How To Respect Our Elders in Hindi
1.अपने बड़ों का सम्मान कैसे करें? का परिचय (Introduction to How To Respect Our Elders in Hindi),बड़ों का सम्मान क्यों जरूरी है? (Why is Respecting Elders Important in Hindi):
- अपने बड़ों का सम्मान कैसे करें? (How To Respect Our Elders in Hindi),बड़ों का सम्मान क्यों जरूरी है? (Why is Respecting Elders Important in Hindi):बड़ों का सम्मान करने से हमें शुभ कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।उनके आशीर्वाद से हम हमारे लक्ष्य को पूरा करने के लिए सफल के लिए कठिन परिश्रम करते हैं।अकेला व्यक्ति जब किसी कार्य को करता है तो वह जल्दी ही हताश और निराश हो जाता है।लेकिन बड़ों का साथ रहता है तो हमें सम्बल मिलता है।
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2.अपने बड़ों का सम्मान कैसे करें? (How To Respect Our Elders in Hindi),बड़ों का सम्मान क्यों जरूरी है? (Why is Respecting Elders Important in Hindi):
- बड़ों का सम्मान करना एक ऐसी अच्छी आदत है जिसका प्रभाव उसी प्रकार होता है जिस प्रकार पूर्णिमा का चन्द्रमा अँधेरी रात में शोभायमान होता है।अभिवादन करने से बालकों का व्यवहार नम्रता और शीलयुक्त हो जाता है क्योंकि झुकने से मनुष्य के अन्दर का अहंकार मिटता है।
- शास्त्रों में कहा गया है कि नित्य बड़ों का सम्मान व प्रणाम करने से मनुष्य की आयु,विद्या,यश व बल किस प्रकार बढ़ते हैं?अपने से बड़ों को प्रणाम करने से मनुष्य अपने चारों ओर एक ऐसे वातावरण का निर्माण कर लेता है जिसमें आलस्य,अविद्या और असंयम पनप नहीं सकते हैं।इस प्रकार वह नकारात्मक वातावरण,बुरी आदतों से दूर हटता चला जाता है।स्पष्ट है कि इससे उसकी आयु,विद्या,यश और बल की वृद्धि होती है।
- वस्तुतः आजकल की शिक्षा या डिग्री हासिल करके कोई भी विद्यार्थी सही मायने में शिक्षित नहीं होकर केवल साक्षर होता है क्योंकि ज्यों-ज्यों उच्च कक्षाओं में बालक जाता है त्यों-त्यों उसमें नम्रता तथा शील के स्थान पर उच्छृंखलता,बड़ों का अनादर करना,अहंकारी होता जाता है।अर्थात् ज्ञानार्जन करने के साथ ही उस ज्ञान का ऐसा नशा चढ़ता है जैसे कोई मनुष्य मादक पदार्थ का सेवन करता जाता है तो उसका नशा बढ़ता जाता है।ऐसी स्थिति में सद्बुद्धि,नम्रता,सत्प्रवृत्तियों जैसी आदतें उसके अन्दर होती है वो भी बाहर निकल जाती है।इसी कारण परिवार में सुख-शांति के स्थान पर कलह,वैमनस्य,दुराग्रह,एक-दूसरे को अपमानित करना,बड़ों को प्रणाम करना जैसी प्रवृत्तियाँ पाई जाती है।
- सम्मान,प्रणाम व अभिवादन करना,बड़ों का आदर करना प्रारम्भ करने से यदि आपके प्रति उनकी भावनाएँ अच्छी भी नहीं हैं तो यह प्रभाव पड़ेगा कि उनका आशीर्वाद लेने से आपके प्रति उनका धीरे-धीरे शुद्धभाव होता जाएगा और फिर आपके प्रति वे जो शुभकामनाएं करेंगे निष्फल नहीं होगी।
- यदि हमने बालकों में शुरू से अच्छे संस्कार डालना प्रारम्भ नहीं किया और न ही हमारे अन्दर अच्छे संस्कार हों तो जब भी अच्छे संस्कारों का महत्व मालूम पड़ जाए तभी से हमें स्वयं का तथा बालकों के आचरण को सुधारना प्रारम्भ कर देना चाहिए।जब जागे तभी सवेरा के अनुसार अच्छे कार्य का प्रारम्भ कर देना चाहिए।
- आधुनिक युग बुद्धिवाद तथा भौतिकता का युग है,इस युग में धर्म से ज्यादा धन को महत्त्व दिया जाता है।इसलिए माता-पिता,अभिभावकों का मुख्य मकसद येन-केन प्रकारेण धन कमाना रह गया है।उनका ध्यान बच्चों को संस्कारित करने की तरफ न होकर धनार्जन करने में लगा रहता है।संस्कार तथा शिक्षा का उत्तरदायित्व शिक्षण-संस्थाओं पर छोड़कर वे बेफ्रिक हो जाते हैं।ऐसी स्थिति में बालकों में संस्कारों का निर्माण नहीं हो पाता है और बालक शुरू से ही माता-पिता, अभिभावकों की आज्ञा पालन का उल्लंघन करने लगता है।शुरू में बालकों की इन हरकतों को बालक समझकर टाल देते हैं परन्तु इस तरह की हरकतें बालकों में धीरे-धीरे विकसित होकर आदत का निर्माण कर लेती है।बाद में बालक बड़ों का,माता-पिता को अपमानित करने लगता है तब हमें अहसास होता है कि हमनें उनमें संस्कारों का निर्माण न करके कितनी बड़ी भूल कर दी है।परन्तु तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।क्योंकि वृक्ष जब छोटा होता है तो उसकी हमें देखभाल करनी होती है परन्तु जब वृक्ष बड़ा हो जाता है तो हमें वैसे ही फल मिलते हैं जिस प्रकार का वृक्ष हमनें लगाया है।
- उपर्युक्त आर्टिकल में अपने बड़ों का सम्मान कैसे करें? (How To Respect Our Elders in Hindi),बड़ों का सम्मान क्यों जरूरी है? (Why is Respecting Elders Important in Hindi) के बारे में बताया गया है।
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