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How to Apply for Company Secretary Job?

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1.कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी के लिए आवेदन कैसे करें?(How to Apply for Company Secretary Job?),कम्पनी सचिव का पाठ्यक्रम क्या है? (What is Company Secretary Courses?):

  • कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी के लिए आवेदन कैसे करें?(How to Apply for Company Secretary Job?) वस्तुतः किसी भी व्यक्ति को अपने सांसारिक,पारिवारिक कर्त्तव्यों का पालन करने के लिए तथा देश को लोक कल्याणकारी दायित्व भूमिका निभाने के लिए आर्थिक रूप से सुदृढ़ होना जरूरी है।किसी भी व्यक्ति या राष्ट्र की संपन्नता उसकी आर्थिक सुदृढ़ता पर निर्भर करती है और व्यक्ति की आर्थिक सुदृढ़ता में जॉब,नौकरी या व्यवसाय की तथा राष्ट्र की आर्थिक सुदृढ़ता में उद्योगों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • सरकार की उदारीकरण नीतियों के फलस्वरूप देश में औद्योगिक एवं वित्तीय कम्पनियों की बाढ़ सी आ गई है।देश में चारों ओर राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कंपनियों का जाल सा बिछ गया है और वे तेजी से पैर जमाने की होड़ में शामिल होती जा रही हैं।यही स्थिति व्यक्ति दर व्यक्ति की पाई जा रही है।कम्पनियों की बाढ़ से इस देश में रोजगार के स्वर्णिम अवसर पैदा हो गए हैं।कंपनियों के बेहतर संचालन हेतु कुशल तथा प्रशिक्षित पदाधिकारियों की टीम की आवश्यकता होती है।जिसमें सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पद ‘कम्पनी सेक्रेटरी’ का होता है।आज के बदलते परिदृश्य में एक कम्पनी सेक्रेटरी की भूमिका महत्त्वपूर्ण हो गई है।
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2.कम्पनी सचिव के लिए प्रक्रिया और दायित्व (Procedure and Responsibilities for Company Secretary):

  • कम्पनी सेक्रेटरी बनने के लिए ‘द इंस्टिट्यूट ऑफ सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया’ (ICSI) द्वारा निर्धारित कम्पनी सेक्रेटरीज पाठ्यक्रम पूर्ण करना होता है।इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई आईसीएसआई के मुख्य कार्यालय अथवा इसके चार क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई,कोलकाता,चेन्नई तथा नई दिल्ली में है।इंस्टीट्यूट के पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने वाले छात्र पत्राचार के अतिरिक्त देश के प्रमुख शहरों में स्थित मौखिक अध्ययन केन्द्रों पर भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।आई सी एस आई द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रमों को पूरा करने के पश्चात उम्मीदवार को इस संस्थान की सदस्यता प्राप्त हो जाती है।कंपनी सेक्रेटरी इंस्टीट्यूट की सदस्यता प्राप्त व्यक्ति ही कम्पनी सेक्रेटरी के पद पर नियुक्ति के पात्र होते हैं।
  • कंपनी के निदेशक मंडल का मार्गदर्शन करना,कंपनी के कर्मचारियों,कम्पनी की उन्नति व उसके कारोबार को सफलतापूर्वक बढ़ाने का दायित्व कम्पनी सेक्रेटरी के ऊपर होता है।कम्पनी की अधिकतर योजनाएं और नीतियों को बनाने में परामर्श देना,सभाओं का आयोजन करना,अंशधारियों से पत्राचार करना,वित्तीय व्यवस्था करना इत्यादि दायित्व भी इनके ऊपर होता है।

3.कम्पनी सचिव के लिए योग्यता और पंजीकरण का तरीका (Eligibility and Registration Method for Company Secretary):

