How to Become Skilled in Communication?
1.संप्रेषण में कुशल कैसे बनें? (How to Become Skilled in Communication?),व्यावसायिक सम्प्रेषण में कुशल कैसे बनें? (How to Become Proficient in Professional Communication?):
- संप्रेषण में कुशल कैसे बनें? (How to Become Skilled in Communication?) क्योंकि संप्रेषण में कुशल ना होने से लोग ऐसी-ऐसी गलतियां करते हैं कि दूसरे लोग उनसे नाराज हो जाते हैं।बोलने की शक्ति मानव के लिए भगवान का सबसे बड़ा वरदान है परंतु बोलने की शक्ति और बातचीत की कला में बहुत अंतर है।हम इसे संप्रेषण कौशल (Communication skills) कहते हैं,बहुत से व्यक्ति इस कला में इतने निपुण होते हैं कि सामने वाले का दिल जीत लेते हैं,उनका किसी से झगड़ा नहीं होता और वो किसी विवाद में नहीं फँसते।
- वास्तव में कहां,क्या,किसे,कब,क्यों और कैसे कहना है? यह जानना एक बहुत बड़ी कला है।हालांकि,कई अवसरों पर चुप रहना भी एक बहुत बड़ी समझदारी है।केवल बोलते रहना भी अनावश्यक और अशोभनीय हो जाता है।
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2.संप्रेषण में ध्यान रखने वाली बातें (Things to Keep in Mind While Communicating):
- जब केवल समय बिताने के लिए (यात्रा के समय,किसी से मुलाकात से पहले) आप किसी अनजान आदमी से बात कर रहे हों तो केवल सकारात्मक बातें करें,किसी की बुराई या कोई विवादास्पद चर्चा न करें।
- किसी भी बात को कहने से पहले,यह अवश्य सोच लें कि यह सामने वाले के दिल को ठेस तो नहीं पहुंचाएगी।
टाइमपास करने के लिए की गई बातचीत भी बहुत महत्त्वपूर्ण होती है।बातचीत के दौरान असावधानी आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती है। - आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हम बातचीत की इस कला का उपयोग कैसे करें।जिससे कि हम व्यावसायिक और सामाजिक जगत में अपनी वाक्शक्ति द्वारा अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।आज के समय में संप्रेषण इतनी बड़ी शक्ति है कि बहुत से लोग एक पेशेवर के रूप में भाषा और संप्रेषण के ज्ञान से अपना व्यवसाय चला रहे हैं।वे भाषा का ज्ञान और उसका उपयोग आपको सिखाते हैं ताकि आप अपने कार्यक्षेत्र में सबसे आगे निकल सकें।
- आप जब अपने ऑफिस या व्यक्तिगत कार्य से किसी भी व्यक्ति से एक विशेष सटीक माध्यम से,चुने हुए शब्दों का प्रयोग करके और किसी विशेष औपचारिक उद्देश्य के लिए कोई बातचीत करते हैं तो उसे औपचारिक संप्रेषण (Formal communication) कहते हैं परंतु जब आप कहीं भी बिना किसी विशेष उद्देश्य के संप्रेषण करते हैं तो इसे अनौपचारिक संप्रेषण (Informal Communication) कहते हैं।
- आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोग बहुत अधिक बोलते हैं परंतु बोलने में गलती नहीं करते,लेकिन कुछ लोग बहुत कम बोलते हैं परंतु वे जब भी मुंह खोलते हैं तो उनके मुंह से कुछ ना कुछ ऊटपटांग ही सुनने को मिलता है।
- बातचीत की कला एक दिन में नहीं सीखी जाती अपितु हर रोज सीखी जाती है।कुछ भी बोलने से पहले हमें निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:
