Applied Job Question in Interview 2025
1.साक्षात्कार में अभीष्ट जॉब वाले प्रश्न 2025 (Applied Job Question in Interview 2025),साक्षात्कार में अभीष्ट जॉब वाले प्रश्नों की तैयारी कैसे करें? (How to Prepare for Applied Job Questions in Interview?):
- साक्षात्कार में अभीष्ट जॉब वाले प्रश्न 2025 (Applied Job Question in Interview 2025) की अभ्यर्थी तैयारी कैसे करें? जिस पद के लिए आपने यह आवेदन किया है उसके बारे में प्रारंभिक व मोटी-मोटी बातें तो पता होनी ही चाहिए।यह जानकारी जुटाना आज के युग में ज्यादा मुश्किल नहीं है।आप किसी अनुभवी व्यक्ति से,पुस्तकों से,इंटरनेट या वीडियो को देखकर यह जानकारी जुटा सकते हैं।
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2.अभीष्ट जॉब के बारे में क्या और कैसे जाने? (What and how to know about the applied job?):
- आमतौर पर यह समझा जाता है कि जिस पद के लिए किसी उम्मीदवार का साक्षात्कार लिया जाता है उस पद में उसकी दिलचस्पी अवश्य होगी।उम्मीदवार से यह अपेक्षा तो नहीं की जाती कि उसे अभीष्ट पद के बारे में पूरी-पूरी जानकारी अवश्य होगी किंतु यह उम्मीद की जाती है कि जिस पद के लिए वह साक्षात्कार देने आया है उसके दायित्वों के बारे में उसे थोड़ा बहुत प्रारंभिक ज्ञान आवश्यक होगा-जैसे: (1.)सेवा की प्रकृति,(2.) वेतनमान,(3.)पदोन्नति के भावी अवसर,(4.)तैनाती के संभावित स्थान, (5.)समान स्तर की अन्य सेवाओं की तुलना में अभीष्ट सेवा के गुणावगुणों के बारे में ज्ञान।
- अंतिम बात और भी महत्त्वपूर्ण हो जाती है जब उम्मीदवार से यह कहा जाता है कि वह वरीयता के आधार पर अपने अनुकूल सेवा का चयन कर ले।इस बात की संभावना होती है कि बोर्ड के सदस्य किसी उम्मीदवार से यह पूछ लें कि उसने अमुक प्रकार की सेवा ही क्यों पसंद की है।यदि उम्मीदवार साक्षात्कार के अवसर पर वरीयता संबंधी प्रश्न का तर्कसंगत उत्तर नहीं दे पाता तो यह समझा जाता है कि उसे किसी विशेष सेवा की रुचि नहीं है अपितु जो भी काम उसे मिल जाएगा वह स्वीकार कर लेगा।वास्तव में जो व्यक्ति अभीष्ट व्यवसाय/सेवा के गुणों तथा उसमें अपनी रुचि होने के औचित्य को ही स्पष्ट नहीं कर पाता उसे ऐसे व्यवसाय/सेवा के योग्य कैसे माना जा सकता है।प्रत्येक उम्मीदवार के लिए यह जरूरी होता है कि जिस पद के लिए उसने अपना आवेदन पत्र भेजा है उसके बारे में स्थूल जानकारी अवश्य प्राप्त करे।
- इस प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के अनेक स्रोत होते हैं और चतुर उम्मीदवार अपने काम की बातों का पता लगा ही लेते हैं।संबंधित व्यवसाय,विभाग की इंटरनेट पर वेबसाइट मिल ही जाएगी।वेबसाइट पर सर्फिंग करके उसके बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है।
- पद संबंधी जानकारी का पता प्रकाशित विज्ञापन (अखबार,इंटरनेट,वेबसाइट) से ही चल जाता है।उसमें वेतनमान,भर्ती की आयु सीमा,अनिवार्य योग्यताएं,वांछनीय योग्यताएं,कर्त्तव्य,परीवीक्षा अवधि,मुख्यालय आदि लिखा होता है।उम्मीदवार ने अपना फार्म भरने से पहले उक्त सभी बातें भलीभांति हृदयंगम कर ली होगी,इतना तो माना ही जा सकता है।
- यूट्यूब पर ढेरों वीडियो अपलोड किए हुए हैं,उनसे भी पद संबंधी विस्तृत अथवा संक्षिप्त जानकारी जुटाई जा सकती है।यूट्यूब पर लेटेस्ट वीडियो को देखें,उसमें अपडेट जानकारी मालूम हो सकेगी।ज्यादा पुराना वीडियो से ज्यादा फायदा नहीं होगा क्योंकि आज के तकनीकी युग में सेवाओं में कुछ ना कुछ बदलाव होता रहता है,अतः अपडेट जानकारी हासिल करें।
