How to provide quality education to Children in hindi
- बालकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे उपलब्ध कराएं? (How to provide quality education to Children in hindi) इसके लिए अध्यापकों,माता-पिता तथा अभिभावकों को जागरूक,सतर्क और सावधान होना होगा।आधुनिक शिक्षा में भौतिक शिक्षा तथा जाॅब प्राप्त करने की शिक्षा का समाधान तो है परन्तु छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्त्व और चरित्र का निर्माण करने की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है।लेकिन फिर भी अध्यापक वर्ग प्रसंगवश छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व और चरित्र निर्माण के लिए प्रसंगवश ऐसे दृष्टान्त दे सकता है जिससे बालकों का समुचित विकास हो सके।इस वीडियो में इसी के बारे में बताया गया है।
- आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित Video को शेयर करें ।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके ।यदि वीडियो पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए ।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं। इस वीडियो को पूरा पढ़ें।
Also Read This Article-What is the objectives of teaching Geometry
- वर्तमान समय में बालकों के रंग-ढंग,चाल चलन,तौर-तरीकों तथा कार्यप्रणाली को देखकर माता-पिता,अभिभावक,शिक्षकों तथा देश के प्रबुद्धजन यह सोचने को विवश हो गए हैं कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे उपलब्ध कराई जाए? अधिकांश स्कूलों में बालकों को व्याख्यान विधि द्वारा पढ़ाया व समझाया जाता है जो कि एक अवैज्ञानिक विधि मानी जाती है।साथ ही आधुनिक युग में यह विधि शिक्षा के लिए उपयुक्त नहीं जाती है।
- मानव जीवन में शिक्षा एवं स्वास्थ्य दो ऐसी आवश्यकताएँ हैं जो सरकारी स्तर पर निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।आज हम शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाए रखने के कुछ टिप्स बताएंगे जिससे शिक्षा के स्तर में सुधार करना संभव है।
- शिक्षक पुराने व परंपरागत तरीके से ही शिक्षण उपलब्ध कराते हैं अतः शिक्षकों को समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स कराया जाए तथा रिफ्रेशर कोर्स में उन्हें नवीन तकनीकी की जानकारी दी जानी चाहिए।शिक्षकों को लीडरशिप के गुर सिखाए जाए तथा उन्हें बताया जाए कि अपने शिक्षण के द्वारा बच्चों के सामने नई पहल करें।बच्चे पहेलियों,संगीत,मॉडल्स तथा खेल-खिलौने में रुचि रखते हैं।इसलिए उन्हें पहेलियां,संगीत,माॅडल्स तथा खेल-खिलौनों के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाए।अर्थात् अपने शिक्षण में इनका प्रयोग करें।
via https://youtu.be/wV-ZWYrJA3A
- शिक्षकों को प्रशिक्षित करने से शिक्षा संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी।शिक्षकों को तकनीकी व नई-नई जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी तो वे अपटुडेट रहेंगे।
- समाज के हर वर्ग के लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए नवीन तकनीकी की जानकारी और उसका इस्तेमाल किया जाना आवश्यक है।इसके लिए शिक्षक-अभिभावक बैठक आयोजित की जानी चाहिए।अभिभावकों को बताया जाए कि बच्चों पर सतत निगरानी रखना उनका कर्त्तव्य है।केवल शिक्षा संस्थानों पर जिम्मेदारी डाल कर अपने कर्त्तव्य से विमुख न हो।
अभिभावकों का कर्त्तव्य है कि शिक्षकों के साथ-साथ अपने बच्चों को समय दे।शिक्षा संस्थान में पाठ्यक्रम से संबंधित वार्तालाप करें।और उसके उपरांत नियमित रूप से विद्यालय में शिक्षकों से मिले और अपने बच्चों की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा करें। - जब शिक्षा संस्थान,शिक्षक और अभिभावक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ आधारभूत एवं मूलभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करेंगे तो बालकों में निश्चित रूप से परिवर्तन लाया जा सकेगा।
- यहाँ यह स्पष्ट करना भी आवश्यक है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से क्या तात्पर्य है? गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में चारित्रिक शिक्षा,व्यावहारिक शिक्षा भी शामिल है।ऐसी शिक्षा बालकों को व्यावहारिक जीवन में आने वाली वास्तविक कठिनाइयों से तो परिचित कराती ही है साथ ही उन कठिनाइयों तथा समस्याओं का मुकाबला और समाधान करना सिखाती है।
- वर्तमान में युवा वर्ग डिग्रियां हासिल करके जब जीवन क्षेत्र में उतरता है तो जीवन की वास्तविक घटनाओं से मुकाबला होते ही भाग खड़ा होता है।उसे इन कठिनाइयों से मुकाबला करना सिखाया ही नहीं जाता है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि माता-पिता,अभिभावक नहीं चाहते हैं कि बच्चे खतरों का सामना करें,यह स्वाभाविक भी है।परंतु खतरों के सामने माता-पिता व अभिभावक ढाल बनकर नहीं बल्कि एक सहायक के रूप में रहें।जैसे यदि बालक को तैरना सीखाना है तो पानी में तो कूदना ही पड़ेगा लेकिन बालक जब डूबने लग जाए तब उसे पकड़े और डूबने से कैसे बचा जाता है यह बताया जाए।यदि हम केवल उसे तैरने की किताब पढ़ाकर उसे पानी में नहीं उतारेंगे अर्थात् खतरों के ढाल बनकर रहेंगे तो ऐसा बालक जीवन में आनेवाली कठिनाइयों का सामना नहीं कर पाएगा।केवल किताबी ज्ञान ही न देकर व्यावहारिक व क्रियात्मक ज्ञान भी दिया जाना चाहिए जिससे बालक स्वयं समस्याओं का समाधान करना सीखें।
- उपर्युक्त आर्टिकल में बालकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे उपलब्ध कराएं? (How to provide quality education to Children in hindi),गुणवत्तापूर्ण शिक्षा क्या बनाती है? (What makes a quality education in hindi) के बारे में बताया गया है।
No. | Social Media | Url |
---|---|---|
1. | click here | |
2. | you tube | click here |
3. | click here | |
4. | click here | |
5. | click here | |
6. | Facebook Page | click here |