Mathematician Raj Chandra Bose
1.गणितज्ञ राज चन्द्र बोस (Mathematician Raj Chandra Bose),राज चन्द्र बोस (Raj Chandra Bose):
- गणितज्ञ राज चन्द्र बोस (Mathematician Raj Chandra Bose) एक भारतीय-अमेरिकी गणितज्ञ और सांख्यिकीविद् थे।उनका जन्म होशंगाबाद,मध्य प्रदेश (भारत) में 19 जून 1920 को तथा मृत्यु 31 अक्टूबर 1987 (उम्र 86 वर्ष) फोर्ट कोलिंस,कोलोरेडो (University of Fort Collins,Colorado State) में हो गयी।उन्हें अमेरिका की नागरिकता प्राप्त हो गई थी।अपने माता-पिता के 5 बच्चों में सबसे बड़े थे।उनके पिता एक चिकित्सक थे।1918 तक उनका जीवन अच्छा गुजर रहा था परंतु तभी उनकी मां की इन्फ्लूएंजा महामारी में मृत्यु हो गई।उनके पिता की भी अगले वर्ष एक स्ट्रोक से मृत्यु हो गई।इस प्रकार अच्छी भली जिंदगी में उनके सामने कठिन परिस्थितियाँ पैदा हो गई।
- कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने राजा बाजार साइंस काॅलेज (Rajabazar Science College) कोलकाता विश्वविद्यालय से क्रमशः 1925 और 1927 में शुद्ध (Pur Mathematics) और अनुप्रयुक्त गणित (Applied Mathematics) दोनों में मास्टर्स परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी हासिल करके अध्ययन जारी रखा।उनका शोध कोलकाता के ज्यामिति के प्रोफेसर श्यामदास मुखोपाध्याय (Syamadas Mukhopadhaya) की देखरेख में किया गया था।राज चंद्र बोस ने कोलकाता के आशुतोष कॉलेज (Asutosh College) में व्याख्याता के रूप में काम किया।उन्होंने उत्तल वक्रों की डिफरेंशियल ज्योमेट्री (Differential Geometry of Convex Curves) विषय पर अपना काम प्रकाशित किया।
- आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके । यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए । आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
Also Read This Article:Crown of Greek Mathematics Edoxus
(1.)गणितज्ञ राज चंद्र बोस का कैरियर (Career of Mathematician Raj Chandra Bose):
- भारतीय सांख्यिकी संस्थान के निदेशक पी.सी. महालनोविस (P.C. Mahalanobis) ने 1931 में अंशकालिक नौकरी (Part-time Job) की पेशकश की तो 1932 दिसंबर में बोस का पाठ्यक्रम बदल गया।महालनोबिस ने राज चंद्र बोस के ज्यामितीय कार्य को देखा था और वह चाहते थे कि वह सांख्यिकी (Statistics) पर कार्य करें।बोस के आने के एक दिन बाद सचिव ने उन्हें पढ़ने के लिए 50 पेपरों की सूची के साथ बायोमैट्रिका (Biometrika) के सभी खंड और रोनाल्ड फिशर (Ronald Fisher) के सांख्यिकीय तरीके शोधकर्ताओं के लिए दिए।महालनोबिस ने बोस से कहा कि आप ज्यादा सांख्यिकी (Statistics) नहीं जानते हैं।परंतु आप 50 पेपर और फिशर की किताब में महारत हासिल करते हैं।वर्तमान में सांख्यिकीय शिक्षा के लिए यह पर्याप्त होगा।उस समय समरेन्द्र नाथ राॅय (Samarendra Nath Ray) बोस के साथ मुख्य गणितज्ञ थे।बाद में समरेंद्र नाथ राॅय आईएसआई में शामिल हो गए।
- उन्होंने महालनोबिस और राॅय के साथ बहुभिन्नरूपी विश्लेषण (Multivariate Analysis) पर काम किया।1938-1939 में फिशर (Fisher) ने भारत का दौरा किया और बोस के प्रयोगों के डिजाइन (Design of Experiments) पर बात की।राॅय के पास डिजाइन में समस्याओं को हल करने के परिमित क्षेत्रों (Finite Fields) और परिमित ज्यामिति (Finite Geometry) के सिद्धांत का उपयोग करने का विचार था।1950 के दशक के मध्य तक बोस का मुख्य काम डिजाइन के गणितीय सिद्धांत का विकास करने पर रहा।
- 1935 में राज चंद्र बोस संस्थान में पूर्णकालिक हो गए।बोस 1940 में कोलकाता विश्वविद्यालय में शामिल हुए जहां उनके द्वारा पढ़ाए जाने वाले छात्रों के पहले समूह में सी आर राव (C.R. Rao) और एच के नंदी (H.K. Nandi) थे।1945 में बोस सांख्यिकी विभाग के प्रमुख बने।संयुक्त राज्य अमेरिका में विश्वविद्यालय अधिकारियों ने बताया कि उन्हें डाॅक्टरेट की आवश्यकता है।इसलिए उन्होंने बहुभिन्नरूपी विश्लेषण (Multivariate Analysis) और प्रयोगों के डिजाइन पर अपने प्रकाशित पत्र प्रस्तुत किए तब उन्हें 1947 में डाॅक्टर ऑफ लिटरेचर (Doctor of Literature) से सम्मानित किया।