3.अनुभवी व्यक्ति से संपर्क करें (Contact an experienced person):
- अपने अभीष्ट पद के बारे में सही सूचना एकत्र करने का दूसरा उत्कृष्ट साधन किसी ऐसे अधिकारी से मुलाकात करना होता है जो वैसी सेवा में कुछ वर्ष गुजार चुका है।
- पुस्तकों,वीडियो और इंटरनेट अथवा किसी कोचिंग संस्थान से तो अभ्यर्थी जानकारी जुटाते ही हैं और जुटाते रहेंगे पर अनुभवी व्यक्ति से जो ज्ञान मिलेगा वह उसके निजी अनुभव पर आधारित होगा।किताबी ज्ञान (वीडियो,पुस्तकें,वेबसाइट,कोचिंग आदि) श्रेष्ठ होते हुए भी अनुभव से श्रेष्ठ नहीं होता।वृद्ध तीन प्रकार के होते हैं:आयुवृद्ध,ज्ञानवृद्ध और अनुभववृद्ध।इनमें आयुवृद्ध (वीडियो,वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करने वाले) से ज्ञानवृद्ध (कोचिंग आदि संस्थान में पढ़ाने वाले) और ज्ञानवृद्ध से अनुभववृद्ध (जो सेवा कर रहा है या कर चुका है) श्रेष्ठ है अर्थात् इनमें आयुवृद्ध से ज्ञानवृद्ध श्रेष्ठ होता है और ज्ञानवृद्ध से अनुभववृद्ध श्रेष्ठ होता है और जो व्यक्ति आयु,ज्ञान तथा अनुभव-इन तीनों में वृद्ध होता है वह सर्वश्रेष्ठ होता है।
- जो अधिकारी संबंधित सेवा कर चुका है और कोचिंग संस्थान में पढ़ा रहा हो ऐसा अधिकारी संबंधित सेवा का ज्ञान देने में सर्वश्रेष्ट होता है।अभ्यर्थी को ऐसे अधिकारी के पास ज्ञान प्राप्ति के लिए श्रद्धा और उत्कंठा के साथ उसकी सेवा लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।उसके अनुभव के विशाल सागर से अनमोल जानकारी जुटाई जा सकती है।
- ऐसे व्यक्ति से मिलने पर अनेक वास्तविकताओं का पता चलता है,भले ही ऐसी मुलाकात थोड़े समय (एक-दो घंटे) के लिए ही हुई हो।सेवा के संबंध में की गई इस प्रकार की अनौपचारिक चर्चा से प्राप्त जानकारी उस किताबी अध्ययन से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण होती है जो तत्संबंधी साहित्य पढ़कर या वीडियो देखकर अथवा इंटरनेट पर वेबसाइट से एकत्रित की जाती है।जैसे कोई इंजीनियर पुल का निर्माण कर रहा हो तो उसे भलीभांति पता होता है कि सरकारी अधिकारी अथवा राजनेता उनसे मिली भगत करके अपना हिस्सा (भ्रष्टाचार) मांगते हैं और पुल में घटिया सामग्री मिलाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।इसी प्रकार एक आईएएस/आईपीएस अधिकारी जो किसी राज्य में तैनात है वह यह बात भलीभाँति बता सकता है कि किस प्रकार दिन-प्रतिदिन के कामकाज में राजनेता सिफारिशें लेकर दौड़े चले आते हैं।और इस प्रकार कर्त्तव्य के ठीक प्रकार से निष्पादन में बाधा डालते हैं।
- इस प्रकार का हस्तक्षेप उस स्थिति में सहायक सिद्ध हो सकता है जब किसी वर्ग विशेष के लोगों की भावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेता है फिर भी स्थानीय राजनेताओं के लिए यह उचित नहीं होता कि वे बात-बात पर स्थानीय अधिकारियों को अपने कर्त्तव्य पालन से पराङमुख होने के लिए दबाव डालें तथा परिणामस्वरूप जिम्मेदार अधिकारी को उस भारी दबाव के कारण अपने कर्त्तव्य से विमुख होना पड़े।प्रत्येक जिम्मेदार व्यक्ति खास तौर से राजनेताओं को यह समझ लेना चाहिए कि कभी-कभी ऐसी संकटापन्न स्थिति होती है जब अधिकारी को काफी सोच-विचार कर काम करना पड़ता है और ऐसे समय किसी दबाव में आकर गलत निर्णय लेने से स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
