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How to Choose Right Goal in Your Life?

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1.अपने जीवन का सही लक्ष्य कैसे चुने? (How to Choose Right Goal in Your Life?),छात्र-छात्राएँ जीवन का सही लक्ष्य कैसे चुनें? (How to Choose Students Right Goal in Life?):

  • अपने जीवन का सही लक्ष्य कैसे चुने? (How to Choose Right Goal in Your Life?) क्योंकि सही लक्ष्य का चुनाव न करना इधर-उधर भटकना होता है।जबकि सही लक्ष्य का चुनाव करके आप अपनी अंतर्निहित शक्तियों,क्षमताओं,योग्यताओं को विकसित कर पाते हैं।युवाओं तथा छात्र-छात्राओं में इतनी ऊर्जा होती है कि वे बहुत कुछ करने में सक्षम है।उनके मन के खजाने में इंद्रधनुषी ख्वाबों की कमी नहीं है,लेकिन इनमें कौन सा ख्वाब सही और सच्चा है यह जानना भी आवश्यक है।
  • उनके ख्वाबों के पंख तभी लग सकते हैं जबकि जीवन में सही लक्ष्य का निर्धारण हो।युवा अपने जोश व दमखम का सही उपयोग एक सही जीवन के लक्ष्य के आधार पर ही कर सकते हैं।
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2.सही लक्ष्य का निर्धारण कैसे करें? (How to Set the Right Goal?):

  • सही लक्ष्य का निर्धारण करना हमारे जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है।माता-पिता,मित्रों,शिक्षकों द्वारा अक्सर छात्र-छात्रा से यह प्रश्न पूछा जाता है कि उनके जीवन का लक्ष्य क्या है? जो युवा अपनी रुचि किसी कार्य पर कायम नहीं कर पा रहे हैं और इधर-उधर भटक रहे हैं उनसे भी यह प्रश्न पूछा जाता है।
  • परंतु हम इस प्रश्न का सटीक उत्तर नहीं जानते हैं अथवा कुछ अनिश्चित और अस्पष्ट-सा उत्तर देते हैं:एक सफल व्यक्ति बनना।परंतु सफल व्यक्ति किस क्षेत्र में,किस ऊंचाई तक और कितने समय में,इन स्पष्ट प्रश्नों के उत्तर हममें से अधिकांश लोगों के पास नहीं होते और इसीलिए हम हमारे जीवन के सही लक्ष्य का चुनाव नहीं कर पाते।
  • एक सफल व्यक्ति बनना तो सभी के जीवन का लक्ष्य है। अन्ना हजारे,स्वामी रामदेव,विराट कोहली,अमर्त्य सेन,चेतन भगत,लता मंगेशकर आदि सभी सफल व्यक्ति हैं लेकिन क्या इन सब ने सफलता के लिए एक जैसे कार्य किए हैं? क्या इन्होंने एक जैसी उम्र में सफलता प्राप्त की है? क्या इन सबकी आय बराबर है? नहीं! क्योंकि ये सभी अलग-अलग क्षेत्रों में सफल व्यक्ति हैं।
  • आपको भी अपने सही क्षेत्र को चुनना है,ताकि आप अपने प्रयासों को सही दिशा में लगा सके।आपको पता हो कि आप अपने समय का एक-एक पल केवल अपने लक्ष्य की प्राप्ति में लगा रहे हैं।लक्ष्य के बारे में सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि वो आपका अपना लक्ष्य हो।इसके लिए आपको स्वयं अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा।अपने दिल की आवाज सुने।
  • सही लक्ष्य का चुनाव करने हेतु आपकी चाहत है उसकी सूची बना लें।फिर अलग से उन कार्यों की सूची बनाएं जिनको करने की क्षमता,सामर्थ्य व योग्यता आपमें है।दोनों का मिलान कर लें और जिस कार्य का मिलान दोनों सूचियां में हो उसे लक्ष्य बनाया जा सकता है।
  • आपके जीवन का लक्ष्य वह है जिसे करने की आपमें योग्यता व क्षमता है,जिसे आप दिल से चाहते हैं,आपकी आत्मा जिसे स्वीकार करती है और जिसके लिए आप कुछ भी कर सकते हैं,कुछ ऐसा जिसके लिए आप बिना कोई शर्त रखें कठिन परिश्रम और निरन्तर प्रयत्न कर सकते हैं और तब तक नहीं रुकते जब तक आप उसे हासिल नहीं कर लेते।
  • सही लक्ष्य का निर्धारण तथा लक्ष्य की प्राप्ति कभी रातोंरात नहीं हो जाती है।

