CBSE Practical system in mathematics
1.सीबीएसई गणित में भी प्रैक्टिकल व्यवस्था (CBSE Practical system in mathematics too):
- सीबीएसई गणित में भी प्रैक्टिकल व्यवस्था (CBSE Practical system in mathematics too):सीबीएसई बोर्ड ने यह एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। उसने गणित में 20 नम्बर का प्रैक्टिकल लेने का निर्णय लेकर इसी वर्ष से लागू कर दिया है।इससे पूर्व केवल सौ नंबर का थ्योरी का पेपर होता था।गणित स्वयं एक प्रैक्टिकल सब्जेक्ट है और अब से पूर्व उसमें प्रैक्टिकल का प्रावधान नहीं था।जबकि अन्य विषय जैसे भौतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान,जीव विज्ञान,भूगोल इत्यादि थ्योरीटिकल सब्जेक्ट होते हुए भी उनमें प्रैक्टिकल का प्रावधान था। चूंकि प्रैक्टिकल में अधिक नंबर लाए जा सकते हैं इसलिए भौतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान इत्यादि विषय वाले विद्यार्थी फायदे में रहते थे और गणित में प्रैक्टिकल का प्रावधान न होने से विद्यार्थी कम अंक प्राप्त कर पाते थे।अब प्रैक्टिकल का प्रावधान करने से गणित अन्य विषयों की तुलना में आकर खड़ा हो गया है और अब गणित में भी अच्छे नंबर प्राप्त किए जा सकते हैं।
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- इससे पूर्व सीबीएसई बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया था,बोर्ड के गणित के पेपर को दो भागों में विभाजित किया गया था।स्टैंडर्ड मैथ और बेसिक मैथ। जो विद्यार्थी आगे गणित का चुनाव करना चाहते हैं उनको स्टैंडर्ड मैथ का पेपर देना होगा तथा जो विद्यार्थी आगे गणित को ऐच्छिक विषय के रूप में नहीं चुनाव करना चाहते हैं,वे बेसिक मैथ का चुनाव करके परीक्षा दे सकते हैं।स्टैंडर्ड मैथ के पेपर का डिफिकल्टी लेवल,बेसिक मैथ के लेवल से उच्च स्तर का है।
- गणित विषय को लोकप्रिय तथा प्रगतिशील बनाने के लिए इस प्रकार के परिवर्तन करने आवश्यक हैं।हालांकि इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।जब तक विद्यार्थियों के समक्ष कठिनाई व चुनौती सामने नहीं होती है तो उसको वे बेहतर तरीके से करने का प्रयास नहीं करते हैं। कठिनाई व चुनौतियों से व्यक्ति की प्रतिभा निखरती है। लेकिन अधिकांश विद्यार्थी कठिनाइयों तथा समस्याओं का सामना करना पसंद नहीं करते हैं। इसका आकलन इस बात से किया जा सकता है कि सीबीएसई बोर्ड में 60%-70% विद्यार्थियों ने बेसिक मैथ के पेपर का चयन किया है।
- इसी प्रकार प्रैक्टिकल पेपर करने का नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।अब विद्यार्थी अधिक मेहनत व कठिन परिश्रम क्यों करेंगे जबकि प्रैक्टिकल में अच्छे अंक प्राप्त हो जाएंगे और परीक्षा को आसानी से पास किया जा सकता है। इससे गणित शिक्षा के स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है।फिर भी अधिकांश विद्यार्थियों के हित में जो कि गणित विषय को पसंद ही नहीं करते हैं उन पर गणित विषय को लादना उचित व न्याय संगत नहीं है।निसंदेह कुछ ऐसे विद्यार्थी जो गणित विषय लेकर गणित विषय की सेवा कर सकते थे,उनसे वंचित होना पड़ेगा क्योंकि लगभग 70% विद्यार्थियों ने बेसिक मैथ का पेपर चुना है। इसका अर्थ यह नहीं है कि सभी 70% विद्यार्थी गणित में कमजोर है ,इसमें बहुत से ऐसे विद्यार्थी शामिल हैं जो प्रतिभाशाली हैं और गणित विषय को चुनकर आगे बढ़ते तो हमें अच्छे गणितज्ञ मिल सकते थे। इनके अभाव में हमें ऐसे गणितज्ञ युवाओं से वंचित होना पड़ेगा।यह स्थिति तो तब है जबकि गणित विषय का अच्छा स्काॅप और केरियर मौजूद है।
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- यदि इन 70% विद्यार्थियों में से प्रतिभाशाली विद्यार्थी गणित लेते तो हमें अच्छे गणितज्ञ,इंजीनियर,टेक्नीशियन,वैज्ञानिक इत्यादि मिल सकते थे।वस्तुतः इस तरह का ऑप्शन रखने के साथ-साथ यदि शिक्षकों द्वारा गणित विषय के प्रति सकारात्मक वातावरण पैदा किया जाता तो इतनी भारी संख्या में विद्यार्थी बेसिक मैथ के पेपर का चुनाव नहीं करते। लेकिन जैसा कि हम जानते हैं कि शिक्षकों की शिक्षा में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है विशेषकर गणित शिक्षा में,तब शिक्षकों का मूकदर्शक बनकर इस प्रकार होने देना तथा चुपचाप रहना उनकी लापरवाही व अनदेखी करके सहमति देना एक प्रकार की गणित के प्रति नकारात्मक धारणा परिलक्षित करती है।आज गणित शिक्षकों की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है इसे हम सब अच्छी तरह से परिचित है।
हम गणित विषय के प्रति सकारात्मक वातावरण उत्पन्न करने के लिए बार-बार आर्टिकल लिखते रहते हैं तथा जागरूक करते रहते हैं, वो इसलिए कि विद्यार्थियों में गणित के भय को दूर किया जा सके तथा गणित को अपने कैरियर के रूप में अपना सकें। - उपर्युक्त विवरण में सीबीएसई गणित में भी प्रैक्टिकल व्यवस्था (CBSE Practical system in mathematics too) का रिव्यू किया गया है.
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(1.)सीबीएसई गणित में भी प्रैक्टिकल व्यवस्था,20 नंबर का होगा प्रैक्टिकल, 80 नंबर की थ्योरी(CBSE Practical system in mathematics too,20 numbers will be practical,80 number theory):
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के 12वीं के गणित विषय के छात्रों के लिए इस बार प्रैक्टिकल (लैब मैनुअल एक्टिविटी) व्यवस्था लागू की गई है। इसके लिए 20 अंक निर्धारित किए गए हैं। 80 नंबर थ्योरी के लिए हैं।
सीबीएसई की ओर से नियुक्त चीफ नोडल सुपरवाइजर आनंद पांडे ने कहा कि 12वीं में गणित को छोड़कर हर विषय में प्रैक्टिकल होता है। इससे छात्रों को अच्छे अंक मिल जाते हैं। ऐसे में बोर्ड ने तय किया है कि इस बार से गणित में प्रैक्टिकल लागू करेंगे। - छात्र जो थ्योरी पढ़ेंगे उसका प्रैक्टिकल गणित लैब में जाकर करेंगे। मसलन मॉडल, कटिंग आदि के जरिये गणितीय समाधानों को प्रस्तुत करेंगे। बताया कि जिन स्कूलों में गणित लैब की सुविधा नहीं होगी वहां पर फिजिक्स की लैब में प्रैक्टिकल किए जाएंगे।
- उपर्युक्त विवरण में सीबीएसई गणित में भी प्रैक्टिकल व्यवस्था (CBSE Practical system in mathematics too) के बारे में बताया गया है.
(2.)गणित के दो तरह के पेपर(Two types of maths paper):
इस बार 10वीं के बोर्ड में दो तरह के गणित के पेपर होंगे। छात्र गणित के बेसिक और स्टैंडर्ड का विकल्प भर सकते हैं। बेसिक में सामान्य से आसान और स्टैंडर्ड में कुछ टफ पेपर आएगा। छात्रों के पेपर की पसंद के अनुसार ही उनका सीटिंग अरेंजमेंट किया जाएगा। कक्ष निरीक्षकों के पास अनुक्रमांक के अनुसार बेसिक और स्टैंडर्ड की लिस्ट भी होगी।
उपर्युक्त विवरण में सीबीएसई गणित में भी प्रैक्टिकल व्यवस्था (CBSE Practical system in mathematics too) के बारे में बताया गया है.
2.सीबीएसई गणित में भी प्रैक्टिकल व्यवस्था (CBSE Practical system in mathematics too) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.मैथ्स प्रैक्टिकल में क्या किया जाता है? (What is done in maths practical?):
उत्तर:नई गणित प्रायोगिक परीक्षा (The new Maths practical exam)
प्रैक्टिकल में परीक्षक को छात्र को सिखाई गई 10 गतिविधियों में से किसी एक को करने के लिए कहने की अनुमति होगी।गतिविधियों में प्रमेयों (theorems) के आधार पर ग्राफ (graphs),चार्ट (charts) और मॉडल बनाना (models),उनके आधार पर गणना करना (calculations) और अवलोकन (observations) लिखना शामिल है।
प्रश्न:2.क्या सीबीएसई कक्षा 12 में गणित व्यावहारिक है? (Is there Maths practical in CBSE Class 12?):
उत्तर:सीबीएसई ने कक्षा 12 में गणित सहित सभी विषयों के लिए कम से कम 20 अंकों के आंतरिक मूल्यांकन घटक (internal assessment component) को शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।बहुविकल्पीय प्रश्नों (multiple-choice questions) सहित वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों (objective type questions) के लिए न्यूनतम 25% अंक आवंटित किए जाएंगे.
प्रश्न:3.लैब मैनुअल क्या है? (What is lab manual?):
उत्तर:एक “लैब मैनुअल (lab manual)”वह शब्द है जिसका उपयोग हम उस दस्तावेज़ के लिए करेंगे जो आप अपने परीक्षण उपयोगकर्ताओं को आपके द्वारा परीक्षण किए जा रहे इंटरफ़ेस की खोज (exploration of the interface) का मार्गदर्शन करने के लिए देते हैं;अन्य स्रोत इसे “टेस्ट गाइड (test guide)”,”यूजर वर्कशीट (user worksheet)”,आदि कह सकते हैं।ठीक है,जब आप उन्हें लैब मैनुअल देते हैं।
प्रश्न:4.आप एक व्यावहारिक मैनुअल कैसे लिखते हैं? (How do you write a practical manual?):
उत्तर:सबसे पहले प्रयोग के शीर्षक से शुरुआत करें।
फिर जो प्रश्न पूछे जाते हैं उन्हें लिखें कि हमें यह प्रयोग करने की आवश्यकता क्यों है।
निम्नलिखित प्रयोग का सैद्धांतिक विश्लेषण या परिकल्पना (theoretical analysis or hypothesis) लिखिए।
फिर,इस प्रयोग को करने के लिए आवश्यक सामग्री के बारे में लिखिए।
प्रश्न:5.लैब मैनुअल में क्या होना चाहिए? (What should be in a lab manual?):
उत्तर:लैब रिपोर्ट की संरचना (The Structure of Lab Reports)
शीर्षक पृष्ठ (आवश्यक) (Title Page (REQUIRED)) लैब संख्या (Lab number) और शीर्षक (title),पाठ्यक्रम का नाम (course name) और अनुभाग (section),आपका नाम (your name),आपके समूह के सदस्य का नाम (your group member’s name(s)),प्रयोग की तिथि (date of experiment)/और नियत तिथि (due date)।
सार (Abstract) (5 अंक)
परिचय (Introduction) (20 अंक)
प्रक्रियाएं (Procedures) (15 अंक)
डेटा/अवलोकन (Data/Observations) (30 अंक)
चर्चा/निष्कर्ष (Discussion/Conclusions) (30 अंक)
प्रश्न:6.आप एक प्रयोगशाला निर्देश कैसे लिखते हैं? (How do you write a lab instruction?):
उत्तर:जब पूरी प्रयोगशाला रिपोर्ट का अनुरोध किया जाता है,तो इसमें शामिल होना चाहिए:
शीर्षक पेज (Title Page)।एक सूचनात्मक रिपोर्ट शीर्षक (informative report title)।
सार (Abstract)।5-8 वाक्यों को एक पैराग्राफ में निम्नानुसार व्यवस्थित किया गया है:
परिचय (Introduction)।
सामग्री और तरीके (Materials and Methods)।
परिणाम (पाठ) (Results (text))
परिणाम (आंकड़े और टेबल) (Results (Figures and Tables))
विचार – विमर्श (Discussion)।
सन्दर्भ (References)।
प्रश्न:7.मैं प्रैक्टिकल कैसे लिखूं? (How do I write practical?):
उत्तर:विज्ञान के सभी प्रयोग अवैयक्तिक भूतकाल (impersonal past tense) में लिखे जाने चाहिए।अवैयक्तिक का अर्थ है कि आपको किसी भी व्यक्तिगत सर्वनाम का उपयोग करने से बचना चाहिए।ये ऐसे वाक्यांश हैं जिनमें व्यक्तिगत शब्द शामिल हैं जैसे कि हम(we),मैं (I),आप (you),वे (they),वह (he) या वह (she)।
प्रश्न:8.मैं एक व्यावहारिक फ़ाइल कैसे लिखूँ? (How do I write a practical file?):
उत्तर:प्रक्रिया (Procedure)/निर्देश (Instructions):
एक प्रयोग में हमें निम्नलिखित बातें लिखनी होती हैं: (i)लक्ष्य (Aim)।(ii) आवश्यक सामग्री (Material required)।
प्लेन पेज पर आपको (पेंसिल के साथ) निम्नलिखित बातें लिखनी हैं: (i) लक्ष्य (Aim)।(ii) सिद्धांत आरेख (Theory diagram) (यदि कोई हो)
लाइनिंग पेज पर आपको (पेन के साथ) निम्नलिखित बातें लिखनी हैं:(i)लक्ष्य (Aim)।
प्रयोगों की सूची (List of experiments),जिन्हें आपको पूरा करना है:
प्रश्न:9.लैब का उद्देश्य क्या है? (What is the purpose of the lab?):
उत्तर:प्रायोगिक उपकरण (experimental apparatus),वैज्ञानिक पद्धति (the scientific method) और डेटा विश्लेषण के तरीकों (methods of data analysis) से छात्रों को परिचित कराना ताकि उन्हें उस आगमनात्मक प्रक्रिया (inductive process) का कुछ अंदाजा हो जाए जिसके द्वारा विचारों की उत्पत्ति हुई थी।यह सिखाने के लिए कि सावधानीपूर्वक प्रयोगात्मक अवलोकन (experimental observations) कैसे करें और इस तरह के डेटा के बारे में कैसे सोचें और निष्कर्ष (conclusions) निकालें।
प्रश्न:10.क्या हम प्रैक्टिकल में प्रक्रिया लिखते हैं? (Do we write procedure in practical?):
उत्तर:नहीं,आपको पूरी प्रक्रिया लिखने की ज़रूरत नहीं है, आपको बस लक्ष्य (aim) और अवलोकन (observation) लिखना है।
प्रश्न:11.मुझे प्रैक्टिकल परीक्षा में क्या लिखना चाहिए? (What should I write in practical exam?):
उत्तर:प्रैक्टिकल परीक्षा की तैयारी कैसे करें
डायग्राम (diagrams) और सर्किट (circuits) के साथ पूरी तरह से सावधान रहें।इससे पहले कि आप उपकरण सेट करना शुरू करें,आपको प्रयोगों को तैयार करने के लिए रफ आरेखों की कल्पना और आरेखण (visualize and draw rough diagrams) करना चाहिए।
अच्छी तरह अभ्यास करें (Practice well)।
प्रायोगिक परीक्षा के दौरान आश्वस्त रहें (Be confident during the practical examination)।
प्रश्न:12.मैं प्रैक्टिकल में अच्छे अंक कैसे प्राप्त कर सकता हूं? (How can I score good marks in practical?):
उत्तर:प्रैक्टिकल परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने के लिए टिप्स
कक्षाओं में ध्यान से सुनें।यदि आप किसी थ्योरी क्लास में ध्यान नहीं देते हैं,तो आप टेक्स्ट और नोट्स (text and notes) पढ़कर इसे पूरा कर सकते हैं।
अच्छे नोट्स रखें (Keep good notes)।अधिकांश प्रायोगिक कार्यों (practical tasks) में निर्देशों का एक सेट होता है,अक्सर मिनट वाले।
अच्छी तरह अभ्यास करें (Practice well)।
प्रक्रिया को समझें (Understand the process)।
घबराहट से बचें (Avoid nervousness)।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा सीबीएसई गणित में भी प्रैक्टिकल व्यवस्था (CBSE Practical system in mathematics too) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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