Group Morphism
1.ग्रुप समाकारिता (Group Morphism):
ग्रुप समाकारिता (Group Morphism):समाकारिता के गुणधर्म (Properties of Homomorphism):
प्रमेय (Theorem):5.एक ग्रुप G की समाकारिता f ग्रुप G’ में एकैकी (समाकृतिकता) है यदि और केवल यदि f की अष्टि={e} जहाँ e,G में तत्समक है।
(A homomorphism f of a group G into a group G’ is a monomorphism iff kernel of f={e},where e is the identity in G.)
उपपत्ति (Proof):माना कि f एक एकैकी समाकारिता (G,*) से (G’,o) पर है तथा K,f की अष्टि है और x \in K तो f(x)=e^{\prime}
परन्तु f(e)=e^{\prime}
अतः f(x)=f(e) \Rightarrow x=e [क्योंकि f एकैकी प्रतिचित्रण है]
किन्तु x,K का स्वेच्छागृहीत (arbitrary) अवयव है
अतः K=\{e\}
विलोमत:माना कि K=\{e\},यदि x, y \in G
तथा f(x)=f(y) तो
f(x)=f(y) \Rightarrow f(x) o[f(y)]^{-1}=f(y) o \left [ f(y) \right ] \\ \Rightarrow f(x) o f\left(y^{-1}\right)=f(y) \circ f\left(y^{-1}\right)[f एक समाकारिता है]
\Rightarrow f(x * y^{-1})=f\left(y * y^{-1}\right)=e^{\prime} \\ \Rightarrow x y^{-1} \in K \\ \Rightarrow x y^{-1}=e \Rightarrow x y^{-1} y=e y[चूँकि K={e}]
\Rightarrow x=y
\therefore f एकैकी समाकारिता है।
प्रमेय (Theorem):6.यदि f समूह G से G’ पर एक समाकारिता है और a \in G की कोटि परिमित हो तथा n के बराबर हो तो f(a) की कोटि (अर्थात् m),n का भाजक है।
(If f is a homomorphism of a group G on to a group G’and if the order of a \in G is finite say n then the order of f(a) i.e. m is a divisor of n.)
उपपत्ति (Proof):माना (G,.) तथा (G^{\prime},*) दो समूह हैं तो
यहाँ o(a)=n (दिया हुआ है)
\therefore a^{n}=e जहाँ n न्यूनतम धनात्मक पूर्णांक है
अब e^{\prime}=f(e)=f\left(a^{n}\right)=f(a \cdot a \cdot a \ldots n \text { बार })\\ =f(a) * f(a) * f(a) * f(a) \cdots n \text { बार }\\ =[f(a)]^{n}
अतः यदि G’ में o[f(a)]=m तो m,n का भाजक होगा।
प्रमेय (Theorem):7.ग्रुपों के समुच्चय में तुल्यकारिता का सम्बन्ध '\cong' एक तुल्यता सम्बन्ध होता है।
(The relation of isomorphism '\cong' in the set of all groups is an equivalence relation.)
उपपत्ति (Proof):स्वतुल्य (Reflexive) किसी ग्रुप G से G में तत्समक प्रतिचित्रण I_{G}: G \rightarrow G ;ग्रुप G में तुल्यकारिता (Isomorphic) होती है क्योंकि I_{G} एकैकी आच्छादक {one-one,onto} है तथा स्वेच्छित a,b \in G \\ I_{G}(a b)=a b=I_{G}(a) \cdot I_{G}(b) \\ G \cong G
अतः सम्बन्ध \cong स्वतुल्य है।
सममित (Symmetric):माना कि ग्रुप G से ग्रुप G’ पर तुल्यकारिता है।क्योंकि f तुल्यकारिता है इसलिए यह एकैकी आच्छादक प्रतिचित्रण है,अतः इसका प्रतिलोम
f^{-1}: G^{\prime} \rightarrow G
का अस्तित्व होगा जो कि स्वयं भी एकैकी आच्छादक प्रतिचित्रण होगा।
अब a, b \in G तथा a^{\prime}, b^{\prime} \in G^{\prime} इस प्रकार हों कि
f(a)=a^{\prime}, f(b)=b^{\prime} तो
a=f^{-1}(a^{\prime}) ; b=f^{-1}(b^{\prime})
तब f^{-1} \left(a^{\prime} b^{\prime}\right) =f^{-1}[f(a) f(b)] \\ =f^{-1}[f(a b)] \\ =a b \\ \Rightarrow f^{-1}\left(a^{\prime} b^{\prime}\right)=f^{-1}\left(a^{\prime}\right) f^{-1}(b^{\prime})^{\prime}
अतः f^{-1} ; ग्रुप G^{\prime} से G पर समाकारी है।
अतः f^{-1} एकैकी, आच्छादक तथा समाकारी है।
अर्थात् f^{-1} तुल्यकारिता है फलतः
G^{\prime} \cong G \\ G \cong G \Rightarrow G^{\prime} \cong G
अतः सम्बन्ध \cong सममित है।
संक्रामक (Transitive):माना कि G,G^{\prime} तथा G^{\prime \prime} तीन ऐसे ग्रुप हैं कि
G \cong G^{\prime} , G^{\prime} \cong G^{\prime \prime}
साथ ही यह भी माना कि f तथा g क्रमशः इनकी तुल्यकारिताएँ हैं।अब f तथा g एकैकी आच्छादक प्रतिचित्रण हैं इसलिए gof भी एकैकी तथा आच्छादक प्रतिचित्रण G से G^{\prime} पर होगी,साथ ही
(g \circ f) x=g[f(x)] \forall x \in G
माना a, b \in G तब
(g \circ f )(a * b)=g[f(a * b)] \\ = g[f(a) \circ f(b)]\\ =g[f(a) \cdot g f(b)] \\ =g \circ f(a) \cdot g \circ f(b)
\therefore g \circ f ग्रुप G से ग्रुप G^{\prime \prime} पर एक समाकारिता है।
फलतः gof ग्रुप G से G^{\prime \prime} पर एक तुल्यकारिता है।
फलतः G \cong G^{\prime \prime}
अतः G \cong G^{\prime}, G^{\prime} \cong G^{\prime \prime} \Rightarrow G \cong G^{\prime \prime}
अतः सम्बन्ध \cong संक्रामक है।
उपर्युक्त से स्पष्ट है कि तुल्यकारिता का सम्बन्ध स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक है इसलिए तुल्यता सम्बन्ध है।
कैले प्रमेय (Cayley’s Theorem):
प्रमेय (Theorem):8.प्रत्येक परिमित ग्रुप किसी क्रमचय ग्रुप के तुल्यकारिक होता है।
(Every finite group is isomorphic to some permutation group.)
उपपत्ति (Proof):माना कि \left( G,* \right ) एक परिमित ग्रुप जिसका ग्रुपांक n है प्रत्येक a \in G के संगत में प्रतिचित्रण f_{a} निम्न प्रकार परिभाषित करें
f_{a}: G \rightarrow G: f_{a}(x)=a * x \forall x \in G
जब f_{a}(x)=f_{a}(y) \Rightarrow a * x=a * y \\ \Rightarrow x=y [G से वाम काटनीय नियम से]
\therefore f_{a} एकैकी है
साथ ही f_{a} एकैकी एक परिमित समुच्चय से स्वयं पर है इसलिए आच्छादक भी है,फलतः f_{a} ग्रुप G का एक क्रमचय है।
मानलो G^{\prime}=\{f_{a} \mid a \in G\} एक n क्रमचयों का समुच्चय है।
अब हम यह सिद्ध करेंगे कि (G’,o) एक ग्रुप है तथा (G,*) के तुल्यकारिता है।
अब एक प्रतिचित्रण \phi को निम्न प्रकार परिभाषित किया
\phi=G \rightarrow G^{\prime} \because \phi(a)=f_{a} \quad \forall a \in G
अब किन्हीं दो अवयव a, b \in G के लिए
\phi(a)=\phi(b) \Rightarrow f_{a}=f_{b} \\ \Rightarrow f_{a}(x)=f_{b}(x) \quad \forall x \in G \\ \Rightarrow a * x=b * x \\ \Rightarrow a=b
\therefore \phi एकैकी है।
अब G तथा G’ दोनों परिमित समुच्चय हैं तथा दोनों में अवयव की संख्या समान है। \phi एकैकी प्रतिचित्रण G से G’ में है इसलिए \phi आच्छादक प्रतिचित्रण है।
पुनः \forall a, b \in G \\ \phi (a \times b)=f_{a * b} \cdots(1)
परन्तु स्वेच्छागृहीत अवयव x \in G के लिए
f(a * b)=(a * b) * x \\ =a *(b * x) \\ =f_{a}(b * x) \\ =f_{a}\left[f_{b}(x)\right] \\ =\left(f_{a} \circ f_{b}\right)(x)
इसलिए f_{a * b}=f_{a} \circ f_{b} \cdots(2)
(1) तथा (2) से:
अतः \phi(a * b)=f_{a * b}=f_{a} \circ f_{b}=\phi(a) \circ \phi(b)
अतः \phi(a * b)=\phi(a) \circ \phi(b)
अतः \phi,G से G’ पर एकैकी आच्छादक तथा समाकारिता है।
अर्थात् \phi ग्रुप G से क्रमचय ग्रुप G’ पर एक तुल्यकारिता है।
अतः G \cong G^{\prime}
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2.ग्रुप समाकारिता के उदाहरण (Group Morphism Examples):
Example:1.यदि G=\{1,-1\} गुणनात्मक ग्रुप हो तो सिद्ध कीजिए कि प्रतिचित्रण
f:\left(z,+\right) \rightarrow\left(G, \cdot\right) ; f(x)=\left\{\begin{matrix}1 \quad \text{यदि x सम पूर्णांक संख्या है} \\ -1 \quad \text{यदि x विषम पूर्णांक संख्या है }\end{matrix}\right.
ग्रुप Z से G पर समाकारिता है।
(If G=\{1,-1\} is a multiplicative group then prove that the mapping
f:\left(z,+\right) \rightarrow\left(G, \cdot\right) ; f(x)=\left\{\begin{matrix}1 \quad \text{if x is an even integer} \\ -1 \quad \text{if x is an odd integer}\end{matrix}\right.
is a homomorphism from Z to G.)
Solution: f:\left(z,+\right) \rightarrow \left(G, \cdot\right) ; \\ f(x)=\left\{\begin{matrix}1 \quad \text{यदि x सम पूर्णांक संख्या है} \\ -1 \quad \text{यदि x विषम पूर्णांक संख्या है }\end{matrix}\right.
(i)यदि x,y दोनों सम हैं तो
f(x+y)=1
=1.1
\Rightarrow f(x+y)=f(x).f(y)
(ii)यदि x,y दोनों विषम हैं तो
f(x+y)=1
=(-1).(-1)
\Rightarrow f(x+y)=f(x).f(y)
(iii)यदि x सम तथा y विषम हो तो
f(x+y)=-1
=1.(-1)
\Rightarrow f(x+y)=f(x).f(y)
(iv)यदि x विषम तथा y सम है तो
f(x+y)=-1
=(-1).(1)
\Rightarrow f(x+y)=f(x).f(y)
अतः f(x+y)=f(x) \cdot f(y) \forall x, y \in z
अतः प्रतिचित्रण f,(Z,+) से (G,.) पर समाकारिता है।
Example:2.सिद्ध कीजिए कि ग्रुप \left[\left\{1, \omega, \omega^{2} \right\}, \cdot \right] तथा ग्रुप \left[\left\{(1),(1 \quad 2 \quad 3) ;\left(\begin{array}{lll} 1 & 3 & 2 \end{array}\right)\right\}, \circ \right] तुल्यकारी ग्रुप हैं।
(Prove that the group \left[\left\{1, \omega, \omega^{2} \right\}, \cdot \right] and group \left[\left\{(1),(1 \quad 2 \quad 3) ;\left(\begin{array}{lll} 1 & 3 & 2 \end{array}\right)\right\}, \circ \right] are isomorphic groups.)
Solution:G=\left\{1, \omega, \omega^{2} \right\} , G^{\prime}=\left\{(1),(1 \quad 2 \quad 3) ,\left(\begin{array}{lll} 1 & 3 & 2 \end{array}\right)\right\}
1 तथा (1) G तथा G’ के तत्समक अवयव हैं।
o(1)=1=o((1))\\ \omega^{3}=1 \\ o(\omega)=3\\ S=\left(\begin{array}{lll}1 & 2 & 3 \end{array}\right)\\ S^{2}= \left(\begin{array}{lll}1 & 2 & 3\end{array}\right) \circ \left(\begin{array}{lll}1 & 2 & 3\end{array}\right) \\ =\left( \begin{array}{lll}1 & 2 & 3 \\2 & 3 & 1\end{array}\right) \circ \left(\begin{array}{lll}1 & 2 & 3 \\2 & 3 & 1\end{array} \right)\\ =\left(\begin{array}{lll}1 & 2 & 3 \\2 & 3 & 1\end{array}\right) \circ \left(\begin{array}{lll} 3 & 1 & 2 \\1 & 2 & 3\end{array}\right) \\ =\left(\begin{array}{lll}3 & 1 & 2 \\2 & 3 & 1 \end{array}\right) \\ S^{3} =S^{2} \circ S \\ =\left(\begin{array}{lll}3 & 1 & 2 \\2 & 3 & 1\end{array}\right) \circ \left( \begin{array}{lll}1 & 2 & 3 \\2 & 3 & 1 \end{array} \right) \\=\left(\begin{array}{lll}3 & 1 & 2 \\2 & 3 & 1\end{array} \right) \circ \left(\begin{array}{lll}2 & 3 & 1 \\3 & 1 & 2\end{array}\right) \\ =\left(\begin{array}{lll}2 & 3 & 1 \\2 & 3 & 1\end{array}\right) \\ =(1) \\ o(S)=3\\ o(\omega)=3=0(1 \quad 2 \quad 3) \\ w^{2}=\omega^{2}, \left(\omega^{2} \right)^{2} =\omega^{4}=\omega, \left(\omega^{2}\right)^{3}=1\\ o\left(\omega^{2} \right)=3\\ S^{\prime}=(1 \quad 3 \quad 2)\\S^{\prime^{2}}=(1 \quad 3 \quad 2) \circ (1 \quad 3 \quad 2)\\ =\left(\begin{array}{lll} 1 & 3 & 2 \\3 & 2 & 1\end{array}\right) \circ\left(\begin{array}{lll}1 & 3 & 2 \\3 & 2 & 1\end{array}\right)\\ =\left(\begin{array}{lll} 1 & 3 & 2 \\ 3 & 2 & 1 \end{array}\right) \circ \left(\begin{array}{lll} 2 & 1 & 3 \\ 1 & 3 & 2 \end{array}\right) \\ \Rightarrow S^{\prime^{2}} =\left(\begin{array}{lll}2 & 1 & 3 \\3 & 2 & 1 \end{array}\right) \\ \Rightarrow S^{\prime^{3}} =S^{\prime^{2}} \circ S^{\prime} \\ =\left(\begin{array}{lll}2 & 1 & 3 \\ 3 & 2 & 1 \end{array}\right) \circ\left(\begin{array}{lll}1 & 3 & 2 \\3 & 2 & 1\end{array}\right) \\ =\left(\begin{array}{lll}2 & 1 & 3 \\3 & 2 & 1\end{array}\right) \circ \left(\begin{array}{lll}3 & 2 & 1 \\2 & 1 & 3\end{array}\right) \\ =\left(\begin{array}{lll}3 & 2 & 1 \\3 & 2 & 1\end{array}\right) \\ \Rightarrow S^{\prime^{3}}=(1) \\ \Rightarrow O\left(s^{\prime}\right)=3 \\ O\left(\omega^{2} \right)=3=\circ(1 \quad 3 \quad 2)
अतः f एकैकी आच्छादक है।
f(1)=1, f(\omega)=(1 \quad 2 \quad 3), f\left(\omega^{2}\right)=(1 \quad 3 \quad 2) \\ f(1)=(1), f(\omega) \\ f(1 \cdot \omega)=f(\omega) \\ =(1 \quad 2 \quad 3) \\ \Rightarrow f(1 \cdot \omega)=(1) \circ (1 \quad 2 \quad 3)
इसी प्रकार
f\left(\omega \cdot \omega^{2}\right)=f\left(\omega^{3}\right)\\=f(1)\\=(1)\\=\left(\begin{array}{lll}2 & 3 & 1 \\2 & 3 & 1\end{array}\right)\\=\left(\begin{array}{lll}1 & 2 & 3 \\2 & 3 & 1\end{array}\right) \circ \left(\begin{array}{lll}2 & 3 & 1 \\1 & 2 & 3\end{array}\right)\\ =\left(\begin{array}{lll}1 & 2 & 3 \\2 & 3 & 1\end{array}\right) \circ \left(\begin{array}{lll}1 & 3 & 2 \\3 & 2 & 1\end{array}\right)\\ \Rightarrow f\left(\omega \cdot \omega^{2}\right) =(1 \quad 2 \quad 3) \circ (1 \quad 3 \quad 2) \\ f\left(1 \cdot \omega^{2}\right) =f\left(\omega^{2}\right) \\ =(1 \quad 3 \quad 2) \\ \Rightarrow f\left(1 \cdot \omega^{2}\right) =(1) \circ (1 \quad 3 \quad 2)
f समाकारिता है।
अतः f तुल्यकारी ग्रुप है।अर्थात् G \cong G^{\prime}
Example:3.सिद्ध कीजिए कि गुणनात्मक ग्रुप G={1,-1,i,-i},क्रमचय ग्रुप G^{\prime}=\left\{I,(a \quad b \quad c \quad d),(a \quad c) \circ (b \quad d) (a \quad d \quad c \quad b)\right\} चार संकेतों a,b,c,d पर परिभाषित है।
(Prove that multiplicative group G^{\prime}=\left\{I,(a \quad b \quad c \quad d),(a \quad c) \circ (b \quad d) (a \quad d \quad c \quad b)\right\} of four forth roots of unity i.e. G={1,-1,i,-i} is isomorphic to the permutation group defined on four symbols a,b,c,d.)
Solution:G={1,-1,i,-i},G^{\prime}=\left\{I,(a \quad b \quad c \quad d),(a \quad c) \circ (b \quad d) (a \quad d \quad c \quad b)\right\}
1 तथा I क्रमशः G तथा G’ के तत्समक अवयव हैं।
o(1)=1=o(I) \\ (-1)^{1}=-1,(-1)^{2}=1 \\ o(-1)=2 \\ \text { Let } S=(a \quad c) \circ(b \quad d)\\ =\left(\begin{array}{llll}a & c & b & d \\c & a & b & d\end{array}\right)\circ \left(\begin{array}{llll}a & b & c & d \\a & d & c & b\end{array} \right)\\ =\left(\begin{array}{llll}a & c & b & d \\ c & a & b & d\end{array}\right) o\left(\begin{array}{llll}a & c & d & b \\a & c & b & d\end{array}\right)\\ \Rightarrow S=\left(\begin{array}{llll}a & c & d & b \\c & a & b & d\end{array} \right)\\ \Rightarrow S^{2}=\left(\begin{array}{llll}a & c & d & b \\c & a & b & d\end{array}\right) o\left(\begin{array}{llll}a & c & d & b \\c & a & b & d \end{array}\right) \\=\left(\begin{array}{llll}a & c & d & b \\c & a & b & d\end{array} \right) o\left(\begin{array}{llll}c & a & b & d \\a & c & d & b\end{array}\right)\\ \left(\begin{array}{llll}c & a & b & d \\c & a & b & d\end{array}\right) \\ =I \\ \Rightarrow o(S)=2\\ \Rightarrow o(-1)=2=o\{(a \quad c) \circ(b \quad d)\}\\ i=i, i^{2}=-1, i^{3}=-i, i^{4}=1\\ o(i)=4\\ S^{\prime}=(a \quad b \quad c \quad d)\\ S^{\prime^{2}}= \left(\begin{array}{llll}a & b & c & d \\b & c & d & a\end{array}\right)\left(\begin{array}{llll}a & b & c & d \\b & c & d & a\end{array}\right)\\ =\left(\begin{array}{llll}a & b & c & d \\ b & c & d & a \end{array}\right) \left(\begin{array}{llll}d & a & b & c \\a & b & c & d \end{array}\right)\\=\left(\begin{array}{llll}d & a & b & c \\b & c & d & a\end{array}\right) \\ S^{\prime^{3}} =S^{\prime^{2}} o S^{\prime} \\ =\left(\begin{array}{llll}d & a & b & c \\b & c & d & a\end{array} \right)\circ \left( \begin{array}{llll}a & b & c & d \\b & c & d & a\end{array}\right) \\=\left(\begin{array}{llll}d & a & b & c \\b & c & d & a\end{array}\right) \circ \left(\begin{array}{llll}c & d & a & b \\d & a & b & c\end{array}\right)\\ =\left(\begin{array}{llll} c & d & a & b \\b & c & d & a\end{array}\right)\\S^{\prime^{4}}=S^{\prime^{3}} \circ S^{\prime}=\left(\begin{array}{llll}c & d & a & b \\b & c & d & a\end{array}\right) \circ\left(\begin{array}{llll}a & b & c & d \\b & c & d & a\end{array}\right) \\=\left(\begin{array}{llll}c & d & a & b \\b & c & d & a\end{array}\right) o\left(\begin{array}{llll}b & c & d & a \\c & d & a & b\end{array}\right)\\ \Rightarrow S^{\prime^{4}}= \left(\begin{array}{llll}b & c & d & a \\b & c & d & a\end{array}\right)=I \\ o(i)=4=o(a \quad b \quad c \quad d)\\(-i)^{1}=-i,(-i)^{2}=-1,(-i)^{3}=i,(-i)^{4}=1\\o(-i)=4\\ S^{\prime \prime^{2}}=(a \quad d \quad c \quad b)\\ S^{\prime \prime^{2}}=\left(\begin{array}{llll}a & d & c & b \\d & c & b & a\end{array}\right) \circ\left(\begin{array}{llll} a & d & c & b \\d & c & b & a\end{array}\right) \\ =\left( \begin{array}{llll}a & d & c & b \\d & c & b & a\end{array}\right) \circ\left(\begin{array}{llll}b & a & d & c \\a & d & c & b\end{array}\right)\\ S^{\prime \prime^{2}}=\left(\begin{array}{llll}b & a & d & c \\d & c & b & a\end{array}\right)\\ \Rightarrow S^{\prime \prime^{3}}=S^{\prime \prime^{2}} \circ S^{\prime \prime} =\left(\begin{array}{llll}b & a & d & c \\d & c & b & a\end{array}\right) \circ\left(\begin{array}{llll} a & d & c & b \\d & c & b & a\end{array}\right)\\ =\left(\begin{array}{llll}b & a & d & c \\d & c & b & a\end{array}\right) \circ\left(\begin{array}{llll} c & b & a & d \\b & a & d & c\end{array}\right)\\ =\left(\begin{array}{clll}c & b & a & d \\d & c & b & a\end{array}\right) \\ \Rightarrow S^{\prime \prime^{4}}=S^{\prime \prime^{3}} \circ S^{\prime \prime}\\ =\left(\begin{array}{llll}c & b & a & d \\d & c & b & a \end{array}\right) \circ \left(\begin{array}{llll}a & d & c & b \\d & c & b & a\end{array}\right)\\ =\left( \begin{array}{llll}d & c & b & a \\d & c & b & a\end{array}\right) \\ \Rightarrow S^{\prime \prime^{4}}=I \\ o(-i)=4=\circ(a \quad d \quad c \quad b)
अतः f एकैकी आच्छादक है।
f(1)=I, f(-1)=(a \quad c) \circ(b \quad d), f(i)=(a \quad b \quad c \quad d), f(-i)=(a \quad d \quad c \quad b) \\ f(1 \cdot i)=f(i) =(a \quad b \quad c \quad d) \\ =I \circ (a \quad b \quad c \quad d)
इसी प्रकार f(1 \cdot-i) =f(-i)=(a \quad d \quad c \quad b) \\ f(1 \cdot -i) =I \circ (a \quad d \quad c \quad b)\\ =f(1) \cdot f(-i)
इसी प्रकार आगे
अतः f समाकारिता है।फलतः f तुल्यकारी ग्रुप है।अर्थात् G \cong G^{\prime}
Example:4.यदि ग्रुप G से G’ में f समाकारिता है तथा K इसकी अष्टि है तो सिद्ध करो कि \forall a, b \in G \\ f(a)=f(b) \Leftrightarrow a^{-1} b \in K
(If f be a group morphism from G to G’ and K is the kernel then prove that for \forall a, b \in G \\ f(a)=f(b) \Leftrightarrow a^{-1} b \in K )
Solution:f(a)=f(b) \Leftrightarrow a^{-1} b \in K \\ f(a)=f(b) \\ \Leftrightarrow[f(a)]^{-1} f(a)=[f(a)]^{-1} f(b) \\ \Leftrightarrow e^{\prime}=f(a^{-1} b) \\ \Leftrightarrow a^{-1}b \in k
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा ग्रुप समाकारिता (Group Morphism) को समझ सकते हैं।
3.ग्रुप समाकारिता के सवाल (Group Morphism Questions):
(1.)यदि n कोई धनात्मक पूर्णांक है, दर्शाइए अशून्य सम्मिश्र संख्याओं के गुणात्मक ग्रुप में प्रतिचित्रण
f: c_{0} \rightarrow c_{0}, f(z)=z^{n}
अन्तरकारिता है तथा अन्तरकारिता f की अष्टि क्या है?
(If n be any given positive integers and f: c_{0} \rightarrow c_{0}, f(z)=z^{n}, show that the mapping is an endomorphism of the multiplicative group of non-zero complex numbers.what is the kernel of this endomorphism?)
(2.)यदि समुच्चय G={1,-1} गुणनात्मक ग्रुप हो और समुच्चय G'{0,1} ‘प्रमाप 2’ योगज ग्रुप हो तो सिद्ध कीजिए कि वे तुल्यरूपी हैं।
(If set G={1,-1} is multiplicative group and set G’={0,1} ‘mod 2’ is an additive group, prove that they are isomorphic to each other.)
Solution:-(1)f की अष्टि=1 के n,n वे मूल हैं(n,nth roots of unity)
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर ग्रुप समाकारिता (Group Morphism) को ठीक से समझ सकते हैं।
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4.ग्रुप समाकारिता (Group Morphism) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.अन्तरकारिता किसे कहते हैं? (What is Endomorphism called?):
उत्तर:ग्रुप (G,*) से ग्रुप (G,*) पर परिभाषित समाकारिता अन्तरकारिता कहलाती है।
प्रश्न:2.एकैकी समाकारिता किसे कहते हैं? (What is the Monomorphism called?):
उत्तर:यदि ग्रुप (G,*) से ग्रुप (G’,o) पर परिभाषित कोई समाकारिता f एकैकी (one-one) प्रतिचित्रण हो तो ऐसी समाकारिता f एकैकी समाकारिता कहलाती है।
प्रश्न:3.तुल्यकारिता किसे कहते हैं? (What is Isomorphism called?)
उत्तर:यदि ग्रुप (G,*) से ग्रुप (G’,o) पर परिभाषित समाकारिता f एकैकी तथा आच्छादक (one-one onto) प्रतिचित्रण हो तो ऐसी समाकारिता तुल्यकारिता कहलाती है।
प्रश्न:4.अन्त:स्वाकारिता किसे कहते हैं? (What is Inner Automorphism called?):
उत्तर:स्वाकारिता f_{x}(a)=x^{-1}ax \forall a \in G ग्रुप G की x द्वारा निर्धारित स्वाकारिता अन्त:स्वाकारिता (Inner Automorphism) कहलाती है।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर ग्रुप समाकारिता (Group Morphism) कहलाती है।
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- 1.ग्रुप समाकारिता (Group Morphism):
- 2.ग्रुप समाकारिता के उदाहरण (Group Morphism Examples):
- 3.ग्रुप समाकारिता के सवाल (Group Morphism Questions):
- 4.ग्रुप समाकारिता (Group Morphism) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
- प्रश्न:1.अन्तरकारिता किसे कहते हैं? (What is Endomorphism called?):
- प्रश्न:2.एकैकी समाकारिता किसे कहते हैं? (What is the Monomorphism called?):
- प्रश्न:3.तुल्यकारिता किसे कहते हैं? (What is Isomorphism called?)
- प्रश्न:4.अन्त:स्वाकारिता किसे कहते हैं? (What is Inner Automorphism called?):
- ग्रुप समाकारिता (Group Morphism)
Group Morphism
ग्रुप समाकारिता (Group Morphism)
Group Morphism
ग्रुप समाकारिता (Group Morphism):समाकारिता के गुणधर्म (Properties of Homomorphism):
प्रमेय (Theorem):5.एक ग्रुप G की समाकारिता f ग्रुप G’ में एकैकी (समाकृतिकता) है यदि और केवल
यदि f की अष्टि={e} जहाँ e,G में तत्समक है।