Mode in Statistics
1.सांख्यिकी में बहुलक (Mode in Statistics),सांख्यिकी में माध्य एवं मध्यका (Mean and Median in Statistics):
सांख्यिकी में बहुलक (Mode in Statistics) किसी श्रेणी का वह मूल्य जिसकी आवृत्ति सबसे अधिक होती है,बहुलक कहलाता है।इस आर्टिकल में बहुलक,माध्य एवं मध्यका पर आधारित सवालों को हल करेंगे।
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2.सांख्यिकी में बहुलक पर आधारित उदाहरण (Examples Based on Mode in Statistics):
Example:33.संख्याओं के निम्न समूहों में बहुलक का निर्धारण कीजिए:
(Determine mode of the following set of numbers):
Example:33(i).7,4,10,9,15,12,7,9,7,3,7,9
Solution:7 संख्या सबसे अधिक बार (चार-बार) आती है,अतः बहुलक Z=7
Example:33(ii).0.53,0.46,0.50,0.49,0.52,0.53,0.44,0.55
Solution:0.53 सबसे अधिक बार (दो बार) आती है।अतः बहुलक Z=0.53
Example:33(iii).8,11,4,3,2,5,10,6,4,1,10,8,12,6,5,7
Solution:4,5,6,8,10 संख्याएँ दो-दो बार आवृत्त होती हैं।अतः बहुलक विद्यमान नहीं है।
Example:34.निम्न श्रेणी से समान्तर माध्य,मध्यका और बहुलक का परिकलन कीजिए:
(Calculate mean,median & mode of the following series):
Solution:Calculation Table of Mean,Median and Mode
समान्तर माध्य (Xˉ)=ΣfΣfx=2001326⇒Xˉ=6.63
मध्यका M=size of 2N+1 th item
=size of 2200+1 th item
=size of 2201 th item
=size of 100.5 th item
100.5 मूल्य संचयी आवृत्ति 119 में है जिसका पद-मूल्य
M=7
सबसे अधिक बारम्बारता 27 है जिसका मूल्य 6 है अतः बहुलक Z=6
Example:35.निम्न श्रेणी में बहुलक,मध्यका व समान्तर माध्य ज्ञात कीजिए:
(Calculate Mode,Arithmetic Mean and Median of the following series):
Solution:Calculation Table of Mean,Mode and Mode
समान्तर माध्य (Xˉ)=ΣfΣfx=8359554=11.4415Xˉ≈11.44
मध्यका M= size of 2N+1 th item
=size of 2835+1 th item
=size of 2836 th item
=size of 418 th item
418 मूल्य संचयी आवृत्ति 433 में है जिसका पद मूल्य
M=11
सबसे अधिक बारम्बारता 63 है अतः यहाँ दो बहुलक Z=9,16 हैं अतः श्रेणी को द्वि-बहुलक (bi-modal) श्रेणी कहेंगे।
Example:36.निम्नांकित सारणियों में प्रस्तुत समंकों का बहुलक ज्ञात कीजिए:
(Compute Mode of the data given in the following tables):
Example:36(i).
Solution:Calculation of Mode
20-25 वर्ग ही सबसे अधिक आवृत्ति वाला वर्ग है।
f0=7,f1=16,f2=12l1=20,i=25−20=5Δ1=f1−f0=16−7=9Δ2=f1−f2=16−12=4
बहुलक (Z)=l1+Δ1+Δ2Δ1×i=20+9+49×5=90+1345=20+3.461⇒Z=23.461⇒Z≈2.46 marks
Example:36(ii).
