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Statistics Archive

Standard Deviation by Direct Method

1.प्रत्यक्ष रीति से प्रमाप विचलन (Standard Deviation by Direct Method),सांख्यिकी में प्रमाप विचलन (Standard Deviation in Statistics): प्रत्यक्ष रीति से प्रमाप विचलन (Standard Deviation by Direct Method):प्रमाप विचलन के विचार का प्रतिपादन कार्ल पियर्सन (Karl Pearson) ने 1893 में किया था।यह अपकिरण को मापने की सबसे लोकप्रिय और वैज्ञानिक रीति है।प्रमाप विचलन की गणना केवल

Coefficient of Mean Deviation

1.माध्य विचलन गुणांक (Coefficient of Mean Deviation),सांख्यिकी में माध्य विचलन (Mean Deviation in Statistics): माध्य विचलन गुणांक (Coefficient of Mean Deviation) समान्तर माध्य,मध्यका और बहुलक को आधार मानकर ज्ञात किया जाता है।परन्तु व्यवहार में मध्यका को ही आधार मानकर माध्य विचलन तथा उसके गुणक की गणना की जाती है क्योंकि यह स्थिर, निश्चित एवं प्रतिनिधि

Mean Deviation in Statistics

1.सांख्यिकी में माध्य विचलन (Mean Deviation in Statistics),माध्य विचलन गुणांक (Coefficient of Mean Deviation): सांख्यिकी में माध्य विचलन (Mean Deviation in Statistics) किसी समंकश्रेणी के किसी सांख्यिकीय माध्य (समान्तर माध्य,मध्यका या बहुलक) से निकाले गए विभिन्न मूल्यों का समान्तर माध्य होता है।मूल्यों के विचलन निकालते समय बीजगणितीय चिन्ह + तथा – को छोड़ दिया जाता

Percentile Range in Statistics

1.सांख्यिकी में शतमक विस्तार (Percentile Range in Statistics),सांख्यिकी सूत्र में शतमक विस्तार (Percentile Range in Statistics Formula): सांख्यिकी में शतमक विस्तार (Percentile Range in Statistics) का प्रयोग अपकिरण ज्ञात करने के लिए किया जाता है।90 तथा 10 क्रम संख्या के शतमकों (90th percentile and 10th percentile) का अन्तर,शतमक विस्तार (’10-90′ percentile Range) कहलता है।इसे निम्न

Quartile Deviation

1.चतुर्थक विचलन (Quartile Deviation),चतुर्थक विचलन का गुणांक (Coefficient of Quartile Deviation): तृतीय चतुर्थक तथा प्रथम चतुर्थक के अन्तर के आधे को चतुर्थक विचलन (Quartile Deviation) या अर्द्ध अन्तर-चतुर्थक विस्तार (Semi Inter-Quartile Range) कहते हैं।चतुर्थक विचलन ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है: Q.D.=Q.D. संकेत चतुर्थक-विचलन (Quartile Deviation) के लिए प्रयोग हुआ

Coefficient of Range in Statistics

1.सांख्यिकी में विस्तार गुणांक (Coefficient of Range in Statistics),विस्तार गुणांक (Coefficient of Range): विस्तार गुणांक (Coefficient of Range in Statistics ) तथा विस्तार (Range) अपकिरण ज्ञात करने की सरलतम रीति है।किसी समंकमाला के सबसे बड़े और सबसे छोटे मूल्य के अन्तर को उसका विस्तार या परास (Range) कहते हैं।इसकी गणना निम्न प्रकार की जाती है:(1.)पहले

Harmonic Mean

1.हरात्मक माध्य (Harmonic Mean),गुणोत्तर माध्य (Geometric Mean): हरात्मक माध्य (Harmonic Mean):-किसी समंकश्रेणी में मूल्यों की संख्या को उनके व्युत्क्रमों (Reciprocals) के योग से भाग देने पर जो मूल्य प्राप्त होता है वही उस श्रेणी का हरात्मक माध्य (Harmonic Mean) कहलाता है।दूसरे शब्दों में मूल्यों के व्युत्क्रमों के समान्तर माध्य के व्युत्क्रम को उनका हरात्मक माध्य

Geometric Mean in Statistics

1.सांख्यिकी में गुणोत्तर माध्य (Geometric Mean in Statistics),गुणोत्तर माध्य (Geometric Mean): किसी समंक श्रेणी का सांख्यिकी में गुणोत्तर माध्य (Geometric Mean in Statistics) उसके सभी मूल्यों के गुणनफल का वह मूल (Root) होता है जितनी उस श्रेणी में इकाइयां हैं।उदाहरणार्थ यदि दो संख्याओं के मूल्य 3 और 27 हैं तो उनका गुणोत्तर माध्य 9 होगा।इसी

Crude and standardized Death Rates

1.सामान्य व प्रमापित मृत्यु व जन्म दरें (Crude and standardized Death Rates),जनरल एण्ड स्टैंडर्ड डैथ रेट (General and standardised Death Rates): भारित समांतर माध्य का प्रयोग दो स्थानों पर सामान्य व प्रमापित मृत्यु व जन्म दरें (Crude and standardized Death Rates) ज्ञात करने के लिए भी किया जाता है अथवा एक ही आयु ग्रुप की

Weighted Arithmetic Mean

1.भारित समान्तर माध्य (Weighted Arithmetic Mean),भारित समान्तर माध्य सूत्र (Weighted Arithmetic Mean Formula): भारित समान्तर माध्य (Weighted Arithmetic Mean) समांतर माध्य का ही एक प्रकार है।समांतर माध्य दो प्रकार के होते हैं:(i)सरल समांतर माध्य (Arithmetic Mean)(ii)भारित समांतर माध्य (Weighted Arithmetic Mean)भारित समान्तर माध्य (Weighted Arithmetic Mean):व्यवहार में अनेक श्रेणियों में विभिन्न मूल्यों का अलग-अलग सापेक्षिक