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How to Write Best Answers to Questions?

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1.प्रश्नों के बेहतरीन उत्तर कैसे लिखें? (How to Write Best Answers to Questions?),विद्यार्थियों के लिए परीक्षा में बेहतरीन उत्तर लिखने की 4 टिप्स (4 Tips for Students to Write Best Answers to Questions in Exam?):

  • प्रश्नों के बेहतरीन उत्तर कैसे लिखें? (How to Write Best Answers to Questions?) क्योंकि प्रतियोगिता के इस दौर में शैक्षणिक अथवा जाॅब प्राप्त करने के लिए परीक्षा का स्तर कठिन से कठिनतर होता जा रहा है।विद्यालयों में तथा निजी व सार्वजनिक क्षेत्र में अभ्यर्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जबकि पदों की संख्या सीमित रहती है।इस दौड़ में से निकलकर परीक्षा में सफल होना असंभव नहीं तो बहुत मुश्किल अवश्य हो गया है।
  • प्रतियोगिता परीक्षा की निर्धारित योग्यता भले ही बहुत से अभ्यर्थी हासिल कर लेते हों लेकिन परीक्षा में सफलता उसी को मिलती है जो परीक्षा की तैयारी गंभीरतापूर्वक और सटीक रणनीति के साथ करते हैं।
  • ऐसे अभ्यर्थियों के परीक्षा के नाम से हौसले पस्त नहीं होते हैं और परीक्षा के नाम से उनमें किसी प्रकार का भय नहीं होता है बल्कि पूर्ण आत्मविश्वास से लबरेज रहते हैं।ऐसे अभ्यर्थी अपनी तैयारी से संतुष्ट रहते हैं और प्रश्न-पत्र को प्राप्त करते ही एक बार सतर्कतापूर्वक अध्ययन करते हैं,पढ़ते हैं।
  • इसके पश्चात जिन प्रश्नों तथा अधिक प्राप्तांक अर्जित करने वाले प्रश्नों को चिन्हित कर लेते हैं जिनका उत्तर अच्छी तरह जानते हैं।इसके पश्चात उन चिन्हित प्रश्नों का जितना उत्तर अच्छी तरह जानते हैं,उत्तर देना प्रारंभ करते हैं।
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2.प्रश्नों का उत्तर देने में समय का ध्यान रखें (Take Care of Time in Answering Questions):

  • अभ्यर्थियों को सबसे अधिक समस्या समय की कमी की रहती है।इसलिए शुरू में ही प्रश्नों को पढ़ते समय जाँच लें कि प्रश्न को पूछने का परीक्षक का क्या उद्देश्य है और किस-किस प्रश्न में कितना समय देना है ताकि हड़बड़ाहट में कोई प्रश्न छूटे नहीं।हर प्रश्न को महत्त्व देते हुए समय को शुरू में ही विभाजित कर लें।
  • अक्सर अभ्यर्थी शुरू के प्रश्नों के उत्तर देने में अधिक समय लगा देते हैं कि बाद में अन्य प्रश्नों के उत्तर देने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है।कभी-कभी तो अंतिम प्रश्नों के उत्तर देने के लिए समय ही नहीं बचता है या बचता भी है तो उतने समय में उन प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दे पाना संभव नहीं होता है।
  • प्रश्नों के छूटने या कुछ प्रश्नों के उत्तर कमजोर देने पर उसे उन प्रश्नों में औसत अंक भी नहीं मिल पाते हैं फलस्वरुप अभ्यर्थी अन्य अभ्यर्थियों से पिछड़ जाता है और प्रतियोगिता से बाहर हो जाता है।यदि प्रतियोगिता से बाहर भी नहीं होता है तो वरीयता क्रम में वह बहुत नीचे स्थान प्राप्त करता है जिससे उसका चयन होना मुश्किल हो जाता है।
  • इस प्रकार असावधानी के कारण या प्रश्न का लंबा-चौड़ा उत्तर लिखने के प्रयास में अभ्यर्थी समय का पालन नहीं करता है।यह समस्या अधिकांश अभ्यर्थियों की होती है इसलिए समय का दृढ़ता से पालन करें और प्रश्नों की प्रकृति के अनुसार पहले ही समय का विभाजन कर लें।

