Harmonic Progression
1.हरात्मक श्रेढ़ी (Harmonic Progression):
हरात्मक श्रेढ़ी (Harmonic Progression):यदि किसी श्रेढ़ी के पदों के व्युत्क्रम (Reciprocal) इसी क्रम में लिखने पर समान्तर श्रेढ़ी में हो तो उसे हरात्मक श्रेढ़ी कहते हैं।निम्नलिखित श्रेढ़ियों पर विचार कीजिए:
(i) \frac{1}{3}, \frac{1}{5}, \frac{1}{7}, \frac{1}{9}, \cdots \text { (ii) } \frac{1}{20}, \frac{1}{14}, \frac{1}{14}, \frac{1}{11}, \cdots
उपर्युक्त हरात्मक श्रेढ़ियां है क्योंकि इनके व्युत्क्रम अर्थात् 3,5,7,9,……;20,17,14,11,……समान्तर श्रेढ़ी में हैं।
हरात्मक श्रेढ़ी का व्यापक पद (General Term of Harmonic Progression):
हरात्मक श्रेढ़ी का मानक रूप है:
\frac{1}{a}, \frac{1}{a+d}, \frac{1}{a+2 d}, \frac{1}{a+3 d}, \cdots \frac{1}{a+(n-1) d}
इसके संगत समान्तर श्रेढ़ी होगी:
a,a+d,a+2d,a+3d,………..,a+(n-1)d
समान्तर श्रेढ़ी का n वां पद a+(n-1)d होता है अतः हरात्मक श्रेढ़ी का व्यापक (n वां) पद होगा:
T_{n}=\frac{1}{a+(n+1)d}
टिप्पणी:(i.)हरात्मक श्रेढ़ी के प्रश्न हल करने के लिए इसके पदों का क्रमिक रूप से व्युत्क्रम लेकर इसके संगत समान्तर श्रेढ़ी बनाते हैं, इसके बाद समान्तर श्रेढ़ी के सम्बन्धित सूत्रों का प्रयोग करके उसका हल निकालते हैं।
(ii)हरात्मक श्रेढ़ी के n पदों का योगफल ज्ञात करने के लिए कोई व्यापक सूत्र नहीं है।
(1.)हरात्मक माध्य (Harmonic Mean):यदि तीन या तीन से अधिक राशियाँ हरात्मक श्रेढ़ी में हैं तो प्रथम तथा अन्तिम राशि के मध्य शेष सभी राशियाँ उनके मध्य हरात्मक माध्य कहलाती है।
उदाहरण:यदि a, H_{1}, H_{2}, H_{3} \cdots H_{n}, b हरात्मक श्रेढ़ी में है तो a, H_{1}, H_{2}, H_{3} \cdots H_{n}, b ;a तथा b के मध्य n हरात्मक माध्य कहलाते हैं।हरात्मक माध्य को संक्षेप में ह.मा. (H.M.) से व्यक्त किया जाता है।
(2.)दी हुई दो राशियों के मध्य एक हरात्मक माध्य ज्ञात करना:
माना कि दी हुई दो राशियाँ a और b हैं।उनके मध्य एक हरात्मक माध्य H है।अतः a,H,b हरात्मक श्रेढ़ी में है।अर्थात् \frac{1}{a}, \frac{1}{H}, \frac{1}{b} समान्तर श्रेढ़ी में है।
\frac{1}{H}-\frac{1}{a}=\frac{1}{b}-\frac{1}{H}
या \frac{2}{H}=\frac{1}{a}+\frac{1}{b} \Rightarrow \frac{2}{H}=\frac{a+b}{a b} \\ \Rightarrow H=\frac{2 a b}{a+ b}
(3.)दी हुई दो राशियों के मध्य n हरात्मक माध्य ज्ञात करना:
माना कि दी हुई दो राशियाँ a तथा b हैं।उनके मध्य n हरात्मक माध्य क्रमशः H_{1}, H_{2}, H_{3} \cdots H_{n} हैं।
अतः \frac{1}{a}, \frac{1}{H_{1}}, \frac{1}{H_{2}}, \frac{1}{H_{3}} \cdots \frac{1}{H_{n}} \frac{1}{b} समान्तर श्रेढ़ी में हैं।
इस समान्तर श्रेढ़ी का अन्तिम पद \frac{1}{b},(n+2) वां पद है।
अतः \frac{1}{b}=\frac{1}{a}+(n+2-1) d \Rightarrow \frac{1}{b}=\frac{1}{a}+(n+1) d \\ \Rightarrow d=\frac{a-b}{a b(n+1)}
