Give Details of Pre-Job in Interview
1.साक्षात्कार में पूर्व-जाॅब का विवरण कैसे दें? (How to Give Details of Pre-Job in Interview?),साक्षात्कार में पूर्व व्यवसाय का विवरण कैसे दें? (How to Give Previous Occupation Discription in Interview?):
- साक्षात्कार में पूर्व-जाॅब का विवरण कैसे दें? (How to Give Details of Pre-Job in Interview?) पूर्व-जाॅब से संबंधित कैसे-कैसे सवाल पूछे जा सकते हैं,इसकी तैयारी न होने के कारण अभ्यर्थी उलझन में पड़ जाते हैं।आधी-अधूरी तैयारी अथवा पूर्व-जाॅब से संबंधित सटीक जानकारी न होने से सफलता पर पानी फिर जाता है।
- आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके।यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
Also Read This Article:Give Educational Details in Interview
2.पूर्व-जाॅब कौनसे हो सकते हैं? (What can be pre-jobs?):
- अधिक आयु समूह के अभ्यर्थियों में से कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले से ही किसी न किसी रोजगार में लगे होते हैं और अपने अच्छे भविष्य के लिए वे अन्य सेवाओं में सम्मिलित होते हैं।ऐसे व्यक्ति निम्नलिखित वर्गों में आ सकते हैं:(1.)किसी कंपनी में कार्यरत (2.)पारिवारिक व्यवसाय में कार्यरत जैसे:दुकानदारी,व्यापार आदि (3.)सरकारी सेवा में कार्यरत आदि।साक्षात्कार मंडल के सदस्य प्रायः यह जानने के लिए बहुत उत्सुक रहते हैं कि उपर्युक्त सेवाओं/जॉब में लगे उम्मीदवारों ने अपने पूर्व जाॅब/व्यवसाय में किस प्रकार के दृष्टिकोण का विकास किया है।किसी उम्मीदवार के दृष्टिकोण का पता चल जाने से सहज में ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अभीष्ट व्यवसाय/जॉब में आ जाने के बाद वह अपने काम-काज तथा लोकाचार में कैसी भूमिका निभाएगा।
- सदस्य गण यह भी जानने में रुचि रखते हैं कि एक ऐसा व्यक्ति जो पहले से ही किसी न किसी रोजगार में लगा हुआ है और अच्छा कमा रहा है वह अभीष्ट सेवा में आने के लिए क्यों प्रयत्नशील है।कई ऐसे उम्मीदवार जो किसी सरकारी उपक्रम या उद्यम अथवा सिविल सेवा में लगे होते हैं वे उसे छोड़कर उसकी अपेक्षा अधिक वेतनमान वाली निजी/बहुराष्ट्रीय कंपनियों में आना चाहते हैं।ऐसी दशा में केवल अधिक वेतन का ही आकर्षक है या अन्य कोई आकर्षण है जो उन्हें सरकारी सेवा को छोड़कर प्राइवेट सेवा स्वीकार करने के लिए प्रेरित करता है।
- उम्मीदवार से जब यह सहज प्रश्न पूछा जाता है कि एक अच्छी सरकारी सेवा छोड़कर वे प्राइवेट सेवा में क्यों आना चाहते हैं,ऐसे समय उम्मीदवार को बेझिझक होकर और ईमानदारी से अपना मंतव्य प्रकट करना चाहिए।इसमें कोई शक नहीं है कि थोड़ा कम वेतनमान होने पर सरकारी सेवाओं का सामाजिक स्तर काफी ऊंचा माना जाता है परंतु इस स्टेट्स में हाल के वर्षों में कमी आई है।
