How Do Maths Students Progress in Job?
1.गणित के छात्र-छात्राएं जॉब में उन्नति कैसे करें? (How Do Maths Students Progress in Job?),अभ्यर्थियों के लिए जाॅब में उन्नति करने की 3 टिप्स (3 Tips to Progress in Job for Candidates):
- गणित के छात्र-छात्राएं जॉब में उन्नति कैसे करें? (How Do Maths Students Progress in Job?) इसका उत्तर योग्यता, दक्षता तथा कौशल न होकर गुणों को धारण करने से है।किसी भी जॉब को प्राप्त करने के लिए योग्यता,दक्षता तथा कौशल तो होना ही चाहिए क्योंकि सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र में इनके बिना जाॅब प्राप्त नहीं किया जा सकता है।परंतु जाॅब में आगे तरक्की करने के लिए सेवाभाव अपने अंदर विकसित करेंगे तो ही आगे बढ़ सकेंगे।आपको यदि सेवा शब्द जाॅब में उपयुक्त नहीं लगता है तो इसकी जगह सहयोग तथा सहायता शब्द का प्रयोग कर सकते हैं।
- बहुत से व्यक्ति सरकारी और गैर सरकारी सेवा में जाना चाहते हैं परंतु यह सेवा किसकी होती है यह सब भलीभांति जानते हैं।ऐसे व्यक्ति बंगलों,मोटरों और अन्य सुविधाओं का भोग करते हैं और रिश्वत लेकर अकूत धन संपत्ति अर्जित कर लेते हैं।ऐसी स्थिति में उन्हें लोगों की सहायता-सहयोग या सेवा न करने के बजाय खुद की सेवा करने में लगे रहते हैं।
- यदि देखा जाए तो सरकारी तथा गैर सरकारी सेवाएं ढोंग बनकर रह गई है या कमाई का साधन।इसलिए इन्हें सरकारी या गैर सरकारी सेवा न कहकर नौकरी कहा जाने लगा है।अधिकांश अभ्यर्थी सरकारी व गैर सरकारी जाॅब को धन प्राप्त करने का माध्यम मानते हैं।न उनमें काम करने की लगन है और न उनमें ईमानदारी है।कर्मचारियों/अधिकारियों में पद प्राप्त करने की होड़ लगी रहती है परंतु सामान्य व्यक्ति की सेवा-सहायता-सहयोग करने के मामले में फिसड्डी हैं।अपवादस्वरूप ही कुछ कर्मचारी,अधिकारी कर्मठ तथा सेवाभावी हैं।गणित में अच्छी योग्यता तथा गणित शिक्षा प्राप्त करके आप अच्छा पद तो हासिल कर सकते हैं परंतु पद पर सच्चे अर्थों में उन्नति व प्रगति तभी कर सकते हैं जबकि जाॅब को सेवा भावना,कर्त्तव्य समझकर करते हैं।सेवा भावना तथा कर्त्तव्य समझकर जाॅब करने से न केवल लोग संतुष्ट रहते हैं बल्कि आपको भी जाॅब सेटिस्फेक्शन (Satisfaction) मिलता है।
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2.जाॅब में वास्तविक उन्नति कैसे करें? (How to Make Real Progress in Job?):
- केवल जाॅब प्राप्त करके अपने स्वार्थ के लिए पद और सत्ता का प्रयोग करते हैं वे वास्तविक रूप में उन्नति नहीं कर सकते हैं।यदि वे पद तथा सत्ता पाकर विनम्रता-सहायता-सहयोग तथा लोगों के दुःख-दर्द को दूर करने के लिए उसका उपयोग करते हैं तो जॉब की गरिमा को कायम रख सकते हैं।युवा प्रतियोगी यदि इस मर्म को भली प्रकार समझ लेंगे तो उनके प्रगति पथ को कोई नहीं रोक सकता है।
