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Sampling of Attributes in Statistics

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1 1.सांख्यिकी में गुणात्मक प्रतिचयन (Sampling of Attributes in Statistics),गुण-समंकों में सार्थकता परीक्षण (Tests of Significance in Attributes):

1.सांख्यिकी में गुणात्मक प्रतिचयन (Sampling of Attributes in Statistics),गुण-समंकों में सार्थकता परीक्षण (Tests of Significance in Attributes):

सांख्यिकी में गुणात्मक प्रतिचयन (Sampling of Attributes in Statistics) के इस आर्टिकल में ऐसे प्रतिदर्शों में सार्थकता-परीक्षण पर आधारित सवालों को हल करने के बारे में अध्ययन करेंगे जिनका आधार गुण-समंक हो।
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2.सांख्यिकी में गुणात्मक प्रतिचयन के उदाहरण (Sampling of Attributes in Statistics Examples):

Example:3(i).एक सिक्के के 1600 उछालों में से 688 पुतलियाँ प्राप्त होती हैं।क्या इससे सिक्के के सुडौल होने पर सन्देह किया जा सकता है?
(In 1600 tosses of a coin,heads are obtained 688 times.From this,can it be doubted that coin is an unbiased one?):
Solution:यदि सिक्का अभिनत या सुडौल होगा तो एक उछाल में चित (head) गिरने की प्रायिकता
p=\frac{1}{2}, q=\frac{1}{2} ; n=1600
1600 उछालों में Head की प्रत्याशित संख्या=n p=1600 \times \frac{1}{2}=800
सफलताओं की संख्या की प्रमाप त्रुटि
\sigma=\sqrt{n p q}=\sqrt{1600 \times \frac{1}{2} \times \frac{1}{2}}=\sqrt{400}=20
1600 उछालों में Head आने की वास्तविक और प्रत्याशित संख्याओं का अन्तर=|688-800|=112
\frac{\text{अन्तर}}{\text{प्रमाप त्रुटि}}=\frac{112}{200}=5.6
अन्तर प्रमाप त्रुटि का 5.6 गुना है अतः सार्थक है।सिक्का सुडौल नहीं है।
Example:3(ii).एक छः भुज वाले पासे के 324 उछालों में विषम बिन्दु 181 बार आये।क्या आप पासे को सन्तुलित कहेंगे? उस गुणधर्म का स्पष्ट रूप से वर्णन कीजिए जिस पर आपके परिकलन आधारित हैं।
(In 324 throws of a six faced dice,odd points appeared 181 times. Would you say that the dice is fair? State carefully the properties on which you base your calculations.)
Solution:यदि पासा सन्तुलित होगा तो एक उछाल में विषम बिन्दु (1,3,5)आने की प्रायिकता
P=\frac{3}{6}=\frac{1}{2}, q=1-\frac{1}{2}=\frac{1}{2} ; n=324
324 उछालों में विषम बिन्दु की प्रत्याशित संख्या=np=324 \times \frac{1}{2}=162
सफलताओं की संख्या की प्रमाप त्रुटि
\sigma=\sqrt{n p q}=\sqrt{324 \times \frac{1}{2} \times \frac{1}{2}} \\ \Rightarrow \sigma =\sqrt{81}=9
324 उछालों में विषम बिन्दु आने की वास्तविक और प्रत्याशित संख्याओं का अन्तर=181-162=19
=\frac{\text{Difference}}{\text{standard Error}}=\frac{19}{9} \approx 2.11
अन्तर प्रमाप त्रुटि का केवल 2.11 गुना है जो कि से कम है अतः यह अन्तर अर्थहीन है और केवल प्रतिचयन उच्चावचनों के कारण उत्पन्न हुआ है। पासा सन्तुलित (fair) है।
Example:4.किसी टोकरी में से 500 नारंगियाँ यदृच्छया ली गई जिसमें से 50 खराब निकलीं।पूरी टोकरी में खराब नारंगियों का प्रतिशत ज्ञात कीजिए और वे सीमाएँ निर्धारित कीजिए जिनमें यह प्रतिशत सम्भवतया पायी जाती है।
(500 oranges are taken at random from a basket and 50 are found to be bad. Estimate the percentage of bad oranges in the basket and assign the limits within the percentage probably lies.)
Solution:सरल प्रतिचयन की मान्यता के अनुसार खराब नारंगियों का अनुपात
p=\frac{50}{500}=\frac{1}{10} \Rightarrow p=0.1, q=1-0.1=0.9
खराब नारंगियों के अनुपात की प्रमाप त्रुटि
\sigma_{\text {prop }}=\sqrt{\frac{p q}{n}}=\sqrt{\frac{0.1 \times 0.9}{500}} \\ \Rightarrow \sigma_{\text {prop }} \approx 0.0134
सरल प्रतिदर्श में खराब नारंगियों के अनुपात की सीमाएँ \pm 3 \sigma_{\text {prop }} के अन्तर्गत होंगीः
प्रतिशत सीमाएँ
=\left[p \pm 3 \sqrt{\frac{p q}{n}}\right] \times 100 \\ =(0.1 \pm 3 \times 0.0134) \times 100 \\ =10 \pm 4.02
=10 \pm 4.02 और 10-4.02
=14.02% और 5.98%
अतः 500 नारंगियों में 50 खराब नारंगियों के अनुपात का सर्वोत्कृष्ट अनुपात 10% मानते हुए,सरल प्रतिचयन के आधार पर खराब नारंगियों की निम्नतम और उच्चतम सीमाएँ 14.02% और 5.98% होंगी।
Example:5.किसी बड़े नगर से लिये गये 600 पुरुषों के एक सरल यादृच्छिक प्रतिदर्श में से 400 पुरुष धूम्रपान करने वाले पाये गये।किसी दूसरे बड़े नगर से लिये गये 900 पुरुषों के एक सरल यादृच्छिक प्रतिदर्श में 450 पुरुष धूम्रपान करने वाले मिले।क्या इन आँकड़ों से यह निष्कर्ष निकलता है कि दोनों शहरों के पुरुषों में धूम्रपान करने की आदत के सम्बन्ध में सार्थक अन्तर है?
(In a simple random sample of 600 men taken from a big city 400 are found to be smokers. In another simple random sample of 900 man taken from another big city, 450 are smokers. Do the data indicate that there is a significant difference in the habit of smoking in the two cities?)
Solution:दोनों नगरों से लिए गए प्रतिदर्शों में धूम्रपान करने वालों के अनुपात
p_1=\frac{400}{600}=\frac{2}{3} ; p_2=\frac{450}{900}=\frac{1}{2}
अनुपातों का अवलोकित अन्तर = |p_{1}-p_{2}| \\=\left|\frac{2}{3}-\frac{1}{2}\right|=\frac{1}{6}
इस परिकल्पना के आधार पर कि दोनों नगरों में धूम्रपान करने वालों के अनुपात में कोई अन्तर नहीं है,पूरे समय में धूम्रपान करने वालों का अनुपात ज्ञात किया जायेगाः
p_0=\frac{p_1 n_1+p_2 n_2}{n_1+n_2} \\ =\frac{\left(\frac{2}{3} \times 600\right)+\left(\frac{1}{2} \times 900\right)}{600+900} \\ =\frac{400+450}{1500}=\frac{850}{1500} \\ \Rightarrow p_0 =\frac{17}{30} \\ q_0=1-\frac{17}{30} =\frac{13}{30}
अनुपातों के अन्तर की प्रमाप त्रुटि
\sigma_{p_1-p_2} =\sqrt{p_{0}q_{0}\left(\frac{1}{n_1}+\frac{1}{n_2}\right)} \\ =\sqrt{\frac{17}{30} \times \frac{13}{30}\left(\frac{1}{600}+\frac{1}{900}\right)} \\=\sqrt{\frac{221}{900} \times \frac{1500}{600 \times 900}} \\=\frac{1}{30} \sqrt{221 \times \frac{1}{360}} \\ =\frac{1}{30} \times 0.783 \\ \Rightarrow \sigma_{p_1-p_2}=0.026 \\ \frac{\text{अन्तर}}{\text{प्रमाप त्रुटि}} =\frac{p_1-p_2}{\sigma_{p_1-p_2}}=\frac{\frac{1}{6}}{0.026} \\ =\frac{0.167}{0.026}=6.4
दोनों प्रतिदर्श-अनुपातों का अवलोकित प्रमाप त्रुटि का 6.4 गुना (>3 times) है अतः अत्यधिक सार्थक है।