3.वांछित उत्तर की शब्द सीमा का ध्यान रखें (Keep in Mind Word Limit of Desired Answer):

  • कई अभ्यर्थी उत्तर की शब्द सीमा का ध्यान नहीं रखते हैं क्योंकि वे परीक्षा की तैयारी विवरणात्मक ढंग से करते हैं।अतः उचित शब्द सीमा में विवरणात्मक तैयारी को समेट पाना उनके लिए संभव नहीं होता है।उन्हें ऐसा लगता है कि प्रश्न के उत्तर के लिए उसने जो पढ़ा है उसमें से कुछ भी छोड़ पाना संभव नहीं है।ऐसा करके वे स्वयं अपना अहित करते हैं।
  • दरअसल परीक्षा की तैयारी ऐसे अभ्यर्थी सही रणनीति के साथ नहीं करते हैं।यदि आप परीक्षा की तैयारी करते समय प्रश्नों के उत्तर देने का अभ्यास नहीं करते हैं तब तक परीक्षा में शब्द सीमा का पालन करना बहुत मुश्किल होता है।आपको किसी भी विवरण को संक्षिप्त में कैसे लिखा जाए अथवा विस्तृत रूप में कैसे लिखा जाए इसका अभ्यास परीक्षा से पूर्व करना होगा।
  • यदि आप ऐसा कर पाने में सफल रहते हैं तो प्रश्न का उत्तर शब्द सीमा में दिया जा सकता है और तब आपको घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है कि आपने कम उत्तर लिखा है या अपेक्षाकृत अधिक उत्तर लिखा है।परीक्षक आपके प्रश्न के उत्तर से यह जानकर संतुष्ट रहेगा कि आपने प्रश्न की प्रकृति के अनुसार उत्तर दिया है।
  • बड़ा-चढ़ाकर तथा अनावश्यक बातें हर कोई लिख सकता है लेकिन जरूरी नहीं उसमें प्रश्न के उत्तर हेतु जरूरी बातें आई हों।इसलिए जहां शब्द सीमा दी गई है वहां तो प्रश्न के उत्तर में शब्द सीमा का ध्यान रखना ही है और जहां शब्द सीमा नहीं दी हो तो वहां भी उतना ही उत्तर लिखें जितना प्रश्न के उत्तर के लिए वांछित हो।
  • शब्दाडम्बर से एक ही बात को बार-बार लिखना हानिकारक होता है।यदि आप किसी प्रश्न का उत्तर कम शब्दों में अथवा विस्तृत रूप से नहीं दे सकते हैं तो यह आपकी एक बड़ी कमजोरी है।इस प्रवृत्ति से छुटकारा पाने के लिए जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है कि परीक्षा की तैयारी से पूर्व छद्म (Mock) अभ्यास करें।कुछ मॉडल प्रश्न-पत्रों को परीक्षा भवन की परिस्थिति के अनुसार घर पर अभ्यास करें।
  • घर पर मॉडल पेपर्स का अभ्यास करने,प्रश्नों के संक्षिप्त रूप अथवा विस्तृत रूप में अभ्यास करने से आपके लिखने की भाषा में भी सुधार होगा।दूसरा लाभ यह होगा कि आप परीक्षा भवन में प्रश्न का उत्तर पूर्ण आत्मविश्वास से दे पाएंगे,कोई घबराहट नहीं होगी।
  • अच्छा होगा कि आप घर पर अभ्यास करें उनको किसी वरिष्ठ साथी अथवा शिक्षक से जांच करवा लें तो इससे आपको काफी लाभ होगा।दरअसल स्वयं के दिए हुए उत्तर में खुद को कोई कमी नजर नहीं आती है परंतु अनुभवी व्यक्ति अथवा शिक्षक द्वारा जांच करने पर हमें हमारी कमजोरियों का पता चलता है।इसलिए दूसरों से अपने प्रश्नों के उत्तर की जांच करने में शर्मिंदा महसूस न करें।
  • कई अभ्यर्थी अपने आपको बहुत तेज तर्रार और समझदार मानते हैं।वे समझते हैं कि इससे उनके नोट्स की जानकारी अपने मित्रों को हो जाएगी और दूसरे व्यक्ति उसकी शैली की नकल करके उससे अधिक या बराबर अंक अर्जित कर सकते हैं।परंतु यह प्रवृत्ति तब हानिकारक सिद्ध होती है क्योंकि उन्हें अपनी कमजोरी का पता नहीं लग पाता है जिससे वे उसमें कोई सुधार नहीं कर पाते हैं।

