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Career in Architecture for Students

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1 1.छात्र-छात्राओं के लिए आर्किटेक्चर में करियर (Career in Architecture for Students),वास्तुकला में छात्र-छात्राओं के लिए जाॅब के अवसर (Job Opportunities for Mathematics Students):

1.छात्र-छात्राओं के लिए आर्किटेक्चर में करियर (Career in Architecture for Students),वास्तुकला में छात्र-छात्राओं के लिए जाॅब के अवसर (Job Opportunities for Mathematics Students):

  • छात्र-छात्राओं के लिए आर्किटेक्चर में करियर (Career in Architecture for Students) के स्वर्णिम द्वार खोलता है।छात्र छात्राओं के लिए वास्तुकला (आर्किटेक्चर) में करियर के अवसर बढ़ते जा रहे हैं।हालांकि पहले बड़ी-बड़ी इमारतों,टाॅवर,मीनार,होटलों के निर्माण में आर्किटेक्ट (Architect) अर्थात् वास्तुविद (वास्तुकार) की जरूरत होती थी।परंतु अब छोटे-छोटे भवन,व्यक्तिगत प्लॉट व भवनों के निर्माण करने वाले भी वास्तुविद (Architect) की सेवाएं लेते हैं।भवन-निर्माण की इस कला को जिसे आर्किटेक्चर (Architecture) कहते हैं,का स्काॅप (Scope) निरंतर बढ़ता जा रहा है।अब आईआईटी रुड़की,आईआईटी बनारस,आईआईटी खड़कपुर भी आर्किटेक्चर का कोर्स करवाते हैं।इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर नाटा (NATA) (National Aptitude Test in Architecture) का आयोजन COA अर्थात् Council of Architecture द्वारा किया जाता है।इसमें काफी संख्या में कैंडिडेट्स भाग लेते हैं।
  • आज महानगरों,शहरों का जिस गति से विकास हो रहा है उसमें एक सफल आर्किटेक्ट (Architect) की जरूरत पड़ती है।उदारीकरण तथा निजीकरण के कारण निजी उद्योगों तथा व्यवसायों का द्रुतगति से विस्तार हो रहा है।इसलिए आर्किटेक्ट की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है।ऐसी स्थिति में आर्किटेक्ट कैरियर का भविष्य उज्जवल है।तात्पर्य यह है कि आर्किटेक्चर का कोर्स किए हुए कैंडिडेट को बेकार बैठना नहीं पड़ेगा।
  • अब जिस गति से मार्केट में इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है उसके लिहाज से कड़ी प्रतिस्पर्धा नाटा (NATA) तथा जेईई-एडवांस आयोजित की जाती है।
  • इसमें आपकी प्रतिभा तथा जाॅब केंद्रित ज्ञान का ही उपयोग नहीं होता है बल्कि आपकी रचनात्मक व सृजनात्मक चिंतन का भी उपयोग होता है।आज देश के अधिकांश महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों द्वारा आर्किटेक्चर का कोर्स करवाया जाता है।इसके अतिरिक्त निजी संस्थानों द्वारा डिप्लोमा कोर्स करवाया जाता है।इसमें आर्किटेक्चर का व्यावहारिक ज्ञान अर्थात् आपकी स्किल की परख होती है।जितनी आपमें इसमें स्किल होगी उतना ही अधिक पैकेज मिलने (वेतन) के अवसर बढ़ जाते हैं।
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2.आर्किटेक्चर में कोर्स करने की प्रक्रिया (The Process of Taking a Course in Architecture):