- आज प्रतिभाशाली अभ्यर्थी अपने लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन का क्षेत्र चुनते हैं।मेडिकल एवं इंजीनियरिंग अब उसके लिए दोयम दर्जे की बातें हैं।प्रशासनिक सेवाओं में जाने के लिए जज्बा घटा है।बदलाव तो यहां तक आया है कि जो प्रशासनिक सेवाओं के लिए चयनित भी हो जाते हैं,वे भी कुछ सालों बाद किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करना ज्यादा पसंद करते हैं।सेना की नौकरियां भी उनके लिए अनाकर्षक हो रही हैं।नौकरी वहीं जहाँ धन हो,फिर यह देश में मिले या विदेश में।ज्यादातर युवा इसी सूत्र में अपने जीवन को गूँथे हुए हैं।अधिक धन से अधिकतम धन के प्रति उनकी जिंदगी का मकसद बना हुआ है।इसके लिए वे कुछ भी करने के लिए उतारू हैं।
- कुछ ऐसी नौकरियां भी होती हैं जिनमें निहित दायित्व काफी शुष्क तथा उबाऊ होता है:उदाहरण के लिए बैंक की नौकरी।सरकारी बैंकों में वेतनमान भले कुछ ऊंचे हों,किंतु श्रमिक की अनुशासनहीनता के कारण वहां आए दिन मुसीबत खड़ी होती रहती है।उम्मीदवार को इस बात के लिए बिल्कुल चिंतित नहीं होना चाहिए कि उनके द्वारा दिए गए उत्तर को किस नजर से देखा जाएगा।सच्चाई हमेशा सच्चाई होती है,यह बात सभी जानते हैं।लोग व्यक्तिगत कारणों से ही अपने व्यवसाय में परिवर्तन करते हैं इसलिए व्यक्तिगत कारण बताने में किसी को कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।अतिरंजित,भाव प्रधान,काल्पनिक तथा उच्चादर्शो से भरे उत्तर देने से उम्मीदवार को अनेक पूरक प्रश्नों का उत्तर देना पड़ता है और अंततः उसके आदर्शों का भेद खुल जाता है।
3.पूर्व-जाॅब से संबंधित कैसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं? (How can questions related to pre-job be asked?):
- इसके बाद बोर्ड के सदस्य यह भी जानने का प्रयास करते हैं कि उम्मीदवार वर्तमान समय में जो कार्य कर रहा है उसमें उसकी पूरी अभिरुचि है अथवा नहीं तथा क्या वह अपने वर्तमान कार्य की कार्य पद्धति को हृदयंगम कर चुका है।उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति बैंक में काम करता है तो उससे यह प्रश्न पूछा जा सकता है कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण या एकीकरण के संबंध में उसके क्या विचार हैं तथा वह इसके गुणावगुणों का विश्लेषण करे।यदि उम्मीदवार सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों या औद्योगिक संस्थानों में काम करता है तो उससे एक सीधा-साधा प्रश्न यह पूछा जा सकता है कि ऐसे कौनसे कारण है जिनके कारण अधिकांश सरकारी क्षेत्र के उपक्रम घाटे में चलते हैं।ऐसा उम्मीदवार जो अपने पिताजी के पैतृक व्यवसाय में मदद करता रहा,उससे यह पूछा जा सकता है कि छोटे उद्यमों का क्या भविष्य है,पैतृक (परम्परागत,छोटे उद्योगों) व्यवसाय को कैसे बचाया जा सकता है,पैतृक व्यवसाय में कितनी आमदनी हो जाती है।पैतृक व्यवसाय में नवीन तकनीक का उपयोग कैसे किया जा सकता है।
- पूर्व जॉब करने वाले उम्मीदवारों से ज्वलंत समस्याओं और उनके समाधान के बारे में प्रश्न भी किए जा सकते हैं।समाचार पत्रों तथा ऑनलाइन न्यूज चैनलों में इस बारे में बहुत कुछ छपता और बताया जाता रहता है,इसलिए बोर्ड के सदस्य भी वही प्रश्न पूछते हैं जो न्यूज़ से संबंधित होते हैं और जिनकी ओर जनता तथा नेताओं दोनों का ध्यान आकर्षित होता रहता है।