Solution:Calculation of Mode
69.5-79.5 वर्ग की सबसे अधिक बारम्बारता है।अतः बहुलक वर्ग 69.5-79.5 है।
f0=32,f1=43,f2=21,l2=79.5,i=79.5−69.5=10Δ1=f1−f0=43−32=11Δ2=f1−f2=43−21=22
बहुलक (Z)=l2−Δ1+Δ2Δ1×i=79.5−11+2211×10=79.5−3311×10=79.5−3.333=76.167Z≈76.17
Example:37.निम्नलिखित श्रेणी को संशोधित करके मध्यका तथा बहुलक का मूल्य ज्ञात कीजिए:
(Find the value of Median and Mode from the following data after amending the series):
Solution:Calculation of Median and Mode
30-40 वर्ग की सबसे अधिक बारम्बारता है।अतः बहुलक वर्ग 30-40 है।
f0=120,f1=260,f2=150,l1=30,i=2,0−30=10Δ1=f1−f0=260−120=140Δ2=f1−f2=260−150=110
बहुलक (Z)=l1+Δ1+Δ2Δ1×i=30+140+116140×10=30+250140×10=30+5.6Z=35.6 years m=2N=2770⇒m=385
385 मद जो संचयी आवृत्ति 530 में सम्मिलित है,जिसका मूल्य 40-50 वर्गान्तर में है।
l1=40,i=50−40=10,f=150,c=380
मध्यका (M)=l1+fi(m−c)=40+15010(385−380)=40+15010×5=40+31=40+0.333=40.333⇒M≈40.33 years
Example:38.निम्न श्रेणी से बहुलक ज्ञात कीजिए:
(Find out mode of the following of the series):
Solution:Calculation of Mode
39.5-49.5 की बारम्बारता सबसे अधिक है।अतः बहुलक वर्ग 39.5-49.5 है।
f0=6,f1=12,f2=8,l1=39.5,i=49−5−39.5=10Δ1=f1−f0=12−6=6Δ2=f1−f2=12−8=4
बहुलक (Z)=l1+Δ1+Δ2Δ1×i=39.5+6+46×10=39.5+6⇒Z=45.5
Example:39.निम्नलिखित समंकों से बहुलक की परिगणना कीजिए:
(From the following data calculate mode):
Solution:Calculation of Mode
50-60 वर्ग की सबसे अधिक बारम्बारता है।अतः बहुलक वर्ग 50-60 है।
f0=12,f1=15,f2=12,l1=50,i=60−50=10Δ1=f1−f0=15−12=3Δ2=f1−f2=15−12=3
बहुलक (Z)=l1+Δ1+Δ2Δ1×i=58+3+33×10=50+630=50+5Z=55 marks
Example:40.निम्निलिखित श्रेणी को संशोधन कर बहुलक ज्ञात कीजिए:
(Calculate mode after amending the following series):
Solution:Calculation of Mode
10-15 वर्ग की सबसे अधिक बारम्बारता है।अतः बहुलक वर्ग 10-15 है।
f0=9,f1=15,f2=10,l1=10,i=15−10=5Δ1=f1−f0=15−9=6Δ2=f1−f2=15−10=5
बहुलक (Z)=l1+Δ1+Δ2Δ1×i=10+6+56×5=10+1130=10+2.727=12.727Z≈12.73
Example:41.निम्निलिखित श्रेणी का बहुलक ज्ञात कीजिए:
(Calculate mode of the following series):
Solution:Calculation of Mean,Median and Mode
समान्तर माध्य (Xˉ)=ΣfΣfx=23415903=67.961Xˉ≈67.96 cmm=2N=2234=117
117 मद जो संचयी आवृत्ति 129 में सम्मिलित है,जिसका मूल्य 65.5-68.5 वर्गान्तर में है।अतः मध्यका वर्ग 65.5-68.5 है।
l1=65.5,i=68.5−65.5=3,f=60,c=69
मध्यका (M)=e1+fi(m−c)=65.5+603(117−69)=65.5+201×48=65.5+2.4⇒M=67.9 cmZ=3M−2xˉ=3×67.9−2×67.96=203.7−135.92⇒z=67.78 cm
Example:42.एक कक्षा के 25 विद्यार्थियों द्वारा प्राप्तांक निम्नवत् हैं।आपको इन प्राप्तांकों का
(i)समान्तर माध्य,(ii)मध्यका,(iii)बहुलक,ज्ञात करना है:
(Marks of 25 students of a class are given,below you are required to find out (i)Mean,(ii)Median,(iii)Mode of marks):
Solution:Calculation of Mean,Median and Mode
समान्तर माध्य (Xˉ)=ΣfΣfx=251250=50Xˉ≈50
M=size of 2N+1 th item
=size of 225+1 th itern-
=size of 226 th item
=size of 13 th item
13 मूल्य संचयी आवृत्ति 15 में सम्मिलित है जिसका पद मूल्य
M=50
सबसे अधिक बारम्बारता 5 हैं अतः बहुलक Z=50
Example:43.निम्नलिखित समंक एक फैक्ट्री में कार्यरत 40 श्रमिकों की साप्ताहिक मजदूरी का प्रतिनिधित्व करते हैं।दस-दस वर्गान्तर के अर्थात् 75-85,85-95 आदि के आधार पर एक सारणी बनाइए तथा समान्तर माध्य,मध्यका तथा बहुलक मजदूरी ज्ञात कीजिए:
(The following data represent weekly wages of 40 labourers working in a factory.prepare a table with class intervals of ten i.e. 75-85,85-95…and so on, and find the value of Mean,Median and Mode):
Solution:Calculation of Mean,Median and Mode
समान्तर माध्य (Xˉ)=ΣfΣfx=404250⇒Xˉ=106.25m=2N=240=20
20 मद संचयी आवृत्ति 30 में सम्मिलित है जिसका मूल्य 105-115 वर्गान्तर में है।अतः मध्यका वर्ग 105-115 है।
l1=105;i=115−105=10,f=13,c=17M=l1+fi(m−c)=105+1310(20−17)=105+1310×3=105+2.307=107.307⇒M≈107.31
वर्ग 105-115 की सबसे अधिक बारम्बारता है।अतः बहुलक वर्ग 105-115 है।
f0=10,f1=13,f2=8,l1=105,i=115−105=10Δ1=f1−f0=13−10=3Δ2=f1−f2=13−8=5
बहुलक (Z)=l1+Δ1+Δ2Δ1×i=105+3+53×10=105+830=105+3.75=108.75⇒Z≈108.75
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा सांख्यिकी में बहुलक (Mode in Statistics),सांख्यिकी में माध्य एवं मध्यका (Mean and Median in Statistics) को समझ सकते हैं।
3.सांख्यिकी में बहुलक पर आधारित सवाल (Questions Based on Mode in Statistics):
(1.)किसी काॅलेज के 230 छात्रों के काॅलर-माप निम्न विवरण में प्रस्तुत हैं।काॅलर बहुलक माप (modal size of the collar) निर्धारित कीजिए।
(2.)निम्न सारणी से बहुलक ज्ञात कीजिए:
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर सांख्यिकी में बहुलक (Mode in Statistics),सांख्यिकी में माध्य एवं मध्यका (Mean and Median in Statistics) को ठीक से समझ सकते हैं।
4.बहुलक ज्ञात करने की विधियाँ (Methods of Finding Mode):
बहुलक की गणना (Calculation of Mode):
व्यक्तिगत श्रेणी (Individual Series):अवर्गीकृत तथ्यों के संबंध में बहुलक ज्ञात करने की तीन विधियाँ हैं:
(1.)निरीक्षण द्वारा;
(2.)व्यक्तिगत श्रेणी को खण्डित या सतत् श्रेणी में परिवर्तित करके;
(3.)माध्यों के अन्तर्सम्बन्ध द्वारा।
(1.)निरीक्षण द्वारा (By Inspection):अवर्गीकृत तथ्यों में निरीक्षण करके यह निश्चित किया जाता है कि कौन-सा मूल्य सबसे अधिक बार आता है अर्थात् कौन-सा मूल्य सबसे अधिक प्रचलित है।जो मूल्य सबसे अधिक प्रचलित होता है,वही इन तथ्यों का बहुलक मूल्य होता है।