  • आर्किटेक्चर का कोर्स करने के लिए (स्नातक स्तरीय) कैंडिडेट को इंटरमीडिएट या सीनियर हायर  सेकेंडरी (10+2 प्रणाली) से उत्तीर्ण होना आवश्यक है।लेकिन इसके इसके साथ ही हायर सेकेंडरी में केमिस्ट्री (रसायन शास्त्र),अंग्रेजी,भौतिकी,गणित इत्यादि विषयों में निर्धारित प्राप्तांक या प्रतिशत होना अनिवार्य है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों के लिए न्यूनतम आयु सीमा में छूट का प्रावधान है।
  • इसी प्रकार आर्किटेक्चर में डिप्लोमा कोर्स के लिए भी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भौतिकी,रसायन विज्ञान तथा गणित में सीनियर सेकेंडरी उत्तीर्ण होना आवश्यक है।डिप्लोमा कोर्स करने के लिए 7 वर्ष की अवधि है जो कि अंशकालिक है।स्नातक स्तरीय कोर्स करने के लिए पूर्णकालिक पाठ्यक्रम 5 वर्ष का होता है।
  • स्नातक स्तरीय कोर्स के लिए जेईई एडवांस तथा नाटा परीक्षा का आयोजन होता है।इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान (जनरल नॉलेज),सामान्य विज्ञान (जनरल साइंस) और बुद्धि परीक्षा के प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • आईआईटी प्रवेश परीक्षा फरवरी से तीन चरणों में आयोजित की जाती है।गेट द्वारा चयनित होने पर आर्किटेक्चर में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की जा सकती है।

3.आर्किटेक्चर आर्किटेक्चर का स्काॅप (Scope of Architecture):

  • एक आर्किटेक्चर का कोर्स किए हुए कैंडिडेट के लिए सरकारी,अर्द्ध सरकारी तथा निजी क्षेत्रों में करियर के अपार अवसर हैं।यदि तीनों में किसी में भी आर्किटेक्ट का चयन नहीं होता है तो स्वतंत्र रूप से स्वयं का व्यवसाय खड़ा कर सकता है।आजकल महानगरों तथा शहरों में ही नहीं बल्कि कस्बों में भी भवन बनाने,घर बनाने के लिए आर्किटेक्ट से संपर्क करना उचित समझते हैं।ताकि सीमित स्थान का सर्वाधिक सही उपयोग हो सके तथा भवन भी सुंदर और आकर्षक लगे।हालांकि सरकारी,अर्द्ध सरकारी नौकरी के बाद बांड भरवाते हैं तथा उसके अनुसार निजी व्यवसाय नहीं किया जा सकता है।परंतु स्वतंत्र व्यवसाय खड़ा करने में काफी स्कोप है।आपकी स्किल का विकास भी होता है तथा बेरोजगार होने के अवसर इसमें नहीं के बराबर हैं।
  • निजी व्यवसाय खड़ा करने में अधिक समय लगता है और संघर्ष करना पड़ता है।जितनी कल्पनाशक्ति का प्रयोग करके भवन निर्माण के सुंदर और आकर्षक डिजाइन बनाने का प्रैक्टिकल अनुभव होता जाता है उतना ही उसका स्काॅप,मान-सम्मान तथा गुडविल (Goodwill) बढ़ती जाती है।
  • आर्किटेक्ट अपनी कल्पना को जितना सुंदर और आकर्षक ढंग से साकार कर सकेगा उतनी ही ऊंचाई तथा ख्याति प्राप्त कर सकेगा।इस जॉब में अच्छा वेतनमान के साथ-साथ जाॅब सेटिस्फिकेशन भी मिलता है।क्योंकि उसकी प्रतिभा को खिलने,निखरने का मौका मिलता है।
  • आज से 25 वर्ष पूर्व अध्ययन के लिए बहुत कम छात्र-छात्राओं को आर्किटेक्ट में रूझान था।परंतु तब सरकार तथा निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा आर्किटेक्चर कोर्स में रुझान पैदा करने के लिए आकर्षक छात्रावास एवं छात्रवृत्ति योजनाएं लागू की थी।अब आज काफी छात्र-छात्राएं इस जाॅब से आकर्षित होकर कॉन्पिटिशन में भाग लेते हैं।
  • हुडको,राज्य विकास प्राधिकरण,लोक निर्माण विभागों,पुल निर्माण निगमों जैसे सरकारी उपक्रम भी आर्किटेक्ट की सेवाएं लेना पसंद करते हैं।इसके अलावा आज देश में बड़े-बड़े बिल्डर्स हैं उन्हें भी आर्किटेक्ट की जरूरत होती है।हरएक उद्योग,एजेंसी,बिल्डर्स अच्छे संस्थान से डिग्री प्राप्त तथा अनुभवी आर्किटेक्ट (वास्तुविद) को ही वरीयता देते हैं।

