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Arithmetic Average

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1 1.समान्तर माध्य (Arithmetic Average),समान्तर माध्य सूत्र (Arithmetic Average Formula):
1.2 3.समान्तर माध्य की समस्याएं (Arithmetic Average Problems):

1.समान्तर माध्य (Arithmetic Average),समान्तर माध्य सूत्र (Arithmetic Average Formula):

समान्तर माध्य (Arithmetic Average):अविच्छिन्न श्रेणी में यह माना जाता है कि आवृत्तियाँ वर्गों के मध्य-मूल्यों पर केंद्रित है। अविच्छिन्न श्रेणी में समांतर माध्य उसी प्रकार निर्धारित किया जाता है जिस प्रकार खंडित श्रेणी में परंतु अंतर केवल इतना है कि पहले इस श्रेणी में वर्गों के मध्य मान ‘X’ ज्ञात किए जाते हैं।ये मूल्य समांतर माध्य की गणन क्रिया के आधार हैं ।अखंडित श्रेणी में समांतर माध्य ज्ञात करने की निम्न रीतियाँ हैंः
(1.)प्रत्यक्ष रीति (Direct Method)
(2.) लघु रीति (Short-cut Method)
(3.)पद विचलन-रीति (Step-Deviation Method)
(4.)आकलन या योग रीति (Summation Method)
(1.)प्रत्यक्ष रीति (Direct Method):पहले वर्गों के मध्य मूल्य निश्चित कर लिए जाते हैं।इसके बाद वही क्रिया अपनाई जाती है जो खंडित श्रेणी में प्रयुक्त की जाती है।असमान वर्गों वाले समूह में यह रीति उपयुक्त है।
(2.)लघु रीति (Short-cut Method):
लघु रीति के अंतर्गत वर्गों के मध्य-मूल्य निकालकर वही क्रिया अपनाई जाती है जो खंडित श्रेणी में प्रयोग की जाती है।संक्षेप में,पहले किसी मध्य-मूल्य को कल्पित माध्य (A) मान लिया जाता है और फिर उससे प्रत्येक मध्य-मूल्य का विचलन (dx) ज्ञात किया जाता है तथा उसकी आवृत्ति से गुणा करके गुणनफलों का जोड़ \sum f d x निश्चित कर लिया जाता है।अन्त में निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है:

\bar{x}=A+\frac{\sum f d x}{N}
(3.)पद विचलन या अवविचलन विधि (Step Deviation Method):
यदि अविच्छिन्न श्रेणी में वर्ग-विस्तार समान हो और वर्गान्तरों की संख्या भी अधिक हो तो पद विचलन लेकर लघु रीति को और भी सरल बनाया जा सकता है।इस रीति में कल्पित माध्य से विभिन्न मध्य बिन्दुओं के वास्तविक विचलनों को वर्ग-विस्तार के बराबर समापवर्तक (Common Factor) से भाग करके पद ज्ञात किए जाते हैं।अंत में \sum f d^{\prime} x की वर्ग विस्तार (i) से गुणा कर दी जाती है।इस प्रकार गणन-क्रिया अत्यंत सरल हो जाती है।समान विच्छिन्नता वाली खंडित श्रेणी में भी मूल्यों के समान अंतर के बराबर समापवर्तक लेकर इस विधि का प्रयोग किया जा सकता है।
अवविचलन रीति में निम्न क्रियाएँ होती है: 
(i)मध्य-मूल्यों में से किसी एक को कल्पित माध्य ‘A’ माना जाता है।\sum cf
(ii)प्रत्येक मध्य-मूल्य में से कल्पित माध्य घटाकर अन्तर को वर्ग-विस्तार से भाग दे दिया जाता है।इस प्रकार पद-विचलन ज्ञात हो जाते हैं:

d^{\prime}=\frac{x-A}{i} \quad\left(\therefore d^{\prime} x i=x-A=d x\right)
(4.)आकलन या योग रीति (Summation Method):समान वर्ग-विस्तार वाली अविच्छिन्न श्रेणी में समांतर माध्य का निर्धारण आकलन या योग रीति द्वारा भी किया जा सकता है परंतु व्यवहार में इस रीति का प्रयोग बहुत कम होता है। इसकी प्रक्रिया निम्न प्रकार है:
(i)पहले समंकमाला की संचयी आवृत्तियाँ ज्ञात करके उनका जोड़ निकाला जाता है।
(ii)संचयी आवृत्तियों के जोड़ को कुल इकाइयों की संख्या N से भाग देकर F ज्ञात कर लिया जाता है।

F=\frac{\sum Cf}{N} या \frac{\sum Cf}{\sum f}
(iii)अन्तिम वर्गान्तर का क्रम निश्चित कर लिया जाता है।’M’
(iv)निम्न सूत्र प्रयुक्त किया जाता है: \bar{x}=M-i(F-1)
M अधिकतम वर्ग का मध्य-बिन्दु है,i वर्ग विस्तार,F संचयी आवृत्ति के योग की कुल संख्या में भाग देने पर प्राप्त संख्या है।
चार्लियर की परिशुद्धता परीक्षा (Charlier Check):आवृत्ति बंटन में लघुरीति या पद-विचलन रीति द्वारा समान्तर माध्य ज्ञात करते समय गणन-क्रिया की शुद्धता की जाँच करने के लिए चार्लियर जाँच का प्रयोग किया जाता है।इसके लिए अपनायी जाने वाली प्रक्रिया इस प्रकार है:
(i)प्रत्येक विचलन या पद विचलन में 1 जोड़कर (d_{x}+1) अथवा (d^{\prime}+1) ज्ञात किया जाएगा।
(ii)d_{x}+1 में आवृत्ति की गुणा करके गुणनफलों का जोड़ \Sigma[f(d_{x}+1)] निकाला जाएगा।यदि पद-विचलन रीति अपनाई गई है तो d^{\prime}+1 की आवृत्ति से गुणा \sum[f(d^{\prime}+1)] करके जोड़ ज्ञात कर लिया जाएगा।
(iii)इसके बाद निम्न समीकरण का प्रयोग किया जाएगा:
लघुरीति \Sigma fd_{x}=\sum \{f(d_{x}+1)\}-\sum f
पद विचलन रीति में \Sigma fd^{\prime}=\sum \{f(d^{\prime}+1)\}-\sum f
यदि उपर्युक्त समीकरण के दोनों पक्ष बराबर हैं तो गणन-क्रिया शुद्ध है अन्यथा विचलन निकालने या आवृत्तियों से गुणा करनेवाले में कोई अशुद्धि रह गई है।

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2.समान्तर माध्य के उदाहरण (Arithmetic Average Examples):

Example:1.निम्न श्रेणी से समान्तर माध्य ज्ञात कीजिए:
(Calculate the arithmetic mean):

Size Frequency
6-10 20
11-15 30
16-20 50
21-25 40
26-30 10

Solution:प्रत्यक्ष रीति (Direct Method):

Size mid value(x) Frequency(f) fx
6-10 8 20 160
11-15 13 30 390
16-20 18 50 900
21-25 23 40 920
26-30 28 10 280
Toatl   150 2650

समान्तर माध्य (Arithmetic Mean): \bar{X}=\frac{\sum f x}{\sum f }=\frac{2600}{150} \\ \bar{x}=17.666 \approx 17.67

Example:2.निम्न सारणी में 1929 में अमरीका में विभिन्न आय-वर्गानुसार व्यक्तियों का वितरण दिया है:
(The following is the distribution of persons in USA according to various income groups):

Income(000 dollars) No. of Persons(Lakhs)
0-1 13
1-2 90
2-3 81
3-5 117
5-10 66
10-25 27
25-50 6
50-100 2
100-1000 2