(2.)अवर्गीकृत तथ्यों का वर्गीकरण करके:यदि प्रस्तुत मूल्यों की संख्या बहुत अधिक होती है तो बहुलक का निरीक्षण द्वारा निर्धारण करना सरल नहीं होता है।ऐसी स्थिति में व्यक्तिगत मूल्यों को आवृत्ति वितरण के रूप में खंडित या सतत् श्रेणी में परिवर्तित कर देते हैं।तत्पश्चात खंडित या सतत् श्रेणी से बहुलक का निर्धारण करते हैं।बहुलक ज्ञात करने की यह रीति अधिक विश्वसनीय एवं तर्कसंगत है।
यदि दो या दो से अधिक मूल्यों की आवृत्तियाँ अधिकतम हो तो बहुलक का निर्धारण कठिन हो जाता है।ऐसी स्थिति में उतने बहुलक होंगे जितनी अधिकतम आवृत्तियाँ होंगी।ऐसी श्रेणी को द्वि-बहुलक (Bi-modal),त्रि-बहुलक (Tri-modal) अथवा अनेक बहुलक (Multi-modal) श्रेणियाँ कहते हैं।
सतत श्रेणी परिवर्तित करना:जब किसी श्रेणी में कोई भी मूल्य एक से अधिक बार आवृत्त नहीं होता तो उसे सतत् चल (continuous series) के रूप में परिवर्तित कर अधिकतम आवृत्ति वाला वर्गान्तर ज्ञात कर लेंगे।तत्पश्चात इस बहुलक वर्ग का मूल्य एक सूत्र के प्रयोग द्वारा निश्चित करेंगे।सूत्रानुसार बहुलक निर्धारित रीति का वर्णन इसी आर्टिकल में आगे स्पष्ट किया गया है।
(3.)मध्यों के औसत अंतर्संबंध द्वारा:यदि समंक वितरण सममित है अथवा आंशिक रूप से विषम है तो संभावित बहुलक-मूल्य का निर्धारण इस रीति द्वारा किया जाता है।एक सममित समंक वितरण में समांतर माध्य,मध्यका व बहुलक(X,M,Z) का मूल्य समान होता है अर्थात् X=M=Z ; यदि वितरण आंशिक रूप से विषम या असममित हो तो इन तीनों माध्यों के मध्य औसत संबंध इस प्रकार होता है:
X−Z=3(X−M)⇒Z=3M−2X
खण्डित श्रेणी (Discrete Series) में बहुलक (Mode):इस श्रेणी में बहुलक मूल्य निरीक्षण द्वारा एवं समूहीकरण द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।
(i)निरीक्षण द्वारा (By Inspection):यदि आवृत्ति बंटन नियमित हो तथा उसके पद मूल्य सजातीय हों तो निरीक्षण मात्र से बहुलक का निर्धारण किया जा सकता है।जिस मूल्य की आवृत्ति सबसे अधिक होती है वही मूल्य बहुलक (Mode) माना जाता है।नियमित क्रम से आशय आवृत्तियों के ऐसे वितरण से है जहाँ प्रारंभ में वे बढ़ते क्रम में हों,मध्य में अधिकतम हों तथा फिर वे घटते क्रम में हों।
(3.)समूहीकरण द्वारा (By Grouping):जब श्रेणी में अनियमितता हो अथवा दो या इससे अधिक मूल्यों की आवृत्ति सबसे अधिक हो तो यह निश्चित करना कठिन होता है कि किस मूल्य को बहुलक माना जाए।ऐसी स्थिति में ‘समूहीकरण द्वारा’ बहुलक ज्ञात करना उपयुक्त रहता है।समूहीकरण विधि द्वारा बहुलक ज्ञात करने के लिए निम्न तीन कार्य करने होते हैं:
(अ)समूहीकरण;
(ब)विश्लेषण सारणी बनाना;
(स)बहुलक ज्ञात करना।
(अ)समूहीकरण सारणी बनाना:यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है कि समूहीकरण सदैव आवृत्तियों (frequencies) का किया जाता है न कि मूल्यों का।
