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JEE MAINS Maths Archive

Sets Class 11

1.समुच्चय कक्षा 11 (Sets Class 11),गणित में समुच्चय (Sets in Maths): समुच्चय कक्षा 11(Sets Class 11):वर्तमान समय में गणित के अध्ययन में समुच्चय की परिकल्पना आधारभूत है।आजकल इस परिकल्पना का प्रयोग गणित की प्राय: सभी शाखाओं में होता है।समुच्चय का प्रयोग संबंध एवं फलन को परिभाषित करने के लिए किया जाता है।ज्यामिति,अनुक्रम,प्रायिकता आदि के अध्ययन

Bernoulli Trial

1.बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial),बरनौली परीक्षण और द्विपद बंटन (Bernoulli Trials and Binomial Distribution): बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trial): अनेक प्रयोगों की प्रकृति द्विपरिणामी होती है।उदाहरणार्थ उछाला गया सिक्का एक ‘चित’ या एक ‘पट’ दर्शाता है,किसी प्रश्न का उत्तर ‘हां’ या ‘नहीं’ हो सकता है,एक अंडे से बच्चा ‘निकल चुका है’ या ‘नहीं निकला है’, एक निर्णय

Bernoulli Trials

1.बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trials),बरनौली परीक्षण सूत्र (Bernoulli Trials Formula): किसी यादृच्छिक प्रयोग के परीक्षणों को बरनौली परीक्षण (Bernoulli Trials) कहते हैं यदि वे निम्नलिखित शर्तों को संतुष्ट करते हैं:(i)परीक्षणों की संख्या निश्चित (परिमित) होनी चाहिए।(ii)परीक्षण स्वतंत्र होने चाहिए।(iii)प्रत्येक परीक्षण के तथ्यत: दो ही परिणाम सफलता या असफलता होने चाहिए।(iv)प्रत्येक परीक्षण में किसी परिणाम की प्रायिकता

System of Logarithms

1.लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms): लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms) में लघुगणक का आधार कोई भी राशि हो सकती है परंतु e तथा 10 आधार वाली दो पद्धतियां सर्वाधिक उपयोग में लाई जाती है।(i) स्वाभाविक या नैपियर की पद्धति (Natural or Napierian System of Logarithm):इस पद्धति का नाम गणितज्ञ नैपियर के नाम पर

Trigonometry

1.त्रिकोणमिति (Trigonometry): त्रिकोणमिति (Trigonometry) या त्रिभुज मापन ज्यामिति की एक महत्त्वपूर्ण शाखा है।त्रिभुजों के कुछ कोण या भुजाएं ज्ञात होने पर शेष कोणों और भुजाओं का मान हम त्रिकोणमिति की सर्वसमिकाओं तथा न्यून कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपातों द्वारा निकाल सकते हैं।इस तरह हम बहुत प्रकार के सवालों के हल ज्ञात कर सकते हैं। आर्यभट ने

Mean of a Random Variable

1.यादृच्छिक चर का माध्य (Mean of a Random Variable),यादृच्छिक चर का प्रसरण (Variance of a Random Variable): कई व्यावहारिक समस्याओं में किसी यादृच्छिक चर का माध्य (Mean of a Random Variable) के माध्य,माध्यिका व बहुलक को एकल संख्या से निरूपित करना आवश्यक होता है।इसे चर के प्रायिकता बंटन से ज्ञात कर सकते हैं।माध्य अवस्थिति या

Fundamental Law of Logarithms

1.लघुगणक के मूल नियम (Fundamental Law of Logarithms),लघुगणक के मौलिक नियम की व्याख्या करें (Explain Fundamental Laws of Logarithms): लघुगणक के मूल नियम (Fundamental Law of Logarithms) निम्नलिखित हैं:नियम (Rule):1.दो संख्याओं के गुणनफल उनके अलग-अलग लघुगणक के बराबर होता है अर्थात् उपपत्ति (Proof):मान लीजिए तथा अब या (3) में लघुगणक की परिभाषा का उपयोग करने

Probability Distribution of a Random Variable

यादृच्छिक चर का प्रायिकता बंटन (Probability Distribution of a Random Variable),रैंडम वेरिएबल का प्रायिकता बंटन (Probability Distribution of Random Variable): यादृच्छिक चर का प्रायिकता बंटन (Probability Distribution of a Random Variable) को जानने के लिए इसमें प्रयुक्त होनेवाले पद यादृच्छिक चर व प्रायिकता बंटन को समझना आवश्यक है।यादृच्छिक चर और इसके प्रायिकता बंटन (Random Variables

Logarithm

1.लघुगणक (Logarithm),लोगरिथ्मिक (Logarithmic): लघुगणक (Logarithm) के माध्यम से गुणा,भाग तथा घातों की संख्याओं को हल करना अत्यन्त सरल हो जाता है।गणित के माध्यम से समस्याओं को हल करते समय कई बार हमें ऐसे व्यंजकों को काम में लेना होता है जिसमें बड़ी संख्याओं का गुणा,भाग या परिमेय घातों का प्रयोग होता है।सामान्य प्रचलित विधि से

Bayes Theorem

1.बेज प्रमेय (Bayes Theorem),प्रायिकता में बेज प्रमेय (Bayes Theorem in Probability): बेज प्रमेय (Bayes Theorem) गणितज्ञ जाॅन बेज द्वारा बनाया गया सूत्र है।उन्होंने प्रतिलोम प्रायिकता ज्ञात करने की समस्या का समाधान सप्रतिबन्ध प्रायिकता में उपयोग द्वारा किया है।इसलिए उनके द्वारा बनाए गए सूत्र को उनके नाम से ‘बेज प्रमेय (Bayes Theorem)’ के नाम से जाना