- (1.)हम जिससे बात कर रहे हैं,उससे हमारा संबंध क्या है? जिस प्रकार अपने बॉस के सामने हम जूनियर हैं और अपने जूनियर के लिए हम बाॅस हैं।हमें अपने शब्दों,बॉडी लैंग्वेज और लहजे का चयन उसी हिसाब से करना होगा।
- (2.)जिस स्थिति में हम खड़े हैं वहां हमारी क्या और कितनी महत्त्वपूर्ण भूमिका है? कहीं ऐसा तो नहीं है कि हम वहां बिना किसी हक के बोले जा रहे हैं और कहीं हमें अंत में अपमान झेलना पड़े।
- (3.)हमारे बोलने और चुप रहने के परिणाम क्या हैं? यदि कोई विषय बहुत कठिन है और आप तुरंत कोई निर्णय नहीं ले पाते हैं तो आप ऐसी स्थिति में निर्णय को टाल दें और कुछ न कहें।ऐसे विषयों पर हमेशा सोच समझकर बोलें।
- (4.)लिखित संप्रेषण एवं पब्लिक स्पीकिंग बहुत ही गंभीर विषय होता है।लिखित में आपकी ओर से गया कोई भी संप्रेषण एक प्रमाण की तरह काम करता है।कभी भी लिखित में ऐसा कुछ न दें जिससे भविष्य में आपको परेशानी हो।आज नहीं तो कल आपको अपने शब्दों और कार्यों के लिए भुगतान करना ही पड़ता है।
- यदि आप पब्लिक स्पीकिंग कर रहे हैं तो विशेष रूप से सावधान रहें,क्योंकि अक्सर जोश में लोग ऐसी बात बोल जाते हैं जिस पर सफाई देना तो मुश्किल हो ही जाता है अपितु कुछ लोग आपसे नाराज भी हो सकते हैं।किसी भी प्रकार के श्रोताओं को संबोधित करना सबसे अधिक उत्तरदायित्व का काम है,इसमें की गई जरा-सी लापरवाही भी आपके लिए परेशानी और अपमान का कारण बन सकती है।
3.साक्षात्कार में संप्रेषण कुशलता (Communication Skills in Interviews):
- संप्रेषण कुशलता की आधिकाधिक आवश्यकता साक्षात्कार (interview),समूह चर्चा (group discussion),जन-संबोधन (public speaking) इत्यादि के लिए होती है।
- वर्तमान व्यावसायिक जगत में साक्षात्कार नौकरी पाने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण कड़ी माना जाता है।बहुत बार यह देखा गया है कि या तो आवेदनकर्ता (applicant) साक्षात्कार के लिए बहुत गंभीर हो जाता है या फिर वह साक्षात्कार को बहुत हल्के में लेता है और यह दोनों बातें ही उनके लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती हैं।साक्षात्कार में न केवल शब्दों के प्रयोग का विशेष महत्त्व है,अपितु आपकी बॉडी लैंग्वेज भी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।किसी भी उम्मीदवार को साक्षात्कार का सामना करते हुए निम्न तैयारियां पहले ही कर लेनी चाहिए:
- (1.)अपनी संक्षिप्त (Brief) एवं विस्तृत (Detailed) परिचय:लगभग हर साक्षात्कार में आपसे सबसे पहले यही पूछा जाता है।इसमें प्रयास करें कि किसी एक विषय पर अधिक न बोलें जैसे-नाम,स्थान,परिवार,आपकी योग्यता,विशेष उल्लेख (आपके प्रोजेक्ट्स,पुरस्कार आदि) इन सब पर थोड़ा-थोड़ा बोलें।उस विषय के बारे में थोड़ा अधिक बोल सकते हैं जो इस नौकरी को पाने के लिए उपयोगी है।
- (2.)कुछ ऐसे प्रश्नों के उत्तर जिनके पूछे जाने की बहुत अधिक संभावना है:जैसे आप इस जॉब के लिए कैसे एक योग्य उम्मीदवार हैं? आपकी मुख्य शक्तियां (strengths) क्या है जो कंपनी के काम आ सकती हैं? आपने अपने कार्यानुभव में क्या सीखा? आप पुरानी कंपनी को क्यों छोड़ना चाहते हैं? आप 5 या 10 वर्ष बाद स्वयं को कहां देखते हैं? यदि आपका चयन किया जाता है तो क्या आप तुरंत जाॅइन कर लेंगे? आप यहां कैसे रहेंगे और आप कितने वेतन की उम्मीद रखते हैं?