1947 में बोस कोलंबिया विश्वविद्यालय (Columbia University) और चैपल हिल में उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय (University of North Carolina at Chapel Hill) में अतिथि प्रोफेसर के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका गए।उन्हें अमेरिका विश्वविद्यालय से प्रस्ताव मिले और उन्हें भारत में पदों की पेशकश की गई।भारतीय नौकरियों में प्रशासन का बहुत अधिक दखल था जिसे उन्होंने शोध के अंत में देखा था इसलिए वे मार्च 1949 में सांख्यिकी के प्रोफेसर के रूप में उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय में शामिल हो गए। - चैपल हिल में कार्य करने के दौरान राज चन्द्र बोस ने कोडिंग सिद्धांत (Coding Theory) पर [डी. के. रे-चौधरी के साथ (D.K. Ray-Chaudhuri)] पर महत्त्वपूर्ण खोज की और एमएस श्रीखंडे और ईटी पारकर के साथ (S.S. Shrikhande and ET Parker) आकार 10 के ग्रेको लेटिन वर्ग (Graeco-Latin Square of Size 10) का निर्माण किया जो यूलर के अनुमान (Euler Conjecture) के विपरीत है कि 4k+2 आकार का कोई ग्रेको लेटिन वर्ग मौजूद नहीं है।1971 में वे 70 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हुए।फिर उन्होंने फोर्ट काॅलिंस के कोलोरेडो स्टेट यूनिवर्सिटी (Colorado State University of Fort Collins) में एक पद स्वीकार किया जहां से वे 1980 में सेवानिवृत्त हुए।दूसरी सेवानिवृत्ति के बाद उनका अंतिम डाॅक्टरेट छात्र समाप्त हो गया।
Also Read This Article:Mathematician Marahamihira
(2.)राज चंद्र बोस का परिवार (Family of Raj Chandra Bose):
- गणितज्ञ राज चंद्र बोस का 1987 में 86 वर्ष की आयु में कोलोराडो में निधन हो गया।उनके परिवार में दो बेटियां हैं।बड़ी बेटी पूरबी शूर (Purabi Schur) कांग्रेस के पुस्तकालय से सेवानिवृत्त है और छोटी बेटी सिप्रा बोस जॉनसन (Sipra Bose Johnson) न्यू पाल्ट्ज स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका (State University of New York at New Paltz) से मानव विज्ञान (Anthropology) के प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त है।
(3.)गणितज्ञ राज चंद्र बोस का गणित में योगदान (Mathematician Raj Chandra Bose Contribution to Mathematics):
- बोस को डिजाइन सिद्धान्त (Design Theory),परिमित ज्यामिति (Finite Geometry) और त्रुटि-सुधार कोड के सिद्धांत (Theory of Error-Correcting Codes) जिसमें बीसीएच का वर्ग आंशिक रूप से उनके नाम पर रखा गया था।उन्होंने आंशिक ज्यामिति (Partial Geometry),संघ योजना (Association Scheme) और दृढ़ता से नियमित ग्राफ (Strongly Regular Graph) की धारणाओं का आविष्कार किया और सममित ब्लॉक डिजाइनों (Symmetric Block Designs) के निर्माण के लिए अंतर सेट (Difference Set) का एक व्यवस्थित अध्ययन शुरू किया।उन्होंने एसएस श्रीखंडे और ईटी पार्कर के साथ ग्रेको लेटिन वर्ग पर काम किया जिन्होंने 1782 के लियोनहार्ड यूलर (Leonhard Euler) द्वारा किए गए प्रसिद्ध अनुमान के खंडन में कहा था कि प्रत्येक n के लिए ऑर्डर 4n+2 के दो परस्पर ऑर्थोगोनल लैटिन वर्ग मौजूद नहीं थे।
इस प्रकार उन्हें बोस-मेस्नर बीजगणित (Bose-Mesner Algebra),लैटिन वर्गों पर यूलर का अनुमान (Euler’s Conjecture on Latin Squares),दृढ़ता से नियमित ग्राफ (Strongly Regular Graph),आंशिक ज्यामिति (Partial Geometries),मोर्स कोड (Morse Code) के लिए जाना जाता है।
(4.)राज चंद्र बोस का सम्मान (Raj Chandra Bose Honoured):
- उन्हें यू एस एकेडमी ऑफ साइंसेस का फेलो चुना गया (Elected Fellow of the US Academy of Sciences)
उपर्युक्त आर्टिकल में गणितज्ञ राज चन्द्र बोस (Mathematician Raj Chandra Bose),राज चन्द्र बोस (Raj Chandra Bose) के बारे में बताया गया है।