Example:6.सेवों की एक बड़ी पेटी में से दो प्रतिदर्श 500 व 400 के चुन लिए गए।उनमें से क्रमशः 100 व 90 खराब हैं।बताइए कि यह अन्तर अर्थपूर्ण है।
(From a large consignment of apples two samples of 500 and 400 are taken. They are found to contain 100 and 90 defectives respectively. State if the difference significant.)
Solution:दोनों सेवों की पेटी से लिए गए प्रतिदर्शों में चुने गए खराब सेवों के अनुपात
p_1=\frac{100}{500}=0.2, p_2=\frac{50}{400}=0.225
अनुपातों का अवलोकित अन्तर= |0.2-0.225| \\ \Rightarrow\left|p_1-p_2\right|=0.025
दोनों सेवों की पेटी में से खराब सेवों का समेकित अनुपात
p_0=\frac{p_1 n_1+p_2 n_2}{n_1+n_2} \\ =\frac{0.2 \times 500+0.225 \times 40}{500+400} \\ =\frac{100+90}{900} \\ \Rightarrow p_0 =\frac{190}{900}=\frac{19}{90} \\ q_0=1-p_0=1-\frac{19}{90}=\frac{71}{90}
अन्तर की प्रमाप त्रुटि \sigma_{p_1-p_2}=\sqrt{p_0 q_0\left(\frac{1}{n_1}+\frac{1}{n_2}\right)} \\ =\sqrt{\frac{19}{90} \times \frac{71}{90}\left(\frac{1}{500}+\frac{1}{400}\right)} \\ =\frac{1}{90} \sqrt{1349 \times \frac{900}{500 \times 400}} \\ =\frac{1}{90} \sqrt{\frac{1214100}{200000}}=\frac{1}{90} \sqrt{6.0705} \\ =\frac{1}{90} \times 2.4638 \\ \Rightarrow \sigma_{p_1-p_2} \approx 0.0273 \\ \frac{\text{अन्तर}}{\text{प्रमाप त्रुटि}}=\frac{p_1-p_2}{\sigma_{p_1-p_2}}=\frac{0.025}{0.0273} \approx 0.9175
अन्तर प्रमाप त्रुटि का 0.91 गुना है \left(<3 \sigma_{p_1-p_2}\right) अतः यह सार्थक नहीं है और प्रतिचयन के उच्चावचनों के कारण उत्पन्न हुआ है।
Example:7(i).सन्तरे के एक ढेर का परीक्षण किया गया और उसमें 3427 अच्छे और 522 खराब सन्तरे पाये गये।आशा थी कि 25 प्रतिशत खराब सन्तरे होंगे।क्या यह अन्तर प्रतिचयन के कारण है?
(A pile of oranges is examined and 3427 good and 522 defective are found among them. The expectation is 25% defective oranges. Is the difference due to fluctuations of simple sampling?)
Solution:कुल सन्तरे=3427+522=3949
प्रतिदर्श में खराब सन्तरों का अनुपात
p_0=\frac{522}{3949} \approx 0.132, q=1-0.132 \Rightarrow q=0.868
3949 सन्तरों में खराब सन्तरों की प्रत्याशित संख्या=3949 \times \frac{25}{100}=987
3949 सन्तरों में खराब सन्तरों की वास्तविक और प्रत्याशित सेवों की संख्या का अन्तर=|522-987|=465
सफलताओं की संख्या की प्रमाप त्रुटि
\sigma=\sqrt{n p q}=\sqrt{3949 \times 0.132 \times 0.868} \\ \approx \sqrt{452.460624} \\ \Rightarrow \sigma \approx 21.27 \\ \frac{\text{अन्तर}}{\text{प्रमाप त्रुटि}}=\frac{465}{21.27} \approx 21.86>3
अन्तर प्रमाप त्रुटि का 21.86 गुना है जो कि से अधिक है अतः यह अन्तर सार्थक है तथा प्रतिचयन के कारण उत्पन्न नहीं हुआ है।
Example:7(ii).50 व्यक्तियों के एक प्रतिदर्श में 27 पुरुष और 23 स्त्रियाँ हैं।यह ज्ञात कीजिए कि अवलोकित अनुपात क्या इस परिकल्पना से सर्वथा असंगत है कि नर-नारी समान अनुपात में होने चाहिए।
(In a sample of 50,there are found to be 27 males and 23 females. Ascertain if the observed proportions are inconsistent with the hypothesis that the sexes should be in equal proportion.)
