Loci And Concurrent Lines
1.बिन्दुपथ और संगामी रेखाएं (Loci And Concurrent Lines)-
बिन्दुपथ और संगामी रेखाएं (Loci And Concurrent Lines) में बिन्दुपथ का अर्थ होता है बिन्दुओं का मार्ग। जिसका अर्थ है कि गतिमान बिन्दु का बिन्दुपथ वह वक्र है,जो दिए गए प्रतिबन्धों के अधीन अनुरेखित हो।फिर भी ज्यामितीय दृष्टिकोण से उपर्युक्त कथन से विस्तृत है।हम बिन्दुपथ को अधिक यथार्थत: निम्नलिखित उदाहरणों के द्वारा समझ सकते हैं।
(1.)यदि समतल में एक बिन्दु इस प्रकार गतिमान है कि वह एक निश्चित बिन्दु से सदैव अचर दूरी पर हो तो इस बिन्दु का बिन्दुपथ एक वृत्त होगा जिसका केन्द्र निश्चित बिन्दु O तथा त्रिज्या निश्चित दूरी a होगी।
(2.)यदि किसी समतल में एक बिन्दु इस प्रकार गतिमान है कि इसकी दूरी एक दी गई रेखा AB से सदैव समान रहे तो इस बिन्दु का बिन्दुपथ रेखा AB के दोनों ओर दो समान्तर रेखाएं CD और EF होगी।
(3.)गोला (sphere) समष्टि में एक बिन्दु का बिन्दुपथ है जो इस प्रकार गमन करता है कि इसकी दूरी (त्रिज्या) निश्चित बिन्दु (केन्द्र) से सदैव समान रहती है।
उपर्युक्त उदाहरणों से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि जब कोई बिन्दु कुछ प्रतिबन्धों के अन्तर्गत गतिमान होता है,तो वह ज्यामितीय आकृति को अनुरेखित करता है।यह ज्यामितीय आकृति ही बिन्दु का बिन्दुपथ कहलाती है।
ज्यामिति में बिन्दु भौतिक वस्तु नहीं है।यदि हम बिन्दु को एक अतिसूक्ष्म परिमाण के रूप में निरूपित करें तो हम कह सकते हैं कि किन्हीं प्रतिबन्धों के अन्तर्गत किसी बिन्दु का बिन्दुपथ वह ज्यामितीय आकृति है जो उसको निरूपित करने वाले कण के द्वारा आनुरेखित होता है।
अतः किन्हीं प्रतिबन्धों के अन्तर्गत एक बिन्दु का बिन्दुपथ वह ज्यामितीय आकृति है जिसका प्रत्येक बिन्दु दिए गए प्रतिबन्धों को सन्तुष्ट करता है।
किसी भी बिन्दुपथ में निम्नलिखित निष्कर्षो का समावेश होता है-
(a) दिए गए प्रतिबन्धों को सन्तुष्ट करने वाला प्रत्येक बिन्दु बिन्दुपथ पर स्थित है और
(b) बिन्दुपथ का प्रत्येक बिन्दु दिए गए प्रतिबन्धों को सन्तुष्ट करता है।
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2.दिए गए दो बिन्दुओं से समदूरस्थ बिन्दु (Points Equidistant From Two Given Points)-
प्रमेय (Theorem):1.किन्हीं दो बिन्दुओं से समान दूरी पर स्थित बिन्दुओं का बिन्दुपथ दिए हुए बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा का लम्ब समद्विभाजक होता है।
चित्र में P एक ऐसा बिन्दु है जो A और B से समान दूरी पर है।P को AB के मध्य-बिन्दु O से मिलाया।
एवं में
AP=BP (दिया है)
AO=OB (रचना से)
और OP=OP (उभयनिष्ठ भुजा)
भुजा-भुजा-भुजा सर्वांगसमता गुणधर्म से (SSS Property)
अतः (CPCT से)……(1)
(रैखिक कोण युग्म)
(1) व (2) से-
अर्थात् OP रेखा AB का लम्ब-समद्विभाजक है।
