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JEE MAINS Maths Archive

Derivative of parametric functions

1.फलनों के प्राचलिक रूपों के अवकलज का परिचय (Introduction to Derivative of parametric functions)- फलनों के प्राचलिक रूपों के अवकलज (Derivative of parametric functions) को जानने के लिए यह जानना आवश्यक है कि प्राचल तथा प्राचलिक समीकरण किसे कहते हैं?यदि चरों x तथा y दोनों चर एक-दूसरे से सम्बन्धित न होकर एक तीसरे चर t

Logarithmic differentiation

1.लघुगणकीय अवकलन (Logarithmic differentiation)- लघुगणकीय अवकलन (Logarithmic differentiation) में जब फलन रूप का हो,गुणनखण्ड या भागफल के रूप का हो तब ऐसे फलन का अवकलन ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम फलन के दोनों पक्षों का लघुगणक लेते हैं तथा इससे प्राप्त परिणाम का अवकलन करते हैं। प्राप्त परिणाम का अवकलन अस्पष्ट फलनों का अवकलन करने

Derivative of implicit functions

1.अस्पष्ट फलनों का अवकलज का परिचय (Introduction to Derivative of implicit functions)- अस्पष्ट फलनों का अवकलज (Derivative of implicit functions) ज्ञात करने के लिए अवकलज का श्रृंखला नियम,अवकलज का गुणनफल नियम,अवकलज का भागफल नियम का प्रयोग करते हैं।आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर

Integration by use of standard formula

1.मानक सूत्रों के प्रयोग द्वारा समाकल का परिचय (Introduction to Integration by use of standard formula)- मानक सूत्रों के प्रयोग द्वारा समाकल (Integration by use of standard formula) ज्ञात करने के साथ-साथ अन्य सूत्रों का परिचय भी करा देते हैं। (1.)समाकल के मानक सूत्र (Standard formula of Integration)- हम बहुत से मानक फलनों के अवकलज

Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping

1.सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी का परिचय (Introduction to Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping): सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी (Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping) अर्थात सिक्का उछालने में हमारी गलतफहमी तथा धारणाएं हैं। जैसे सिक्के को 100 बार उछाले तो प्रथम बार उछालने

Integration of parts

खण्डशः समाकलन का परिचय (Introduction to Integration of parts): खण्डशः समाकलन (Integration of parts):अब तक हमने त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाओं, प्रतिस्थापन विधियों तथा बीजीय फलनों के समाकलन ज्ञात करने की विधियों का अध्ययन किया है।परन्तु कुछ फलनों का समाकलन उपर्युक्त विधियों से ज्ञात करना या तो कठिन होता है या फिर संभव नहीं होता है।ऐसी स्थिति में