Karl Pearson Measure of Skewness
1.विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness),विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness):
विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness) संमक श्रेणी के माध्यों पर निर्भर करता है।एक विषम आवृत्ति वितरण में समान्तर माध्य,मध्यका तथा बहुलक के मूल्य समान नहीं होते हैं।इन माध्यों के मध्य अन्तर जितना अधिक होगा,वितरण उतना ही विषम होगा।
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2.विषमता का कार्ल पियर्सन माप के साधित उदाहरण (Karl Pearson Measure of Skewness Solved Examples):
Example:1.निम्नलिखित समंकों से कार्ल पियर्सन के मध्यका पर आधारित विषमता गुणक ज्ञात कीजिए:
(Calculate Karl Pearson’s coefficient of skewness based on median from the following data):
Central value | Frequency |
5 | 33 |
10 | 28 |
15 | 25 |
20 | 24 |
25 | 20 |
30 | 21 |
Solution:Calculation Table of Karl Pearson Coefficient of Skewness(A=20)
Class interval | Central Value | Frequency | dx’ | fdx’ | fd^{2} x' | cf |
2.5-7.5 | 5 | -3 | -3 | -99 | 297 | 33 |
7.5-12.5 | 10 | -2 | -2 | -56 | 112 | 61 |
12.5-17.5 | 15 | -1 | -1 | -25 | 25 | 86 |
17.5-22.5 | 20 | 0 | 0 | 0 | 0 | 110 |
22.5-27.5 | 25 | 1 | 1 | 20 | 20 | 130 |
27.5-32.5 | 30 | 2 | 2 | 42 | 84 | 151 |
Total | 151 | -118 | 538 |
m= value of \frac{N}{2} th item
= value of \frac{151}{2} th item
m= value of 75.5 th item
अतः मध्यका वर्ग 12.5-17.5 है।
M =l+\frac{i}{f}(m-c) \\ =12.5+\frac{5}{25}(75.5-61) \\ =12.5+\frac{1}{5} \times 14.5 \\ =12.5+2.9 \\ \Rightarrow M =15.4 \\ \sigma =\frac{i}{N} \sqrt{\Sigma f d^2x^{\prime}N-\left(f d x^{\prime}\right)^2} \\ =\frac{5}{151} \sqrt{538 \times 151-(-118)^2} \\ =\frac{5}{151} \sqrt{81238-13924}\\ =\frac{5}{151}\sqrt{67314} \\ =\frac{5}{151} \times 259.4494\\ =\frac{1297.247}{151}\\ =8.5910\\ \sigma \approx 8.6\\ J=\frac{3(\bar{X}-M)}{\sigma}\\ =\frac{3(16.09-15.4)}{\sigma}\\ =\frac{3 \times 0.69}{8.6}\\ =\frac{2.07}{8.6} \\ \Rightarrow J \approx +0.24
Example:2.निम्नलिखित समंकों से कार्ल पियर्सन का बहुलक पर आधारित विषमता गुणक ज्ञात कीजिए:
(From the following data,calculate Karl Pearson coefficient of skewness based on mode):
Weekly Salary | No. of Stenographers |
80 | 12 |
90 | 30 |
100 | 65 |
110 | 107 |
120 | 157 |
130 | 202 |
140 | 222 |
150 | 230 |
Solution:Calculation Table of Karl Pearson Coefficient of Skewness(A=115) and i=10
Class interval | M.V. | No. of steno. | Deviation (dx’) | fdx’ | fd^{2} x' |
70-80 | 75 | 12 | -4 | -48 | 192 |
80-90 | 85 | 18 | -3 | -54 | 162 |
90-100 | 95 | 35 | -2 | -70 | 140 |
100-110 | 105 | 42 | -1 | -42 | 42 |
110-120 | 115 | 50 | 0 | 0 | 0 |
120-130 | 125 | 45 | 1 | 45 | 45 |
130-140 | 135 | 20 | 2 | 40 | 80 |
140-150 | 145 | 8 | 3 | 24 | 72 |
Total | 230 | -105 | 733 |
\bar{X}=A+\frac{\Sigma f d x^{\prime}}{N} \times i\\ =115-\frac{105}{230} \times 10\\ =115-\frac{105}{23}\\ =115-4.5652\\ =110.4348\\ \bar{X} \approx 110.4