4.आर्किटेक्चर में प्रशिक्षण किए जाने वाले विषय (Topics to be Trained in Architecture):

  • आर्किटेक्चर कोर्स में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन और डिजाइनिंग के अतिरिक्त,बिल्डिंग मैटेरियल्स एण्ड बिल्डिंग मैटीरियल्स सेशनल वर्क्स,टाउन प्लानिंग, सेशनल वर्क,इंजीनियरिंग एंड इंजीनियरिंग सेशनल वर्क,सर्वे क्वालिटी और सर्विसेज सेशनल वर्क तथा भवन निर्माण सम्बन्धी व्यावसायिक ज्ञान प्रदान किया जाता है।
  • इसके अलावा शहरी व क्षेत्रीय प्रदेशों की योजना (टाउन या टाउनशिप प्लानिंग),पर्यावरण को परखना,स्थान का चयन और भूमि की पहचान,निर्माण संबंधी सामग्रियों की गुणवत्ता की परख,यातायात और परिवहन की सुविधाओं का ख्याल,आसपास के क्षेत्रों और वातावरण की जानकारी,भविष्य की जरूरतों और संभावनाओं का पूर्वानुमान भी आर्किटेक्चर कोर्स में शामिल है।आर्किटेक्चर में ‘मास्टर ऑफ आर्किटेक्ट’, ‘मास्टर प्लांट’,’एमसीपी’,’टाउन प्लानिंग’ तथा एमसीपी की डिग्रियां प्राप्त करके अपने कैरियर को नई ऊंचाइयों दी जा सकती है।

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5.आर्किटेक्ट की शिक्षा हेतु प्रमुख संस्थान (Premier Institutes for Education of Architecture):

  • आर्किटेक्ट की शिक्षा देने वाले प्रमुख संस्थान निम्नलिखित है:
  • (1.)चेयरमैन,आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट स्कूल आॅफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर आईपी इस्टेट-नई दिल्ली-110002
  • (2.)डायरेक्टर स्कूल आॅफ आर्किटेक्चर नवरंगपुरी, अहमदाबाद (गुजरात)-721302
  • (3.)प्रिंसिपल रुड़की स्कूल आॅफ आर्किटेक्चर रूड़की (उत्तर प्रदेश)-247667
  • (4.)प्रिंसिपल गवर्नमेंट स्कूल आॅफ आर्किटेक्चर, टेगोर मार्ग,लखनऊ (उत्तर प्रदेश)-226007
  • (5.)प्रिंसिपल,आर्किटेक्चर बांद्रा स्कूल ऑफ आर्ट (डिप्लोमा), बांद्रा,मुंबई (महाराष्ट्र)-400050
  • (6.)चेयरमैन,आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट विश्वेश्वरैया रीजनल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ,नागपुर (महाराष्ट्र)-440011
  • (7.)चेयरमैन,आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट,बंगाल इंजीनियरिंग कॉलेज पोस्ट बॉक्स-बोटैनिक गार्डन,शिवपुर हावड़ा-711103
  • (8.)चेयरमैन,स्कूल ऑफ प्लानिंग,यूनिवर्सिटी रोड़,नवरंगपुरा,अहमदाबाद (गुजरात)-380009
  • (9.) चेयरमैन,आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट,फैकेल्टी आॅफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग,एमएस यूनिवर्सिटी बडौदा (गुजरात)-390001
  • (10.)चेयरमैन,आर्किटेक्ट डिपार्टमेन्ट,एम ए कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी,भोपाल (मध्य प्रदेश)-460007
  • (11.)प्रिंसिपल, बी के पी एस कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर,तिलक रोड,पुणे (महाराष्ट्र)-411030
  • (12.)चेयरमैन,आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट, रूड़की यूनिवर्सिटी (उत्तर प्रदेश)-247667
  • (13.)अध्यक्ष, आर्किटेक्चर विभाग, जावेदपुर यूनिवर्सिटी,कलकत्ता-700032
  • (14.)प्रधानाचार्य, अकादमी आॅफ आर्किटेक्चर प्लॉट नंबर 278, शंकर गानेकर मार्ग,टायर सोल के निकट, प्रभादेवी,मुंबई-400025
  • (15.)गवर्नमेंट गर्ल्स पॉलिटेक्निक,अठवा गेट,सूरत (गुजरात)-396001
  • (16.)स्कूल आॅफ आर्कियोलॉजी,जनपथ,नई दिल्ली-110001
  • (17.)चेयरमैन, आर्किटेक्ट विभाग,कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग,त्रिवेंद्रम
  • (18.)इंस्टीट्यूट आॅफ एनवायरनमेंट डिजाइन,कीर्ति चेम्बर्स, कीर्ति मंदिर के पास, तिलक रोड़,बड़ोदरा-390001
  • (19.)रीडर,आर्किटेक्चर विभाग, मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग मनिपाल-576119
  • (20.)प्राचार्य,बडौदा स्कूल आॅफ आर्किटेक्चर, बडोदरा (गुजरात) -290001