औसत प्रति व्यक्ति आय परिगणित कीजिए।
(Calculate the average income per head):
Solution:प्रत्यक्ष रीति (Direct Method)

Income(000 dollars) Mid  Value(x) No. of persons(Lakhs) fx
0-1 0.5 13 6.5
1-2 1.5 90 135
2-3 2.5 81 202.5
3-5 3.5 117 409.5
5-10 7.5 66 495
10-25 17.5 27 472.5
25-50 37.5 6 225
50-100 75 2 150
100-1000 550 2 1100
Total   404 3196

समान्तर माध्य (Arithmetic Mean): \bar{x} =\frac{\Sigma f x}{\sum f} \\ =\frac{3196}{404} \\ =7.91 \\ \Rightarrow \bar{x}=7.91
Example:3.एक परीक्षा में प्रत्याशियों द्वारा प्राप्त अंक निम्न सारणी में दिए हैं।इनसे समान्तर माध्य ज्ञात कीजिए:
(The marks obtained by candidates in a particular examination are given below obtain the arithmetic mean.)

Marks No. of Candidates
17.5-22.5 2
22.5-27.5 8
27.5-32.5 33
32.5-37.5 80
37.5-42.5 170
42.5-47.5 243
47.5-52.5 213
52.5-57.5 145
57.5-62.5 67
62.5-67.5 35
67.5-72.5 4

आकलन रीति द्वारा भी माध्य निकालिएः
(Also calculate mean by summation method):
Solution:

Marks Mid value No. of Candidates (f) fx A=45 d_{x}=X-A f d_{x} cf
17.5-22.5 20 2 40 -25 -50 2
22.5-27.5 25 8 200 -20 -160 10
27.5-32.5 30 33 990 -15 -495 43
32.5-37.5 35 80 2800 -10 -800 123
37.5-42.5 40 170 6800 -5 -850 293
42.5-47.5 45 243 10935 0 0 536
47.5-52.5 50 213 10650 5 1065 749
52.5-57.5 55 145 7975 10 1450 894
57.5-62.5 60 67 4020 15 1005 961
62.5-67.5 65 35 2275 20 700 996
67.5-72.5 70 4 280 25 100 1000
 Toatl    1000  46965    1965  5607

प्रत्यक्ष रीति (Direct Method ):

\bar{x}=\frac{\sum f x}{\sum f}\\ \bar{x}=\frac{46965}{1000}=46.965
लघुरीति (Short-cut Method):

\bar{x}=45+\frac{1965}{1000} \\ =45+1.965 \\ \bar{x}=46.965
आकलन रीति (Summation Method):
अधिकतम वर्ग का मध्य बिन्दु M=70
वर्ग विस्तार i=5

F=\frac{\sum Cf}{N}=\frac{5607}{1000}=5.607 \\ \bar{x} =M-i(F-1)=70-5(5.607-1) \\ =70-5 \times 4.607=70-23.035 \\ =46.965

Example:4.निम्न सारणी से माध्य परिकलित कीजिए:
(Calculate the mean from the following table):

yields in lbs No. of plots
more than 0 216
more than 60 210
more than 120 156
more than 180 98
more than 240 57
more than 300 31
more than 360 13
more than 420 7
more than 480 2

गेहूँ की उपज पर फसल-कटाई प्रयोग के समंक (Crop cutting Experiment Data on plot Yields of wheats)
Solution:

Class Frequency Mid value A=330 d_{x}= X-A fd_{x} d'_{x}= \frac{X-A}{i} fd_{x}^ {\prime}
0-60 6 30 -300 -1800 -5 -30
60-120 54 90 -240 -12960 -4 -218
120-180 58 150 -180 -10440 -3 -174
180-240 41 210 -120 -4920 -2 -82
240-300 26 270 -60 -1560 -1 -26
300-360 18 330 0 0 0 0
360-420 6 390 60 360 1 6
420-480 5 450 120 600 2 10
480-540 2 510 180 360 3 6
Total       -30360   -506

लघुरीति (Short-cut Method):
समान्तर माध्य (Arithmetic Mean) \bar{x} =A+\frac{\sum f d x}{\sum f} \\ =330+\frac{(-30360)}{216} \\ =330-140.555 \\ =189.445 \\ \approx 189.45 \text { lbs }
पद विचलन रीति (Step Deviation Method):
समान्तर माध्य (Arithmetic Mean) \bar{x}=A+\frac{\sum f d_{x}^{\prime}}{N} \times i\\ =330-\frac{506}{216} \times 60 \\ =330-140.555 \\ =189.445 \\ \Rightarrow \bar{x} \approx 189.45
Example:5.निम्नलिखित आंकड़ों से समान्तर मध्यक ज्ञात कीजिए:
(Calculate arithmetic mean from the following data):

Marks(less than) No. of students
80 100
70 90
60 80
50 60
40 32
30 20
20 13
10 5

Solution:

Class Mid Value No. of students A=45 d_{x} =X-A f d_{x} d^ {\prime} =\frac{X-A}{i} fd^ {\prime}
0-10 5 5 -40 -200 -4 -20
10-20 15 8 -30 -240 -3 -24
20-30 25 7 -20 -140 -2 -14
30-40 35 12 -10 -120 -1 -12
40-50 45 28 0 0 0 0
50-60 55 20 10 200 1 20
60-70 65 10 20 200 2 20
70-80 75 10 30 300 3 30
Total   100   0   0

लघुरीति (Short-cut Method):
समान्तर माध्य (Arithmetic Mean): \bar{x}=A+\frac{\sum f d x}{N} \\ =45+\frac{0}{100} \\ \Rightarrow \bar{x} =45
पद विचलन रीति (Step Deviation Method): 

\bar{x} =A+\frac{\sum f d^{\prime}_{x}}{N} \times {i} \\ =45+\frac{0}{100}(10) \\ \Rightarrow \bar{x} =45
Example:6.निम्न श्रेणी से समान्तर माध्य परिकलित कीजिए:
(From the following series calculate the arithmetic mean):

Size Frequency
0 15
1 25
2 30
3 26
4-6 30
7-9 52
10-14 39
15-19 24
20-24 11
25-34 10
35-44 5

Solution:-

Size x frequency fx
0 0 15 0
1 1 25 25
2 2 30 60
3 3 26 78
4-6 5 30 150
7-9 8 52 416
10-14 12 39 468
15-19 17 24 408
20-24 22 11 242
25-34 29.5 10 295
35-44 39.5 5 197.5
    267 2239.5

प्रत्यक्ष रीति (Direct Method):
समान्तर माध्य (Arithmetic Mean): \bar{x} =\frac{\sum fx}{\sum f} \\ =\frac{2239.5}{267} \\ =8.387 \\ \bar{x} \approx 8.39
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा समान्तर माध्य (Arithmetic Average) को समझ सकते हैं।

3.समान्तर माध्य की समस्याएं (Arithmetic Average Problems):

(1.)अग्रलिखित बंटन से किसी बाग में पेड़ों की ऊँचाई का समान्तर माध्य (Arithmetic Mean) ज्ञात कीजिए।प्रत्यक्ष व लघुरीति दोनों का प्रयोग कीजिए।

ऊँचाई आवृत्तियाँ
  7ft से कम 26
  14ft से कम 57
  21ft से कम 92
  28ft से कम 134
  35ft से कम 216
  42ft से कम 287
  45ft से कम 341
  49ft से कम 360

(2.)उपर्युक्त सवाल (1.) में प्रदत्त समंकों से पद-विचलन रीति द्वारा समान्तर माध्य की गणना कीजिए।
(3.)उपर्युक्त सवाल (1.) में प्रदत्त समंकों से आकलन रीति द्वारा समान्तर माध्य की गणना कीजिए।
(4.)एक कम्पनी अपने कर्मचारियों को निम्न आधार पर बोनस देना चाहती है:

मासिक (वेतन रु.) बोनस (रु.)
100-120 50
120-140 60
140-160 70
160-180 80
180-200 90
200-220 100
220 और अधिक 110

कर्मचारियों के वास्तविक वेतन निम्न प्रकार हैं:
Rs.200,198,148,180,190,165,185,168,155,195,170,145,218,178,125,187,175,110,160,140,162,250,120,130,150
बताइए:
(क)कुल कितना बोनस दिया गया।
(ख)प्रति कर्मचारी कितना बोनस दिया गया।
उत्तर (Answers):(1.)30.08 ft
(2.)30 ft 1 inch
(3.)30.08 ft
(4.)(क)1990 रु.
(ख)79.60 रु.
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर समान्तर माध्य (Arithmetic Average) को ठीक से समझ सकते हैं।

(4.)हाइलाइट्स (HIGHLIGHTS):

(1.)प्रत्यक्ष रीति,लघु रीति,पद-विचलन रीति तथा आकलन या योग रीति में से किसी भी रीति द्वारा समांतर माध्य ज्ञात किया जाए उत्तर एक समान आता है।परंतु अधिकतर लघुरीति तथा पद-विचलन रीति का उपयोग किया जाता है।
(2.)यदि वर्गान्तरों की संख्या अधिक,वर्ग विस्तार समान हो तथा आवृत्तियाँ अधिक हों तो पद-विचलन रीति का प्रयोग सर्वोत्तम होता है।
(3.)यदि वर्ग-विस्तार सरल व समान हों या विभिन्न वर्गों के विस्तार में थोड़ा ही अंतर हो तो लघुरीति का प्रयोग करना चाहिए।इसके विपरीत यदि वर्गों के विस्तार में काफी भिन्नता हों तो प्रत्यक्ष रीति उपयुक्त होती है।
(4.)यदि \bar{X},N तथा \sum X में से कोई दो माप ज्ञात हों तो तीसरा माप ज्ञात किया जा सकता है अर्थात् \bar{X}=\frac{\sum X}{N} or  \sum X=\bar{X}\cdot N or N=\frac{\sum X}{\bar{X}}
(5.)समान्तर माध्य के अन्तर्गत प्रमाप विभ्रम अन्य माध्य की अपेक्षा कम होता है।
उपर्युक्त आर्टिकल में समान्तर माध्य (Arithmetic Average) के बारे में बताया गया है।

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5.समान्तर माध्य के उदाहरण (Arithmetic Average Examples) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या आशय है? (What do you mean by measures of central tendency?):

उत्तर:एक समंक श्रेणी की केन्द्रीय प्रवृत्ति का आशय उस समंक श्रेणी के अधिकांश मूल्यों की किसी एक मूल्य के आसपास केन्द्रित होने की प्रवृत्ति से है जिसे मापा जा सके और इस प्रवृत्ति के माप को ही माध्य कहते हैं।

प्रश्न:2.सांख्यिकीय माध्य के क्या उद्देश्य हैं? (What are objects of statistical averages?):

उत्तर:(1.)माध्य द्वारा हम संग्रहीत सामग्री को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं जिसे एक सामान्य व्यक्ति शीघ्रता और सरलता से समझकर स्मरण रख सकता है।
(2.)दो विभिन्न श्रेणियों के सम्बन्ध को अंकगणित के रूप में प्रकट करने हेतु माध्यों की सहायता अनिवार्य हो जाती है और इन्हीं के आधार पर अन्य समस्त क्रियाएं सम्पन्न की जाती है।

प्रश्न:3.सांख्यिकीय माध्य कितने प्रकार के होते हैं? (How many types of statistical averages?):