अब इसी प्रकार लम्ब समद्विभाजक पर कोई बिन्दु Q लेकर QA और QB को मिलाने पर हम देखते हैं कि QA=QB है और यह लम्ब समद्विभाजक OQ पर स्थित प्रत्येक बिन्दु के लिए सत्य होगा।
3.दो प्रतिच्छेदी रेखाओं से समदूरस्थ बिन्दु (Point Equidistant From Two Intersecting Lines),दो प्रतिच्छेदी रेखाओं से समदूरस्थ बिन्दुओं का बिन्दुपथ (Locus of points equidistant from two intersecting lines),दो रेखाओं से समदूरस्थ बिन्दुओं का बिन्दुपथ (Locus of points equidistant from two lines)-
प्रमेय(Theorem):2.दो प्रतिच्छेदी रेखाओं से समान दूरी पर स्थित बिन्दुओं का बिन्दुपथ उन दोनों रेखाओं से बने कोणों का समद्विभाजक होता है।
चित्र में दो रेखाएं AB और CD हैं जो परस्पर O पर प्रतिच्छेद करती हैं। हमें बिन्दु P का बिन्दुपथ ज्ञात करना है,जब यह बिन्दु रेखाओं AB और CD से समान दूरी पर हो।
माना कि रेखा AB और CD से बिन्दु P की दूरी d है, अतः PL=PM=d।यदि d=0 हो तो बिन्दु P दोनों रेखाओं AB और CD पर स्थित होगा,P और O सम्पाती होंगे अर्थात् O भी बिन्दु P के बिन्दुपथ का एक बिन्दु होगा।
यदि हो तो
एवं में
PL=PM (दिया है)
OP=OP (उभयनिष्ठ भुजा)
समकोण-कर्ण-भुजा सर्वांगसमता गुणधर्म से (RHS Congruence Property)
अतः
(सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत कोण बराबर होते हैं)
अतः OP , का समद्विभाजक है। इसलिए का कोण समद्विभाजक OP बिन्दुपथ का एक भाग है।इसी प्रकार का कोण समद्विभाजक OQ भी बिन्दुपथ का एक भाग है।बिन्दु P रेखा AB और CD दोनों से समान दूरी पर है।
4.बिन्दुपथ और संगामी रेखाएं के उदाहरण (Loci And Concurrent Lines Examples), गणित में बिन्दुपथ के उदाहरण (Locus maths examples)-
Example-1.एक चतुर्भुज के विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।सिद्ध कीजिए कि वह चतुर्भुज समांतर चतुर्भुज है।
Solution-दिया है (Given): ABCD एक चतुर्भुज है जिसमें विकर्ण O बिन्दु पर प्रतिच्छेद करते हैं।तथा OA=OC एवं OB=OD ।
सिद्ध करना है (To Prove):ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
उपपत्ति (Proof): तथा में
OA=OC (दिया है)
(शीर्षाभिमुख कोण)
OB=OD (दिया है)
भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता गुणधर्म से (SAS Congruence Property)
(CPCT से)
ये दोनों एकान्तर कोण हैं
इसी प्रकार होगी।
अतः ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
Example-2.तीन असमरेख बिन्दुओं A,B और C से समदूरस्थ बिन्दुओं का बिन्दुपथ क्या होगा? अपने उत्तर का कारण स्पष्ट कीजिए।
Solution– दिया है (Given): तीन असमरेख बिन्दु A,B तथा C हैं।
सिद्ध करना है (To Prove): A,B तथा C से समदूरस्थ बिन्दुओं का बिन्दुपथ ज्ञात करना है।
रचना (Construction):AB,BC तथा CA को मिलाया तथा AB,BC,CA के लम्ब समद्विभाजक OF,OD,OE खींचे जो O पर प्रतिच्छेद करते हैं।