(6.)आर्किटेक्चर प्रवेश परीक्षा में सफलता के गुर (Success Tricks in Architecture Entrance Exam):

  • प्रवेश परीक्षा में सफलता की गारंटी का कोई विशिष्ट गुर नहीं है,लेकिन यदि निम्नांकित बातों की ओर अभ्यर्थी ध्यान दें तो असफलता उनके आड़े नहीं आएगी:
  • अभ्यर्थी को किसी वस्तु का निरीक्षण कर उसकी तस्वीर अपने दिमाग में उतार लेने की क्षमता विकसित करनी चाहिए।कहने का तात्पर्य यह है कि यदि वह किसी वस्तु को देखे तो उसको पूर्ण रूप इस तरह याद कर ले कि उसकी तस्वीर बनाते समय उसे दुबारा देखने की जरूरत ही न पड़े और वह वस्तु की हूबहू नकल तैयार कर दें।चूँकि प्रवेश परीक्षा में इस निरीक्षण प्रतिभा की परख की जाती है।अतः अभ्यर्थी का इसमें अभ्यास जरूरी है।
  • कल्पना या विचार को रेखांकन के माध्यम से अभिव्यक्ति देने का निरंतर अभ्यास भी अपरिहार्य है।यदि कोई कल्पना या विचार आपके मन में आता है तो आप उसे रेखाओं द्वारा इस तरह अभिव्यक्ति दें कि दूसरा व्यक्ति बिना बताए यह जान जाए कि आप इसके द्वारा क्या कहना चाहते हैं।नियमित रूप से रेखांकन का अभ्यास जारी रखकर उसका मूल्यांकन भी करें।जितना अधिक प्रयास करेंगे,सफलता की सुनिश्चितता उतनी ही बढ़ती जाएगी।
  • सामान्य ज्ञान हेतु अभ्यर्थी को सम-सामयिक पत्र-पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों का गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए।महत्त्वपूर्ण तथ्यों को नोट कर परीक्षा से पूर्व दोहरा लेना सफलता के मार्ग को सुगम बनता है।
    व्याख्यात्मक,गणितीय व तार्किक योग्यता से संबंधित प्रश्नों का अभ्यास भी अपेक्षित है।
  • वास्तुशिल्प संबंधी पुस्तक का ज्ञान आपको परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों में अच्छे अंक दिला सकता है।अतः वास्तुशिल्प सम्बन्धी किसी पुस्तक का अध्ययन करें।इसके अतिरिक्त भी प्रवेश परीक्षा में सफलता अर्जित करने के बारे में कई लेख इस वेबसाइट पर पोस्ट किए जा चुके हैं,उनका अध्ययन करके अपनी रणनीति बना सकते हैं।

7.आर्किटेक्चर का पाठ्यक्रम (Architecture Syllabus):

