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Common mistakes by students in mathematics in hindi(Part-2)

छात्रों द्वारा गणित में की जाने वाली त्रुटियाँ और सुधार(Common mistakes by students in mathematics ):-

  • इस आर्टिकल में छात्रों द्वारा गणित में की जाने वाली त्रुटियाँ और सुधार(Common mistakes by students in mathematics ) के बारे में बताया गया है।इस आर्टिकल को पढ़ने के पहले इसका पार्ट-1 पढ़ना चाहिए।
  • (8.)जानबूझकर गलतियाँ करना(Knowingly making mistakes):
  • कुछ छात्र जानबूझकर गलतियाँ करते हैं, धीरे-धीरे गलतियाँ करने की उनकी आदत हो जाती है। एक बार जो आदत हो जाती है वह मुश्किल से ही छूटती है। अतः छात्रों को जानबूझकर गलतियाँ नहीं नहीं करना चाहिए आखिर में इसका नुकसान उनको स्वयं को ही उठाना पड़ता है।

(9.)प्रश्न की जाँच ठीक प्रकार से न करना(Do not check the question properly) :

  • कुछ विद्या प्रश्न का हल गलत कर देते हैं और उसकी जाँच ठीक प्रकार से नहीं करते हैं जो विद्यार्थी गलती अपनी गलती को स्वयं पकड़ लेता है वह प्रखर हो जाता है। अतः एकाग्रता, अभ्यास, स्वयं का निरीक्षण करते रहने से स्वयं की गलतियां पकड़ी जा सकती है।

(10.)क्रियाशील न रहना (Non functional):-

  • कुछ छात्र प्रश्न को हल करते समय ज्योहि कठिनाई आती है त्योही अध्यापक से हल करवा लेते हैं, स्वयं प्रयास नहीं करते हैं, न मस्तिष्क पर जोर डालते हैं। कई विद्यार्थियों की तो बार बार कठिन प्रश्नों को अध्यापक या साथी छात्रों से हल करवाने की आदत होती है। ऐसे छात्रों की या तो सोच ये होती है कि गणित को ऐच्छिक विषय के रूप में तो लेना नहीं है बस उत्तीर्ण होना है। परन्तु ऐसा करने से छात्रों में कठिनाईयों से जुझने की आदत का विकास नहीं होता है तथा किसी भी विषय में पिछड़े हुए ही रहते हैं।
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(11.)सम्पूर्ण पाठ्यक्रम की पुनरावृति करना(Revising the entire syllabus) :-

  • कई छात्रों की सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को पुनरावृति करने की आदत होती है। सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को होशियार छात्र तो हल कर लेते हैं परन्तु साधारण छात्रों को हल करने का समय नहीं मिलता है और उनकी पुनरावृत्ति पूरी नहीं हो पाती है। इसके बजाय शुरू से ही कठिन प्रश्नों को चिन्हित कर लिया जाए तथा उनकी पुनरावृत्ति कर ली जाए तो समय की बचत हो सकती है।

(12.)उच्चतर कक्षाओं में भी गणना मौखिक रूप हल न करना(Do not solve computation verbal form even in higher classes):

  • कुछ छात्र जोड़, बाकी इत्यादि गणनाएं उच्च कक्षाओं में जाने के बाद भी जो मौखिक रूप से ज्ञात की जा सकती है, उनका मौखिक रूप से हल न करने से कमजोरी रह जाती है। अतः जो जोड़, गुणा, बाकी, भाग मौखिक रूप से ज्ञात किये जा सकते हैं उन्हें मौखिक रूप से ही हल करना चाहिए।

(13.)उच्चतर कक्षाओं में गुणनखण्ड, वर्गमूल जैसी छोटी कक्षाओं की समस्याओं को हल न कर पाना(Unable to solve problems of small classes like factor, square root in higher classes.):

  • छोटी कक्षाओं में गुणनखण्ड, वर्गमूल, घनमूल, लघुत्तम समापवर्त्य, महत्तम समापवर्त्य का ठीक से अभ्यास न कर पाने के कारण छात्र प्रश्नों को हल नहीं कर पाते हैं। अतः इनका ठीक से अभ्यास करना चाहिए। अभ्यास का अर्थ है कि बार बार उस टाॅपिक लगातार करते रहना जब तक कि उससे सम्बन्धित प्रश्नों को ठीक से हल न कर पाए।

(14.)अध्यापक पर अत्यधिक निर्भर रहना(Heavily dependent on teacher) :

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  • कुछ छात्र प्रश्नों को अध्यापक की सहायता के बिना हल नहीं कर पाते हैं। कारण यह है कि छोटी कक्षाओं में अधिक परिश्रम नहीं करते  हैं जो आगे चलकर उनके लिए समस्या बन जाती है। बोर्ड की कक्षाओं को एक चुनौती के रूप में लेते हैं परन्तु अन्य कक्षाओं में को हल्के में लेते हैं या नजरअंदाज करते हैं। अतः छात्रों तथा अभिभावकों को गम्भीरता से हर कक्षा को लेना चाहिए।

समीक्षा(Review) :-

  • छात्रों को प्रत्येक कक्षा में गणित को गम्भीरता से लेना चाहिए। जितना अधिक स्वयं हल करने की कोशिश करेगें उतना ही लाभ होगा।। वस्तुतः उपर्युक्त वर्णित त्रुटियां इसलिए करते हैं कि छात्रों में परिश्रम करने की आदत, नियमितता, शुद्धता, धैर्य, सत्य के प्रति निष्ठा, एकाग्रता, ध्यान, योग जैसे गुणों के विकास में रूचि नहीं लेते हैं। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में इनको शामिल नहीं किया गया है। अतः अभिभावकों, माता-पिता, अध्यापकों को इन गुणों का विकास छात्रों में करना चाहिए। यदि उपर्युक्त दिए गए सुझावों पर अमल किया जाए तो गणित विषय जिनको नीरस व कठिन लगता है उनको गणित विषय आनंददायक लगेगा।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में छात्रों द्वारा गणित में की जाने वाली त्रुटियाँ और सुधार(Common mistakes by students in mathematics ) के बारे में बताया गया है।
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