बहुलक वर्ग 110-120 है।
f_0=42, f_1=50, f_2=45 \\ l=110, i=120-110=10 \\ \Delta_1 =f_1-f_0=50-42=8 \\ \Delta_2 =f_1-f_2=50-45=5 \\ Z=l+\frac{\Delta_1}{\Delta_1+\Delta_2} \times i \\ =110+\frac{8}{8+5} \times 10 \\ =110+\frac{80}{13} \\ =110+6.1538 \\ Z=116.1538 \\ \sigma =\frac{i}{N} \sqrt{\Sigma fd^2 x^{\prime} N-\left(\Sigma f d x^{\prime}\right)^2} \\ =\frac{10}{230} \sqrt{733 \times 230-(-105)^2} \\ =\frac{1}{23} \sqrt{168590-11025} \\ =\frac{1}{23} \sqrt{157565} \\ =\frac{1}{23} \times 396.9445 \\ \sigma=\frac{396.9445}{23} \\ =17.25845 \\ \sigma \approx 17.3 \\ J =\frac{\bar{X}-Z}{\sigma} \\ =\frac{110.4-116.15}{17.3} \\ =-\frac{5.75}{17.3} \\ =-0.3323 \\ J =-0.332
Example:3.निम्न समंक 125 व्यक्तियों की आयु वितरण को प्रदर्शित करते हैं,आप विचरण गुणांक तथा पियर्सन का विषमता गुणांक ज्ञात कीजिए:
(The following figures relate to the distribution of 125 persons from which calculate coefficient of variation and Pearson’s coefficient of skewness):
Age under(years) | No. of students |
10 | 5 |
20 | 15 |
30 | 30 |
40 | 50 |
50 | 80 |
60 | 100 |
70 | 120 |
80 | 125 |
Solution:Calculation Table of Karl Pearson Coefficient of Skewness(A=45 and i=10)
Class interval | No. of students | M.V. | dx’ | fdx’ | fd^{2} x' |
0-10 | 5 | 5 | -4 | -20 | 80 |
10-20 | 10 | 15 | -3 | -30 | 90 |
20-30 | 15 | 25 | -2 | -30 | 60 |
30-40 | 20 | 35 | -1 | -20 | 20 |
40-50 | 30 | 45 | 0 | 0 | 0 |
50-60 | 20 | 55 | 1 | 20 | 20 |
60-70 | 20 | 65 | 2 | 40 | 80 |
70-80 | 5 | 75 | 3 | 15 | 45 |
Total | 125 | -25 | 395 |
\bar{X}=A+\frac{\Sigma f d x^{\prime}}{N} \times i\\ =45-\frac{25}{125} \times 10\\ =45-2\\ \bar{X}=43
बहुलक वर्ग 40-50 है।अतः f_0=20 ,f_1=30, f_2=20, i=50-40=10, l=40\\ \Delta_1=f_1-f_0=30-20=10\\ \Delta_2=f_1-f_2=30-20=10\\ Z=l+\frac{\Delta_1}{\Delta_1+\Delta_2} \times i \\ =40+\frac{10}{10+10} \times 10\\ \Rightarrow Z=40+5=45
C.V. =\frac{\sigma}{\bar{X}} \times 100 \\ =\frac{17.66}{43} \times 100 \\ =41.069 \approx 41.07 \%
Example:4.निम्न समंकों को पुनः विन्यसित कर (यदि आवश्यक हो) कार्ल पियर्सन के विषमता गुणांक का परिकलन कीजिए:
(Calculate Karl Pearson’s coefficient of skewness after rearranging,if necessary, the following data):
Marks above | No. of students |
0 | 150 |
10 | 140 |
20 | 100 |
30 | 80 |
40 | 80 |
50 | 70 |
60 | 30 |
70 | 14 |
80 | 0 |
Solution:Calculation Table of Karl Pearson Coefficient of Skewness(A=45 and i=10)
Marks | No. of students | cf | M.V.(x) | Deviation(dx’) | fdx’ | fd^{2} x' |
0-10 | 10 | 10 | 5 | -4 | -40 | 160 |
10-20 | 40 | 50 | 15 | -3 | -120 | 360 |
20-30 | 20 | 70 | 25 | -2 | -40 | 80 |
30-40 | 0 | 70 | 35 | -1 | 0 | 0 |
40-50 | 10 | 80 | 45 | 0 | 0 | 0 |
50-60 | 40 | 120 | 55 | 1 | 40 | 40 |
60-70 | 16 | 136 | 65 | 2 | 32 | 64 |
70-80 | 14 | 150 | 75 | 3 | 42 | 126 |
80-90 | 0 | 150 | 85 | 4 | 0 | 0 |
