Menu

English Essential for Study of Maths?

Contents hide

1.गणित के अध्ययन के लिए अंग्रेजी जरूरी (English Essential for Study of Maths?),गणित में अंग्रेजी भाषा का महत्त्व (Importance of English Language in Mathematics):

  • गणित के अध्ययन के लिए अंग्रेजी जरूरी (English Essential for Study of Maths?):1757 में प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला की हार से अंग्रेजों की नींव पड़ी अर्थात् ब्रिटिश राज्य स्थापित हो गया।1857 में भारत में क्रांतिकारियों की क्रांति असफल होने पर अंग्रेजों ने भारत पर पूरी तरह अधिकार कर लिया।भारत में अंग्रेजों ने अपने स्वार्थों की पूर्ति के हेतु अंग्रेजी की पढ़ाई शुरू कर दी।अंग्रेजी पढ़ाने से हमारे देश के युवाओं को पता चला कि यूरोप तथा विश्व के अन्य देश भारत से कितने आगे बढ़ चुके हैं।
  • चूँकि ग्यारहवीं शताब्दी में भास्कराचार्य द्वितीय गणितज्ञ के समय भारत विश्व के किसी भी देश से गणित व विज्ञान में पीछे नहीं था।परन्तु बाद के सात-आठ सौ वर्षों में भारत पिछड़ गया।भारतीय युवा पाश्चात्य देशों तथा अंग्रेजी के सम्पर्क में आए तो भारत के महान् वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु ने भौतिक और वनस्पति विज्ञान में उच्चकोटि के अनुसन्धान किए।रामानुजन् ने गणितीय में नई खोजें करके सारे संसार को चकित कर दिया।इसी प्रकार प्रफुल्लचन्द्र राय ने रसायन शास्त्र में महत्त्वपूर्ण आविष्कार करके भारत का गौरव बढ़ाया।
  • वस्तुतः आधुनिक युग में अधिकांश गणित,विज्ञान तथा तकनीकी के क्षेत्र में अनुसंधान तथा खोज कार्य यूरोप व पाश्चात्य देशों में ही हुआ है।इसलिए अंग्रेजी का बहुत प्रचार-प्रसार हुआ है।गणित तथा विज्ञान में उच्चकोटि का खोज कार्य करने के लिए कम से कम अंग्रेजी,जर्मन,फ्रांसीसी और रूसी भाषा का ज्ञान होना भी आवश्यक है।क्योंकि आज अन्य भाषाओं से हिन्दी भाषा में अनुवाद करते समय बहुत से शब्दों का अनुवाद ऐसा हो जाता है जिससे अर्थ का अनर्थ हो जाता है।उदाहरणार्थ Calculus का हिन्दी अनुवाद पथरी,Product का हिन्दी अनुवाद उत्पाद,Math का हिन्दी अनुवाद मठ,rational का तार्किक,Irrational का गैर-तार्किक,radical का अतिवादी देखने को मिलता है।जबकि इनका सही अनुवाद Calculus:कलन, Product:गुणन,Math:गणित, Rational:परिमेय (सुमेय),Irrational:अपरिमेय (असुमेय),Radical:करणी होता है।इस प्रकार अनेक शब्दों का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद करते हैं तो कुछ का कुछ अलग ही अनुवाद देखने को मिलता है।इसलिए इसमें कोई सन्देह नहीं है कि अंग्रेजी एक अन्तर्राष्ट्रीय भाषा है।अधिकांश उच्च क्षेत्र जैसे विज्ञान,गणित,टेक्नोलॉजी,बिजनेस, डिप्लोमेसी व सूचना तकनीकी में अंग्रेजी का अधिकार है।यह भी सुविदित है कि ये क्षेत्र ही सबसे अधिक कमाऊं क्षेत्र हैं।यही कारण है कि अंग्रेजी की मांग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।हालत यह है कि अंग्रेजी पहले एलिट वर्ग और शहरों तक ही सीमित थी।परन्तु अब कस्बों तथा छोटे-छोटे गांवों में भी अंग्रेजी मीडियम के स्कूल,पब्लिक व काॅन्वेन्ट स्कूलों ने अपनी पैठ बना ली है।इसलिए यदि विश्व के देशों की अग्रिम पंक्ति के साथ चलना है और व्यावसायिक सफलता प्राप्त करनी हैं तो अंग्रेजी का ज्ञान,अंग्रेजी पर अधिकार प्राप्त करना होगा।
  • यहाँ तक सैनिक में शारिरीक बल व बुद्धि की परख करने की योग्यता ही देखी जाती थी परन्तु अब इसमें अंग्रेजी भी जुड़ गयी है।अंग्रेजी में अगर कोई सैनिक कमजोर है तो आगे उन्नति नहीं हो सकती है।इससे पूर्व अंग्रेजी केवल बैंक कर्मियों,कम्प्यूटर, इंजीनियरों और होटल कर्मचारियों के लिए ही अनिवार्य समझी जाती थी।
  • आज अधिकांश सूचनाएं,प्रक्रियाएं,कार्यालय के फाॅर्म,हमारा कानूनी ढांचा,प्रबन्धन के कागजात इत्यादि सब अंग्रेजी में हैं।साक्षात्कार के दौरान यदि कोई कैंडिडेट की अंग्रेजी कमजोर है तो उसे यह कहा जाता है कि आप अपनी बात ठीक से कहिए अंग्रेजी तो बाद में हम ठीक करा लेंगे।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके । यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए । आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Also Read This Article:Mathematical Enigmas

