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Karl Pearson Coefficient of Skewness

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1 1.विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness),विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness):

1.विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness),विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness):

विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness) समान्तर माध्य,मध्यका,बहुलक तथा प्रमाप विचलन पर निर्भर करता है।यह माप समंक श्रेणी के माध्यों की स्थिति पर निर्भर करता है।एक विषम आवृत्ति वितरण में समान्तर माध्य,मध्यका तथा बहुलक के मूल्य समान नहीं होते हैं।इन माध्यों के मध्य अन्तर जितना अधिक होगा,वितरण उतना ही अधिक विषम होगा।यह माप धनात्मक या ऋणात्मक हो सकता है।निरपेक्ष माप को प्रमाप विचलन (S.D.) से विभाजित करने पर सापेक्ष माप ज्ञात किया जाता है।इस माप के निम्न सूत्र हैं:
(i)Skewness(SK)=Mean \overline{X}-Mode(Z)(निरपेक्ष माप)

(ii)Coefficient of Skewness(J)=\frac{Mean (\overline{X})-Mode(Z)}{\text{S.D.}(\sigma)}
यदि श्रेणी में बहुलक मूल्य का निर्धारण सम्भव न हो तो वैकल्पिक सूत्र का प्रयोग किया जा सकता है जो कार्ल पियर्सन का द्वितीय माप (Second Measure of Skewness) कहलाता है।इसके सूत्र निम्नवत् हैं:
Skewness(SK)=3(Mean-Median)(निरपेक्ष मान)

Coefficient of Skewness(J)=\frac{3(Mean-Median)}{\text{S.D.}(\sigma)}
कार्ल पियर्सन का वैकल्पिक सूत्र (Alternative Formula) माध्यों के मध्य आनुपातिक सम्बन्ध (Empirical Relationship) =3 M-2 \overline{X} पर आधारित है।
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2.विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक पर आधारित उदाहरण (Examples Based on Karl Pearson Coefficient of Skewness):