Total | 150 | -86 | 830 |
m= value of \frac{N}{2} th item
= value of \frac{180}{2} th item
= value of 75 th item
M=l+\frac{i}{f}(m-c) \\ M =40+\frac{10}{10}(75-70) \\ =40+5 \\ M=45 \\ \sigma=\frac{i}{N} \sqrt{\Sigma fd^2 x^{\prime} N-\left(\Sigma f d x^{\prime} \right)^2} \\ \sigma= \frac{10}{150} \sqrt{830 \times 150-(-86)^2}\\ =\frac{1}{15} \sqrt{124500-7396}\\ =\frac{1}{15} \sqrt{117104}\\ =\frac{1}{15} \times 342.2046\\ \sigma=22.81364\\ \sigma \approx 22.81\\ J=\frac{3(\bar{X}-M)}{\sigma}\\ =\frac{3(39.267-45)}{22.81}\\ =\frac{3 \times-5.733}{22.81}\\ =-\frac{17.199}{22.81}\\ =-0.75401\\ J \approx-0.754
अतः मध्यका वर्ग 40-50 है।
Example:5.निम्न समंकों से पियर्सन का विषमता गुणांक तथा विचरण गुणक ज्ञात कीजिए:
(Find Karl Pearson’s coefficient of skewness and coefficient of variation from the following data):
class | Frequency |
70-80 | 18 |
60-70 | 22 |
50-60 | 30 |
40-50 | 35 |
30-40 | 21 |
20-30 | 11 |
10-20 | 06 |
0-10 | 05 |
Solution:Calculation Table of Karl Pearson Coefficient of Skewness(A=45 and i=10)
class | Frequency(f) | M.V.(x) | Deviation(dx’) | fdx’ | fd^{2} x' |
70-80 | 18 | 75 | 3 | 54 | 162 |
60-70 | 22 | 65 | 2 | 44 | 88 |
50-60 | 30 | 55 | 1 | 30 | 30 |
40-50 | 35 | 45 | 0 | 0 | 0 |
30-40 | 21 | 35 | -1 | -21 | 21 |
20-30 | 11 | 25 | -2 | -22 | 44 |
10-20 | 06 | 15 | -3 | -18 | 54 |
0-10 | 05 | 5 | -4 | -20 | 80 |
Total | 148 | 47 | 479 |
\bar{X} =A+\frac{\Sigma f d x^{\prime}}{N} \times i \\ =45+\frac{47}{148} \times 10 \\ =45+\frac{470}{148} \\ =45+3.1756 \\ =48.1756 \\ \bar{X} \approx 48.18
बहुलक वर्ग 40-50 है।अतः f_0=30, f_1=35,f_2=21, l=50, i=10\\ \Delta_1=f_1-f_0=35-30=5 \\ \Delta_2=f_1-f_2=35-21=14 \\ Z=l_2-\frac{\Delta_1}{\Delta_1+\Delta_2} \times i \\ =50-\frac{5}{5+14 \times 10} \\ =50-\frac{50}{19} \\ =50-2.6315 \\ =47.3685 \\ Z \approx 47.37 \\ \sigma=\frac{i}{N} \sqrt{\Sigma f d^2 x^{\prime} N-\left(\Sigma f d x^{\prime}\right)^2} \\ =\frac{10}{148} \sqrt{479 \times 148-(47)^2} \\ =\frac{10}{148} \sqrt{70892-2209} \\ =\frac{10}{148} \times \sqrt{68683} \\ =\frac{10}{148} \times 262.0744 \\ =\frac{2620.744}{148} \\ =17.7077 \\ \sigma \approx 17.71 \\ J =\frac{\bar{X}-Z}{\sigma} \\ =\frac{48.18-47.37}{17.71} \\ =\frac{0.81}{17.71} \\ =0.0457 \\ J \approx + 0.046
C.V.=\frac{\sigma}{\bar{X}} \times 100 \\ =\frac{17.71}{48.18} \times 100 \\ =\frac{1771}{48.18}=36.7579
Example:6.निम्नलिखित समंकों से माध्य,मध्यका व प्रमाप विचलन पर आधारित विषमता गुणांक की गणना कीजिए:
(Calculate the coefficient of skewness based on mean,median and standard deviation from the following data):
variable | frequency |
100-110 | 4 |
110-120 | 16 |
120-130 | 36 |
130-140 | 52 |
140-150 | 64 |
150-160 | 40 |
160-170 | 32 |
170-180 | 11 |
Solution:Calculation Table of Karl Pearson Coefficient of Skewness(A=45 and i=10)
Variable | frequency(f) | M.V.(x) | Deviation(dx’) | fdx’ | fd^{2} x' | cf |
