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Importance of health for students in hindi

1.विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का महत्त्व का परिचय (Introduction to Importance of health for students):

  • अक्सर विद्यार्थियों पर पढ़ाई का तथा परीक्षा का दबाव रहता है इसलिए वे बीमार पड़ जाते हैं।विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का महत्त्व (Importance of health for students) के द्वारा विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य को मेनटेन रख सकते हैं। इस आर्टिकल में तथा वीडियो में ऐसी टिप्स बताई गई है जिनका पालन करके आप अपने आपको स्वस्थ रख सकते हैं।

विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का महत्त्व (Importance of health for students):

2.शिक्षा और स्वास्थ्य (Education and health):

  • विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का महत्त्व (Importance of health for students) के बारे में इस आर्टिकल में बताया गया है।शिक्षा विद्यार्थियों की सुप्त प्रतिभा ,योग्यता को जगाना है। शिक्षा से तात्पर्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है। सर्वांगीण विकास में शारीरिक ,मानसिक ,चारित्रिक ,आध्यात्मिक विकास शामिल है तभी विद्यार्थी के व्यक्तित्व का पूर्ण विकास हो सकता है। हालांकि शिक्षक  का कर्त्तव्य विद्यार्थी के मस्तिष्क को विकसित करना है और उसको विभिन्न विषयों का ज्ञान कराना है किन्तु स्वस्थ मस्तिष्क का विकास स्वस्थ शरीर के बिना संभव नहीं है। इन दोनों को बिल्कुल अलग-अलग नहीं किया जा सकता है। इसलिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। इसलिए इस पोस्ट में हम स्वास्थ्य के बारे में चर्चा करके आपको जागरूक करना हम अपना कर्तव्य समझते हुए इस तरफ़ आपको इशारा कर रहे हैं।
  • इस पोस्ट में विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य के महत्त्व तथा उससे होने वाले लाभ बताए गए हैं। स्वास्थ्य से तात्पर्य केवल शरीर  की कसरत से ही मतलब नहीँ है बल्कि इसमें मानसिक स्वास्थ्य भी शामिल है। हमारी वर्तमान शिक्षा प्रणांली में स्वास्थ्य को इतना महत्त्व नहीं दिया गया है। सैद्धान्तिक रूप से शिक्षा संस्थानों में शारीरिक शिक्षक  की नियुक्ति भी होती है। परन्तु वास्तव में व्यावहारिक रूप से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को कोई महत्त्व नहीं दिया जाता है। इसलिए विद्यार्थी आए दिन किसी न किसी रोग से ग्रस्त होते हैं। चिकित्सालयों में रोगियों की भीड़ बढ़ती जा रही है और नित नए -नए रोग पैदा हो रहे हैं /इसलिए विद्यार्थियों का मन अध्ययन में नहीं लगता है। जब हमारी युवा पीढ़ी की यह स्थिति है तो कल्पना की जा सकती है कि हमारे नए भारत का निर्माण कैसा होगा ?इसलिए हमें हमारी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय निकालकर स्वास्थ्य के लिए भी देना चाहिए। 

Also Read This Article:School Health

3.Importance of Health for students (विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का महत्त्व):

  • स्वस्थ रहना यो तो सभी व्यक्तियों के लिए आवश्यक है. जो व्यक्ति स्वास्थ्य को महत्त्व नहीं देता है उसको नाना प्रकार के रोग जकड़ लेते हैं जैसे कब्ज रहना ,सिरदर्द ,आलसी रहना,हाथ-पैरों में दर्द होना ,नींद ठीक से न आना अर्थात गहरी नींद न आना,मानसिक अवसाद ,चिन्ता ,तनाव भय  इत्यादि  जिससे  जवानी में ही वृद्धावस्था के लक्षण प्रकट हो जाते हैं. परन्तु विद्यार्थियों के लिए इसलिए आवश्यक है क्योंकि युवावस्था निर्माण काल का समय होता है अतः युवावस्था में स्वास्थ्य का रक्षण तथा पोषण किया हुआ जीवन भर काम देता है. स्वस्थ रहने के लिए विद्यार्थियों को रोजाना आधा-एक घंटा व्यायाम, योगासन, प्राणायाम अवश्य करना चाहिए.

