How to progress in life in hindi
1.जीवन में प्रगति कैसे करें? का परिचय (Introduction to How to progress in life in hindi),जीवन में प्रगति के टिप्स क्या हैं? (What is tips of progress in life in hindi):
- जीवन में प्रगति कैसे करें? (How to progress in life in hindi),जीवन में प्रगति के टिप्स क्या हैं? (What is tips of progress in life in hindi):जीवन में प्रगति,विकास तथा ऊँचा चढ़ने के लिए बहुत से गुणों की आवश्यकता होती है।शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी सीखना आवश्यक है।वर्तमान समय में शिक्षा संस्थानों में भौतिक शिक्षा तो उपलब्ध हो जाती है परन्तु संस्कारों का निर्माण माता-पिता,अभिभावक तथा छात्र-छात्राओं को स्वयं ही करना पड़ता है।
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2.जीवन में प्रगति कैसे करें? (How to progress in life in hindi),जीवन में प्रगति के टिप्स क्या हैं? (What is tips of progress in life in hindi):
- विश्व के बहुत से देशों की तुलना में भारत में अशिक्षा सर्वाधिक है।जिस देश व समाज में अशिक्षा एवं अज्ञान अधिक हैं वहाँ लोग शोषण,उत्पीड़न के शिकार हो जाते हैं।इस प्रकार अशिक्षा से वर्तमान जीवन एवं आगामी जीवन दोनों ही बिगड़ते हैं।अतः शिक्षा प्राप्त करने से जीवन का निर्माण होता है।
- बड़े-बुजुर्गों तथा महापुरुषों ने कहा है कि जिसने बाल्यकाल में शिक्षा अर्जित नहीं की उसका जीवन नष्ट हो जाता है तथा जिसने अपना आचरण शुद्ध व पवित्र नहीं रखा उसका सर्वस्व नष्ट हो जाता है।
- जिन बालकों के पूर्व संस्कार प्रबल होते हैं उनकी बात अलग है जैसे स्वामी दयानन्द सरस्वती,स्वामी विवेकानंद इत्यादि।ऐसे महापुरुष बाल्यकाल से ही प्रतिभा सम्पन्न होते हैं तथा थोड़े से सहयोग से या अपने अन्तर्ज्ञान से ही ऐसे महान् कार्य कर जाते हैं तथा उन्नति के ऐसे शिखर पर पहुँच जाते हैं जिसे देखकर संसार के लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं।वे अपने कार्यों से संसार के लोगों का मार्गदर्शन करते हैं तथा सारे संसार को प्रकाशित कर जाते हैं।परन्तु ऐसे मनुष्य बहुत कम होते हैं।यों जो चीज कम होती है वह बहुमूल्य होती है।जैसे रूई बहुत मात्रा में मिल जाती है जबकि सोना कम मात्रा में मिलता है इसलिए सोना बहुमूल्य होता है।
- स्पष्ट है कि सामान्य विद्यार्थियों की संख्या बहुत अधिक होती है परन्तु अधिकांशत देखा जाता है कि सामान्य विद्यार्थी पाठ्यक्रम को पूर्ण करने में लग जाते हैं और पाठ्यक्रम को पूरा करके सन्तुष्ट हो जाते हैं इसलिए सामान्य विद्यार्थी उन्नति नहीं कर पाते हैं।पाठ्यक्रम को पूर्ण करना बुरा नहीं है परन्तु पाठ्यक्रम को पूर्ण करने के बाद आगे विशिष्ट कार्य करने में अपनी बुद्धि और विवेक का उपयोग करना चाहिए।सामान्य तथा निम्न स्तर के विद्यार्थी इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं इसलिए उनके जीवन का निर्माण ठीक से नहीं होता है।
- सामान्य तथा निम्न स्तर के विद्यार्थियों के पास पढ़ाई के पश्चात समय बचता है तो उसे व्यर्थ के कार्यों में नष्ट कर देते हैं।उनका ध्यान फिल्मों के अभिनेताओं को देखकर फैशन करना,मटरगश्ती करना,गप्पे हाँकना जैसे बेकार की बातों में तो लगा रहता है परन्तु बौद्धिक,आत्मिक,चारित्रिक गुणों के विकास की तरफ उनका ध्यान नहीं जाता है।
- जो विद्यार्थी अपना ध्यान पढ़ाई,स्वाध्याय और जीवन के व्यावहारिक शिक्षण में लगाते हैं उन्हें जीना आ जाता है।
जीवन का निर्माण केवल पुस्तकों से नहीं होता है ये बातें उन्हें उन मनुष्यों की समीपता से व उन्हें समझने से होता है जिन मनुष्यों की समीपता से व उन्हें समझने से होता है जिन मनुष्यों का आचरण शुद्ध,सरल व पवित्र होता है। - जो विद्यार्थी सदाचार का व्यावहारिक महत्त्व समझ लेता है वह फैशनपरस्ती की चकाचौंध में नहीं फँसते हैं तथा उत्तरोत्तर अपना विकास व आत्मोन्नति करते जाते हैं।
- विद्यार्थी सबसे अधिक माता-पिता व अध्यापकों के सम्पर्क में रहता है तथा उनके जीवन का बहुत प्रभाव पड़ता है।इनसे विद्यार्थी बहुत कुछ सीख सकता है।लेकिन यदि विद्यार्थी नहीं चाहे तो माता-पिता,अध्यापक ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं।अतः विद्यार्थी यदि जिज्ञासु प्रवृत्ति का होगा तो अपने व्यक्तित्त्व को उन्नत कर सकता है।
- निष्कर्षःबालक अपने साथ अच्छे व बुरे दोनों प्रकार के संस्कार लेकर आता है।ये संस्कार सुप्त रहते हैं। अतः यदि विद्यार्थी सद्प्रवृत्तियों को धारण करने की कोशिश करता है तो उसके अच्छे संस्कार ही जागते हैं अर्थात् उदित होते हैं।बाल्यावस्था पुरुषार्थ और साधना करने का होता है फैशनपरस्ती का नहीं।अभिभावकों तथा शिक्षकों के मार्गदर्शन का लाभ तभी मिल सकता है जबकि विद्यार्थी की रुचि सद्प्रवृत्तियों की ओर हो।
- उपर्युक्त आर्टिकल में जीवन में प्रगति कैसे करें? (How to progress in life in hindi),जीवन में प्रगति के टिप्स क्या हैं? (What is tips of progress in life in hindi) के बारे में बताया गया है है।
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