- इन तैयारी के साथ आप एक साक्षात्कार में प्रवेश करते हैं तो आपका संप्रेषण बहुत प्रभावशाली होगा।
- प्रश्नों के उत्तर कैसे दें? हर प्रश्न को ध्यान से सुनें।प्रश्नों के उत्तर देते समय सटीक रहें,इधर-उधर न भटकें,एक ही चीज पर न अटके रहें।साक्षात्कार पैनल के सभी लोगों से आई-काॅन्टेक्ट (eye contact) करते हुए उत्तर दें।कभी भी किसी प्रश्न के विषय में जिद्द ना करें,अपने ज्ञान का घमंड ना दिखाएं।हां! यदि आपको लगता है कि किसी चीज का विशेष रूप से उल्लेख करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है तो बहुत ही विनम्रता के साथ आप वह बता सकते हैं।
- शारीरिक भाषा (Body Language):साक्षात्कार में शारीरिक भाषा का बहुत महत्त्व है।संप्रेषण में हम इसे Non-verbal communication कहते हैं अर्थात् बिना शब्दों के बातचीत।साक्षात्कार में आपको न तो बहुत ही उदास और गंभीर रहना है और न ही बहुत प्रसन्न और लापरवाह।चेहरे पर एक शांत भाव और होठों पर हल्की-सी मुस्कान साक्षात्कार के लिए एक आवश्यक शारीरिक भाषा है।आपके साक्षात्कार कक्ष में प्रवेश करने का ढंग,बैठने और उठने का ढंग आदि सब ऐसे हों कि उनमें सादगी और साक्षात्कारकर्ताओं के लिए सम्मान झलके।आपकी ढीठता (Arrogance) किसी भी समय आपके चयन के अवसर शून्य कर सकती है।
4.समूह चर्चा में संप्रेषण कुशलता (Communication Skills in Core Discussion):
- प्रबंधन और तकनीकी शिक्षा में विद्यार्थियों के लिए समूह चर्चा का बहुत महत्त्व है।आज एमबीए के पाठ्यक्रम में प्रवेश और व्यावसायिक जगत में चयन के लिए समूह चर्चा एक आवश्यक पड़ाव है।कंपनियों में भी किसी विषय के बारे में अक्सर समूह चर्चा कराई जाती है,खुलकर सभी के विचार जानने के लिए।समूह चर्चा के लिए प्रतिभागियों को निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए:
- (1.)केवल स्वयं ही न बोलते रहें दूसरों को भी बोलने का अवसर दें।
- (2.)संतुलित बोलें,बिल्कुल चुप भी न बैठे रहें और चर्चा को किसी परिणाम तक पहुंचने में अपना योगदान करें।
- (3.)चर्चा जब कभी भी भटके तो उसे सही रास्ते पर डालें-ऐसा करने से आपको अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
- (4.)कुछ लोग अतार्किक (illogical) बातों को चिल्ला-चिल्लाकर कहने को समूह चर्चा में अच्छा मानते हैं,परंतु यह उनकी ज्ञान की कमी को दर्शाता है।चिल्लाकर बोलना आपके लिए नकारात्मक (Negative) भी हो सकता है।
- (5.)समूह चर्चा को कभी भी वाद-विवाद (debate) न बनाएँ।
- (6.)किसी भी प्रतिभागी की बात काटते समय अपमानजनक शब्दों का प्रयोग न करें,उसे नीचा दिखाने का प्रयास न करें,अपितु तार्किक (logical) ढंग से अपनी बात के महत्त्व को समझाएं।
- (7.)हमेशा परिणाम केंद्रित रहें और चर्चा से कुछ निष्कर्ष निकालने का प्रयत्न करें।
- (8.)अच्छे और मर्यादित शब्दों का प्रयोग करें।आपकी भाषा आपके ज्ञान का आईना होती है।आपके शब्दों से पता चलता है कि आप किस प्रकार के व्यक्तित्त्व के धनी हैं,यह कुशलता आपको दीर्घकाल में बहुत लाभ देती है।
- उपर्युक्त आर्टिकल में संप्रेषण में कुशल कैसे बनें? (How to Become Skilled in Communication?),व्यावसायिक सम्प्रेषण में कुशल कैसे बनें? (How to Become Proficient in Professional Communication?) के बारे में बताया गया है।
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5.ठीक से न पढ़ाने का दंड (हास्य-व्यंग्य) (Punishment for Not Teaching Properly) (Humour-Satire):
- प्रधानाध्यापक (गणित शिक्षक से):तुम्हें मालूम है,छात्र-छात्राओं को ठीक से न पढ़ाने पर शिक्षकों के साथ क्या सलूक करते हैं?
