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Satyam Archive

What is illusion in hindi

1.भ्रम क्या है? का परिचय (Introduction to What is illusion in hindi),मोह क्या है? (What is attachment): भ्रम क्या है? (What is illusion in hindi),मोह क्या है? (What is attachment):भ्रम ज्ञान से दूर होता है।हरेक मनुष्य जानता है कि मोह नही करना चाहिए।तुलसीदास जी ने कहा कि मोह व्याधिन कर सममूला अर्थात् सभी व्याधियों का

applications of cauchy’s theorem

कोशी प्रमेय के अनुप्रयोग का परिचय (Introduction to Applications of cauchy’s Theorem): कोशी प्रमेय के अनुप्रयोग (Applications of cauchy’s Theorem):इस आर्टिकल में सम्मिश्र विश्लेषण की प्रमुख प्रमेय कोशी प्रमेय के अनुप्रयोग पर बताया गया है।यहाँ हम कोशी समाकल सूत्र,विश्लेषिक फलनों के अवकलज,मोरेरा प्रमेय (कोशी प्रमेय का विलोम),टेलर एवं लोरां श्रेणी,महत्तम मापांक प्रमेय और कई अन्य

Simultaneous Differential Equation

युगपत अवकल समीकरण का परिचय (Introduction to Simultaneous Differential Equation): युगपत अवकल समीकरण (Simultaneous Differential Equation):इससे पूर्व आर्टिकल में हमने उन अवकल समीकरणों का अध्ययन किया है जिनमें दो चर राशियाँ हुआ करती थी।अब हम समीकरणों का अध्ययन करेंगे जिनमें दो से अधिक चर राशियाँ होंगी।इस प्रकार के अवकल समीकरण या तो साधारण (ordinary) या

Linear Inequalities

रैखिक असमिकाएँ का परिचय (Introduction to Linear Inequalities): रैखिक असमिकाएँ (Linear Inequalities):पिछली कक्षाओं में हम एक चर और दो चर राशियों के समीकरणों तथा शाब्दिक प्रश्नों को समीकरणों में परिवर्तित करके हल करना सीख चुके हैं।अब हमारे मस्तिष्क में स्वभावतः यह प्रश्न उठता है कि “क्या शाब्दिक प्रश्नों को सदैव एक समीकरण के रूप में

Partial Differentiation Euler Theorem

ऑयलर प्रमेय से आंशिक अवकलन का परिचय (Introduction to Partial Differentiation Euler Theorem): ऑयलर प्रमेय से आंशिक अवकलन (Partial Differentiation Euler Theorem):इससे पूर्व आर्टिकल में हमने केवल एक ही स्वतन्त्र चर (Independent Variable) वाले फलनों पर विचार किया था और उन्हीं के अवकलन ज्ञात कि थे।परन्तु व्यवहार में बहुधा हमको ऐसे फलनों का सामना करना

Triple Integral

त्रि-समाकल का परिचय (Introduction to Triple Integral): त्रि-समाकल (Triple Integral):इसके द्वारा आयतन का मान आसानी से ज्ञात किया जा सकता है।आयतन त्रिविम समष्टि का क्षेत्र होता है इसलिए इसमें तीन बार समाकलन करके आयतन का मान ज्ञात किया जाता है।नीचे त्रि-समाकल का अर्थ बताया गया है। आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने

Triple integral

त्रि-समाकल का परिचय (Introduction to Triple Integral): त्रि-समाकल (Triple Integral):किसी भी त्रिविमीय आकृति का आयतन ज्ञात करने में त्रि-समाकल का अनुप्रयोग किया जाता है।कितनी भी जटिल आकृति हो उसका आयतन त्रि-समाकलन द्वारा आसानी ज्ञात किया जा सकता है।त्रि-समाकल का मान ज्ञात करने की विधि नीचे दी गई है। आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे

Double Integrals

द्वि-समाकल का परिचय (Introduction to Double Integrals): द्वि-समाकल (Double Integrals):अभी तक हमने एक चर वाले फलनों के निश्चित समाकल का अध्ययन किया है।जैसे अवकलन गणित में एक से अधिक चर वाले फलनों के अवकलन की विधियों का अध्ययन करते हैं इसी प्रकार इस आर्टिकल में हम दो या तीन चर वाले फलनों के निश्चित समाकल

Surface of solid of Revolution

परिक्रमण ठोस का पृष्ठ का परिचय (Introduction to Surface of Solid of Revolution): परिक्रमण ठोस का पृष्ठ (Surface of Solid of Revolution):जब समतल क्षेत्र (Plane Area) इसके समतल में स्थित एक स्थिर रेखा के सापेक्ष परिक्रमा करता है तो यह ठोस (solid) का जनन (generate) करता है।उदाहरणार्थ :जब एक अर्ध वृत्ताकार पटल (semi-circular lamina) इसके

Homogeneous differential equation

समघात अवकल समीकरण का परिचय (Introduction to Homogeneous differential equation): समघात अवकल समीकरण (Homogeneous differential equation):वह अवकल समीकरण जिसके प्रत्येक चर x,y,z,… को चर tx,ty,tz,… से प्रतिस्थापित कर दिए जाने पर फलन को के रूप में निरूपित किया जा सकता है जहाँ n धनात्मक पूर्णांक है उनको समघात अवकल समीकरण (Homogeneous Differential Equations) कहते हैं।