उपपत्ति (Proof): O,BC के लम्ब समद्विभाजक पर स्थित है।
OB=OC ……..(1)
इसी प्रकार OA=OB …….(2)
समीकरण (1) व (2) से-
OA=OB=OC
केवल O बिन्दु ही A,B,C से समदूरस्थ है।
अतः हम कह सकते हैं कि वह बिन्दु उस वृत्त का केन्द्र है जो ज्ञात तीन असमरेख बिन्दुओं से गुजरता है।इसे वृत्त का परिकेन्द्र कहते हैं।
Example-3.दी गई आकृति में उभयनिष्ठ आधार BC पर रेखा BC के विपरीत ओर दो समद्विबाहु त्रिभुज और स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि P और Q को मिलाने वाली रेखा BC को समकोण पर समद्विभाजित करती है।
Solution-दिया है (Given): आधार BC के विपरीत दोनो ओर बने दो समद्विबाहु त्रिभुज दिए हैं जिनमें PB=PC तथा OQ=QC है तथा PQ तथा BC बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करती हैं।
सिद्ध करना है (To Prove):BO=CO तथा
उपपत्ति (Proof): तथा में
PB=PC (दिया है)
BQ=CQ (दिया है)
PQ=PQ (उभयनिष्ठ भुजा)
भुजा-भुजा-भुजा सर्वांगसमता गुणधर्म से (SSS Congruence Property)
(CPCT से)
…(1)
अब तथा में
BP=CP (दिया है)
[(1) से]
PO=PO (उभयनिष्ठ भुजा)
भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता गुणधर्म से (By SAS Congruence Property)
(CPCT से)
तथा
परन्तु (रैखिक कोण युग्म)
अतः
Example-4.दी गई आकृति में, उभयनिष्ठ आधार QR पर एक ही ओर दो समद्विबाहु त्रिभुज और स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि SP रेखा,QR की लम्ब अर्द्धक है।
Solution-दिया है (Given): आधार QR एक ही ओर दो समद्विबाहु और हैं।
सिद्ध करना है (To Prove):SP रेखा QR की लम्ब अर्द्धक है।
उपपत्ति (Proof): तथा में
QP=RP (दिया है)
QS=RS (दिया है)
PS=PS (उभयनिष्ठ भुजा)
भुजा-भुजा-भुजा सर्वांगसमता गुणधर्म से (By SSS Congruence Property)
(CPCT से)…..(1)
अब तथा में
QS=RS (दिया है)
[(1) से]
SO=SO (उभयनिष्ठ भुजा)
भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता गुणधर्म से (By SAS Congruence Property)
(CPCT से)
एवं (CPCT से)
परन्तु (रैखिक कोण युग्म)
अतः
अतः SP रेखा QR की लम्ब अर्द्धक है।
Example-5.दी गई आकृति में, अर्द्धक PS,भुजा QR को S बिन्दु पर प्रतिच्छेद करता है। एवं खींचे गए हैं। सिद्ध कीजिए कि SN=SM
Solution-दिया है (Given):का अर्द्धक PS है तथा एवं
सिद्ध करना है (To Prove):SN=SM
उपपत्ति (Proof): तथा में
(दिया है)
PS=SP (उभयनिष्ठ भुजा)
भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता गुणधर्म से (By SAS Congruence Property)
अतः SN=SM (CPCT से)
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा बिन्दुपथ और संगामी रेखाएं (Loci And Concurrent Lines) को समझ सकते हैं।
5.संगामी रेखाएं (Concurrent Lines):-
तीन या तीन से अधिक रेखाएं संगामी कहलाती है यदि वे सभी किसी एक सर्वनिष्ठ बिंदु से गुजरती हों। सर्वनिष्ठ बिंदु को रेखाओं का संगमी बिन्दु कहते हैं।