(1.)गणित के अध्ययन के लिए अंग्रेजी पढ़ना मजबूरी (Compulsion to study English for mathematics studies):

  • आधुनिक युग में गणित व तकनीकी का क्षेत्र अत्यधिक विकसित हुआ है।ओर किसी क्षेत्र में तो अंग्रेजी के बिना काम चलाया जा सकता है परन्तु गणित के क्षेत्र में अंग्रेजी के बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता है।इंटरनेट पर अंग्रेजी माध्यम से गणित की सामग्री मिल जाएगी लेकिन हिन्दी में बहुत कम सामग्री देखने को मिलती है।विश्व के बड़े-बड़े गणितज्ञ गणित में होने वाले अनुसंधान,महान् गणितज्ञों की जीवनियाँ,शोध संस्थानों की वेबसाइट इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।सुनिश्चित बात है कि गणित जगत और गणित की तकनीक की दुनिया अंग्रेजी ताल पर ही नाचना पसन्द करते हैं।इसलिए गणित में भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं तो अंग्रेजी अर्थात् गणित की अंग्रेजी शब्दावली पर भी अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी।छात्र-छात्राओं को इस योग्य बनाना होगा जिससे वे गणित की अंग्रेजी शब्दावली को ठीक से व्यक्त कर सकें।कम्प्यूटर के आगमन से तो विश्व परिदृश्य ही बदल गया है।गणित तथा अंग्रेजी पर कमाण्ड है तो इसमें (कम्प्यूटर में) जाॅब के नए रास्ते खुल गए हैं।जो लोग स्थानीय या हिन्दी भाषा में अनुवाद करके अपना काम चलाते हैं उनके बजाय जो अंग्रेजी जानते हैं वे उतने समय में उनसे बहुत आगे निकल चुके होते हैं और लाभ कमा चुके होते हैं।
  • गणित के साथ-साथ जो अंग्रेजी जानता है उनके लिए जाॅब के रास्ते हर कहीं खुले हैं,हर कहीं बैठकर जाॅब को आपरेट कर सकते है।इस बात को हम इस तरह समझ सकते हैं कि जो कम्प्यूटर साइंस में बीटेक कर चुका है वह वेब डिजाइन,वेब डवलपर का कार्य किसी भी देश व कम्पनी के लिए कहीं भी बैठकर कुशलतापूर्वक कर सकता है।
  • अब अंग्रेजी किसी गणितज्ञ के लिए आवश्यकता बन गई है।इसलिए यदि उसके पास कोई ई-मेल अंग्रेजी में आए और उसका उत्तर हिन्दी में दे तो यह बड़े शर्म की बात होगी।इसलिए गणित के प्रारम्भिक स्तर से ही गणित को धीरे-धीरे पढ़ाया जाय अर्थात् छोटे-से-छोटे स्तर से ही इसकी शुरुआत की जाय।

(2.)गणित के अध्ययन अध्यापन में अंग्रेजी (English in Mathematics Studies and Teaching):