- जाॅब प्राप्त करने वाले युवक-युवतियों को जीवन का यह मंत्र स्मरण रखना चाहिए कि जनता पर उसी का प्रभाव पड़ता है जिसमें सेवा का गुण है।इसके अभाव में आपको जनता खजूर के वृक्ष की भांति व्यर्थ का कर्मचारी/अधिकारी समझेगी।इसके लिए अभ्यर्थियों को लोभ-लालच तथा स्वार्थवृत्ति को त्यागना आवश्यक है।जाॅब में निर्धारित वेतन से ही अपना घर-गृहस्थी का काम चलाना चाहिए।
- यदि आप अधिक भौतिक सुख-सुविधाओं का भोग करना चाहते हैं तो उच्च पद के लिए योग्यता हासिल करके तथा उच्च पद की प्रतियोगिता परीक्षाओं को उचित तरीके से उत्तीर्ण करके आगे बढ़ें।अनैतिक तरीकों से धनार्जन करना अनेक समस्याओं तथा संकटों का कारण बन जाता है।जाॅब में अपने काम द्वारा,अपनी सेवाओं द्वारा उपयोगी बनाकर अपने जीवन को सार्थक एवं मानव होने का दावा पूरा करें।सज्जन तथा कर्त्तव्यनिष्ठ लोक सेवक तथा जॉब करने वाले का यही स्वभाव होता है कि वे स्वयं कष्ट सहकर भी दूसरों के कष्टों को दूर करते हैं।
- वस्तुतः आधुनिक युग आर्थिक तथा भौतिक युग है। जिनके पास पद और सत्ता है वे जनता के धन को फिजूल में खर्च करते हैं,मौज उड़ाते हैं।देश तथा जनता के पैसे को बड़े-बड़े होटलों में मीटिंग,पार्टियां आयोजित करके उड़ा देते हैं।एक तरफ जनता को दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती हैं।उन पर कर लादकर वसूले गए रुपयों को आलीशान फाइव स्टार,थ्री स्टार होटलों में अनावश्यक आयोजन करके बर्बाद करते हैं,अपने पद तथा सत्ता का दुरुपयोग करते हैं।विडंबना यह है कि सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री इनको बढ़ावा देते हैं।बहाना यह है कि इससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा और विदेशी कंपनियां आकृष्ट होकर भारत में धन निवेश करेंगी और विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी।सादा जीवन और उच्च विचार का स्थान उच्च जीवन और भ्रष्ट विचारों ने ले लिया है।
- बेरोजगार युवक-युवतियां मजबूर होकर चोरी करता है तो उसे पकड़कर अपराधी कहकर सजा दी जाती है।परंतु सरकारी धन का गबन,चोरी करने वाले,रिश्वतखोर को चोर नहीं कहा जाता है।अव्वल तो वे पकड़ में नहीं आते हैं और पकड़े भी जाएं तो रिश्वत के बल पर ही छूटकर बाहर आ जाते हैं।अधिकारी/कर्मचारी तथा उच्च पदों पर आसीन व्यक्ति वेतन-भत्ते तथा धन पाना मुख्य है और कर्त्तव्य पालन को गौण समझा जाता है।जबकि होना यह चाहिए कि कर्त्तव्यों का पालन मुख्य और वेतन-भत्तों को गौण समझा जाए।किसी भी जाॅब पर नियुक्ति करने के लिए यह तर्क दिया जाता है यदि उन्हें वेतन-भत्ते और सुख-सुविधाएं न दी जाएंगी तो वे अपने कर्त्तव्यों का पालन ठीक तरह नहीं करेंगे।वस्तुतः कर्त्तव्यों का ठीक से पालन करना उच्च चरित्र वाले व्यक्तियों के द्वारा ही संभव है।वेतन-भत्तों से कर्त्तव्यों का पालन से संबंध बताना आंशिक सत्यता ही है।
3.जॉब में उन्नति करने हेतु युक्तियां (Tips for Progress in Job):
- (1.)किसी के भी साथ भी छल-कपट का व्यवहार न करें अर्थात् भीतर और बाहर पवित्र और श्रेष्ठ व्यवहार का पालन करें।
- (2.)अपना चरित्र शुद्ध और सदाचार से युक्त रखें।
- (3.)अपने जॉब के साथ पूर्ण न्याय करें।अपना कार्य बिना लोभ-लालच के करें।
