Menu

How Math Students Learn From Mistakes?

Contents hide

1.गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों से कैसे सीखें? (How Math Students Learn From Mistakes?),गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज न करें (Mathematics Students Should Not Ignore Small Mistakes):

  • गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों से कैसे सीखें? (How Math Students Learn From Mistakes?)अर्थात् छोटे-छोटे कार्यों छोटी-छोटी बातों को महत्वपूर्ण समझकर उस पर गौर करता है।वही विद्यार्थी सफल होता है जो गणित के प्रत्येक सूत्र,प्रत्येक सिद्धांत,प्रमेय को महत्त्वपूर्ण और उपयोगी समझकर ग्रहण करता है।छोटी-छोटी बातों,छोटी-छोटी गलतियों की अनदेखी करने पर उनसे बड़ी-बड़ी गलतियां हो जाती हैं।छोटी-छोटी बातों पर गौर न करने पर गणित की बड़ी-बड़ी समस्याओं,बड़े-बड़े सवालों को हल नहीं किया जा सकता है।
  • उदाहरणार्थ पहाड़े याद नहीं होंगे तो किसी सवाल का सरलीकरण कैसे किया जा सकेगा? BODMAS का नियम याद नहीं होगा तो सवालों को सरल कैसे किया जा सकेगा? गुणनखंड नहीं आते हों तो द्विघात समीकरणों को गुणनखंड विधि से कैसे हल किया जा सकेगा? चार का पहाड़ा नहीं आता है तो 24 का पहाड़ा कैसे याद किया जा सकेगा? तात्पर्य यह है कि छोटी-छोटी बातों से बड़ी-बड़ी बातें,समस्याएं सीखी जा सकती है।एक-एक बूंद से ही घड़ा भरता है।यदि एक-एक बूंद की उपेक्षा की जाएगी तो घड़े को किस प्रकार भरा जा सकेगा?
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके । यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए । आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Also Read This Article:4 Tips for Student to Progress in Math

2.महान गणितज्ञों से सीखें (Learn from Great Mathematicians):

  • हर महान गणितज्ञ एकाएक शिखर पर नहीं पहुंच गया है।वे गणित की प्रत्येक छोटी से छोटी बात को महत्त्व देते थे।गणित में धनात्मक या ऋणात्मक चिन्ह की छोटी सी गलती हो जाने पर पूरा सवाल गलत हो जाता है।कई छात्र-छात्राएं 10वीं,12वीं यहां तक कि स्नातक स्तर पर इन छोटी-छोटी गलतियों को करते रहते हैं।उन्हें यदि कहा जाता है कि आप गुणा,भाग तथा चिन्हों का ध्यान नहीं रखते हैं।तब छात्र-छात्राओं का प्रत्युत्तर होता है कि इन बातों को तो छोड़ों आप तो हमें सवाल का हल बता दो।इस प्रकार निष्ठापूर्वक प्रत्येक सवाल को हल न करने पर बड़ी-बड़ी गणनाएँ,छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न देने पर गलत हो जाती है।
  • प्रत्येक महान् गणितज्ञ का लक्ष्य और नजर शिखर पर रहता है।परंतु वे जानते थे कि एक-एक कदम रखने पर ही शिखर पर पहुँचा जा सकता है।उन्होंने हर छोटी-छोटी गलतियों से शिक्षा ग्रहण की है। गलती करके उस पर पश्चाताप करने के बजाय उसके कारण को ढूंढो।गलती के कारण को ढूंढकर उसे दूर करो।जो गलती हो गई है उसे तो नहीं बदला जा सकता है परंतु भविष्य में गलती करने से बचा जा सकता है।
  • भौतिकी में उत्कृष्ट योगदान के लिए गणित का ज्ञान होना आवश्यक है।यदि कोई गणित का छात्र-छात्रा गणित की तरफ ध्यान नहीं देंगा तो भौतिक विज्ञान को समझना और हल करना कठिन हो जाएगा। उदाहरणार्थ भारतीय महान् ज्योतिर्भौतिकवेत्ता डाॅ. सुब्रमण्यम चंद्रशेखर को 1983 में नोबेल पुरस्कार मिल चुका है।उन्होंने शिक्षा अर्जित करते ही समझ लिया था कि आकाश का अध्ययन करने के लिए रसायन और भौतिकी को जानना ही जरूरी नहीं है बल्कि गणित शास्त्र का ज्ञान प्राप्त करना भी आवश्यक है।केवल काम चलाऊ गणित का ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है।अतः उन्होंने गणित में विशिष्ट ज्ञान अर्जित किया।यही कारण था कि उन्होंने खगोल विज्ञान में विशिष्ट खोज करके नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया।
  • वस्तुतः चंद्रशेखर की गणित शास्त्र में गहरी रुचि थी परंतु पिता की इच्छा के अनुसार उन्होंने ऑनर्स के लिए भौतिक विज्ञान विषय को चुना।इससे उनकी गणित शास्त्र में रुचि कम नहीं हुई।अनुमति लेकर वे गणित क्लास में भी जाते थे।इस प्रकार उन्होंने गणित का विशिष्ट ज्ञान प्राप्त किया।