  • आज अध्ययन-अध्यापन की भाषा भी अंग्रेजी बनती जा रही है।सिर्फ अध्ययन ही नहीं मनन,चिन्तन इत्यादि की भाषा भी अंग्रेजी बनती जा रही है।भारत में ही जो हिन्दीभाषी क्षेत्र हैं, गणित की अधिकांश पुस्तकें अंग्रेजी में लिखी हुई मिलेगी।अंग्रेजी भाषा को उसी अर्थ के साथ स्थानीय भाषा तथा हिन्दीभाषा में रूपान्तरित करना संभव नहीं है।इसलिए यदि किसी व्यक्ति की अंग्रेजी पर पकड़ मजबूत नहीं है तो उसके द्वारा गणित में ज्ञान प्राप्त करना,जानकारियां जुटाना तथा लेख तैयार करने की सीमा निश्चित हो जाती है।यह बात केवल गणित,विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र के लिए ही नहीं है बल्कि अन्य क्षेत्रों यथा वित्तीय क्षेत्र, प्रबन्ध इत्यादि पर भी लागू होती है।
  • एशिया में गणित के अध्ययन-अध्यापन तथा अन्य क्षेत्रों में अंग्रेजी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण जाॅब प्राप्त करने में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका है।आमतौर पर देखा जाता है कि उच्च स्तर पर गणितज्ञ,प्राध्यापक,प्रोफेसर इत्यादि प्रभावपूर्ण अंग्रेजी बोल लेते हैं और लिख लेते हैं।परन्तु थोड़ा उनसे नीचे के स्तर पर उतरते हैं अर्थात् छात्र-छात्राओं के स्तर पर तो अंग्रेजी का घटियापन नजर आने लगता है।बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में इंजीनियर्स की भर्ती,बड़े शिक्षा संस्थानों में लेक्चरर्स,प्रोफेसर की भर्ती में अंग्रेजी जानने वालों को तरजीह दी जाती है।

Also Read This Article:Geometric World

(3.)गणित का अध्ययन अंग्रेजी में करने हेतु परिश्रम आवश्यक (Hard work is necessary to study mathematics in English):

  • भारत में लगभग 80% लोग गांवों में रहते हैं।गांव के लोगों में परम्पराओं के प्रति अत्यधिक लगाव रहता है।अर्थात् वे परम्पराओं से चिपके रहना पसन्द करते हैं।गाँवों में आज भी अशिक्षित, अनपढ़ तथा अंग्रेजी न जानने वाले माता-पिता होते हैं।वे बच्चों को गणित पढ़ाने में तिस पर भी अंग्रेजी में गणित को पढ़ाने में कोई मदद नहीं कर पाते हैं।
  • बच्चों में गणित को लेकर फोबिया कायम किया हुआ होता है।शिक्षा संस्थानों में सारी पुस्तकें,लम्बा पूरा सिलेबस और फीस ये सब तो मिल जाती हैं।इसके लिए ड्रेस,जूते,सफाई पर भी ध्यान दिया जाता है परन्तु गणित शिक्षा और व्यावहारिक शिक्षा की गुणवत्ता का अभाव देखा जाता है।परिणाम यह निकलता है कि अंग्रेजी पढ़ना तो दूर गणित को हिन्दी माध्यम से पढ़ने में भी पसीने छूटने लगते हैं।बच्चे लाज,शर्म,संकोचवश अंग्रेजी नहीं बोलते हैं।गणित के नाम पर बिदकते हैं।ऐसी स्थिति में गणित को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ना बहुत मुश्किल होता है।
  • अंग्रेजी माध्यम के शिक्षा संस्थान तथा पब्लिक स्कूल तो गली-गली में मिल जाएंगे परन्तु इन सबके परिणाम अभी तक तो उत्साहजनक नहीं कहे जा सकते हैं।दरअसल अंग्रेजी माध्यम से गणित पढ़ना अधिक परिश्रम और मेहनत मांगती है।बच्चों को स्वतन्त्रतापूर्वक तथा सृजनात्मकता अधिक पसन्द है।इसलिए उनकी प्रकृति को समझते हुए यदि गणित को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाया जाए तो उनमें आत्म-विश्वास की वृद्धि होती है और वे परिपक्व होते जाते हैं।जो छात्र-छात्राएँ गणित में मेहनत नहीं करते हैं उनको उच्च कक्षाओं में अंग्रेजी के बजाय हिन्दी माध्यम का चुनाव करना पड़ता है।ऐसी स्थिति में वे न घर के रहते हैं और न घाट के।इस प्रकार माध्यमिक व उच्च माध्यमिक कक्षाओं तक उनके द्वारा जो मेहनत की गई थी वह बेकार चली जाती है।