- (4.)अपनी योग्यता,कुशलता व क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान फोकस रखें।अपनी योग्यता व कौशल के अनुसार ही पद प्राप्त करने की चेष्टा करें।
- (5.)जो भी जाॅब प्राप्त करें उसको प्राप्त करने से पहले स्वयं जांच कर लें कि उस पद के काबिल पर्याप्त काबिलियत है या नहीं।
- (6.)अपने जॉब का कार्य अपनी पूर्ण क्षमता व योग्यता के साथ करें।
- (7.)खुशामद,चापलूसी इत्यादि को अपने आचरण में धारण न करें क्योंकि व्यक्ति की पहचान उसके काम से होती है।
- (8.)जॉब में अरुचि दिखाने,लापरवाही बरतने और बेगार भुगतने की जिन्हें आदत है उन्हें जॉब में बहुत तरक्की करने की आशा छोड़ देनी चाहिए।
- (9.)जाॅब प्राप्त करने के बाद निश्चिंत होकर नहीं बैठ जाना चाहिए बल्कि अपने आपको अपडेट और अपग्रेड करते रहें।अपडेट और अपग्रेड करने का तरीका है कि जाॅब में अभ्यास और मनोयोग को करना नहीं छोड़ना चाहिए।
- (10.)आज का काम कल पर न टाले बल्कि आज का काम आज ही करें।जाॅब से मन उचट जाता है तो हर काम को अधूरा छोड़कर अगले दिन पर टाल देते हैं जो कि गलत है।
- (11.)किसी काम में जल्दबाजी न करें क्योंकि जल्दबाजी में काम बिगड़ते हैं और उन्हें निपटाने में अधिक समय लगता है।
- (12.)अपने सहकर्मियों तथा लोगों से ऊँचे स्वर में न बोलें,रूखे और कर्कश शब्दों का प्रयोग न करें,अपनी प्रशंसा करने से बचें,दूसरों के कार्यों में तथा बातों में अडंगा न डालें तथा उनके कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप न करें,किसी की निंदा या चापलूसी न करें।
- (13.)वाणी में मधुरता,विनम्रता,दूसरे के प्रति सम्मान,सच बोलना इत्यादि का पालन करें।
- (14.)मुंह फट न बनें,मिलनसार बनने की कोशिश करें।यदि गंभीर स्वभाव है तो यह आपके व्यक्तित्व को मजबूत बनाता है।धैर्य,सहनशीलता जैसे गुणों को धारण करें।
4.मनुष्य की पहचान जाॅब से नहीं होने का दृष्टांत (A Parable of not Being Identified by a Job):
- व्यक्ति को पद,प्रतिष्ठा,सम्मान तथा धन-संपत्ति प्राप्त होने पर वह समझता है कि वह ऊँचा चढ़ रहा है।वस्तुतः यह बाहरी तरक्की है।असली तरक्की किसी भी अभ्यर्थी को उसके गुणों के कारण होती है।जब वह अपने बॉस,सहकर्मियों तथा लोगों का चहेता बन जाता है तो समझना चाहिए कि उसने जॉब में तरक्की करने का असली रहस्य समझ लिया है।जाॅब प्राप्त करने वालों को समझ लेना चाहिए कि पेड़ों पर फल लद जाने पर वे अधिक झुक जाते हैं।पेड़ अपने फल खुद नहीं खाता बल्कि लोग खाते हैं।बादल जब पानी से भर जाते हैं तो नीचे आ जाते हैं।जाॅब में भी आगे से आगे आपको बढ़ना है तो विनम्रता और लोगों की सेवा-सहयोग-सहायता करने वाला ही आगे बढ़ता है।गुणों को एक न एक दिन जरूर समझा और तवज्जो दी जाती है।
- गिरिजाशंकर गणित का विद्यार्थी था।गणित के अध्ययन के साथ-साथ उसने सदाचार,धर्म,नीति इत्यादि बातों को भी अपने जीवन में उतारा था।आजकल हर प्रतियोगिता में गणित का परीक्षण किया जाता है।इसलिए सहजता से ही उसका चयन लेखाकार के पद पर हो गया।धीरे-धीरे अपने गुणों तथा कार्यो के कारण उसकी तरक्की होती गई।उसके सहकर्मियों से उसकी तरक्की नहीं देखी गई।इसलिए कंपनी के निदेशक को उन्होंने भड़का दिया।