- गणित शिक्षक:जी हां,कक्षा में पढ़ाने से हटाकर,ऑफिस में बिठा देते हो।
6.संप्रेषण में कुशल कैसे बनें? (Frequently Asked Questions Related to How to Become Skilled in Communication?),व्यावसायिक सम्प्रेषण में कुशल कैसे बनें? (How to Become Proficient in Professional Communication?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.ऑफिस में औपचारिक व अनौपचारिक संप्रेषण से क्या तात्पर्य है? (What is Meant by Formal and Informal Communication in the Office?):
उत्तर:औपचारिक संप्रेषण में ऑफिस मीटिंग्स,प्रेजेंटेशन,क्लाइंट से मीटिंग या फोन कॉल,बॉस,जूनियर या अन्य ऑफिस सहकर्मी से ऑफिस संबंधित मौखिक या लिखित संप्रेषण आदि तथा अनौपचारिक संप्रेषण में सहकर्मियों के साथ गप्पें,जन्मदिन पार्टी,लंच ब्रेक या चाय ब्रेक के दौरान बातचीत,बाॅस,जूनियर या अन्य ऑफिस सहकर्मी से घर-परिवार या व्यक्तिगत जीवन से संबंधित मौखिक या लिखित संप्रेषण आदि सम्मिलित है।
प्रश्न:2.परिवार एवं अन्य में औपचारिक व अनौपचारिक संप्रेषण से क्या तात्पर्य है? (What Do You Mean by Formal and Informal Communication in Family and Others?):
उत्तर:परिवार एवं अन्य में औपचारिक व अनौपचारिक संप्रेषण में बड़ों का अभिवादन,संबंधियों या समाज के अन्य लोगों को घर में उत्सव के लिए लिखित या मौखिक निमंत्रण,समाज के प्रतिष्ठित लोगों से किसी भी विषय पर बातचीत तथा अनौपचारिक संप्रेषण में भाई-बहनों एवं परिवार के अन्य सदस्यों से हँसी ठिठोली,आस-पड़ोस में मित्रों के साथ मस्ती,हंसी मजाक,किसी अन्य व्यक्ति से किसी भी विषय पर केवल समय बिताने के लिए बातचीत जिसका कोई विशेष उद्देश्य ना हो इत्यादि सम्मिलित है।
प्रश्न:3.प्रभावशाली संप्रेषण में किन बातों का ध्यान रखें? (What to Keep in Mind in Effective Communication?):
उत्तर:(1.)संप्रेषण के सामान्य नियमों का पालन करें,जैसे-भाषा की मधुरता,किसी के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग न करना,विषय से न भटकना आदि।
(2.)साक्षात्कारकर्ता या समूह के अन्य सदस्यों से निरंतर दृष्टि संपर्क (eye contact)।
(3.)समय का विशेष ध्यान रखें।समूह चर्चा में स्वयं ही न बोलते रहना क्योंकि हमारे पास बोलने के लिए बहुत अधिक होता है,लेकिन अधिक बोलने से अच्छा है हम महत्त्वपूर्ण बातों को कम समय में बोलकर अपनी दक्षता का परिचय दें तथा समूह के अन्य सदस्यों को भी बोलने का मौका दें।
(4.)समय प्रबन्धन के लिए अपनी कलाई घड़ी (wrist watch) या मोबाइल का प्रयोग भी कर सकते हैं।
(5.)भावनाओं पर नियन्त्रण रखें और बिना तथ्य के किसी भी चीज के अच्छे या बुरे होने का दावा न करें।
(6.)आलोचना से बचें,लेकिन तथ्य के साथ बात करने से न चूकें जो उस विषय के लिए महत्त्वपूर्ण हो।
(7.)उन वक्ताओं की प्रशंसा अवश्य करें या प्रोत्साहन दें जिन्होंने अच्छी बात कही हो।
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा संप्रेषण में कुशल कैसे बनें? (How to Become Skilled in Communication?),व्यावसायिक सम्प्रेषण में कुशल कैसे बनें? (How to Become Proficient in Professional Communication?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Satyam
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