इसके लिए सामान्यतः 6 खाने बनाए जाते हैं,जब तक की अधिक खाने बनाना अत्यंत आवश्यक न हो।
(i)प्रथम खाना:इसमें प्रश्न में दी गई आवृतियां लिखी जाती है।
(ii)द्वितीय खाना:प्रथम खाने में दी गई आवृत्तियों में से दो-दो आवृत्तियों के जोड़े (pairs) बनाकर उनका योग लिखा जाता है।यदि अन्त में एक ही आवृत्ति रह जाए तो उसे छोड़ दिया जाना चाहिए।
(iii)तृतीय खाना:प्रथम खाने में दी हुई आवृत्तियों में से प्रथम आवृत्ति को छोड़कर शेष आवृत्तियों के दो-दो के समूहों का योग लिखा जाता है।
(iv)चतुर्थ खाना:इस खाने में प्रथम खाने में दी हुई आवृत्तियों में से प्रथम तीन आवृत्तियों का जोड़ और फिर क्रमशः तीन-तीन आवृत्तियों का योग लिखा जाता है।
(v)पंचम खाना:इस खाने में दी गई आवृत्तियों में से पहली आवृत्ति को छोड़कर शेष आवृत्तियों के तीन-तीन के समूह का योग लिखा जाता है।
(vi)छठा खाना:प्रथम खाने में दी हुई आवृत्तियों में से प्रथम दो आवृत्तियों को छोड़कर आगे की तीन-तीन आवृत्तियों का योग लिखा जाता है।
उपर्युक्त विधि से प्रत्येक खाने में जोड़ लिखकर प्रत्येक खान की सबसे बड़ी संख्या के नीचे एक रेखा खींच देनी चाहिए या उस संख्या को अपेक्षाकृत मोटा लिखना चाहिए अथवा उसे एक गोले (circle) में बंद कर देना चाहिए।
(ब)विश्लेषण सारणी (Analysis Table):यह सारणी उपर्युक्त सारणी में रेखांकित (underlined) या मोटी लिखी गई संख्याओं के आधार पर बनाई जाती है।
बहुलक ज्ञात करने की दूसरी विधि:खण्डित श्रेणी में बहुलक ज्ञात करने के लिए समूहीकरण विधि ही सर्वश्रेष्ठ है किंतु कभी-कभी संक्षिप्त व सरल विधि अपनाई जा सकती है।इसमें सबसे अधिक आवृत्तियों के आगे और पीछे की आवृत्तियों का योग मालूम करते हैं और जिन तीनों का योग अधिक होता है उनका मूल्य ही बहुलक होगा।
अखंडित या सतत् श्रेणी (continuous series) में बहुलक ज्ञात करना:सतत श्रेणी में बहुलक निश्चित करते समय सर्वप्रथम निरीक्षण द्वारा या समूहीकरण विधि द्वारा सबसे अधिक आवृत्ति वाले पद को बहुलक वर्ग के लिए चुन लेंगे।यदि आवृत्ति नियमित रूप से घटती-बढ़ती हो तो बहुलक वर्ग को निश्चित करना सरल है।परंतु आवृतियां अनियमित रूप से घटती-बढ़ती हो तो समूहीकरण विधि द्वारा बहुलक वर्ग को ज्ञात करेंगे।बहुलक वर्ग में बहुलक मूल्य ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्रों में से किसी एक का प्रयोग किया जा सकता है:
(i)Z=l1+Δ1+Δ2Δ1×i (श्रेणी के आरोही क्रम में होने पर )
(ii)Z=l2−Δ1+Δ2Δ1×i (श्रेणी के अवरोही क्रम में होने पर )
(iii)Z=l1+2f1−f0−f2f1−f0×i (श्रेणी के आरोही क्रम में होने पर )
(i v)Z=l2−2f1−f0−f2f1−f0×i (श्रेणी के अवरोही क्रम में होने पर )
(v)Z=l1+f1+f2f2×i
(vi)Z=l2−f0+f2f0×i