Example:1(a).समान्तर माध्य=45,मध्यका=48 तथा विषमता गुणक=-0.4 है तो प्रमाप विचलन ज्ञात कीजिए।
(Given, Median=48,Coefficient of Skewness=-0.4;estimate the value of the standard deviation):
Solution: \overline{X}=45, M=48, \quad J=-0.4, (S . D .) \sigma=? \\ J=\frac{3(\overline{X}-M)}{\sigma} \\ -0.4=\frac{3(45-48)}{\sigma} \\ \Rightarrow-0.4 \sigma=3 X-3 \\ \Rightarrow \sigma=\frac{9}{0.4} \\ \Rightarrow \sigma=22.5
Example:1(b).एक वितरण में समान्तर माध्य 15 रुपए तथा मध्यका 10 रुपए है।यदि विचरण गुणांक 70% हो तो कार्ल पियर्सन का विषमता गुणक ज्ञात कीजिए।
(In a distribution the mean is Rs. 15 and median Rs. 10.If the coefficient variation is 70%,find the Karl Pearson’s coefficient of skewness.)
Solution: \overline{X}=15, M=10,विचरण-गुणांक (C. V.)=70%, J=?
विचरण-गुणांक (C.V.)=\frac{\sigma}{\overline{X}} \times 100 \\ 70 \%=\frac{\sigma}{15} \times 100 \\ \Rightarrow \sigma=\frac{70 \times 15}{100}=10.5 \\ J =\frac{3(\overline{X}-M)}{\sigma} \\ \Rightarrow J =\frac{3(15-10)}{10.5} \\ =\frac{3 \times 5}{10.5} \\ \Rightarrow J =1.4285 \\ \Rightarrow J \approx 1.43
Example:1(c).एक वितरण का कार्ल पियर्सन का विषमता गुणक +0.25 है,प्रमाप विचलन 6 तथा माध्य 24 है।वितरण का बहुलक एवं मध्यका ज्ञात कीजिए।
(Karl Pearson’s coefficient of skewness of a distribution is +0.25 and its S. D. is 6 and Mean is 24.Find the mode and median of the distribution.):
Solution: J=0.25, \sigma=6, \overline{X}=24 \\ J=\frac{\overline{X}-Z}{\sigma} \\ \Rightarrow 0.25=\frac{24-Z}{6} \\ \Rightarrow 0.25 \times 6=24-Z \\ \Rightarrow Z=24-1.5 \\ \Rightarrow Z=22.5 \\ J=\frac{3(\overline{X}-M)}{\sigma} \\ \Rightarrow 0.25=\frac{3(24-M)}{6} \\ \Rightarrow \frac{0.25 \times 6}{3}=24-M \\ \Rightarrow M=24-0.5 \\ \Rightarrow M=23.5
Example:1(d).उपर्युक्त वितरण (c) का बहुलक 18 हो तो प्रमाप विचलन क्या होगा?
(If the mode of the above distribution (c) is 18, what will be the S. D.?):
Solution: J=0.25, \overline{X}=24, Z=18, \sigma=? \\ J=\frac{\bar{X}-Z}{\sigma} \\ \Rightarrow 0.25=\frac{24-18}{\sigma} \\ \Rightarrow \sigma=\frac{6}{0.25} \\ \Rightarrow \sigma=\frac{6}{25} \times 100 \\ \Rightarrow \sigma=+24
Example:1(e).यदि समान्तर माध्य 10,मध्यका 9 तथा कार्ल पियर्सन का विषमता गुणक +0.3 है तो बहुलक, चतुर्थक विचलन तथा माध्य विचलन का सम्भावित मूल्य ज्ञात कीजिए।
(If arithmetic mean is 10,median 9 and Karl Pearson’s coefficient of skewness +0.3, find out estimated values of Mode,Quartile deviation & Mean deviation.):
Solution: J=+0.3, \overline{X}=10, M=9, \sigma=?, \text{Q.D.}=?, \text{M.D.}=?, Z=? \\ J= \frac{3(\overline{X}-M)}{\sigma} \\ \Rightarrow 0.3=\frac{3(10-9)}{\sigma} \\ \Rightarrow \sigma=\frac{3 \times 1}{0.3} \\ \Rightarrow \sigma=10 \\ \text{Q.D.}=\frac{2}{3} \sigma \text { (Empirical Relationship) } \\ =\frac{2}{3} \times 10\\ =6.666\\ \Rightarrow \text{Q.D.} \approx 6.67\\ \delta=\frac{4}{5} \sigma \text { (Empirical Relationship) }\\ =\frac{4}{5} \times 10\\ \Rightarrow \delta=8\\ J=\frac{\overline{X}-Z}{\sigma}\\ 0.3=\frac{10-Z}{10}\\ \Rightarrow Z=10-3= 7
Example:1(f).एक आवृत्ति बंटन में कार्ल पियर्सन का विषमता गुणक क्रमशः 0.4 तथा 30% है जबकि बहुलक 88 है।माध्य तथा मध्यका ज्ञात कीजिए।
(Karl Pearson’s coefficient of skewness for a distribution is 0.4 and its coefficient of variation is 30%.If its mode 88,find out mean and median.):
Solution:J=0.4,C.V.=30%,Z=88

J=\frac{\overline{X}-Z}{\sigma} \\ \Rightarrow 0.4=\frac{\overline{X}-88}{0} \\ \Rightarrow 0.4 \sigma =\overline{X}-88 \cdots(1) \\ \text{C.V.}=\frac{\sigma}{\overline{X}} \times 100 \\ 30=\frac{\sigma}{\overline{X}} \times 100 \\ \overline{X}=\frac{10 \sigma}{3} \cdots(2)
समीकरण (1) व (2) से:

0.4 \sigma=\frac{10 \sigma}{3}-88 \\ \Rightarrow \frac{10 \sigma}{3}-0.4 \sigma=88 \\ \Rightarrow \frac{10 \sigma}{3}-\frac{4}{10} \sigma=88 \\ \Rightarrow \frac{100 \sigma-12 \sigma}{30}=88 \\ \Rightarrow \frac{88 \sigma}{30}=88 \\ \Rightarrow \sigma=30
\sigma का मान (2) में रखने पर:

\overline{X} =\frac{10}{3} \times 30 \\ \Rightarrow \overline{X} =100 \\ J=\frac{3(\overline{X}-M)}{\sigma} \\ 0.4=\frac{3(100-M)}{30} \\ \Rightarrow 12=300-3 \mathrm{M} \\ \Rightarrow 3 M=300-12 \\ \Rightarrow 3 M=288 \\ \Rightarrow M=\frac{288}{3} \\ \Rightarrow M=96
Example:2.निम्नलिखित सांख्यिकीय तथ्य दो आवृत्ति वितरण से प्राप्त किए गए हैं जो एक फैक्ट्री के 1515 मजदूरों की ऊँचाई व वजन से सम्बन्धित हैं।बताइए कि किस वितरण में विषमता अधिक है?
(Given the following statistical data obtained from two frequency distributions regarding the height and weight of 1515 workers in a factory.Show which of the distributions shows greater skewness):

  Height Weight
Mean  67.92 inches 138.88 lbs
Median 68.02 inches 137.62 lbs
S.D. 2.43 inches 17.2 lbs

Solution:\overline{X}_{1}=67.92 inches, M=68.02 inches

S.D. (\delta)=2.43 inches

\sigma_{1} =\frac{5}{4} \text { (Empirical Relationship) } \\ =\frac{5}{4} \times 2.43 \\ \Rightarrow \sigma_{1} =3.0375 \\ J =\frac{3(\overline{X}-M)}{\sigma} \\ =\frac{3(67.92-68.02)}{3.0375} \\ =\frac{3 \times-0.1}{3.0375} \\ \Rightarrow J =-0.0987 \\ \overline{X_{2}}=138.88 ,M=137.62 lbs, S.D.(\delta)=17.2

\sigma_{2} =\frac{5}{4} \delta \text { (Empirical Relationship) } \\=\frac{5}{4} \times 17.2 \\ \Rightarrow \sigma_{2} =21.5 \\ J =\frac{3(\overline{X}-M)}{\sigma} \\ =\frac{3(138.88-137.62)}{21.5} \\ =\frac{3 \times 1.26}{21.5} \\ =0.1758 \\ \Rightarrow J \approx 0.18
Weight more skewed

Example:3.निम्नलिखित विवरण दो फैक्ट्री की मजदूरी से सम्बन्धित हैं जिनके आधार पर यह निष्कर्ष ज्ञात किया गया है कि दोनों में विचरणता व विषमता समान है।इस कथन की सत्यता की जाँच कीजिए:
(The following particulars relate to the wages in respect of two factories from which it is conducted that variability and skewness are the same in both the factories.Examine the truth of this statement.):

  Factory A Factory B
Arithmetic Mean(\bar{X}) Rs. 50 Rs. 45
Mode(Z) Rs. 45 Rs. 50
Variance(\sigma^{2}) Rs. 100 Rs. 100

Solution: Factory A

\overline{X} =50, Z=45, \sigma^{2}=100 \Rightarrow \sigma=10

C.V. of A=\frac{\sigma}{\overline{X}} \times 100 \\ =\frac{10}{50} \times 100=20 \% \\ J =\frac{\overline{X}-Z}{\sigma} \\ =\frac{50-45}{10} \\ \Rightarrow J =\frac{5}{10}=+0.5

Factory B

\overline{X}=45, Z=50\\ \sigma^{2}=100 \Rightarrow \sigma=10

C.V. of B=\frac{\sigma}{\overline{X}} \times 10\\=\frac{10}{45} \times 100\\ =22.222\\ \approx 22.2 \%\\ J=\frac{\overline{X}-Z}{\sigma}\\ =\frac{45-50}{10}\\ =-\frac{5}{10}\\ \Rightarrow J=-0.5
Both the Statements are false
Example:4.समान्तर माध्य,बहुलक तथा प्रमाप विचलन के आधार पर कार्ल पियर्सन का विषमता का माप परिकलित कीजिए:
(Calculate the Karl Pearson’s measure of skewness on the basis of mean,mode and standard deviation) :

X F
14.5 35
15.5 40
16.5 48
17.5 100
18.5 125
19.5 87
20.5 43
21.5 22

Solution: Calculation of Karl Pearson’s Coefficient of Skewness

X f Deviation From A= 17.5 (dx’) fdx’ fd^{2} x'
14.5 35 -3 -105 315
15.5 40 -2 -80 160
16.5 48 -1 -48 48
17.5 100 0 0 0
18.5 125 1 125 125
19.5 87 2 174 348
20.5 43 3 129 387
21.5 22 4 88 352
Total 500   283 1735