4.उम्मीदवार संबद्ध सेवा के लिए क्या-क्या पढ़े? (What did the candidates study for the Allied Service?):
- यदि कोई उम्मीदवार अच्छे उत्तर देना चाहता है तो उसे संबद्ध सेवा का इतिहास पढ़ना चाहिए।किन-किन परिस्थितियों में सेवा का निर्माण किया गया,उसे किन-किन स्वरूपों से गुजरना पड़ा तथा इस समय उसका जो निखरा हुआ स्वरूप है,उसका ऐतिहासिक आधार क्या है,ये सब बातें जानना उम्मीदवार के लिए हितकारी सिद्ध हो सकता है।
- बहुराष्ट्रीय कंपनियों में इंजीनियर तथा विभिन्न पदों का सृजन यूरोप और पश्चिमी राष्ट्रों के द्वारा हुआ है।भारत में पुलों व सड़कों का निर्माण ब्रिटिश शासन काल से हुआ है।इसी प्रकार अधिकांश सिविल सेवाओं का आरंभ ब्रिटिश शासको द्वारा किया गया था।आधुनिक विश्वविद्यालयों की नींव ब्रिटिश शासन काल में रखी गई। अतः प्रोफेसरों,प्राचार्यों,प्राध्यापकों की नियुक्ति ब्रिटिश शासकों द्वारा ही की जाती थी।इन सेवाओं से संबंधित ऐतिहासिक तथा उपयोगी पुस्तकों के सृजन में विगत पाँच दशकों में काफी अच्छा काम किया गया है तथा सभी महत्त्वपूर्ण निजी व सरकारी सेवाओं से संबंधित पुस्तकें,वेबसाइट पर जानकारी,विभिन्न वीडियो उपलब्ध हैं।
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अनुसंधान तथा संदर्भ प्रभाग प्रतिवर्ष ‘भारत एक संदर्भ ग्रंथ’ प्रकाशित करता है।इसकी उपयोगिता तथा आकार को देखकर इसका मूल्य काफी कम रखा जाता है।इस पुस्तक में सभी राष्ट्रीय क्रिया-कलापों का संक्षिप्त किंतु सही-सही विवरण होता है जिसे आसानी से पढ़ा जा सकता है।इस पुस्तक में अध्यायों का विभाजन कुछ इस प्रकार होता हैः
- (1.)सुरक्षाःसुरक्षा सेवाओं के लिए,(2.)शिक्षा:शिक्षा से संबंधित सेवाओं के लिए,(3.)वैज्ञानिक अनुसंधान:वैज्ञानिक अनुसंधान जैसी सेवाओं के लिए,(4.)मूलभूत आर्थिक आंकड़े:भारतीय आर्थिक सेवाओं तथा भारतीय सांख्यिकीय सेवाओं के लिए,(5.)ग्रामीण विकास:भारतीय प्रशासनिक सेवा/ग्रामों से संबंधित कार्य के लिए,(6.)कृषि तथा वनःभारतीय वन सेवा के लिए।
- उक्त बातें आपको फुटकर रूप से ही बताई गई है अर्थात् उक्त नामावली एक नमूना मात्र है।उक्त पुस्तक में केंद्र तथा राज्यों की सभी सेवाओं के नाम तथा अनेक महत्त्वपूर्ण तथ्य एवं विवरण संग्रहीत होते हैं।इस प्रकार एक से एक बढ़कर एक पुस्तकें,कोचिंग संस्थान,वीडियो,वेबसाइट आदि पर इच्छित सामग्री मिल जाएगी।हालांकि इनमें कुछ छद्म पुस्तकें,कोचिंग संस्थान,वीडियो और वेबसाइट भी मिल जाएंगी जो न केवल गलत जानकारी देती हैं बल्कि अभ्यर्थियों को लूटने का काम भी करती है।अतः अच्छी तरह तहकीकात करके एक नहीं दो-तीन जगह छानबीन करके जानकारी जुटाई जानी चाहिए।किसी छ्द्म,पाखण्डी के झाँसे में नहीं आना चाहिए।
- इस दुनिया में लुटेरे भी अच्छी प्रतिष्ठित वेबसाइट्स,पुस्तकों और प्रतिष्ठित कोचिंग की आड़ में अपना धन्धा चलाते हैं।कोई न कोई इनके जाल में फँस ही जाता है और इनका धन्धा भी फलफूल रहा है।जैसे साइबर क्राइम करने वाले किसी न किसी पुरुष व महिला को अपने जाल में फँसा ही लेते हैं और लाखों रुपयों की ठगी,धोखाधड़ी कर लेते हैं।ये लोग इतने शातिर होते हैं कि चौकस पुलिस,प्रशासन,सरकार के होते हुए भी बच निकलते हैं और इनकी ठगी का धंधा बदस्तूर जारी है।
5.अभ्यर्थियों को सुझाव (Suggestions to Candidates):