  • सामान्यतः विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों का आर्किटेक्चर पाठ्यक्रम लगभग समान ही है।सामान्यतः अध्ययन का केंद्र बिंदु ‘वास्तुशिल्प डिजाइन’ है।आरम्भिक 3 वर्षों में टेक्नीकल ड्राइंग,क्लाइमेटोलॉजी,डिजाइन,मेथाडोलॉजी सर्वेइंग और लेवलिंग,ड्राइंग एंड पेंटिंग का आर्ट,स्ट्रक्चरल डिजाइन,थ्योरी ऑफ स्ट्रक्चर्स एंड स्ट्रक्चरल डिजाइन,आर्ट अप्रिशिएसन,ऐस्टीमेटिंग एंड कॉस्टिंग,हिस्ट्री ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर आदि विषयों का ज्ञान प्रदान किया जाता है।अंतिम दो वर्षों में प्रायोगिक पहलुओं यथा निर्माण की विधियां,निर्माण के सिद्धांतों का अनुप्रयोग,व्यवसायगत अभ्यास में क्या करे-क्या न करें की जानकारी,कंक्रीट डिजाइन प्रोजेक्ट के बाद लगभग 4 महीने का फील्ड प्रशिक्षण आदि पर जोर दिया जाता है।

8.रोजगार के अवसर (Employment Opportunities):

  • आर्किटेक्चर पाठ्यक्रम संपूर्ण करने वाले अभ्यर्थियों  को बेरोजगारी का न तो दर्द झेलना पड़ता है और न ही इसके लिए नौकरी के आरंभ करने एवं अवकाश प्राप्ति की ही कोई सीमा निर्धारित है।यही नहीं,निजी व्यवसाय के रूप में वह घर बैठे हजारों रुपए कमा सकते हैं।इस पाठ्यक्रम की सुनिश्चितता का एहसास इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि आर्किटेक्चर की डिग्री प्राप्त मुश्किल से एक-दो प्रतिशत अभ्यर्थी ही नौकरी की तलाश में भटकते आपको नजर आएंगे अन्यथा फ्री-लासिंग में कार्य के इतने अधिक अवसर प्राप्त हैं कि उन्हें नौकरी कर ऑफिस में 8-10 घंटे बैठने की कोई आवश्यकता ही नहीं है।बस आवश्यकता है,थोड़े धैर्य एवं प्रयास की।
  • डिग्री प्राप्त आर्किटेक्टों के लिए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों तथा इंटीरियर डिजाइनिंग एवं डेकोरेशन,लैंडस्केप आर्किटेक्चर,ग्राफिक्स एवं कामर्शियल आर्ट,औद्योगिक व उत्पादन डिजाइन आदि में भी प्रवेश की राहें खुली हैं।स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम को पूर्ण करने के पश्चात वह संबद्ध क्षेत्र के विशेषज्ञ हो जाते हैं तथा उन्हें आर्किटेक्चर स्कूलों में शिक्षक-प्रशिक्षण हेतु अथवा शोध कार्य में उन्हें हाथों-हाथ लिया जाता है।चूंकि आर्किटेक्ट बनने के पश्चात आप घर बैठे हजारों रुपए कमा सकते हैं,महिलाएं भी इस क्षेत्र में कूद पड़ी हैं।घर-परिवार की जिम्मेदारी संभालते हुए आर्थिक सहयोग में उनकी भागीदारिता उन्हें स्वयं को ही संतुष्ट नहीं करती है अपितु परिवार में उनको सम्मान भरी दृष्टि से भी देखा जाता है।परिणामतः इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी निरंतर बढ़ती जा रही है।निस्संदेह यह रोजगार पाठ्यक्रम बेरोजगारी के कोहरे को दूर करने में सक्षम है।

9.भू-दृश्य वास्तुकार (लैंडस्केप आर्किटेक्ट) (Landscape Architect):

