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12th Mathematics Archive

Derivative of Function of Functions

(1.)फलनों के फलन का अवकलज का परिचय (Introduction to Derivative of Function of Functions),अवकलज का श्रृखंला नियम (Chain Rule of Derivative) फलनों के फलन का अवकलजफलनों के फलन का अवकलज (Derivative of Function of Functions) श्रृखंला नियम (Chain Rule of Derivative) के आधार पर ज्ञात किया जाता है। बहुत से फलनों का तथा संयुक्त फलनों का अवकलज

Applications of Maxima and Minima

उच्चिष्ट और निम्निष्ट का अनुप्रयोग (Applications of Maxima and Minima): उच्चिष्ट और निम्निष्ट का अनुप्रयोग (Applications of Maxima and Minima):उच्छिष्ट और निम्निष्ट के सिद्धान्तों का प्रयोग समतल ज्यामिति (Plane Geometry) में त्रिभुज,वृत,दीर्घवृत्त आदि का परिमाप (perimeter),क्षेत्रफल (area) आदि के दिए होने पर अनाय भुजाएँ इत्यादि न्यूनतम होने अथवा अधिकतम क्षेत्रफल होने आदि प्रकार की समस्याओं

Rule of integration by parts

खण्डशः समाकलन का नियम का परिचय (Introduction to Rule of Integration by Parts),फलनों के गुणनफल का समाकलन (Integration of Product of Functions): खण्डशः समाकलन का नियम (Rule of Integration by Parts):खण्डशः समाकलन की विधि की सफलता प्रथम व द्वितीय फलन के सही चयन पर निर्भर करती है। फलनों का चयन इस प्रकार करना चाहिए कि

Integration of Irrational algebraic Function

अपरिमेय बीजीय फलनों का समाकलन का परिचय (Introduction to Integration of Irrational Algebraic Function): अपरिमेय बीजीय फलनों का समाकलन (Integration of Irrational Algebraic Function):वह फलन जिसमें चर की घात भिन्नात्मक आती हो,एक अपरिमेय फलन कहलाता है।जैसे निम्नलिखित फलन अपरिमेय हैं: आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के

Differentiation of function with respect to another function

एक फलन का दूसरे फलन के सापेक्ष अवकलन का परिचय (Introduction to Differentiation of function with respect to another function): एक फलन का दूसरे फलन के सापेक्ष अवकलन (Differentiation of function with respect to another function):अब तक किसी फलन का अवकलज x के सापेक्ष अवकलन करके प्राप्त किया जाता था। इस आर्टिकल में एक फलन

Definite Integration by substitution method

प्रतिस्थापन विधि से निश्चित समाकलन का परिचय (Introduction to Definite Integration by Substitution Method): प्रतिस्थापन विधि से निश्चित समाकलन (Definite Integration by Substitution Method):निश्चित समाकलन में वे विधियाँ ही काम में ली जाती है जो अनिश्चित समाकलन करने में प्रयुक्त की जाती है।इस आर्टिकल में प्रतिस्थापन विधि द्वारा निश्चित समाकलन ज्ञात करेंगे। आपको यह जानकारी

Integration by parts

खंडश: समाकलन का परिचय (Introduction to Integration by Parts): खंडश: समाकलन (Integration by Parts):समाकलन की यह विधि दो फलनों के गुणनफल का समाकलन ज्ञात करने में बहुत उपयोगी है। इसमें फलन तथा द्वितीय समाकल का चयन ILATEC के क्रम के अनुसार किया जाना चाहिए। आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के

Derivative of a function of functions

फलनों के फलन का अवकलज (Derivative of a function of functions): फलनों के फलन का अवकलज (Derivative of a function of functions):फलनों के फलन का अवकलज श्रृंखला नियम (Chain Rule of Derivative) की सहायता से ज्ञात किया जाता है। फलनों के फलन का अवकलज (Derivative of a function of functions): माना कि y=f(u) अर्थात् y,u

Differential equation

अवकल समीकरण का परिचय (Introduction to Differential equation): अवकल समीकरण (Differential equation):विज्ञान की अनेक शाखाओं के अध्ययन के दौरान बहुधा ऐसी परिस्थियाँ आती है जब किसी परिघटना से सम्बन्धित राशियों के मध्य सीधे सम्बन्ध ज्ञात करना कठिन कार्य होता है।परन्तु राशियों एवं उनके अवकलजों के मध्य सम्बन्ध आसानी से स्थापित किया जा सकता है।इसके लिए अवकल समीकरणों

Limits and continuity

सीमा और संततता का परिचय (Introduction to Limits and continuity): सीमा और संततता (Limits and continuity):यदि फलन का किसी दिए अन्तराल में लेखाचित्र (Graph) खींचने पर वक्र कहीं पर टूटा हुआ नहीं हो अर्थात् दिए अन्तराल में x में अल्प परिवर्तन से f(x) में भी अल्प परिवर्तन हो तब फलन इस अन्तराल में संतत कहलाता