Solution:प्रतिदर्श में चुने गए व्यक्तियों की संख्या n=50
प्रतिदर्श में पुरुषों के अवलोकन का अनुपात
p_1=\frac{27}{50}=0.54
प्रत्याशित पुरुषों का अनुपात
p_2=\frac{25}{50}=0.50
अवलोकित और प्रत्याशित पुरुषों का अन्तर=\left|p_1-p_2\right|=|0.54-0.50|=0.04
अनुपात का प्रमाप त्रुटि (\sigma)=\sqrt{\frac{p_1 p_2}{n}} \\ =\sqrt{\frac{0.54 \times 0.50}{50}}=\sqrt{\frac{0.27}{50}} \\ =\sqrt{0.0054} \\ \Rightarrow \sigma=0.07 \\ \frac{\text{Difference }}{\text{Standard Error}} =\frac{0.04}{0.07} \approx 0.57<3
अतः अन्तर सार्थक नहीं है और हमारी परिकल्पना नर-नारी समान होने चाहिए सत्य है।
Example:8.महाराष्ट्र के 500 व्यक्तियों के एक प्रतिदर्श में से 200 वनस्पति तेल के उपभोक्ता पाए गए।गुजरात के 400 व्यक्तियों के एक अन्य प्रतिदर्श में से 200 वनस्पति तेल के उपभोक्ता पाये गये।इस तथ्य की विवेचना कीजिए कि क्या महाराष्ट्र और गुजरात में वनस्पति तेल उपभोक्ताओं के सम्बन्ध में सार्थक अन्तर है?
(In a random sample of 500 persons from Maharashtra 200 are found to be consumers of vegetable oil. In another sample of 400 persons from Gujarat, 200 are found to be consumers of vegetable oil. Discuss whether the data reveal a significant difference between Maharashtra and Gujarat so far as the proportion of vagetable oil consumers is concerned.)
Solution:दोनों राज्यों से लिए गए प्रतिदर्शों में वनस्पति तेल उपभोक्ता का अनुपात
p_1=\frac{200}{500}=\frac{2}{5}=0.4, p_2=\frac{200}{400}=0.5
अनुपात का अवलोकित अन्तर \left|p_1-p_2\right|=|0.4-0.5|\\ \Rightarrow \left|p_1-p_2\right|=0.1
दोनों राज्यों में वनस्पति तेल उपभोक्ता का सम्मिलित अनुपात
p_0=\frac{p_1 n_1+p_2 n_2}{n_1+n_2} \\=\frac{0.4 \times 500+0.5 \times 400}{500+400} \\ =\frac{200+200}{900} \\ \Rightarrow p_0=\frac{400}{900}=\frac{4}{9} \\ q_0=1-p_0=1-\frac{4}{9}=\frac{5}{9}
अन्तर की प्रमाप त्रुटि
\sigma_{p_1-p_2}=\sqrt{p_0 q_0\left(\frac{1}{n_1}+\frac{1}{n_2}\right)} \\ =\sqrt{\frac{4}{9} \times \frac{5}{9}\left(\frac{1}{500}+\frac{1}{400}\right)} \\ =\frac{1}{9} \sqrt{20 \times \frac{9000}{500 \times 400}} \\ =\frac{1}{9} \sqrt{\frac{9}{25 \times 4}} \\=\frac{1}{2 \times 3} \times \frac{1}{5}=\frac{1}{15 \times 2} \\ =\frac{0.066}{2}=0.033 \\ \Rightarrow \sigma_{p_1-p_2} \approx 0.033 \\ \frac{\text{अन्तर}}{\text{प्रमाप त्रुटि}}=\frac{0.1}{0.033}=3.03>\left(3 \sigma_{p_1-p_2}\right)
अन्तर प्रमाप त्रुटि का 3.03 गुना है अतः वह सार्थक है और प्रतिचयन के उच्चावचनों के कारण उत्पन्न नहीं हुआ है।
Example:9(i).एक रेलवे कम्पनी ने 50-50 बर्मा टाई के दो समुच्चय स्थापित किये।दोनों समुच्चयों पर दो विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा क्रियोजोट का उपचार किया गया। कुछ वर्षों के उपरान्त 22 टाई प्रथम और 18 टाई द्वितीय समुच्चय की अच्छी हालत में पाई गई।क्या हमारा यह दावा न्यायोचित है कि दोनों प्रक्रियाओं के संरक्षणात्मक गुणों में कोई वास्तविक अन्तर नहीं है?