त्रिभुज के किसी शीर्ष और सम्मुख भुजा के मध्य बिंदु को मिलाने वाले रेखाखंड को त्रिभुज की माध्यिका कहते हैं। त्रिभुज के किसी शीर्ष से सम्मुख भुजा पर डाले गए लंब को शीर्षलंब कहते हैं।इस प्रकार किसी त्रिभुज में तीन माध्यिकाएं और तीन शीर्षलंब होते हैं।किसी भी त्रिभुज में कोणों के समद्विभाजक,शीर्षलंब,भुजाओं के लम्ब-समद्विभाजक एवं माध्यिकाएं संगामी होती है।
प्रमेय (Theorem):3.त्रिभुज की भुजाओं के लम्ब समद्विभाजक संगामी होते हैं।
दिया है (Given): में भुजा AB एवं AC के लम्ब-समद्विभाजक बिंदु O पर मिलते हैं और OD भुजा BC पर लम्ब हो।
सिद्ध करना है (To Prove):OD भुजा BC का लम्ब समद्विभाजक है।
रचना (Construction):OA,OB और OC को मिलाया।
उपपत्ति (Proof):OE एवं OF क्रमशः AC एवं AB के लम्ब-समद्विभाजक हैं अतः OA=OB=OC
OD,भुजा BC पर लम्बवत है अतः OB=OC
OD,भुजा BC का लम्ब समद्विभाजक है।
प्रमेय(Theorem):4.त्रिभुज के कोणों के समद्विभाजक संगामी होते हैं।
दिया है (Given): में एवं के समद्विभाजक बिन्दु O पर मिलते हैं।
सिद्ध करना है (To Prove):OA, को समद्विभाजित करता है।
रचना (Construction): चित्र में,O से लम्ब OD,OE और OF खींचे।
उपपत्ति (Proof):OB एवं OC क्रमशः एवं के समद्विभाजक हैं अतः
OD=OF …….(1)
OD=OE ……..(2)
(1) और (2) से-
OE=OF
अतः O,AB और AC से समान दूरी पर स्थित हैं।
अर्थात् OA, को समद्विभाजित करता है।
प्रमेय (Theorem):5.त्रिभुज के तीनों शीर्षलम्ब संगामी होते हैं।
दिया है (Given): के AD एवं CF शीर्षलम्ब है।
सिद्ध करना है (To Prove):AD,BE एवं CF एक ही बिन्दु से होकर जाते हैं।
रचना (Construction):चित्र के अनुसार समान्तर रेखाएं खींचकर बनाया।
उपपत्ति (Proof): चतुर्भुज BACR में,
(रचना से)
और (रचना से)
BCAR एक समान्तर चतुर्भुज है।
अतः RA=BC ……..(1)
इसी प्रकार ABCQ भी एक समान्तर चतुर्भुज है।
अतः AQ=BC ……(2)
(1) और (2) से-
AR=AQ …………..(3)
एवं और
अतः…..(4)
समीकरण (3) और (4) से,AD भुजा QR का लम्ब समद्विभाजक है।इसी प्रकार BE एवं CF क्रमशःPR एवं PQ के लम्ब-समद्विभाजक हैं।इस प्रकार AD,BE और CF, की भुजाओं के लम्ब समद्विभाजक हैं। अतः AD,BE और CF एक ही बिन्दु से होकर जाते हैं।
प्रमेय (Theorem):6.त्रिभुज की माध्यिकाएं एक ही बिन्दु से होकर जाती हैं और यह बिन्दु प्रत्येक माध्यिका को 2:1 के अनुपात में विभाजित करता है।
दिया है (Given): में माध्यिकाएं BE और CF बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करती हैं।AO को मिलाया जो आगे बढ़ाने पर भुजा BC को D पर मिलता है।
सिद्ध करना है (To Prove):(1) AD एक माध्यिका है अर्थात् BD=DC
(2) AO:OD=BO:OE=CO:OF=2:1
रचना (Construction):AD को G तक इस प्रकार आगे बढ़ाया कि AO=OG हो।BG और CG को मिलाया।
उपपत्ति (Proof):(1.)हम जानते हैं कि किसी त्रिभुज की दो भुजाओं के मध्य बिन्दुओं को मिलाने वाला रेखाखण्ड तीसरी भुजा के समान्तर और उसका आधा होता है।