4.प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में दें (Answer the Questions in Simple Language):

  • यदि आप जटिल से जटिल भाषा को भी इस तरह से लिखें कि जिससे कोई सामान्य व्यक्ति भी एक बार पढ़ने से समझ जाए तो आपका उत्तर लिखना सार्थक होगा।प्रायः अभ्यर्थी पुस्तकों से,कोचिंग से प्राप्त नोट्स को रट लेते हैं और उसी को हूबहू प्रश्न के उत्तर में लिख देते हैं।अक्सर पुस्तकों की भाषा व नोट्स की भाषा जटिल होती है इसलिए उसे सरल भाषा में प्रकट करना भी एक कला है जिसे आपको सीखाना चाहिए।
  • रटे-रटाये,उलझे हुए,जटिल भाषा में प्रश्न का उत्तर देना परीक्षक पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।इसलिए जो कुछ भी पढ़े और याद करें उसे अपनी शैली और सरल भाषा में लिखने का अभ्यास करें।
  • हालांकि यह शैली लगातार लंबे अभ्यास से प्राप्त होती है।परंतु उसके बिना आप परीक्षा में वरीयता प्राप्त भी नहीं कर सकते हैं।
    लिखते समय हमेशा कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।वाक्य का स्वरूप छोटा हो और इन वाक्यों में सरल शब्दों का प्रयोग करें।यदि आप यह समझते हैं की क्लिष्ट या लच्छेदार भाषा और लंबे-लंबे वाक्य लिखकर परीक्षक को प्रभावित कर सकते हैं तो आप गलत समझते हैं।अनुच्छेद में अंतर्संबंध होने का ध्यान रखें।आप ऊपर के पैराग्राफ में तो अन्य बातों का जिक्र करें और नीचे के पैराग्राफ में बिल्कुल अलग बात का।तात्पर्य यह है कि आगे पीछे के वाक्यों और पैराग्राफ का आपस में संबंध होना चाहिए।
  • प्रश्नों की प्रकृति का भी ध्यान रखें जैसे विज्ञान से संबंधित प्रश्न है,भूगोल से संबंधित है,गणित से संबंधित है या तार्किक प्रश्न है।हर विषय की प्रकृति अलग-अलग होती है।जैसे विज्ञान विषय में बहुत घुमा-फिराकर उत्तर नहीं लिखा जा सकता है।उसकी भाषा सटीक होती है।मानसिक योग्यता और संख्यात्मक योग्यता से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में भी इधर-उधर की भाषा जोड़कर कुछ अतिरिक्त नहीं लिखा जा सकता है।
  • कुछ प्रश्न 250-300,150,100 और 50 शब्दों में उत्तर चाहने वाले होते हैं अतः उसका पूरा ध्यान रखें।ऐसे प्रश्नों में शब्द सीमा का ध्यान रखने के साथ यह भी कोशिश करनी चाहिए कि प्रश्न में जितना पूछा जा रहा है उतने में सटीक और सही जानकारी दे दें।
  • कई बार कुछ शब्दों पर टिप्पणी पूछी जाती है अतः ऐसे प्रश्नों का उत्तर अवश्य देना चाहिए क्योंकि इस तरह के प्रश्नों में पूरे अंक मिलने की संभावना रहती है।संख्यात्मक प्रश्नों में पूरे अंक मिलने की पूरी संभावना रहती है।
  • निबन्धात्मक तथा व्याख्यात्मक प्रश्नों के उत्तर लिखने में परीक्षार्थी के सामने मुख्य कठिनाई होती है कि उत्तर तर्कसंगत कैसे लिखें? अभ्यर्थी प्रश्न का उद्देश्य न समझ पाने के कारण अधूरा सा या गलत उत्तर दे बैठते हैं।यदि उपर्युक्त आर्टिकल में दी गई बातों तथा नीचे प्रश्नों के उत्तर में दी गई बातों का ध्यान रखेंगे और उसका पालन करेंगे तो आपकी इस कठिनाई का काफी हद तक निवारण संभव हो सकेगा।

