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11th Mathematics Archive

Logarithm

1.लघुगणक (Logarithm),लोगरिथ्मिक (Logarithmic): लघुगणक (Logarithm) के माध्यम से गुणा,भाग तथा घातों की संख्याओं को हल करना अत्यन्त सरल हो जाता है।गणित के माध्यम से समस्याओं को हल करते समय कई बार हमें ऐसे व्यंजकों को काम में लेना होता है जिसमें बड़ी संख्याओं का गुणा,भाग या परिमेय घातों का प्रयोग होता है।सामान्य प्रचलित विधि से

Theorem of Compound Probability

1.मिश्र प्रायिकता का नियम (Theorem of Compound Probability),प्रायिकता का गुणन प्रमेय (Multiplication Theorem of Probability): मिश्र प्रायिकता का नियम (Theorem of Compound Probability) में दो या दो से अधिक घटनाएँ एक साथ घटित होती हैं।कोई दो घटनाओं A तथा B के एक साथ घटित होने की प्रायिकता,A की प्रायिकता तथा B की प्रतिबन्धित प्रायिकता (जब

Addition Theorem of Probability

1.प्रायिकता का योग प्रमेय (Addition Theorem of Probability),पूर्ण प्रायिकता का प्रमेय (Theorem of Total Probability): प्रायिकता का योग प्रमेय या पूर्ण प्रायिकता का प्रमेय (Addition Theorem of Probability or Theorem of Total Probability):(1.)जब घटनाएं परस्पर अपवर्जी हों:प्रमेय (Theorem):1.दो परस्पर अपवर्जी घटनाओं में से किसी एक के घटित होने की प्रायिकता दोनों घटनाओं के घटित होने

Probability Definition

1.प्रायिकता की परिभाषा (Probability Definition): प्रायिकता की परिभाषा (Probability Definition):प्रायिकता की चिरप्रतिष्ठित परिभाषा (Classical Definition of Probability):यदि किसी अभिप्रयोग के कुल n परिणाम समप्रायिक,परस्पर अपवर्जी एवम् नि:श्शेष हों और उनमें से m परिणाम किसी विशेष घटना A के अनूकूल हों तो A की प्रायिकता अनुपात द्वारा परिभाषित की जाती है जिसे संकेत P(A) से व्यक्त

Probability

1.प्रायिकता (Probability),प्रायिकता का अर्थ (Probability Meaning): प्रायिकता (Probability) के सिद्धान्त की उत्पत्ति 17वीं शताब्दी में यूरोप में हुई।वहाँ के उद्योगपतियों एवं व्यापारियों ने उनसे सम्बन्धित व्यवसाय के परिणामों के पूर्वानुमान करने के प्रयास किए जिससे अधिक से अधिक लाभ हो सके।इन लोगों ने अपनी समस्याओं को तत्कालीन गणितज्ञों गैलीलियो,पास्कल,फर्मा कारडेनो आदि के सामने रखा।गणितज्ञों ने

Trigonometrical Equations

1.त्रिकोणमितीय समीकरण (Trigonometrical Equations):- त्रिकोणमितीय समीकरण (Trigonometrical Equations):एक ऐसा समीकरण जो एक या एक से अधिक अज्ञात कोण या कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपातों से सम्बन्धित हो त्रिकोणमितीय समीकरण कहलाता है।जैसे: त्रिकोणमितीय समीकरण के हल से अभिप्राय एक ऐसा व्यापक व्यंजक प्राप्त करने से होता है जो समीकरण में अज्ञात कोण के प्रत्येक मान के लिए

Harmonic Progression

1.हरात्मक श्रेढ़ी (Harmonic Progression): हरात्मक श्रेढ़ी (Harmonic Progression):यदि किसी श्रेढ़ी के पदों के व्युत्क्रम (Reciprocal) इसी क्रम में लिखने पर समान्तर श्रेढ़ी में हो तो उसे हरात्मक श्रेढ़ी कहते हैं।निम्नलिखित श्रेढ़ियों पर विचार कीजिए: उपर्युक्त हरात्मक श्रेढ़ियां है क्योंकि इनके व्युत्क्रम अर्थात् 3,5,7,9,……;20,17,14,11,……समान्तर श्रेढ़ी में हैं।हरात्मक श्रेढ़ी का व्यापक पद (General Term of Harmonic Progression):हरात्मक

Permutations and Combinations

1.क्रमचय और संचय (Permutations and Combinations),संचय (Combinations): क्रमचय और संचय (Permutations and Combinations):संचय में जितनी वस्तुएं लेनी होती है,दी हुई वस्तुओं में से उतनी वस्तुओं को लेकर समूह बनाए जाते हैं जबकि क्रमचय में प्रत्येक समूह की वस्तुओं के संभव विन्यास भी बनाए जाते हैं।क्रमचय में क्रम का ध्यान रखना बहुत जरूरी है लेकिन संचय

Permutation and Combination

1.क्रमचय और संचय (Permutation and Combination),क्रमचय (Permutations): क्रमचय और संचय (Permutation and Combination):क्रमचय (Permutation):दी हुई वस्तुओं में से कुछ अथवा सभी को एक साथ लेकर उन्हें जितने भिन्न-भिन्न क्रमों या विन्यासों (arrangements) में रखा जा सकता है,उनमें से प्रत्येक को क्रमचय कहते हैं।गुणन का आधारभूत सिद्धांत (Fundamental Principle of Multiplication): माना की कोई घटना A,m

Complex Numbers

1.सम्मिश्र संख्याएं (Complex Numbers), सम्मिश्र संख्याओं का कोणांक (Complex Numbers Argument): सम्मिश्र संख्याएं (Complex Numbers):जैन गणितज्ञ महावीराचार्य ने 850 ई. में यह संकेत दिया कि ऋणात्मक संख्याओं के वर्गमूल नहीं होते।1637 ई. में रेने डिकार्टिज ने संख्याओं को वास्तविक व काल्पनिक नाम दिए।आयलर ने 1748 ई. में काल्पनिक संख्याओं के लिए i का प्रयोग किया।गाॅउस