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Coaching for Competitive Exams 2025

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1.प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग 2025 (Coaching for Competitive Exams 2025),प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग लेने की 5 बेहतरीन टिप्स (5 Best Tips for Coaching for Competitive Exams):

  • अभ्यर्थियों के लिए प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग 2025 (Coaching for Competitive Exams 2025) के द्वारा आप जान सकेंगे कि आज कड़ी प्रतिस्पर्धा और गला काट प्रतियोगिता में कैसे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं? क्या प्रतिस्पर्धी के लिए कोचिंग लेना आवश्यक है,यदि आवश्यक है तो कोचिंग संस्थान में क्या-क्या बातें होनी चाहिए?
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2.प्रतियोगियों का अभिमत (Contestants’ Opinions):

  • जो अभ्यर्थी प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल होते हैं और उनके साक्षात्कार लिए जाते हैं उनमें बहुत से टॉपर्स यह भी जाहिर करते हैं कि उन्होंने कोचिंग ली थी।इन प्रतियोगियों में उच्च रैंकिंग (टॉपर्स) में मुख्यतः पेशेवर डिग्रीधारी यथा डॉक्टर,इंजीनियरिंग,सोशल एंटरप्रेन्योरशिप आदि ही रहते हैं।इनमें अधिकांश का मानना है कि उन्होंने कोचिंग ली थी याकि लेनी चाहिए,हालांकि उनका यह भी मानना है कि कोचिंग का लाभ तभी मिलता है जब अभ्यर्थी अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करता हो,कठिन परिश्रमी हो और सेवा में जाने की तीव्र इच्छा व जुनून हो।
  • उदारीकरण और तकनीकी विकास के कारण नए-नए क्षेत्र वजूद में आ रहे हैं और उसमें अच्छे पैकेज मिलते हैं।अतः युवाओं का रुझान उन क्षेत्रों अर्थात् ऑनलाइन जॉब्स,इंजीनियरिंग तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों में विभिन्न पदों की ओर बढ़ा है।परंतु फिर भी प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रति अभी भी बहुत से युवाओं में क्रेज देखने को मिलता है।यही कारण है कि बहुत से पेशेवर डिग्रीधारी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते हैं और चयनित भी होते हैं।अपने पेशेवर डिग्री में पद न ग्रहण करके वे अन्य सेवाओं में जाने का विकल्प चुनते हैं।
  • 2008 में आर्थिक मंदी,2019 से कोरोनावायरस के कारण फैली महामारी कोविड के दुष्प्रभाव के कारण बहुत सी कंपनियों ने कर्मचारियों की छँटनी प्रारंभ कर दी अतः अभ्यर्थियों व कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई।इस कारण भी बहुत से अभ्यर्थियों का मानना है कि प्रतियोगिता परीक्षाएं और उनसे प्राप्त जाॅब को बेहतर विकल्प के रूप में देखते हैं।
  • इन अभ्यर्थियों का अभिमत है कि आज के युग में कठिन परिश्रम से ही बात नहीं बनती है।भले ही आप शैक्षिक परीक्षाएँ बोर्ड,काॅलेज एवं विश्वविद्यालय आदि में शामिल हो रहे हैं,कोई इनामी प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं,प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना चाहते हैं अथवा जॉब के लिए कोई प्रतियोगिता परीक्षा देने जा रहे हैं या इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं इन सभी में भाग लेने के लिए कोचिंग की सेवाएं लिया जाना आवश्यक है।
  • कुछ अन्य कारणों की वजह से भी वे कोचिंग संस्थानों की अहमियत बताते हैं।ये कोचिंग संस्थान (चुनिंदा कोचिंग संस्थान) अभ्यर्थी को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराते हैं बल्कि प्रतियोगी को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में अपना उत्कृष्ट योगदान देते हैं।अतः आज अभ्यर्थी ने कितने समय पढ़ा है अथवा वह रोजाना कितने घंटे पढ़े यह बात इतना मायने नहीं रखती है जितना महत्त्व इस बात का है कि परीक्षापयोगी और गुणवत्तापूर्ण कितना अध्ययन किया गया है।कोचिंग संस्थान में पढ़ने वाले अभ्यर्थियों को सफलता मिलने के कारण यह कोचिंग उद्योग फलफूल रहा है और आज कॉलेज,विश्वविद्यालय के समानान्तर खड़ा अपनी सेवाएँ दे रहा है और अभ्यर्थी कोचिंग ले रहे हैं।