- साक्षात्कार किसी उद्देश्य विशेष के लिए आमने-सामने बैठकर किया जाने वाला वार्तालाप है।इसका मुख्य लक्ष्य होता है व्यवहार एवं मनोवृत्ति का आकलन करना ना कि तथ्यों के ज्ञान की जानकारी लेना।मगर जहां तक संभव हो अधिक से अधिक तथा सही जानकारी रखनी चाहिए।
- यह एक दो-तरफा संचार व्यवस्था है जिसमें कि साक्षात्कारकर्ता और अभ्यर्थी दोनों सेवा और संगठन से संबंधित किसी भी जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं।कुल मिलाकर “किसी सेवा के लिए विचाराधीन अभ्यर्थी को योग्यता से संबंधित अधिक से अधिक जानकारी हासिल करने के प्रयास” को साक्षात्कार कहा जा सकता है।
- अपने भावी साक्षात्कारकर्ता की जरूरतों को समझने के लिए उस संस्था के बारे में सारी जानकारी एकत्रित करने का प्रयास करेंःउसकी शाखाओं,उत्पादन और सेवाओं के बारे में।अगर संभव हो तो उन जिम्मेदारी और सुविधाओं के बारे में भी जान लें,जो उस नौकरी के साथ जुड़ी हुई है;जिसके लिए आपने आवेदन किया है।इन सूचनाओं को टीवी न्यूज़ चैनल,राष्ट्रीय समाचार पत्र,विज्ञापन साहित्य,पत्रिका,स्थानीय वितरक और स्थानीय विक्रेताओं से भी हासिल किया जा सकता है।अन्य संस्थानों के बारे में भी जानकारी एकत्र करना उपयोगी सिद्ध होगा।इस तरह से तैयार होने से आप साक्षात्कार के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों को समझकर उनका सही उत्तर देने की स्थिति में होंगे।हालांकि,साक्षात्कार्यकर्ता कोई रुचि न दिखाएं,तो उसे अपने ज्ञान के द्वारा प्रभावित करने की कोशिश ना करें।
- साक्षात्कार के लिए ऊपर दी गई बातों की जानकारी और ज्ञान का तब तक कोई फायदा नहीं है जब तक कि आप अपने ज्ञान को अभिव्यक्त नहीं कर सकते हैं,प्रभावी ढंग से बोर्ड के सदस्यों को बता नहीं सकते हैं।तात्पर्य यह है कि अपने ज्ञान को व्यक्त करने,प्रकट करने की कला में भी आपको माहिर होना आवश्यक है।आप भले कितना ही जानते हो,समझदार हो परन्तु उसे व्यक्त किए बगैर आपके व्यक्तित्व का प्रभावी परीक्षण नहीं हो सकता है।अतः छद्म रूप से या कोचिंग लेकर बोलने का अभ्यास करें।आईने के सामने भी बोलकर इस कला को निखारा जा सकता है।मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर ले और सुने जहां कहीं बोलने में हल्कापन महसूस होता है उसमें बार-बार अभ्यास करके सुधार करें।अपने मित्रों,सहपाठियों के साथ वार्ता करके भी अपनी वाक कला को इंप्रूव कर सकते हैं।साक्षात्कार के लिए पहले से ही की गई तैयारी हमेशा फायदेमंद होती है।
- अंत में उम्मीदवारों को यही सलाह दी जाती है कि उन्होंने जिस सेवा के लिए आवेदन पत्र भेजा है उसके लिए दत्तचित्त होकर तैयारी करें तथा सभी संभव उपायों एवं विश्वसनीय स्रोतों द्वारा अपने विषय से संबंधित सामग्री एकत्रित करके उसका सदुपयोग करें।
- उपर्युक्त आर्टिकल में साक्षात्कार में अभीष्ट जॉब वाले प्रश्न 2025 (Applied Job Question in Interview 2025),साक्षात्कार में अभीष्ट जॉब वाले प्रश्नों की तैयारी कैसे करें? (How to Prepare for Applied Job Questions in Interview?) के बारे में बताया गया है।
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6.खून देने की तैयारी (हास्य-व्यंग्य) (Preparing to Give Blood) (Humour-Satire):
- एक छोटी क्लास (चौथी कक्षा) का छात्र बहुत तेजी से दौड़ा चला जा रहा था।रास्ते में उसके सहपाठी ने रोक कर पूछा-अरे,इतनी तेज कहां दौड़े चले जा रहे हो?
- पहला छात्र:एक कॉलेज स्कूल की बस ट्रक से टकरा गई,उसमें कॉलेज के घायल छात्रों को खून देने जा रहा हूं।
7.साक्षात्कार में अभीष्ट जॉब वाले प्रश्न 2025 (Frequently Asked Questions Related to Applied Job Question in Interview 2025),साक्षात्कार में अभीष्ट जॉब वाले प्रश्नों की तैयारी कैसे करें? (How to Prepare for Applied Job Questions in Interview?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.मैं इस काम को कर सकता हूं की जांच कैसे की जाती है? (How does it check if I can this work?):
उत्तर:किसी अभ्यर्थी विशेष के इस जवाब पर कि “हां मैं इस काम को अपेक्षानुसार कर सकता हूं” की जांच की जाती है।इसके अंतर्गत प्रत्याशी के आविर्भाव (appearance),हाव-भाव (manner),शिक्षा,बुद्धि,किसी समस्या को हल करने की क्षमता,संबंधित प्रोजेक्ट का व्यावहारिक ज्ञान व अनुभव,शारीरिक स्वास्थ्य आदि को परखा जाता है।
प्रश्न:2.अवसर दिया जाए तो कर लूंगा कारक की जांच कैसे की जाती है? (How is the factor examined If I given an opportunity?):
उत्तर:अभ्यर्थी के इस प्रकार के उत्तर देने पर कि यदि “मुझे अवसर दिया जाए तो मैं इस काम को कर लूंगा।” इस कारक के तहत अभ्यर्थी के स्थायित्व (stability),काम करने की इच्छा (willingness to work),दूसरों को साथ लेकर चलने की क्षमता,दृढ़ता (perserance),विश्वसनीयता (loyalty),नेतृत्व निर्णय की क्षमता आदि गुणों की परख की जाती है।
प्रश्न:3.प्रेरणा कारक की जांच कैसे की जाती है? (How is the motivation factor checked?):
उत्तर:संबंधित नौकरी के प्रति अभ्यर्थी के रुझान एवं मनोभाव की जांच की जाती है।इसके तहत प्रभावशाली पहल (vigorous initiative) करना,आय की जरूरत के साथ-साथ सुरक्षा,अधिकार,सत्ता,अन्वेषण,संपूर्णता एवं आगे बढ़ने की इच्छा को परखा जाता है।
प्रश्न:4.भावनात्मक परिपक्वता से क्या आशय है? (What do you mean by emotional maturity?):
उत्तर:इसके तहत जिन बातों का परीक्षण किया जाता है वे हैं:आश्रित होने से स्वतंत्रता (freedom of dependence),परिणाम का सम्मान (regard for consequences),स्व-अनुशासन की क्षमता (capacity for Self-discipline),तोड़-फोड़ की प्रवृत्ति से स्वतंत्रता (freedom from destructive tendencies),अभिलाषी सोच से स्वतंत्रता (freedom from wishful thinking)।
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा साक्षात्कार में अभीष्ट जॉब वाले प्रश्न 2025 (Applied Job Question in Interview 2025),साक्षात्कार में अभीष्ट जॉब वाले प्रश्नों की तैयारी कैसे करें? (How to Prepare for Applied Job Questions in Interview?) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Satyam
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