- यह बात तो साफ जाहिर है कि कोई भी व्यक्ति अपने जाॅब/व्यवसाय के बारे में केवल 2-1 वर्ष में बहुत कुछ नहीं जान पाता किंतु उसके विभाग से संबंधित ज्वलन्त समस्याओं का पता तो उसे समाचार पत्रों के माध्यम से मिलता ही रहता है।
- एक ऐसा उम्मीदवार जो पुलिस सेवा से संबद्ध है उससे वर्तमान कानून और व्यवस्था की गिरती हुई दशा के बारे में पूछा जा सकता है।राजनीतिक पार्टियाँ तथा नेता कानून तथा व्यवस्था के पतन की ओर ले जाने के लिए क्यों जिम्मेदार हैं।तीसरे दर्जे के उपाय जेलों में क्यों बरते जाते हैं।असम,पंजाब और कश्मीर घाटी में घटी आतंकवादी घटनाओं के पीछे कौन-कौन सी शक्तियां काम कर रही हैं।मणिपुर तथा दूसरे पूर्वोत्तर सीमावर्ती राज्यों में अशांति की स्थिति क्यों है।
- यदि आप कनिष्ठ सरकारी सेवा में कार्यरत हैं और बहुराष्ट्रीय कंपनी में जाने के बजाय सरकारी सेवा में उच्च पद पर जाने के आकांक्षी है तो ऐसी स्थिति में आपको सामान्य जानकारी के अलावा कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना चाहिए जैसे कि आप उच्च पदों पर क्यों जाना चाहते हैं? आप उच्च पदों पर जाकर अपने व्यक्तित्व से देश को क्या-क्या सकारात्मक योगदान दे पाएंगे? साक्षात्कार कक्ष में आपसे इसी स्वरूप के प्रश्न पूछे जाएंगे।
- साक्षात्कार कक्ष में आपसे विशेष तथ्यात्मक जानकारी शायद ही कभी पूछी जाएगी,लेकिन आपसे विविध प्रकार की समस्याओं के सहज एवं व्यावहारिक समाधान सुझाने को कहा जाएगा।
- आईएएस,आईपीएस जैसे उच्च पदों से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं की आपको स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए ताकि भारतीय संवैधानिक ढाँचे के अंतर्गत आप एक व्यवहारकुशल प्रशासनिक अधिकारी की अपनी छवि बना सके।
- आपसे सम्मतिपरक अवधारणात्मक प्रश्न ही अधिक पूछे जाएंगे और उन प्रश्नों के उत्तर में वे आपकी व्यवहारकुशलता,शीघ्रता से संतुलित विचार करने की शक्ति एवं आपकी सामाजिक संवेदनशीलता को परखने का प्रयास करेंगे।
- समकालीन प्रशासनिक जटिलताओं एवं प्रशासनिक भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर भी आप अपना दृष्टिकोण स्पष्ट एवं व्यापक बना लें ताकि इससे जुड़ी बातों पर आप अपने संतुलित दृष्टिकोण से सदस्यों को परिचित करा सकें।
- अतः आपके लिए यह उपयुक्त रहेगा कि आप सम्मतिपरक प्रश्नों पर अधिक से अधिक विचार-विमर्श करते रहें।अपने मित्रों एवं सहयोगियों से समकालीन प्रशासन एवं राजनीति से जुड़ी बातों पर विचार करें एवं कृत्रिम साक्षात्कार का आयोजन अवश्य करें।इससे आपको अपनी पसंद का स्थान पा सकने में मदद मिलेगी।
4.अभ्यर्थी प्रश्नों के उत्तर देने में ध्यान रखें (Candidates should take care in answering the questions):
- तात्पर्य यह है कि पूर्व सेवारत अभ्यर्थी से सामान्यतः उन्हीं प्रश्नों को पूछा जाएगा जो आपके सेवा क्षेत्र से किसी न किसी रूप में अवश्य जुड़े होंगे।
- आप अपनी सेवा की प्रकृति,उसके व्यापक उद्देश्य,अपनी सेवा से आप कहां तक संतुष्ट हैं,आप अभीष्ट सेवा में क्यों आना चाहते हैं,अगर यहां आपका चयन नहीं हो पाया तो आप क्या करेंगे,कोई भी सेवा छोटी या बुरी नहीं होती फिर भी आप अभीष्ट सेवा ही क्यों पसंद करते हैं,आपको कौन-सी सेवा अत्यधिक पसन्द है और क्यों? जैसे प्रश्नों का सुलझा हुआ एवं व्यावहारिक उत्तर आप पहले से ही तैयार कर लें,क्योंकि पूछे जाने वाले प्रश्न की प्रकृति इसी तरह की होगी।