5.प्रश्नों के उत्तर लिखने का दृष्टांत (The Example of Writing Answers to Questions):

  • एक विद्यार्थी गरीबी में जन्मा।गरीबी से दुःखी होकर एक दिन वह घर से भाग गया।घर से भागकर वह एक कंपनी में कार्य करने लगा।वहाँ कंपनी में एक लाइब्रेरी थी।लाइब्रेरी से पुस्तक लेकर वह पढ़ता और पत्राचार से परीक्षा देने लगा।वह इतनी तल्लीनता से पढ़ता कि पुस्तक की अधिकांश बातें एक बार पढ़ने से ही याद हो जाती।धीरे-धीरे वह पढ़ने में पारंगत हो गया।
  • एक बार एक इनामी प्रतियोगिता थी।संयोगवश उस इनामी प्रतियोगिता में उसके मित्र व उसका एक ही जगह पर परीक्षा देने का नंबर आ गया।उसके मित्र ने उस विद्यार्थी के प्रश्नों के उत्तरों की नकल करके सटीक उत्तर दे दिए।सही और सटीक उत्तर देने के कारण उसके मित्र को प्रथम पुरस्कार मिला,उसे प्रशंसा पत्र भी प्राप्त हुआ जिसमें उसकी मेधा तथा लगन को सराहा गया।
  • उस समय तो उसके मित्र ने पुरस्कार रख लिया पर रातभर उसे बेचैनी हुई और दूसरे दिन सुबह उठते ही उसका मित्र प्रतियोगिता परीक्षा के आयोजक के घर जा पहुँचा।पुरस्कार लौटाते हुए उसने कहा कि यह उत्तर तो मैंने चुपके से अमुक विद्यार्थी से पूछकर दिए थे।पुरस्कार का असली अधिकारी वही है।
  • आयोजक उसकी हिम्मतभरी ईमानदारी पर स्तब्ध रह गए।उन्हें दुबारा वही ईनाम लौटाया और कहा कि यह तुम्हारी ईमानदारी और बहादुरी के उपलक्ष्य में है।उत्तीर्ण होने के कारण नहीं।सिद्धि,सफलता,पुरस्कार वस्तुतः विद्यार्थी के आंतरिक विकास पर भी मिलते हैं और उन्हीं का अधिक महत्त्व होता है।उसी से व्यक्ति मानव से महामानव और ऋषि स्तर तक जा पहुंचते हैं।ऐसे बालक ही आगे जाकर विख्यात होते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में प्रश्नों के बेहतरीन उत्तर कैसे लिखें? (How to Write Best Answers to Questions?),विद्यार्थियों के लिए परीक्षा में बेहतरीन उत्तर लिखने की 4 टिप्स (4 Tips for Students to Write Best Answers to Questions in Exam?) के बारे में बताया गया है।

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6.कालांश में लेट आने का कारण (हास्य-व्यंग्य) (Reason for Being Late in Period) (Humour-Satire):

  • टीचर:मयंक तुम हमेशा गणित के कालांश में लेट क्यों आते हो?
  • मयंक:क्योंकि सर (sir) आप मेरे आने से पहले ही घंटी बजवा देते हो।

7.प्रश्नों के बेहतरीन उत्तर कैसे लिखें? (Frequently Asked Questions Related to How to Write Best Answers to Questions?),विद्यार्थियों के लिए परीक्षा में बेहतरीन उत्तर लिखने की 4 टिप्स (4 Tips for Students to Write Best Answers to Questions in Exam?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.विवेचना से संबंधित प्रश्नों का उत्तर कैसे दें? (How to Answer Questions Related to Discussion?):