  • भू-दृश्य वास्तुकार का कैरियर रोजगारपरक होने के साथ-साथ पर्यावरण की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है।विदेशों में भू-दृश्य वास्तुकार की काफी मांग है।वर्तमान में भारत में भी इसकी मांग तीव्रता के साथ उभरी है।इस पाठ्यक्रम को संपूर्ण कर लेने के पश्चात अभ्यर्थी को फौरन ही प्राइवेट फर्म में नौकरी मिल जाती है,जिसमें शुरुआती वेतन 20-30000 माह आसानी से मिल जाता है।अधिकांश अभ्यर्थी एक-डेढ़ वर्ष नौकरी करने के पश्चात निजी व्यवसाय प्रारंभ कर लेते हैं।इसका एकमात्र कारण है:हर किसी बड़े प्रोजेक्ट और टाउनशिप के निर्माण से पूर्व सही जगह के चुनाव हेतु लैंड स्केप आर्टिस्ट अर्थात् भू-दृश्य वास्तुकार की सलाह लेना अनिवार्य होना।जिस तरह वन संरक्षक वन्य प्राणियों एवं वन संपदा पर ध्यान देता है,भूविज्ञानी मिट्टी के संरक्षण में ध्यान देता है,उसी प्रकार भू-दृश्य वास्तुकार इन सभी में सामंजस्य स्थापित करते हुए पर्यावरण को विशेष अहमियत देता है।भारत में भू-दृश्य वास्तुकार के पाठ्यक्रम शिक्षा संस्थान हैःदिल्ली स्कूल ऑफ प्लानिंग एवं आर्किटेक्चर।इस पाठ्यक्रम के इच्छुक अभ्यर्थी की शैक्षिक योग्यता किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से आर्किटेक्चर में स्नातक की उपाधि।टाउन और कंट्री प्लानिंग में मास्टर की डिग्री होना अपरिहार्य है।अतिरिक्त जानकारी इस संस्थान से प्राप्त की जा सकती है:अध्यक्ष,आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट,स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर,आई० पी० एस्टेट,नई दिल्ली-110002
  • उपर्युक्त आर्टिकल में छात्र-छात्राओं के लिए आर्किटेक्चर में करियर (Career in Architecture for Students),वास्तुकला में छात्र-छात्राओं के लिए जाॅब के अवसर (Job Opportunities for Mathematics Students) के बारे में बताया गया है।

10.बुद्धू गणित छात्र (हास्य-व्यंग्य) (Fool Maths Student) (Humour-Satire):

  • मां:अनिल,आज इतने उदास कैसे हो? और स्कूल से इतनी जल्दी कैसे आ गए?
    अनिल:मां,गणित अध्यापक ने कहा कि तुम्हें गणित में कुछ नहीं आता है।तुम बिल्कुल बुद्धू हो।तुम गणित में सक्सेस नहीं हो सकते हो।यह कहकर मुझे स्कूल से निकाल दिया तो मैं सीधे घर चला आया।

7.छात्र-छात्राओं के लिए आर्किटेक्चर में करियर (Career in Architecture for Students),वास्तुकला में छात्र-छात्राओं के लिए जाॅब के अवसर (Job Opportunities for Mathematics Students) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.नाटा का फुल फॉर्म क्या है? (What is the Full Form of NATA?):

उत्तर:National Aptitude Test in Architecture।इसे CoA (Council of Architecture द्वारा आयोजित किया जाता है।

प्रश्न:2.AAT का फुल फॉर्म क्या है? (What is the Full Form of AAT?):

उत्तर:इसका फुलफार्म Architecture Aptitude Test है।इसे जेईई के साथ आयोजित किया जाता है।आईआईटी रुड़की,आईआईटी बनारस, आईआईटी खड़कपुर में इसका कोर्स करवाया जाता है।

प्रश्न:3.बी आर्क का क्या अर्थ है? (What Does the B Arch Mean?):

उत्तर:बी आर्क का अर्थ है Bechlor of Architecture।आईआईटी में कोर्स करने पर B.Arch की डिग्री दी जाती है।जैसे बीई,बीटेक की डिग्री दी जाती है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए आर्किटेक्चर में करियर (Career in Architecture for Students),वास्तुकला में छात्र-छात्राओं के लिए जाॅब के अवसर (Job Opportunities for Mathematics Students) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Career in Architecture for Students

छात्र-छात्राओं के लिए आर्किटेक्चर में करियर
(Career in Architecture for Students)

Career in Architecture for Students

छात्र-छात्राओं के लिए आर्किटेक्चर में करियर (Career in Architecture for Students) के
स्वर्णिम द्वार खोलता है।छात्र छात्राओं के लिए वास्तुकला (आर्किटेक्चर)
में करियर के अवसर बढ़ते जा रहे हैं।हालांकि पहले बड़ी-बड़ी इमारतों,टाॅवर,मीनार,होटलों के निर्माण में आर्किटेक्ट (

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