- प्रश्नों का उत्तर भावावेश में आकर और यह समझकर न देना चाहिए कि किसी के चरित्र हनन की बात की जा रही है।प्रश्नों का उत्तर स्पष्टतापूर्वक और अपनी धारणा के अनुसार देना उचित होता है।वास्तव में जो बुराइयां हों उनको बताने के साथ-साथ अखबारों में उनके बारे में छपे अतिरंजित समाचारों को भी प्रमाणपूर्वक खंडित करने से उम्मीदवार के नीर-क्षीर विवेकी होने (भले-बुरे का ठीक-ठीक ज्ञान) का पता चल जाता है।यदि इस बारे में और कुछ पूछा जाता है तो उन परिस्थितियों का भी विवेचन करना चाहिए जिनके कारण अच्छे विचार रखने वाले व्यक्तियों को भी कदाचार का आश्रय ग्रहण करना पड़ जाता है।
- यह एक निरावरण सत्य है कि आज की परिस्थितियों में कोई भी व्यक्ति व्यापार,व्यवसाय और उद्योग तब तक अच्छी तरह नहीं चला सकता जब तक वह अधिकारियों को कुछ भेंट-पूजा न चढ़ाए।इस दुर्व्यवस्था का हल केवल कुछ व्यक्तियों के संत अथवा शहीद बन जाने से नहीं हो सकता वरन इसका उन्मूलन सारी प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करने से संभव होगा ताकि एक औसत व्यक्ति भी बिना किसी कदाचार के अच्छा जीवनयापन कर सके।
- जब कोई व्यक्ति पहले से ही आईपीएस,भारतीय रेल सेवा,सीमा शुल्क,लेखा परीक्षा और लेखा जैसी किसी सेवा में लगा होता है तो उसे यह बताने में किंचित भी संकोच नहीं करना चाहिए कि भारतीय प्रशासन सेवा में उन्नति के अधिक अवसर हैं तथा इसमें रहने से विविध प्रकार के कार्य करने का अवसर मिलता है।यह कहना उचित नहीं होता कि आईएएस में होने से व्यक्ति को जिला दंडाधिकारी/जिलाधीश बनकर लोक सेवा करने का अधिक अवसर मिलता है।यह एक गलत धारणा है क्योंकि 32-35 वर्ष की सेवा के दौरान मुश्किल से 5 वर्ष तक ही कोई अधिकारी कलेक्टर या जिला दंडाधिकारी रह पाता है।
- कुछ उम्मीदवार जो क्लर्क या छोटे पदों पर कार्यरत होते हैं वे अपने पूर्व व्यवसाय के विषय में बताने से अनिच्छा प्रकट करते हैं उन्हें अपने मन में हीन भावना नहीं रखनी चाहिए क्योंकि इससे तो उसके आत्मबल का तथा ऊंचे उठने की भावना का पता लगता है।साधनों के अभाव में और संघर्षों से जूझ-जूझ कर जो व्यक्ति आगे बढ़ने की लालसा लिए हैं उसे उपेक्षणीय कैसे माना जा सकता है।अपने बलबूते पर आगे बढ़ने वाला व्यक्ति बोर्ड के सदस्यों की निगाह में उचित सम्मान का अधिकारी होता है।
5.पूर्व-जाॅब का विवरण देने का निष्कर्ष (Conclusion to detailing the pre-job):
- नौकरी को छोड़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण होता है ग्रोथ और सैलरी।हालांकि कई छोटे-छोटे फैक्टर भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं।आप अपनी खास स्किल या इंटरेस्ट को नई जॉब से जोड़कर भी कंपनी छोड़ने की वजह बता सकते हैं।