  • कम्पनी सचिव का पाठ्यक्रम थोड़ा जटिल होने के कारण अभ्यर्थियों से कठिन परिश्रम व एकाग्रचित्त होकर अध्ययन करने की अपेक्षा करता है।वैसे सफलता के लिए कठिन परिश्रम के अलावा कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है।कंपनी सेक्रेटरी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए सर्वप्रथम अभ्यर्थी को इंस्टीट्यूट द्वारा संचालित प्रारम्भिक परीक्षा (Foundation Course) (CSEET, Computer Based Exam) उत्तीर्ण करनी होती है।
  • प्रारम्भिक परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी को किसी बोर्ड से किसी भी संकाय में 10+2 या इसके समकक्ष योग्यता होना अनिवार्य है।यहाँ यह भी उल्लेखनीय होगा कि आईसीएसआई की प्रारंभिक परीक्षा में वे छात्र भी शामिल हो सकते हैं जो इंटरमीडिएट (10+2 प्रणाली) परीक्षा दे चुके हैं और परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा में हैं।ऐसे अभ्यर्थियों को पंजीकरण के छह माह के भीतर इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है।कंपनी सेक्रेटरी के पाठ्यक्रम में प्रवेश तभी संभव है जबकि प्रार्थी निर्धारित अंकों के साथ प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर ले।प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात अभ्यर्थी को इंस्टीट्यूट द्वारा संचालित इंटरमीडिएट एवं फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है।
  • प्रारम्भिक परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रार्थी को इंस्टिट्यूट (isci.eduwebsite) में अपना पंजीकरण कराना होता है।यह पंजीकरण पाँच वर्ष के लिए वैध माना जाता है।पंजीकृत छात्रों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे इस अवधि में अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लेंगे।विशेष परिस्थितियों में निर्धारित अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है।
  • यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि आईसीएसआई के पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु ऐसे अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा से मुक्त रखा गया है जिन्होंने वाणिज्य स्नातक (B.com) अथवा कार्पोरेट सेक्रेटरीशिप में डिग्री अथवा वाणिज्य में राष्ट्रीय डिप्लोमा ‘इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड एकाउंटेंसी’ की अन्तिम परीक्षा अथवा 50 प्रतिशत से अधिक अंकों सहित किसी भी विषय में स्नातक की उपाधि अथवा स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की हो।कुछ खास योग्यता प्राप्त उम्मीदवारों को इंटरमीडिएट परीक्षा से मुक्त रखा जाता है।

4.कम्पनी सचिव के लिए परीक्षा और प्रश्न-पत्र (Exam and Question Papers for Company Secretary):

  • प्रारंभिक परीक्षा का उद्देश्य उम्मीदवारों को ऐसे विषयों की मूलभूत व तथ्यपरक जानकारी देना है जो प्रत्यक्ष रूप से कंपनी सेक्रेटरी से संबद्ध है।इस पाठ्यक्रम के अन्तर्गत छात्रों को चार प्रशन-पत्रों:व्यापार संचार (Business Communication),व्यापार कानून एवं प्रबंधन (Business Laws and Management),लेखा सिद्धान्त (Principles of Accountancy) तथा अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी (Economics and Statistics) की परीक्षा देनी होती है,इंटरमीडिएट एवं फाइनल परीक्षाओं में कंपनी अधिनियम और प्रबंधन,लेखा-जोखा के आधारभूत सिद्धान्तों,टैक्स अधिनियमों,औद्योगिक श्रम कानूनों आदि की परीक्षा देनी होती है।
  • आईसीएसआई की परीक्षाओं में प्रार्थी को प्रत्येक विषय में न्यूनतम 40% तथा कुल मिलाकर 50% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होता है।इन तीनों स्तरों की परीक्षाओं में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है।व्यावहारिक प्रशिक्षण दो से तीन वर्षों का होता है।इसके बाद उन्हें सह-प्रशिक्षण (ऑन द जॉब ट्रेनिंग) दिया जाता है।इन प्रशिक्षणों को प्राप्त करने के बाद आईसीएसआई की सदस्यता के लिए व्यक्ति पात्र हो जाता है।

5.कंपनी सचिव के बारे में अन्य तथ्य (Other Facts for Company Secretary):