100-110 | 4 | 105 | -4 | -16 | 64 | 4 |
110-120 | 16 | 115 | -3 | -48 | 144 | 20 |
120-130 | 36 | 125 | -2 | -72 | 144 | 56 |
130-140 | 52 | 135 | -1 | -52 | 52 | 108 |
140-150 | 64 | 145 | 0 | 0 | 0 | 172 |
150-160 | 40 | 155 | 1 | 40 | 40 | 212 |
160-170 | 32 | 165 | 2 | 64 | 128 | 244 |
170-180 | 11 | 175 | 3 | 93 | 99 | 255 |
255 | -51 | 671 |
m=value of \frac{N}{2} th item
=value of \frac{255}{2} th item
=value of 127.5 th item
मध्यका वर्ग 140-150
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness),विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
3.विषमता का कार्ल पियर्सन माप की समस्याएँ (Karl Pearson Measure of Skewness Problems):
(1.)समान्तर माध्य,बहुलांक और प्रमाप विचलन निकालकर कार्ल पियर्सन के विषमता गुणांक को निकालिए:
(Find Karl Pearson’s coefficient of skewness by calculating arithmetic mean, mode and standard deviation):
Measurment | Frequency |
0-10 | 10 |
10-20 | 12 |
20-30 | 18 |
30-40 | 25 |
40-50 | 16 |
50-60 | 14 |
60-70 | 5 |
(2.)निम्न समंकों के आधार पर कार्ल पियर्सन की रीति द्वारा विषमता-गुणांक ज्ञात कीजिए:
(On the basis of following data calculate Karl Pearson’s coefficient of skewness):
Size of item | Frequency |
58 | 10 |
59 | 18 |
60 | 30 |
61 | 42 |
62 | 35 |
63 | 28 |
64 | 16 |
65 | 8 |
उत्तर (Answers):(1.) J=-0.04 (2.)J=0.228
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4.विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness),विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness)से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.विषमता विद्यमान होने का पता कैसे लगाएं? (How to Find Out if Skewness Exists?):
उत्तर:(1.) किसी समंक श्रेणी में समान्तर माध्य,मध्यका तथा बहुलक के मूल्य समान होने पर उसमें विषमता का अभाव पाया जाता है।यदि इनके मूल्य समान न होकर असमान होते हैं अर्थात् इनके मूल्यों में अन्तर होता है तो श्रेणी विषम होती है।यह अन्तर समान्तर माध्य और बहुलक के मध्य जितना अधिक होगा विषमता उतनी ही अधिक होगी।
(2.)विचलनों का योग:किसी समंक श्रेणी के समान्तर माध्य,मध्यका तथा बहुलक से लिए गए धनात्मक (+) विचलनों का योग ऋणात्मक (-) विचलनों के योग के बराबर है तो श्रेणी में विषमता नहीं होती है।
(3.)असमान आवृत्तियाँ:किसी समंक श्रेणी में बहुलक के दोनों ओर की आवृत्तियों का योग बराबर है तो विषमता विद्यमान नहीं होती है।
(4.)मध्यका से विभाजन के मूल्यों की दूरी:यदि दोनों चतुर्थकों का मूल्य मध्यका मूल्य से समान दूरी पर है तो श्रेणी विषम नहीं होती है।इसी प्रकार यदि मध्यका से दोनों ओर के दशमक (D_{1} व D_{9} ) तथा शतमक (P_{10} व P_{90} ) मध्यका से समान दूरी पर हैं तो विषमता नहीं होती है।
(5.)वक्र का आकार:समंकों को बिन्दु रेखीय चित्र पर प्रदर्शित करने पर एक सामान्य घण्टीदार वक्र बनता है तो उसमें विषमता का अभाव पाया जाता है।असममित वक्र के दाहिनी ओर झुके रहने पर धनात्मक तथा बायीं ओर झुके रहने पर ऋणात्मक विषमता विद्यमान रहती है।
प्रश्न:2.विषमता की प्रकृति से क्या तात्पर्य है? (What is Meant by the Nature of Skewness?)