3.कोचिंग क्यों लें? (Why take coaching?):

  • प्रतियोगिता परीक्षा में भ्रम की स्थिति से बचने और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोचिंग संस्थान का भरपूर फायदा उठाना चाहिए।प्रतियोगिता परीक्षाएं अमूमन दो या तीन स्तरों पर होती हैं।इन प्रतियोगिता परीक्षाओं में लाखों उम्मीदवार अपना भविष्य तलाशने की कोशिश करते हैं परंतु गिने-चुने उम्मीदवारों को ही सफलता मिलती है।ऐसी कड़ी प्रतिस्पर्धा में अन्य प्रतियोगियों को टक्कर देकर आगे निकलने के लिए परीक्षा की तैयारी एकाकी होकर नहीं की जा सकती।ऐसी बात नहीं है कि बिना कोचिंग लिए कोई उम्मीदवार सफल नहीं होते हैं,पर जिस कदर वर्ष-प्रतिवर्ष प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है,उसमें सफल होने के लिए सही मार्गदर्शन बहुत ही जरूरी है।आपका उद्देश्य सभी जायज तरीके अपनाकर,सही तरीके से सफलता प्राप्ति होनी चाहिए।और सफलता प्राप्ति के लिए कुछ असाधारण,हटकर और डटकर करने की आवश्यकता है।
  • कोचिंग संस्थान आपकी स्वयं की तैयारी में वैल्यू एडिशन की तरह काम करते हैं।और ये आपको साधारण से असाधारण बनाने में भी मदद करते हैं क्योंकि ये काफी प्रोफेशनल होते हैं।पर हां,संस्थान के चयन में सावधानी बरतने की जरूरत है।क्योंकि कोचिंग संस्थानों से होने वाली आय को देखकर बहुत से छद्मचर लोग नाम मात्र का कोचिंग संस्थान खड़ा कर लेते हैं।जिनकी बिल्डिंगें और बाहरी चकाचौंध तथा भव्य सुसज्जित कमरों और साधन-सुविधाओं के जाल में बहुत से छात्र फँस जाते हैं। अपनी मेहनत की कमाई को उनके हवाले कर देते हैं और लुटकर आ जाते हैं।यानी ऐसे कोचिंग संस्थान अभ्यर्थियों को लूटने का काम करते हैं तथा उन्होंने कोचिंग को केवल लूटने,धन कमाने का माध्यम बना रखा है।ऐसे कई कोचिंग संस्थानों के कारनामें अखबार की सुर्खियों में आते रहते हैं परंतु तब तक वे बहुत से छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर चुके होते हैं।
  • यदि आपको कोचिंग संस्थानों में से उम्दा एवं उपयोगी संस्थानों का चुनाव करना हो,तो इसके लिए आपको सर्वप्रथम अपने वरीय साथियों अथवा उन सफल अभ्यर्थियों से संपर्क करना होगा,जो किसी कोचिंग संस्थानों से संबंद्ध रहे हैं।किसी कोचिंग संस्थान की विश्वसनीयता तथा उसकी गुणवत्ता को परखने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए:(1.) संस्थान की फैकल्टी अर्थात् शिक्षक कैसे हैं और कौन-कौन हैं? (2.)शिक्षकों का चरित्र और पढ़ाने की शैली कैसी है? (3.)उस संस्थान की सफलता दिलाने की दर क्या है? (4.)संस्थान द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक अभ्यर्थी की समस्याओं का समाधान करने पर ध्यान दिया जाता है अथवा नहीं? (5.)संस्थान द्वारा नोट्स एवं अन्य अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाती है अथवा नहीं? (6.)संस्थान द्वारा समय-समय पर अभ्यर्थी का मूल्यांकन किया जाता है या नहीं।
  • और हां,अपनी परीक्षा से काफी पहले कोचिंग ले लें,ताकि आपको पठन सामग्री को विस्तारपूर्वक अध्ययन करने का मौका मिल सके।वर्ग में पढ़ाए गए तथा पढ़ाए जाने वाले विषयों के लगातार संपर्क में बने रहें।वर्ग में किसी शंका का समाधान करने से परहेज नहीं करें।अपनी शंका को तुरंत ही अपने शिक्षक के समक्ष उठाएं।अपने क्लास नोट्स को भी सुव्यवस्थित करते रहें।और अंत में सिर्फ कोचिंग सामग्री पर ही निर्भर नहीं करें,बल्कि स्वाध्याय द्वारा उसे और व्यावहारिक प्रदान करने की कोशिश करें।