3.सही लक्ष्य के निर्धारण हेतु मुख्य बिंदु (Key Points for Setting the Right Target):

  • हालांकि सही लक्ष्य का निर्धारण हेतु उपर्युक्त बिंदु में बताने का प्रयास किया गया है।फिर भी आपका लक्ष्य आपकी अंतर्निहित योग्यताओं,क्षमताओं,कमजोरियों,अवसर और चुनौतियां द्वारा निर्धारित होता है।योग्यताएं एवं क्षमताएं आपके अंदर निहित होती है जबकि अवसर और चुनौतियां बाहरी वातावरण में।
  • अपनी योग्यताओं व क्षमताओं के आधार पर लक्ष्य का चुनाव किया जाता है।वास्तव में किसी भी युग में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं हुआ जो हर चीज में सर्वश्रेष्ठ हो परंतु यदि वह अपनी योग्यता,क्षमता व रुचि के आधार पर अपना लक्ष्य चुने और उसी में कठिन परिश्रम करने की कोशिश करें तो वह उस क्षेत्र में सर्वोत्तम हो सकता है।
  • आपकी योग्यता,क्षमता,रुचि व चाहत आपको अपना लक्ष्य निर्धारित करने में सहायता करती है।यदि आपका कंठ मधुर है तो आप गायक बन सकते हैं।यदि आपका शारीरिक गठन अच्छा है तो आप एक खिलाड़ी बनने के बारे में सोच सकते हैं।यदि आपकी गणित में रुचि है और वक्तव्य शैली अच्छी है तो आपके लिए एक शिक्षक और प्राध्यापक का क्षेत्र चुनना सही हो सकता है।यदि आपकी बौद्धिक,तार्किक क्षमता व याददाश्त अच्छी है तो आप आप निजी अथवा सरकारी सेवाओं के लिए तैयारी कर सकते हैं इत्यादि।
  • किसी युवक-युवती में एक से अधिक योग्यता,क्षमता भी हो सकती है।उन सभी का मिश्रण भी उसे अपने लक्ष्य के चयन का आधार प्रदान करता है।आपने देखा होगा कि अधिकांशतः वकीलों के लड़के वकील,अध्यापकों के लड़के अध्यापक और व्यवसायियों के लड़के व्यवसायी बनते हैं क्योंकि उनको वैसा ही करने का वातावरण बचपन से उपलब्ध होता है।उन्हें बचपन से उस कार्य का अनुभव होता है क्योंकि वो अपने पिता,दादा और परिवार के अन्य सदस्यों से वही चीज़ सीखते आए हैं।
  • व्यक्ति में कुछ कमजोरियां भी होती है।अपनी कमजोरियों की सूची बनाने का अर्थ यह नहीं है कि आप हीन भावना के शिकार हो जाएँ।कमजोरियों को पहचान कर उसे दूर करते रहना है।यदि आप किसी लक्ष्य को पाना चाहते हैं और आपकी कोई कमजोरी उसके बीच में बाधा बनी तो आप उससे दूर कर सकते हैं।बस,इस व्यावहारिकता को समझना आवश्यक है कि आप उसे कितनी जल्दी और कितनी आसानी से दूर कर सकते हैं।
  • अवसर (opportunity) एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण शब्द है,अवसर का अर्थ है कि जो आप बनना चाहते हैं उसका व्यावसायिक और सामाजिक जगत में कितना उपयोग है।आज हमारा समाज और व्यावसायिक जगत इतना विकसित हो गया है कि वह हमें कला से लेकर विज्ञान तक,शारीरिक दक्षता से लेकर मानसिक दक्षता तक हर प्रकार का अवसर प्रदान करता है।बस,आपको उन अवसरों को तलाश करके उनके अनुरूप अपने लक्ष्य को निर्धारित करने या ढालने की आवश्यकता है,जिससे कि आप अपने जुनून (passion) को अपना व्यवसाय/कैरियर (profession) बना सकें।
  • वातावरण से मिलने वाली धमकियाँ या चुनौतियाँ हर क्षेत्र में है और ये सबके लिए हैं।आपको अपनी प्रतिभा और कड़े परिश्रम से उनका सामना करना है।चुनौतियाँ ही आपको अपने लक्ष्य पर गर्व अनुभव कराती हैं।
  • इन बातों को ध्यान में रखने पर आप अपने सही लक्ष्य का चुनाव कर सकते हैं।आप यह भी समझ गए होंगे कि लक्ष्य को निर्धारित करना कितना महत्त्वपूर्ण है।और लक्ष्य के निर्धारण में कितनी बातों का ध्यान रखना पड़ता है।