(A railway company installed two sets were treated with creosote by two different processes. After a number of years of services it was found that 22 ties of the first set and 18 ties of the second set service it was found that 22 ties of the first set and 18 ties of the second set were still in good condition. Are we justified in claiming that there is no real difference between the preserving properties of the two processes?)
Solution:पहले समुच्चय में अच्छी टाई का अनुपात
p_1=\frac{22}{50}=0.44
दूसरे समुच्चय में अच्छी टाई का अनुपात
p_2=\frac{18}{50}=0.36
दोनों समुच्चय अनुपातों का अन्तर
=p_1-p_2=0.44-0.36=0.08
दोनों समुच्चयों में अच्छी टाई का सम्मिलित अनुपात
p_0=\frac{p_1 n_1+p_2 n_2}{n_1+n_2} \\ =\frac{0.44 \times 50+0.36 \times 50}{50+50} \\ \Rightarrow p_0=\frac{(0.4440 .36)}{2}=0.4 \\ q_0=1-p_0=1-0.4=0.6
अनुपात अन्तर की प्रमाप त्रुटि
\sigma_{\left(p_1-p_2\right)}=\sqrt{p_0 q_0\left(\frac{1}{n}+\frac{1}{n}\right)} \\ =\sqrt{0.4 \times 0.6\left(\frac{1}{50}+\frac{1}{50}\right)} \\ =\sqrt{0.24 \times \frac{2}{50}} \\ \Rightarrow \sigma_{\left(p_1-p_2\right)}=\sqrt{\frac{0.48}{50}} \approx 0.098 \\ \frac{\text{ अन्तर}}{\text{प्रमाप त्रुटि}} =\frac{0.08}{0.098} \approx 0.82<3
अन्तर अर्थहीन है और हमारी शून्य परिकल्पना सत्य है,संरक्षणात्मक गुणों में कोई वास्तविक अन्तर नहीं है।
Example:9(ii).100000 टेनिस गेंदों के प्रेषण में से 400 यदृच्छया चुनी गई और उनके निरीक्षण पर 20 दोषपूर्ण पाई गई।95% विश्वास्यता-स्तर पर पूरे प्रेषण में आप कितनी त्रुटिपूर्ण गेंदों की सामान्यतः प्रत्याशा कर सकते हैं?
(Out of a consignment if 100000 tennis balls 400 were selected at a random and examined and it was found that 20 of these were defective. How many defective balls can you reasonably expect to have in the whole consignment at 95% confidence level?)
Solution:दोषपूर्ण टेनिस गेंद की प्रायिकता की 95% विश्वास्यता सीमाएँः
दोषपूर्ण टेनिस गेंद की प्रायिकता=\frac{20}{400}=\frac{1}{20}=0.05
प्रायिकता (अनुपात) की प्रमाप त्रुटि \sigma_{\text {prop }} =\sqrt{\frac{p(1-p)}{n}} \\ =\sqrt{\frac{0.05 \times(1-0.05)}{400}} \\ =\sqrt{\frac{0.05 \times 0.95}{400}}=\frac{\sqrt{0.0475}}{20} \\ \approx \frac{0.2179}{20} \\ \Rightarrow \sigma_{\text {prop }} \approx 0.01089
95% विश्वास्यता स्तर (5% सार्थकता स्तर) पर प्रतिचयन त्रुटि=1.96×0.0189
=0.0213444
अतः दोषपूर्ण टेनिस गेंद की 95% विश्वास्यता सीमाएँ=p \pm 1.96 \sqrt{\frac{p q}{n}}=0.05 \pm 0.0213444 \\ =0.05 \pm 0.0213444
\approx i.e. 0.0713444 और 0.0286556
दोषपूर्ण गेंदों की संख्या की 95% विश्वास्यता सीमाएँ
100000×0.0286556 \approx 2865
100000×0.0713444 \approx 7135
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा सांख्यिकी में गुणात्मक प्रतिचयन (Sampling of Attributes in Statistics),गुण-समंकों में सार्थकता परीक्षण (Tests of Significance in Attributes) को समझ सकते हैं।