- कंपनी के निदेशक ने बिना जांच-पड़ताल किए उसे अपने पद से पदच्युत कर दिया।कंपनी में गिरजाशंकर के जाने से निदेशक को उसकी कमी का एहसास हुआ।
- उधर गिरिजाशंकर अपने गांव में आकर कठिन परिश्रम का जीवन व्यतीत करने लगा।उन्होंने छात्र-छात्राओं को पढ़ाना प्रारंभ कर दिया।धीरे-धीरे छात्र-छात्राओं का समूह उनके चारों तरफ इकट्ठा हो गया।गांव के लोग भी उनको घेरे रहते थे।
- एक दिन कंपनी के निदेशक को अपने अधीनस्थ गिरिजाशंकर को देखने की इच्छा हुई।इच्छा क्या हुई,दरअसल उनकी कमी जो उनको खल रही थी।वे जब गांव में पहुंचे तो उन्होंने देखा छात्र-छात्राओं का समूह उन्हें घेरे हुए है।वे छिपकर काफी देर तक प्रतीक्षा करते रहे।जब वे छात्र-छात्राओं से निवृत्त हुए तो गांव के लोग आकर उनके पास इकट्ठे हो गए।साथ ही उन्होंने देखा कि गिरिजाशंकर बहुत प्रसन्नचित्त हैं।गांव वाले भी उनसे बड़े प्रेम भाव से वार्ता कर रहे थे।सुबह से शाम तक निरीक्षण के बाद निदेशक उनके घर गए।
- निदेशक ने गिरिजाशंकर से पूछा कि आपकी प्रसन्नता का रहस्य क्या है? उन्होंने जवाब दिया कि श्रीमन् कंपनी में रहते हुए तो लोग तथा सहकर्मी मुझे मेरे पद के कारण सम्मान करते थे।पद तथा सत्ता से शक्ति मिलती है।पद और सत्ता की शक्ति से सम्मान मिलता है वह वास्तविक सम्मान नहीं है।वास्तविक सम्मान तो मानवता के गुणों को धारण करने से मिलता है।यही कारण है कि गांव के छात्र-छात्राएं और लोग मुझे इतना सम्मान देते हैं और तहेदिल से चाहते हैं।पद त्याग का कष्ट उन्होंने मुझे महसूस ही नहीं होने दिया।
- कंपनी के निदेशक ने अनुभव किया कि वास्तव में पद और सत्ता की शक्ति से जो सम्मान मिलता है वह तो अस्थायी है।सच्चा और स्थायी सम्मान तो मानवता को धारण करने से मिलता है।लौटते समय उन्होंने गिरजाशंकर को कंपनी में अपना पद सम्हालने हेतु साथ लेते आए।
- उपर्युक्त आर्टिकल में गणित के छात्र-छात्राएं जॉब में उन्नति कैसे करें? (How Do Maths Students Progress in Job?),अभ्यर्थियों के लिए जाॅब में उन्नति करने की 3 टिप्स (3 Tips to Progress in Job for Candidates) के बारे में बताया गया है।<
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5.गणित का छात्र और डाइटिंग (हास्य-व्यंग्य) (Mathematics Student and Dieting) (Humour-Satire):
- गणित का छात्र (दूसरे छात्र से):मित्र,मैं बहुत मोटा हो गया हूं।मोटे होने के कारण गणित के सवालों तथा समस्याओं को हल करने में परेशानी महसूस होती है क्योंकि गणित में कठिन परिश्रम की जरूरत होती है।सोचता हूं,कुछ डाइटिंग कर लूं।
- दूसरा मित्र (पहले मित्र से):नहीं मित्र,अपनी असली पूंजी तो यह शरीर ही है।बड़ी मुश्किल से तो यह शरीर बनाया है।फिर गणित तो आज नहीं कल छूटने वाली है।परंतु यह शरीर तो मरते दम तक साथ रहेगा।हमारी असली पूंजी तो यह मोटा-तगड़ा शरीर ही है।