में,F एवं O क्रमशः AB और AG के मध्यबिन्दु हैं।
अतः ….(2)
इसी प्रकार में,E एवं O क्रमशः AC और AG के मध्यबिन्दु हैं।
अतः ….(4)
समीकरण (1) और (3) से,BOCG एक समान्तर चतुर्भुज है जिसकी भुजाएं और हैं।समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण BC एवं OG परस्पर D पर समद्विभाजित करते हैं।
अतः BD=DC
अर्थात् AD, शीर्ष A से खींची गई माध्यिका है।
(2.)D,समान्तर चतुर्भुज BOCG के विकर्णों का प्रतिच्छेद बिन्दु है, अतः
OD=DG
…..(5)
परन्तु रचना से AO=OG ……(5)
समीकरण (5) और (6) से-
इसी प्रकार BO:OE=2:1 और CO:OF=2:1
अर्थात् AO:OD=BO:OE=CO:OF=2:1
विशेष:(1.)त्रिभुज की भुजाओं के लक्ष्म-समद्विभाजकों का संगामी बिंदु त्रिभुज का परिकेंद्र (Circumcentre) कहलाता है। परिकेंद्र की त्रिभुज के तीनों शीर्षों से दूरी समान होती है।इस समान दूरी को त्रिभुज की परित्रिज्या (Circumradius) और वृत्त को परिवृत्त (Circumcircle) कहते हैं।
(2.)त्रिभुज के कोणों समद्विभाजकों के संगामी बिंदु को त्रिभुज का अंतः केंद्र (Incentre) कहते हैं।अन्त:केन्द्र की त्रिभुज की भुजाओं से दूरी समान होती है।अन्त:केंद्र से किसी भुजा पर खींचे गए लम्ब को त्रिज्या मानकर खींचा गया वृत्त,त्रिभुज की तीनो भुजाओं को स्पर्श करता है।इस वृत्त को अन्त: वृत्त (Incircle) कहते हैं और इसकी त्रिज्या को अन्त: त्रिज्या (Inradius) कहते हैं।
(3.) त्रिभुज के तीनों शीर्षलम्बों के संगामी बिन्दु को त्रिभुज का लम्बकेन्द्र (Orthocentre) कहते हैं।
(4.) त्रिभुज की माध्यिकाओं के संगामी बिन्दु को त्रिभुज का केन्द्रक (Centroid) कहते हैं।
6.बिन्दुपथ और संगामी रेखाएं के उदाहरण (Loci And Concurrent Lines Examples),बिन्दुपथ की समस्याएं हल सहित (Locus problems with solutions)-
Example-6.एक त्रिभुज ABC में,माध्यिकाएं AD,BE और CF बिन्दु G पर प्रतिच्छेद करती हैं। सिद्ध कीजिए कि
Solution-दिया है (Given):AD,BE और CF,की तीन माध्यिकाएं हैं जो बिन्दु G पर प्रतिच्छेद करती हैं।
सिद्ध करना है (To Prove):
उपपत्ति (Proof):BG+GE=BE
…(1)
इसी प्रकार AG+GD=AD
…(2)
समीकरण (1) व (2) को जोड़ने पर-
….(3)
किन्तु में
AG+BG>AB
…..(4)
समीकरण (3) व (4) से-
Example-7.सिद्ध कीजिए कि त्रिभुज की दो माध्यिकाओं का योग तीसरी माध्यिका से अधिक होता है।
दिया है (Given):AD,BE और CF, की तीन माध्यिकाएं हैं जिनका प्रतिच्छेद बिन्दु G है।
सिद्ध करना है (To Prove):दो माध्यिकाओं का योग>तीसरी माध्यिका अर्थात्
AD+BE>CF
BE+CF>AD
AD+CF>BE
रचना (Construction):GD को H तक इस प्रकार बढ़ाया कि GD=DH तथा H को B व C से मिलाया।
उपपत्ति (Proof):GD=DH
अतः D,GH तथा BC का मध्यबिन्दु है।
BC तथा GH परस्पर समद्विभाजित करते हैं।
BGCH एक समान्तर चतुर्भुज है।
CH=BG तथा BH=GC
में,CH+GH>GC
BG+GH>GC …….(1)
CH=BG
(समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएं)
में (F,AB का मध्यबिन्दु है)
G,AH का मध्यबिन्दु होगा।
AG=GH …..(2)
समीकरण (1) और (2) से-
BG+AG>GC
BE+AD>CF
इसी प्रकार BE+CF>AD और AD+CF>BE
Example-8.एक में,माध्यिकाएं AD,BE और CF बिन्दु G पर प्रतिच्छेद करती है। सिद्ध कीजिए कि 4(AD+BE+CF)>3(AB+BC+CA)
Solution-दिया है (Given):की माध्यिकाएं AD,BE और CF का प्रतिच्छेद बिन्दु O है।
सिद्ध करना है (To Prove):4(AD+BE+CF)>3(AB+BC+CA)
उपपत्ति (Proof):माध्यिकाओं का प्रतिच्छेद बिन्दु O है।
AO:OD=2:1
इसी प्रकार
और
समीकरण (1) और (2) से-
किन्तु में
AO+BO>AB
2(AD+BE)>3AB …..(4)
समीकरण (2) और (3) को जोड़ने पर-
समीकरण (1) व (3) को जोड़ने पर-
2(AD+BE)+2(BE+CF)+2(CF+AD)>3AB+3BC+3CA
4(AD+BE+CF)>3(AB+BC+CA)
Example-9. समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें AB=BC,BC का मध्यबिन्दु है। सिद्ध कीजिए कि परिकेन्द्र,अंत:केन्द्र,लम्बकेन्द्र तथा केन्द्रक सभी AD रेखा पर स्थित हैं।
दिया है (Given): एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें AB=AC तथा BC का मध्यबिन्दु D है।
सिद्ध करना है (To Prove):परिकेन्द्र,अन्त:केन्द्र लम्बकेन्द्र तथा केन्द्रक सभी AD रेखा पर स्थित हैं।
उपपत्ति (Proof): तथा में
AB=AC (दिया है)
BD=CD (बिन्दु D,BC का मध्यबिन्दु है)
तथा AD=AD (उभयनिष्ठ भुजा)
भुजा-भुजा-भुजा सर्वांगसमता गुणधर्म से (By SSS Congruence Property)
(CPCT से)
परन्तु (रैखिक कोण युग्म)
अब AD,BC का लम्ब अर्द्धक है इसलिए परिकेन्द्र AD पर होगा।
(CPCT से)
[ ]
का अर्द्धक है अतः अन्त:केन्द्र भी AD पर होगा।
है अतः लम्बकेन्द्र भी AD पर होगा।
अब अन्त में AD,माध्यिका है अतः केन्द्रक भी AD रेखा पर स्थित होगा।
Example-10.का लम्बकेन्द्र H है।AH,BH और CH में मध्यबिन्दु क्रमशः X,Y और Z हैं। सिद्ध कीजिए कि का लम्बकेन्द्र भी H है।
Solution-दिया है (Given): का लम्बकेन्द्र भी H है।AH,BH और CH में मध्यबिन्दु क्रमशः X,Y और Z हैं।
सिद्ध करना है (To Prove): का लम्बकेन्द्र भी H है।
उपपत्ति (Proof): का लम्बकेन्द्र H है (दिया है)
में X,AH का मध्यबिन्दु है तथा Y,BH का मध्यबिन्दु है।
होगी।(मध्यबिन्दु प्रमेय से)
इसी प्रकार एवं होगी।
अब संगतकोण बराबर होने से
(प्रत्येक 90°)
अतः का लम्बकेन्द्र भी H है।
Example-11.एक में माध्यिकाएं AD,BE और CF बिन्दु G पर प्रतिच्छेद करती है।यदि AG=6cm,BE=9cm और GF=4.5cm हो,तो GD,BG और CF ज्ञात कीजिए।
Solution- में AD,BC की माध्यिका है और माध्यिकाओं का प्रतिच्छेद बिन्दु G है।
किन्तु AG=6cm
GD=3cm
में BE,AC की माध्यिका है।
किन्तु BE=9cm
BG=6cm
इसी प्रकार से में CF भुजा AB की माध्यिका है।
GC=4.5×2=9cm
अतः CF=9+4.5
CF=13.5cm सेमी