3.सांख्यिकी में गुणात्मक प्रतिचयन के सवाल (Sampling of Attributes in Statistics Questions):

(1.)एक सिक्के की 400 उछालों में से 160 पुतलियाँ (heads) और 40 सन (tails) प्राप्त हुए।एक पुतली की प्रायिकता के लिए 95% विश्वास्यता-अन्तराल निकालिए।क्या सिक्का सुडौल मालूम होता है?
(2.)एक समाचार पत्र के लेखन में 1600 हिन्दी शब्दों में से यह पाया गया कि 64% शब्दों का मूल-स्थान (origin) संस्कृत है।यह मानते हुए कि साधारण प्रतिदर्शी शर्तें (simple sampling conditions) पूरी होती है,लेख के शब्द समूह में संस्कृत शब्दों का अनुपात अनुमानित कीजिए और उस अनुपात की सीमाएँ नियत कीजिए।
उत्तर (Answers):(1.)सिक्का सुडौल नहीं है अन्तर प्रमाप त्रुटि का 4 गुना है (> 3 \sigma(0.500 \pm .049) \times 400 \approx 180 और 220
(2.)निम्नतम और उच्चतम सीमाएँ 60.4% और 67 6%
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर सांख्यिकी में गुणात्मक प्रतिचयन (Sampling of Attributes in Statistics),गुण-समंकों में सार्थकता परीक्षण (Tests of Significance in Attributes) को ठीक से समझ सकते हैं।