6.गणित के छात्र-छात्राएं जॉब में उन्नति कैसे करें? (Frequently Asked Questions Related to How Do Maths Students Progress in Job?),अभ्यर्थियों के लिए जाॅब में उन्नति करने की 3 टिप्स (3 Tips to Progress in Job for Candidates) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.क्या सहयोग के बिना आगे नहीं बढ़ सकते हैं? (Can’t We Move Forward without Cooperation?):
उत्तर:संसार में कोई भी व्यक्ति जीवन में और जॉब में या कहें कि हर क्षेत्र में बिना सहयोग के आगे नहीं बढ़ सकता है।अर्थात् वह योग्यता हासिल नहीं कर सकता है।कोई भी व्यक्ति अकेले अपने दम पर अधिकतम आवश्यकताएं पूरी कर सकता है परंतु सभी आवश्यकताएं पूरी नहीं कर सकता है।जाॅब में भी आगे बढ़ने के लिए अपने सहकर्मियों,बाॅस और लोगों के सहयोग की आवश्यकता होती है।
प्रश्न:2.जॉब में सृजनात्मकता का क्या महत्व है? (What is the Importance of Creativity in Jobs?):
उत्तर:हर व्यक्ति में सृजनात्मक क्षमता निहित है।परंतु जाॅब पाने के बाद अभ्यर्थी निश्चिंत हो जाते हैं।अभ्यर्थी को जॉब में ऊंचा उठने तथा प्रगति करने में सृजनात्मकता का महत्त्वपूर्ण स्थान है।परंतु जो साहसी,धैर्यवान और प्रयत्नशील अभ्यर्थी होते हैं वे ही सृजनात्मकता का उपयोग कर सकते हैं।जब हम अपने संकल्प या अच्छे मनोभाव को बिना किसी उपयोग के नष्ट हो जाने देते हैं तो हमारी सृजनात्मक क्षमता का विकास नहीं होता है।
प्रश्न:3.जॉब करते समय क्या ध्यान रखना चाहिए? (What Should be Kept in Mind While Working?):
उत्तर:अपने आप को लोभ,लालच,चापलूसी इत्यादि से बचाएं।हमेशा जॉब में आगे से आगे बढ़ने के लिए उत्कृष्टता को अपनाएं।हमेशा सोचें की उत्कृष्टता अर्थात् मन,बुद्धि और आत्मा के साथ समस्त व्यक्तित्व को तेजस्वी बनाने वाली उत्कृष्टता अपनाई जा रही है या नहीं।
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित के छात्र-छात्राएं जॉब में उन्नति कैसे करें? (How Do Maths Students Progress in Job?),अभ्यर्थियों के लिए जाॅब में उन्नति करने की 3 टिप्स (3 Tips to Progress in Job for Candidates) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
How Do Maths Students Progress in Job?
गणित के छात्र-छात्राएं जॉब में उन्नति कैसे करें?
(How Do Maths Students Progress in Job?)
How Do Maths Students Progress in Job?
गणित के छात्र-छात्राएं जॉब में उन्नति कैसे करें? (How Do Maths Students Progress in Job?)
इसका उत्तर योग्यता, दक्षता तथा कौशल न होकर गुणों को धारण करने से है।
किसी भी जॉब को प्राप्त करने के लिए योग्यता,दक्षता तथा कौशल तो होना ही चाहिए
क्योंकि सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र में इनके बिना जाॅब प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
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Satyam
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