4.अभ्यर्थी कठिन परिश्रम पर ही निर्भर ना रहें (Candidates should not depend on hard work):

  • यहां यह बताते चलें कि केवल कठिन परिश्रम ही आपको सफलता नहीं दिला सकती।आपको हजारों ऐसे प्रत्याशी मिल जाएंगे जो 15 से 16 घंटे पढ़ाई करते रहते हैं।यहां तक कि बाहरी दुनिया से कोई संपर्क भी नहीं रखते।वे किताबों को रटने तक भी माद्दा रखते हैं।पर जब वे अपने अंक देखते हैं तो पाते हैं कि उन्हें किसी विषय में कोई खास अंक नहीं मिले।तो इसकी वजह क्या है? दरअसल प्रतियोगिता परीक्षाओं में अधिक अंक लाने के लिए कठिन मेहनत के साथ-साथ सही रणनीति बहुत जरूरी है।
  • बाहरी दुनिया से कटे रहने से आप कितने पानी में है,इसका अंदाजा नहीं लग पाता।सच्चाई तो यह है कि आज चाहे प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी सेक्टर हो भारत की ये प्रतियोगिता परीक्षाएं कठिन से कठिनतर होती जा रही हैं और उसमें भाग लेने वाले लाखों प्रतिस्पर्धियों में से एक प्रतिस्पर्धी आप हैं।ऐसे में अन्य प्रतिस्पर्धियों के बारे में जानना भी जरूरी हो जाता है।और भी आपकी रणनीति का एक हिस्सा होना चाहिए।कोचिंग संस्थान ऐसे प्रतिस्पर्धियों से मिलने व चर्चा करने का एक उत्कृष्ट मंच उपलब्ध कराता है।जहां तक रणनीति की बात है तो आप रणनीति अपनी क्षमता के अनुसार बनाएं।साथ ही हमेशा रणनीति पर पुनर्विचार करते रहना चाहिए।कड़े शब्दों में कहा जाए तो,भूल के लिए जगह ही मत छोड़ें।
  • जॉब के चयन पर भी संक्षिप्त रूप से चर्चा कर लेते हैं।जाॅब का चयन करते समय अपनी पृष्ठभूमि का ध्यान रखें।अर्थात सर्वप्रथम आपकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि कैसी है? जैसे आपने बीई,बीटेक किया है या बीबीए,एमबीए अथवा एमसीए या अन्य किसी विषय से डिग्री हासिल की है।उस संबंधित विषय से संबंधित जॉब को नहीं ठुकराया जा सकता है।इसी विषय में आपकी पृष्ठभूमि तैयार हुई है।जैसे बीई,बीटेक करने वाला इंजीनियरिंग का पेशा ही अपनाएगा,उससे आईएएस,आईपीएस या सिविल सर्विस में जाने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।ऐसी बात नहीं है कि बीई,बीटेक वालों का आईएएस या सिविल सर्विस में चयन नहीं होता है,होता है परंतु सभी बीई,बीटेक करने वालों का चयन तो नहीं होता है।
  • इसके अलावा योजना बनाते समय कुछ अन्य तथ्यों पर भी ध्यान देना चाहिए।मसलन,क्या उच्चकोटि की अध्ययन सामग्री उपलब्ध है।बड़े शहरों में रहने वाले उम्मीदवार शायद इसे समस्या न मानते हों,पर भारत के दूर-दराज अंचलों में निवास करने वाले अभ्यर्थियों से जाकर इसका महत्त्व पूछिए।हालांकि यह दुनिया हाईटेक होती जा रही है और विश्व एक ग्राम नजर आ रहा है परंतु यह बात उन्हीं उम्मीदवारों के लिए सच है जो आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं और उससे वाकिफ हैं।परंतु अब भी बहुत से अभ्यर्थी मिल जाएंगे जो टेक्नोलॉजी का या तो इस्तेमाल करते ही नहीं या नाम मात्र का इस्तेमाल करते हैं।ऐसे उम्मीदवारों के लिए उच्च स्तर की अध्ययन सामग्री की गैर-उपलब्धता उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी है और हां हटकर जाॅब चयन करने,प्रतियोगिता परीक्षा का चयन करने में किसी अच्छे शिक्षक का मार्गदर्शन काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है।शिक्षक आपकी अभिरुचि व सोचने की क्षमता के आधार पर आपको सही जाॅब,प्रतियोगिता परीक्षा और अन्य जरूरी विषय संबंधी समस्या को हल करने में आपकी मदद कर सकते हैं और उचित सलाह दे सकते हैं।