4.लक्ष्य को अपना जुनून बनाएं (Make the Goal Your Passion):

  • लक्ष्य को तभी प्राप्त किया जा सकता है जबकि वो आपका जुनून बन जाए।जब आप सोते-जागते,उठते-बैठते,चलते-फिरते केवल और केवल अपने लक्ष्य के बारे में सोचते हैं,उसी पर काम करते हैं और उसी के लिए योजना बनाते हैं तो वो आपका जुनून बन जाता है।बिना जुनून के लक्ष्य प्राप्ति की तैयारी और जुनून के साथ लक्ष्य की तैयारी में बहुत अंतर है।
  • बिना जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि मुझे यह काम करना चाहिए ताकि मैं लक्ष्य को प्राप्त कर सकूं,भगवान करे कोई मुश्किल ना आए जबकि जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि मैं यह काम करके ही रहूंगा,चाहे कितनी ही मुश्किलें आएं।बिना जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि अगर वह व्यक्ति मेरी मदद कर दे तो यह काम जरा आसान हो जाए जबकि जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि मैं यह काम खुद कर लूंगा चाहे किसी की मदद मिले या ना मिले।
  • बिना जुनून के लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि आज मैं कुछ ओर काम कर लेता हूं,यह काम कल करूंगा जबकि जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि मैं तब तक कोई ओर काम नहीं करूंगा,जब तक मेरा लक्ष्य मुझे प्राप्त नहीं हो जाता।
  • बिना जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि कुछ दिन कुछ ओर काम कर लेता हूं,इससे मुझे काफी लाभ होगा जबकि जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि मेरा केवल एक ही लक्ष्य है।मैं छोटे-मोटे फायदे के लिए अपने जीवन के लक्ष्य से एक पल भी नहीं भटक सकता।
  • बिना जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि मेरे संसाधन खत्म हो रहे हैं।कोई मेरी मदद भी नहीं कर रहा।लगता है मुझे लक्ष्य बदलना पड़ेगा।जबकि जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि मेरे संसाधन खत्म हो रहे हैं।कोई मेरी मदद भी नहीं कर रहा।अब तो पीछे हटने का कोई प्रश्न ही नहीं।ऐसे में अपना लक्ष्य प्राप्त करने का मजा ही कुछ ओर है।
  • बिना जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि न जाने मैंने लक्ष्य स्थापित क्यों किया,न तो मैं इसे प्राप्त कर पा रहा हूं और न ही मैं अपनी योग्यता व क्षमता कहीं ओर प्रयोग कर पा रहा हूं।इससे तो अच्छा है मैं लक्ष्य ही निर्धारण नहीं करता।जबकि जुनून के साथ लक्ष्य वाला व्यक्ति सोचता है कि अच्छा हुआ मैंने एक लक्ष्य स्थापित किया और मैं भटकने से बच गया।अब मुझे विश्वास है कि मैं अपनी सारी शक्ति सही राह पर लगा रहा हूं।
  • कठिनाइयां लक्ष्य प्राप्ति में रुकावट नहीं होती।वे केवल यह जांच करती है कि क्या आपके अंदर लक्ष्य प्राप्ति का जुनून है? यदि जुनून है तो आपको साधनों की आवश्यकता नहीं होती।यदि आप एक बार ठान लेते हैं तो मुसीबतें आपसे भागना शुरू कर देती हैं।
  • जिस प्रकार एक इंजन रेलगाड़ी को चलाता है उसी प्रकार जुनून आपको लक्ष्य की ओर ले जाता है।आज के व्यावसायिक जगत में जुनून (passion) एक आवश्यक शब्द बन गया है।यदि आपका साक्षात्कार हो रहा है और आपसे अपने लक्ष्य के बारे में पूछा जाता है तो न केवल यह भी देखा जाता है कि आप अपने लक्ष्य के बारे में कितने स्पष्ट है,बल्कि यह भी देखा जाता है कि उसकी चर्चा करते हुए आपके भीतर कितनी उमंग है,कितना जोश है और आप कितने प्रसन्न हैं कि आपने ये लक्ष्य चुना है।
  • यदि आप अनमने मन से अपने लक्ष्य की बात करेंगे तो यह मान लिया जाएगा कि आपने लक्ष्य तो निर्धारित कर लिया परंतु उसके लिए आपके अंदर जुनून नहीं है और आप कभी भी अपने मार्ग से भटक सकते हैं।