(4.)अंग्रेजी सीखने का दबाव (Pressure to learn English):

  • एक-दूसरे के देखा-देखी अंग्रेजी माध्यम में गणित ले तो लेते हैं परन्तु जब असफल हो जाते हैं तो एक दूसरे की लानतमलामत करते हैं।वस्तुतः बच्चा मातृभाषा में सहज व स्वाभाविक रूप से सीख सकता है।अंग्रेजी भाषा ऊपर से थोपी हुई भाषा मानी जाएगी।जो चीज थोपी व लादी हुई होती है उसको छात्र-छात्राएँ वहन नहीं कर पाते हैं।इसलिए ऐसे बालकों पर एकदम से अंग्रेजी का लादना उन पर अत्याचार है।इस तरह के बालकों को धीरे-धीरे अंग्रेजी में प्रवीण किया जाए।जैसे 10% से बढ़ाते हुए आगे बढ़ाया जाए।जो बच्चे सहज तथा स्वाभाविक रूप से अंग्रेजी माध्यम से गणित पढ़ने को तैयार हों तथा उनमें योग्यता हो तो ऐसे छात्रों को पढ़ाने में कोई परेशानी नहीं आती है।ऐसे बालकों को उनकी रुचि,जिज्ञासा व योग्यता के अनुसार पूर्णतः या अंशत अंग्रेजी माध्यम से गणित पढ़ाया जा सकता है।
  • इस प्रकार अंग्रेजी माध्यम से गणित पढ़ाने के लिए अच्छी प्रकार प्रशिक्षित अध्यापक की जरूरत होती है।उच्च कक्षाओं में विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग व कम्प्यूटर सीखाने के लिए दो भाषिए प्राध्यापकों एवं प्रोफेसरों की नियुक्ति की जानी चाहिए।अंग्रेजी माध्यम से गणित पढ़ने में प्रारम्भ में थोड़ी दिक्कत हो सकती है परन्तु बाद में छात्र-छात्राएँ इसके अभ्यस्त हो जाते हैं।इसलिए बालकों पर देखा-देखी अनावश्यक दबाव न बनाया जाए।अंग्रेजी भाषा मुख्य विषय के रूप में न पढ़ाकर अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जा सकता है।मूलतः प्रारम्भिक कक्षाओं में मातृभाषा में ही शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए।मातृभाषा के विकल्प के रूप में अंग्रेजी न पढ़ाई जाए।स्थानीय भाषा में पढ़ाने से राष्ट्रीयता को भी बल मिलता है।
  • हालांकि यह सच है कि अंग्रेजी माध्यम से गणित के कारण जाॅब के अनेक अवसर खुल जाते हैं।विश्व में कहीं भी इसके आधार पर जाॅब पाया जा सकता है।यह लोभ ही हमें अंग्रेजी पढ़ने को विवश करता है।

(5.)निष्कर्ष (Conclusion of English Essential for Study of Maths?):

  • इंटरनेट व कम्प्यूटर तथा तकनीकी के युग में अंग्रेजी जरूरी हो गया है।इसका यह अर्थ नहीं है कि अंग्रेजी न जानने वालों के लिए तरक्की के रास्ते बन्द हो गए हैं।कर्य्यमाणिक्यम श्रीनिवास कृष्णन्, प्रफुल्लचन्द्र राय,जगदीश चन्द्र बसु,मेघनाथ साहा, श्रीनिवास रामानुजन् आदि प्रख्यात गणितज्ञ और वैज्ञानिक गाँव के स्कूलों में ही पढ़े लिखे हैं किसी पब्लिक या कान्वेन्ट स्कूल में नहीं।इसका अर्थ है महान् बनने,विद्वान बनने,प्रतिभा को विकसित करने के लिए बहुत बड़े स्कूलों और अंग्रेजी माध्यम में पढ़ना जरूरी नहीं है।यह अवश्य है कि गरीबी के कारण,पढ़ाई में प्रोत्साहन न मिलने तथा साधनों के अभाव में बहुत सी प्रतिभाएँ खिलने से पहले ही मुरझा जाती है,दम तोड़ देती हैं।
  • यों भी प्रोफेशनल क्रियाकलापों के लिए बहुत ऊँचे दरजे की अंग्रेजी की आवश्यकता नहीं होती है।गणित में इतनी हाई-फाई अंग्रेजी की जरूरत नहीं पड़ती है क्योंकि गणित प्रैक्टिकल विषय है तथा प्रैक्टिकल विषय में अंग्रेजी बहुत कम लिखनी पड़ती है।जिसे थोड़े से प्रयत्न से हिन्दीभाषी छात्र-छात्राएँ सीख सकते हैं।आधुनिक युग में तो स्थानीय भाषाओं में तत्काल अनुवाद उपलब्ध हो जाता है इसलिए अंग्रेजी न जानना बहुत बड़ी रूकावट नहीं बन सकता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में गणित के अध्ययन के लिए अंग्रेजी जरूरी (English Essential for Study of Maths?),गणित में अंग्रेजी भाषा का महत्त्व (Importance of English Language in Mathematics) के बारे में बताया गया है।

2.गणित के अध्ययन के लिए अंग्रेजी जरूरी (English Essential for Study of Maths?),गणित में अंग्रेजी भाषा का महत्त्व (Importance of English Language in Mathematics),गणित के अध्ययन के लिए अंग्रेजी कितनी जरूरी? (How important is English for studying mathematics?) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.गणित सीखने में अंग्रेजी भाषा का क्या महत्व है? (What is the importance of English language in learning mathematics?):

उत्तर:इसके विपरीत,गणित सीखने में भाषा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।शिक्षक गणितीय अवधारणाओं को समझाने और गणित प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए भाषा का उपयोग करते हैं। गणित में समस्याओं को हल करते समय,हम अक्सर विशेष तकनीकी शब्दावली (जोड़,घटाव, परख (addend),राशि (sum)) का उपयोग करते हैं।

प्रश्न:2.गणित से संबंधित अंग्रेजी विषय कैसा है? (How is English subject related to mathematics?):

उत्तर:इस प्रकार भाषाओं के रूप में अंग्रेजी और गणित समान और अभी तक अलग हैं।वे दोनों संकेतों (signs) और प्रतीकों (symbols) की भाषाएं हैं जो “शब्द (words)” “वाक्य (sentences)” और “कहानियां (stories)” को जोड़ती हैं।इन “कहानियों” में एक व्याकरण है,जो सार्वभौमिक है और इसलिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय संचार की भाषाएं बनाती हैं।

प्रश्न:3.गणित में भाषा का क्या महत्व है? (What is the importance of language in mathematics?):

उत्तर:गणित भाषा बच्चों को गणित अवधारणाओं की अपनी बढ़ती समझ को व्यक्त करने का एक तरीका देती है।बच्चों को विभिन्न गतिविधियों में गणितीय भाषा का उपयोग करने के लिए कई अवसरों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न:4.गणित के अध्ययन में आप क्या महत्वपूर्ण के रूप में देखते हैं? (What do you see as important in the study of mathematics?):

उत्तर:गणित मानसिक अनुशासन के निर्माण का एक प्रभावी तरीका प्रदान करता है और तार्किक तर्क (logical reasoning) और मानसिक कठोरता (mental rigor) को प्रोत्साहित करता है।इसके अलावा,गणितीय ज्ञान विज्ञान,सामाजिक अध्ययन और यहां तक कि संगीत और कला जैसे अन्य स्कूल विषयों की सामग्री को समझने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित के अध्ययन के लिए अंग्रेजी जरूरी (English Essential for Study of Maths?),गणित में अंग्रेजी भाषा का महत्त्व (Importance of English Language in Mathematics) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

English Essential for Study of Maths?

गणित के अध्ययन के लिए अंग्रेजी जरूरी
(English Essential for Study of Maths?)

English Essential for Study of Maths?

गणित के अध्ययन के लिए अंग्रेजी जरूरी (English Essential for Study of Maths?):
1757 में प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला की हार से अंग्रेजों की नींव पड़ी अर्थात् ब्रिटिश राज्य स्थापित हो गया।
1857 में भारत में क्रांतिकारियों की क्रांति असफल होने पर अंग्रेजों ने भारत पर पूरी तरह अधिकार कर लिया।

No. Social Media Url
1. Facebook click here
2. you tube click here
3. Instagram click here
4. Linkedin click here
5. Facebook Page click here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *