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How to Find Mean Mode and Median?

1.माध्य, बहुलक और मध्यका कैसे ज्ञात करें? (How to Find Mean Mode and Median?),समान्तर माध्य, बहुलक और मध्यका (Arithmetic Mean Mode and Median): माध्य, बहुलक और मध्यका कैसे ज्ञात करें? (How to Find Mean Mode and Median?):-समान्तर माध्य, बहुलक और मध्यका (Arithmetic Mean Mode and Median) सभी प्रकार के माध्यों में सबसे अधिक लोकप्रिय हैं।समान्तर

Median

1.मध्यका (Median): मध्यका (Median): किसी समंक-श्रेणी की आरोही (बढ़ते हुए) या अवरोही (घटते हुए) क्रम में व्यवस्थित करने पर उस श्रेणी के मध्य में जो मूल्य आता है वही मध्यका (Median) कहलाता है।कौनर के शब्दों में, ‘मध्यका समंक-श्रेणी का वह चर मूल्य है जो समूह को दो बराबर भागों में इस प्रकार बाँटता है कि

Mode

1.बहुलक (Mode): बहुलक (Mode):सांख्यिकी में बहुलक (या भूयिष्ठक) उस मूल्य को कहते हैं जो समंकमाला में सबसे अधिक बार आता हो अर्थात् जिसकी सबसे अधिक आवृत्ति हो।यह सर्वाधिक घनत्व की स्थिति (Position of Greatest Density) या मूल्यों का अधिक संकेन्द्रण का बिन्दु (Point of Highest Concentration of Values) कहलाता है।क्राक्सटन एवं काउडेन के अनुसार एक

Arithmetic Average

1.समान्तर माध्य (Arithmetic Average),समान्तर माध्य सूत्र (Arithmetic Average Formula): समान्तर माध्य (Arithmetic Average):अविच्छिन्न श्रेणी में यह माना जाता है कि आवृत्तियाँ वर्गों के मध्य-मूल्यों पर केंद्रित है। अविच्छिन्न श्रेणी में समांतर माध्य उसी प्रकार निर्धारित किया जाता है जिस प्रकार खंडित श्रेणी में परंतु अंतर केवल इतना है कि पहले इस श्रेणी में वर्गों के

Arithmetic Mean

1.समान्तर माध्य (Arithmetic Mean),समान्तर माध्य सूत्र (Arithmetic Mean Formula): समान्तर माध्य (Arithmetic Mean):समांतर माध्यों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण और लोकप्रिय समांतर माध्य (Arithmetic Mean or Average) है।वास्तव में जब हम सामान्य भाषा में ‘औसत’ शब्द का प्रयोग करते हैं तो हमारा तात्पर्य समांतर माध्य से ही होता है।किसी समंकमाला का समान्तर माध्य (Arithmetic Mean) वह

Three approaches to probability

1.प्रायिकता के लिए तीन दृष्टिकोण: शास्त्रीय, आवृत्ति-आधारित और व्यक्तिपरक दृष्टिकोण (Three approaches to probability: Classical, frequency-based and subjective approaches): प्रायिकता के लिए तीन दृष्टिकोण: शास्त्रीय, आवृत्ति-आधारित और व्यक्तिपरक दृष्टिकोण (Three approaches to probability: Classical, frequency-based and subjective approaches)है । अनिश्चितता को प्रबंधित करने के लिए प्रायिकता को एक उपकरण के रूप में परिभाषित किया जा

Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping

1.सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी का परिचय (Introduction to Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping): सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी (Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping) अर्थात सिक्का उछालने में हमारी गलतफहमी तथा धारणाएं हैं। जैसे सिक्के को 100 बार उछाले तो प्रथम बार उछालने

The Man Who Invented Modern Probability

व्यक्ति जिसने आधुनिक प्रायिकता का आविष्कार किया (The Man Who Invented Modern Probability): व्यक्ति जिसने आधुनिक प्रायिकता का आविष्कार किया (The Man Who Invented Modern Probability) वह था ए.एन. काॅल्मोग्रोव (1903-1987) जिसने प्रायिकता सिद्धांत पर सार्थक योगदान दिया।एक पासे पर आधारित खेल में प्रायिकता (अवसर) के माप का पहला संदर्भ दाँते के देवी प्रहसन पर