प्लेटफार्म मिले तो हर गांव,ढाणियों से भी इंजीनियर, वैज्ञानिक, डाॅक्टर और बेहतर शिक्षक तैयार किए जा सकते हैं।
    आधुनिक युग तकनीकी का युग है और इंटरनेट मीडिया उसका माध्यम है।इसके द्वारा आधुनिक शिक्षा और उसके तरीके में बदलाव किया जाना चाहिए ताकि हर बच्चे तक शिक्षा उपलब्ध कराई जा सके।
  • तकनीकी के माध्यम से आदिवासी व पिछड़े हुए बच्चों को उत्तम शिक्षा को पहुंचाने की जरूरत है।
  • हमारे देश में ऐसे बहुत से पिछड़े हुए क्षेत्र हैं जहां तकनीक की आवश्यकता है।

3.गणित प्रतिभा निश्चल नारायणम का सारांश (Conclusion of Mathematics genius Nischal Narayanam)-

  • निश्चल नारायणम् एक अति प्रतिभाशाली युवा सीए है जो अपनी प्रतिभा का उपयोग पिछड़े व आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों को आगे बढ़ाने में करना चाहते हैं।
  • आधुनिक युग में अधिकांश प्रतिभाशाली में कुछ प्रतिभाशाली ही ऐसे युवा मिलेंगे जो कल्याण व परहित की भावना से कार्य करते हैं।
    युवा काल में ऐसी सोच एक परिपक्व व उच्च प्रतिभा का प्रमाण देती है।हालांकि प्रतिभाओं का योगदान व्यक्तिगत व सामाजिक स्तर पर उनके योगदान के द्वारा किसी न किसी प्रकार मिलता ही है परंतु पिछड़े व आदिवासी इलाकों में जाकर इस प्रकार का कार्य करना एक महामानव का ही कार्य हो सकता है।
  • निश्चल नारायणम् ने इन अति पिछड़े व आदिवासी क्षेत्रों के लिए अपनी माइक्रलैब बनाई हैअत: शासन,प्रशासन , उच्चाधिकारियों को भी उनके इस नेक कार्य में सहयोग करना चाहिए।
  • सहयोग से कोई भी कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ता है तथा समाज के नीचे के तबके तक कार्य पहुंच जाता है।
  • इस आर्टिकल में गणित प्रतिभा निश्चल नारायणम (Mathematics genius Nischal Narayanam) तथा बच्चों की गणित मजबूत कर रही मेमोरी चैंपियन निश्चल नारायणम की माइक्रोलैब (Microlab of memory champion Nischal Narayanam strengthening mathematics of children) के बारे में बताया गया है।

4.निश्चल नारायणम् की आयु (Nischal Narayanam age),निश्चल नारायणम् की जन्मतिथि Nischal Narayanam date of birth)-

  • Nischal Narayanam/Age
    25 years
    जन्म तिथि-10 August 1995

5.निश्चल नारायणम् के पिताजी (Nischal Narayanam father)-

  • निश्चल नारायणम का जन्म श्री एन.नागेश्वर राव (एनसीएस ग्रुप उद्योगपति, प्रबंध निदेशक) और डॉ.एन.पद्मावती श्रीमती (संस्कृत साहित्य में डॉक्टरेट के साथ एक शिक्षाविद) एक स्वतंत्रता भारतीय बाल उपनिवेश है।वह 19 साल की उम्र में भारत के सबसे कम उम्र के चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। इसके अलावा, वे 16 साल के सबसे कम उम्र के ग्रेजुएट और 19 साल के
  • उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से यंगेस्ट डबल पोस्ट ग्रेजुएट (गणित और वाणिज्य में) हैं।

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