हर जॉब में कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है।नई प्रोफाइल आपके लिए कैसे चेंजमेकर साबित हो सकती है,इसे भी इंटरव्यू में बता सकते हैं। - अपनी खूबियाँ और कमियां बताते वक्त ध्यान रखें कि कुछ ऐसा ना कहें कि मुश्किल बढ़े।इसलिए अपनी खूबियां और खामियों को समझ लें और उसका जवाब तय कर लें ताकि इंटरव्यूअर के सामने कन्फ्यूजन ना हो।
- सारांश यह है कि जब उम्मीदवार से उसके पूर्व व्यवसाय/जॉब के बारे में कुछ पूछा जाए तो वह सहज भाव से बिना किसी संकोच और हीन भावना के अपने विचार स्पष्टतापूर्वक प्रकट करें।यह तो मानव की सहज प्रवृत्ति है कि वह अपने उत्थान के लिए सदैव प्रयत्नशील रहता है और जिस बात को उसका मन मस्तिष्क ठीक समझता है एवं स्वीकार करता है उसको प्राप्त करने के लिए वह कटिबद्घ होता है।
- साक्षात्कार के लिए चयन होना,चाहे वह निजी कंपनी,बहुराष्ट्रीय कंपनी के लिए हो या किसी सरकारी सेवा के लिए,अपने आप में उत्साहित एवं प्रफुल्लित करने वाला समाचार होता है।परंतु ज्यों-ज्यों साक्षात्कार का दिन और समय निकट आता जाता है वैसे-वैसे चिंता बढ़ने लगती है,अभ्यर्थी के मन में तरह-तरह के प्रश्न उठने लगते हैं जिसका समाधान वक्त रहते करना आवश्यक हो जाता है।मसलन,साक्षात्कार के दौरान किस तरह के प्रश्न पूछे जायेंगे? उन प्रश्नों का जवाब किस तरह से देना चाहिए? साक्षात्कार के समय किस तरह का व्यवहार करना चाहिए? किस तरह की पोशाक पहननी चाहिए? क्या करना चाहिए,क्या नहीं करना चाहिए? इस तरह के सैकड़ो सवाल मन में कौंधते रहते हैं।इन सब बातों की जानकारी के अभाव में कई अभ्यर्थियों का साक्षात्कार सही नहीं हो पाता है और वे यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि उनसे कहीं गलती हो गई जिससे उनका चयन नहीं हो पाया।
- साक्षात्कार से संबंधित इन सभी पहलुओं पर बारीकी से बताना एक लेख में संभव नहीं है।अतः साक्षात्कार के भिन्न-भिन्न पहलुओं पर लेख लिखने की आवश्यकता पड़ती है।इससे पूर्व लेखों में साक्षात्कार का भय दूर कैसे हो,साक्षात्कार भावावेश में कैसे नहीं दें,तथ्यात्मक प्रश्नों का उत्तर कैसे दें,तार्किक प्रश्नों का उत्तर कैसे दें,हाॅबी से सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर देने की तैयारी कैसे करें,शैक्षिक विवरण का प्रस्तुतीकरण कैसे करें आदि का विवरण दिया गया है।अतः इस लेख को पढ़ने के साथ-साथ उन लेखों को भी पढ़ेंगे तो न केवल आपके साक्षात्कार की संपूर्ण तैयारी में सहायता मिलेगी बल्कि इससे आपके ज्ञान में भी वृद्धि होगी।ये सभी लेख उन सभी अभ्यर्थियों के लिए लाभदायक होगा जो चाहे निजी कंपनी,बहुराष्ट्रीय कंपनी में साक्षात्कार देने जा रहे हों या फिर किसी सरकारी सेवाओं के लिए।
- उपर्युक्त आर्टिकल में साक्षात्कार में पूर्व-जाॅब का विवरण कैसे दें? (How to Give Details of Pre-Job in Interview?),साक्षात्कार में पूर्व व्यवसाय का विवरण कैसे दें? (How to Give Previous Occupation Discription in Interview?) के बारे में बताया गया है।
Also Read This Article:5 Tips for Aptitude Test in Interview
6.आत्मकथा में क्या लिखा है? (हास्य-व्यंग्य) (What is Written in Autobiography?) (Humour-Satire):
- पुत्र:शिक्षक पिताजी से,आपने अपनी आत्मकथा में क्या लिखा है?