उत्तर:सांख्यिकीय माध्यों के विभिन्न प्रकार निम्न हैं:
(I)स्थिति सम्बन्धी माध्य (Average of Position)
(1.)भूयिष्ठक या बहुलक (Mode)
(2.)मध्यका (Median)
(II)गणित सम्बन्धी माध्य (Mathematical Average)
(1.)समान्तर माध्य (Arithmetic Average or Mean)
(2.)गुणोत्तर माध्य (Geometric Mean)
(3.)हरात्मक माध्य (Harmonic Mean)
(4.)द्विघात या वर्गीकरण माध्य (Quadratic Mean)
(III)व्यापारिक माध्य (Business Mean)
(1.)चल माध्य (Moving Average)
(2.)प्रगामी माध्य (Progressive Average)

प्रश्न:4.समान्तर माध्य की परिभाषा क्या है? (What is the definition of arithmetic mean?):

उत्तर:जब समंक श्रेणी के समस्त मदों को समान महत्त्व दिया जाता है दो मदों के मूल्यों के योग में मदों की संख्या का भाग दिया जाता है इसे ही समान्तर माध्य कहते हैं।

प्रश्न:5.समान्तर माध्य के गुण क्या हैं? (What are merits of arithmetic mean?):

उत्तर:(1.)समान्तर माध्य की गणना सरल है और इसे एक सामान्य व्यक्ति भी सरलता से समझ सकता है।
(2.)समान्तर माध्य में श्रेणी के समस्त मूल्यों का उपयोग किया जाता है।
(3.)समान्तर माध्य एक निश्चित संख्या होती है जिस पर समय,स्थान व व्यक्ति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
(4.)समान्तर माध्य में चार्लियर जाँच के आधार पर शुद्धता की जाँच सम्भव है जबकि अन्य माध्यों में ऐसा सम्भव नहीं है।

प्रश्न:6.समान्तर माध्य के दोष क्या हैं? (What are demerits of arithmetic mean?):

उत्तर:(1.)समान्तर माध्य की गणना में श्रेणी के चरम मूल्यों को समान महत्त्व दिया जाता है अतः इसकी गणना में बहुत बड़े और बहुत छोटे मूल्यों का बहुत प्रभाव पड़ता है।
(2.)श्रेणी की आकृति को देखकर समान्तर माध्य का अनुमान लगाना सम्भव नहीं है।
(3.)समान्तर माध्य की गणना के लिए श्रेणी के सभी मूल्यों का ज्ञात होना आवश्यक है।यदि श्रेणी का का एक मद का मूल्य ज्ञात नहीं है तो समान्तर माध्य ज्ञात नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न:7.समान्तर माध्य में चार्लियर शुद्धता जाँच का सूत्र क्या है? (What is the formula of Charlie’rs check in arithmetic mean?):

उत्तर:समान्तर माध्य की गणितीय गणनाओं की परिशुद्धता जाँच करने के लिए चार्लियर ने निम्नलिखित सूत्र दिया है:
लघुरीति \Sigma fd_{x}=\sum \{f(d_{x}+1)\}-\sum f
पद विचलन रीति में \Sigma fd^{\prime}=\sum \{f(d^{\prime}+1)\}-\sum f

प्रश्न:8.माध्य को केन्द्रीय प्रवृत्ति का माप क्यों कहते हैं? (Why an average is called measure of central tendency?):

उत्तर:माध्य को केन्द्रीय प्रवृत्ति का माप इसलिए कहा जाता क्योंकि व्यक्तिगत चर मूल्यों का जमाव अधिकतर उसी के आसपास होता है।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा समान्तर माध्य (Arithmetic Average),समान्तर माध्य सूत्र (Arithmetic Average Formula) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

 

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Arithmetic Average

समान्तर माध्य
(Arithmetic Average)

Arithmetic Average

समान्तर माध्य (Arithmetic Average):अविच्छिन्न श्रेणी में यह माना जाता है कि आवृत्तियाँ वर्गों
के मध्य-मूल्यों पर केंद्रित है। अविच्छिन्न श्रेणी में समांतर माध्य उसी प्रकार निर्धारित किया जाता है

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