उत्तर:धनात्मक तथा ऋणात्मक एवं मात्रा ज्ञात करने हेतु विषमता के मापों का उपयोग किया जाता है।विषमता के चार माप होते हैं तथा इनमें से प्रत्येक माप दो रूपों में प्रदर्शित किया जा सकता है जिन्हें निरपेक्ष माप (Absolute Measure) तथा सापेक्ष माप (Relative Measure) कहते हैं।विषमता के निरपेक्ष माप द्वारा विषमता की कुल मात्रा (Degree) तथा धनात्मक (+) व ऋणात्मक (-) प्रकृति मात्र ही ज्ञात हो पाती है।यह माप तुलनात्मक अध्ययन हेतु उपयुक्त नहीं होता।अतः दो या दो से अधिक वितरणों के तुलनात्मक अध्ययन हेतु विषमता का सापेक्ष माप महत्त्वपूर्ण होता है।ये सापेक्ष माप विषमता का गुणक (Coefficient of Skewness) कहलाता है जिसे संकेताक्षर ‘J’ द्वारा व्यक्त किया जाता है।जिस श्रेणी का विषमता-गुणक अधिक होता है,उस वितरण में विषमता अपेक्षाकृत अधिक होती है।इसके विपरीत जिस श्रेणी में विषमता-गुणक कम होता है तो वितरण में विषमता न्यून अथवा विषमता का अभाव या सममित वितरण होता है।
प्रश्न:3.धनात्मक विषमता तथा ऋणात्मक विषमता में अन्तर कीजिए। (Distinguish Between Positive and Negative Skewness):
उत्तर:धनात्मक (Positive):यदि वक्र का झुकाव दाहिनी ओर है तो उसमें धनात्मक विषमता होगी।धनात्मक विषमता रखने वाले वितरण में समान्तर माध्य का मूल्य(\bar{X}),मध्यका (M) तथा बहुलक (Z) से अधिक होता है।यदि धनात्मक विषमता वक्र को बिन्दु रेखीय चित्र पर प्रदर्शित किया जाए तो वक्र का लम्बा भाग अधिक चर वाले स्थानों को जाता है। धनात्मक विषमता में सर्वप्रथम बहुलक,फिर मध्यका और अन्त में समान्तर माध्य आता है अर्थात् \bar{X}> M>Z
ऋणात्मक (Negative):यदि वक्र का झुकाव दाहिनी ओर न होकर बायीं ओर अधिक हो तो विषमता ऋणात्मक होगी।यदि समान्तर माध्य का मूल्य मध्यका और बहुलक से कम होता है तो विषमता ऋणात्मक होगी।इसे बिन्दु रेखीय चित्र पर प्रदर्शित किया जाए तो वक्र का लम्बा भाग कम मूल्य वाले स्थानों को जाता है।ऋणात्मक विषमता में सर्वप्रथम समान्तर माध्य,फिर मध्यका और अन्त में बहुलक आता है अर्थात् \bar{X}< M<Z
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness),विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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विषमता का कार्ल पियर्सन माप
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विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness) संमक श्रेणी के
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