\overline{X} =A+\frac{\Sigma f d x^{\prime}}{N} \times i \\ =17.5+\frac{283}{560} \times 1 \\ =17.5+0.566 \\ =18.066 \\ \Rightarrow \overline{X} \approx 18.07 \\ Z=18.5 \\ \sigma =\frac{i}{N} \sqrt{\Sigma d^{2} x^{\prime} \cdot N-\left(\Sigma f d x^{\prime}\right)^{2}} \\ =\frac{1}{500} \sqrt{1735 \times 500-(283)^{2}} \\ =\frac{1}{500} \sqrt{867500-80089} \\ =\frac{1}{500} \sqrt{787411} \\ =\frac{1}{500} \times 887.3618 \\ =1.77472 \\ \sigma \approx 1.77 \\ J=\frac{\overline{X}-Z}{\sigma} \\ =\frac{18.07-18.5}{1.77} \\ =\frac{-0.43}{1.77} \\ =-0.2429 \\ J \approx-0.24
Example:5.विभिन्न समंकों से कार्ल पियर्सन का विषमता गुणक के द्वितीय माप की गणना कीजिए:
(Calculate Karl Pearson’s second measure of coefficient of skewness from the following data):

Wages No. of Workers
4.5 35
5.5 40
6.5 48
7.5 100
8.5 125
9.5 87
10.5 43
11.5 22

Solution:Calculation of Karl Pearson’s Coefficient of Skewness)

Wages No. of Workers c.f. Deviation from A=8.5 (dx’) fdx’ fd^{2} x'
X f  
4.5 35 35 -4 -140 560
5.5 40 75 -3 -120 360
6.5 48 123 -2 -96 192
7.5 100 223 -1 -100 100
8.5 125 348 0 0 0
9.5 87 435 1 87 87
10.5 43 478 2 86 172
11.5 22 520 3 66 198
Total 500     -217 1669
\overline{X}=A+\frac{\Sigma f d x^{\prime}}{N} \times i\\ =8.5 - \frac{217}{500} \times 1\\ =8.5-0.434\\=8 .066\\ \overline{X} \approx 8.066

Median (M)=size of \left(\frac{N+1}{2}\right) th item
=size of \left(\frac{500+1}{2}\right) th item
=size of 250.5 th item
M=8.5
\sigma=\frac{i}{N} \sqrt{\Sigma f d^{2} x^{\prime} \cdot N-\left(\Sigma f d x^{\prime}\right)^{2}}\\ =\frac{1}{500} \sqrt{1669 \times 500-(-217)^{2}}\\ =\frac{1}{500} \sqrt{834500-47089}\\ =\frac{1}{500} \times \sqrt{787411} \\ \sigma =\frac{1}{500} \times 887.36182 \\ \sigma= 1.7747 \\ \sigma \approx 1.77 \\ \sigma \approx \frac{3(\overline{X}-M)}{\sigma} \\ =\frac{3(8.066-8.5)}{1.77} \\ =\frac{3 \times-0.434}{1.77} \\ =\frac{-1.302}{1.77} \\ =-0.735 \\ J \approx-0.73
उपर्युक्त उदाहरणों द्वारा विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness),विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness) को समझ सकते हैं।

3.विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक पर आधारित सवाल (Questions Based on Karl Pearson Coefficient of Skewness):

(1.)निम्न समंकों से कार्ल पियर्सन का विषमता गुणांक ज्ञात कीजिए:
(From the following figures, find Karl Pearson’s coefficient of skewness):

Measurement Frequency
0-10 20
10-20 40
20-30 50
30-40 48
40-50 24
50-60 162
60-70 132
70-80 14

(2.)निम्नलिखित आँकड़ों से कार्ल पियर्सन का विषमता गुणांक ज्ञात कीजिए:
(From the following data calculate the Karl Pearson’s coefficient of skewness):

Wages No. of Workers
5 120
15 105
25 96
35 85
45 72
55 58
65 32
75 12
85 0

उत्तर (Answers):(1.) J=-0.6 (2.)J=-0.714
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness),विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness) को ठीक से समझ सकते हैं।