5.लक्ष्य की साधना का दृष्टांत (The Illustration of the Pursuit of the Goal):

  • एक गणित का विद्यार्थी हॉस्टल में रहता था।वह गणित शिक्षक का प्रिय शिष्य था।उस विद्यार्थी का मन गणित को हल करने में लगता था।एक बार की बात है कि आधी रात के समय उस विद्यार्थी के कमरे की बिजली जलती हुई देखकर गणित शिक्षक चौंके।
  • उन्होंने उस विद्यार्थी के कमरे की खिड़की से झाँककर देखा कि वह विद्यार्थी अगली कक्षा की गणित के सवाल कर रहा है।गणित शिक्षक यह देखकर आश्चर्यचकित हो गए क्योंकि अगली कक्षा की गणित के सवाल हल करना,उन्होंने विद्यार्थी को अभी नहीं सिखाया था।उन्होंने कमरा खुलवाया और विद्यार्थी की प्रशंसा की और पूछा:यह गणित तो मैंने तो अब तक सिखाई ही नहीं,फिर तुम कैसे गणित के सवाल हल कर पाए।
  • उस विद्यार्थी ने कहा कि कल मैं एक प्राचीन गणितज्ञ का प्रेरक प्रसंग पढ़ रहा था।उसमे वर्णित था कि कैसे उन्होंने अपनी अंतःप्रज्ञा के बल पर खोज कार्य किया? मैं भी यही चाहता हूं कि अंत:प्रज्ञा के बल पर अपने सवाल हल कर पाता हूं या नहीं।मैं अंतःचक्षु के बल पर लक्ष्य (सवालों को हल करना) का सटीक निशाना और अनुमान लगा सकता हूं या नहीं।उसी के बल पर इस गणित के सवालों को हल कर पाया हूं।उसका उत्तर सुनकर गणित शिक्षक गदगद हो गए।उन्होंने विद्यार्थी को गणित में श्रेष्ठ बनने का आशीर्वाद दिया।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में अपने जीवन का सही लक्ष्य कैसे चुने? (How to Choose Right Goal in Your Life?),छात्र-छात्राएँ जीवन का सही लक्ष्य कैसे चुनें? (How to Choose Students Right Goal in Life?) के बारे में बताया गया है।

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6.गधों से सवाल समझना (हास्य-व्यंग्य) (Understand Questions from Donkeys) (Humour-Satire):

  • गणित शिक्षक ने छात्र को डाँटते हुए कहा कि तुममें तो गधों से सवाल समझने जितनी अक्ल नहीं है।
  • छात्र ने पलटकर कर कहा:समझने की कोशिश तो कर रहा हूं सर।

7.अपने जीवन का सही लक्ष्य कैसे चुने? (Frequently Asked Questions Related to How to Choose Right Goal in Your Life?),छात्र-छात्राएँ जीवन का सही लक्ष्य कैसे चुनें? (How to Choose Students Right Goal in Life?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.लक्ष्य कब जुनून में बदल जाता है? (When Does the Goal Turn into Passion?):