Also Read This Article:6 Best Tips to Increase Memory in Math

3.गणित में अर्थगर्भित दृष्टि रखें (Have a Meaningful Vision in Mathematics):

  • गणित में किसी समस्या को समझने के लिए सामान्य दृष्टिकोण के बजाय सारभूत दृष्टिकोण रखें।किसी न किसी सवाल से कुछ न कुछ नवीन बात सीखने की ओर दृष्टि रखें।गणित में दिनोंदिन नई-नई खोजें होने से विषय जटिल बनते जा रहे हैं। गणित की इन खोजों तथा जटिल विषयों को गणित के सामान्य विद्यार्थी के लिए समझना बहुत मुश्किल होता जा रहा है।गणित को अर्थगर्भित दृष्टि रखने से ही इन विषयों को समझा जा सकता है।
  • बहुत सी खोजे ऐसे हुई हैं जिन पर गणित के विद्यार्थियों की सामान्य दृष्टि होने से खोजे नहीं हो पाई।परंतु जिन्होंने गणित को अर्थगर्भित दृष्टिकोण से देखा तो वे खोजें हो गई।उदाहरणार्थ भारतीय गणितज्ञों ने शून्य और दाशमिक पद्धति का आविष्कार किया।परंतु उन्होंने इसके महत्त्व को नहीं समझा,इसको अर्थगर्भित दृष्टिकोण से नहीं देखा इसलिए वे इसका लाभ नहीं उठा पाए।परंतु जब यूरोप के गणितज्ञों को इस दाशमिक पद्धति का पता लगा तो उन्होंने इसका लाभ उठाया।आधुनिक गणित में बहुत सी खोजें यूरोप में हुई।यूरोप के गणितज्ञों ने दाशमिक पद्धति का लाभ उठाकर गणित में बहुत से आविष्कार किए।आज हम जानते हैं कि शून्य और दाशमिक पद्धति की खोज से गणित में ज्ञान का भंडार एकत्रित हो गया है।
  • पृथ्वी की ओर किसी वस्तु का गिरना अन्य लोगों ने सामान्य घटना समझा परंतु महान् वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ आइजक न्यूटन ने उसे अर्थगर्भित दृष्टि से देखा और गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज कर दी।
  • गणित में प्रत्येक कार्य तथा प्रत्येक विषय एवं टाॅपिक को महत्त्वपूर्ण समझते हुए उससे सीखेंगे तो ज्ञानार्जन तो होगा ही साथ ही कोई नई बात की खोज भी सम्भव हो सकती है।हमारे ज्ञान का भंडार धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा।प्रत्येक गणितज्ञ महान् इसलिए बन सका है कि उसने अपने कर्त्तव्यपालन को निष्ठापूर्वक निर्वहन किया है।साथ ही उसने गणित में खोज को भार या बोझ नहीं समझा है बल्कि उसमें आत्म संतुष्टि का अनुभव किया है।

4.कर्म में कुशलता प्राप्त करें (Get Skill in Work):

  • श्रीमद्भगवत गीता में कहा गया है कि:
    “बुद्धियुक्तोजहातीह उभे सुकृत दुष्कृते।
    तस्माद्योगाय युजस्व योगः कर्मसु कौशलम्।।अध्याय-2
  • अर्थात् निश्चयात्मिका बुद्धि से युक्त अथवा इष्ट की प्राप्ति और इष्ट की अप्राप्ति,दोनों ही दशाओं में एकरुप रहने वाली बुद्धि से युक्त,विवेकी पुरुष इस संसार में ही पाप और पुण्य दोनों से अलिप्त रहता है इसलिए तुम कर्मयोग का पालन करो,पाप और पुण्य से बचकर कर्मों के करने की कुशलता ही को कर्मयोग कहते हैं।
  • गणित के विद्यार्थी को कर्म में कुशलता कैसे प्राप्त हो सकती है? गणित का विद्यार्थी एक-एक क्षण का उपयोग करता है।छोटे-छोटे कर्त्तव्यों का निर्वाह करता है।हर सवाल को हल करने में गंभीर रहता है। किसी भी छोटी सी गलती की अवहेलना नहीं करता है।गलती की बार-बार पुनरावृत्ति नहीं करता है।हर सवाल,हर समस्या गणित के विद्यार्थी के लिए महत्त्वपूर्ण है।जो विद्यार्थी किसी भी सवाल,प्रश्नावली अथवा छोटी-छोटी गलतियों की उपेक्षा करता है,वह नुकसान उठाता है।गणित में आगे नहीं बढ़ सकता है,उसकी प्रगति नहीं हो सकती है।गणित में अथवा जो भी कार्य वह करता है उसको छोटा समझने से उसमें अहंकार आ जाता है।वह हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है।कर्म में,अध्ययन में कुशलता प्राप्त करने के लिए हर छोटे-छोटे कार्य को महत्त्व देना होगा।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों से कैसे सीखें? (How Math Students Learn From Mistakes?),गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज न करें (Mathematics Students Should Not Ignore Small Mistakes) के बारे में बताया गया है।