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4.विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness),विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.विषमता से क्या आशय है? इसे मापने की विधियों के नाम बताइए। (What is skewness? state the names of its measurements):

उत्तर:विषमता का माप एक ऐसा संख्यात्मक माप है जो किसी श्रेणी की असममिति (Asymmetry) को प्रकट करता है।एक वितरण को विषम कहा जाता है जबकि उसमें सममिति (Symmetry) का अभाव हो अर्थात् मापों के विस्तार के एक ओर या दूसरी ओर ही मूल्य केन्द्रित हो जाते हैं।विषमता अथवा असममिति एक आवृत्ति वितरण की विशेषता है जो एक ओर अधिकतम आवृत्ति के साथ अन्य ओर की अपेक्षा अधिक झुक जाता है।संक्षेप में किसी वितरण की सममितता से दूर हटने की प्रवृत्ति ही विषमता कहलाती है।
विषमता को मापने की तीन विधियां हैं:
(1.)कार्ल पियर्सन का माप (Karl Pearson’s Measure)
(2.)बाउले का माप (Bowley’s Measure)
(3.)केली का माप (Kelly’s Measure)

प्रश्न:2.विषमता मापने का उद्देश्य बताइए। (State the objects of measuring skewness):

उत्तर:एक समंक श्रेणी में विषमता ज्ञात करने के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
(1.)यह आवृत्तियों के घनत्व की मात्रा तथा प्रकृति ज्ञात करने में सहायता प्रदान करता है,चाहे घनत्व न्यून मूल्यों में हो अथवा अधिक मूल्यों में हो।
(2.)समान्तर माध्य,मध्यका तथा बहुलक के मध्य आनुपातिक सम्बन्ध आंशिक रूप में विषम वितरण पर ही आधारित है।विषमता के माप ही यह प्रदर्शित करेंगे कि यह आनुपातिक सम्बन्ध किस सीमा तक सही है।
(3.)यह विवरण की सामान्यता ज्ञात करने में भी सहायक है।सामान्य वितरण की मान्यता पर सांख्यिकी के अनेक माप निर्भर करते हैं।

प्रश्न:3.अपकिरण तथा विषमता में अन्तर बताइए। (State the main difference between Dispersion and Skewness):

उत्तर:(1.) अपकिरण के माप समंक श्रेणी के विभिन्न पद मूल्यों के बिखराव या फैलाव पर प्रकाश डालते हैं।जबकि विषमता के माप यह बतलाते हैं कि समंक श्रेणी सममित है या असममित है अर्थात् माध्य से दोनों ओर मापों के विचरण बराबर हैं या नहीं।अतः विषमता श्रेणी के स्वरूप (shape) की ओर संकेत करती है।
(2.)अपकिरण के माप द्विघातीय मापों पर आधारित होते हैं।जबकि विषमता के माप प्रमुख रूप से प्रथम घातीय मापों पर आधारित होते हैं।
(3.)अपकिरण के माप से यह ज्ञात नहीं होता कि माध्य से किस दिशा में मूल्यों का विचरण अधिक है।विषमता के विचरण की दिशा अर्थात् माध्य के दोनों भागों के विचरण की जानकारी हो जाती है।
(4.)अपकिरण के सभी माप प्रायः धनात्मक होते हैं।विषमता गुणांक धनात्मक व ऋणात्मक दोनों ही प्रकार के हो सकते हैं।
(5.)अपकिरण माप तीनों परिघातों (Moments) पर आधारित होते हैं।विषमता के माप केवल प्रथम व तृतीय परिघातों के आधार पर ही ज्ञात किए जाते हैं।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness),विषमता का कार्ल पियर्सन माप (Karl Pearson Measure of Skewness) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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Karl Pearson Coefficient of Skewness

विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक
(Karl Pearson Coefficient of Skewness)

Karl Pearson Coefficient of Skewness

विषमता का कार्ल पियर्सन गुणांक (Karl Pearson Coefficient of Skewness) समान्तर माध्य,
मध्यका,बहुलक तथा प्रमाप विचलन पर निर्भर करता है।

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