5.ओवरकॉन्फिडेंट ना हो (Do not be overconfident):

  • प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने वाले बहुत से अभ्यर्थी  ओवरकॉन्फिडेंट रखते हैं अर्थात् वे सोचते हैं कि प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी वे सेल्फ ही कर लेंगे तथा उसे कोचिंग लेने की आवश्यकता नहीं है।इसका दुष्परिणाम यह होता है कि समय रहते कोचिंग के द्वारा तैयारी को और भी धार दी जा सकती थी,उससे वंचित हो जाते हैं।परिणामस्वरूप वे एक-दो या कुछ अंकों की वजह से ही प्रतियोगिता की दौड़ से बाहर हो जाते हैं।याद रखें कॉन्फिडेंस रखना तो सही है परंतु ओवरकॉन्फिडेंस रखना घातक सिद्ध हो जाता है।
  • इसलिए समय से पूर्व ही निश्चित कर लें कि उन्हें कोचिंग की जरूरत है या नहीं,यदि जरूरत है तो इस मामले में टालमटोल ना करें और कोचिंग ले लें।कई बार कोचिंग आसपास नहीं होता या उनके खुद के कस्बे,नगर में कोचिंग नहीं होता अथवा होता है तो उत्कृष्ट कोचिंग संस्थान नहीं होता है।ऐसी स्थिति में होम सिकनेस की बीमारी को तेलांजलि दें और यदि बाहर जाने की आवश्यकता है तो जाने में संकोच न करें।अब बाहर जाकर कोचिंग लेने में कुछ कष्टों और कठिनाइयों का सामना करना तो पड़ेगा ही।विद्या ग्रहण करने में कष्ट और कठिनाइयों का सामना तो करना पड़ता ही है,यही तो विद्यार्थी के लिए तप है।जो विद्यार्थी तप नहीं करता है,उसके व्यक्तित्व और चरित्र का न तो निर्माण हो सकता है और न ही वह बेहतरीन कौशल अर्जित कर सकता है,ऐसी स्थिति में बेहतरीन जाॅब प्राप्त करना मुमकिन नहीं है।
  • उत्कृष्ट कोचिंग संस्थान लाखों अभ्यर्थियों को यों ही अपनी ओर आकर्षित नहीं करता है बल्कि अभ्यर्थियों की तैयारी में वैल्यू ऐड करता है तभी उनकी पूँछ है और तभी हजारों लाखों अभ्यर्थी अपने गांव-शहर को छोड़कर दूर-दराज स्थित कोचिंग संस्थानों में जाकर परीक्षा की तैयारी हेतु कोचिंग संस्थानों की सेवाएं लेते हैं।यदि वाकई आप शुरू से ही शिक्षा और विद्या अर्जित करने के प्रति सजग हैं,आपने अपने अंदर शुरू से ही किसी कौशल का निर्माण किया है और अपनी क्षमता तथा दक्षता के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं कि आप प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी स्वयं कर लेंगे तब बात अलग है।क्योंकि जैसा कि ऊपर हमने उल्लेख किया है कि कठिन परिश्रम और सही रणनीति के आधार पर कई अभ्यर्थियों का चयन बिना कोचिंग के भी हुआ है,हो सकता है।परंतु हमारा मानना है कि यदि ऐसे सफल अभ्यर्थी यदि कोचिंग लेते तो प्रतियोगिता परीक्षा की वरीयता क्रम में और ऊंचे पायदान पर पहुंच जाते।
  • तात्पर्य यह है कि प्रतियोगिता परीक्षा में अवसर भी सीमित होते हैं और अभ्यर्थियों की उम्र भी काफी कुछ हो चुकी होती है,डिग्री हासिल करते ही अधिकांश माता-पिता व अभिभावकों की ख्वाहिश भी यही होती है कि वह जल्दी से जल्दी जाॅब प्राप्त कर ले।ऐसी स्थिति में प्रतियोगिता परीक्षा में अपनी पूर्ण क्षमता व तैयारी के साथ भाग लेना चाहिए।इसके अतिरिक्त यह भी एक कारण होता है कि एक-दो बार अभ्यर्थी प्रतियोगिता परीक्षा में असफल हो जाता है तो उसका मनोबल टूट जाता है,उसकी हिम्मत नहीं होती है कि वह बार-बार प्रतियोगिता परीक्षा में भाग ले सके।अतः यदि आप सक्षम हैं,आपकी जरूरत है या किसी के सहयोग से कोचिंग कर सकते हैं तो पूरी तैयारी से,पूर्ण शक्ति से,पूरी क्षमता के साथ परीक्षा की तैयारी करें और भाग लें,आधे-अधूरे मन से भाग लेने वाला कहीं ना कहीं असफलता का मुंह देखता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग 2025 (Coaching for Competitive Exams 2025),प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग लेने की 5 बेहतरीन टिप्स (5 Best Tips for Coaching for Competitive Exams) के बारे में बताया गया है।