उत्तर:(1.)जब आपने अपना लक्ष्य दिल से निर्धारित किया है।आप उसे अपना अस्तित्व मानते हैं और उसके बिना आप अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।
(2.)जब आपके पास ओर कोई विकल्प नहीं होता।जब आपका सम्मान,जीवन का बहुत सा धन दाँव पर लगा होता है और आप उसका नुकसान सहन नहीं कर सकते।
(3.)जब आप दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि आप भी असाधारण कार्य कर सकते हैं या आप किसी ऐसे व्यक्ति को कुछ दिखाना चाहते हैं जिसने कभी आपका अपमान किया है।
(4.)जब आपका लक्ष्य केवल आपका नहीं होता,उससे आपकी पत्नी,बच्चों और परिवार की खुशियाँ भी जुड़ी होती है तो आप उन खुशियों को महत्त्व देते हो और आपका लक्ष्य आपके लिए एक जुनून बन जाता है।

प्रश्न:2.अपने अंदर जुनून कैसे लाएं? (How to Bring Passion within You?):

उत्तर:(1.)आपका मन जब भी परीक्षा से उकताए तो आप सोचें कि जब आपको जॉब मिल जाएगा तो क्या होगा? उस समय के वातावरण की कल्पना करें।सोचें कि आपके मित्र,परिजन और मिलने-जुलने वाले आप पर कितना गर्व करेंगे,आपकी एक अलग ही शान होगी,आप एकदम आम आदमी से खास आदमी बन जाएंगे,जैसे ही आपके मन में यह दृश्य उभरेगा,आप पुनः परीक्षा की तैयारी में जुट जाएंगे।
(2.)हमेशा यह सोचें कि आप जीवन को ऐसे ही बिताने के लिए नहीं आए।आप कुछ ऐसा करने के लिए पैदा हुए हैं जिसे लोग याद रखें।हर व्यक्ति आपकी मिसाल देगा क्योंकि आप अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ होंगे और श्रेष्ठता साधारण प्रयासों से नहीं आती इसके लिए आपको निरंतर प्रयत्न करना ही होगा।यही भावना आपके मन में जुनून पैदा कर सकती है।
(3.)अपने लक्ष्य पर एक-एक पल नजर रखें और देखें कि आप सही राह पर चल रहे हैं अथवा नहीं।अपने लक्ष्य के मार्ग पर आपको कोई सफलता हासिल हो,उसका जश्न मनाएं इससे आपको ओर अधिक उत्साह मिलेगा।
(4.)ऐसे लोगों की सूची बनाएं जिनमें आप अपने लक्ष्य के प्रति जुनून देखते हैं।उनके व्यवहार से सीखें।उनकी गतिविधियों पर नजर रखें और संभव हो सके तो उनसे मिलकर यह जानने की कोशिश करें कि वह अपने मन में लक्ष्य के प्रति जुनून कैसे जीवित रख पाते हैं?
(5.)स्वयं के प्रति विश्वास रखें।आप जिस लक्ष्य को सोच सकते हैं उसे कर भी सकते हैं।यह बहुत महत्त्वपूर्ण सत्य है कि जिस पल भी अपनी क्षमताओं पर संदेह करने लगते हैं।आपका जोश कम होने लगता है और आपका लक्ष्य आपका जुनून नहीं बन पाता।

प्रश्न:3.लक्ष्य के बिना व्यक्ति की स्थिति कैसी होती है? (What is the Situation of a Person without a Goal?):

उत्तर:(1.) लक्ष्य के बिना मनुष्य ऐसा है जैसे कोई जहाज दिशाहीन होकर समुद्र में भटक रहा है।
(2.)आप अपना लक्ष्य किसी ओर को निर्धारित न करने दें,यह अपनी खुशियों को एक अंधेरी कोठरी में कैद करने जैसा है।
(3.)अपनी राह की कठिनाइयां हमें तभी दिखाई देती हैं जब हमारी आंखें अपने लक्ष्य से हट जाती है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा अपने जीवन का सही लक्ष्य कैसे चुने? (How to Choose Right Goal in Your Life?),छात्र-छात्राएँ जीवन का सही लक्ष्य कैसे चुनें? (How to Choose Students Right Goal in Life?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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