\frac{1}{a} तथा \frac{1}{b} के मध्य n समान्तर माध्य निम्नलिखित होंगे:
\frac{1}{a}+d,\frac{1}{a}+2d,\frac{1}{a}+3d,\cdots \frac{1}{a}+nd \\ \Rightarrow \frac{1+ad}{a},\frac{1+2ad}{a},\frac{1+3ad}{a}, \cdots \frac{1+nad}{a}
अतः a तथा b के मध्य n हरात्मक माध्य निम्नलिखित होंगे:
\frac{a}{1+ad},\frac{a}{1+2ad},\frac{a}{1+3ad}, \cdots \frac{a}{1+nad} जहाँ d=\frac{a-b}{ab(n+1)}
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2.हरात्मक श्रेढ़ी के उदाहरण (Harmonic Progression Examples):
निम्नलिखित हरात्मक श्रेढ़ियों के सम्मुख दिया गया पद ज्ञात कीजिए:
Example:1. \frac{1}{2}, \frac{1}{5}, \frac{1}{8}, \frac{1}{11}, \cdots 6वां पद
Solution:\frac{1}{2}, \frac{1}{5}, \frac{1}{8}, \frac{1}{11},\cdots ह.श्रे. में हैं
अतः 2,5,8,11,…..समान्तर श्रेढ़ी में हैं।
a=2, d=5-2=3, n=6 \\ T_{n} =a+(n-1) d \\ \Rightarrow T_{6}=2+(6-1) 3 \\ \Rightarrow T_{6}=2+5(3) \\ \Rightarrow T_{6} =17
अतः संगत हरात्मक श्रेढ़ी का 6वां पद=17
Example:2. \frac{1}{9}, \frac{1}{19}, \frac{1}{29}, \frac{1}{39}, \cdots 18वां पद
Solution:\frac{1}{9}, \frac{1}{19}, \frac{1}{29}, \frac{1}{39}, \cdots ह.श्रे. में हैं।
अतः 9,19,29,39,……..,स.श्रे. में है।
a=9,d=19-9=10,n=18 \\ T_{n} =a+(n-1) d \\ \Rightarrow T_{18} =9+(18-1) 10 \\ \Rightarrow T_{18}=9+17 \times 10 \\ \Rightarrow T_{18} =179
अतः संगत हरात्मक श्रेढ़ी का 18वां पद=179
निम्नलिखित ह.श्रे. के n वें पद ज्ञात कीजिए:
Example:3.\frac{1}{5},\frac{2}{9}, \frac{1}{4}, \frac{2}{7}, \cdots
Solution:\frac{1}{5},\frac{2}{9}, \frac{1}{4}, \frac{2}{7}, \cdots ह.श्रे. में हैं।
अतः 5,\frac{9}{2}, \frac{4}{1}, \frac{7}{2}, \cdots स.श्रे. में हैं।
a=5, d=\frac{9}{2}-5=-\frac{1}{2} \\ T_{n} =a+(n-1) d \\ \Rightarrow T_{n} =5+(n-1)\left(-\frac{1}{2}\right) \\ =5-\frac{1}{2} n+\frac{1}{2} \\ =\frac{11}{2}-\frac{1}{2} n \\ T_{n} =\frac{1}{2}(11-n)
अतः हरात्मक श्रेढ़ी का n वां पद=\frac{2}{11-n}
Example:4.\frac{2}{a+b}, \frac{1}{a}, \frac{2}{3 a-b}, \cdots
Solution:\frac{2}{a+b}, \frac{1}{a}, \frac{2}{3 a-b}, \cdots ह.श्रे. मे हैं।
अतः \frac{a+b}{2}, \frac{a}{1}, \frac{3 a-b}{2}, \cdots स.श्रे. में हैं।
A=\frac{a+b}{2}, d=a-\frac{a+b}{2} \\ \Rightarrow d=\frac{a-b}{2} \\ T_{n} =A+(n-1) d \\ =\frac{a+b}{2}+(n-1)\left(\frac{a-b}{2}\right) \\ =\frac{1}{2}[a+b+n a-n b-a+b] \\ \Rightarrow T_{n} =\frac{1}{2}[2 b+(a-b) n]
अतः संगत ह.श्रे. का n वां पद=\frac{2}{2 b+(a-b)n}
Example:5.वह हरात्मक श्रेढ़ी ज्ञात कीजिए जिसका दूसरा पद \frac{2}{5} तथा सातवां पद \frac{4}{25} है।
Solution:समान्तर श्रेढ़ी का दूसरा पद a+d=\frac{5}{2} \cdots(1)