  • यहाँ यह उल्लेखनीय है कि आईसीएसआई में पंजीकरण वर्षभर होता रहता है।पाठ्यक्रम की परीक्षाएं दिसम्बर, जनवरी,मई व जुलाई में आयोजित की जाती है।परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर हिन्दी या अंग्रेजी में देने की छूट होती है किन्तु पत्राचार द्वारा पाठ्यक्रम सामग्री हिन्दी,अंग्रेजी में उपलब्ध कराई जाती है।परीक्षाएं देश के प्रमुख शहरों में आयोजित की जाती है।
  • आज जबकि विश्व परिदृश्य बदल रहा है व अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में बढ़ोतरी हो रही है।ऐसी स्थिति में आने वाले समय में कम्पनी सेक्रेटरी का भविष्य उज्जवल कहा जा सकता है क्योंकि देश में कंपनियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।एक अनुभवी कम्पनी सेक्रेटरी अपनी क्षमताओं एवं शैक्षणिक उपलब्धियों के बल पर कम्पनियों में निदेशक,प्रबन्ध निदेशक और चेयरमैन तक बन सकता है।इसके अतिरिक्त समय-समय पर सरकार द्वारा प्रशिक्षित व अनुभवी कम्पनी सेक्रेटरी को विदेशों में भी भेजा जाता है।

6.कंपनी सचिव के बारे में दो बातें (Two Things About the Company Secretary):

  • उदारीकरण के बाद बहुराष्ट्रीय कंपनियों तथा राष्ट्रीय कंपनियों ने सब जगह पैर पसार लिए हैं।अब हर देश में अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियां मिल जाएंगी।अतः युवाओं का प्रतिभा पलायन कम से कम भारत देश में ज्यादा बड़ी समस्या नहीं रहा है।
  • परंतु हर युग में हर समय कुछ बदलाव आता है और आ रहा है।आज अधिकांश युवाओं की धन के प्रति दीवानगी देखी जा सकती है।जाॅब वही करना जिसमें धन की बरसात हो।अधिकांश युवावर्ग इसी सूत्र को अपनाए हुए हैं।अधिक धन से अधिकतम धन की प्राप्ति उनके जीवन का लक्ष्य बना हुआ है।
  • कल तक जो युवावर्ग प्रशासनिक सेवाओं में सबसे आगे रहता था परन्तु उदारीकरण,कम्पनियों में अच्छे वेतनमान तथा धन की बरसात ने प्रशासनिक सेवाओं के प्रति दीवानगी कम कर दी है।
  • आज युवावर्ग बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी करना पसंद करता है।कई उदाहरण तो ऐसे भी देखने में आते हैं कि प्रशासनिक सेवा में चयन होने तथा कुछ वर्षों तक प्रशासनिक सेवा करने के बाद कुछ युवा उसे छोड़कर बहुराष्ट्रीय कंपनी में जॉब प्राप्त करने के लिए चले गए।धन कुछ है,बहुत कुछ है,पर सबकुछ नहीं हैं।इसके लिए युवावर्ग को सोचना होगा कि धन कमाने के अलावा भी जीवन के कुछ मकसद हैं।जैसे राष्ट्र के प्रति भक्ति,मानवीयता,संवेदनशील होना,परमार्थ के लिए भी कुछ करना।
  • इसके लिए उन्हें संकीर्ण सोच के दायरे से बाहर निकलना होगा।अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाना होगा।
  • माना कि धन से सांसारिक,पारिवारिक कर्त्तव्यों का पालन किया जाता है इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।परंतु धन कमाने के तरीके साफ-सुथरे और नैतिक होने चाहिए।साथ ही सामाजिक,राष्ट्रीय कर्त्तव्यों का पालन भी अवश्य करना चाहिए।
  • यदि जाॅब तथा राष्ट्र में से किसी एक को चुनाव करने का मौका आए तो राष्ट्र को वरीयता देनी चाहिए।हजारों वर्षों की गुलामी झेलने तथा अपार कष्टों से हमें यह सबक अवश्य लेना चाहिए कि भारत की दुर्दशा पुनः वैसी न हो जाए।
  • किसी भी राष्ट्र को उन्नत,विकसित व एकता के सूत्र में बाँधना युवावर्ग के हाथों में ही है।अतः कंपनी सेक्रेट्री का जॉब हो या अन्य कोई जॉब हो उसको करने से पहले यह अवश्य सोचना चाहिए कि इससे समाज व राष्ट्र को लाभ होगा या नहीं।यदि होगा तो समाज व राष्ट्र को किस प्रकार लाभ पहुंचाया जा सकता है?
  • हालांकि देश के प्रति कर्त्तव्य समझने वाले युवा प्रतिभाओं की कमी नहीं है।कई युवा प्रतिभाओं ने विदेशों में आकर्षक वेतन के प्रलोभन को ठुकराकर स्वदेश में जॉब करने का निर्णय लिया।डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकटरमन को 1930 में भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार मिला।उन्होंने देश में ही रहकर अनुसंधान कार्य किया।उनकी देश के प्रति तथा देश को विज्ञान व अन्य क्षेत्रों में बढ़ाने के प्रति अटूट निष्ठा थी।उन्होंने देश में रहकर ही शिक्षा ग्रहण की।