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4.सांख्यिकी में गुणात्मक प्रतिचयन (Frequently Asked Questions Related to Sampling of Attributes in Statistics),गुण-समंकों में सार्थकता परीक्षण (Tests of Significance in Attributes) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.गुणात्मक प्रतिचयन को समझाइए। (Explain Sampling of Attributes):

उत्तर:गुण-समंकों के अधीन ऐसी घटनाओं या गुणात्मक विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है जिसका प्रत्यक्ष संख्यात्मक माप सम्भव नहीं है अपितु केवल विशिष्ट गुण की उपस्थिति (presence) या अनुपस्थिति (absence) की गणना की जा सकती है।गुणों के प्रतिचयन के अन्तर्गत उन सरल प्रतिदर्शों में सार्थकता-परीक्षण किया जाता है जिनका चयन ऐसे समग्र में से किया गया है जिसके सदस्यों में किसी विशिष्ट ग्रुप की उपस्थिति (A) हो अथवा अनुपस्थिति (\alpha) हो।

प्रश्न:2.गुणात्मक प्रतिचयन सरल कब माने जाते हैं? (When is Sampling of Attributes Considered Simple?):

उत्तर:गुणात्मक प्रतिचयन तब सरल माना जाता है जब निम्न शर्तें पूरी हों:
(1.)प्रत्येक घटना की सफलता की प्रायिकता एक समान हो और
(2.)विभिन्न घटनाओं की प्रायिकतायें परस्पर स्वतन्त्र हों,चाहे कितने ही पूर्व-परीक्षण किये गये हों।

प्रश्न:3.गुणात्मक प्रतिचयन से सम्बन्धित सूत्रों को लिखिए। (Write the Formulae Related to Sampling of Attributes):

उत्तर:
\begin{array}{|ccc|} \hline & & \text{(प्रमाप त्रुटि)} \\ & & \text{(standard error)} \\ (1.) & \text{सफलताओं की संख्या व अनुपात} & \sqrt{n p q} ; \sqrt{\frac{p q}{n}} \\ (2.) & \text{अनुपातों में अन्तर की सार्थकता} & \sigma_{p_1-p_2}=\sqrt{p q\left(\frac{1}{n_1}+\frac{1}{n_2}\right)} \\ & & p=\frac{p_1 n_1+p_2 n_2}{n_1+n_2} \\ (3.) & \text{एक अनुपात की सामूहिक} & \sigma_{p_1-p_2}=\sqrt{p q \times \frac{n_2}{n_1\left(n_1+n_2\right)}} \\ & \text{अनुपात से तुलना} & \\ (4.) & \text{जब समष्टि-अनुपात भिन्न हो} & \sigma_{p_1-p_2}=\sqrt{\frac{p_1 q_1}{n_1}+\frac{p_2 q_2}{n_2}} \\ \hline \end{array}
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा सांख्यिकी में गुणात्मक प्रतिचयन (Sampling of Attributes in Statistics),गुण-समंकों में सार्थकता परीक्षण (Tests of Significance in Attributes) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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सांख्यिकी में गुणात्मक प्रतिचयन
(Sampling of Attributes in Statistics)

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ऐसे प्रतिदर्शों में सार्थकता-परीक्षण पर आधारित सवालों को हल करने के बारे में अध्ययन करेंगे
जिनका आधार गुण-समंक हो।

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