सूत्र (v) व (vi) का प्रयोग ऐसी स्थिति में अधिक उपयुक्त है जहाँ बहुलक मूल्य अधिकतम आवृत्ति वाले वर्ग के बाहर का मूल्य आ रहा हो।जब बहुलक मूल्य की गणना,बहुलक वर्ग की ऊपरी सीमा की सहायता से ज्ञात करनी हो तो सूत्र (vi) का प्रयोग करेंगे।
उपर्युक्त सूत्रों में प्रयुक्त विभिन्न चिन्हों के अर्थ इस प्रकार हैं:
Z=बहुलक (Mode)
l1=बहुलक वर्ग की अधर सीमा (Lower limit of modal group)
l2=बहुलक वर्ग की ऊपरी या अपर सीमा (Upper limit of modal group)
f1=बहुलक वर्ग की आवृत्ति (Frequency of the modal group)
f2=बहुलक वर्ग के बाद वाले वर्ग की आवृत्ति (Frequency of the group succeeding the modal group)
f0=बहुलक वर्ग के पूर्व वाले वर्ग की आवृत्ति (Frequency of the group preceding the model group)
Δ1=प्रथम अन्तर (delta)=difference one
Δ2=द्वितीय अन्तर (delta)=difference two
सूत्र का आधार:उपरोक्त सूत्र इस मान्यता पर आधारित है कि बहुलक का मूल्य,बहुलक वर्ग के निकटतम वर्गों की आवृत्तियों से प्रभावित होता है।यदि पिछले वर्ग की आवृत्ति,अगले वर्ग की आवृत्ति की अपेक्षा अधिक है तो बहुलक मूल्य,बहुलक वर्ग की अधर सीमा के अधिक समीप होगा।इसके विपरीत,यदि अगले वर्ग की आवृत्ति पिछले वर्ग की आवृत्ति से अधिक है तो बहुलक मूल्य बहुलक वर्ग की अधर सीमा के अधिक समीप होगा।
समावेशी श्रेणी:समावेशी श्रेणी में बहुलक निर्धारण करते समय बहुलक वर्ग की वास्तविक सीमाएँ ज्ञात कर लेनी चाहिए।
असमान वर्ग विस्तार (unequal class interval):जब श्रेणी की संरचना असमान वर्गान्तरों के आधार पर की गई हो तो बहुलक का निर्धारण करते समय सर्वप्रथम उस श्रेणी को संशोधित करके समान वर्गान्तर बना लेना उपयुक्त रहता है।तत्पश्चात इस प्रकार संशोधित श्रेणी में बहुलक ज्ञात करना चाहिए।चूँकि बहुलक अपनी आसपास की आवृत्तियों से प्रभावित होता है,अतः यथासम्भव बहुलक का निर्धारण समान वर्गान्तर वाली श्रेणी में ही करना अधिक उपयुक्त रहता है।
उपर्युक्त थ्योरी के आधार पर सांख्यिकी में बहुलक (Mode in Statistics),सांख्यिकी में माध्य एवं मध्यका (Mean and Median in Statistics) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Also Read This Article:- Median in Statistics
5.सांख्यिकी में बहुलक (Frequently Asked Questions Related to Mode in Statistics),सांख्यिकी में माध्य एवं मध्यका (Mean and Median in Statistics) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.बहुलक की परिभाषा दीजिए। (Give the definition of mode):
उत्तर:अंग्रेजी भाषा का ‘Mode’ शब्द फ्रेंच भाषा के ‘La Mode’ शब्द से बना है जिसका अर्थ फैशन या रिवाज में होने से है।जिस वस्तु का फैशन होता है,अधिकांश व्यक्ति प्रायः उसी वस्तु का प्रयोग करते हैं,अतः सांख्यिकी में बहुलक श्रेणी का वह चर मूल्य है जिसकी आवृत्ति सर्वाधिक होती है और जिसके चारों ओर मदों के केंद्रित होने की प्रवृत्ति सबसे अधिक होती है।बॉन्डिंगटन के अनुसार “बहुलक को महत्त्वपूर्ण प्रकार,रूप या पद के आकार या सबसे अधिक घनत्व वाले मूल्य के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।”बहुलक के जन्मदाता जिजेक के अनुसार, “बहुलक पद मूल्यों की किसी श्रेणी में सबसे अधिक बार आने वाला एक ऐसा मूल्य है जिसके चारों ओर अन्य पद सबसे घने रूप में वितरित होते हैं।”
