Mathematics Professor Vikraman Balaji
1.गणित के प्रोफेसर विक्रमण बालाजी (Mathematics Professor Vikraman Balaji)-
- गणित के प्रोफेसर विक्रमण बालाजी (Mathematics professor Vikraman Balaji) चेन्नई गणित संस्थान में गणित के प्रोफेसर हैं।उन्होंने सी. एस. शेषाद्रि की देखरेख में गणित में डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की।
- अनुसंधान का उनका प्राथमिक क्षेत्र बीजीय ज्यामिति, प्रतिनिधित्व सिद्धांत और अवकल ज्यामिति में है।
- बालाजी को गणितीय विज्ञान में 2006 के शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, साथ ही इंद्रनील बिस्वास को “बीजीय किस्मों पर प्रिंसिपल बंडलों की मॉड्यूलली समस्याओं के लिए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए, विशेष रूप से उहेल्बेके-यूओ कॉम्पैक्टिफिकेशन पर µ-semistable बंडलों के मोदुली रिक्त स्थान पर।
- “उन्हें 2007 में इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज का फेलो चुना गया, 2015 में इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी का फेलो और 2009 से जे.सी. बोस नेशनल फेलोशिप से सम्मानित किया गया।
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2.गणित के प्रोफेसर विक्रमण बालाजी का गणित में योगदान (Mathematics Professor Vikraman Balaji Contribution to Mathematics)-
- चयनित प्रकाशन (Selected Publication)-
- बालाजी, वी (अगस्त 1990)।”वक्रों पर वेक्टर बंडलों के कुछ मोडुली रिक्त स्थान के मध्यवर्ती जेकोबियन (Intermediate Jacobian of Some Moduli Spaces of Vector Bundles on Curves)”।गणित के अमेरिकन जर्नल।
- वी. बालाजी; I. बिस्वास; डी. एस. नागराज (2001)। “एक भाजक पर परवलयिक संरचना के साथ प्रोजेक्टिव मैनिफोल्ड्स पर प्रिंसिपल बंडल (Principal bundles over projective manifolds with parabolic structure over a divisor)
“।तोहोकू गणितीय पत्रिका। - बालाजी, वी (2005)।”प्रायोगिक किस्मों और डोनाल्डसन-उहलेनबेक कॉम्पैक्टिफिकेशन पर प्रिंसिपल बंडल (Principal bundles on projective varieties and the Donaldson-Uhlenbeck compactification)”।
3.गणित के प्रोफेसर विक्रमण बालाजी का सारांश (Conclusion of Mathematics Professor Vikraman Balaji)-
- उपर्युक्त विवरण में बताया गया है कि गणित के प्रोफेसर विक्रमण बालाजी (Mathematics Professor Vikraman Balaji) चेन्नई मैथमेटिक्स संस्थान में गणित के प्रोफेसर है।
- परमात्मा ने सबको समान शक्तियां प्रदान की है।ऐसा नहीं है कि किसी में अधिक, किसी में कम हो या किसी के साथ खास रियायत की गई हो।परमात्मा के यहां अन्याय नहीं है।
- समस्त अद्भुत शक्तियां हमारे शरीर में विद्यमान है।हम उन्हें जागृत करने ,उभारने ,विकसित करने का कष्ट नहीं करते हैं।
- हमारे अंदर विद्यमान कितनी ही शक्तियों से कार्य न लेकर, उपयोग में न लेकर उन्हें कुंठित कर डालते हैं।
- अन्य व्यक्ति उसी शक्ति को किसी विशेष दिशा में मोड़कर उसे अधिक परिपक्व और विकसित कर लेते हैं।
- गणित के प्रोफेसर विक्रमण बालाजी (Mathematics Professor Vikraman Balaji) ने अपने अंदर छिपी हुई गणितीय प्रतिभा को पहचान कर उसे विकसित करने के लिए कठिन प्रयास किया।
- ऊपरी तौर से देखने पर हमें उनके क्रियाकलाप साधारण लग सकते हैं परंतु किसी भी विशिष्ट कार्य को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में उन्होंने कितनी साधना की है,इसे या तो वे स्वयं जानते हैं अथवा इस विषय के पारंगत जानते हैं।
- साधारण व्यक्ति को ऐसे व्यक्तियों द्वारा किया गया पुरुषार्थ, समर्पण और उनकी साधना दिखाई नहीं देती है।
- अपनी शक्तियों को जागृत तथा विकसित कर लेना अथवा उन्हेें शिथिल,पंगु,निश्चेष्ट बना डालना स्वयं हमारे हाथों में है।
हमें यह याद रखना चाहिए कि संसार की प्रत्येक उत्तम वस्तु पर हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। - यदि हम अपने मन की गुप्त महान् सामर्थ्य को जागृत कर लें और लक्ष्य की ओर प्रयत्न, पुरुषार्थ और उत्साहपूर्वक अग्रसर होना सीख लें तो जैसा चाहे वैसा हम अपने आपको तैयार कर सकते हैं।
- मनुष्य जिस वस्तु की आकांक्षा करता है,उसके मन में जिन महत्वाकांक्षाओं का उदय होता है और जो आशापूर्ण इच्छाएं उत्पन्न होती है वे अवश्य पूर्ण हो सकती हैं,यदि वह दृढ़ निश्चय द्वारा अपनी प्रतिभा को जागृत कर लें।
- इसलिए प्रतिज्ञा कर लीजिए कि आप चाहे जो कुछ हों, जिस स्थिति,जिस वातावरण में हों,आप एक कार्य अवश्य करेंगे ,वह यही कि अपनी छिपी हुई प्रतिभा, शक्तियों को ऊंचे से ऊंचे स्तर तक ले जाएंगे।
- गणित के प्रोफेसर विक्रमण बालाजी (Mathematics Professor Vikraman Balaji) ने गणित के क्षेत्र में जो अद्भुत कार्य किया है उसका वर्णन ऊपर किया गया है।