5.गणितज्ञा का ऑटोग्राफ (हास्य-व्यंग्य) (Mathematician’s Autograph) (Humour-Satire):

  • एक बार गणित से संबंधित टाॅपिक के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ।उसमें उच्च कोटि के गणितज्ञों ने भी शिरकत की।सम्मेलन समाप्त होने के बाद एक महिला गणितज्ञा को उसके प्रशंसकों ने घेर लिया।ऑटोग्राफ देते-देते वह थक गई तो वह प्रशंसकों की भीड़ से निकलने का प्रयास कर ही रही थी कि एक कॉलेज की युवती ने ऑटोग्राफ के लिए अपनी काॅपी उसके सामने बढ़ा दी।उस महिला गणितज्ञा ने उसमें उल्लू का चित्र बना दिया।
  • कॉलेज युवती (गुस्से में चिल्ला कर बोली):मुझे आपकी फोटो नहीं आपका ऑटोग्राफ चाहिए।

6.गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों से कैसे सीखें? (How Math Students Learn From Mistakes?),गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज न करें (Mathematics Students Should Not Ignore Small Mistakes) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.गणित के ज्ञान का संचय का क्या तरीका है? (What is the Way of Accumulating knowledge of Mathematics?):

उत्तर:जैसे बालक वृद्धावस्था प्राप्त करने के लिए धीरे-धीरे बढ़ता है।एकाएक वृद्धावस्था प्राप्त नहीं कर लेता है।इसी प्रकार अपने अज्ञान से ज्ञान प्राप्ति की ओर बढ़ने का उपाय है।हम नियमित रूप से,एकाग्रचित्त होकर धीरे-धीरे गणित के ज्ञान का संचय करते रहे तो एक दिन अथाह ज्ञान का भंडार संचित हो जाएगा।चाणक्य नीति में कहा है कि:
“जलबिन्दुनिपातेन क्रमशः पूर्यते घटः।
स हेतु: सर्वविद्यानां धर्मस्य च धनस्य च।।
अर्थात् क्रमशः पानी की एक-एक बूंद गिरने से घड़ा भर जाता है,इसी प्रकार धीरे-धीरे अभ्यास करने से सब विद्याओं की प्राप्ति हो जाती है,इसी प्रकार थोड़ा-थोड़ा करके धर्म और धन का भी संचय हो जाता है।

प्रश्न:2.गलती के बारे में प्रेरक विचार बताएं।(Tell Motivational Thoughts about the Mistake):

उत्तर:(1.)गलतियां करके,मंजूर करके और उन्हें सुधार करके ही मैं आगे बढ़ सकता हूं।पता नहीं क्यों,किसी के बरजने से या किसी की चेतावनी से मैं उन्नति कर ही नहीं सकता।ठोकर लगे और दर्द उठे तभी मैं सीख पाता हूं।-महात्मा गांधी
(2.)बहुत-सी तथा बड़ी गलतियां किए बिना कोई मनुष्य बड़ा या अच्छा नहीं बनता।-ग्लेडस्टन

प्रश्न:3.गणित को सीखने के लिए कैसी मानसिकता से कार्य करें? (How to Study Mathematics with a Mindset?):

उत्तर:यदि वाकई में आपको गणित से सीखना है तो गणित को इस मानसिकता के साथ हल करो कि मुझे इसमें किसी भी स्थिति में,कैसे भी,कितना भी प्रयास करके पारंगत होना है।यानी अपनी संपूर्ण शक्ति के साथ गणित के सवालों,समस्याओं को हल करो।आधे-अधूरे मन से अथवा सतही तौर पर गणित को हल करना गणित के विद्यार्थी की दुर्बल मानसिकता का परिचायक है।ऐसी निम्न स्तर की मानसिकता से गणित का ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों से कैसे सीखें? (How Math Students Learn From Mistakes?),गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज न करें (Mathematics Students Should Not Ignore Small Mistakes) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

How Math Students Learn From Mistakes?

गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों से कैसे सीखें?
(How Math Students Learn From Mistakes?)

How Math Students Learn From Mistakes?

गणित के छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियों से कैसे सीखें? (How Math Students Learn From Mistakes?)
अर्थात् छोटे-छोटे कार्यों छोटी-छोटी बातों को महत्वपूर्ण समझकर उस पर गौर करता है।
वही विद्यार्थी सफल होता है जो गणित के प्रत्येक सूत्र,प्रत्येक सिद्धांत,
प्रमेय को महत्त्वपूर्ण और उपयोगी समझकर ग्रहण करता है।

No. Social Media Url
1. Facebook click here
2. you tube click here
3. Instagram click here
4. Linkedin click here
5. Facebook Page click here
6. Twitter click here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *