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Computer Scientist Madu Sudan

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1.कंप्यूटर वैज्ञानिक मधु सूदन (Computer Scientist Madu Sudan),गणितज्ञ मधु सूदन (Mathematician Madu Sudan):

  • कंप्यूटर वैज्ञानिक मधु सूदन (Computer Scientist Madu Sudan) एक भारतीय-अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक है।उनका जन्म चेन्नई (भारत) में 12 सितंबर 1966 को हुआ था।वह 2015 से हार्वर्ड जॉन ए. पाॅलसन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड अप्लाइड साइंसेज (Harvard John A. Poulson School of Engineering and Applied Sciences) में कंप्यूटर साइंस के गाॅर्डन मैके प्रोफेसर (Gordon McKay Professor) रहे हैं।उन्होंने आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
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2.मधुसूदन का कैरियर (Career of Madhu Sudan):

  • उन्होंने 1987 में आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर विज्ञान की स्नातक डिग्री प्राप्त करने के बाद 1992 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय,बर्कले (University of California,Berkeley) से कंप्यूटर विज्ञान मे डाॅक्टरेट की डिग्री प्राप्त की।वहाँ 1992 से 1997 याॅर्कटाउन हाइट्स न्यूयॉर्क (Yarktown Heights,NewYork) में आईबीएम थाॅमस जे. वाटसन रिसर्च सेन्टर (IBM Thomas J. Watson Research Center) में एक शोध स्टाफ सदस्य थे और उसके बाद एमआईटी में चले गए।
  • 2015 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में शामिल होने से पहले 2009 से 2015 तक वह माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च न्यू इंग्लैंड (Microsoft Research New England) में एक स्थायी शोधकर्ता थे।

3.कम्पयूटर वैज्ञानिक मधु सूदन का अनुसंधान में योगदान और पुरस्कार (Research Contributions and Awards by Computer Scientist Madhu Sudan):

  • उन्हें 2002 में अंतरराष्ट्रीय गणितज्ञ कांग्रेस (आईसीएम) में राॅल्फ नेवानलिन्ना पुरस्कार (Rolf Nevanlinna Prize) से सम्मानित किया गया था।यह पुरस्कार कंप्यूटर विज्ञान के गणितीय पहलुओं (mathematical aspects of computer science) में उत्कृष्ट कार्य को मान्यता देता है।
  • मधु सूदन को संभाव्य रूप से जाँचने योग्य प्रमाणों के सिद्धांत आगे बढ़ाने में (advancing the theory of probabilistically checkable proofs) उनके काम के लिए सम्मानित किया गया था।इसकी वैद्यता पर अतिरिक्त जांच के लिए कंप्यूटर भाषा में गणितीय प्रमाण को दोबारा बनाने का एक तरीका (a way to recast a mathematical proof in computer language for additional checks on its validity) और त्रुटि-सुधार को विकसित करना (developing error-correcting codes)।
  • इसी काम के लिए उन्हें 1993 एसीएम का विशिष्ट डाॅक्टरेट शोध प्रबन्ध पुरस्कार (ACM’s Distinguished Doctoral Disseration Award) और 2001 में गोडेल पुरस्कार (Godel Prize) प्राप्त हुआ तथा 1998 में आईसीएम के आमंत्रित अध्यक्ष थे।वह एसीएम (2008) के फेलो हैं।2012 में वह अमेरिकन मेडिकल सोसायटी के फेलो बन गए।2014 में उन्होंने गणितीय विज्ञान में इंफोसिस पुरस्कार (Infosys Prize) जीता।2017 में उन्हें राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के लिए चुना गया।
  • 2021 में उन्हें 2021 के लिए आईईई रिचर्ड डब्ल्यू हैमिंग मेडल (IEEE Richard W. Hamming Medal) से सम्मानित किया गया।
  • मधु सूदन ने सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिसमें सम्भावित रूप से जांचने योग्य प्रमाण (Probabilistically of optimization problems) सूची डिकोडिंग और त्रुटि-सुधार कोड (list decoding and error-correcting codes) शामिल हैं।

4.निष्कर्ष (Computer scientist Madhu Sudan’s Conclusion):

  • वस्तुतः आगे बढ़ने के लिए मजबूत मनोबल की आवश्यकता होती है।मधु सूदन ने पहले छोटे स्तर से कार्य प्रारंभ किया और धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए।इनमें सफलता पाने से उत्तरोत्तर मनोबल बढ़ता रहता है।फिर उनसे बड़े कार्य हाथ में लिए तथा कई अनेक पुरस्कार के विजेता बने।
  • सफल व्यक्तियों ने किसी विशेष दिशा में जो अद्भुत सफलता प्राप्त की होती है,उसका कारण उनकी रुचि,दृढ़ इच्छाशक्ति,लगन एवं श्रमशीलता का सतेज होकर अभीष्ट मार्ग में संलग्न होना ही रहा है।
  • मन की मजबूती,स्थिरता,संतुलन और अपनी शक्तियों के प्रति पूर्ण विश्वास अर्थात् लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निरंतर बढ़ते चलने की समुचित रीति से विकास किया जाए तो अन्त में सफलता अवश्य मिलती है।जीवन एक संग्राम है जिसमें विजय केवल उन्हें ही मिलती है जो दृढ़ और उन्नत मनोबल का कवच धारण किए रहते हैं और जो अपने निहित पराक्रम और पौरुष की उत्कृष्टता सिद्ध करते हैं।शारीरिक स्वास्थ्य ठीक हो पर मनोबल न हो तो आदमी मानसिक आघात से अकाल मृत्यु को प्राप्त होता है।
  • अविकसित मनोबल के कारण हमारी योजनाएं सफल नहीं होती।हमारा मन हारा रहता है तो शरीर भी हारता है और व्यक्ति भी पराजित होता है।जिंदगी में मुसीबतों को परास्त करने का आधार है: व्यक्ति का मनोबल।मनुष्य में महत्वाकांक्षाएं उठें और वह उन्हें पूर्ण करने का प्रयत्न करें।पौरुष में आशा और उत्साह का संचार होता है,निराशा दूर भागती है।लक्ष्य में सफलता मिल जाती है तो आगे ओर काम हाथ में लेने और उन्हें पूर्ण करने की शुभ प्रवृत्ति जागती है।
  • प्रत्येक सफलता मनुष्य का मनोबल (मन की ताकत) बढ़ाती है पर क्रिया क्षेत्र में यह बात सदैव संभव नहीं है।संघर्ष करते हुए सफलता के साथ असफलता भी मिल सकती है।आशा के साथ निराशा की भी उत्पत्ति हो सकती है।मनोबल की परीक्षा का यही समय होता है।
  • इसलिए यह बहुत जरूरी बात है कि सफलता की आशा रखें पर साथ ही असफलता के समय धैर्य भी रखें।किसी भी अवस्था में मनोबल क्षीण न हो तो रुका हुआ कदम रुका नहीं रहता,निराशा आशा में बदलती है और हारी बाजी फिर से जीत में बदल जाती है।पहले छोटी इच्छाएँ कीजिए और उन्हें संकल्प का रूप दीजिए।एक संकल्प पूरा होगा तो आपका मनोबल बढ़ेगा,उत्साह और उल्लास आएगा।क्रमशः अपने संकल्प का स्तर बड़ा बनाइए और इस तरह अपने मनोबल को ओर ऊँचा उठाते हुए चले जाइए पर याद रहे कि संकल्प टूटना नहीं चाहिए अन्यथा मन में निराशा उत्पन्न होगी और मानसिक क्रियाशक्ति को छिन्न-भिन्न कर देगी।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में कंप्यूटर वैज्ञानिक मधु सूदन (Computer Scientist Madu Sudan),गणितज्ञ मधु सूदन (Mathematician Madu Sudan) के बारे में बताया गया है।

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5.गणित में छात्र फेल (हास्य-व्यंग्य) (Student Fail in Mathematics) (Humour-Satire):

  • बिट्टू:अरे नीकू तुमने आज तक नहीं बताया कि तुम क्या करते रहते हो?
  • नीकू:गणित विषय लिया था परंतु अच्छा नहीं लगा अतः छोड़ दिया।
  • बिट्टू:सीधे-सीधे क्यों नहीं बोलते हो कि गणित पढ़ना तुम्हारे वश की बात नहीं है और उसमें फेल हो गए हो इसलिए पढ़ाई छोड़ दी।

6.कंप्यूटर वैज्ञानिक मधु सूदन (Frequently Asked Questions Related to Computer Scientist Madu Sudan),गणितज्ञ मधु सूदन (Mathematician Madu Sudan) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.मधुसुधन के पीएचडी में सलाहकार कौन थे? (Who was the Advisor in Madhu Sudan’s PhD?):

उत्तर:मधु सूदन के डाॅक्टर सलाहकार उमेश वीरकुमार वजीरानी (Umesh Virkumar Vazirani) तथा डॉक्टर छात्र वेंकटेशन गुरुस्वामी (Venkatesan Guruswami),बेंजामिन राॅसमैन (Benjamin Rassman) थे।

प्रश्न:2.मधुसूदन ने पीएचडी किस विषय पर की? (Madhu Sudan did his PhD on which Subject?):

उत्तर:उन्होंने थीसिस बहुपद और प्रमाणों की कुशल जाँच और सन्निकटन समस्याओं की कठोरता (Thesis Efficient Checking of polynomials and proofs and the Hardness of Approximation Problems) में अपना शोध कार्य किया।

प्रश्न:3.2017 में मधुसूदन क्यों प्रसिद्ध है? (Why did Madhu Sudan Become Famous in 2017?):

उत्तर:2 मई 2017 में वे नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के सदस्य और विदेशी सहयोगी निर्वाचित,नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (National Academy of Sciences Members and Foreign Associates Elected,National Academy of Sciences) हुए।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा कंप्यूटर वैज्ञानिक मधु सूदन (Computer Scientist Madu Sudan),गणितज्ञ मधु सूदन (Mathematician Madu Sudan) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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