समान्तर श्रेढ़ी का सातवां पद a+6 d=\frac{25}{4} \cdots(2)
समीकरण (2) में से (1) घटाने पर:
5 d=\frac{25}{4}-\frac{5}{2} \\ \Rightarrow 5 d=\frac{25-10}{4} \\ \Rightarrow 5 d=\frac{15}{4} \\ \Rightarrow d=\frac{15}{4 \times 5} \\ \Rightarrow d=\frac{3}{4}
d का मान समीकरण (1) में रखने पर:
a+\frac{3}{4}=\frac{5}{2} \\ \Rightarrow a=\frac{5}{2}-\frac{3}{4} \\ \Rightarrow a=\frac{10-3}{4} \\ \Rightarrow a=\frac{7}{4}, d=\frac{3}{4} \\ \Rightarrow T_{3}=a+2 d=\frac{7}{4}+2 \times \frac{3}{4} \\ T_{3}=a+2 d=\frac{13}{4} \\ T_{4}=a+3 d=\frac{7}{4}+3 \times \frac{3}{4}\\ =\frac{16}{4}=4\\ T_{4}=4\\ T_{5}=a+4 d=\frac{7}{4}+4 \times \frac{3}{4} \\ T_{5}=\frac{19}{4}
अतः समान्तर श्रेढ़ी होगी: \frac{7}{4}, \frac{5}{2},\frac{13}{4}, 4,\frac{19}{4},\cdots
संगत हरात्मक श्रेढ़ी होगी:\frac{4}{7}, \frac{2}{5}, \frac{4}{13}, \frac{1}{4}, \frac{4}{19}, \cdots
Example:6.यदि एक हरात्मक श्रेढ़ी का 7 वां पद एवं 11वां पद हो तो उसका 20वां पद ज्ञात कीजिए।
Solution:संगत समान्तर श्रेढ़ी का 7वां पद \frac{2}{17} एवं 11वां पद \frac{2}{13} होगा।अतः
T_{n}=a+(n-1) d \text { से } \\ T_{7}=a+(7-1) d=\frac{2}{17} \\ \Rightarrow a+6 d=\frac{2}{17} \cdots(1) \\ T_{11}=a+(11-1) d=\frac{2}{13} \\ \Rightarrow a+10 d=\frac{2}{13} \cdots(2)
समीकरण (2) में से (1) घटाने पर:
4 d=\frac{8}{221} \\ \Rightarrow d=\frac{2}{221}
d का समीकरण (1) में रखने पर:
a+6\left(\frac{2}{221}\right)=\frac{2}{17} \\ \Rightarrow a+\frac{12}{221}=\frac{2}{17} \\ \Rightarrow a=\frac{2}{17}-\frac{12}{221} \\ \Rightarrow a=\frac{26-12}{221} \\ \Rightarrow a=\frac{14}{221} \\ T_{20}=\frac{14}{221}+(20-1) \times \frac{2}{221} \\ =\frac{14}{221}+\frac{19 \times 2}{221} \\ =\frac{14+38}{221} \\ =\frac{52}{221} \\ \Rightarrow T_{20}=\frac{4}{17}
अतः संगत हरात्मक श्रेढ़ी का 20वां पद=\frac{17}{4}
Example:7.1 तथा के मध्य 4 हरात्मक माध्य ज्ञात कीजिए।
Solution:माना कि 1 तथा के मध्य 4 हरात्मक माध्य H_{1}, H_{2}, H_{3}, H_{4} हैं।
अतः 1,H_{1}, H_{2}, H_{3}, H_{4}, \frac{1}{16} हरात्मक श्रेढ़ी में हैं।
संगत समान्तर श्रेढ़ी का प्रथम पद a=1
समान्तर श्रेढ़ी का छठा पद 16 होगा।
T_{n} =a+(n-1) d \\T_{6} =1+(6-1) d=16 \\ \Rightarrow 1+5 d=16 \\ \Rightarrow 5 d=15 \Rightarrow d=3
अतः 1 और 16 के मध्य चार समान्तर माध्य होंगे:
a+d=1+3=4,a+2d=1+2×3=7,a+3d=1+3×3=10,a+4d=1+4×3=13
अतः अभीष्ट हरात्मक माध्य होंगे:
\frac{1}{4},\frac{1}{7},\frac{1}{10},\frac{1}{13}
Example:8.यदि ह.श्रे. का pवां,qवां तथा rवां पद क्रमशः a,b,c है तो सिद्ध कीजिए:
bc(q-r)+ca(r-p)+ab(p-q)=0
Solution:संगत समान्तर श्रेढ़ी का pवां,qवां तथा rवां पद होगा:
T_{n}=A+(n-1) d \\ T_{P}=A+(P-1) d=\frac{1}{a} \cdots(1) \\ T_{q}=A+(q-1) d=\frac{1}{b} \cdots(2) \\ T_{r}=A+(r-1) d=\frac{1}{c} \cdots(3)
समीकरण (1) में से (2),समीकरण (2) में से (3),समीकरण (3) में से (1) घटाने पर:
p-q=\frac{1}{a}-\frac{1}{b} \cdots(4) \\ q-r=\frac{1}{b}-\frac{1}{c} \cdots(5) \\ r-p=\frac{1}{c}-\frac{1}{a} \cdots \cdots(6) \\ bc(q-r)+ca(r-p)+ab(p-q)=0 \\ \text{L.H.S.} bc(q-r)+ca(r-p)+ab(p-q)
समीकरण (4),(5),(6) से मान रखने पर:
b c\left(\frac{1}{b}-\frac{1}{c}\right)+c a\left(\frac{1}{c}-\frac{1}{a}\right)+a b\left(\frac{1}{a}-\frac{1}{b}\right) \\ \Rightarrow b\left(\frac{c-b}{b c}\right)+c a\left(\frac{a-c}{c a}\right)+a b\left(\frac{b-a}{a b}\right) \\ \Rightarrow c-b+a-c+b-a \\ \Rightarrow 0=R \cdot H \cdot S
Example:9.यदि a,b,c ह.श्रे. में हैं तो सिद्ध कीजिए कि a,a-c,a-b ह.श्रे. में होंगे।
Solution:a,b,c ह.श्रे. में हैं
अतः b=\frac{2 a c}{a+c} \cdots(1)
a,a-c,a-b ह.श्रे. में होंगे तो
\frac{1}{a},\frac{1}{a-c}, \frac{1}{a-b} स.श्रे. में होंगे
\Rightarrow \frac{1}{a-c}=\frac{\frac{1}{a}+\frac{1}{a-b}}{2} \\ \Rightarrow \frac{1}{a-c}=\frac{a-b+a}{2 a(a-b)} \\ \Rightarrow 2 a(a-b)=(2 a-b)(a-c) \\ \Rightarrow 2 a^{2}-2 a b=2 a^{2}-2 a c-a b+b c \\ \Rightarrow-a b=-2 a c+b c \\ \Rightarrow 2 a c=a b+b c \\ \Rightarrow 2 a c=b(a+c) \\ \Rightarrow b=\frac{2 a c}{a+c}
अतः सिद्ध हुआ।
Example:10.यदि a,b,c ह.श्रे. में हैं तो सिद्ध कीजिए:
\frac{1}{b-a}+\frac{1}{b-c}=\frac{1}{a}+\frac{1}{c}=\frac{2}{b}
Solution:a,b,c ह.श्रे. में हैं।
अतः b=\frac{2ac}{a+c} \cdots(1) \\ \frac{1}{b-a}+\frac{1}{b-c}=\frac{1}{a}+\frac{1}{c}=\frac{2}{b} \\ \text{L.H.S} \frac{1}{b-a}+\frac{1}{b-c} \\ =\frac{b-c+b-a}{(b-a)(b-c)} \\ =\frac{2 b-c-a}{(b-a)(b-c)} \\ =\frac{2\left[\frac{2 a c}{a+c}\right]-c-a}{\left(\frac{2 a c}{a+c}-a\right)\left(\frac{2 a c}{a+c}-c\right)} [(1) से]
=\frac{4 a c-a c-c^{2}-a^{2}-a c}{\frac{\left(2 a c-a^{2}-a c\right)\left(2 a c-a c-c^{2}\right)}{(a+c)}} \\ =\frac{\left(2 a c-c^{2}-a^{2}\right)(a+c)}{\left(a c-a^{2}\right)\left(a c-c^{2}\right)} \\ =\frac{-\left(c^{2}+a^{2}-2 a c\right)(c+a)}{-a c(c-a)(c-a)} \\ =\frac{c (c-a)^{2}(c+a)}{a c(c-a)^{2}}\\ =\frac{c+a}{a c}=\frac{1}{a}+\frac{1}{c}\\ R \cdot H \cdot S= \frac{2}{b} \\=\frac{2}{\frac{2 a c}{a+c}}[(1) से]
=\frac{a+c}{a c} \\ =\frac{1}{a}+\frac{1}{c}=\text { L.H.S }
अतः \frac{1}{b-a}+\frac{1}{b-c}=\frac{1}{a}+\frac{1}{c}=\frac{2}{b}
Example:11.समीकरण ax^{2}+bx+c=0 के मूलों का हरात्मक माध्य ज्ञात कीजिए।
Solution:माना मूल \alpha , \beta हैं।
ax^{2}+bx+c=0
मूलों का गुणनफल \alpha \beta=\frac{c}{a}
मूलों का योग=-\frac{b}{a}
मूलों का हरात्मक माध्य=\frac{2 \alpha \beta}{\alpha+\beta} \\ =\frac{\frac{2c}{a}}{-\frac{b}{a}}=-\frac{2 c}{b}
Example:12.यदि समीकरण a(b-c) x^{2}+b(c-a) x+c(a-b)=0 के मूल समान हों तो सिद्ध कीजिए कि a,b,c ह.श्रे. में होंगे।
Solution: a(b-c) x^{2}+b(c-a) x+c(a-b)=0 के मूल समान हों तो
B^{2}-4 A C=0 \\ \Rightarrow [b(c-a)]^{2}-4 a(b-c) \cdot c(a-b)=0 \\ \Rightarrow b^{2}(c-a)^{2}-4 a c(b-c)(a-b)=0 \\ \Rightarrow b^{2}\left(c^{2}+a^{2}-2 a c\right)-4 a c\left(a b-b^{2}-a c+b c\right)=0 \\ \Rightarrow b^{2} c^{2}+ b^{2} a^{2}-2 a b^{2} c-4 a^{2} b c+4 a b^{2} c+4 a^{2} c^{2}-4 a b c^{2}=0 \\ \Rightarrow b^{2} c^{2}+b^{2} a^{2}+2 a b^{2} c-4 a^{2} b c+4 a^{2} c-4 a b c^{2}=0 \\ \Rightarrow b^{2}(c+a)^{2}-4 b a c(a+c)+(2 a c)^{2}=0 \\ \Rightarrow[b(c+a)-2 a c]^{2}=0 \\ \Rightarrow b(c+a)-2 a c=0 \\ \Rightarrow b=\frac{2 a c}{a+c}
अतःa,b,c ह.श्रे. में हैं।
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा हरात्मक श्रेढ़ी (Harmonic Progression) को समझ सकते हैं।
3.मुख्य बातें (HIGHLIGHTS):
(1.)हरात्मक श्रेढ़ी के प्रश्न हल करने के लिए इसके पदों का क्रमिक रूप से व्युत्क्रम लेकर इसके संगत समान्तर श्रेढ़ी बनाते हैं, इसके बाद समान्तर श्रेढ़ी के सम्बन्धित सूत्रों का प्रयोग करके उसका हल निकालते हैं।
(2.)हरात्मक श्रेढ़ी के n पदों का योगफल ज्ञात करने के लिए कोई व्यापक सूत्र नहीं है।
(3.)यदि तीन राशियां हरात्मक श्रेणी में हैं प्रथम तथा अन्तिम के मध्य राशि हरात्मक माध्य कहलाती है।जैसे a,b,c हरात्मक श्रेणी में हैं तो b=\frac{2 a c}{a+c} होगा।
(4.)हरात्मक माध्य ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम संगत समान्तर श्रेढ़ी के समान्तर माध्य ज्ञात करेंगे।इस प्रकार प्राप्त माध्यों के व्युत्क्रम अभीष्ट हरात्मक माध्य होंगे।
4.हरात्मक श्रेढ़ी की समस्याएं (Harmonic Progression Problems):
(1.)निम्न हरात्मक श्रेढ़ी का 10वां पद ज्ञात कीजिए:
\frac{1}{7}, \frac{1}{11}, \frac{1}{15}, \frac{1}{19} \cdots
(2.)वह हरात्मक श्रेढ़ी ज्ञात कीजिए जिसका चौथा पद \frac{1}{2} तथा 10वां पद \frac{1}{4} है।
(3.)श्रेणी \frac{\sqrt{5}}{3}+\frac{\sqrt{5}}{4}+\frac{1}{\sqrt{5}}+\cdots का कौनसा पद \frac{\sqrt{5}}{13} है।
(4.)यदि दो संख्याओं के मध्य समान्तर माध्य 4 तथा हरात्मक माध्य 3 हैं तो संख्याएं ज्ञात करो।
उत्तर (Answers):
(1.)43
(2) 1,\frac{3}{4},\frac{3}{5} \cdots
(3.)11वां पद
(4.)अभीष्ट संख्याएं 6,2 या 2,6 होंगी।
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर हरात्मक श्रेढ़ी (Harmonic Progression) को ठीक से समझ सकते हैं।
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5.हरात्मक श्रेढ़ी (Harmonic Progression) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.हार्मोनिक श्रेढ़ी सूत्र क्या है? (What is harmonic progression formula?):
उत्तर:इसका अर्थ है कि हार्मोनिक श्रेढ़ी का nवाँ पद संगत AP के nवें पद के व्युत्क्रम के बराबर है।इस प्रकार,हार्मोनिक श्रेढ़ी का nवाँ पद ज्ञात करने का सूत्र इस प्रकार दिया गया है: हार्मोनिक श्रेढ़ी (Harmonic Progression) (H.P) का nवाँ पद=\frac{1}{ [a+(n-1)d]}
प्रश्न:2.हार्मोनिक श्रेढ़ी उदाहरण क्या है? (What is harmonic progression example?):
उत्तर:हार्मोनिक श्रेढ़ी का उदाहरण है \frac{1}{2},\frac{1}{4},\frac{1}{6},\cdots यदि हम उपरोक्त HP के प्रत्येक पद का व्युत्क्रम लेते हैं, तो अनुक्रम 2, 4, 6, … बन जाएगा जो 2 के सार्व अंतर के साथ एक एपी है।
प्रश्न:3.हार्मोनिक श्रेढ़ी के लिए शर्तें क्या हैं? (What are the conditions for harmonic progression?):
उत्तर:एक हार्मोनिक श्रेढ़ी (harmonic progression) को परिभाषित करने का सबसे सरल तरीका यह है कि यदि अनुक्रम का व्युत्क्रम समान्तर श्रेढ़ी (arithmetic progression) के नियम का पालन करता है तो इसे हार्मोनिक श्रेढ़ी में कहा जाता है।इसका सीधा सा मतलब है कि अगर a, a+d, a+2d, ….. एक एपी है तो \frac{1}{d},\frac{1}{a+d},\frac{1}{a+2d} \cdots एक एचपी है।
प्रश्न:4.इसे हार्मोनिक श्रेढ़ी क्यों कहा जाता है? (Why is it called harmonic progression?):
उत्तर:श्रेणी को “हार्मोनिक” क्यों कहा जाता है? (Why is the series called “harmonic”?):
उत्तर:एक समान्तर श्रेढ़ी (arithmetic progression) बनाते हैं और इसलिए यह है कि संख्याओं का एक क्रम जिसका व्युत्क्रम समान्तर श्रेढ़ी में है,को हार्मोनिक श्रेढ़ी में कहा जाता है।चूंकि 6, 8 और 12 हार्मोनिक श्रेढ़ी में हैं,पाइथागोरस के लिए क्यूब (cube) एक “हार्मोनिक (harmonic)” बॉडी थी।
प्रश्न:5.सबसे बुनियादी हार्मोनिक श्रेढ़ी क्या है? (What is the most basic harmonic progression?):
उत्तर:दो जीवाओं के बीच प्रत्यावर्तन (Alternation) को सबसे बुनियादी जीवा श्रेढ़ी (basic chord progression) के रूप में माना जा सकता है
प्रश्न:6.क्या जेईई मेन में हार्मोनिक श्रेढ़ी है? (Is harmonic progression in JEE mains?):
उत्तर:नहीं,हार्मोनिक श्रेढ़ी जेईई मेन (JEE Main) के पाठ्यक्रम में नहीं है,लेकिन यह जेईई एडवांस (JEE Advanced) के पाठ्यक्रम में है।
प्रश्न:7.आप हार्मोनिक श्रेढ़ी का nवाँ पद कैसे ज्ञात करते हैं? (How do you find the nth term of harmonic progression?):
उत्तर:हार्मोनिक प्रोग्रेसन पर एक समस्या को हल करने के लिए,संबंधित एपी श्रृंखला बनानी चाहिए और फिर समस्या को हल करना चाहिए।चूँकि किसी A.P का nवाँ पद a = a + (n-1)d द्वारा दिया जाता है, इसलिए किसी HP का nवाँ पद \frac{1}{ [a+(n-1)d]} द्वारा दिया जाता है।
प्रश्न:8.हार्मोनिक श्रेढ़ी का आविष्कार किसने किया? (Who invented harmonic progression?):
उत्तर:हार्मोनिक अनुक्रमों (harmonic sequences) का अध्ययन कम से कम छठी शताब्दी ईसा पूर्व का है,जब ग्रीक दार्शनिक और गणितज्ञ पाइथागोरस(Greek philosopher and mathematician Pythagoras) और उनके अनुयायियों (followers) ने ब्रह्मांड की प्रकृति को संख्याओं के माध्यम से समझाने की कोशिश की थी।
प्रश्न:9.आप हार्मोनिक श्रेढ़ी में सामान्य अंतर कैसे पाते हैं? (How do you find the common difference in harmonic progression?):
उत्तर:सार्व अंतर (common difference) किन्हीं दो आसन्न पदों (two adjacent terms) को घटाकर पाया जा सकता है।पहले के बाद का प्रत्येक पद पिछले पद में सार्व अंतर d को पुनरावर्ती रूप से जोड़कर पाया जा सकता है। समांतर श्रेणी के पहले n पदों का योग पहले पद और अंतिम पद के औसत का n गुना है।
प्रश्न:10.हम हार्मोनिक श्रेढ़ी का उपयोग कहां करते हैं? (Where do we use harmonic progression?):
उत्तर:ज्यामिति में प्रयोग करें (Use in geometry)
एक त्रिभुज में,यदि शीर्षलंब (altitudes) समान्तर श्रेढ़ी (arithmetic progression) में हैं,तो भुजाएँ हार्मोनिक श्रेढ़ी (harmonic progression) में हैं।
प्रश्न:11.क्या हार्मोनिक श्रेणी अभिसरण करती है? (Does the harmonic series converge?):
उत्तर:व्याख्या:नहीं,श्रेणी अभिसरण नहीं करती है।दी गई समस्या हार्मोनिक श्रेणी है,जो अनंत तक अपसरण (diverges to infinity) करती है।
प्रश्न:12.हार्मोनिक और अंकगणितीय अनुक्रम में क्या अंतर है? (What is the difference between harmonic and arithmetic sequence?):
उत्तर:उदाहरण के लिए,हार्मोनिक अनुक्रम में पहले और दूसरे पद के बीच का अनुपात 121=12121=12 है।
इसी तरह, एक समान्तर अनुक्रम वह है जहां इसके अवयवों में एक सार्व अंतर होता है।हार्मोनिक अनुक्रम के मामले में, इसके पहले और दूसरे अवयवों के बीच का अंतर 12−1=−1212−1=−12 है।
प्रश्न:13.आप कैसे बताते हैं कि कोई श्रेणी अभिसरण या अपसरण करती है? (How do you tell if a series converges or diverges?):
उत्तर:अभिसरण यदि किसी श्रेणी की एक सीमा है, और सीमा मौजूद है,तो श्रेणी अभिसरण (converges) करती है।अपसारी यदि किसी श्रेणी की कोई सीमा नहीं है या सीमा अनंत है तो श्रेणी अपसारी (divergent) होती है।अपसरण यदि किसी श्रेणी की कोई सीमा नहीं है या सीमा अनंत है तो श्रेणी अपसरण (series diverges) करती है।
प्रश्न:14.हार्मोनिक माध्य की खोज किसने की? (Who discovered harmonic mean?):
उत्तर:मार्क ए रेनॉल्ड्स (Mark A. Reynolds) ज्यामितीय और हार्मोनिक माध्य और श्रेढ़ी।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा हरात्मक श्रेढ़ी (Harmonic Progression) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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