2.गणितज्ञ राज चंद्र बोस के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.राज चंद्र बोस के लेख कौन-कौन से हैं? (What are the articles of Raj Chandra Bose?):
उत्तर:(1.)आर सी बोस,संतुलित अपूर्ण ब्लॉक डिजाइनों के निर्माण पर(R. C. Bose, On the construction of balanced incomplete block designs),एनल्स ऑफ यूजीनिक्स (Annals of Eugenics.9)
(2.)आर सी बोस और के आर नायर,आंशिक रूप से संतुलित अपूर्ण ब्लॉक डिजाइन (R. C. Bose and K. R. Nair, Partially balanced incomplete block designs),सांख्य (Sankhya) 4।
(3.)बोस,राज चंद्र (Bose, Raj Chandra); मेस्नर,डी.एम.( Mesner,D. M.)(1959)।”आंशिक रूप से संतुलित डिजाइनों की एसोसिएशन योजनाओं के अनुरूप रैखिक सहयोगी बीजगणित पर”(On linear associative algebras corresponding to association schemes of partially balanced designs”।गणितीय सांख्यिकी के इतिहास (Annals Mathematical Statistics)।
(4.)आर सी बोस और एस एस श्रीखंडे (R. C. Bose and S.S. Shrikhande),ऑर्डर 4t + 2 के दो ऑर्थोगोनल लैटिन वर्गों के गैर-अस्तित्व के बारे में यूलर के अनुमान के झूठ पर (On the falsity of Euler’s conjecture about the non-existence of two orthogonal Latin squares of order 4t + 2),नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज यूएसए की कार्यवाही,45 (Proceedings of the National Academy of Sciences USA, 45)।
(5.)आर. सी. बोस और डी.के. रे-चौधुरी त्रुटि-सुधार करने वाले बाइनरी कोड, सूचना और नियंत्रण के एक वर्ग पर, 3,(R. C. Bose and D.K. Ray-Chaudhuri On a class of error-correcting binary codes, Information and control, 3)।
प्रश्न:2.गणितज्ञ राज चन्द्र बोस की आत्मकथा के बारे में बताएं।(Tell us about the autobiography of Mathematician Raj Chandra Bose):
उत्तर:आत्मकथा (Autobiography):
(1.)जे. गनी (एड) (1982) द मेकिंग ऑफ स्टैटिस्टिक्स, न्यूयॉर्क: स्प्रिंगर-वेरलाग।(J. Gani (ed) (1982) The Making of Statisticians,New York: Springer-Verlag.)
इसमें एक अध्याय है जिसमें बोस अपने जीवन की कहानी बताते हैं।
प्रश्न:3.गणितज्ञ राज चन्द्र बोस के बारे में लिखे गए साहित्य के बारे में बताएं।(Tell us about the literature written about Mathematician Raj Chandra Bose):
उत्तर:चर्चाएँ (Discussions)
(1.)नॉर्मन आर. ड्रेपर (1990) मृत्युलेख:राज चंद्र बोस,जर्नल ऑफ़ द रॉयल स्टैटिस्टिकल सोसाइटी सीरीज़ ए, वॉल्यूम।(Norman R. Draper (1990) Obituary: Raj Chandra Bose,Journal of the Royal Statistical Society Series A)
(2.)”बोस,राज चंद्रा”,पीपी 183-184 इन लीडिंग पर्सनैलिटीज इन स्टैटिस्टिकल साइंसेज फ्रॉम द सेवेंटीन्थ सेंचुरी टू द प्रेजेंट, (सं. एन. एल. जॉनसन और एस. कोट्ज़) 1997. न्यूयॉर्क: विली।(“Bose, Raj Chandra”, pp. 183–184 in Leading Personalities in Statistical Sciences from the Seventeenth Century to the Present, (ed. N. L. Johnson and S. Kotz) 1997. New York: Wiley.)
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणितज्ञ राज चन्द्र बोस (Mathematician Raj Chandra Bose),राज चन्द्र बोस (Raj Chandra Bose) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Mathematician Raj Chandra Bose
गणितज्ञ राज चन्द्र बोस (Mathematician Raj Chandra Bose)
Mathematician Raj Chandra Bose
गणितज्ञ राज चन्द्र बोस (Mathematician Raj Chandra Bose) एक भारतीय-अमेरिकी गणितज्ञ और सांख्यिकीविद् थे।
उनका जन्म होशंगाबाद,मध्य प्रदेश (भारत) में 19 जून 1920 को तथा मृत्यु 31 अक्टूबर 1987 (उम्र 86 वर्ष) फोर्ट
No. | Social Media | Url |
---|---|---|
1. | click here | |
2. | you tube | click here |
3. | click here | |
4. | click here | |
5. | Facebook Page | click here |