4.स्वास्थ्य शिक्षा के मूल सूत्र (Fundamental Tips of Health Education)[Importance of health for students]:-

  • (1.)जो विद्यार्थी स्वस्थ रहने के लिए योगासन, प्राणायाम करता है उसका शरीर चमकने दमकनेे लगता है. वह चुस्त, दुरुस्त, फुर्तीला रहता है. आलस्य उसके पास फटकता ही नहीं है.
  • (2.)यह शरीर परमात्मा का दिया हुआ वरदान है. इसलिए स्वस्थ शरीर का आध्यात्मिक महत्त्व भी है. यह शरीर प्रेम, नम्रता, सहानुभूति, सन्तोष जैसे गुणों को धारण करने योग्य तभी हो सकता है जबकि शरीर स्वस्थ होगा.
  • (3.)कहा भी गया है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है. विद्यार्थियों का दिल व दिमाग को स्वस्थ रखने व अपनी पूर्ण योग्यता का विकास करने के लिए स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा.
  • (4.)स्वस्थ शरीर के द्वारा रूग्ण शरीर के बजाय हम कई गुना क्षमता से अध्ययन कर सकते हैं. हमारा मन अध्ययन में तभी केन्द्रित हो सकता है जबकि हम स्वस्थ हो.
  • (5.)स्वस्थ शरीर के द्वारा निर्णय शक्ति, विवेक को धारण करने की क्षमता में अपार वृद्धि होती है.
  • (6.)महामानव और आध्यात्मिक उन्नति के लिए स्वास्थ्य से बढ़कर कोई चीज़ नहीं है.
  • (7.)अस्वस्थ व्यक्ति को ठीक से नींद नहीं आती है, पौष्टिक आहार का पाचन नहीं हो सकता है. काम में मन नहीं लगता है. इस प्रकार शरीर रूपी इमारत में अनेक छेद हो जाते हैं जो व्यक्ति को कमजोर कर देते हैं.
  • (8.)स्वस्थ विद्यार्थी का दिन का प्रारंभ अच्छे कार्यों से होता है. अध्ययन के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है. ऐसा विद्यार्थी प्रात:काल जल्दी उठता है. उसके पास अन्य कार्यों के लिए समय की कमी नहीं रहती है.
  • (9.)रूग्ण शरीर का मन पर भी प्रभाव पड़ता है ऐसा विद्यार्थी चिड़चिड़ा हर समय लड़ाई झगड़ा करनेवाला, अध्ययन में रूचि न लेने की आदत वाला हो जाता है.
  • (10.)रूग्ण विद्यार्थी हमेशा यही सोचता है कि हमसे कोई पाप हो गया है जिसका हम दण्ड भुगत रहे हैं. वस्तुतः इसके पीछे हमारी अज्ञानता, असावधानी ही मुख्य कारण होती है.
  • (11.)जो विद्यार्थी यह सोचता है कि यह शरीर रूपी मशीन हमारी इच्छाओं तथा आज्ञाओं का पालन करती रहेगी लेकिन कब तक? यदि शरीर की तेल मालिश, खेलकूद, व्यायाम, योगासन, प्राणायाम की कोई आवश्यकता महसूस नहीं करेंगे, खाने पीने, सोने की नियमित आदतों का पालन नहीं करेंगे तो इच्छाशक्ति के आधार पर यह शरीर देर तक  काम न कर सकेगा.
  • (12.)स्वास्थ्य का सम्बन्ध स्वास्थ्य के सिद्धांतों का पालन करने से ही नहीं है बल्कि इसके लिए मन में शुभ, कल्याणकारी, अच्छे तथा शुद्ध विचारों का चिन्तन, मनन करना होता है.
  • (13.)रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए रोजाना स्नान आदि से निवृत्त होकर योगासन-प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए।ध्यान,योगासन-प्राणायाम से शारीरिक-मानसिक रोगो से मुक्ति तो मिलती ही है। परन्तु जो लोग रोगग्रस्त नहीं है उनको रोगी होने से भी बचाव करता है क्योंकि ध्यान व योगासन-प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती जाती है।

5.मानसिक स्वास्थ्य(Mental Health):