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6.सबके साथ कोचिंग लेना (हास्य-व्यंग्य) (Taking Coaching with Everyone) (Humour-Satire):

  • ऋषि:माँ,मैं कोचिंग लेने जाऊं?
  • माँ:जाओ,लेकिन ध्यान रखना सबके साथ कोचिंग करना और कोचिंग समाप्त होते ही सीधे घर चले आना,समझे।
  • माँ:थोड़ी देर बाद,अरे तुम कोचिंग लेने नहीं गए?
  • ऋषि:गया था,परंतु कोचिंग में कोई नहीं था,इसलिए घर वापस चला आया।

7.प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग 2025 (Frequently Asked Questions Related to Coaching for Competitive Exams 2025),प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग लेने की 5 बेहतरीन टिप्स (5 Best Tips for Coaching for Competitive Exams) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.निबन्धात्मक प्रश्नों का उत्तर कैसे दें? (How to answer essay type questions?):

उत्तर:प्रश्नों के निबन्धात्मक रूप में उत्तर लिखने के लिए लिखने की कला का काफी महत्त्व होता है।अतः न केवल लिखने की कला ही आनी चाहिए बल्कि उत्तर को सही ढंग से प्रस्तुत करना भी आना चाहिए।अपना स्वयं का मूल्यांकन करें और लिखने की शैली में कुछ परिवर्तन करते रहें।पिछली गलतियों से सबक लें।अपने नोट्स को अपटूडेट करते रहें और अध्ययन करते रहें।

प्रश्न:2.कौनसे कोचिंग संस्थान श्रेष्ठ हैं? (Which coaching institutes are the best?):

उत्तर:अनेक श्रेष्ठ कोचिंग संस्थान है।कोचिंग संस्थान के चयन के लिए अपने सीनियर्स और टॉपर्स की मदद लें इसके अलावा यूट्यूब पर वीडियो व विभिन्न वेबसाइट पर रिव्यू देख सकते हैं।इन सबके आधार पर निर्णय लें।दिल्ली में कोचिंग कांड से सबक लें,निम्न स्तर के कोचिंग संस्थान की सेवाएं न लें।निम्न स्तर के कोचिंग संस्थान के बजाय तो सेल्फ स्टडी करना ठीक है।

प्रश्न:3.पुस्तकों का चयन कैसे करें? (How to choose books?):

उत्तर:किसी एक पुस्तक या दो पुस्तक पढ़कर प्रतियोगिता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की जा सकती है।इसके लिए अनेक पुस्तकों का अध्ययन करना होता है।अच्छा तो यह है कि शुरू से ही एक-दो मासिक प्रतियोगिता परीक्षाओं की पत्रिका का नियमित रूप से अध्ययन करते रहना चाहिए।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग 2025 (Coaching for Competitive Exams 2025),प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग लेने की 5 बेहतरीन टिप्स (5 Best Tips for Coaching for Competitive Exams) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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