- शिक्षक पिता (गुस्से से):बेटा मैंने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि मेरे पुत्र को सही रास्ते पर लाने,शिक्षित करने,पढ़ाने-लिखाने के सारे प्रयास विफल हो गए हैं।अब मेरे जीवित रहते या मरने के बाद इसके किसी भी कार्य के लिए मुझे उत्तरदायी नहीं समझा जाए।
7.साक्षात्कार में पूर्व-जाॅब का विवरण कैसे दें? (Frequently Asked Questions Related to How to Give Details of Pre-Job in Interview?),साक्षात्कार में पूर्व व्यवसाय का विवरण कैसे दें? (How to Give Previous Occupation Discription in Interview?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.साक्षात्कार में कितने सवाल और क्या-क्या पूछा जाता है? (How many questions and what can be asked in the interview?):
उत्तर:इंटरव्यू में कितने सवाल पूछे जाएंगे,क्या-क्या पूछे जाएंगे,साफ तौर पर और निश्चित रूप से इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता,लेकिन कुछ सवाल ऐसे होते हैं जो आमतौर पर सबसे ज्यादा पूछे जाते हैं,लेकिन उम्मीदवार उसके जवाब उम्मीद के मुताबिक नहीं दे पाते हैं।नतीजा,इंटरव्यूअर आसानी से यह पता लगा लेता है कि कैंडिडेट कितनी तैयारी के साथ आए हैं।इंटरव्यूअर अलग-अलग तरह के सवाल पूछकर कैंडिडेट की तैयारी की भी परीक्षा लेता है।इसलिए इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो कुछ सवालों के जवाब हमेशा तैयार करके जाएं।
प्रश्न:2.अभीष्ट नौकरी चाहने का क्या उत्तर दें? (How to respond to wanting the desired job?):
उत्तर:अक्सर कैंडिडेट से उपर्युक्त सवाल किया जाता है।ज्यादातर कैंडिडेट इसका सामान्य-सा जवाब देते हैं।वो कहते हैं,मैं बदलाव के लिए नौकरी बदल रहा हूं।ऐसे जवाब इंटरव्यूअर को बहुत प्रभावित नहीं करते हैं।इसलिए इसके जवाब देने के लिए यह कह सकते हैं कि मैंने कंपनी की वैल्यूज,मिशन और पॉलिसीज को पढ़ा है,इसे मैं पसंद करता हूं।इसके अलावा उस पोजीशन से जुड़ी कोई खास बात हो जो आपको पसंद हो तो उसका जिक्र भी कर सकते हैं।
प्रश्न:3.आपकी वीकनेस पूछे जाने का उत्तर कैसे दें? (How to answer your weekness ask?):
उत्तर:इस सवाल का जवाब देते वक्त ध्यान रखें की नकारात्मक सोच नहीं झलकनी चाहिए।वीकनेस ऐसी नहीं होनी चाहिए जिससे आपका काम बुरी तरह से प्रभावित हो।ऐसा जवाब देने पर इंटरव्यूअर उसे सीधे आपकी वर्किंग एफिशिएंसी से जोड़ देगा।ऐसे में इंटरव्यू पर बुरा असर पड़ सकता है।इसलिए वीकनेस बताते समय उपर्युक्त बात का ध्यान रखें।साथ ही आप इस प्रश्न का जवाब भी तैयार करके जाएं कि अपनी वीकनेस को आप कैसे दूर करेंगे या अपनी वीकनेस पर कैसे नियंत्रित कर पाएंगे।
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा साक्षात्कार में पूर्व-जाॅब का विवरण कैसे दें? (How to Give Details of Pre-Job in Interview?),साक्षात्कार में पूर्व व्यवसाय का विवरण कैसे दें? (How to Give Previous Occupation Discription in Interview?) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
No. | Social Media | Url |
---|---|---|
1. | click here | |
2. | you tube | click here |
3. | click here | |
4. | click here | |
5. | Facebook Page | click here |
6. | click here |
Related Posts
About Author
Satyam
About my self I am owner of Mathematics Satyam website.I am satya narain kumawat from manoharpur district-jaipur (Rajasthan) India pin code-303104.My qualification -B.SC. B.ed. I have read about m.sc. books,psychology,philosophy,spiritual, vedic,religious,yoga,health and different many knowledgeable books.I have about 15 years teaching experience upto M.sc. ,M.com.,English and science.