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा बिन्दुपथ और संगामी रेखाएं (Loci And Concurrent Lines) को समझ सकते हैं।
7.बिन्दुपथ और संगामी रेखाओं की समस्याएं (Loci And Concurrent Lines Problems)-
(1.) का लम्बकेन्द्र P है। सिद्ध कीजिए कि का लम्बकेन्द्र है।
(2.) में माध्यिकाएं AD, BE और CF बिन्दु G से गुजरती है।
(a)यदि GF=4 सेमी हो तो GC का मान ज्ञात कीजिए।
(b) यदि AD=7.5 cm हो तो GD का मान ज्ञात कीजिए।
(3.)एक त्रिभुज ABC की भुजाओं BC,CA और AB के मध्यबिन्दु क्रमशःD,E और F हों तो सिद्ध कीजिए कि EF,AD को समद्विभाजित करती है।
(4.)यदि एक त्रिभुज की सभी माध्यिकाएं समान हो तो वह समबाहु त्रिभुज होगा।
(5.)एक में, माध्यिकाएं AD, BE और CF एक बिन्दु G से गुजरती है।यदि AG=6cm,BE=12.6cm और FG=3 सेमी हो तो AD,GE और GC ज्ञात कीजिए।
(6.)चित्र में बिन्दु P भुजा BC के लम्ब-समद्विभाजक AD पर हो तो सिद्ध कीजिए कि
उत्तर (Answers):(2.)(a)GC=8cn,(b)GD=2.5cm
(5.)AD=9cm,GE=4.2cm,GC=6cm
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर बिन्दुपथ और संगामी रेखाएं (Loci And Concurrent Lines) को ठीक से समझ सकते हैं।
8.लोकस लाइन क्या है? (What is locus line?)-
ज्यामिति में, एक बिन्दुपथ (बहुवचन: लोकी) ("स्थान" के लिए लैटिन शब्द,"स्थान") सभी बिंदुओं का एक सेट है (आमतौर पर, एक रेखा, एक रेखाखंड, एक वक्र या एक सतह), जिसका स्थान संतुष्ट है या एक या अधिक निर्दिष्ट शर्तों द्वारा निर्धारित किया जाता है।
9.यदि लाइनें संगामी हैं, तो इसका क्या मतलब है? (What does it mean if lines are concurrent?)-
यदि वे एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करते हैं, तो समतल या उच्च-आयामी स्थान में रेखाएँ संगामी कहलाती हैं।
2-डी ज्यामिति में संगामी रेखाएं होती हैं, जो एक बिंदु पर एक-दूसरे को बिल्कुल काटती हैं। … इसलिए, हम कह सकते हैं कि सभी अप्रतिच्छेदी रेखाएं एक दूसरे के संगामी हैं।
10.मैथ्स में बिन्दुपथ क्या हैं? (What are loci in maths?)-
Loci समान गुणधर्मों वाले बिन्दुओं का एक समूह है। Loci का उपयोग लाइनों और आकृतियों के सटीक निर्माण के लिए किया जा सकता है।बियरिंग्स तीन आकृति कोण हैं जो उत्तर से दक्षिणावर्त मापा जाता है।
11.सभी बिंदुओं का बिन्दुपथ क्या है? (What is the locus of all points?)-
एक बिन्दुपथ सभी बिंदुओं का सेट है (आमतौर पर एक वक्र या सतह का निर्माण) कुछ शर्तो को संतुष्ट करता है। उदाहरण के लिए, दिए गए बिंदु से समदूऊ समतल में बिंदुओं का स्थान एक वृत्त है, और दिए गए बिंदु से त्रिविमीय निर्देशांक में समदूरस्थ बिंदुओं का समूह एक गोला है।
उपर्युक्त उदाहरणों, सवालों को हल करके तथा प्रश्नों के उत्तर द्वारा बिन्दुपथ और संगामी रेखाएं (Loci And Concurrent Lines) को भली-भांति समझ सकते हैं।
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