  • इस वीडियो में विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का महत्त्व (Importance of health for students) के बारे में बताया गया है।इस वीडियो में विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का महत्त्व (Importance of health for students) के बारे में संक्षिप्त में जानकारी दी गई है।
  • विद्यार्थियों को सुखद एवं सम्पन्न जीवन जीने के लिए शारीरिक दृष्टि से स्वथ्य होना आवश्यक है। परन्तु कई बार सभी भौतिक सुविधाऐं होने पर भी विद्यार्थी अस्वथ्य दिखाई देता है तथा वह जीवन के आनन्द और शान्ति से वंचित दिखाई देता है। इसका कारण मानसिक स्वास्थ्य ही हो सकता है। हमारी मानसिक स्थिति के कारण भी हम अपने आपको अस्वस्थ महसूस करते है। चिन्ता ,तनाव ,हीन भावना ,भय आदि के कारण हम भौतिक सुख सुविधाओं के आनन्द का लाभ नहीं उठा पाते हैं। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक विकास एवं स्वास्थ्य के लिए सर्वप्रथम आवश्यकता है। इसलिए माता-पिता ,अभिभावकों और अध्यापकों को सावधान रहना चाहिए। उनकी भौतिक आवश्यकताओं के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं का ध्यान रखना चाहिए और उनकी पूर्ति करनी चाहिए। इसके लिए हमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी होनी चाहिए।
    5.अन्त में हम यह सब अपने व्यक्तिगत अनुभव के  आधार पर बता रहे हैं। हम पिछले 23 वर्षों से आसन ,प्राणायाम ,ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं और उसी के बल पर यह सब बता रहे हैं। प्रमाणस्वरूप बक उड्डीयान आसन की फोटो तथा उसकी विधि भी बता रहे हैं। आप सबसे भी हम यही कहना चाहते है कि  अध्ययन के साथ साथ अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भी कुछ समय दें क्योंकि जान है तो जहान हैं।
  • प्रश्न- कैसे हम खुद को और बच्चों को ठंड से बचा सकते हैं,जैसा कि आपको पता है, उत्तर भारत में अभी कड़ाके की सर्दी पड़ रही है ?
  • उत्तर-(1.)ठंडे पानी से नहाना चाहिए यदि ठंडा पानी माफिक नहीं होता है तो कुनकुने पानी से नहाना चाहिए।
  • (2.) योगासन-प्राणायाम कराएं, विशेषकर कपालभाति प्राणायाम कराएं कम से कम 100–200.
  • (3.) सुबह-सुबह शौच जाने से पहले गर्म पानी पिलाएं। फिर शौच जाना चाहिए।
  • (4.)ठंड को न तो ज्यादा बचाव करना चाहिए और न ही ज्यादा सहन करना चाहिए।

6.विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए हम एक आसन की विधि यहाँ बता रहे हैं। 

  • स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बन्धित अन्य पोस्ट देखने के लिए नीचे लिंक दिए गया हैं ,उसे भी आपको देखना चाहिए”https://www.facebook.com/satyamcochingcentre”

बक-उड्डियान-आसन:

  • चटाई अथवा मेट पर शुरू में पैरों को मिलाकर सीधे खड़े हो जायें. उसके उपरांत बायें पैर को ऊपर उठाकर मस्तक के पीछे पृष्ठभाग गर्दन पर रखें. अब उसी स्थिति में दोनों हाथों को बांयी दायीं बगल की ओर सीधे फैला दें. मस्तक को जहां तक हो सके ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करें. यथाशक्ति इसी स्थिति में रहकर ठहरे रहे. फिर पूर्व स्थिति में आकर दूसरे पैर से भी इसका अभ्यास करें.

लाभ (Benefits) :

  • इसके अभ्यास से ग्रीवा तथा वक्षस्थल सुगठित और बलिष्ठ बन जाते हैं. वात-पित्त आदि दोषों का शमन होता है. देह की अकड़ाहट दूर होकर नरम और कोमलता आ जाती है. अन्तड़ियों में बल बढ़ता है.
    उपर्युक्त आर्टिकल में टिप्स के आधार पर विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का महत्त्व (Importance of health for students) को समझा जा सकता है।हमने विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का महत्त्व (Importance of health for students) को समझाने के लिए दो आसन की इमेज और वीडियो भी अपलोड किया है।
  • टिप्पणी :हमारे इस आसन व स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बन्धित अन्य पोस्ट देखने के लिए नीचे लिंक दिए गए हैं ,उन्हें भी आसन की इमेज दी गई है।इसी प्रकार आप किसी योग्य योगाचार्य से योगासन-प्राणायाम सीख सकते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का महत्त्व (Importance of health for students) के बारे में बताया गया है।
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2 Comments
  1. puffingbird September 29, 2019 / Reply
  2. satyam coaching centre October 9, 2019 / Reply

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