7.कम्पनी सेक्रेटरी का दृष्टान्त (The Company Secretary’s Vision):

  • आधुनिक युग का सच यह है कि धन,जाॅब,स्वार्थ तथा सत्ता के लिए गलाकाट प्रतिस्पर्धा है।इसके लिए कितनी ही तिकड़में,कुचक्र व षडयंत्र रचे जाते हैं।इन षड्यन्त्रकारियों,भ्रष्टाचारियों को केवल अपना स्वार्थ सिद्ध करना होता है,इसके लिए यदि किसी की हत्या करनी हो,किसी का घर बरबाद होता हो तो वह भी जायज है।राष्ट्र की प्रतिष्ठा को बट्टा लगे,राष्ट्र की नींव खोखली हो जाए तो भी ऐसे लोगों को कोई परवाह नहीं है।आज भी ऐसे जयचंद और मीरजाफर इस देश में विद्यमान हैं जो सबक लेने के लिए तैयार नहीं है।सत्ता में रहने वाले ऐसे लोगों को आम लोगों की कोई चिन्ता नहीं है।अपना स्वार्थ सिद्ध करके,धन कमाना और सत्ता में रहकर सत्ता को अपनी रखेल समझना ही इनकी ख्वाहिश रहती है।परंतु कुछ युवा राष्ट्र के प्रति कर्त्तव्य को भलीभांति समझते हैं।
  • एक ऐसे ही मिट्टी के बने हुए युवा थे।वे एक राष्ट्रीय कम्पनी में कम्पनी सचिव के पद पर कार्यरत थे।उनकी नियुक्ति एक नगर में थी।युवा कम्पनी सचिव ने भूमि माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था।एक बार वे गाड़ी से एक ऐसे स्थान पर गए जहाँ कंपनी की जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा कर रखा था।भू माफियाओं ने उनके हाथ को तोड़ दिया।
  • भूमाफिया किसी भी भूमि पर अनाधिकृत कब्जा कर लेते थे और गैरकानूनी कारोबार,बेचना-खरीदना इत्यादि सालों से बेरोक-टोक चला रहे थे।
  • उनका हाथ तोड़ने पर उन्हें कई महीनों तक प्लास्टर बँधवाकर तथा अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा।उन्हें मारे जाने की धमकीयाँ दी जाने लगी,उन्हें प्रलोभन दिए गए।पर उस युवा कंपनी सचिव ने कभी भी अपने कर्त्तत्व्य पालन से समझौता नहीं किया।उन्होंने भू-माफियाओं के सामने घुटने नहीं टेके बल्कि ओर अधिक दृढ़ता व ईमानदारी के साथ अपने कर्त्तव्य का पालन करते रहे।
  • कायर भू-माफियाओं ने अचानक एक दिन गाड़ी से टक्कर देख कर हत्या कर दी,उस समय वे अपने स्कूटर से ऑफिस जा रहे थे।
  • वे हमेशा कहा करते थे कि जो जिम्मेदारी मुझे मिली है उसे मैं पूरी निष्ठा,ईमानदारी और साहस के साथ निभाऊंगा।उनकी दुःखद मृत्यु से कंपनी के संचालकों,सरकार और प्रशासन को हिला दिया।यदि वे समय रहते उनकी सुरक्षा करते तो ऐसी नौबत नहीं आती।राष्ट्र निर्माण में लगे युवाओं,संगठनों ने इस बलिदान को अपनी ताकत बनाया।भू-माफियाओं के खिलाफ हमला बोलने और बेनकाब करने की मुहिम को न केवल गति मिली बल्कि देश को अपने बेहतर भविष्य के लिए भरोसा जगा।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी के लिए आवेदन कैसे करें?(How to Apply for Company Secretary Job?),कम्पनी सचिव का पाठ्यक्रम क्या है? (What is Company Secretary Courses?) के बारे में बताया गया है।