क्राॅक्सटन एवं काउडेन (Croxton and Cowden) के शब्दों में,”बहुलक किसी आवृत्ति वितरण का वह मूल्य है जिसके चारों ओर मदों के केंद्रित होने की प्रवृत्ति बहुत अधिक होती है।यह मूल्य श्रेणी के मूल्यों का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि होता है।या लुन चाउ के अनुसार, “बहुलक एक श्रेणी का वह मूल्य है जो अन्य किसी मूल्य की अपेक्षा अधिक बार दिखाई देता है।”
प्रश्न:2.द्वि-बहुलक श्रेणी किसे कहते हैं? (What is a bi-modal series?):
उत्तर:यदि दो या दो से अधिक मूल्यों की आवृत्तियाँ अधिकतम हो तो बहुलक का निर्धारण कठिन हो जाता है।ऐसी स्थिति में उतने बहुलक होंगे जितनी अधिकतम आवृत्तियाँ होंगी।ऐसी श्रेणी को द्वि-बहुलक (Bi-modal),त्रि-बहुलक (Tri-modal) अथवा अनेक बहुलक (Multi-modal) श्रेणियाँ कहते हैं।
प्रश्न:3.बहुलक की विशेषताएं बताइए। (State the characteristics of mode):
उत्तर:(1.)बहुलक मूल्य पर असाधारण इकाइयों का प्रभाव नहीं पड़ता है अर्थात् इस माध्य पर श्रेणी के उच्चतम व निम्नतम अंकों का बहुत कम प्रभाव पड़ता है।
(2.)वास्तविक बहुलक के निर्धारण के लिए पर्याप्त गणना की आवश्यकता होती है।यदि आवृत्ति वितरण अधिनियमित है तो बहुलक का निर्धारण करना भी कठिन होता है।
(3.)बहुलक सर्वाधिक घनत्व वाला बिंदु होता है,अतः श्रेणी के वितरण का अनुमान सरलता से लगाया जा सकता है।
(4.)बहुलक के लिए बीजगणितीय विवेचन करना संभव नहीं होता है।
(5.)सन्निकटन बहुलक आसानी से ज्ञात किया जा सकता है।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा सांख्यिकी में बहुलक (Mode in Statistics),सांख्यिकी में माध्य एवं मध्यका (Mean and Median in Statistics) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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सांख्यिकी में बहुलक (Mode in Statistics) किसी श्रेणी का वह मूल्य जिसकी आवृत्ति सबसे
अधिक होती है,बहुलक कहलाता है।इस आर्टिकल में बहुलक,माध्य एवं मध्यका पर आधारित
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Satyam
About my self I am owner of Mathematics Satyam website.I am satya narain kumawat from manoharpur district-jaipur (Rajasthan) India pin code-303104.My qualification -B.SC. B.ed. I have read about m.sc. books,psychology,philosophy,spiritual, vedic,religious,yoga,health and different many knowledgeable books.I have about 15 years teaching experience upto M.sc. ,M.com.,English and science.