उत्तर:विवेचना या विश्लेषण में आपको पूछे गए प्रश्न के सभी पक्षों पर तर्कयुक्त शैली में उत्तर देना चाहिए।किसी प्रश्न में महत्त्व पूछे जाने पर प्रश्न से संबंधित विषय की उपयोगिता (गुण-दोष के आधार पर) के आधार पर उत्तर दें।कई बार प्रश्नों के साथ आपके विचार भी पूछे जाते हैं।ऐसी स्थिति में आपका मत भी महत्त्वपूर्ण होता है।लेकिन आपका यह विचार या मत सतही न होकर संतुलित और तर्क पर आधारित होना चाहिए।कई प्रश्न उद्धरण के रूप में होते हैं अर्थात् किसी का कथन दिया हुआ होता है और वही प्रश्न भी होता है।प्रायः ये कथन गूढ़ार्थ लिए होते हैं।इसका उत्तर देने से पहले यह समझना जरूरी है कि कथन किसका है और किससे संबंधित है।अपने उत्तर में इस कथन का विश्लेषण भी करें।यह विश्लेषण पक्ष और विपक्ष दोनों में होना चाहिए।

प्रश्न:2.प्रश्नों के उत्तर देने की तैयारी में नोट्स का क्या महत्त्व है? (What is the Importance of Notes in Answering Questions?):

उत्तर:कई परीक्षार्थी स्वयं अपने नोट्स बनाकर पढ़ते हैं,कई केवल पत्रिकाओं के आधार पर तैयारी करते हैं और कुछ कोचिंग संस्थानों के नोट्स के आधार पर तैयारी करते हैं।इन सब में सर्वोत्तम स्वयं के नोट्स के आधार पर तैयारी का होता है।क्योंकि स्वयं के बनाए हुए नोट्स से आपकी भाषा शुद्ध होती है,आपकी कई संकल्पनाएं स्पष्ट होती है तथा नोट्स लिखने से प्रश्न के उत्तर देने का अभ्यास भी होता है तथा अपनी शैली में बने नोट्स प्रभावी होते हैं।लेकिन इसके लिए काफी गहन अध्ययन और विचारों की स्पष्टता होनी चाहिए।सामान्य अध्ययन का दायरा काफी विस्तृत होता है अतः इसके चयनित (selected) नोट्स बनाए जा सकते हैं।वर्तमान घटनाक्रम के लिए किसी राष्ट्रीय समाचार पत्र का नियमित अध्ययन करना चाहिए जैसे नवभारत टाइम्स,जनसत्ता।इनमें महत्त्वपूर्ण तथ्यों और बातों को अपनी नोटबुक में लिख लेना चाहिए।संख्यात्मक प्रश्नों के लिए अभ्यास करने की आवश्यकता होती है।वे नोट्स के रूप में भी काम आ सकते हैं।

प्रश्न:3.क्या प्रश्नोत्तर भी बनाए जाने चाहिए? (Should Q&A Also Be Created?):

उत्तर:नोट्स बनाने के अतिरिक्त जो भी पढ़े उस पर विभिन्न दृष्टिकोण से प्रश्न भी बनाएं और उनका उत्तर देने का अभ्यास करें।इससे न केवल आपके पास प्रश्नों का विशाल कोश तैयार हो जाएगा बल्कि आपकी दृष्टि भी व्यापक होगी यानी आप परीक्षा में संभावित रूप से पूछे जाने वाले प्रश्नों से वाकिब होंगे जिससे आपकी दृष्टि परिपक्व हो सकेगी।दरअसल प्रश्नों के उत्तर देने से परीक्षा का पूर्वाभ्यास भी होता है तथा आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।केवल मात्र पढ़ाई कर लेने और उसको याद कर लेने से ही प्रश्नों का सटीक उत्तर नहीं दिया जा सकता है।आप उपर्युक्त आर्टिकल में बताई गई बातों को ध्यान रखकर परीक्षा में सर्वोत्तम अंक अर्जित कर सकते हैं।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा प्रश्नों के बेहतरीन उत्तर कैसे लिखें? (How to Write Best Answers to Questions?),विद्यार्थियों के लिए परीक्षा में बेहतरीन उत्तर लिखने की 4 टिप्स (4 Tips for Students to Write Best Answers to Questions in Exam?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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