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8.बाप कब याद आता है? (हास्य-व्यंग्य) (When Do You Remember Father?) (Humour-Satire):

  • गणित अध्यापक:अच्छा नीतिश,बताओ,बाप कब याद आता है?
  • नीतिश:गणित के सवाल हल करते समय।
  • गणित अध्यापक:कैसे?
  • नीतिश:जब हम सवाल हल करते हैं,खूब मेहनत करने पर भी सवाल हल नहीं होता है तब कहते हैं अरे बाप रे यह सवाल तो हल नहीं होगा।

9.कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी के लिए आवेदन कैसे करें?(Frequently Asked Questions Related to How to Apply for Company Secretary Job?),कम्पनी सचिव का पाठ्यक्रम क्या है? (What is Company Secretary Courses?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.व्यवसाय के क्षेत्र में भारत की वर्तमान स्थिति क्या है? (What is the Current Position of India in the Field of Business?):

उत्तर:व्यवसाय में युवाशक्ति में चेतना एवं चमक पैदा हुई है।वित्त,प्रबंधन,उत्पादन,आयात-निर्यात आदि व्यवसाय के सभी क्षेत्रों में युवाओं ने अपनी एक खास जगह बनाई है।पहले के दशकों की तुलना में इस दशक व गत दशक में व्यवसाय में क्रियाशील युवाशक्ति में काफी बढ़ोतरी हुई है।पहले जहाँ व्यवसाय को प्रौढ़ एवं वृद्धजन बागडोर सम्हालते थे,अब वहाँ युवा अपने नेतृत्व का कौशल दिखा रहे हैं।संभवत यह युवा चेतना का ही चमत्कार है कि विश्व व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में भारत तेजी से बढ़ रहा है।उसने अब तक अनेकों को पीछे धकेला है और अनेकों को पीछे करने की तैयारी में है।

प्रश्न:2.क्या कंपनी में युवा कार्यकारी अधिकारियों की भारत में औसत आयु कम हुई है? (Has the Average Age of Young Executives in a Company Come Down in India?):

उत्तर:शीर्ष कार्यकारी पदों पर आज युवा लोगों की भरमार है।आईटी,आईटी आधारित सेवाओं,बैंकिंग तथा वित्तीय सेवा क्षेत्र में यह रूझान प्रमुखता से देखने को मिल रहा है।बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र में इस दशक व पिछले दशक में औसत आयु में भारी गिरावट आई है।विशेषज्ञ इसे इक्कीसवीं सदी में देश के उज्जवल भविष्य का शुभ संकेत मान रहे हैं।इसी तरह प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर सेवा क्षेत्र में सी ई ओ की औसत आयु काफी कम हुई है।हाल के वर्षों में युवा शक्ति ने अपना प्रभाव प्रतिष्ठित किया है।

प्रश्न:3.भारतीय कंपनियों में औसत आयु और प्रोफेशनल की मांग में क्या संबंध है? (What is the Relationship Between Average Age and Demand for Professionals in Indian Companies?):

उत्तर:औसत आयु में गिरावट और इस तरह के प्रोफेशनल की बढ़ती मांग के बीच गहरा संबंध है।आईटी व बीपीओ वित्तीय सेवा क्षेत्रों में इनकी जबरदस्त मांग है।अधिक से अधिक युवा लोग यहां आ रहे हैं।कंपनियों में मुख्य कार्यकारी की औसत आयु में आई गिरावट से विभिन्न क्षेत्रों में परिपक्वता बढ़ी है।इस समय भारत का बेहद निखरा रूप नजर आता है।भारतीयों अमीरों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है।दुनिया की शीर्ष कंपनियों की सूची में भारतीय कंपनियों की संख्या बढ़ाकर एक ओर मील का पत्थर गाडा है।भारतीय संवेदी सूचकांक में भी वृद्धि हुई है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी के लिए आवेदन कैसे करें?(How to Apply for Company Secretary Job?),कम्पनी सचिव का पाठ्यक्रम क्या है? (What is Company Secretary Courses?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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