- यदि वस्तुनिष्ठ रूप से हम उनके कार्य का मूल्यांकन करें तो उनके योगदान के लिए शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार उनके कार्य की प्रतिपूर्ति नहीं कर सकता है।
- उनके जीवन से हम सीख सकते हैं कि अनवरत कठिन परिश्रमपूर्वक कार्य किया जाए तो ऐसे चमत्कारिक कार्य हम भी कर सकते हैं।
- वस्तुतः कोई भी महान् व्यक्ति जमीन से शुरू होकर इतनी ऊंचाइयों तक पहुंच पाता है।कोई भी व्यक्ति जन्म लेते ही इतनी ऊंचाई तक नहीं पहुंच जाता है।
- हम में से बहुत से लोग अपनी योग्यता, क्षमता, सामर्थ्य को व्यर्थ के कार्यों में लगाते रहते हैं और फिर हम में से ही निकलकर कोई आगे बढ़ जाता है तो सोचते हैं यह कार्य करना हमारे वश में नहीं है।
- इस तरह की नकारात्मक भावना के कारण हम आगे नहीं बढ़ पाते हैं।यदि हम सकारात्मक सोच रखते हुए अपनी योग्यता ,सामर्थ्य को पहचानकर सही दिशा में लगाएं तो ऐसे उत्कृष्ट कार्य किए जा सकते हैं।
- प्रतिभा एक ऐसी चेतना है जो मनुष्य के व्यक्तित्व और कर्तृत्व में असाधारण स्तर की उत्कृष्टता भर देती है।
- इसी के आधार पर अतिरिक्त सफलताएं आश्चर्यजनक मात्रा में उपलब्ध की जाती हैं।
- गणित के प्रोफेसर विक्रमण बालाजी (Mathematics Professor Vikraman Balaji) द्वारा गणित के क्षेत्र में किए गए कार्य और योगदान के द्वारा सदैव याद किए जाते रहेंगे।
- व्यक्ति अपने कर्मों के द्वारा ही याद किया जाता है।वरना संसार में करोड़ों-अरबों लोग जन्म लेते हैं और मर जाते हैं परंतु उन्हें कोई याद नहीं रखता है क्योंकि उनके द्वारा ऐसा कोई विशिष्ट कार्य किया ही नहीं जाता है जिसके आधार पर उनको याद रखा जा सके।
4.चेन्नई गणितीय संस्थान (Chennai mathematical institute)-
- चेन्नई गणितीय संस्थान गणितीय विज्ञान में शिक्षण और अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता का केंद्र है।SPIC साइंस फाउंडेशन के हिस्से के रूप में 1989 में स्थापित, यह 1996 से एक स्वायत्त संस्थान है।
- सीएमआई में गणित और कंप्यूटर विज्ञान में अनुसंधान समूह देश में सबसे प्रसिद्ध हैं।संस्थान ने पीएचडी छात्रों के एक प्रभावशाली संग्रह का पोषण किया है।
- 1998 में, सीएमआई ने गणित और संबद्ध विषयों में बीएससी और एमएससी कार्यक्रम शुरू करके भारत में शिक्षण और अनुसंधान के बीच की खाई को पाटने का बीड़ा उठाया।सीएमआई से स्नातक करने वाले छात्र दुनिया भर के अग्रणी संस्थानों में शामिल हो गए हैं।
- CMI भारतीय अकादमिया में एक अद्वितीय स्थान रखता है,जो कॉर्पोरेट और सरकारी दोनों स्रोतों से पर्याप्त धन को आकर्षित करता है।
- अक्टूबर, 2005 में, सीएमआई चेन्नई के दक्षिणी बाहरी इलाके सिरुसेरी में अपने नए परिसर में चला गया।दिसंबर, 2006 में, सीएमआई को भारत सरकार द्वारा यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 3 के तहत एक विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई थी।
- सीएमआई की दृष्टि अपनी प्रारंभिक सफलता पर निर्माण करने और दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की परंपरा में एक अच्छी तरह से शैक्षणिक संस्थान के रूप में विकसित करने की है।
5.एम सुन्दरी सीएमआई (M Sundari CMI)-
- एम. सुंदरी ने एम.एससी.(गणित) हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद (1988) से ,एम.फिल. (गणित) हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद (1990) और पीएच.डी. (गणित) भारतीय सांख्यिकी संस्थान, बैंगलोर (1996) से प्राप्त की।
- वह इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिजिक्स,ट्राएस्टे, इटली (1996), न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया की एक रिसर्च एसोसिएट (1996-97) में विजिटिंग मैथेमेटिशियन रह चुकी हैं, जो कि एफेडएट कॉलेज, जेद्दाह में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
- सऊदी अरब (2000-01),आईसीएफएआई इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हैदराबाद (2003-04) में एक संकाय सदस्य और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, (2004-06) में एक सहायक प्रोफेसर।
6.चेन्नई गणितीय संस्थान का लोगो (Chennai Mathematical Institute logo)-
7.सीएमआई पता (CMI address)-
- चेन्नई गणितीय संस्थान
H1, SIPCOT IT पार्क, सिरुसेरी
केलांबक्कम 603103
भारत - (Chennai Mathematical Institute
H1, SIPCOT IT Park, Siruseri
Kelambakkam 603103
India) - उपर्युक्त विवरण में गणित के प्रोफेसर विक्रमण बालाजी (Mathematics Professor Vikraman Balaji) के बारे में तथा उनका गणित में योगदान, चेन्नई मैथमेटिकल इंस्टीट्यूट,एम.सुन्दरी के बारे में वर्णन किया गया है।
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